हैल्लो दोस्तों,
में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना
बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने
अपनी एक भाभी को अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उनकी प्यास को बुझाया, वो दिखने में एकदम सेक्सी माल थी और मेरी नजर
उनके ऊपर से हटने को कभी भी तैयार नहीं होती थी. पहली नजर में ही में उनको चोदने
के सपने देखने लगा था.
अब में सबसे पहले
अपना परिचय आप सभी से करवा देता हूँ, मेरे घर में मेरी माँ, पापा, में और मेरी एक बहन है, मेरी बहन की शादी हो गई है और अब में और मम्मी, पापा हम तीनों रहते है. दोस्तों मैंने डॉक्टर
बनने के लिए पेपर भी दिए, क्योंकि में
पढ़ने में बहुत होशियार था और आगे की पढ़ाई करने के लिए मुझे अपने गावं को छोड़ना
पड़ा और में अपने परिवार के साथ शहर में रहने चला गया और इसलिए मेरा अपने गावं में
आना जाना नहीं हो पता था. एक दिन मेरे पास मेरी मौसी का कॉल आया तो उन्होंने मुझसे
कहा कि बेटा तेरे भाई की शादी है और तुझे जरूर आना है. फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक
है में आ जाऊंगा, लेकिन उस समय
मेरे पेपर थे, इसलिए में पेपर
छोड़कर नहीं जा सका.
फिर अपने भाई की
शादी के ठीक दो साल बाद में अपने गावं चला गया, वहां पर मुझे पहली बार मेरी भाभी मिली और मौसी मिली,
मौसी ने मुझे बहुत डांटा और उन्होंने मुझसे कहा
कि तू शादी में नहीं आया.
मैंने उनको सॉरी
बोला और मैंने उनको कहा कि पहले में अपनी भाभी को देख तो लूँ वो कैसी है? और में उनसे मिलने गया तो वो उस समय घूँघट में
बैठी हुई थी. मैंने देखा तो वो हंस गई वाह क्या मस्त फिगर था उनका, उनकी उम्र करीब 26 साल और उनके फिगर का आकार
32-30-36 था, वो क्या मस्त माल
थी? उन्होंने मुझसे कहा आओ
देवर जी अब अच्छे से मुझसे मिल लो और वो हंसने लगी.
मैंने भी
मुस्कुराकर कह दिया कि हाँ अब हम बहुत अच्छे से मिलेंगे और वो दोबारा हंस पड़ी और
हम लोग हंस हंसकर बातें करने लगे, वो चाय बनाकर ले
आई और हमने चाय पी और ढेर सारी इधर उधर की बातें की. मैंने बातों ही बातों में
उनको मजाक में बोल दिया कि भाभी आप तो बहुत सुंदर हो और दिखने में भी मस्त माल हो,
आप अब तक कहाँ थी? काश पहले मुझे मिली होती. फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंस गई
और वो मुझसे बोली कि कोई बात नहीं है देवर जी, अब चलो थोड़ी मजाक मस्ती आपके साथ भी हो जाएगी.
फिर मैंने कहा कि
अब आपको ले जाने से क्या फायदा अब आप यहीं पर रहो और कुछ घंटे बातें, मजाक करते करते अब रात हो चली थी, इसलिए बीच में मेरी मौसी से भी थोड़ी बात हुई
और फिर रात का खाना खाने के बाद हम सबके सोने की तैयारी शुरू हो गई. तब मैंने अपनी
भाभी से पूछा कि भाई कहाँ है? तो भाभी ने थोड़ा
उदास होते हुए मुझे बताया कि वो अपनी नौकरी के लिए शहर गये है और तीन चार महीने
में कुछ दिनों के लिए आते है. फिर कुछ देर बाद मौसी उठकर अपने कमरे में जाकर सो गई
और वो जाते समय भाभी से बोली कि लाला का पूरा ख्याल रखना.
भाभी ने मुझे
उनकी शादी की एलबम दिखाई, हमे नींद नहीं आ
रही थी और फिर वो चाय बनाकर ले आई और हम लोग बातें करने लगे, तब भाभी मुझसे कहने लगी कि देवर जी आप दिखने
में बहुत अच्छे हो, आपकी शहर में
करीब दस बीस गर्लफ्रेंड तो जरुर होगी? तो मैंने भी मौके का फायदा उठाकर मुस्कुराते हुए उनसे कह दिया कि मैंने जब से
तुमको देखा है, में वो सब कुछ
भूल गया हूँ. अब उन्होंने मुझे धीरे से धक्का दे दिया और वो मुझसे बोली कि चल हट
बदमाश मुझसे झूठ बोलता है. फिर मैंने कहा कि सच में और वो अब इधर उधर की बातें
करने लगी.
