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हवस का भूखा मेरा परिवार (Hawas ka bhukha parivar)

ये मेरी लाइफ में पहली बार है की मैं कुछ लिख रहा हूँ। ये hindi sex kahaniya है मेरे प्यासे परिवार की। जहाँ हर कोई दुसरे के जिस्म का प्यासा है। तो पढ़िए हमारी sexy kahani और मज़े से हलके हो जाईये 5 साल पहले, जब मेरी सग़ी माँ का देहांत हो गया.! तब, पापा ने तलाक़शुदा कविता से शादी कर ली! उस वक़्त, कविता की उम्र 25 साल थी। लगभग 1 साल पहले, मेरी और कुछ महीने पहले, मेरे छोटे भाई हितेश की शादी हो गई।

 

मेरे पापा की उम्र, इस वक़्त 46 साल है और वो अपने ज़माने के बहुत बड़े एथलीट थे। इसलिए, बहुत फिट थे। उनकी लम्बाई लगभग 6 फीट और बदन एकदम गठा और कसरती था।

 

कविता की लम्बाई, 5 फीट 4 इंच के लगभग। भरा हुआ बदन, बड़े बड़े बूब्स और बहुत गहरी और सेक्सी नेवेल थी। वो हमेशा, बहुत डीप गले का बैकलेस ब्लाउज पहनती थीं और साड़ी को अपनी गहरी नाभि से 3 इंच नीचे बाँधती थी। उसकी आँखों में हमेशा, एक अजीब सी कामुकता नज़र आती थीं और हाँ!! भाव से हमेशा, वासना झलकती थी।

 

मैंने सुना था की उसकी पहली शादी, उसके पति के दोस्तों से नाजायज़ संभन्ध के कारण टूटी। पहली शादी टूटने के बाद, वो कई मर्दों से दूसरी शादी के लिए मिली और वो जिस से भी मिलती थी पहली या दूसरी मुलाकात में ही, उसका लण्ड ले लेती थी।

 

कुल मिला कर, मेरे पापा से शादी करने से पहले कविता कई लण्ड का अनुभव ले चुकी थी।

 

अब आता हूँ अपने पर, मैं एक 5 फीट 11 इंच की लम्बाई और 24 साल का शादीशुदा मर्द है और अपने पापा की तरह ही, एकदम फिट आदमी हूँ।

 

माही, मेरी बीवी की उम्र 22 साल और लम्बाई 5 फीट 6 इंच थी। उसका बदन, बिल्कुल तराशा हुआ था। हर चीज़ सही तरह से बनी हुई। ना बिल्कुल ज़्यादा, ना थोडा सा कम। उसके भी बड़े, गोल और भरे हुए बूब्स थे।

 

वो भी कविता की तरह ही साड़ी पहनती थी, पर उसका तरीका कुछ अलग था। वो अक्सर छोटा ब्लाउज और नेट की साड़ी ही पहनती थी। साड़ी के अंदर, उसके बड़े बड़े बूब्स छोटे बिकनी ब्लाउज से बाहर निकलने को बेकरार रहते थे। उसकी भी आँखों में एक नशा और प्यास, देखी जा सकती थी।

 

सच तो ये है की मुझे उसकी भी तमन्ना, बहुत सारे लण्ड लेने की लगती है पर लगता है की उसे ज़यादा मर्दों से चुदने का मौका नहीं मिला।

 

अब, मेरा छोटा भाई हितेश। उसकी लम्बाई 5 फीट 9 इंच थी और वो एक फिटनेस फ्रीक बॉडी बिल्डर था। वो बिल्कुल शेप में था और उसकी एक एक मसल, उभरी हुई थी।

 

इधर, यामिनी की लम्बाई 5 फीट 7 इंच और उम्र 21 साल थी। बदन उसका भी बिल्कुल फिट था पर उसके बूब्स, उसके बदन के हिसाब से ज़्यादा बड़े थे।

 

लेकिन, वो कविता और माही की तरह साड़ी नहीं पहनती थी। उसको शॉर्ट स्कर्ट्स, डीप नेक टॉप, जीन्स, शर्ट और छोटे छोटे और वेस्टर्न कपड़े पहनने का शोक था। उसके बूब्स की तरह ही उसकी गाण्ड, काफ़ी भरी हुई है.! इसलिए, शॉर्ट्स और स्कर्ट्स में बहुत कामुक लगती है.!

