हैल्लो दोस्तों,
मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. में पटना
बिहार से हूँ, मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है और में दिखने में गोरी हूँ और मेरी पूरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं है.
मेरा फिगर साईज 36-33-35 है. ये कहानी तब
शुरू हुई जब मैंने डेंटल कॉलेज में अपना ग्रेजुयेशन शुरू किया था. में रैगिंग में
ही कुछ सीनियर्स कि नजर में चढ़ गई थी, पता नहीं उन्होंने पहले ही दिन कितना मुठ मारा होगा? लेकिन मैंने किसी को भी भाव नहीं दिया. फिर पहला साल गुजरने
के बाद मुझे प्रेक्टिकल एग्जॉम में अपने कॉलेज का प्रोजेक्ट वर्क होता था, जिसमें मरीज को देखना होता था.
अब हर नॉर्मल दिन की तरह उस दिन भी मेरा प्रेक्टिकल एग्जॉम था और मेरे पास एक मरीज आया था, वो करीब 22 साल का था, लेकिन सच में बहुत सुंदर और मस्त बंदा था. मेरा दिल एक ही बार में फिसल गया. अब में उसे घूर रही थी और ये बात उसने भी नोटीस कर ली थी. अब मुझे उसके दाँत की फिलिंग करनी थी, पहला दिन तो बिना कुछ बोले ऐसे ही चला गया.
फिर अगली बार वो
जब आया तो वो मेरे लिए एक गिफ्ट लेकर आया तो मैंने ले लिया और फिर मेरी उससे बहुत
सारी बातें हुई. फिर उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा और बताया भी और फिर मुझसे
मेरा फोन नम्बर ले लिया. दोस्तों पता नहीं मुझे क्या हुआ था? अब रात के 11 बज रहे थे और अब मेरी आँखों में जैसे नींद थी ही नहीं,
बस बहुत बेताबी सी थी. फिर अचानक से मेरा फोन
बजा तो मैंने एक रिंग में ही फोन उठा लिया और अब मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी,
उसने मुझसे पूछा कि में अभी तक सोई क्यों नहीं
हूँ?
में : वो किसी
चीज़ का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही थी.
वो : जानता हूँ
डियर, आप मेरे कॉल का ही इंतजार
कर रही थी.
फिर उसने मुझसे
बिना कुछ सोचे समझे कहा रूचि जी आई लाइक यू वेरी मच.
में : मी टू.
वो : आई लव यू
रूचि जी.
में : मी टू बहुत
सारा.
फिर हमारी इधर
उधर की बातें हुई और अचानक से उसने कहा.
वो : आप बैठकर
बात कर लीजिए नहीं तो थक जायेंगी.
में : आपको कैसे
पता में चल रही हूँ?
वो : बताऊँ,
बुरा तो नहीं मानोगे.
में : अरे आप भी
ना, प्यार किया है तो हक़ से
बोलिए.
वो : आपके दूध
कुछ ज़्यादा बाउन्स हो रहे है, ब्रा नहीं पहनी
क्या?
में : हटो आप भी
ना, वैसे आपको कैसे पता चला
कि मैंने ब्रा नहीं पहनी है?
वो : बस पता चल
गया, खैर में कल भी एक सेशन के
लिए हॉस्पिटल आऊंगा, कुछ गिफ्ट चाहिए?
में : नहीं,
में क्या कहूँ? जो आपको अच्छा लगे वो लेते आना.
वो : ठीक है.
फिर हमने फोन रख
दिया, फिर वो अगले दिन हॉस्पिटल
आए और अपने साथ एक गिफ्ट भी लाए, लेकिन मैंने उसे
उस समय ओपन नहीं किया. फिर मैंने उन्हें ट्रीट करना शुरू किया, तो उन्होंने मेरे बूब्स को ही दबा दिया,
में तो ज़ोर से चीख पड़ी और अटेंडर अंदर आया कि
क्या हुआ मेडम?
में : कुछ नहीं,
आप जाओ और मैंने रूम लॉक कर दिया.
