मैं सिपी राय
टिब्बी गाँव का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली कहानी है उम्मीद करता हूँ आपको पसंद
आएगी। ये कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं. आशा करता हु के
आपको ये क्सक्सक्स कहानी पसंद आएगी..
मेरे छोटे भाई की
शादी थी इसलिए कुछ मेहमान 2-4 दिन पहले ही आ गए थे।
जब मैं बाजार से
घर पहुँचा तो देखा कि उतराखंड से मामा जी आए हुए हैं।
वो मुझसे कुछ ही
साल बड़े थे, मैं उनसे मिला और
पूछा- मामी जी कहाँ हैं?
उन्होंने कहा-
तुम्हारे कमरे में हैं।
जब मैं अन्दर
पहुँचा तो मामी को देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं.. क्या माल लग रही थीं।
उन्होंने हरे रंग
का चुस्त फिटिंग का सूट पहन रखा था, जिससे उनके गोल-गोल मम्मे स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।
उनका फिगर
30:32:28 का था।
जैसे ही उन्होंने
मुझे देखा तो मेरी ओर बढ़ी और मुझे अपनी बाँहों में कस कर बोली- कैसे हो मेरे
भान्जे साहब..?
उनके मम्मे मेरे
जिस्म को छू रहे थे, जिससे मेरे शरीर
में एक करंट सा दौड़ने लगा, साथ ही मेरा लौड़ा
भी अंगड़ाइयाँ लेता हुआ उसकी चूत को छूने लगा।
मैंने उसके कान
में कहा- आप बहुत सेक्सी माल हैं।
वो मुस्कुराते
हुऐ बोली- चल हट शैतान कहीं का..
अब हम एक-दूसरे
से अलग हो चुके थे।
इतने में मेरी
पत्नी कमरे में आ पहुँची, वो दोनों आपस में
बातें करने लगीं।
मैं बाहर चला गया
और शादी के काम में हाथ बंटाने लगा।
मजा तो मुझे भी आ
गया
जब शाम हुई तो सब
नाच-गाने में मस्त हो गए।
मामी जी मेरे
आगे-पीछे ही मंडरा रही थीं। मैं खड़ा होकर डान्स देख रहा था, मामी जी भी मेरे नजदीक आकर खड़ी हो गईं।
अचानक ही
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और गुदगुदाने लगीं, मैं भी अपने एक हाथ से उनके चूतड़ सहलाने लगा।
ऐसा करने पर वो
मुझे ‘हाँ-हाँ’ वाला मना करने लगी। लेकिन मैं कहाँ हटने वाला
था, कुछ देर बाद उसे मजा आने
लगा।
अब वो मुझसे
चुदना चाहती थी, फिर मैंने अपना
हाथ हटा लिया और कहा- चाचा के घर आ जाओ।
इसके साथ ही मैं
चाचा के घर चला गया, वहाँ कोई नहीं था,
वो सब हमारे घर शादी के माहौल में मस्त थे।
कुछ देर इंतजार
के बाद मामी वहाँ आ गई।
उनके आते ही
मैंने उन्हें उठाया और कमरे में ले गया।
दरवाजा बंद करने
के साथ ही उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया, मैंने अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए और चूसने लगा।
वो भी मेरा साथ
देने लगी।
मैं अपने हाथों
से उसके मम्मे दबाने लगा।
करीब 5 मिनट
चूसने के बाद मैंने उनकी सलवार-कमीज उतार दी, अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में एकदम मस्त लग रही थी।
उन्होंने भी बिना
कहे मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
मैंने भी उनकी
ब्रा और पैन्टी उतार दिए तो मेरी मामी मेरे सामने बिल्कुल नंगी बिस्तर पर थी।
अब हम दोनों
बिल्कुल नंगे थे, मैं उसके गोल
मम्मे चूसने लगा..
धीरे-धीरे वो गर्म
होने लगी, उनके मुँह से सिसकारियाँ
निकलने लगीं, ‘आह..आह’ की आवाजें आने लगीं।
अब हम 69 की
अवस्था में हो गए।
वो मेरे लौड़े को
अपने मुँह से चूसने लगी और मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लगा।
इससे वो पूरी तरह
से गर्म हो गई.. उसके मुँह से ‘ऊह.. आह..आ आआ..’
की आवाज आने लगी।
इस दौरान वह झड़
गई, मैं उसका नमकीन पानी
चाटने लगा।
वो बोली- मुझे और
मत तड़पा.. अपना लंड मेरी चूत में डाल.. मैं तेरा लौड़ा अपनी चूत में लेना चाहती
हूँ।
मैंने अपने लंड
का सुपारा उसकी चिकनी चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया, तो वो चिल्ला उठी, बोली- बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज बाहर निकाल ले.. तेरा
लौड़ा बहुत बड़ा और मोटा है।
मैं जरा रुका और
मेरा आधा लंड उनकी चूत में फंस चुका था।
कुछ देर बाद जब
वो शांत हो गई, तब मैंने एक और
धक्के के साथ पूरा लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया।
इस बार फिर से वो
चिल्ला उठी लेकिन मैं नहीं रुका।
उनके मुँह से ‘ऊह.. आह.. ऊई..’ की आवाजें आने लगीं।
कुछ देर बाद
उन्हें भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गांड (gand) को उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी।
वो मस्ती में कह
रही थी- और जोर से राजा.. और जोर से.. फाड़ दे इसे आज.. इसकी सारी प्यास बुझा दे..
मैंने अपनी
रफ़्तार बढ़ा दी और जोर-जोर से चोदने लगा।
लगभग 20 मिनट की
चुदाई के बाद मैं झड़ गया, इस दौरान वो तीन
बार झड़ चुकी थी।
मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया इस तरह से अपनी मामी की चुदाई की।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें