मैं आज अपनी नयी
कहानी लेकर हाजिर हूँ. यह मेरी जीवन की सबसे पसंदीदा वाकया है. यह कहानी मेरी
सच्ची कहानी है और मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को बहुत पसंद आएगी.
मैं एक अच्छे
परिवार से हूँ और मेरे परिवार में सब लोग बहुत अच्छे हैं. लेकिन मैं थोड़ा अपनी
जवानी में अपने परिवार से आगे निकल गई हूँ और अपनी प्यासी चूत को शांत करने के लिए
मैंने अपने जीजू से ही दैहिक सम्बन्ध बना लिए. मेरे जीजू मुझे देखकर बहुत पहले से
मुझे चोदना चाहते थे और उन्होंने यह बात मुझे चोदते समय बताई थी कि उन्होंने जब
मुझे पहली बार देखा था तो मुझे पसंद करने लगे थे.
मेरी दीदी थोड़ा
साधारण है और वो थोड़ा घरेलू किस्म की लड़की है. मैं भी पहले अच्छी थी और परिवार में
साधारण तरीके से ही रहती थी लेकिन जब से मेरी चूत ने लंड लेना शुरू कर दिया था मैं
अपने परिवार से थोड़ा अलग हो गयी थी. मैं अकेले कमरे में रहना पसंद करती थी और किसी
से ज्यादा बात भी नहीं करती थी.
मुझे अब चुदाई की
जरूरत थी और मुझे जब भी मौका मिलता था मैं अपनी चूत को किसी के भी लंड से चुदवाकर
शांत करती थी. मेरे दो बॉयफ्रेंड भी थे लेकिन मेरे परिवार की वजह से मैं उनसे
ज्यादा मिल नहीं पाती थी. हम लोग कभी कभी सेक्स करते थे, वो भी अच्छे से सेक्स नहीं कर पाते थे. मैं कैसे भी करके
अपनी जिंदगी और अपन प्यासी चूत दोनों को संभाल रही थी.
इसी बीच मेरी
दीदी की शादी हो गयी और उनको चूत के लिए लंड मिल गया. मेरे जीजू मुझे बहुत पसंद थे
लेकिन मैं अपने जीजू के बारे में ये सब नहीं सोचती थी कि मैं उनसे कभी चुदूँगी.
मेरे जीजू मुझसे शुरू से ही मजाक करते थे. मेरी दीदी अपने ससुराल चली गयी तो मुझे
एक फायदा हुआ था कि मैं अपने कमरे में अकेली सोती थी. मेरी दीदी जब मेरे साथ थी तो
हम दोनों को एक कमरा शेयर करना पड़ता था और मैं अपनी दीदी के डर से अपने बॉयफ्रेंड
से बात भी नहीं कर पाती थी. अब दीदी अपने ससुराल चली गयी थी तो मैं रात में अपने
बॉयफ्रेंड से बात करती थी.
मैंने मौका देखकर
अपने बॉयफ्रेंड से एक दो बार होटल में जाकर चुदाई भी करवा ली थी. मेर परिवार वालों
को शक होने लगा और मेरा घर से आना जाना थोड़ा बंद हो गया. मैं अब अपने बॉयफ्रेंड से
चुदवा नहीं पाती थी और हम दोनों लोग ऐसे ही ब्रेकअप हो गया और वो किसी दूसरी लड़की
के साथ सम्बन्ध में आ गया. मैं अब अकेली हो गई थी.
मेरी दीदी कुछ
दिन के बाद जीजू के साथ घर आई. हम सब लोग बहुत खुश थे. दीदी शादी के बाद बहुत दिन
के बाद घर आई थी और मेरी इसी बीच जीजू से बातें शुरू हो गयी. मुझे जीजू को देख कर
ही लगता था कि ये थोड़ा आशिक मिजाज हैं और वो मुझे बहुत छेड़ते थे. मैं और जीजू हम
दोनों लोग एक दूसरे से बात करते करते थोड़ा घुल मिल गए और उधर मैं अपने ब्रेकअप को
भी भूल गयी थी.
