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प्यासी मकान मालकिन की लम्बी चुदाई (Pyasi Makan Malkin Ki Lambi Chudai)

फ्रेंडस, मैं आप जो हिंदी सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ, ये मेरी पहली देसी सेक्स कहानी है. मेरा नाम सनी है, ये कहानी उस टाइम की है, जब मैं अपने इस फ्रेंड राकेश के पढ़ाई करता था. राकेश एक रूम लेकर रेंट पे रहता था, अक्सर मैं भी उसके रूम पर आता जाता रहता था या यों समझो कि मैं वहीं पर ही रहता था.


राकेश के मकान मालिक को हम भैया बुलाते थे. भैया जी की वाइफ का नाम अन्नू था, अन्नू भाभी का फिगर 34-28-34 का था. भाभी बहुत ही हॉट और सुन्दर थीं. उनकी उम्र 33 साल थी मगर स्लिम बॉडी और गठीला बदन होने से वो 25-26 साल की एक सेक्सी परी सी लगती थीं. उनकी हाईट भी 5 फुट 5 इंच थी, जिसके कारण वो एक मॉडल से कम नहीं लगती थीं. वो अधिकांशतः सलवार सूट ही पहनती थीं.

मकान मालिक राकेश भी बहुत मज़ाक करता था. वो एक खुशमिजाज इन्सान था तो उसकी सबसे खूब बनती थी.

एक बार की

प्यासी मकान मालकिन की लम्बी चुदाई (Pyasi Makan Malkin Ki Lambi Chudai)

बात है, मैं कॉलेज गया हुआ था. दोपहर को जब मैं वापस आया तो मैंने देखा कि घर पर अन्नू भाभी जी नहीं हैं और भैया जी किसी लड़की को लेकर आये हुए थे.

मैंने अपने फ्रेंड से पूछा- यार, ये लड़की कौन है भैया के कमरे में?

मेरे फ्रेंड राकेश ने बताया कि ये भैया की गर्लफ्रेंड है.

मुझे बड़ा शॉक लगा कि शादीशुदा की गर्लफ्रेंड और वो भी उसके घर के अन्दर!

उसके बाद वो जुगाड़ शाम को चली गई.

फिर दो दिन बाद अन्नू भाभी अपने मायके से वापस आईं, तो मैंने उनसे पूछा- भाभी जी, भैया की कोई गर्लफ्रेंड है क्या?

मेरी बात सुनकर भाभी जी रोने लगीं और बोलीं- अब सनी भैया, आपसे क्या छुपाना.

उन्होंने मुझे सब कुछ सच सच बता दिया. वो बोलीं- उनके पति उस लड़की को ही प्यार करते हैं.. मुझे नहीं, मुझे कई साल तो उनको बिना टच किये हो गए.

इस तरह भाभी ने अपना सारा दर्द जो भरा हुआ था, उसको निकाल दिया.

फिर मैं बोला- भाभी जी आप भी क्यों परेशान होती हो, मैं हूँ न आपकी हेल्प के लिए.. मैं साथ दूंगा आपका.

इस तरह से मैंने उनके दिल के दर्द को थोड़ा कम किया और भाभी जी को चुप कराया.

मुझे ये समझ आ गया था कि भाभी लंड की प्यासी हैं.. और इनको लंड की सख्त जरूरत है.

इसके बाद भाभी जी से मैं धीरे धीरे खुलने लगा, पहले तो मैं उनके साथ नार्मल बातें ही करता था, फिर धीरे धीरे सेक्सी बातें भी करने लगा.

एक दिन मैंने भाभी जी से पूछ ही लिया कि भाभी जी आपकी भी सुहागरात मनी होगी?

वो मुझे अजीब सी निगाहों से देखने लगीं और हंस कर बोलीं- हां.. क्यों पूछ रहे हो??

मैंने पूछा- बताओ ना भाभी जी.. कैसे कैसे क्या क्या हुआ था?

पहले तो भाभी मना करने लगीं और बोलने लगीं कि रहने दो.. छोड़ दो.. क्यों दिल को दर्द देने की बातें करूँ.

चूंकि अब तक हम लोग व्यस्क चुटकुले सुना कर एक दूसरे के सामने लंड चूत भी खुल कर बोलने लगे थे.

मैंने कुछ और टुनयाया तो बाद में भाभी मान गईं और बोलीं- पहली बार में उस दिन बहुत दर्द हुआ था.. मुझे जैसे चाकू से उंगली काटते हों, तो दर्द होता है. वैसे ही जब लौड़ा चूत में अन्दर जाता था, तो बहुत दर्द होता था.

भाभी जी ने मुझे अपनी पूरी शादी के बाद सुहागरात की चुदाई की बात बताई.

उनकी सुहागरात की रसीली कहानी सुन कर मेरा लौड़ा तो खड़ा हो गया था. फिर भाभी जी ने भी मेरी कैप्री के ऊपर से मेरे लौड़े को देखा, तो वो भी समझ गईं कि आज मेरा लौड़ा गर्म हो गया है. ये सब देख कर भाभी अपने रूम में चली गईं. अब मुझे उस दिन का इंतजार था जिस दिन घर में कोई न हो.

एक दिन मैं कॉलेज नहीं गया और रूम में ही था और मैंने मन बना लिया था कि आज भाभी जी को चोद कर ही रहूँगा. कुछ देर बाद भाभी जी के बच्चे तो पढ़ने चले गए और मकान मालिक भैया अपने काम पे चले गए. घर में मैं और भाभी जी हम दोनों ही रह गए थे.

फिर क्या था.. मैं मौका देखकर उनके कमरे में चला गया और जाकर भाभी जी के बेड पर बैठ गया.

मैं बोला- भाभी जी आपसे बात करना मुझे अच्छा लगता है.

भाभी जी उस दिन मेरी फूली हुई कैप्री को देखकर मेरा मूड समझ गईं. वे मुस्कुरा दीं तो मैंने अपना एक हाथ उनके हाथ पे रख दिया. फिर कुछ देर के बाद उन्होंने भी मेरा साथ दे दिया और मैंने अपने होंठ उनके होंठ की तरफ बढ़ाए तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं.

मैं भाभी को किस करने लगा. वो भी कुछ देर बाद चालू हो गईं और वो भी मुझे किस करने लगीं.

भाभी बोलीं- आह आई लव यू सनी.. मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ.. मुझे शांत कर दो.. और आज से तुम मुझे अन्नू कहोगे भाभी नहीं कहना.

फिर क्या था मैंने भाभी के कपड़े उतारे और उनके चूचे पीने लगा. आह.. क्या टेस्ट था उनके चूचे का.. मैं भाभी के मम्मों को निचोड़ कर मजा लेता गया.

उसके बाद मैंने एक उंगली उनकी चूत में डाली और अन्दर बाहर करने लगा. इसके बाद दो उंगलियां उनकी चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

अब अन्नू भाभी को हल्का सा दर्द और मजा दोनों ही आ रहा था. भाभी पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं.

मैंने अपना अंडरवियर निकाला और लंड भाभी की तरफ कर दिया. अन्नू भाभी ने मेरे लंड को चूसना चालू किया और बोलीं- सनी तेरा लंड बहुत बड़ा हो गया है. कल तो 6 इंच का लग रहा था, अब लगभग 7 इंच का है और मोटा भी हो गया है.

मैंने कहा- अन्नू मेरी जान, तेरी चूत के चक्कर में मेरा लंड फूल कर कुप्पा हो गया है.

अन्नू भाभी मेरा लंड चूसने लगीं और कुछ मिनट तक लंड चूसने के बाद मैं अपना लंड अन्नू भाभी की चूत पर ले गया और भाभी की चूत टटोलने लगा.

तभी मुझे याद आया कि मेरे पास कंडोम नहीं है, मैंने अन्नू से कहा- अन्नू जान, मेरे पास कंडोम नहीं है.

अन्नू भाभी हंसकर बोलीं- कोई बात नहीं, दो दिन के बाद मेरे पीरियड के दिन आने वाले है. ऐसे में प्रेग्नेंसी का कोई चांस नहीं होता, तू बिंदास डाल दे अपन नंगा लंड मेरी चूत के अन्दर.. और चोद दे अपनी अन्नू को.. मुझे तड़पा मत

मैंने अपना मोटा सा लौड़ा उनकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा, वो चिल्लाने लगीं और बोलीं- थोड़ा धीरे धीरे करो क्योंकि मेरी चूत में पिछले कई महीने से लौड़ा नहीं गया है.

मैं थोड़ा रुक गया और 5 मिनट तक उनके होंठों को चूस चूस कर उनको शांत किया. फिर मैंने दुबारा अपना लौड़ा, जो कि आधा पहले ही अन्नू भाभी की चूत में था, एक और खींच के तेज धक्का मारा. इस बार मेरा लौड़ा पूरा अन्दर जा चुका था. इस बार अन्नू भाभी बहुत तेज चीख पड़ीं उम्म्हअहहहययाह…’

लेकिन मैंने अपनी स्पीड चालू रखी, कुछ ही धक्कों में अन्नू भाभी को भी मजा आने लगा था.

फिर करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने अन्नू भाभी से पूछा, तो वो बोलीं- चूत में ही झड़ जाओ.. मेरी चूत बहुत प्यासी है.

चूँकि उनको प्रेग्नेंट होने का कोई डर नहीं था इसलिए मैं पांच सात धक्के मार कर उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.

मैंने अन्नू भाभी से पूछा- तुम थक तो नहीं गईं जान?

अन्नू भाभी बोलीं- आज इतना मजा आ रहा है.. और तुम कह रहे हो कि थक गई क्या.. आज तो मैं काफी संतुष्ट महसूस कर रही हूँ.

मैं थोड़ी देर और अन्नू के ऊपर ही लेटा रहा और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे की बांहों में पड़े रहे. दस मिनट के बाद अन्नू ने अपनी जीभ से मेरा लौड़ा साफ़ किया और उसको मुँह में लेकर चाटने लगीं.

मेरा लौड़ा दुबारा अन्नू भाभी को चोदने को तैयार हो रहा था. धीरे धीरे लंड बड़ा हो रहा था और मुझे फिर से मजा आ रहा था. कुछ मिनट में अन्नू भाभी ने मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चूसा. इसके बाद मैंने लंड को भाभी की चूत पे रखा और अपना काम दुबारा शुरू कर दिया.

पूरे कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी. भाभी जी आह आअह आअह..कर रही थीं.

मैंने ये सुनते ही एक जोश में आकर एक जोर से झटका दिया और अन्नू भाभी की चूत में मेरा लंड जड़ तक घुस गया. अन्नू भाभी को थोड़ा दर्द हुआ.

मैंने भाभी से पूछा- क्या हुआ अन्नू जान, अब भी दर्द हो रहा है क्या?

अन्नू भाभी बोलीं- हाँ, लेकिन इसमें तो मज़ा है मेरे राजा.

मैंने और 2-3 बार झटके मारे और पूरा लंड अन्नू की चूत में डाल दिया. अन्नू भाभी की चूत बहुत गर्म थी. मैंने अन्नू भाभी के पैर ऊपर किए और उसे खूब चोदा.

अन्नू भाभी बोलीं- ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- अलग अलग पोज़िशन में चोदने से मज़ा आता है.

अन्नू भाभी बोलीं- आह.. जो तू चाहे वो कर.. बस मेरी चूत की खुजली को शांत कर दे.

थोड़ी देर बाद मैंने अन्नू भाभी से बोला- अब तुम मेरी गोद में आ जाओ.

मैंने अन्नू भाभी को अपनी गोदी में ले लिया और लंड फिर से अन्नू की चूत में डाल दिया.

अन्नू मुझसे लिपट कर ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थीं और आवाज निकाल रही थीं- अह.. और ज़ोर से और ज़ोर से मेरे राजा, तेरे लंड से मज़ा आ रहा है, तेरी अन्नू की हवस मिटा दे मेरे राजा देवर..

इस तरह अन्नू भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. इस आसन में मैंने अन्नू भाभी को कम से कम 15 से 20 मिनट तक चोदा होगा. अन्नू भाभी दो बार झड़ चुकी थीं. फिर मैंने भी अन्नू भाभी की चूत में पानी निकाल दिया.

भाभी मुझसे लिपटी हुई थीं और मैं उनके ऊपर लेटा हुआ था.

इस तरह से हमने उस दिन तीन बार चुदाई की. ये मेरी पहली चुदाई थी, इससे पहले मैंने कभी भी चुदाई नहीं की थी. उस दिन के बाद मैं बहुत खुश हुआ और इस तरह से मैंने प्यासी मकान मालकिन भाभी की प्यास बुझा दी. इसके बाद तो हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम खूब सेक्स करते हैं. 

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