मेरी शादी को एक
साल हो गया है। मेरी शादी दिसम्बर में हुई थी, उस समय बहुत ठण्ड थी
लेकिन मैं तो बस अपनी पहली रात के बारे में सोच-सोच कर मन ही मन खुश हो रहा था।
शादी की सारी थकन तो मानो सुहागरात के कारण महसूस हो ही नहीं रही थी।
अधिकतर मेहमान जा
चुके थे पर तब भी कुछ मेहमान थे और वो बाहर के कमरे में सो रहे थे। हमारे लिए अंदर
का कमरा तैयार किया गया था। उस रात मैं पहली बार चुदाई करने वाला था, इससे पहले बस
पिक्चर्स में देखा था।
मेरा लंड 6 इंच
लम्बा है और उस रात पूरे शबाब पर था। वो रात मेरे और मेरी बीवी दोनों के लिए
यादगार था क्योंकि हम दोनों पहली बार सेक्स करने वाले थे।
जब सब सोने चले
गए तो हम दोनों भी कमरे में आ गए। बात करते-करते मैंने उसे बाँहों में ले लिया और
फिर एक किस लिया। हम शादी से पहले मिलते जरूर थे तब हमने एक दूसरे को गले लगाया था
और किस भी किया था तो किस का अनुभव तो हो गया था। फिर हम बहुत देर तक एक दूसरे को
चूमते चाटते रहे और मैंने उसके होंठों को अपने मुँह में भींच लिया। फिर धीरे-धीरे
मैंने उसका लहंगा और जेवर उतारे, उसकी पीठ पर हाथ फेरता रहा और वो भी मुझे
सहलाती रही। फिर मैंने उसका ब्लाऊज भी उतार फेंका और उसने भी मुझे सिर्फ अंडरवियर
में कर दिया।
अब वो सिर्फ ब्रा
पेंटी में थी और मैं अंडरवियर में। हम दोनों ऐसे ही रजाई के अंदर एक दूसरे से लिपट
कर लेट गए और शरीर गर्म करने लगे। जब गर्माहट शरीर में फैल गई तो मैंने अपनी
अंडरवियर और उसकी ब्रा पेंटी उतार फेंकी। फिर हम दोनों 69 पोजिशन में एक दूसरे के
अंगों को चूसने लगे। मुझे उसकी चिकनी चूत चाटने में मजा आ रहा था और यही मजा लेने
क लिए ही मैंने उसे शादी से एक दिन पहले ही चूत की शेविंग करने को कहा था और खुद
के लंड की भी सफाई की थी।
जब वो लंड चूस
रही थी तो मुझे शरारत सूझी और मैंने जोर से अपने लंड को उसके मुँह में घुसेड़ दिया
जो सीधा उसके तालू में जा टकराया और वो बेड पर ही उछल गई।
जब हमारे चुसाई
कार्यक्रम को बहुत देर हो गई तो फिर चुदाई की तैयारी करने लगे।
मैंने अपने
दोस्तों द्वारा गिफ्ट किया हुआ डोटेड कॉन्डम निकाला और अपने तने हुए लंड पर चढ़ा
लिया। मैंने अपनी बीवी को पलंग पर सीधा लिटाया और उसके ऊपर आ गया। फिर मैं
धीरे-धीरे अपने लंड से उसकी चूत सहलाने लगा ताकि उसकी चूत गीली हो जाये और चुदाई
में दर्द ना हो।
उसी समय मैं उसके
मम्मों को दबाने लगा…….. और वो धीरे-धीरे सिसकियाँ लेने लगी। उसके मम्मे
भी काफी कड़क थे जो अब तो दब-दब कर, चुस-चुस कर बड़े और भारी हो गए हैं। मम्मों को
दबाते दबाते मैं उन्हें चूसने लगा और उसके गले पर भी चूमता रहा और वो सिसकियाँ
लेती रही………..
फिर धीरे से
मैंने अपने तना हुआ लंड उसकी चूत के मुँह पर लगाया और अंदर डालने लगा। पर जैसे ही
डालने को हुआ, वो दर्द से तड़पने लगी और उसके मुँह से आः ह्ह्ह …….. निकलने लगी।
तुरंत मैंने अपने
लंड चूत पर से हटाया और उसका मुँह अपने हाथ से बंद किया ताकि उसकी आवाज बाहर
मेहमानों के कान में ना चली जाये।
अब तो मैं यह सोच
रहा था कि कैसे इसकी चुदाई करूँ…..
मैंने उसकी चूत
पर अपना थूक लगा कर उसे गीला किया और फिर से उसके पैर उठा कर लंड अंदर डालने लगा।
पर वो फिर से आ आह्ह ह्ह्ह …. करने लगी और कहने लगी मत करो- जान ……… बहुत दर्द हो रहा
है !
तब मैंने उसका
मनोबल बढ़ाया और धीरे-धीरे लंड अंदर करने लगा और वो आ आह्ह्ह् ह्ह्ह्ह ……. उम्म्मह्ह्ह्ह्ह्
ह्ह्ह्ह…… करने लगी।
फिर मैंने हिम्मत
करके थोड़ा ज्यादा दम लगा कर लंड उसकी चूत के अंदर सरकाया। कुछ ही देर में मेरे
लंड को उसकी चूत को भेदने में सफलता मिल गई और वो एक दम से ऊह्ह्ह्ह मम्मी ईईई………………कर के निढाल हो गई और मैं भी लंड उसकी चूत में रखे ही उसके ऊपर लेट गया और उसे
होश में लाने लगा। मैं उसे हिलाने डुलाने लगा पर वो होश में नहीं आई। तब मैंने
उसके गले और वक्ष पर चूमना शुरू किया। मैं उठ कर पानी नहीं ला पा रहा था क्योंकि
ऐसा करने के लिए लंड बाहर निकालना पड़ता। फिर मैं उसे हल्के से काटने लगा, तब उसे होश आया
और होश में आते ही फिर से आःह्ह्ह…… बहुत दर्द हो रहा है ! कहने लगी।
फिर मैंने लंड को
चूत में अंदर-बाहर करना शुरु किया जैस मैं पिक्चर में देखता था और उसे चूमता भी
रहा ताकि उसकी आवाज बाहर ना जाये और वो हल्की आवाज में ऊऊऊम्म्म्म्म…… आ आअह्ह्ह्ह्ह
करने लगी….. और मैं उसकी खूब चुदाई करता रहा…..
फिर लंड को अंदर
ही डाले मैंने करवट बदल ली और वो मेरे ऊपर आ गई। फिर मैंने अपनी गांड उठा कर उसकी
चुदाई चालू कर दी और अब वो मजे लेने लगी थी। वो भी कहने लगी थी- करते रहो जानू…..
और मैं उसे चोदता
रहा !
आप सब यकीन नहीं
मानेंगे- उस रात को मैंने उसे पूरे 50 मिनट तक चोदा जो कि मेरे लिए भी आश्चर्यजनक
था कि इतनी देर चुदाई करने पर भी मैं झड़ा नहीं। जब बहुत देर हो गई तो फिर से
मैंने उसे अपने नीचे लिटा लिया और जोर से चोदने लगा और वो तो बस आःह्ह्ह …… ऊऊउह्ह्ह्ह्ह…… .मम्मीईईई ….. आ आआह्ह्ह्ह ……… मजा आ गया ! कहती
रही।
और फिर मैंने
अपनी स्पीड तेज कर दी और उसकी आवाज भी तेज होने लगी…….
उस समय मैं भी
जोश में आ गया था, तो मैंने भी आवाज की और मेहमानों की परवाह नहीं
की, सोचा कि यही तो सोचेंगे कि चलो सुहागरात मजे से मन रही है !
यही सोच कर मैं निश्चिन्त हो कर अपनी बीवी को चोदने लगा और जैसे ही मैं झड़ने के
करीब आया तो अपने लंड की चोदने की रफ़्तार बहुत तेज कर दी। मेरी बीवी मेरी पीठ को
खरोंचने लगी और कुछ ही देर में मैंने अपने लंड का वीर्य छोड़ दिया और वो सीधा
कॉन्डम में इकट्ठा हो गया।
फिर कुछ देर हम
दोनों ऐसे ही लेटे रहे। जैसे ही मैंने लंड निकाला तो कॉन्डम पूरा लाल था जो मेरी
कुंवारी बीवी की सील टूटने की वजह से निकले खून से लाल हुआ था। हम इस बारे में
पहले ही फोन पर बात कर चुके थे इसलिए खून देख कर मेरी बीवी भी डरी नहीं और उसके मन
में भी संतोष था कि वो अपनी जिंदगी में पहली बार अपने पति से ही चुदी।
फिर हम दोनों
बाथरूम मैं अपने लंड और चूत साफ़ करने चले गए और फिर ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट
कर सो गए। फिर एक घंटे बाद दुबारा से चुदाई की। उस रात पूरी तीन बार हमारा चुदाई
कार्यक्रम चला।
इस तरह मैंने अपनी कुंवारी बीवी की सील तोड़ के उसे सुहागन बना दिया।
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