हेलो दोस्तों,
फिर एक नयी हिंदी सेक्स कहानी और ये कहानी अपनी
एक याद को लेके मैं आपके पास आयी हूँ । एक दिन एक लाजबाब औरत ने मुझे मेल करके
मेरे नंबर भी माँगा मेने उससे मेरे नंबर दे दिया ।. वो एक हाउसवाइफ की मेल थी,
उसका पति बिजनेस मैन था जो कि बिजनेस की वजह से
अधिकतर समय बाहर ही रहता था.
उस महिला ने मुझे
ये सब बताते हुए कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उनका नाम नीलम (चेंज्ड नाम) था.
रात को 9 बजे उनकी कॉल आई. उन्होंने शनिवार नाइट को आने के लिए बोला. उन्होंने
बताया कि वो अपने पति से सन्तुष्ट नहीं हैं और सेक्स का पूरा मजा लेना चाहती हैं.
मैंने उनसे उनका
एड्रेस लिया और शनिवार शाम को 8 बजे उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने
उनके घर के बाहर से उनको कॉल किया और बताया कि मैं आपके घर के बाहर हूँ.
उन्होंने दरवाजा
खोला, मैं तो उसको देखता ही रह
गया यार… क्या मस्त माल थी. मैंने
ऊपर आसमान में देखा और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया कि आज ऐसी मस्त चुत मारने को
मिलेगी.
नीलम ने अन्दर
आने के लिए बोला, मैं अन्दर आ गया.
उनका घर काफ़ी
बड़ा था. उन्होंने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया, मैं सोफे पर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद वो
अन्दर से पानी लेकर आ गईं और मेरे पास ही बैठ गईं.
हम लोगों ने
बातें करना शुरू की, उन्होंने मुझे
बताया कि आज उनका बर्थडे है और उनके पति को उनकी कोई फिक्र ही नहीं है.
मैंने कहा- मैडम
आपने पहले बताया नहीं… नहीं तो मैं आपके
लिए कोई गिफ्ट ले आता.
नीलम जी बोलीं-
मुझे मैडम नहीं भाभी कहो… मैं तुमको प्यार
से मिलना चाहती हूँ… कोई मैडम बन कर
नहीं!
मैंने कहा- भाभी
जी आपने मेरी बात का उत्तर नहीं दिया.
बोलीं- भाभी जी
नहीं… बस भाभी कहो… और आज तुम आ गए, बस ये मेरे लिए बहुत है… आज तुम मुझे खुश कर दोगे… यही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट होगा.
मैंने कहा- देख
लेना, आप मुझसे निराश नहीं
होंगी.
मैंने उनको एक
वासना भरी निगाहों से देखा और अपने लंड को सहलाने लगा. मेरा लंड फूलने लगा. नीलम
भाभी मेरे फूलते हुए लंड को कामना भरी निगाहों से देखने लगीं.
मैंने उनका हाथ
अपने हाथ में ले लिया.
नीलम भाभी ने
कहा- हाथ पकड़ कर क्या करने वाले हो?
मैंने कहा- आपका
नसीब देखने वाला हूँ.
भाभी मुस्कुरा कर
बोलीं- मुझे मेरा नसीब दिख रहा है. वो अभी बड़ा हो रहा है.
मैं हंस कर उनको
कहा- ऐसे नहीं… जरा ठीक से समझाओ
न भाभी… आपका नसीब कैसा है.
भाभी बोलीं- वो
जब तक मैं न देख लूँ, तब तक कैसे बता
सकती हूँ कि नसीब कैसा है.
मैंने कहा- भाभी
नसीब देखने के लिए क्या दिक्कत है… क्या मैं कोई मदद
कर सकता हूँ?
भाभी बोलीं- तुम
ही मेरे नसीब को दिखा सकते हो.
यह कहते हुए
उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख कर लंड को अपनी मुट्ठी से मसल दिया और बोलीं- देखो ये
है मेरा नसीब… अपनी मांद में
जाने के लिए फूल रहा है.
मैंने भाभी को
अपनी बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगा.
भाभी ने मुझसे
अलग होते हुए कहा- अभी जरा रुको. मुझे कपड़े बदलने हैं.
मैंने उनको छोड़
दिया. वे मुझसे अलग होकर बैठ गईं… और बातें करने
लगीं.
बातों बातों में
उन्होंने बताया कि उनकी एक सहेली भी एन्जॉय करना चाह रही है… क्या उनके साथ भी एंजाय करना चाहोगे?
मैंने कहा- कोई
बात नहीं आप उनको भी बुला लो.
उनकी फ्रेंड का
नाम पूनम (चेंज्ड नाम) था. उन्होंने पूनम को आवाज देकर बुलाया… तो मैं चौंक गया. वो बगल के ही रूम में बैठी
थी.
नीलम हम दोनों को
वहीं पर छोड़ कर चेंज करने चली गईं.
पूनम की उम्र
करीब 30 साल की थी. वो भी बहुत सुन्दर थी. उसका फिगर 34-30-36 का था. मैंने पूनम
का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी मेरा साथ दिया तो मैंने उसको उठा कर
अपनी गोद में बैठा लिया और पूनम का एक चुचा दबाने लगा.
वो भी मस्त मस्त
सिसकारी लेने लगी.
तभी नाईटी पहन कर
नीलम भाभी भी आ गईं, उन्होंने हम
दोनों को इस तरह बैठे देखा तो बोलीं- अरे वाह… आप लोग तो शुरू हो गए.
वो भी मेरे पास
मुझसे चिपक कर बैठ गईं.
मैं नीलम के
होंठों को किस करने लगा और पूनम की चुचियां दबाने लगा. दस मिनट तक लिप्स चूसने के
बाद हम तीनों उठ कर बेडरूम में जाने लगे.
मेरे साथ बेडरूम
में आते ही नीलम ने मेरी शर्ट उतार दी, पूनम ने मेरी पैंट उतार दी. मैंने नीलम की नाईटी उतार दी और नीलम ने पूनम की
नाईटी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था, वो दोनों ब्रा और पेंटी में थीं.
मैंने नीलम को
पीछे से हग किया और उनकी चुचियां दबाने लगा. पूनम ने नीलम की पैंटी उतार दी और
नीलम की चुत पर किस करने लगी.
मैंने भी झटके के
साथ नीलम की ब्रा फाड़ दी, अब नीलम भाभी बिल्कुल
नंगी हो गई थीं. उनकी बड़ी बड़ी चुचियां क्या मस्त थिरक रही थीं. मैं उनकी चुचियां
चूसने लगा. पूनम नीलम भाभी की चुत चूस रही थी.
अब पूनम उठी और
मेरा लंड को पकड़ कर रगड़ने लगी. मेरा लंड भी अंडरवियर को फाड़ने वाला था. पूनम ने
मेरा अंडरवियर निकाला तो मेरा लंड एकदम से तन कर उसके सामने गुर्राने लगा. पूनम ने
मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
पूनम नीचे बैठ गई
और उसने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मैं खड़ा खड़ा नीलम भाभी के होंठों को चूस
रहा था. अब नीलम भाभी नीचे बैठ गईं और पूनम खड़ी हो कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी.
नीलम भाभी मेरा
लंड चूसने लगीं.
आह… भाभी क्या मस्त होकर रंडी के जैसे लंड चूस रही
थीं… बिल्कुल कुल्फी की तरह
निचोड़ने में लगी थीं.
मैं भी पूनम की
चूचियां दबाते हुए पूरी तरह से निचोड़ रहा था.
कुछ देर बाद पूनम
बोली- प्लीज़, आप मेरी फुद्दी
चूसो.
मैं बिस्तर पर
लेट गया. पूनम मेरे मुँह के ऊपर अपनी चुत को ले आई और मैं उसकी मरमरी चुत को सक
करने लगा. नीलम भाभी मेरे लंड को चूसती रहीं.
अब पूनम से
बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उसने मेरा मुँह अपनी चुत से हटा कर अपनी चुत को मेरे लंड
के ऊपर रख दिया. लंड भी पूरी तरह तैयार था. मैंने झटका दे दिया. एक ही झटके में
पूनम की चुत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. मेरा लंड पूरा पूनम की बच्चेदानी तक चला
गया था. पूनम अपने होंठ दबा कर कराहने लगी.
दो झटकों में ही
अब पूनम अपने चूतड़ों को ऊपर उठा उठा कर मेरे लंड पर मारने लगी. उधर नीलम भाभी ने
अपनी चुत को मेरे मुँह पर रख दिया. मैं नीलम की चुत को चूसने लगा.
नीलम के मुँह से
सिसकारी निकल रही थीं- प्लीज़ जानू… चूसो मेरी चुत…
मेरे पति से मेरी चुत ठंडी नहीं हो पाती…
वो चूतिया मुझको मज़ा नहीं दे पाता… आह… मैं चाहती हूँ… कि आज तुम मेरी
चुत को ठंडी कर दो… अपनी रांड बना लो…
मुझको भी उनकी
गरम बातें सुनकर मज़ा आ रहा था. मैं भी पूरे जोश में था.
पूनम अब तक 2 बार
झड़ चुकी थी. अब नीलम भाभी उठीं और भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत के मुँह
पर टिका लिया, फिर भाभी एक झटके
के साथ लंड के ऊपर बैठ गईं. उधर पूनम ने अपनी चुत को साफ किया और मेरे ऊपर झुक कर
अपनी चुचियां चुसवाने लगी. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर उछलना चालू कर दिया और
जोर जोर से चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
मैंने पूनम को
अपने करीब बैठाया और उसकी चुचियां मसलने लगा. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर बैठे
बैठे पूनम को भी मेरे सीने पर बैठा कर उसे हग कर लिया और जोर जोर से झटका मारने लगीं.
मैंने भी पूनम की
गांड में उंगली करना शुरू कर दी. कुछ देर बाद पूनम हट गई.
अब नीलम भाभी
झड़ने वाली थीं, मैं भी झड़ने
वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी
यार… अपना माल कहाँ निकालूँ.
तो नीलम भाभी
कहने लगीं- मेरी चुत में ही पिचकारी मारना… तेरा माल को पी कर ही मेरी चुत की गर्मी ठंडी होगी.
मैंने करारे झटके
मारे और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
नीलम भाभी के
चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी. अब पूनम और नीलम दोनों तृप्त दिख रही थीं.
मैंने दोनों को
नीचे बिस्तर पर लिटाया. दोनों को खूब किस किया. दोनों ही बड़ी खुश थीं.
पूनम बोली- यार
तूने आज हम दोनों को अपना लंड का गुलाम बना लिया.
वे दोनों ही मेरे
लंड को सहलाने लगीं. कुछ देर हम तीनों ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर में मेरा लंड
फिर से मस्ती में आ गया. ऐसे मस्त माल भाभी की नंगी चूत देख कर कोई मर्द लंड कैसे
शांत रह सकता था.
अब मैंने पूनम को
उल्टा लिटाया और उसके चूतड़ों पर किस करने लगा.
नीलम भाभी नीचे
लेट गईं और मैंने अपना लंड नीलम भाभी के मुँह में डाल दिया. अब मैं नीलम भाभी को
लंड चुसा कर पूनम की गांड मारना चाहता था.
मैंने पूनम को
बोला- यार पूनम अब गांड को मज़ा लेना है.
पूनम और नीलम
दोनों ही खुशी से बोलीं- हम भी यही चाहते हैं.
मैंने पूनम को
डॉगी स्टाइल में किया और अपने लंड को पूनम की गांड के छेद पर रख कर धक्का दे दिया.
पूनम के मुँह से
एकदम से चीख निकली- हाय मर गई… बहुत बड़ा लंड है…
प्लीज़ बाहर निकालो… मैं मर जाऊंगी.
तभी नीलम भाभी ने
अपनी एक चुची पूनम के मुँह में दे दी. पूनम की आवज चूची के कारण दब कर रह गई. फिर
उसने भी नीलम की चुचि चूसना शुरू कर दिया.
मैंने धीरे धीरे
अपना पूरा लंड पूनम की गांड में डाल दिया और पूनम के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा.
पूनम के नीचे नीलम भाभी लेट गईं और पूनम की चुचियां चूसने लगीं.
इस तरह मैं 20
मिनट तक पूनम की गांड मारता रहा. फिर नीलम घोड़ी बन गई और पूनम नीचे हो गई. मैंने
अपना लंड नीलम भाभी की गांड के छेद पर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड गांड के
अन्दर पेल दिया. नीलम भाभी की चीख निकल गई, उनकी आँख से आँसू आने लगे.
मैं थोड़ा रुक गया.
जब नीलम भाभी का
दर्द कुछ कम हुआ, तो फिर से गांड
चुदाई शुरू कर दी. धकापेल 15 मिनट तक गांड मारने के बाद हम दोनों ही झड़ गए. उधर
पूनम ने भी अपनी उंगली से खुद को एक बार और झड़ा लिया था.
उस रात हम तीनों
ने कई बार चुदाई का मज़ा लिया. सुबह 6 बजे हम तीनों फ्रेश हुए और मैं चलने लगा.
नीलम भाभी ने
मुझको 10000 रूपए दिए और होंठों पर पप्पी दी.
पूनम ने भी मुझे किस किया और चुदाई के लिए थैंक्स बोला.
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