फिर वो मुझसे
पूछने लगी कि क्यों शहर में तो बहुत मज़े होंगे और वो मेरे साथ बिस्तर पर लेटी हुई
थी, लेकिन अब वो मुझसे से
ज़्यादा चिपककर लेटी हुई थी और हमारे होंठ एक दूसरे के बहुत पास थे, मुझे उनकी आखों में शरारत नजर आ रही थी,
शायद वो मुझसे कुछ चाहती थी और में उस समय
बरमूडा पहने हुए था और वो मेक्सी में थी. कुछ देर बाद भाभी की उभरी हुई छाती और
उनकी बातें सुन सुनकर मेरा 6 इंच का लंड तंबू बन गया था. फिर कुछ देर बाद भाभी को
नींद आने लगी थी और वो मुझसे बोली कि में अब सोने जा रही हूँ.
मैंने कहा कि आप
भी यहीं मेरे पास सो जाओ, वैसे भी आप वहां
पर अकेले सोओगी, यहाँ पर आज मेरे
साथ सो जाओ. फिर वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारे पास ही सो जाती हूँ और
वैसे भी अकेले में मुझे थोड़ा डर भी लगता है.
दोस्तों मैंने
बहुत दिनों से किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और कुछ देर पहले भाभी के बूब्स को
देखकर मेरा लंड धीरे धीरे झटके देने लगा था, में पूरी तरह से जोश में आ चुका था. फिर भाभी मेरे पास में
सो रही थी और मुझे तो पता नहीं कब मेरा हाथ उनके बूब्स पर चलने लगा और में ऐसे ही
उनके बूब्स को सहलाने लगा.
मैंने भाभी को
किस भी किया, मुझे लगता है कि
भाभी ज़्यादा गहरी नींद में सोती थी, इसलिए भाभी की तरफ से कोई भी हलचल नहीं हुई जिसकी वजह से मेरी हिम्मत बढ़ गई और
मुझे आगे बढ़ने का मौका मिल गया. फिर मैंने अब दोनों बूब्स को एक एक करके ज़ोर से
दबाए, जिसकी वजह से उनके मुहं
से सिसकियाँ निकलने लगी, आहहहह स्स्ईईईईई
और में समझ गया कि भाभी को भी अब मजा आ रहा है और वो नींद में नहीं है बस सोने का
नाटक कर रही है.
फिर मैंने जल्दी
से उठकर अंदर से दरवाजे की कुण्डी लगाकर दोबारा उनके पास में आकर लेट गया और अब
मैंने उनकी मेक्सी को ऊपर किया और में अब उनके गोरे गोरे पेट पर अपना एक हाथ फैरने
लगा, जिसकी वजह से उनको
गुदगुदी हो रही थी, जो एक जागते हुए
इंसान को होती है सोते हुए को नहीं, वो बार बार कांप रही थी और में उन्हें गरम करना चाहता था कि वो मेरे साथ सेक्स
करने की बात मान जाए, क्योंकि दोस्तों
गरम लोहे पर चोट मारना ही ज्यादा ठीक रहता है और में अब उनके तनकर खड़े निप्पल को
ब्रा के ऊपर से दबाने लगा और बूब्स को पीने लगा, जिसकी वजह से वो गरम होकर हल्की हल्की सी सिसकियाँ ले रही
थी, ऊओह्ह्ह सईईईईईइ आआहहहह.
अब में उनकी गोरी
पीठ पर हाथ घुमाने लगा, जो मेरे सामने
बिल्कुल नंगी थी और वो अब कसमसा रही थी और में धीरे धीरे उन्हें गरम करना चाहता
था.
मैंने सही मौका
देखकर उनकी ब्रा को खोल दिया और खींचकर तुरंत उनके जिस्म से अलग कर दिया, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और मैंने
देखा कि उन्होंने पेंटी तो पहनी ही नहीं थी, शायद वो खुद मुझसे आज अपनी चुदाई करवाना चाहती थी, इसलिए उन्होंने पेंटी नहीं पहनी और चुपचाप सीधी
लेटकर सोने का नाटक कर रही थी. अब में उनकी हल्के बालों वाली प्यासी चूत को छूने
लगा, उनकी चूत पर थोड़े बहुत
भूरे रंग के बाल थे, और थोड़ी उभरी हुई,
लेकिन छूने पर महसूस हुआ कि बहुत गरम चूत थी.
अब मैंने उनके
पैरों से लेकर उन्हें किस करना शुरू किया और अब में ऊपर की तरफ बढ़ते हुए चूत तक
पहुंच गया और फिर चूत को भी किस करने लगा और नाभि, बूब्स को भी चूमा. उसके बाद मैंने उनके होंठो को अपने होंठो
से बंद कर दिया. दोस्तों अब मैंने महसूस किया कि वो भी अब मेरा साथ दे रही थी और
में अपनी जीभ को उनके मुहं में डाल रहा था और वो उसे चूस रही थी.
मैंने फिर अपने
भी सारे कपड़े उतार दिए और तुरंत अपना लंड भाभी के हाथ में दे दिया, पहले उन्होंने लंड को बहुत धीरे से डरते हुए
पकड़ा, लेकिन फिर उसे महसूस करके
ज़ोर से पकड़ लिया. अब दोनों 69 पोजीशन में आ गए और मैंने बहुत धीरे से भाभी के
कान में बोला कि भाभी में आपकी चूत को चूसता हूँ और आप मेरा लंड चूसो, भाभी अभी भी सोने का नाटक कर रही थी.
फिर मैंने
जबरदस्ती भाभी का मुहं खोला और अपना लंड उनके मुहं में डाल दिया और फिर बहुत धीरे
धीरे आगे पीछे करने लगा और कुछ देर बाद में रुक गया और वो शुरू हो गई. उन्होंने अब
मेरे लंड को अपने मुहं से लगातार धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, वो अब लंड को बहुत मज़े लेकर चूस रही थी और उनकी
गरम सांसो से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो पूरी गरम हो चुकी है और उन्हें अब
ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर में 69 पोजीशन में आकर भाभी की चूत को चूसने
लगा, भाभी की चूत से पानी निकल
रहा था, में उनकी चूत को लगातार
चूसने लगा और चूत में उंगली भी डालने लगा.
दोस्तों भाभी की
चूत मुझे अब तक वर्जिन लग रही थी, शायद मेरे भाई ने
उनको अब तक सही ढंग से नहीं चोदा था और उनको दो साल में अब तक कोई बच्चा भी नहीं
था और मेरी दो उँगलियाँ भी चूत में नहीं जा रही थी. फिर जैसे ही मैंने चूत में
उंगली डाली भाभी अब बिल्कुल पागल हो चुकी थी, उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और मुहं में लेकर चूसने लगी और ज़ोर
ज़ोर से हिलाने लगी, मेरा आधा लंड
उनके मुहं में अब समा रहा था, वो मेरे टट्टे खा
जाने के लिए मचल रही थी और लंड को चूस रही थी. करीब 15 मिनट बाद में उनके मुहं में
झड़ गया, लेकिन तब तक वो दो बार झड़
चुकी थी.
अब हम दोनों जाग
गये थे, भाभी मुझे अपने गले से
लगाए बैठी थी और वो मेरा लंड भी सहला रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि आपके भाई का
तो इससे भी आधा नहीं है, आपकी बीबी आपसे
बहुत खुश रहेगी. फिर भाभी मुझसे बोली कि देवर जी पूरे साल बाद आज में पहली बार झड़ी
हूँ और अब तुम मेरी प्यास बुझा दो प्लीज अब मुझे और ज्यादा मत तड़पाओ और मुझे चोद
दो, मेरी चूत को शांत कर दो.
फिर मैंने भी
ज्यादा देर ना करते हुए उन्हें लंड चूसने को कहा और अब वो एक अनुभवी रंडी की तरह
मेरा लंड चूस रही थी. मैंने अब बोला कि भाभी आओ आगे का काम करे और फिर मैंने उनको
नीचे लेटा दिया, करीब पांच मिनट
चूत को लीक किया और उनको गरम करने लगा. तभी वो मुझसे कहने लगी कि देवर जी प्लीज अब
डाल दो, मुझसे ज्यादा बर्दाश्त
नहीं हो रहा है मेरे राजा अब ना तड़पाओ.
मैंने भी लंड को
चूत के मुहं पर रखकर सही निशाना लगाया और एक जोरदार धक्का दे दिया, लेकिन लंड चूत में नहीं गया तो भाभी कसमसा गई.
मैंने एक बार फिर से धक्का दिया और मेरा लंड दोबारा फिसल गया. फिर भाभी मुझसे बोली
कि रूको और अब भाभी उठकर तेल की शीशी लेकर आई और उन्होंने बहुत सारा तेल मेरे लंड
पर लगाया और अपनी चूत पर भी लगाया और फिर वो मुझसे बोली कि मेरे राजा में अभी तक
कुँवारी हूँ तुम थोड़ा आराम से करना.
फिर मैंने धीरे
से लंड को चूत के मुहं पर रखकर अंदर धक्का दिया. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि
भाभी की चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से
मेरा लंड चूत में घिसता हुआ जा रहा था, जिसकी वजह से भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी, लेकिन मैंने उनके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और अपना आधा
लंड उनकी चूत में डाल दिया.
दोस्तों उस दर्द
की वजह से भाभी की चूत से पेशाब बाहर निकल गया और उनका पूरा शरीर काँपने लगा और वो
दर्द से छटपटाती हुई मुझसे बोली, अहह्ह्ह
स्स्ईईईईईईईइ में मर गई उफ्फ्फफ्फ्फ़ देवर जी प्लीज इसे अब बाहर निकालो. फिर में
कुछ देर रुककर उनको किस करता रहा, जब वो ठीक हुई
फिर में ऐसे ही धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और मैंने भाभी को एक
आखरी धक्का दे दिया और उनके होंठो को बंद कर लिए तो वो रोने लगी और दर्द से
बिलबिला उठी, में फिर पांच
मिनट रुक गया.
भाभी का दर्द की
वजह से अब बहुत बुरा हाल था, उनके बेड पर चूत
से निकला हुआ खून था, क्योंकि आज उनकी
सील टूट गई थी. अब में जब वो शांत हुई तो उनको तेज तेज धक्के देकर चुदाई के मज़े
देने लगा और वो लगातार चिल्ला रही, उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आज
फाड़ दो उफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरी चूत को हाँ और तेज़ चुदाई करो मेरे राजा, आज मुझे स्सईईईई असली मर्द मिला है, तेरा भाई नपुंसक है साला वो कुछ नहीं कर पाता,
वो साला तो दो मिनट में ही झड़ जाता है, मुझको तेरे बच्चे की माँ बनना है और आज मुझे
चोदकर अपना एक बच्चा दे दो, चाहे जैसे मुझे
चोदो और में धक्के पर धक्के दिए जा रहा था.
अब मैंने पोज़िशन
बदली और उनको घोड़ी बनने को बोला. फिर मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया,
अब वो खुद हल्के हल्के धक्के लगा रही थी और
मैंने भी फिर उनको गोद में उठाकर चोदा और अब तक वो चार बार झड़ गई थी और में भी अब
झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो भाभी मुझसे बोली कि तुम आज अपने वीर्य से
मेरी चूत को भर दो मेरे राजा.
अब में आपके
बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ और फिर में कुछ देर बाद उनकी चूत में झड़ गया और हम
दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े पड़े हाँफ रहे थे और भाभी मुझे प्यार भरी निगाहों से देख
रही थी और किस भी कर रही थी. अब भाभी उठकर बैठ गई और बहुत दुखी थी बोली आपके भाई
को तो चोदना भी नहीं आता पूरे दो साल हो गये शादी को और में अब तक माँ नहीं बनी,
उनकी तो चार इंच की लुल्ली है, जो चूत में जाने से पहले ही झड़ जाती है और आज
तक कभी भी उन्होंने मुझे संतुष्ट नहीं किया, लेकिन तुमने मुझे आज पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है,
मुझे तुमसे एक बच्चा चाहिए प्लीज.
फिर मैंने भाभी को सांत्वना दी और कहा कि में हूँ ना आप क्यों चिंता करती हो? में आपको जरुर बच्चे दूंगा. फिर भाभी मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हुई और भाभी मुझसे बोली कि देवर जी मुझे आपसे बहुत जल्दी बच्चा चाहिए, में अब और इंतजार नहीं कर सकती. दोस्तों उसके बाद मैंने अपनी प्यासी भाभी को दिन रात जब भी मुझे जैसा भी मौका मिला एक महीने तक चोदा.
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