एक बार मैं अपनी
बुआ के यहां गया. बुआ के बेटे की नई – नई शादी हुई थी. रात में मैं भैया और भाभी के साथ बैठ कर बात कर रहा था. तभी
भैया सो गए और मैंने भाभी को चोद दिया…
नमस्ते दोस्तों,
मेरा नाम राहुल है और मैं मध्य प्रदेश के
ग्वालियर जिले का रहने वाला हूं. मैं अन्तर्वासना का काफी पुराना पाठक हूं. यहां
प्रकाशित होने वाली सभी कहानियां मुझे अच्छी लगती हैं. आज मैं भी आप लोगों के लिए
अपनी कहानी लेकर आया हूं, जिसे पढ़ कर
भाभियां, आंटियां और लड़कियां अपनी
चूत में उंगली डाल के चूत अंदर – बाहर करने को
मजबूर हो जाएंगी.
अब मैं अपनी
स्टोरी पर आता हूं. बात आज से एक महीने पहले की है. तब मैं अपनी बुआ के घर गया हुआ
था. वहां मेरी बुआ के लड़के की नई – नई शादी हुई थी. शादी के बाद मैं पहली बार बुआ के यहां गया था. जब मैं वहां
पहुंचा और भाभी मेरे सामने आईं तो मैं उनको देखता ही रह गया. क्या माल थीं भाभी!
एक दम मस्त और सेक्सी. वो भी मुझे देख कर खुश हुईं क्योंकि बुआ ने उनको मेरे बारे
में बता दिया था.
फिर शाम को भाई
आए तो मुझसे मिल कर बहुत खुश हुए. इसके बाद मैंने बुआ – फूफा से काफी बातें कीं. रात में जब सब खाना खा चुके तो मैं
भाई – भाभी के रूम में चला गया
और बातें करने लगा. उस समय भाई एक चारपाई पर लेटे थे और भाभी दूसरी चारपाई पर थीं.
मैं भाभी वाली चारपाई पर बैठा था.
बातों ही बातों
में एक – दो बार मेरा हाथ भाभी की
जांघ पर टच हो गया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं
धीरे – धीरे उनके तरफ अपना पैर
सरकाने लगा. अब मेरा पैर उनके पैरों से टच हो रहा था. इसके बावजूद उन्होंने कुछ
नहीं कहा. फिर मैं पैर से ही उनके पैर को सहलाने लगा. इस पर भी उन्होंने कोई विरोध
नहीं किया तो मैं मज़े लेने लगा.
फिर मैंने भाभी
के ब्लाउज के ऊपर हाथ रख दिया. जब उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैं उनके बूब्स दबाने
लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं लगातार उनके बूब्स दबाता रहा. कमरे में अंधेरा
था इसलिए हम क्या कर रहे थे ये भाई को नहीं दिख रहा था तो हम बिना किसी डर के
चुपके – चुपके अपना काम कर रहे
थे.
कुछ देर तक उनके
बूब्स मसलने के बाद फिर मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी. नीचे उन्होंने
कुछ नहीं पहना था. ऐसे में मेरी उंगली सीधा उनकी चूत से टच हो गई. उंगली चूत से टच
होते ही उन्हें जैसे कोई करंट सा लगा और वो एक दम से ऊपर को उठ गईं.
इतनी देर से
बूब्स दबाने की वजह से उनकी चूत गीली हो चुकी थी. फिर मैंने अपनी उंगली बाहर
निकाली और उसे मुंह में लेकर उनका चूत रस चाट गया. ऐसा करने से मेरी उंगली गीली भी
हो चुकी थी. फिर मैंने उंगली को दोबारा उनके पेटिकोट के अंदर कर दिया.
इस बार मैं उंगली
को सीधा उनकी चूत के छेद तक ले गया और अंदर घुसेड़ दिया. फिर मैं उनकी चूत में अपनी
उंगली अंदर – बाहर करने लगा.
बड़ा मज़ा आ रहा था. वो भी खूब मज़े ले रही थीं. ऐसे ही उंगली अंदर – बाहर करने की वजह से उनकी चूत ने पानी छोड़
दिया. जो पूरा का पूरा मेरे हाथ में आ गया.
कुछ देर बाद भाई
सो गए और उनकी नाक बजने लगी. फिर क्या था, मैंने भाभी को पकड़ लिया और किस करने लगा. साथ ही मैं उनके बूब्स भी दबाता जा
रहा था. इसी बीच भाभी ने भी मेरा लन्ड पकड़ लिया और सहलाने लगीं. इसके बाद
उन्होंने मेरी शॉर्ट्स को खींच कर उतार दिया और मेरा लंड चूसने लगी.
इस दौरान मैं
उनको बूब्स दबा रहा था. फिर कुछ समय बाद हम लोग 69 की पोजिशन में आ गए. अब मैंने
अपना मुंह उनकी चूत पर लगा दिया और चाटने लगा. वो भी उल्टा होकर मेरा लंड चूस रही
थी.
उनकी चूत चूसने
के साथ ही मैं बीच – बीच में अपनी एक
उंगली उनकी चूत में डाल देता तो कभी दो उंगली. मेरे ऐसा करने से वो चिहुंक उठतीं.
कुछ टाइम बाद फिर वो दोबारा झड़ गईं और इस बार मैं उनका सारा पानी पी गया.
अब हमसे कंट्रोल
नहीं हो रहा था तो वो धीरे से बोलने लगीं, “राहुल, अब बिल्कुल भी
रहा नहीं जाता, जल्दी से मेरे
अंदर अपना लंड डाल कर मुझे चोद दो और मुझे हमेशा के लिए अपनी बना लो”. दोस्तों, भैया की चारपाई थी तो थोड़ी दूर लेकिन फिर भी तेज बोलने पर
आवाज उन तक जा सकती थी इसलिए हम एक दम धीमी आवाज में बात कर रहे थे.
उनके मुंह से यह
बात सुन कर मैंने भी बिना देर किए उनको साइड में लेटा दिया और फिर उनकी चूत पर
थोड़ा सा थूक लगाया, जिससे उनकी चूत
गीली हो जाए और लंड अंदर जाने में आसानी हो. इतना करने के बाद मैंने लंड का सुपाड़ा
उनकी चूत के छेद पर रखा और धक्का देकर अंदर कर दिया.
जैसे ही लंड का
सुपाड़ा उनके अंदर गया, उनके मुंह से
दर्द भरी चीख निकलने को हुई लेकिन उससे पहले ही मैंने उनकी साड़ी का एक कोना उनके
मुंह में ठूस दिया. इससे उनका मुंह बंद हो गया और आवाज बाहर नहीं आ पाई. ऐसा मैंने
इसलिए किया क्योंकि उनकी थोड़ी भी आवाज हमें मुसीबत में डाल सकती थी.
इसके बाद अगले ही
झटके में मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया. उन्हें तेज दर्द हुआ और वो
खुद को छुड़ाने लगीं. यह देख मैं थोड़ा रुका और उसके बाद फिर से चुदाई करने लगा.
अब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो वो मेरा साथ देर लगी. कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा,
फिर वो “और जोर से जानू, आह आह और जोर, मज़ा आ रहा है ऐसे
ही करते रहो” की आवाज़ करने
लगी. चूंकि भाई पास ही लेटा था इस वजह से वो ज्यादा तेज आवाज़ नहीं कर रही थी.
फिर कुछ टाइम बाद
वो झड़ गईं पर मैं अभी नहीं झड़ा था. अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनको धकापेल
चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला हुआ तो पूछा कि कहां निकलूं? इस पर उन्होंने कहा कि चूत में ही डाल दो. इसके
बाद 8-10 धक्के मार के मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.
फिर कुछ टाइम बाद हम दोनों अलग हुए. इसके बाद मैं वहां से उठा और अपने बिस्तर पर जाके सो गया. उसके बाद जब भी मौका मिलता है मैं उनको चोदता हूं. अगली कहानी में मैं आप सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने भाभी की बड़ी बहन को चोदा. आपको मेरी कहनी कैसी लगी.
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