ये भाई बहन के
बीच सेक्स कहानी,भाई बहन की चुदाई
की हैं,कैसे भाई ने बहन को चोदा
और बहन ने अपने भाई से चुदवाया. मैने पहली बार मेरी सगी बहन रश्मि को चोदा था और
इस काम में मेरी मदत मेरी भाभी अंजू ने की थी. और अब में स्टोरी पर आता हु. पहले
में आप लोगो को अपने बारे में बताता हु मेरी उमर २६ साल हे और में दिखने में एकदम
हेंडसम हु, मेरी बोडी एवरेज टाइप की
हे और मेरे लंड का साइज़ ६.५ इंच लंबा और ३ इंच मोटा हे.मेरी बहन का नाम रश्मि हे
और उसकी उमर २४ साल की हे और उसका फिगर ३२-२८-३४ हे. और वह दिखने में एकदम जूही
चावला जेसी दिखती हे. मेरी बहन को देख कर बुढ्हो का भी लंड खड़ा हो जाये. रश्मि १२th
के बाद एक कोल सेंटर में जॉब करती हे और अब बात
करते हे मेरी भाभी की जिसका नाम अंजू हे और उसकी उमर २५ साल हे. उसका फिगर
३४-२८-३६ हे और वह बिल्कुल उर्मिला मातोंडकर जेसी दिखती हे.
बहन की चुदाई
भाभी की मदद से
बहन की चुदाई
यह मेरे ताऊजी की
बहु हे यानी के मेरे ताउजी के लड़के की वाइफ जो हमारे घर के पीछे की तरफ रहते हे.
और मैने आप को पहले ही बताया हे की मैने किस तरह मेरी भाभी की चुदाई की थी और उसके
बाद हमारा यह खेल महीने में २५ दिन तक होता था. मोक मिलते ही भाभी मेरे लंड की
प्यास को बजाने आ जाती थी. मेरे घर में मेरी बहन रश्मि के अलावा माँ और पिताजी भी
हे. माँ ऑफिस में जाते हे और माँ घर का काम संभालती हे और वह साथ में एक स्कुल में
भी पढ़ाने के लिए जाती हे.आप ये चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर
पड़ रहे है। बेहें जब चली जाती तब भाभो हर रोज मेरे पास चुदवाने के लिए चली आती थी
और एक दिन चुदाई करते समय मेर्री भाभी ने मुझे कहा.
अंजू : क्या कहते
हो मेरे रंडी बाज देवर तुम्हे में ज्यादा मजा देती हु के तुम्हारी गर्ल फ्रेंड?
में : जो मजा घर
की रखेल को चोदने में हे वह बहार किसी भी रंडी को चोदने में नही हे.
भाभी : और घर की
रखेल में मेरी जगह कोई और होती तो?
में : क्या करू
जान मेरी कोई और भाभी नहीं हे सिर्फ तू ही हे.
भाभी : अगर मेरी
जगह रश्मि होती तो?
में यह सुन कर
थोडा चोंक सा गया लेकिन अच्छा लगा सुन कर की काश मेरी बहन की चूत का स्वाद भी मिल
जाये. में तो चाहता था की बहन की चुदाई का भी में मजा लू.
में : यह तो उसे
चोदने के बाद ही पता चलेगा की तू ज्यादा नमकीन हे या वह हे.
भाभी : चलो अब
बाते बंद करो और मेरी प्यास बुजा दो आग लगी हे मेरी चूत में.
मैने भाभी को
चूमना चाटना चालू कर दिया पर मेरा ध्यान रश्मि पर था की काश एक बार मेरी बहन की
चूत भी मुझे मिल जाए साली क्या माल हे, और फिर मैने भाभी को बोला
में : तुम मेरी
मदद करोगी?
भाभी : किस काम
में केसी मदद?
में : मुझे रश्मि
की बुर का स्वाद लेना हे.
भाभी : पागल हो
गया हे क्या? वह नहीं मानेगी
और ये बहोत ही मुश्किल हे क्योंकि वह तुम्हारी बहन हे.
में : मुझे वह
कुछ भी पता नही हे, तू मेरे लिए कुछ
भी कर. नहीं तो में तुजे नही चोदुंगा.
भाभी : में कोशिश
करुँगी लेकिन पक्का नहीं कह सकती के क्या होगा, सोच लो.
में : हा मैने
सोच लिया मुझे बस रश्मि को चोदना हे बस चोदना हे.
भाभी : ठीक हे
मुझे तो चोद ले हरामी, और फिर मेरी और
उसकी रास लीला शुरू हो गयी और एक घंटे के बाद भाभी चली गई और में मेरी बहन की ब्रा
और पेंटी ढूंढने लगा और मुझे उसकी ब्लेक पेंटी मिल भी गई और में उसे सूंघने
लगा.आह्ह्ह अहः क्या मस्त नशीली खुशबु आ रही थी उसमे से. मेरा लंड तो फिर से खड़ा
हो गया मैने रश्मि को सोच कर मुठ मारी, और में लेट कर रश्मि के बारे में सोचने लगा, थोड़ी देर बाद डोर बेल बजी मैने दरवाजा जाके खोला और देखा
तो मेरी बहन आ गयी थी उसका जिस्म देख कर मेरा मन मचल गया और में मन में सोचने लगा
की साली क्या मस्त कडक माल हे तू, एक बार मेरे लंड
से चुदवा के देख ले हरामजादी.आप ये चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर
पड़ रहे है। रश्मि अंदर आकर बैठ गयी रोज की तरह, उसने सलवार और सूट पहना हुआ था सफ़ेद कलर का जिसमे उसकी
अंदर की समीज साफ़ दिख रही थी, फिर बहन फ्रेश
होने के लिए गयी और मैने तभी भाभी को कोल किया.
में : हेलो जान.
भाभी : क्या हुआ
देवरजी?
में : रश्मि आ
गयी हे कब तक मुझे इसकी दिलवा दोगी?
भाभी : थोडा सबर
तो रखो ज्यादा जल्दी भी मत करो, में वही पर आती
हु और तुम मुझे रश्मि के सामने फ्लर्ट करना और मुजे टच करने की कोशिश करना. और तुम
यह भी भूल जाओ के आज ही बहेनचोद बन जाओगे.
में : ठीक हे
जल्दी आ जाओ यह कह कर मैने फोन रख दिया और इधर से रश्मि भी बाथ रूम से बहार आ चुकी
थी और वह टीवी देखने लगी थी. में आगे वाले रूम में जाके मोबाईल में पोर्न देखने
लगा. और थोड़ी देर में अंजू भाभी आ गयी और मैने डोर खोला.
वह घर में आई और
रश्मि के पास जा के बैठ गयी, और में भी उठ कर
अंदर वाले रूम में आ गया.
में : भाभी क्या
बात हे? आज तो आप बहोत अच्छी तयार
हो कर आई हो कही भैया के साथ बहार जाने का प्लान हे क्या?
भाभी : अरे वो
कहा मुझे लेकर जायेंगे उनके पास तो टाइम ही नही हे.
रश्मि : हां भाभी
मुझे भी यही लग रहा था की आप कही बहार जा रही होगी.
भाभी : अरे में
कहा जाउंगी वह मुझे कही लेकर जाए तो जाऊ ना, वह तो मुझे कही भी लेकर नहीं जाते हे.
में : तो चलो में
आपको ले चलता हु.
भाभी : तुम मुझे
कहा लेकर जाओगे?
में : लवर्स
पॉइंट पर.
भाभी : अगर
तुम्हारे भैया को पता चला ना तो तुम्हारा कुछ नही पर मरा चेहरा जरुर लाल कर देंगे.
रश्मि : उसमे
क्या भाभी, तुम देवर के साथ हो तो
जाओगी और कोई पराया थोड़ी ना हे.
भाभी : मैने तो
उनको छोड़ के किसी के भी साथ कभी नहीं जा सकती, में मन में सोच रहा था की साली कितनी बड़ी रंडी हे रोज चुद्वाती
हे मेरे से और अभी सती सावित्री बन रही हे.
रश्मि : बेठो में
चाय बना देती हु, रश्मि किचन में
गयी तो मैने भाभी को एक लिप किस किया, और भाभी ने मेरे हाथ में से मेरा मोबाईल एकदम से छीन लिया और बोली.
भाभी : दीदी यह
मोबाईल देखो तो यह कोनसा वीडियो देख रहे थे, मुझे नहीं मालुम था की यह रंडी कोई चाल चल रही हे, मेरी तो गांड फट गई क्योंकि ने पोर्न देख रहा
था, में मोबाईल छिनने की
कोशिश करने लगा लेकिन भाभी ने मेरा मोबाईल ब्लाउज में रख दिया और इतनी देर में
रश्मि भी आ गयी.
रश्मि : क्या हुआ
भाभी? बताऊ दीदी को क्या देख
रहे थे?
में : मेरा
मोबाईल दे दो नहीं तो में निकाल लूँगा, और मेरी बहन वही खड़ी खड़ी हस रही थी.
भाभी : हिम्मत हे
तो निकाल के दिखाओ और नही निकाल सकते तो में दीदी को बोल दूंगी के तुम क्या देख
रहे थे.
रश्मि : भाभी यह
क्या कर रहा था जरा मुझे भी तो बताओ?
में : मोबाईल दो
मेरा.
भाभी : निकाल लो
हिम्मत हे तो, मेरी तो अब गांड
फटने लगी थी क्योंकि रश्मि और घर के बाकि लोगो के सामने हमारा रिश्ता अभी भी भाभी
और देवर का ही हे, लंड और चूत का
नहीं. मैने कहा अगर रश्मि नही होती तो में निकाल लेता.
भाभी : समज लो
दिदि यहाँ पर नहीं हे निकाल लो, हे हिमत?
रश्मि : तुम
दोनों जानो के क्या करना हे, मेरी तो चाय पक
रही हे, रश्मि किचन में गई और
मैने भाभी की ब्लाउज में हाथ डाल दिया.
में : मेरा
मोबाइल दो.
भाभी : में नहीं
दूंगी ऐसा बोल कर वह मोबाईल को हाथ से दबाने लगी थी, हम दोनों मोबाईल के लिए इतनी कशमकश कर रहे थे की भाभी कब
बेड पर लेट गई और में उनके उपर चढ़ कर उनके ब्लाउज में से मोबाइल निकाल ने की
कोशिश कर रहा था यह मुझे कुछ भी पता नहीं चला.आप ये चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स
स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। रश्मि : ये लो चाय पि लो तुम. रश्मि ने हम को ऐसे
देख लिया पर वह कुछ भी नही बोली क्योंकि उसे लगा की हम लोग मस्ती कर रहे हे.भाभी :
यह ले लो, मुझे तुम्हारा मोबाइल
नहीं चाहिए में तो ऐसे दस खरीद लुंगी तुम्हारे भैया से बोल के.
रश्मि : आज पहली
बार तुमको ऐसा इतनी मस्ती करते हुए देखा हे वरना कभी भी ज्यादा बात नही करते हो आप,
ऐसा क्या हे इस मोबाइल में?
भाभी : इनकी गर्ल
फ्रेंड के फोटो देख रहे थे बिना कपडे वाले, ऐसा बोल के वह हस दी, और में भी शरमा गया. दीदी आपका मोबाईल दो ना मुझे आपके भैया
को फोन लगाना हे. रश्मि ने मोबाइल दे दिया लेकिन भाभी ने उसे भी ब्लाउज में रख
लिया और बोली.
में घर जाकर
देखूंगी के इसमें किसके किसके फोटो हे.
रश्मि : यही पर
देख लो ना उसमे कुछ भी नही हे.
थोड़ी देर के बाद
भाभी रश्मि का मोबाइल देकर चली गई और तब तक माँ भी आ चुकी थी, और इसी तरह रोज दिन में में और भाभी बहन के
सामने मस्ती करते थे और धीरे धीरे मेरी बहन को हम पर शक होने लगा था, क्योंकि जब भी मेरी बहन ऑफिस से घर पर आती तब
मेरी बहन यही पर मिलती थी. और में आज कल घर में शर्ट निकाल कर घुमने लगा था.आप ये
चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। एक दिन भाभी ने मुझे
बताया की जब में घर में नहीं था तब उनके और रश्मि के बिच क्या बात हुई.
भाभी : आप को कोई
बॉय फ्रेंड हे की नहीं?
रश्मि : नही,
क्यों?
भाभी : क्या दीदी
आप भी ना इतनी सुंदर हो और जूठ मत बोलो.
रश्मि : नही हे
भाभी, लेकिन आपका शादी से पहले
जरुर रहा होगा, और वह कुछ बोली
नही और स्माइल देने लगी.
रश्मि : अच्छा तो
सच में था मतलब.
भाभी : हां,
लेकिन तुम्हारे भैया को यह बात पता नही चलनी
चाहिए.
रश्मि : अरे वह
पहले था ना और आब कहा से पता चलेगा.
भाभी : अब भी
मेरा एक हे.
रश्मि : क्या,
कोन भाभी,
भाभी : हे कोई.
रश्मि : भाभी यह
गलत हे और भाई को पता चल गया तो?
भाभी : तुम्हे
नही पता चला तो उनको कहा से पता चलेगा?
रश्मि : मुझे नही
पता मतलब?
भाभी : कुछ नही
छोडो. तुम बताओ तुमने किसी को बॉय फ्रेंड बनाने की नहीं सोची हे क्या?
रश्मि : भाभी आप
पहले बताओ की आप गलत क्यों कर रही हो? आप की तो शादी भी हो चुकी है और फिर भी.
भाभी : में नही
चाहती की मेरा और तुम्हारे भाई का रिलेशन ख़राब हो लेकिन वह मुझे बिस्तर पर खुश
नहीं रख पाते और अगर यह बात ने उन्हें बताउंगी तो रिलेशन पर असर पडेगा, इसीलिए मुझे बहोत सोच समज कर यह कदम उठाना
पड़ा. लेकिन प्लीज़ तुम किसी से नहीं कहना और यह मेरी और तुम्हारे भैया की जिंदगी
का सवाल हे, क्या आप यह चाहती
हो के हम लोग अलग हो जाये?
रश्मि : ठीक हे
किसी को नही कहूँगी.
भाभी : तुम्हारा
कोई बॉय फ्रेंड क्यों नही हे?
रश्मि : में ऐसे
ही किसी को नहीं बनाउंगी किसी मर्द को सिलेक्ट करुँगी.
भाभी : लेकिन
उसके लिए तो पहले आप को उसके साथ हमबिस्तर होना पड़ेगा.
रश्मि : तो क्या
करू भाभी आप ही बताओ.
भाभी : क्यों
अपनी जवानी बरबाद कर रही हो? एक बार जवानी चली
गई तो बहोत पछताओगी खुल के मजे लो जवानी के और कोई अपना बॉय फ्रेंड बना लो.
रश्मि : क्या
भाभी आप भी, लड़के सिर्फ एक ही
चीज के लिए गर्ल फ्रेंड बनाते हे और फिर मुझे डर लगता हे.
भाभी : अगर लड़के
एक ही चीज के लिए गर्ल फ्रेंड बनाते हे तो तुम भी सिर्फ एक ही चीज के लिए बॉय
फ्रेंड बना लो. और बहार डर लगता हे तो घर में कर लो मरी तरह.
रश्मि : भाभी आप
घर में किस से..
भाभी : आप किसी
को बताओगी नहीं तो आप को भी में दिलवा दूंगी.
रश्मि : नहीं
बताउंगी
भाभी : देवरजी से,
फिर कुछ देर बाद भाभी चली गई और रात में मेरे
मोबाईल पर मेसेज आया.
भाभी : दीदी कहा
हे देवरजी?
में : घर में हे.
भाभी : ठीक हे,
और फिर में अपनी गर्ल फ्रेंड से बात करने लगा.
मैने देखा की रश्मि बड़े गौर से मोबाईल में कुछ कर रही थी लेकिन मैने देखना सही
नहीं समजा.
अगले दिन जब भाभी
घर पर आई तो आते ही बोली.
भाभी : आज मेरा
रंडीबाज देवर बहनचोद बन जायेगा.
में : क्या बात
कर रही हे मेरी रंडी, तूने उसे मना
लिया क्या?
भाभी : नही लेकिन
आज तेरा काम बन गया लगता हे, और अब ये बताओ की
दीदी ने रात को कब तक मोबाइल चलाया?
में : येही कोई १
बजे तक क्यों?
भाभी : कल रात की
मैने दीदी को कुछ गन्दी गन्दी कहानिया सेंड कर दी थी भाई बहन वाली.
में : भाभी अगर
आज मेरा काम हो गया तो में तेरी बहोत ही धमाकेदार चुदाई करूँगा और नहीं हुआ तो
तेरी गांड को फाड़ के रख दूंगा.
भाभी : फाड़ देना
में भी यही तो चाहती हु की तू मेरी फाड़ के रख दे. तभी भाभी के पास रेशमा का मेसेज
आया उसमे लिखा था एस मैने मेसेज पढ़ा. तो भाभी ने मुझे बताया की मैने उसे कहानी
सेंड करने से पहले मेसेज किया था की अगर तुम बॉय फ्रेंड बनाना चाहती हो तो देवरजी
ने क्या बुराई? हे घर की बात घर
में रहेगी और किसी को कुछ शक भी नही होगा. और अगर तुम कहो तो में देवरजी से बात
करू, कल तक तुम सोच कर बता देना
और उसे एक कहानी और सेंड की और मुझसे कहा.आप ये चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स
स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। भाभी : जब वो आएगी तब हम दोनों बिस्तर पर लेटे
रहेंगे और बाकी काम आप मुज पर छोड़ देना.में : ओके शाम को जब रश्मि आई तो में
बिस्तर में लेटा हुआ था और भाभी ने गेट खोला और फिर आकर मेरे बगल में लेट गयी.
रश्मि यह देख कर मुस्कुराई लेकिन कुछ भी नही बोली, लेकिन में उठ के बेठ गया, मुजे थोड़ी शर्म और डर लग रहा था.
भाभी : दीदी से
ज्यादा तो आप डर रहे हो देवरजी.
रश्मि : भाभी में
क्यों डरूंगी मैने आप के जेसे कुछ गलत थोड़ी ही कुछ किया हे?
भाभी : चलो ठीक
हे कोई नहीं डर रहा लेकिन मेंरा एक काम कर दो बस तुम दोनों …
हम दोनों भाई बहन
एक साथ बोले : क्या अब ऐसे अंजान मत बनो और तुम दोनों को पता नहीं हे की क्या करना
हे तो हम तुम बेठो में तो जा रही हु मैने भाभी का हाथ पकड़ा और कहा.
में : तुम कहा जा
रही हो अभी तो खेल शुरू हुआ हे.
भाभी : आज दूसरी
पिच पर खेलना और फिर रश्मि का हाथ पकड पर उसे मेरे ऊपर गिरा दिया. मैने भाभी का
हाथ नहीं छोड़ा लेकिन एक हाथ रश्मि को पकड लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था,
मन तो कर रहा था की रश्मि को नंगा कर के चोद डू
लेकिन ऐसा नहीं किया, रश्मि क्या माल
लग रही थी उसने रेड सलवार सूट पहन रखा था.
मैने भाभी से कहा
में : यही रुको न
प्लीज़.
भाभी : अब तुम
बोलते हो तो रुक जाते हे.
और भाभी ने मेरे
जींस की जिप पार हाथ रख के लंड को रगड़ना चालू कर दिया. मैने हिमत कर के रश्मि के
लिप्स पर लिपस रखे और जब उसने कुछ नहीं कहा तो में उसके लिप्स को चूसने लगा. भाभी
मेरे लंड को जींस के ऊपर से मसलने लगी थी और में रश्मि के बूब्स को सहला रहा था.
में : आःह अह्ह्ह
अह्ह्ह रश्मि मेरी बहन तेरे लिए में कब से तडप रहा था, रश्मि भी मेरा साथ दे रही थी लेकिन थोडा डरी हुई थी और मैने
उसके बूब्स को दबाना चालू कर दिया.
रश्मि :
आःह्ह्ह्हह धीरे. में और जोर जोर से बहन के बूब्स को दबाने लगा और बहन मेरी जान है
तू रश्मि आहाह आम्म्म.
भाभी : ओये मेरे
रंडी बाज देवर जेसा मुझे बोलते हो वैसा ही बोलो नहीं तो में भी तुम्हारी गलिया नही
सुनूंगी,
में : रश्मि मेरी
बहन मरी रंडी आय लव यु.
रश्मि : आह आह्ह
भाई.
मैने रश्मि के
सूट को उपर किया और उसकी रेड ब्रा उह्ह्हह्ह, क्या मस्त बूब्स थे मेरी बहन के. मैने तो जल्दी से उसकी
कुर्ती निकाल दी वो शरमा गई और अपने हाथ से छुपाने लगी. मेरी भाभी ने उसके हाथ
पकडे लेकिन उसने हाथ नहीं खोले. मैने भाभी का ब्लाउज निकाल दिया और कहा.
में : मेरी बहन
आज से तू मेरी हे. अपनि भाभी से मत शरमा और मैने उसके हाथ को पकड के धीरे धीरे अलग
किया. अब में रश्मि के बूब्स को ब्रा के ऊपर से मसल रहा था.
रश्मि : भाई धीरे
आह्ह अह्ह्ह अहह मम्म अम्म्म ओह्ह ओह्ह ओह्ह भाई. इधर भाभी ने रश्मि की सलवार
निकाल दी और खुद भी नंगी हो गयी.
रश्मि को बहुत
शर्म आ रही थी लेकिन में उसके बूब्स दबा रहा था तो उसे खूब मजा आ रहा था, मैने रश्मि के ब्रा को अलग कर दिया उफ़फ क्या
मस्त गोर चिकने बूब्स थे बहन के?