 

सुना है की कॉलेज के दिनों में 4 लड़कों के ग्रूप में अकेली लड़की थी और चारों मिल के उसे चोदते थे।

 

तीनों औरतों मैं एक चीज़ कामन थी, बदन दिखाने वाले कपड़े पहनने का शोक और लण्ड की भूख।

 

हमारा परिवार, आपस में काफ़ी ओपन है और हम सभी ऑफीस जाते हैं और मिल कर, अपना गारमेंट्स मॅन्यूफॅक्चरिंग और एक्सपोर्ट्सका बिज़्नेस देखते हैं।

 

मैं और मेरा छोटा भाई हितेश, कविता को कभी माँ नहीं बुलाते।

 

हम उसको, उसके पहले नाम यानी की कविता कह के ही बुलाते हैं।

 

यामिनी की कातिल जवानी

 

सिर्फ़ पापा को छोड़ कर, हम सभी एक दूसरे को नाम से ही बुलाते हैं।

 

कविता पापा को विश्वास कह के बुलाती है और बाकी हम सब, पापा को पापा ही बुलाते हैं।

 

हमारे घर में कविता, माही या यामिनी को किसी भी तरह के कपड़े अपनी मर्ज़ी से पहनने की पूरी आज़ादी है।

 

आज कल, गारमेंट्स मॅन्यूफॅक्चरिंग का ऑफ सीज़न चल रहा था.! इसलिए, मैंने और माही ने 2 हफ्ते के लिए, ऊटी छुट्टी मानने जाने का प्लान बनाया.! जिस दिन हम ऊटी के लिए निकले, उसके अगले दिन हितेश को भी 3 हफ्ते के लिए काम से मॉरिशस जाना पड़ा.!

 

हमारे और हितेश के जाने के बाद, कविता को खबर मिली की उसकी माँ जो की अमेरिका में रहती हैं, बहुत बीमार हैं और उनको कभी भी कुछ भी हो सकता है।

 

अब यहाँ पे बिज़्नेस था और यामिनी 2 हफ्ते के लिए, अकेली हो जाती.! इसलिए, कविता ने अकेले जाने का फ़ैसला किया और 2 हफ्ते के लिए, पापा और यामिनी, यहाँ अकेले रह गए।

 

आज कल, ऑफ सीज़न था.! इसलिए, सिर्फ़ पापा ही ऑफीस जाते थे और यामिनी घर पे रहती थी.!

 

कविता के जाने के अगले दिन सुबह पापा के ऑफीस जाने के बाद, यामिनी उनका बेड ठीक कर रही थी की तभी यामिनी को गद्दे के नीचे से एक सी डी मिली।

 

पापा शायद ग़लती से भूल गए थे।

 

यामिनी ने डिसाइड किया की वो सी डी चला के, देखेगी।

 

उसने, वो सी डी पापा के कमरे में ही होम थियेटर सिस्टम पे चलाई और जैसे ही सी डी शुरू हुई, उसने होम थियेटर की 52 इंच की स्क्रीन पे जो देखा तो बस देखती ही रह गई।

 

उसे सी डी की स्क्रीन पर पापा और कविता पूरे नंगे थे और पापा अपने 9 इंच के मोटे लण्ड से नंगी कविता को अलग अलग पोज़िशन्स में चोद रहे थे.! शायद, ये सी डी पापा और कविता ने खुद ही शूट की थी.!

 

थोड़ी देर देखने के बाद, यामिनी की चूत गीली हो गई और उसे ने वीडियो बंद कर के सी डी वहीं रख दी, जहाँ उसे मिली थी.!

 

सी डी देखने के बाद, यामिनी के मन में पापा का लण्ड लेने की भूख जग गई।

 

उसने सोचा की 2 हफ्ते तक वो पापा के साथ अकेली है, पापा को सिड्यूस करने का इसे से अच्छा मौका नहीं मिलेगा।

 

पापा जब वापस आए तो वो उनको अजीब सी भूखी नज़रों से देखने लगी और उनको सिड्यूस करने के बारे में सोचने लगी।

 

उसी दिन रात को यही सब सोचते हुए, वो बहुत उतेज्ज़ित फील कर रही थी।

 

वो अपने बिस्तर से उठी, कमरे से बाहर आई और पापा के रूम की तरफ चल पड़ी।

 

पापा के रूम के पास पहुँच कर, वो उनके रूम के डोर के की होल से अंदर देखने लगी और अंदर उसने जो देखा.! वो देख कर, उसकी भूख और बढ़ गई और वो और भी ज़यादा उतेज़ित फील करने लगी.!

 

उसने देखा की पापा अपने बिस्तेर पे पूरे नंगे लेटे थे।

 

उनका 9 इंच का लण्ड, पूरा खड़ा था और वो होम थियेटर पर वही खुद का और कविता का वीडियो देख रहे थे।

 

वो अपने कमरे में वापस आ गई और अपने सुसुर जी को सिड्यूस करने के बारे में, सोचने लगी।

 

थोड़ी देर सोचने के बाद, उसे ने अलमारी से एक सेक्सी सी बिकनी निकाली और उसे पहाँ कर, ऊपर से एक गाउन डाल कर स्वीमिंग पूल की तरफ चल दी।

 

स्वीमिंग पूल के पास पहुँच कर, उसने गाउन निकाल दिया और अब वो सिर्फ़ एक छोटी सी बिकनी में थी।

 

पापा के रूम की एक खिड़की, स्वीमिंग पूल की तरफ खुलती थी।

 

यामिनी ने जानमुझ कर, उँचाई से पानी में डाइव लगाई.! जिससे की बहुत आवाज़ हो और जैसा उसने चाहा था, वैसा ही हुआ.!

 

रात के 1 बजे स्वीमिंग पूल में पानी की आवाज़ सुन कर, पापा खिड़की पे आ गए और झाँक के पूल में देखने लगे।

 

उन्होंने, वहाँ यामिनी को बिकनी में स्वीमिंग करते हुए देखा।

 

थोड़ी देर देखने के बाद, उनके मन में यामिनी के लिए चुदाई की फीलिंग आने लगी और वो यामिनी को उसी नज़रों से देखने लगे।

 

देखते ही देखते, उनका लण्ड और टाइट हो गया और वो अपने सीधे हाथ से लण्ड को सहलाने लगे।

 

यामिनी ने स्वीमिंग करते हुए, ये सब भाँप लिया था।

 

वो पूल से, बाहर आ गई।

 

पूल के किनारे, ओपन में एक शावर था.! जो पूल और पापा की खिड़की के बीच था।

 

यामिनी, उसी शावर के नीचे बिकनी में खड़ी हो गई और पापा खिड़की पर खड़े हो के यामिनी के बदन को देखते हुए, लण्ड हिला रहे थे।

 

खिड़की के ग्लास से बाहर से अंदर नहीं देखा जा सकता था.! इसीलिए, पापा कॉन्फिडेंट थे क्यों की यामिनी उन्हें नहीं देख सकती थी.!

 

इसी का फ़ायदा उठा के, यामिनी भी अपने बदन को दिखा रही थी पर वो शीशे पे पड़ रही पापा की परछाईं को देख कर सब अनुमान लगा रही थी और समझ गई थी की पापा उसे देखते हुए लण्ड हिला रहे हैं।

 

थोड़ी देर दूर से देख के हिलाने का मज़ा लेने के बाद, पापा ने पास जा के यामिनी का बिकनी में लगभग पूरा नंगा बदन देखने का मन बनाया।

 

उन्होने, एक नहाने का गाउन पहना और पूल की तरफ चले गये और इधर पूल के पास यामिनी शावर से निकल के अपना बदन पोंछ रही थी।

 

जब पापा यामिनी के पास पहुँचे तो यामिनी तौलिया छोड़ कर, सीधा सीना फूला के उनके सामने खड़ी हो गई और गहरी साँसें लेने लगी।

 

गहरी साँसों के साथ, उसके बिकनी में से बाहर आने तो तैयार बूब्स, ऊपर नीचे होने लगे।

 

यामिनी के बूब्स को इस तरह, इतने पास से देख कर, पापा का लण्ड और भी बुरी तरह फड़फड़ाने लग गया।

 

सुसुर जी अरे यामिनी, तुम इतनी रात को 1 बजे, यहाँ पूल में क्या कर रही हो

 

यामिनी हाँ पापावो नींद नहीं आ रही थी और कुछ समझ नहीं आया की क्या करूँ तो यहाँ स्वीमिंग करने आ गई

 

ससुरजी चलो, तुम मेरे कमरे में चलोवहाँ एक एक ड्रिंक पीते हैं, शायद उसे के बाद, तुम को नींद आ जाए

 

यामिनी ठीक है पापा, चलोवैसे भी मैं बहुत बोर हो रही हूँ और नींद बिल्कुल नहीं आ रही

 

यामिनी ने अपना गाउन उठाना तो दूर, उसकी तरफ देखा भी नहीं और बिकनी में ही, पापा के साथ उनके रूम की तरफ चलने लगी।

 

रूम में पहुँच कर, यामिनी बेड पर बैठ गई और पापा बार के पास खड़े हो कर ड्रिंक बनाने लगे।

 

उन्होंने रेड वाइन के दो ग्लास भरे और एक यामिनी की तरफ बड़ा दिया।

 

यामिनी ने मुस्कुराते हुए, वाइन का ग्लास पापा से ले लिया।

 

ससुरजी यामिनी, तुम्हारी बिकनी बहुत भीगी हुई हैतुम चेंज क्यों नहीं कर लेती

 

यामिनी पापा वो कपड़े लेने, ऊपर अपने रूम तक जाना पड़ेगा

 

ससुर जी, अरे तुम को अपने रूम तक जाने की ज़रूरत नहीं है, मेरे बाथरूम में तौलिया हैतुम बिकनी उतार के तौलिया पहाँ लो, और फिर आराम से बैठ के मेरे साथ वाइन का मज़ा लोजब नींद आए तो चली जाना

 

यामिनी ठीक है, पापागुड आइडिया

 

ये कह कर, यामिनी उठ के बाथरूम में चली गई और बिकनी उतार के तौलिया पहाँ के बाहर आ गई।

 

दोनों वाइन सीप करने लगे।

 

यामिनी को देखते हुए, पापा के नहाने के गाउन के नीचे खड़े लण्ड से टेंट बन गया था।

 

वहीं यामिनी की भी हालत बुरी थी।

 

वो भी पापा के टेंट और थाइस और छाती के बाल देख देख कर, गरम हो रही थी।

 

यामिनी सोचने लगी की अब बात आगे कैसे बड़ाई जाए।

 

यामिनी ने पापा के लण्ड के दर्शन करने का एक जुगाड़ निकाला।

 

उसने पापा से बोला, टीवी चालू कर दूं और उठ के टीवी की तरफ बड़ी।

 

रास्ते में, वो सोफा था.! जिस पे, पापा बैठे थे.!

 

यामिनी ने उनकी टाँगों में उलझने का नाटक करते हुए, अपना वाइन का ग्लास पापा के ऊपर उडेल दिया और सॉरी बोलते हुए हाथ से वाइन झाड़ते हुए यामिनी ने पापा के गाउन का बेल्ट खोल दिया।

 

गाउन का बेल्ट खुलते ही, गाउन पापा के कंधों से झूलने लगा और उनकी सामने की बॉडी पूरी नंगी हो गई और लण्ड सीधा खड़ा हो के, यामिनी की तरफ खड़ा हो के सलामी देने लगा।

 

यामिनी पापा के लण्ड को भूखी नज़रों से देखने लगी और पापा ने अपना लण्ड ढकने की, ज़रा भी कोशिश नहीं की।

 

ससुरजी क्या हुआ यामिनीतुम ने मेरा गाउन क्यों खोला

 

यामिनी सॉरी पापाआप के ऊपर, वो वाइन गिर गई थी और मुझे नहीं पता था की आप ने अंदर अंडर वियर नहीं पहना है

 

ससुरजी चलो, कोई बात नहींठीक है

 

यामिनी पर पापा, आप ये गाउन पूरा निकाल दोनहीं तो, वाइन से आपकी स्किन चिप चिपि हो जाएगी

 

ससुरजी ठीक हैपर गाउन निकाला तो मैं पूरा नंगा हो जाऊंगा

 

यामिनी कोई बात नहींमैं बिल्कुल भी माइंड नहीं करूँगीआप गाउन निकाल दीजिए

 

ससुरजी ठीक है

 

पापा ने, अपना गाउन निकाल दिया।

 

अब वो सोफे पर यामिनी के सामने, पूरे नंगे बैठे थे और उनका 9 इंच का पूरा खड़ा हो के यामिनी को सलामी दे रहा था।

 

यामिनी की नज़र, पापा के लण्ड पर ही टिकी थी।

 

यामिनी, अभी भी तौलिया में थी और वो किसी बहाने अपना तौलिया उतारने का प्लान बनाने लगी।

 

पापा का हाथ, लण्ड तक पहुँच गया था।

 

वो एक हाथ से, वाइन सीप कर रहे थे और दूसरे हाथ से यामिनी को देखते हुए लण्ड हिला रहे थे। तब तक, यामिनी एक प्लान बना चुकी थी। 

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