मम्मी की भड़कते
जिस्म को देख मेरा मन उत्तेजित हो हरेक रात उनकी दमदार चुदाई के सपने देखने लगा
हालांकि उससे दोगुना मजा उनकी असल चुदाई करके मैंने महसूस किया।
हैलो दोस्तो, मेरा नाम राजू है
और मैं स्लिम मिड हाईट 5’7″ का और वजन करीब 54-55
किलो है। मैं 26 साल का हूँ, इन दिनों मैं देहरादून में रहता हूँ।
आज मैं आपको मेरे
और मेरे मम्मी के सेक्स की कहानी सुनाता हूँ। यह बात आज से करीब 6-7 साल पहले की
है जब मेरी उम्र 20 साल की थी और मेरी मम्मी 32 की थीं।
मेरी जवानी शुरु
हुई थी और उनकी जवानी के शोले भड़कते थे। मेरी मम्मी बहुत सेक्सी और सुन्दर है। शी
हेज गोट ए ब्यूटीफुल बॉडी शेप 36-28-36! शी हेज गॉड मेड बूब्स एज वेल एज बटक्स!
उनका सुडौल गोरा
बदन बहुत हसीन है। वैसे वो मेरी रियल मम्मी नहीं हैं वह मेरे डैड की सेक्रेटरी थी, बाद में पापा ने
माता जी के कोंन्सेंट से उससे अनओफियसली शादी कर ली।
मैं पहले उनको
संध्या आंटी कहता था, पर अब मम्मी ही कहता हूँ।
मैं मम्मी को जब
भी देखता तो मुझे उनका सेक्सी फिगर देखकर मन मे गुदगुदी होती थी।
मैंने उनको एक दो
बार डैड के ऑफिस में आधा नंगा (जैसे जब वह स्कर्ट पहनती थी तो उनकी थाईज बड़ी
जबरदस्त होती थी तब वह मेरे पापा की सेक्रेटरी थी।
एक दो बार मैंने
मम्मी को डैड के ऑफिस के प्राइवेट रूम में जो चेंजिंग रूम कम रेस्ट रूम था। मैं
छुप कर कपड़े चेंज करते भी देखा था, और मैं उनके चूचे और चड्डी के नीचे के एरिया को
छोड़कर पुरा नंगा देख चुका था।
मम्मी की बॉडी
एकदम संगमरमर की तरह चिकनी थी। उनकी जांघें ऐसी लगती थी जैसे दो केले का जोड़ा हो।
उनके होंठ एकदम गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे और गाल एकदम कश्मीरी सेब जैसे पिंक।
मम्मी एकदम टाईट
फिटिंग के कपड़े पहनती थी और मैं उनको बहुत नज़दीक से देखकर अपनी आँखों को सुकुन
दिया करता था।
मतलब जब से मेरा
लण्ड खड़ा होना शुरू हुआ वो बस संध्या (मम्मी) को ही तलाशता और सोचता था। मैं उनकी
बॉडी को देखकर अपने मन और आँखों की प्यास बुझाया करता था।
लेकिन पहले जब तक
वह संध्या आंटी थी मुझे उनसे नफरत थी और मैं सोचता था कि एक दिन इनको तसल्ली से
चोदकर अपनी भड़ास निकालूँगा।
पर बाद में उनके
लिए मेरे पापा के प्यार ने और उनके अच्छे व्यवहार ने मुझे चेंज कर दिया।
अब वो हमारे घर
पर फर्स्ट फ्लोर में रहती थी। डैड और उनका बेडरूम फर्स्ट फ्लोर पर था और हुम लोग
ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं।
डैड संध्या(मम्मी)
के साथ फर्स्ट फ्लोर पर ही सोते हैं बेड रूम के साथ ही एक और रूम है जो एज ए कॉमन
रूम यूज़ होता है। धीरे धीरे मैं मम्मी के और करीब आने लगा।
वह शायद मेरा
इरादा नहीं समझ पा रही थीं। वह मुझको वही बच्चा समझती थी पर अब मैं जवान हो गया
था।
जैसे ही मैंने
कॉलेज में एडमिशन लिया तो डैड ने ऑफिस का वर्क भी मुझको सिखाना शुरू कर दिया और
मैं भी फ्री टाइम में रेगुलरली ऑफिस का काम देखने लगा।
मोस्टली मैं
एसोसिएट्स का काम देखता हूँ क्योंकि मैं समवेयर स्टूडेंट था।
कॉलेज में भी
मुझे कोई भी लड़की मम्मी से ज्यादा सेक्सी नहीं लगती थी।
अब मझे जब मौका
मिले मोन्स को टच करके, जैसे उनकी जाँघों पर हाथ फ़ेर के, उनके चूतड़ पर रब
करके या कभी जानबुझकर उनके बूब्स छु लिया करता।
मम्मी पता नहीं
जानबूझकर या अनजाने में अनदेखा कर देती थी, या वह मेरा उद्देश्य नहीं
समझ पाती थी।
कभी डैड रात को
मुझे अपने बेड रूम में बुलाते थे और ऑफिस के बारे में मम्मी और मेरे साथ डिसकस
करते। क्योंकि मम्मी अक्सर नाईट गाऊन में होती थी और मैं पूरी तसल्ली से उनके बदन
का मुआयना करता था।
उनके बूब्स
बिल्कुल पके हुए आम जैसे मुझे बड़ा ललचाते थे, कई बार मम्मी को भी मेरा
इरादा पता चल जता था पर वो कुछ नहीं कहती थी।
अब तो मेरी
बेचैनी बढ़ती जा रही थी और मैंने मम्मी की चुदाई का पक्का इरादा कर लिया और मौके की
तलाश करने लगा।
एक दिन जब डैड ने
मुझे फर्स्ट फ्लोर पर रात को 11 बजे बुलाया तो मैं ऊपर गया तो डैड ने बताया कि
उनको रात 1 बजे की फ्लाइट से 1 सप्ताह के लिये अर्जेंट बाहर जाना है और वो मुझे और
मम्मी (संध्या) को जरूरी बातें ब्रीफ करने लगे।
मम्मी थोड़ा घबरा
रही थीं तो डैड ने कहा- सैंडी डार्लिंग, यू डोंट वरी! तुम और राजू
सब सम्भाल लोगे, राजू तुम्हारी मदद करेगा। कोई प्रॉब्लम हो तो, मुझे कॉल करना!
वैसे यू विल मैनेज, देयर विल बी नो प्रॉब्लम!
मम्मी और पापा का
फोरप्ले
उसके बाद डैड ने
मुझसे कहा- सैंडी थोड़ी नर्वस है, तुम जरा बाहर जाओ मैं उसको समझाता हूँ।
मैं बाहर आ गया
तो डैड ने अन्दर से दरवाजा बन्द कर दिया, लेकिन मुझको शक हुआ कि
डैड मेरी अनुपस्थिति में संध्या(मम्मी) को क्या समझाते हैं?
मैं की-होल से
चुपके से देखने लगा। लोजिकली डोर पर कर्टेन नहीं चढ़ा था और लाईट भी जल रही थी।
लेकिन मैंने जो देखा तो मैं स्तब्ध रह गया।
डैड मम्मी को
बाहों में लेकर किश कर रहे थे और मम्मी क्राई कर रही थी। फिर डैड ने मम्मी के होंठ
अपने होंठों पर लेकर डीप किश लिया तो मम्मी भी जवाब देने लगी। फिर डैड ने मम्मी का
गाऊन पीछे से खोल दिया और पीठ पर रब करने लगे।
मम्मी और डैड अभी
भी एक दुसरे को किश कर रहे थे और दोनों लम्बी सांसें ले रहे थे कि मैं सुन सकता
था। फिर डैड ने मम्मी का गाऊन पीछे से उठाया और उनकी चड्डी भी नीचे करके मम्मी के
चूतड़ पर रब करने लगे।
मम्मी के चूतड़ के
दर्शन
मम्मी की पीठ
दरवाजे के तरफ थी जिस कारण मुझे मम्मी की गांड और चूतड़ के दर्शन पहली बार करने का
मौका मिला।
मम्मी के चूतड़
एकदम संगमरमर से मुलायम और चिकने नजर आ रहे थे। मम्मी क्राई भी कर रही थीं और
मस्ती में लम्बी सांसें भी ले रही थीं।
फिर अचानक डैड ने
मम्मी का गाऊन आगे से ऊपर किया और उनकी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगे पर मैं कुछ देख
नहीं पाया क्योंकि वो दूसरी साइड थीं।
फिर डैड दूसरी
तरफ़ पलटे तो मम्मी की चूत वाली साइड मेरे तरफ़ हो गई और अब मैं मम्मी की चूत थोड़ी
बहुत देख सकता था।
पर डोर से कुछ
नज़र साफ नहीं आ रहा था। मम्मी की चूत का मैं अन्दाज लगा सकता था क्योंकि डैड वहाँ
पर उंगलियाँ फिरा रहे थे और मम्मी के खड़े होने के कारण चूत पूरी नजर नहीं आ रही
थी।
वो बस एक छोटी
लाइन से दिख रही थी जहाँ डैड उंगली फिरा रहे थे। उसके बाद डैड नीचे झुके और मम्मी
की चूत पर अपने होंठ रख दिए।
यह मुझे साफ़
नहीं दिख रहा था पर मैं गेस कर सकता था कि मम्मी अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेकर
मजे ले रही थी और डैड भी मस्ती में थे।
लेकिन अचानक जाने
क्या हुआ कि डैड रुक गए और उन्होंने मम्मी को छोड़ दिया और मम्मी को लिप्स पर किश
करते हुए बोले- डार्लिंग आई ऍम सॉरी! आई कांट गो बियॉन्ड लेट आई कम बिकॉज़? राजू इज आल्सो
आउट, एंड आई ऍम गेटिंग लेट आई ऍम वैरी सॉरी!
मम्मी भी तब तक
शांत हो चुकी थी पर वो असन्तुष्ट लग रही थी। वो सामान्य होते हुए बोली, इट्स ओके!
और उन्होंने अपना
गाऊन ठीक किया।
उसके बाद डैड ने
मुझको आवाज़ लगाते हुए कहा- राजू, आर यू देयर बेटा?
मैं चौकन्ना हो
गया और अपने को नार्मल करने लगा क्योंकि मेरा लण्ड एकदम खंभे के माफिक खड़ा हो गया
था और मेरी धड़कन भी नार्मल नहीं थी। लेकिन जब तक डैड डोर खोलते मैं नार्मल हो गया
था।
फिर डैड ने
दरवाजा खोला और बोले- ड्राईवर को बुलाओ और मेरे सामान गाड़ी में रखो। रात काफी हो
गई है, यू डोंट नीड टू कम एयरपोर्ट आई विल मेनेज एंड प्लीज! सी द
ऑफिस एंड फोर वन वीक टेक लीव फ्रॉम द कॉलेज एंड असिस्ट सैंडी।
मैं और मम्मी डैड
को ड्रॉप करने जाना चाहते थे पर डैड ने स्ट्रिक्टली मना कर दिया। डैड को हमने गुड
बाय कहा और डैड ने हुमको बेस्ट ऑफ़ लक कहते हुए किश किया।
जब डैड चले गए तो
मम्मी ने मुझसे कहा- राजू आज तुम ऊपर वाले कमरे में ही सो जाओ मुझे कुछ अच्छा नहीं
लग रहा है।
मैं तो ऐसे मौके
की तलाश में ही था। मैं एकदम से थोड़ा झिझकने का नाटक करते हुए हाँ! कह दिया।
मम्मी और मैं
फर्स्ट फ्लोर पर आ गए और मम्मी बेडरूम में चली गई उनहोने मुझे पुछा कि, आर यू कोम्फरटेबल
ना?
मैंने कहा, यस!
वो बोली-
एक्टचुअली आई ऍम नॉट फीलिंग वेल इसलिए तुमको परेशान किया!
मैंने कहा, इट्स ओके! मम्मी, फिर मम्मी अन्दर
चली गई और मैं बाहर कॉमन रूम में लाइट ऑफ करके सो गया।
मम्मी थोड़ा घबरा
रही थी, इसलिए उनहोने दरवाजा बन्द तो किया पर लॉक नहीं किया और नाईट
लैंप ऑफ नहीं किया।
अब मेरे को तो
नींद कहाँ आनी थी?, मैं तो मम्मी के साथ सपनो की दुनिया सजा रहा था
और मेरी नज़र मम्मी की एक्टिविटीज पर थी।
करीब आधे घंटे
बाद मम्मी मेरे कमरे में आई और जैसे ही उन्होंने लाइट ओन की तो देखा कि, मैं भी लेटा हुआ
जग रहा हूँ।
मम्मी बोली- राजु
लगता है, तुमको भी नींद नहीं आ रही है, 2:00 बज गए हैं!
तुम भी शायद, अपने डैड के बारे
में और कल ऑफिस के बारे में सोच रहा हो।
मैंने कहा- बात
तो आप ठीक कर रही हैं, पर पता नहीं क्यों? मुझे ऐसी कोई
चिंता नहीं है, पर नींद नहीं आ रही है! आप सो जाओ, मैं भी सो जाता
हूँ थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।
मम्मी बोली- ओके!
राजु पर मैं थोड़ा कम्फ़र्टेबल नहीं फील कर रही हूँ।
तुम सो जाओ, मैं लाइट ऑफ कर
देती हूँ।
तब मैं मम्मी से
कहा कि, मम्मी अगर आप बुरा ना माने तो ऐसा करते हैं कि, अन्दर ही मैं भी
आपके पास बैठता हूँ बातें करते हुए शायद नींद आ जाए!
वो बोली- गुड
आईडिया! चलो, अन्दर आ जाओ, और मैं और मम्मी अन्दर बेड रूम में चले गए।
मैं अन्दर चेयर
पर बैठ गया और मम्मी बेड पर बैठ गईं। फिर मम्मी बोली, राजु ठण्ड ज्यादा
है! तुम भी बेड पर ही बैठ जाओ।
मैंने मना करने
का बहाना बनाया पर मम्मी ने जब दुबारा बोला तो, मैं उनके सामने बेड पर
बैठ गया और रजाई से आधा कभर कर लिया।
अब मैं मम्मी को
तसल्ली से बात कर रहा था और रजाई के अन्दर मैं पायजामे का नादा थोड़ा ढीला कर लिया
था। फिर मैंने मम्मी से कहा कि, ऑफिस की बात नहीं करेंगे कुछ गप शप करतें हैं।
मम्मी नंगी जिस्म
दिखाने को हुई राजी
फिर मम्मी बोली, ओके! तो मैंने
कहा, मम्मी तुम बुरा ना मानो तो तुमसे एक प्राइवेट बात कहनी थी!
मम्मी बोली- कम
ओन डोंट कंफ्यूज खुल कर कहो।
मैंने कहा- मम्मी
यू आर मोस्ट ब्यूटीफुल लेडी आई इवर मेट!
आई रियली मीन इट
मैं गप शप नहीं कर रहा हूँ।
मैं आज से नहीं
जब से तुमको देखा है, तुमको अपनी कल्पना, अपना प्यार और सब
कुछ मानता हूँ!
यू आर रियली
ग्रेट! मम्मी, एंड योर फिगर इज मारवलस एंड इवन मोस्ट गॉर्जियस गर्ल ऑफ 16
कांट बीट योर ब्यूटी एंड सेंसुअलिटी।
मैं ये सब एक ही
साथ कह गया कुछ तो मैं कहा कुछ मैं कहता चला गया पता नहीं मुझे क्या हो गया था।
मम्मी मुझे देखती
रही और हँसने लगीं! बोली, तुम पागल हो एक बुढ़िया के दीवाने हो गए हो।
मैंने कहा- नो
मम्मी यू आर मारवलस! कोई भी जवान लड़की,
तुम्हारा मुकबला नहीं कर
सकती!
मम्मी प्लीज अगर
तुम मेरी एक बात मान लो तो मैं तुमसे जिन्दगी में कुछ नहीं माँगूंगा।
मम्मी बोली- अरे
बुद्धु कुछ बोलो भी, ये शायरों की तरह शायरी मत करो!
मैं तुम्हारी
क्या हेल्प कर सकती हूँ?
मैंने कहा- मम्मी
प्लीज! बुरा मत मानना पर मैं तुमको सबसे खूबसुरत मानता हूँ, इसलिए अपनी सबसे
खूबसुरत लेडी की खूबसुरती को एक बार पूरी तरह देख लेना चाहता हूँ!
मम्मी प्लीज! मना
मत करना, नहीं तो मैं सचमुच मर जाऊँगा और अगर जिंदा भी रहा तो मारा
जैसा ही समझो।
मम्मी एकदम चुप
हो गई और सोचने लगी फिर धीरे से बोली- राजु, तुम सचमुच दीवाने हो गए
हो, वह भी अपनी मम्मी के!
अगर तुम्हारी यही
इच्छा है तो ओके! बट प्रॉमिस, मेरे साथ कोई शरारत नहीं करना नहीं तो, तुम्हारे डैड को
बोल दूँगी और आँख मारते हुए बोली तुम्हारी पिटाई भी करूंगी!
मैंने कहा- ओके!
पर एक शर्त है कि, मैं अपने आप देखूँगा आप शान्त बैठी रहो।
मम्मी बोली- ओके!
मैं मम्मी के नज़दीक गया और मम्मी का गाऊन के पीछे का बटन खोलकर गाऊन को डाउन कर
दिया फिर उसको उनकी कमर से नीचे लाया। इसके बाद मैंने रजाई हटाई।
अब मम्मी मेरे
सामने ऊपर से सेमी नूड हो गई थी उनके ऊपर केवल ब्रा ही रह गई थी।
मम्मी बिल्कुल
बूत की तरह शांत थी। मैं नहीं समझ पा रहा था कि उनको क्या हुआ है। मुझे लगता है कि
वह बड़े कन्फ्युजन में थी पर?
मैं बड़ा खुश था
और एक्साईटमेंट में मेरी खुशी को और बढ़ा दिया था। फिर मैंने मम्मी का गाऊन उनकी
टाँगों से होते हुए अलग कर दिया।
अब मम्मी केवल
पैन्टी और ब्रा में बेड पर लेटी थी। फिर मैंने मम्मी की ब्रा का हुक खोल दिया।
मम्मी की एक चीख
सी निकली पर फिर वह चुप हो गई। फिर मैं मम्मी की ब्रा को उनके शरीर से अलग कर
दिया।
मम्मी की चूचियों
को चूमा
उनके बूब्स देखकर
मैं पागल हो गया और एक्साईटमेंट में मैंने उनके बूब्स को चूम लिया।
मम्मी की सिसकारी
निकल गई, पर नेक्स्ट मोमेन्ट वो क्रीटिसाईट होती हुई बोली- राजु
बिहेब योरसेल्फ तुमने वादा किया था?
मैंने कहा- मम्मी, तुम इतनी मस्त
चीज़ हो! कि मैं अपना वादा भूल गया।
फिर मैंने मम्मी
की पैन्टी को निकालने लगा और मम्मी ने भी इसमें मेरी मदद की पर, वो एक बूत सी बनी
थी।
उनकी इस हरकत से
मैं भी थोड़ा नर्वस हो गया, पर मैंने अपना काम नहीं रोका, और पैन्टी के
निकलते ही मेरे कल्पनाएँ साकार हो गई थी!
मम्मी की चूत का
अनोखा एहसास
मैंने मम्मी की
चूत पहली बार देखी थी, एकदम चिकनी मखमल जैसी! और एकदम बन्द, ऐसा लगती थी जैसे
संतरे की दो फांकें हों!
मैंने ब्लू
फिल्मों में बहुत सी चूतें देखी थी। वो एकदम चौड़ी और मरकस वाली होती हैं, पर मम्मी की चूत
को देखकर यह लगता ही नहीं था कि, वो एक 32 साल की औरत की चूत है।
सबसे बड़ी बात यह
थी कि, उनकी चूत एक दम क्लीन शेवड थी और गोरी ऐसी कि, ताजमहल का टुकड़ा!
अब मेरे सामने एक 32 साल की लड़की नंगी लेटी थी।
आप खुद सोचो! ऐसे
में एक 20 साल के लड़के का क्या हाल हो रहा होगा?
फिर मैंने कहा, मम्मी प्लीज! मैं
एक बार तुम्हारी बॉडी को महसूस करना चाहता हूँ कि, एक औरत की बॉडी के रियल
टच का क्या एहसास होता है?
मम्मी बोली- तुम
अपना वादा याद रखो, सोच लो वादा खिलाफी नहीं होनी चाहिए!
मैं उनका सही
मतलब नहीं समझ पाया पर उनकी नंगी काया देखकर मैं पहले ही बेशुध हो चुका था, अगर कोई कमी थी
तो मम्मी के रेस्पोंस की और मेरे पहले एक्स्पेक्ट की वजह से झिझकी।
मम्मी के चूचियों
का छुवन का आनन्द
फिर मैं मम्मी के
ल्पिस का एक डीप किश लिया और उनको उनकी पीठ से बाहों में ले लिया, और उनकी पीठ पर
रब करने लगा।
मम्मी का कोई
रेस्पोंस नहीं आया पर, उनके बूब्स का टच मुझे पागल कर रहा था। ऐसा टच
मुझे पहली बार हुआ था!
मैं समझ नहीं पा
रहा था कि वो बूब्स थे या, मार्बल और वेल्लेट का मिक्स! आअह!! फ्रेंड्स, इट वाज अ रियली
ग्रेट फीलिंग। उसके बाद मैंने मम्मी को पलटा और अब उनकी पीठ पर किश करने लगा और
उनके बूब्स को मसलने लगा।
ऊह!! आई वाज इन
7थ स्काई! फ्रेंड्स, आई कान्ट टेल यू क्या मजा आ रहा था।
मम्मी भी अब कोई
विरोध नहीं कर रही थी पर, उनका रेस्पोंस बहुत पॉजिटिव नहीं था, पर मुझे अब इस
बात का कोई एहसास नहीं था कि मम्मी क्या सोच रही है?
मैं तो सचमुच!
जन्नत के दरवाजे की तरफ बढ़ रहा था और मम्मी की बॉडी का टेस्ट ले रहा था।
मम्मी को चुदने
के लिए राजी किया
मम्मी के बूब्स
का रस सचमुच बड़ा रसीला था। मैंने अब उनके निप्पल्स पर दांतों से काटना शुरू किया
तो मम्मी पहली बार चीखी! और बोली, अरे काट डालेगा क्या? आराम से कर
हरामी।
मैं समझ गया कि
अब मम्मी भी मस्त हो चुकी हैं। मैंने अपना पायजामा उतार दिया और बनियान भी उतार
दी।
अब मैं केवल
अंडरवियर में था। कुछ देर मम्मी के बूब्स चूसने के बाद मैंने मम्मी की नेवेल पर
किश करना शुरू कर दिया तो, मम्मी बेड पर उछलने लगीं और सिसकारियाँ लेने
लगीं।
मैं हाथों से
उनके बूब्स दबा रहा था और होंठों से उन नेवेल को चुम रहा था, फिर मैं और नीचे
गया और मम्मी के अब्डोमन के पास और पुबिक्स एरियाज में किश करने लगा।
दोस्तों, मैं बता नहीं
सकता और, आप भी केवल मस्सुस कर सकते हैं कि क्या मजा! आ रहा था?
इसके बाद मैंने
मम्मी की टागों पर भी हाथ फिराना शुरु कर दिया। उनकी टांगें बड़ी मुलायम और स्मूथ
थी!
मुझे लगता है कि, मम्मी अपनी बॉडी
का बहुत ख्याल रखती हैं और डैड भी तो उनकी इस लाजवाब! बॉडी के गुलाम हो गए थे। बट
शी इज ग्रेट लेडी रियली इन आल रिस्पेक्ट! और इस टाइम तो वो मेरी क्लिओपेट्रा बनी
हुई थी।
अब मैं मम्मी की
टाँगों और जाँघों पर अपना कमाल! दिखाना शुरु कर दिया और मैं कभी उनको चूमता कभी
दबाता और कभी रब करता।
मम्मी भी अब तक
मस्त हो चुकी थी और मेरा पुरा साथ दे रही थी पर, मैंने अब तक एन्ट्री गेट
पर दश्तक नहीं दी थी।
मैं मम्मी को
पुरा मस्त कर देना चाहता था और मैंने अपने लण्ड को फुल कन्ट्रोल में रखा था। मैं
मम्मी की बॉडी को अभी भी अपने होंठों और उंगलियों और हाथों से ही रौंद रहा था।
अब तो मम्मी भी
पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और वादे वाली बात भुलकर मस्ती में पूरे जोर से मेरा साथ
दे रही थीं, और चीखने लगी, अरे राजु अब आ भी जा यार प्लीज! मत तड़पा जालिम
जल्दी से मेरे ऊपर आ जा!
मैंने कहा- बस
मम्मी, जस्ट वेट मैं तैयार हो रहा हूँ बस एक मिनट रूक जाओ मैं भी
आता हूँ।
मम्मी की
धक्कापेल चुदाई
तभी मम्मी ने
मेरा अंडरवियर नीचे खिसका दिया और वो बोली, अबे मादरचोद अपनी मम्मी
की बात नहीं मानेगा?
इतना कहकर
उन्होंने अब मेरा लण्ड पकड़ कर जोर से दबा दिया। मेरी तो चीख निकल गई और अब तक जो
मेरा लण्ड तैयार था बिल्कुल बेताब हो गया।
मैंने मम्मी की
दोनों टाँगों को दूर करते हुए उनकी राईट थाई पर बैठ गया, और उनके चूतड़ को
दोनों हाथों से धकेलते हुए अपना लण्ड उनकी चूत के पास ले गया, और पूरे जोर का
धक्का दिया तो मेरा आधा लण्ड उनके चूत में समा गया।
मेरी तो चीख निकल
गई लेकिन मम्मी को कुछ तसल्ली हुई और वो मेरे अगले एक्शन का इंतज़ार करने लगी।
मैंने एक और
ज़ोरदार धक्का लगाया तो पूरा लण्ड अन्दर चला गया। अब मैंने धीरे धीरे अन्दर बाहर
करना शुरू किया और मम्मी की दूसरी जाँघ को अपने कंधे की तरफ़ रख दिया। राईट थाई पर
बैठ कर अपना चुदाई कार्यक्रम शुरू कर दिया।
अब तो मम्मी पूरे
मज़े में आ गई और मेरा पूरा सहयोग करने लगीं।पूरे कमरे में मेरे और मम्मी के चुदाई
प्रोग्राम का म्यूजिक शुरू हो गया।
मम्मी भी शश!!
अह्ह!! करने लगीं और बोली, अन्दर तक घुसेड़ दे अपना लण्ड, मैं भी जोर से
अन्दर बाहर करने लगा।
बोलीं, मस्ती आ रही है, तुझे भी मज़ा आ
गया! आज बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है।
कसम से आज तुने
मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए! अयीई ईस्स मैं भी बहुत जोश के साथ चुदाई कर
रहा था।
मैं बोला- आज
तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा।
अब तू डैड से
चुदवाना भूल जाएगी, हर वक्त मेरा ही लण्ड अपनी चूत मे डलवाने को
तड़पा करेगी।
मम्मी- आह्ह!!
आयीई!! क्या मज़ा आ रहा है, फ़क मी हार्डर रआजु कम ऑन और फर्स्ट यू आर माई
डार्लिंग।
मैं भी बोला- यस
माई फेयर लेडी स्योर!
मम्मी बोली-
मुझको संध्या के नाम से बुलाओ, कहो संध्या मेरी जान!
मैंने कहा- ओके
संध्या डार्लिंग ये ले मजा आअ रहा है ना! आज मैं भी अपने लण्ड से तेरी चूत को फाड़
के रख देता हूँ।
वह चिल्ला रही
थी- आअह गुड। म्मम!! आह्!! उह्!! म्म!!
फिर अचानक! जब
मुझे कुछ दबाव सा महसूस होने लगा तो मम्मी बोली, राजु अब बस एक बार अब
धीरे धीरे कर दे मेरा तो पानी निकाल दिया तुने।
मैंने स्पीड थोड़ी
कम कर दी और अब मम्मी और मैं थकने भी लगे थे। अचानक! मेरा सारा दबाव मेरे लण्ड के
रास्ते मम्मी की चूत की घाटी में समा गया और मम्मी भी शान्त हो गई, और हम दोनों एक
दुसरे के ऊपर लेट गए।
मेरा लण्ड मम्मी
की चूत के अन्दर ही था। एक दुसरे से बिना कुछ बोले ही हुम दोनों वैसे ही सो गए।
मोर्निंग में जब नींद खुली तो 6:00 बज गए थे और मेरा लण्ड मम्मी की चूत में वैसे
पड़ा था।
मैंने मम्मी को
जगाया तो वह शरमाने सा लगीं फिर बोली, राजु तुम तो एकदम जवान हो गए हो!
तुमने आज, इस 32 साल की
बुढ़िया को, 16 साल की गुड़िया बना दिया!
तब मैंने कहा- अब
तू मुझे बुलाएगी क्या बोल? उसने मुझे अलग करके दूर करते हुए कहा- जरुर
मेरी जान!’ अपने उपर लिटाया मुझे किश किया।
मैंने भी फिर से
मम्मी के माथे पर, बूब्स पर, नाभि पर किश कर बगल में
ही लेट गया और सुबह तक एक साथ लिपट कर चिपक कर सोए रहे।
7:00 बजे मम्मी
ने उठाया और मुस्कुराईं! बोली- याद रखना इसको राज रखना!
मैं भी बोला- ऐसे
ही इनटरटेनमेंट कर रहना!
तो दोस्तो, ये तो थी मेरी और मम्मी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी?
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