फिर जैसे ही में
पीछे मुड़ी तो वो मेरे एकदम करीब थे और मुझे बाहों में ले लिया और कसकर मेरे लिप्स
को चूम लिया, वाउ क्या एहसास
था? अब मेरे पैर कांपने लगे
थे. फिर मैंने उन्हें रोका और जल्दी-जल्दी अपना काम पूरा किया और हॉस्पिटल से निकल
गई. अब वो नीचे अपनी कार में मेरा इंतजार कर रहे थे. फिर में उसमें बैठ गई और
उन्होंने मुझे उस दिन बहुत किस किए और मेरे बूब्स को कपड़े के ऊपर से ही दबाया.
लेकिन बहुत दबाया तो मैंने घर आकर जब देखा तो मेरे बूब्स एकदम लाल हो गये थे और
उनकी उंगलियों के निशान थे, अब मैंने शॉवर
लिया और खाना खाया और सोने चली गई. तब उनका फोन आया तो उन्होंने पूछा कि मैंने
उनका गिफ्ट खोला या नहीं.
में हैरान रह गयी
और में गिफ्ट के बारे में बिल्कुल भूल गई थी. फिर मैंने झट से गिफ्ट खोल दिया.
उन्होंने मुझे एक सिल्की बिकनी गिफ्ट की थी, वो लाल कलर की थी और पारदर्शी थी. अब में बिल्कुल शरमा गई
थी. फिर उन्होंने बोला ट्राई करने को, तो मैंने कहा ओके में आपको दो मिनट में कॉल करूँगी.
वो : नहीं
बिल्कुल नहीं, आप बिना कॉल बंद
किये ट्राई कीजिए.
फिर मैंने पहले
अपने सारे कपड़े उतारे और फिर मैंने उनका गिफ्ट पहन लिया. अब मुझे ऐसा लगा ही नहीं
कि मैंने कुछ पहना हुआ भी है या नहीं. अब में कांच के सामने बिल्कुल मस्त माल लग
रही थी. फिर उस दिन मैंने प्लान बनाया कि हम दोनों 3 दिन के लिए बाहर चलते है और हम 3 दिन बिल्कुल साथ रहेगें. फिर मैंने उसी समय घरवालों से
बोला कि मुझे कॉल आया था कि मुझे 3 दिन के लिए बाहर
जाना होगा. फिर अगले दिन सवेरे-सवेरे उन्होंने मुझे पिक किया और हम दोनों आउट
एरिया पर एक होटल में रुके. फिर एक दिन सवेरे 9 बजे में रूम में फ्रेश हुई तो जब में बाहर आई तो मैंने
देखा कि वो सिर्फ़ अंडरवेयर में थे, वाह्ह मर्द कितना अच्छा लगता है? में आपको बता नहीं सकती.
वो : क्या देख
रही है?
में : कुछ नहीं.
अब में उनकी
बाहों में भाग कर गई और उन्हें बेड पर धक्का दिया और उन्हें किस करने लगी. फिर
थोड़ी देर के बाद वो मेरे ऊपर थे और मेरे होंठो को चूस रहे थे. अब उनकी जीभ मेरे
मुँह के अंदर थी और अब वो मेरी तो बिल्कुल नहीं सुन रहे थे. फिर उन्होंने मेरी
ड्रेस नहीं उतारी और उसको फाड़ दी और मेरे बूब्स को चूसा, नोचा, उस पर थप्पड़
मारा. ओह अब मेरी तो जान निकल रही थी, लेकिन मैंने सोचा कि ऐसा ही होता होगा, मेरा पहली बार था इसलिए मैंने सब सहन किया. फिर मैंने कहा
कि मुझे आपको नंगा देखना है.
वो : तो साली
उतार ले, तुझे किसका इंतजार है.
अब में हैरान हो
गई थी और जैसे ही मैंने उनकी अंडरवियर उतारी तो उनका वो कितना गन्दा और काला था,
फिर उन्होंने कहा.
वो : देख लिया ना,
चल अब मुँह में ले और चूस, जब तक में रुकने को ना बोलूं रुकना मत.
मैंने मना किया
कि में ऐसा नहीं करूँगी, तब उन्होंने मुझे
अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटाकर मेरी सलवार फाड़ दी, मैंने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी.
अब मेरी बुर
(चूत) पहले से ही गीली थी. अब पहली बार माँ बाप के और खुद के अलावा कोई मुझे नंगा
देख रहा था. अब मुझे थोड़ी शर्म तो आ रही थी, लेकिन सब ठीक था. फिर उन्होंने मेरे होंठ को चूमा और चूत
सहलाने लगे, क्या मजा आ रहा
था? में बता नहीं सकती. फिर
धीरे-धीरे वो मेरे पैरों के बीच में आ गये और मेरी चूत को चाटने लगे. अब में कभी
सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा भी होता होगा, अब में तो सातवें आसमान में थी. फिर वो धीरे-धीरे मेरी चूत में अपनी जीभ
घुसाने लगे, ओह में तो बता भी
नहीं सकती कि मैंने क्या किया? अब मैंने उनके
मुँह पर ही मूत दिया, लेकिन वो फिर भी
नहीं हटे और मेरा मूत पीने लगे, अब उन्होंने इतना
किया तो मैंने भी सोचा कि उनका ख्याल तो मुझे भी रखना चाहिए, फिर जैसे तैसे में अपने घुटनों के बल बैठी और
उनका लंड पकड़ लिया और अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी, जब मैंने उनके मुँह से आवाज सुनी.
वो : ओह मेरी जान
कमिनी रंडी तू, कितना मस्त लंड
चूसती है? अब मुझे लगा कि में
उन्हें मज़ा दे रही हूँ.
अब में और ज़ोर
से उनका लंड चूसने लगी और वो और भी मस्त होते गये. अब साथ में उनका लंड भी फूलता
गया. अब में सही से तो नहीं जानती थी, लेकिन उनका लंड जैसे तैसे मेरी मुट्ठी में आ रहा था और मुँह के अंदर जाने में
अब दिक्कत हो रही थी. अब उन्होंने मेरे मुँह में ही अपना सफेद पानी छोड़ दिया. फिर
उन्होंने मुझसे बोला कि कुत्तिया बन जा तो में बन गई और अब मेरी चूत में धीरे-धीरे
कुछ गर्म लोहे जैसा घुसने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मेरी सील बंद थी जिससे उनका लंड बार-बार फिसला जा रहा
था.
फिर मैंने खुद
अपने हाथ से पकड़कर उनका लंड अपनी चूत पर सटाया और धक्का मारने को बोली. ओह में तो
जैसे सन्न रह गई, अब मेरी आँखों से
आसूं निकलने लगे थे, लेकिन वो जल्लाद
बन चुके थे. फिर वो एक मिनट रुके और उसके बाद मेरे मुँह पर हाथ रखा और ज़ोर से
धक्का मार दिया. अब मेरी साँस लगभग बंद हो चुकी थी और अब में पूरी बेहोश हो चली
थी. फिर वो 5 मिनट रुक गये और
अब में तब तक कुत्तिया ही बनी रही, फिर धीरे-धीरे
उन्होंने आगे पीछे होना शुरू किया और थोड़ी देर के मीठे दर्द के बाद अब में भी
मस्त चुद रही थी, उस वक़्त में पता
नहीं कैसे बोल रही थी?
में : ओह एस ओह
अह्ह्ह्ह चोदो मुझे, और ज़ोर से
अह्ह्ह मज़ा आ रहा है.
वो : हाँ मेरी
रांड, ये ले रंडी साली कुत्तिया
धंधे वाली.
फिर उन्होंने मुझे करीब 45 मिनट तक चोदा और उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत में ही गिराया. में उस पल को कभी नहीं भूल पाऊँगी, जब उनका सारा माल मेरी चूत में जा रहा था, लेकिन मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि जिससे इतना प्यार किया, वो ही मुझे रंडी बनायेगा और कुतिया बनाकर चोदेगा.
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