मेरे जीजू कुछ
दिन के लिए रहने आये थे दीदी के साथ हमारे घर तो हम दोनों लोग एक दूसरे को अच्छे
से एक दूसरे समझ गए थे. हम दोनों लोग एक दूसरे के पसंद और नापसंद के बारे में भी
थोड़ा बहुत जान गए थे. मेरे जीजू से मुझे बात करके अच्छा लगता था और मैं भी अब उनको
पसंद करती थी लेकिन उनसे सेक्स करने के बारे में नहीं सोचती थी. मैंने यह कभी नहीं
सोचा था कि मैं कभी अपने जीजू से चुदूँगी. मैं भी जवान थी और मेरे जिस्म के आकार
को देखकर अच्छे अच्छे लोग मुझे पसंद करने लगते थे. मेरी गांड भी गोल मटोल है,
मैं जब चलती हूँ तो वो भी हिलती है.
मेरे जीजू को
मेरी गांड बहुत पसंद है और अब तो वो मेरी गांड को भी कभी कभी जोर से दबा देते हैं.
हम दोनों लोग थोड़ा खुले हुए विचार के थे लेकिन दीदी के सामने मैं जीजू से कोई मजाक
नहीं करती थी क्योंकि दीदी थोड़ा पुराने ख्यालों वाली थी. दीदी से जीजू भी थोड़ा
डरते थे और वो भी दीदी के सामने मुझे छूते नहीं थे. हम दोनों लोग एक दूसरे से
औपचारिक तरीके से दीदी के सामने रहते थे. जीजू और मैं हम दोनों लोग कभी कभी साथ
में खाना भी खाते थे. हम लोग बहुत कुछ साथ में करने लगे थे.
जीजू और मैं हम
दोनों लोग साथ में टहलने भी जाते थे. दीदी ज्यादा घर से बाहर नहीं निकलती है इसलिए
हम लोग बाजार से कोई सामान लाना होता था तो मैं और जीजू हम दोनों लोग साथ में मेरी
स्कूटी से जाते थे. जीजू ने मुझे एक बार बताया था कि दीदी उतना खुलकर उनके साथ
सेक्स नहीं करती है. दीदी को ज्यादा सेक्स में रूचि नहीं थी और वो तो हमेशा अपने
घर के काम में ही व्यस्त रहती थी. जब से वो हमारे घर भी आई जीजू के साथ तो भी
हमेशा घर के काम में व्यस्त रहती थी.
मेरे और मेरे
जीजू के बीच अब सब कुछ साफ़ हो गया था और हम दोनों लोग सेक्स के बारे में भी बातें
करते थे. मैंने एक दिन जीजू से पूछ लिया- मेरी दीदी आपको सेक्स में मजा नहीं दे
पाती तो आप क्या करते हैं?
जीजू कुछ नहीं
बोल रहे थे तो मैंने थोड़ा जोर देकर पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम यह बात किसी को मत
बताना और उसके बाद बताया कि जब मेरी दीदी उनको सेक्स का मजा नहीं देती है तो वो
अपनी भाभी को चोदते हैं.
मुझे यह सुनकर
बहुत अजीब हुआ कि मेरे जीजू मेरी दीदी से ज्यादा अपनी भाभी को चोदते हैं.
जीजू मुझसे बात
करते करते मुझे किस करने लगे और बोलने लगे- तुम अपनी दीदी से भी ज्यादा सेक्सी हो,
तुम मुझे मजा दे सकती हो.
जीजू ने मुझे किस
करते करते अपना एक हाथ मेरी कमीज में डाल दिया और मेरी चूची को दबाने लगे. मैंने
उनको मना किया और मैं अपने कमरे में चली गयी.
लेकिन मैं भी
गर्म हो गयी थी; जीजू जब मेरी
चूची दबा रहे थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मुझे अपने बॉयफ्रेंड की याद आ
रही थी कि मेरा बॉयफ्रेंड भी मेरी चूची को ऐसे ही दबाता था. मेरी चूत में से पानी
भी निकल रहा था.
जीजू मेरे पीछे
पीछे रूम में आ गए और मुझसे माफ़ी मांगने लगे. मैंने जीजू से कहा- कोई बात नहीं!
और उसके बाद शाम
को हम दोनों लोग घर में अकेले थे. मुझे भी अपनी प्यासी चूत में लंड चाहिए था और
जीजू तो मुझे चोदना ही चाहते थे. आज हम दोनों लोग घर में अकेले थे और दीदी और
मम्मी दोनों लोग कपड़े खरीदने के लिए बाजार गए हुए थे.
जीजू मेरे कमरे
में आये और मुझे अपनी बाँहों में लेकर मुझे किस करने लगे और बोलने लगे- मैं अब
तुम्हारे बिना नहीं रह सकता हूँ. मैं तुम्हारे जिस्म को आज पाना चाहता हूँ और
तुम्हें अपना बनाना चाहता हूँ.
मेरी प्यासी चूत
भी जीजू के लंड से चुदवाना चाहती थी और हम दोनों लोग एक दूसरे को चूमने लगे. जीजू
मुझे किस कर रहे थे और मेरे होंठों को चूस रहे थे. उनका एक हाथ मेरी चूची को दबा
रहा था. जीजू मेरे होंठों का रसपान कर रहे थे.
हम दोनों लोग एक
दूसरे को किस करने के बाद थोड़ा अलग हुए. हम दोनों लोग सांसें तेज चल रही थी और हम
दोनों लोग सेक्स करने के मूड में आ गए थे. जीजू ने मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी
काली ब्रा जीजू को दिखने लगी. जीजू ने मेरी काली ब्रा भी निकाल दी और उसके बाद वो
मेरी चूची को चूसने लगे, मेरे मम्मे दबाने
लगे.
मैं भी थोड़ा ढीली
पड़ गयी थी और जीजू के सामने अपने आपको छोड़ दिया था. जीजू मुझे अपनी बाँहों में
लेकर मेरी चूची को चूस रहे थे. मेरे जिस्म की जिस्म की खुशबू से जीजू मदहोश हो रहे
थे. जीजू ने मुझे अपनी बाँहों में उठा कर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके बाद
उन्होंने मेरी जींस का बटन और जिप खोल कर उसे मेरी चिकनी जांघों पर से उतार दिया.
अब मैं जीजू के सामने एक मॉडर्न पेंटी में थी.
जीजू का लंड भी
खड़ा हो गया था और वो अपना लंड अपनी हाथ में लेकर जोर जोर से हिलाने लगे और मुझसे
बोले- नेहा, तुम अपनी पेंटी
उतार कर मुझे दिखाओ.
मुझे शर्म आयी और
मैंने जीजू को पैंटी उतारने से मना कर दिया. इस पर जीजू ने खुद ही मेरी पैंटी उतार
दी.
मेरी पेंटी
निकालने के बाद जीजू मेरी चूत को अपने जीभ से चाटने लगे. जीजू मेरी चूत को चाटते
हुए मेरी चूत को हल्का का काट भी दे रहे थे और मैं सिहर जा रही थी. जीजू ने मेरी
चूत को बहुत देर तक अपनी जीभ से चाटा और उसके बाद जीजू ने अपना खडा लंड मेरी चूत
की दरार पर रख दिया और मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे. उनका लंड मेरी चूत के पानी
से भीग गया था.