में :
वाह्ह्अह्ह्ह मेरी रंडी बाज बहन क्या मस्त गोर बूब्स हे तेरे रंडी, एकदम सॉफ्ट सॉफ्ट हे.. उफ्फ्फ्फ़ में उन्हें
चूसने लगा और एक हाथ से रश्मि की बुर को पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा भाभी ने
मेरी जींस उतार दी थी और शर्ट तो मैने पहनी ही नही थी.अब में चड्डी ने था और रश्मि
पेंटी में. और मेरी भाभी ने ब्रा और पेंटी पहन रखी थी. मैने भाभी की ब्रा निकाल
फेकी और में रश्मि के बूब्स को चूसने लगा और रश्मि की पेंटी के अंदर हाथ डाल के
बुर मसलने लगा. भाभी भी मेरा साथ दे रही थी. वो एल हाथ से खुद को मसल रही थी और
दुसरे से रश्मि के बूब्स दबा रही थी.आप ये चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट
कॉम पर पड़ रहे है। बहोत देर तक रश्मि के बूब्स चूसने के बाद में रश्मि के दोन्हो
पेरो के बिच में बेठ गया और उसकी बुर को चाटने लग गया लेकिन भाभी ने मुझे उठा दिया
और कहा की लेट जाओ.मैने ऐसा ही किया में लेट गया और फिर मेरी भाभी ने रश्मि को
मेरे मुह पर बेठने को कहा. रश्मि ने उसकी चूत को मेरे मुह पर रख दिया और में उसको
चाटने लग गया और तब भाभी मेरे लंड को चाट रही थी.रश्मि : आह्ह अह्ह्ह हह्ह्ह मम्म
अह्हह ममं ओघ्ह्ह हाहाह भाई और कर हाहाह हहह आह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह मुझे पहले पता
होता की चुदाई में इतना मजा आता हे तो में कब से तुजसे चुदवा लेती मुझे तो लगता था
की चुदाई करने में सिर्फ मर्द को मजा आता होगा और ओरत की तो हालत ख़राब हो जाती
हे. लेकिन में गलत थी तुम मेरी चूत चाट रहे हो या मुझे स्वर्ग की सफर करा रहे हो
ये मुझे समज में नही आ रहा हे. मुझे अगर पहले मिल जाते तो में आज तक तुम्हारी
पक्की रंडी बन गई होती और तुजे पराई ओरत के पास अपने लंड को शांत करने के लिए जाना
भी नहीं पड़ता मेरे प्यारे भाई और चूस मेरी चूत को आज इसका सारा का सारा माल तू
निकाल के पि जा. आअज मुझे सच्चा अहसास हो रहा हे की एक पुरुष ओरत की चूत को केसे
चाट के साफ कर के उसे आनंद देता हे और उसे स्वर्ग में पंहुचा देता हे. आहाह्ह
अह्ह्ह ..अहह्ह्ह ओह्ह्ह्ह.
भाभी : आज देखो
दीदी तुम्हे जवानी का अहसास होगा. में तो लगा रहा था चूत को चाटने में. और मेरा
लंड बहोत ही टाईट हो चूका था. और उसे अब किसी का होल चाहिए था.
मैने रश्मि से
कहा.
में : चल आजा
मेरी रंडी बहन अब तूने मुझसे बहोत चुसवा लिया हे और अब तू अपने भाई का मिठा मीठा
लंड चूस के उसको खुश कर दे.
रश्मि : नहीं में
यह कभी नहीं कर सकती मुझे एकदम गंदा लगता हे और मुझे एकदम से उलटी आ जाएगी.
भाभी : रहने दो
देवरजी उसके साथ जोर जबरदस्ती ना करो उसका पहली बार हे और वह भी धीरे धीरे रंडी की
तरह तुम्हारा लंड चूसने लग जाएगी और फिर तुम्हे भी बहोत मजे कराएगी लेकिन अभी तो
शुरुवात हे तो तुम जरा आराम से करो.
अब मेरे लंड को
तो ठंडा करना ही था तो मैने रश्मि को लेटाया और उसकी गांड के निचे तकिया लगाया और
चार पाच थप्पड़ उसकी गांड पर मार दिए और उसकी गांड मैने गोरी गोरी से एकदम टमाटर
की तरह लाल लाल कर दी.
रश्मि : हरामजादे
चोद रहा हे की मार रहा हे मुझे.
भाभी : प्यार से
चोद लो देवरजी. यह बहन हे आप की, भाभी नहीं हे जो
सब कुछ चुपचाप सहन कर लेग. मेरी तो मज़बूरी हे की मुझे मेरा मर्द खुश नहीं कर सकता
वर्ना पराये मर्द के पास कोई नारी नहीं जाएगी और आज कल तो सबका फेशन चल रहा हे
शादी से पहले एक बार सिल तुडवाने का. तो आप अपनी बहन की सिल आराम से तोड़ लो.
फिर मैने अपने
लंड पे कंडोम चढ़ाया और बहन की बुर को मेरी उंगली से सहलाने लगा और फिर मैने भाभी
से कहा.
में : आज
तुम्हारी वजह से मुझे एक सिल तोड़ने को मिलेगी थेंक यु भाभी.
रश्मि : भाभी के
गुलाम आब तो मुझे चोद दे कब से तडपा रहा हे मुझे.
अब में अपना लंड
उसकी चूत के ऊपर रख के रगड़ने लगा और मेरी बहन की आह्ह अह्ह्ह हह्ह्ह अम्मम्म
अहह्ह्ह आन्हे सुनने में मुझे बहोत मजा आ रहा था. तभी भाभी ने मुझे न्यूज़पेपर दिया
और कहा की इसको बहन की चूत के निचे रख दो अगर खून निकला तो इसमें आ जायेगा,
फिर मैने भाभी को थैंक यु कहा और उसने कहा वैसे
मैने पेपर को चूत के निचे रख दिया. फिर में अपना लंड उसकी चूत में धकेलने लगा.
मैने लंड को अंदर डालने के लिए थोडा जोर लगाया और मेरी बहन जोर से चीख उठी.आप ये
चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। रश्मि : आःह हहह
अह्ह्ह हह्ह्ह हहह मर गई में आःह अह्ह्ह्ह मा मर गई साले हरामजादे आह्ह्ह अहः
बहनचोद उसकी आँख से अब आंसू निकल आये थे और मेरा तो एकदम पूरा का पूरा लंड अंदर जा
चूका था. में थोड़ी देर तक बिना जरा भी हिले वही पर रुक गया.
भाभी ने देखा तो
रश्मि की चूत से खून निकल रहा था तो वह बोली
भाभी : दीदी बस
अब काम हो गया हे अब आप को तकलीफ नही होगी. मेरी बहन रो रही थी और उसकी आँख से
आंसू आ रहे थे और उसने बहोत मुश्किल से उसकी आवज को दबाके रखा हुआ था. अब मैने
धीरे धीरे अपना लंड ऊपर निचे करने लग गया और उसे तो अभी भी दर्द हो रहा था. उसकी
आवाज निकलने लगी तो मेरी भाभी ने अपना हाथ उसके मुह पर रख दिया. और में आपने लंड
को अब जोर जोर से रगड़ने लगा. और थोड़ी देर बाद रश्मि को दर्द कम हुआ तो वह खुद
आपने आप उछलने लगी थी.
रश्मि : आह्ह्ह
अह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह आह्ह अम्मम्म येस्स उआह्ह येस्स्स्स अह्ह्ह आह्ह्ह भाई और जोर
से आह्ह्ह येस्स्स्स आज मेरी सारी प्यास मिटा दो आह्ह आह्ह और जोर से करो मुझे
बहोत मजा आ रहा हे भाई आह्ह्ह हह्ह्ह येस्स्स्स उह्ह्ह्ह येस्स्स्स. आज अपनी बहन
की चूत को फाड़ दे बहनचोद.
और फिर उसने मुझे
अचानक से बहोत टाईट पकड लिया और कहने लगी के बस बस बस में समज गया की इसका पानी
बहार आ गया हे. मैने उसे कहा रंडी २ मिनिट और रुक जाती तो क्या होता हरम जादी
मेंरा पानी भी आ जता ना कुतिया.
रश्मि : बस अब
नही प्लीज़,
में : मेरा पानी
कोण निकालेगा.
भाभी : ओये
रंडीबाज मुझे भूल गया क्या साले बहनचोद.
में : आरे मेरी रंडी तुजे तो में जिंदगी भर नही भूल सकता हु. मैने रश्मि को छोड़ दिया और फिर मैने अपने लंड का पानी मेरी भाभी को चोद कर निकाल दिया.उस दिन के बाद में, मेरी भाभी और मेरी बहन का चुदाई का खेल चालू हे.
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें