लखनऊ के बलराम ने
सेक्स के लिए वेश्या तो एक रात के लिए खरीद ली थी पर होटल के लिए पैसे नहीं थे। अब
ऐसे समय पर बलराम सड़क पे सेक्स तो कर नहीं सकता था। इसलिए उसने कुछ ऐसा जुगाड़
निकाला जो वो अपनी कहानी “भिखारी को झोपड़े
में” में बताने जा रहा है। ये
कहानी हम सभी को ये सिखाती है की अगर इरादा मजबूत हो और अंडकोष भारी(टटे) तो मर्द
कहीं भी सेक्स कर सकता है।
उस दिन मैं काम
से तक गया था क्यों की मालिक ने कुछ ज्यादा ही काम दे दिया था। मैं मजदूरी करने
वाला एक आम गरीब आदमी हूँ।
एक तो पूरा दिन
धूप गर्मी में काम करता हूँ और दूसरा घर जा कर बीवी का ताना। उस दिन मैं कुछ मजे
करना चाहता था इसलिए मैंने चुदाई करने की सोची।
दिहाड़ी के जो 500
रुपए मिले थे उसे मैंने लाल बत्ती पर जा कर एक रात की रंडी लड़की खरीद ली। मुझे आज
भी याद है जब मेने पहली बार 500 ₹ में बुलाई सुंदर
लड़की और चारपाई तोड़ दी थी तब मुझे घर जाकर सुकून की नींद आई थी।
अब आप कहो गे की
जब घर पर बीवी है तो बाहर चुदाई क्यों ? अरे भाई माल पानी नाम की चीज भी होती है ना इसलिए। अब बीवी सुखी तीली और कॉल
गर्ल इतनी कामुक।
मैंने वो कॉल
गर्ल चुनी जिसकी गोल गांड और बड़े स्तन थे। पर वो लड़की सिर्फ एक घंटे के लिए मेरे
साथ आई जो की काफी कम था।
अब मैं उसे तो ले
आया पर होटल के पैसे नहीं थे। उछलते लंड की वजह से मैंने ये तो सोचा ही नहीं था।
लड़की – क्या बे हीरो कहा करना है अब जल्दी बता !
अब लड़की को बता
देता तो आज रात का मजा खराब हो जाता। तभी रोड के किनारे मुझे एक भिखारी का खाली
झोपड़ा दिखा तो मैं उसकी तरफ ऊँगली कर के बोल दिया वो देखो वो रहा मेरा घर।
लड़की (घिन खाते
हुए) – वाह अब भिखरियों के पास
भी चुदाई के लिए पैसा होता है।
मैंने कहा –
आज पूरा दिन भीख मांगी है तेरे लिए। मना मत कर
अब।
मेरी बात वो लड़की
मानी और अपनी साड़ी उठा कर पैर खोल कर झोपड़े में लेट गई। उस जगह काफी अँधेरा था और
आखिर एक भिखारी के झोपड़े में कौन झांकता है।
रोड पर इतना
अँधेरा था की मुझे सिर्फ भिखारी के झोपड़े में भोसड़ा दिख रहा था।
उस वक्त रात का 1
जब रहा था और वहा कोई नहीं था तो मैंने भी कोई शर्म नहीं की और अपनी पेंट उतार कर
लिंग हिलाने लगा।
मैंने हाथ पर 3
से चार बार थूका और अपने लंड को हिलाने कगा। मुझे लंड हिलाता देख उस लड़की की चुत
भी गीली होने लगी।
अपना लंड खड़ा
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कुछ देर बाद मेरा
पुरा खड़ा हो गया और मैं झोपड़े घुस कर भोसड़े की चुदाई करने लगा।
मैं उस लड़की के
ऊपर लेटा और अपना लिंग उसकी योनी में डाल कर उछाल उछाल कर चुदाई करने लगा।
मेरी दोनों टांगे
झोपड़े से बाहर थी और मेरे चूतड़ बाहर से कोई भी देख सकता था। इसके बावजूद मुझे
चुदाई करने मैं काफी मजा आने लगा था।
मैंने उस लड़की के
स्तन ब्लाउज से निकले और दबा दबा कर चूसने लगा।
लड़की – अहह अहह अहहह चाटो …
मैंने कहा –
अहह क्या कह रहे है ?
लड़की – अहह अहह मेरे….. मेरे स्तनों को
चुसो !!
मैंने उसकी बात
मानी और उसके नरम स्तन अपने मुँह से चूसने लगा। उस रंडी की चुत काफी बड़ी थी पर फिर
भी मुझे मजा आ रहा था।
चुदाई करते वक्त
अचानक एक भिखारी आकर मेरा पैर खींचने लगा और बोला कौन हो सालो जो मेरी झुगी को
रंडी खाना बना रही हो ?
ये बोल कर वो
भिखारी मेरा पैर पकड़ के मुझे नंगा बाहर निकालने लगा। तभी मुझे गुसा आया और मेने
चुदाई करते हुए ही उस शराबी भिखारी को लात मार दी।
वो भिखारी नशे
में था तो वही गिर कर सो गया।
गांड चुदाई करते
करते मुझे उस रंडी पर काफी प्यार आने लगा तो उसे चूमने लगा।
लड़की – हम्म्म सालो बाद मुझे किसी मर्द ने होठो पर
चूमा है।
मुझे मालम था की
कॉल गर्ल्स कोई इश्क लड़ने वाली लड़किया नहीं होती। पर मैं अपनी वासना से मजबूर उसके
गंदे मुँह को सुमने चाटने लगा।
तभी मैंने पीछे
देखा तो पता लगा वो भिखारी वही लेटा मेरी गांड देखे जा रहा था। उस लड़की पर मेरी
उछलती गांड देख वो भिखारी हसने लगा।
ये देख मुझे अजीब
लगा पर फिर भी मैं चुदाई करने में लगा रहा।
लड़की – अहह तुम्हारे गोटे मेरी चुत को पिट रहे है।
मैंने कहा –
अभी देखती जा मैं इस झोपड़े में तेरे भोसड़े की
क्या हालत करता हूँ।
लड़की – नहीं नहीं इसके बदले मैं और पैसे लगी !!
मैंने कहा –
ठीक है !
इसके बाद मैं
अपने घुटनो पर बैठा और उस लड़की की जाँघे पकड़ कर ऊपर कीच लिए। उसके बाद मैं घुटनो
पर खड़ा हो कर सुकि चुत चोदने लगा।
वासना के इस खेल
मैं हम दोनों के शरीर बेहद गर्म हो गए और एक दूसरे के पसीने से चिपचिपे होने लगे।
मैं उस लड़की की योनी में अपना लिंग लगातार अंदर तक धकेले धकेले जा रहा था।
मेरे धको से उसके
चुचे उछाल कर उसके मुँह पर जा लगते। उसके लटके स्तन मेरी काम वासना को आग देने लगे
और मैं बिना रुके उस लड़की की चुदाई करता रहा।
उस लड़की के मुँह
से कभी गन्दी गली निकलती तो कभी अहह की आवाजे। मेरे मोटे लिंग से मजा तो उसको भी
काफी आने लगा था।
कुछ देर मैं उसकी
चुत मलाई दार होने लगी और मुझे स्वर्ग का मजा आने लगा। चुत की चुदाई करने के बाद
मैंने अपना लिंग निकला और अपने टटे पकड़ कर कुसी चुत में घुसाने लगा।
लड़की – क्या कर रहे हो ??
मैंने कहा –
वो चीज जो मैं हमेशा से करना चाहता था।
मैंने अपने टटे
उसकी चुत पर रखे और झटके से अंदर धकेल दिए। दर्द को काफी हुआ पर उस दर्द का मजा ही
कुछ और था।
टटे अंदर जाते ही
उस लड़की ने चुत का दरवाजा बंद कर दिया और मेरे गोटे अंदर ही अंदर अपनी चुत में
मसलने लगी।
चुत की दीवारों
से पड़ते दबाव से मुझे मजा आने लगा साथ ही वो लड़की मेरा लिंग भी हिलाने लगी।
मेरी सासे काफी
तेज हो गई और वो लड़की मुझे दर्द सेहत देखती कामुक होती रही।
अचानक उस लड़की
अपनी चुत टाइट कर के मेरे टटे जोर से दबाने लगी। दर्द सहन न होने पर मेने उन्हें
कुछ कर बाहर निकल दिया।
बाहर निकालते ही
मैं अपनी चरम सीमा पर चला गया और मेरे दर्द करते गोटे खड़े लंड से पिचारी मारने
लगे।
मेरा माल उस लड़की
के मुँह तक जा पंहुचा और वो उसमे लतपत हो गई। मुझे मजे की सजा मिलने लगी क्यों की
मेरे गोटे लाल और दर्द से बेहाल हो गए।
लड़की (मेरी छाती
पर चूमते हुए) – मेने काफी मर्दो
के साथ सेक्स किया है पर आज तुक तुम्हारे जैसा कोई नहीं मिला।
लड़की मेरे चुदाई
के तरीके प्रभावित किया जिस वजह से उसे मुझे अपना नंबर दिया और कहा मुझे तुम्हारा
इंतजार रहेगा।
उसके बाद मैं और
वो लड़की कई बार चुदाई करते रहे पर ये सब ज्यादा लम्बा नहीं चला। क्यों की मुझे उस
लड़की की वजह से कोई सेक्स की बीमारी हो गई।
इसलिए जब भी आप किसी
से सेक्स करे तो कंडोम जरूर लगाना। सेक्स की बीमारी की वजह से मैं अब अपनी बीवी के
साथ भी सेक्स नहीं कर सकता।
अब जिंदगी मैं
कोई वासना नहीं बस अस्पताल के चाकर लगते है मेरे।
ये थी बलराम की
हिंदी सेक्स कहानी। उमेद है आप इस कहानी से कामुक तो जरूर हुए हो गए साथ ही साथ
आपको कुछ सीखने को भी मिला होगा। अब जब भी सेक्स किसी अनजान लड़की से करना हो तो
कंडोम जरूर लगाना।
भिखारी के झोपड़े में
S K
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