जीजू अपने लंड का
टोपा मेरी चूत में घुसा रहे थे और बाहर निकाल रहे थे लेकिन उन्होंने पूरा लंड अंदर
नहीं डाला. तभी जीजू ने मुझे अपना लंड मुझे चूसने के लिए बोला. मेरी कामुकता पूरे
उफान पर थी तो मैं भी लंड चूसना चाह रही थी तो मैं जीजू का लंड चूसने लगी.
जीजू कुछ देर
अपना लंड चुसवाने के बाद अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे. जीजू का लंड मेरी चूत
में धीरे धीरे अंदर तक घुस गया.अब जीजू मुझे चोदने लगे. मैं भी जीजू का साथ दे रही
थी और उनको किस कर रही थी, उनके बालों में
अपना हाथ फेर रही थी.
जीजू ने अपनी
चोदने की स्पीड बढ़ा दी और पूरे जोश में मुझे चोदने लगे. झटके लगने से मेरी चूची
ऊपर नीचे हो रही थी और जीजू का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था. हम दोनों
जीजा साली खूब मजा लेकर चुदाई कर रहे थे और जीजू अपना पूरा लंड एक झटके में ही
अन्दर डाल रहे थे. मेरी चूत जीजू का पूरा लंड अन्दर ले ले कर खुश हो रही थी और
मुझे बहुत शांति महसूस हो रहा था. मेरी प्यासी चूत को बहुत दिन के बाद लंड मिल रहा
था और मैं बहुत मजे से जीजू के लंड से चुदवा रही थी.
मेरी चूत चोदने
में जीजू को भी बहुत मजा आ रहा था और वो बहुत जान लगाकर मेरी चूत को चोद रहे थे.
मुझे इतना प्यार तो मेरे बॉयफ्रेंड ने भी नहीं किया था जितना प्यार जीजू मुझे कर
रहे थे. मेरी चूत पर एक भी बाल नहीं था और जीजू का लंड आसानी से मेरी चूत में
अन्दर जा रहा था. मेरे मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थी ‘आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह उम्म्ह…’ और जीजू मेरी चूत
को चोद रहे थे.
मैं अपने जीजू के
लंड से चुदकर बहुत अच्छा महसूस कर रही थी. हम दोनों लोग सेक्स करते करते अकड़ने लगे
और हम दोनों का पानी निकल गया. हम दोनों सेक्स करने के बाद एक दूसरे से चिपक कर
लेट गए और ऐसे ही कुछ देर तक लेटे रहे. जीजू ने मुझे अपनी बांहों में लिया हुआ था.
कुछ देर आराम
करने के बाद हम जीजा साली फिर से एक दूसरे को किस करने लगे.
जीजू मुझे चोदने
के बाद मुझसे बोले- नेहा डार्लिंग, तुम्हारी कातिल
अदाएं और तुम्हारे जिस्म ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया है.
मेरे जीजू हमारे
घर कुछ दिन तक रुके थे और हम दोनों मौका देख कर सेक्स कर लेते थे. जब दीदी घर में
होती थी तो हम दोनों पूरा सेक्स नहीं कर पाते थे तो हम ओरल सेक्स कर लेते थे. जीजू
को मेरी चूत बहुत पसंद है और वो मेरी चूत को बहुत देर तक चाटते थे. मेरी गीली चूत
को जीजू चाट कर एकदम साफ़ कर देते थे. और मैं भी जीजू का लंड चूस लेती थी. जीजू
मेरी ब्रा और पेंटी को भी सूंघते थे और मेरी चूची भी चूसते थे.
जब तक जीजू दीदी
हमारे घर में रहे, मैं और जीजू कई
बार सेक्स कर चुके थे. उसके बाद जीजू जब भी हमारे घर आते हैं तो हम दोनों मौक़ा बना
कर सेक्स करते हैं.
आप सबको मेरी
कहानी कैसी लगी. आप सब मुझे मेल करके बतायें. आप सबके मेल से मुझे बहुत सहायता
मिलती है अपनी अगली कहानी आप लोगों को बताने में!
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें