दोस्तो घर में
मेरे इलावा मम्मी-पापा, और एक बड़ी बहन
भी थी। पापा को, अपने काम से फ़ुर्सत ही नहीं मिलती थी.. इस
कारण, हम दोनों भाई बहन मम्मी
के साथ ही घूमते फिरते थे..
वैसे, मेरी बड़ी बहन अधिकतर घर से बाहर ही रहा करती
थी।
मौका मिलते ही,
वह कभी नाना-नानी, कभी दादा-दादी या कभी और किसी करीबी रिश्तेदार के पास,
रहने चली जाती थी।
उसकी पढ़ाई भी इस
कारण अच्छी नहीं रह पाई।
हमारी मम्मी जो
की खुद अच्छी पढ़ी लिखी महिला थीं, काफ़ी मॉडर्न
विचारों वाली थीं।
वह कभी भी
दकियानूसी विचारों को नहीं पालती थीं.. उन्होंने, कभी भी हम भाई बहन में अंतर नहीं रखा..
इस कारण, हम लोग आपस में काफ़ी खुले हुए थे।
यहाँ तक की कभी
भी किसी भी बात पर, अपने विचार
व्यक्त कर सकते थे।
एक तरह से,
हम में किसी प्रकार का कोई परदा नहीं था।
मम्मी और मेरी
बहन जो की मुझसे करीब एक साल बड़ी थी ने कभी मुझसे शरम या परदा नहीं किया..
वह दोनों घर में,
मेरे सामने ही अपने ऊपरी कपड़े बदल लेती थीं..
जैसे तोलिये की आड़ में, या पीठ कर के..
जिस कारण,
मैं बड़ी सफाई से निगाहें चुरा कर उन दोनों के
मांसल बदन का भरपूर रसस्वादन करता था…
इसका एक कारण,
यह हो सकता है की मैं बचपन से ही काफ़ी सीधा
साधा, भोला भंडारी सा दिखता
था.. लेकिन, कोई नहीं जानता
था की मैं जितना ज़मीन के ऊपर हूँ, उससे कहीं
ज़्यादा ज़मीन के नीचे हूँ..
तो अब, मैं सीधे सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ… …
मेरी मम्मी जो की
काफ़ी बिंदास स्वाभाव की थीं की उम्र 37-38 होगी.. क्यूंकि, मम्मी की शादी 17-18 साल की उम्र में ही हो गई थी और 19-20 साल में मेरी बड़ी बहन जन्मी थी..
अपने कॉलेज की
पढ़ाई, मेरी मम्मी ने हम दोनों
बच्चों के जन्म के बाद की थी।
उनका बदन,
अब तक गठीला था.. लंबाई, लगभग 5.5 फीट और बदन पूरा
मांसल… (यानी केवल वहीं पर,
जहाँ ज़रूरी होता है।) कहीं कोई, ज़्यादा चर्बी नहीं थी.. इस कारण, वह अब भी 30-32 से ज़्यादा की नहीं लगती थीं..
ऐसी ही मेरी बहन
भी थी.. जोकि, उस समय कोई 18-19 साल की थी..
उसका रूप सौंदर्य
भी देखते ही बनता था.. ग़ज़ब का नशीला जिस्म था, उसका..
मेरे दोस्त भी
उसे चोरी छुपे देखा करते थे और मेरे पीठ पीछे उसके बारे में गंदी और अश्लील बातें
करते थे.. जिन्हें, मैं थोड़ा बहुत
सुन कर खुश होता था की चलो, मेरे घर में मुझे
क्या मस्त चीज़ें देखने को मिलती हैं.. जिसके लिए, ये सभी बिचारे तरसते हैं..
खैर, तो उन दिनों मेरी बहन कुछ ज़्यादा ही मोटी लगने
लगी थी।
असल में, वो कुछ दिनों पहले ही दादा-दादी के यहाँ से आई
थी और वहां लाड प्यार में खूब खाया पिया था।
यहाँ आने के बाद,
मम्मी ने उसे कहा की रोज़ाना एक्सर्साइज़ करा
कर… नहीं तो, फुलती ही चली जाएगी…
उसने भी डर कर,
हामी भर दी।
इसके बाद,
वह रोज़ाना हमारे रूम में सुबह और शाम के समय
कसरत करती।
हम दोनों बचपन से,
एक ही रूम में रहते और सोते थे.. जिसमें,
एक डबल बेड रखा था..
अब वह रोज़ाना
सुबह 6 बजे का अलार्म लगाकर
उठती थी और फ्रेश होकर, केवल स्पोर्ट्स
ब्रा और नेकर पहन कर एक्सर्साइज़ करती.. मैं धीरे से आधी आँख खोल कर, उसका भूगोल देखता रहता था..
कभी कभी, मम्मी भी वहां कई बार कोई एक्सरसाइज सीखने के
लिए हम दोनों के सामने ही, अपनी साड़ी खोल
कर केवल ब्लाउज पेटीकोट में एक्सर्साइज़ सिखातीं।
तब तो, मेरा दिमाग़ ही खराब हो जाता और मैं अपना तना
हुआ लौड़ा दबाया करता।
ऐसा कई महीनों तक
चलता रहा और मैं बुद्धू बन कर मज़े मारता रहा।
इस बीच, हम लोग पापा के पीछे पड़ गये की हम सभी को कहीं
घूमने ले जाएँ… तो वो बोले की
मैं समय निकालने की कोशिश करता हूँ…
लेकिन, समय यूँही बीतता गया और मेरी बहन ने चाचा चाची
के साथ, बाहर घूमने का प्रोग्राम
बनाया और वो उन लोगो के साथ 15-20 दिनों के लिए,
घूमने चली गई।
इससे हम (मम्मी
और मैं) पापा से नाराज़ हो गये तो कुछ ही दिन बाद, पापा ने कहा की उनके एक दोस्त का गोआ शहर के बाहर एक गेस्ट
हाउस है और अभी वो खाली है… इसलिए, हम लोग वहां चले जाएँ और मज़े करें… बाद में, वो भी समय निकाल कर वहां आ जाएँगें…
लेकिन, हम उनके बिना वहां जाना नहीं चाहते थे.. पर,
उनके समझाने पर मैं और मम्मी गोआ चले गये और
मेरी बहन का पापा के साथ, वहां आना तय
हुआ..
और तय प्लान के
अनुसार, मैं और मम्मी ठीक समय गोआ
पहुँच गये।
उस समय वहां ऑफ
सीज़न चल रहा था और बारिश की वजह से टूरिस्ट्स भी नाम के ही थे.. लेकिन, वहां जाते ही रास्ते में वहां के सेक्सी नज़ारे
देख कर, मुझे लगा की यहाँ आकर कोई
ग़लती नहीं की है..
हमें लेने के लिए,
गेस्ट हाउस से एक आदमी आया था और उसने बताया की
यहाँ अंदर ही ज़रूरत की सभी चीज़ें हैं और यदि कुछ चाहिए तो उसकी दुकान कम हाउस
पास ही है.. अपना फोन नंबर देकर, वो बोला की बस हम
उसे फोन कर दें और वो आकर समान या जो भी हमें चाहिए हो दे जाया करेगा.. रोज़ सुबह
शाम, सफाई वाली आएगी और आपके
बाकी सभी काम भी कर देगी..
मम्मी इस बात से
खुश थीं की गेस्ट हाउस में रुकने से हमें होटल का भारी रूम चार्ज नहीं लगेगा और
यहाँ हम, कम पैसों में कई दिन मज़े
कर सकते हैं।
खैर, गेस्ट हाउस में आकर पता चला की यहाँ पर घूमने
के लिए एक गाड़ी भी खड़ी है.. किचन और फ्रिज, पूरा खाने की चीज़ों से भरा हुआ है..
सड़क से अंदर,
गेस्ट हाउस एक बड़े कॉंपाउंड में फैला हुआ था..
जिसके, चारों और बड़ी-बड़ी
कटेदार दीवारें थीं.. पीछे की तरफ, उफनता हुआ समुंदर
था और यह पूरा इलाक़ा सुनसान में था.. जहा, चारों तरफ केवल समुंदर और बड़े-बड़े पत्थर रखे थे..
अंदर अलमारी में
शानदार कपड़े थे.. जिनमें, स्विमिंग
कॉस्ट्यूम्स ऐसे थे की जिनको हाथ में लेने में ही, शरम महसूस हो..
खैर, एक बात थी की यहाँ कोई भी अपना परिचित नहीं
था.. इस कारण, शरम और संकोच का,
यहाँ कोई काम नहीं था..
मैंने मम्मी को
खुशी से, अपनी बहन से फोन पर बात
करते सुना की यहाँ इतनी आज़ादी है की चाहे तो पूरे नंगे होकर, सी बीच पर दौड़ लगाओ… कोई, देखने वाला नहीं
है…
गेस्ट हाउस के
पीछे, जो स्विमिंग पूल है उसमे
नीला आसमान ऐसा दिख रहा था मानो ज़मीन पर उतर आया हो।
कुल मिलाकर,
हमारा “जैक पॉट” ही लग गया था…
अगली सुबह,
जब मैं सोकर उठा तो मम्मी नहीं दिखीं।
मैं उन्हें
ढूंढने के लिए, दूसरे कमरे में
गया। जहाँ पर, वह अलमारी खोल कर
उसमें अपने साइज़ के स्विमिंग कॉस्ट्यूम्स देख रही थीं और मुझे देखकर कहने लगीं की
चलो, तुम भी चेंज कर लो और हम
दोनों स्विमिंग करेगे…
मैं तो कब से,
मौका ही देख रहा था।
जल्दी से,
फ्रेश होकर फटाफट पूल साइड पर पहुँचा तो देखा
की मम्मी ने पहले ही ब्रेकफ़स्ट का सारा समान पूल साइड पर रखवा कर, काम वाली बाई से सभी काम करवा कर, उसे चलता कर दिया था।
अब वहां पर,
मेरे और मम्मी के अलावा कोई नहीं था।
थोड़ी देर बाद,
वहां मम्मी आईं तो मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो
गया।
उस समय, उन्होंने जो स्विमिंग कॉस्ट्यूम पहना था वो
शायद उनके साइज़ से एक साइज़ कम था.. इसीलिए, उनका पूरा बदन कॉस्ट्यूम फाड़ कर, बाहर आने के लिए मचल रहा था..
मेरे तो बस होश
ही उड़ गये और मैं फटी फटी आँखों से, उन्हें देखने लग गया।
तभी, मम्मी ने मुझे आवाज़ देकर जगा दिया और एक
कॉस्ट्यूम देते हुए कहा की मैं भी यही पहन लूँ।
खैर, मैंने वहीं पर तौलिये में अपना कॉस्ट्यूम चेंज
किया। लेकिन, उसका कट कुछ ऐसा
था की मेरा पूरा तना हुआ लिंग बाहर से दिख रहा था।
जिस कारण,
मैं शरमा रहा था।
मम्मी ताड़ गईं
और कहने लगीं की क्या तू तो, लड़कियाँ से भी
बदतर है… तेरी जगह मैं या तेरी बहन
होती, तो अब तक तो सी बीच पर टू
पीस में दौड़ लगा आती…
ऐसा कह कर,
उन्होंने मेरा तोलिया खींच लिया।
अब मैं केवल,
जरा सी कॉस्ट्यूम में था और शरमाते हुए पानी
में पैर डाल कर बैठ गया, क्यूंकि मुझे
तैरना नहीं आता था।
मम्मी को भी
तैरना, इतने अच्छे से नहीं आता
था। इसलिए, उन्होंने मेरा हाथ पकड़
कर धीरे-धीरे पानी में उतरना शुरू किया और जल्दी ही हम दोनों सीने तक पानी में समा
गये।
मम्मी को मैंने
पहली बार, इतने बिंदास अंदाज़ में
देखा था। उन्हें शरम नाम की कोई चीज़ ही नहीं थी और वो अपने जवान लड़के के साथ,
पानी में मस्ती कर रही थीं।
उनकी कॉस्ट्यूम,
जो की उन्हें थोड़ी टाइट थी, पानी में भीगने की वजह से और ज़्यादा बदन से चिपक
गई और उनकी निप्पल भी थोड़ी थोड़ी दिखने लगी थी। जिसे देखकर, मेरा लंड चड्डी फाड़ कर बाहर आने को मचलने के
लिए बेताब हो गया।
बड़ी मुश्किल से,
मैंने दबाए रखा।
लगभग 2 घंटे के बाद, जब हमें भूख सताने लगी तो हम दोनों माँ बेटे पूल से बाहर आए
और मम्मी ने मेरे सामने ही ज़रा से तौलिये की आड़ कर के अपनी बिकनी चेंज कर के,
एक बड़े से गले की पारदर्शी सी नाईटी पहन ली..
जोकि, उनके घुटने से भी छोटी थी
और अंदर उन्होंने कुछ नहीं पहना.. जिस वजह से, उनकी नाईटी उनकी गांद के अंदर घुस रही थी और उनकी खड़ी
निपल्स भी साफ दिख रही थी..
मुझे लगता है की
उन्होंने ऐसा शायद जान मुझकर किया। वो अपने मन में दबी इच्छा पूरी करना चाहती थीं।
इसके बाद,
हम दोनों ने पूरे समय टीवी देखा। जिसमें,
यहाँ चलने वाला कोई लोकल चैनल था। जिसमें,
यहाँ पर आने वाले विदेशी टूरिस्ट्स जो की नंग
धड़ंग बीच पर मज़े मारते हैं, उनकी शूटिंग
दिखाते हैं।
ऐसे ऐसे सीन
दिखाए की मैं शरमाता रहा। लेकिन, मम्मी ने चैनल
चेंज करना ज़रूरी नहीं समझा।
शाम को, जब मम्मी मेन गाते पर नाईटी में खड़ी थीं तो
मैं पीछे से चुपचाप जा कर खड़ा हो गया।
सामने सुनसान बीच
पर, एक विदेशी जोड़ा लगभग
संभोग की मुद्रा में बड़े पत्थरों के बीच मस्ती कर रहा था और मम्मी जो की
सूर्यास्त के कारण डूबते सूरज की रोशनी में खड़ी थीं की नाईटी में से सूरज की लाइट,
इस तरह पास हो कर दिख रही थी की उनका पूरा
भूगोल आर पार दिखाई दे रहा था।
जब मैं, उनके ठीक पीछे पहुँचा तो मैंने देखा की वो अपना
एक हाथ नाईटी के अंदर डाल कर, अपनी चूत को रगड़
रही थीं और हल्के हल्के, कराह रही थीं।
जब उन्होंने,
मुझे पीछे खड़ा देखा तो बेशरम की तरह हंसकर
कहने लगी – देख, कैसे मज़े मार रहे हैं वो दोनों, बीच पर और एक तू है की अंदर भी शरमा रहा है…
लगता है, मैंने तेरे साथ आकर ग़लती की… मुझे तू पूरा चंपू लगता है…
तो, मैंने कहा की नहीं मम्मी यह बात नहीं है…
मैं तो शुरू में, थोड़ा झिझक रहा था… लेकिन, यदि आप साथ हो तो काहे की
शरम…
इस पर मम्मी
बोलीं – देख, आदमी को बार बार ऐसा मौका नहीं मिलता… जब हम, खुलकर अपनी दबी इच्छा पूरी कर सकें और मज़े मार सकें… इस मज़े के लिए, अगर हम लाखों रुपये भी खर्च करेंगें तो भी हमें इतनी आज़ादी और प्राइवेसी नहीं
मिलेगी… और फिर तू तो जवान है…
मुझे तो ये मौका अब जाकर बुडापे में मिला…
इसलिए, शरमाना छोड़ और यह भूल जा की हम यहाँ माँ बेटे हैं और समय का और अपनी जवानी का
लुफ्त उठा… जितना हो सके, मज़ा लूट ले… फिर, ऐसा वक्त नहीं
आएगा…
अगले दिन,
सुबह से ही ज़बरदस्त बारिश हो रही थी और सामने
बीच पर समुंदर मचल मचल कर, बाहर आने को
बेताब नज़र आ रहा था तभी यहाँ के कीपर का फोन आया की आज सफाई वाली नहीं आएगी और हम
भी बाहर ना निकलें.. क्यूंकि, पानी कभी भी बढ़
भी सकता है.. इसलिए, हम अपने गेस्ट
हाउस में अंदर ही रहें और यदि कोई चीज़ की ज़रूरत हो तो उसे फोन कर दें.. वह अरेंज
कर देगा।
मम्मी ने कहा –
ठीक है… हम आराम करेंगें… आप भी ज़्यादा परेशान ना हो…
फिर, मम्मी बोलीं की आज हम दिन भर टीवी देखेगें…
खूब खाएँगें और सोना स्टिम बाथ लेंगें… जो की, गेस्ट हाउस के बेसमेंट में है… जिसका की मुझे अब
तक पता ही नहीं था।
आज के पहले मैंने
सोना स्टिम बाथ का केवल नाम सुना था.. लेकिन, देखा या अनुभव नहीं किया था..
मम्मी तो एक दो
बार पापा के साथ, टूर्स पर गई थीं
और बड़ी होटेल्स में इन सबका मज़ा लूट चुकी थीं।
सुबह के हेवी
ब्रेक फास्ट के बाद, मैं और मम्मी
दोनों नीचे बेसमेंट में गये और वहां जाकर मम्मी ने सोना बाथ का एलेक्ट्रिक स्विच
चालू किया। जिस से की सेमी ट्रांसपेरेंट ग्लास के केबिन में हॉट स्टीम बनाने लगी,
तब मम्मी बोली की आओ चलो… अपनी बॉडी पर भी मेरे साथ स्टीम बाथ के पहले
लगाने वाला, स्किन क्रीम लगा
लो…
तब, मम्मी ने अपनी नाईटी खोल दी।
मैंने देखा तो
मम्मी ने अंदर केवल ब्रा पैंटी पहन रखी थी। जब मम्मी ने अपनी गोरी गोरी, मोटी मोटी टाँगें चौड़ी करी तो मैंने देखा की
उनकी पैंटी में से उनकी चूत की झाँटे, बाहर आने को मचल रही थीं।
जिन्हें देख कर,
वो हल्की सी मुस्काई और बोलीं – बेटा, देख तो यहाँ ड्रॉर में कोई हेयर रिमूवर रखा है क्या… ??
मैंने देखा तो
वहां पर अनफ्रेंच का हेयर रिमूवर था, जिसे मैंने उन्हें दे दिया।
अब मम्मी बोलीं –
चल जल्दी से, अंदर जा कर तापमान देख ले… मैं भी आती हूँ…
मैंने केबिन में
जाते समय, अपनी तिरछी निगाहें मम्मी
पर डालीं तो वे अपनी पैंटी को थोड़ा नीचे करती दिखीं।
अब मेरा दिमाग़
खराब हो रहा था.. यह समझ नहीं आ रहा था की मम्मी मुझ पर इतनी मेहरबान क्यों है और
वह मुझे इस तरह उत्तेजित कर के क्या चाहती हैं… ?? क्या मैं खुद आगे बढ़ कर, हिम्मत कर के कुछ करूँ… ??
उनका मज़ा मारने
का शब्द, मुझे अंदर तक कन्फ्यूज़
कर गया..
मैंने बाहर देखने
की कोशिश की पर अंदर स्टीम की भाप के कारण, बाहर का कुछ दिखाई नहीं दे रहा था..
अचानक, मम्मी अंदर आईं और कहने लगीं की ऐसी ही मत बैठो…
अपने बदन पर, हाथ फिरा फिरा कर पसीना और भाप की मालिश करो… स्टीम बाथ से, अपनी खराब स्किन साफ होकर, नई स्किन बनती है…
तब मम्मी ने मेरी
तरफ पीठ की और कहा की चल, मेरी ब्रा का हुक
खोल दे और मेरी पीठ पर अपने हाथों से अच्छी तरह से मालिश कर दे…
अब मैं भी बेशरम
होकर, मम्मी की मांसल पीठ पर
हाथ फेरता जा रहा था.. लेकिन, मैं अभी तक मम्मी
की निपल्स और बड़े-बड़े बोबो के खुल कर दर्शन नहीं कर पाया था.. क्यूंकि, मम्मी ने अपने दूध पर हाथ रख रखा था..
लगभग, आधा घंटा स्टीम बाथ लेने के बाद, हम दोनों बाहर आ गये..
मम्मी ने अपने
कंधों पर तोलिया रखा था। जिस वजह से, मुझे उनके रसीले आमों को देखने का मौका नहीं मिल रहा था।
खैर, उसी शाम पापा का फोन आया की वह और मेरी बड़ी
बहन दोनों, अगले दो दिनों में यहाँ
पहुँचने वाले हैं।
यह सुन कर,
मैं थोड़ा उदास हो गया। क्यूंकि, तब मुझे शायद पापा के सामने मम्मी का ऐसा
सेक्सी रूप, देखने को नहीं
मिलेगा।
रात में, मम्मी ने हल्का फूलका डिन्नर बनाया। जिसे हम
खाकर, टीवी के सामने जम गये।
बाहर, बारिश में भी कुछ कमी महसूस होने लगी थी।
तभी मम्मी बोलीं
की चलो, टीवी देखते हुए मेरी पीठ
पर हल्की मालिश भी कर दो… शायद, बेड चेंज होने से कुछ दर्द महसूस हो रहा है…
मम्मी ने सुबह से
ही, टी-शर्ट और नेकर पहन रखा
था।
मम्मी ने अपनी टी
शर्ट ऊपर उठाई तो अंदर उनकी ब्रा थी। जिसका हुक खोल कर, मैंने उनकी पीठ पर आयिल मसाज करना शुरू कर दिया।
तब मम्मी बोलीं –
ऐसा कर, मैं अपनी नेकर थोड़ा नीचे करती हूँ… मेरे हिप्स की भी, थोड़ी मालिश कर दे…
मैं सेक्सी सपने
देखते हुए, मम्मी की मालिश करता जा
रहा था।
कुछ देर में,
मम्मी मस्त सो गईं.. उनकी पीठ और हिप्स भी खुले
ही थे..
मैं बहुत देर तक
गौर से देखता रहा और नींद आने पर उनके पास ही डबल बेड पर सो गया..
रात में, लगभग 2-3 बजे। मम्मी के हल्के से करवट लेने पर, मेरी आँख खुल गई और मैंने देखा की मम्मी अब चित
सो रही थीं।
उनकी गहरी नींद
में होने का पक्का कर, मैंने उनका टी
शर्ट थोड़ा ऊपर किया और उनकी ब्रा भी ऊपर कर के, उनके मस्त रस भरे स्तनों के दर्शन करने लग गया..
उनकी निपल्स भूरे
रंग की थीं और मैं उनको देख कर पागल सा हो गया और मैंने तत्काल बिना देर किए,
आहिस्ता से उनको अपने मुँह में ले लिया और धीरे
– धीरे उनको चूसने लगा.. ..
मैंने अपना एक
हाथ उनकी नेकर में भी डाल दिया। नेकर के हुक खुला होने से वह भी उनकी योनि के पास
तक सरक गई थी।
मैंने अपनी दो
उंगलियों को धीरे से, अंदर डाला तो
मुझे अंदर सफ़ाचट चिकना स्पर्श सा लगा। तभी ध्यान आया की आज सुबह ही तो मम्मी ने
स्टीम बाथ के समय, अपने बाल साफ किए
थे।
मम्मी की चूत का
हिस्सा गर्म भट्टी सा तप रहा था और मैंने महसूस किया की मम्मी की निपल्स भी अब
पहले से ज़्यादा कड़ी होकर, बड़ी बड़ी महसूस
हो रही थीं.. लेकिन, मैं रुका नहीं और
चूसते चूसते ही थक कर सो गया..
अगले दिन सुबह,
जब मैं सो कर उठा तब आसमान बिल्कुल साफ़ था और
बाहर धूप खिल उठी थी।
रेतीली मिट्टी
होने से, कहीं भी पानी का नामो
निशान नहीं था।
मल्लिका बाई ने,
पूरा गेस्ट हाउस साफ़ कर दिया था।
मैंने देखा की
मम्मी साड़ी पहन कर, उससे पास के किसी
मंदिर का पता पूछ रही थीं।
मैंने सोचा शायद
पापा के आने का सुनकर, नाटक कर रही हैं।
बाई के जाने के
बाद, मम्मी ने मुझसे कहा की
चलो, नाश्ते के बाद हम बीच पर
चलेंगें…
मैं सोचने लगा की
मम्मी साड़ी पहन कर, बीच पर क्या
करेंगी.. लेकिन, जाने के समय मैं
देखता ही रह गया.. मम्मी ने एक काली कलर की बिकनी ढूँढ निकली.. जिसकी साइज़ पहले
की तरह छोटी थी और उनका मांसल बदन, बिकनी फाड़ने को
बिल्कुल तैयार लग रहा था..
रास्ते में,
मम्मी बोलीं की रात में ऐसी ही सो गई… सुबह जाकर, समझ आया की रात में क्या हुआ… ??
मैं चुप ही रहा
और अंदर ही अंदर समझ गया की मम्मी सब जान गई हैं।
सी बीच पर जाने
के बाद, हमने देखा की वहां कोई भी
नहीं है और चारों तरफ सुनसान है।
इतना अकेलापन भी
डर लगने का कारण हो सकता है, ऐसा पहली बार
महसूस हुआ।
कल की ज़ोर दार
बारिश की वजह से, समंदर का पानी
काफ़ी ज़ोर मार रहा था और उसमे रेत भी ज़्यादा थी.. जिससे की पानी में, गंदगी सी महसूस हो रही थी..
तब मम्मी बोलीं –
चलो, पत्थरों की और चलो… अंदर जाने में तो
डूबने का डर रहेगा…
फिर, मैं और मम्मी उथले पानी में ही सीने तक डूब कर
पत्थरों पर बैठ गये.. लेकिन, समंदर की तेज़
लहरें हमें बार-बार डुबाने की कोशिश करती थीं और हम दोनों चिपक कर, फिर से चट्टान पर बैठ जाते..
मम्मी से इतना
ज़्यादा चिपकने का मौका, मैं खोना नहीं
चाहता था.. इसलिए, मैं मौका मिलते
ही, मम्मी को पकड़कर सीने से
लगा लेता..
तभी, वहां एक बाइक आकर रुकी। जिस पर, एक अधेड़ आदमी जिसकी उम्र करीब 50 के आस पास होगी और एक 25 साल की लड़की को लेकर आया।
दोनों के हाथों
में शराब की बॉटल्स थीं और वे बिकनी और बरमूडा में थे। गाड़ी खड़ी करके, वहां पत्थरों के बीच आड़ में चूमा चाट करने लग
गये।
यह देख कर,
मम्मी बोलीं की हम यहाँ चुपचाप पत्थरों के पीछे
से उनको वॉच करते हैं, यह लड़की,
उसकी बेटी की उम्र की लग रही है, और एस बुड्ढे को जवानी चड़ी है… मज़ा आने वाला है, आज तो…
वह दोनों कुछ देर
तक तो दारू पीते हुए, बात करते रहे…
लेकिन, बाद में उस बुड्ढे ने लड़की के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और धीरे से उसकी
ब्रा निकाल दी और उससे मस्ती करने लगा…
तभी लड़की ज़ोर
से हंसते हुए, भाग खड़ी हुई और
हमारी तरफ ही आने लगी।
तब मम्मी बोलीं
की देख, ऐसा दिखना की हमने उनको
अभी तक देखा ही ना हो… और हम भी पानी
में मस्ती करने लगे।
वह लोग भी हमारी
तरफ ही आ गये।
हमें देख कर
लड़की ने अपने दोनों दूध पर हाथ रख कर, ब्रा पहनने की कोशिश की..
वह आदमी हल्के से
मुस्कुराया और विश करने के अंदाज़ में झुकते हुए बोला – क्या आप भी ज़िंदगी का मज़ा उठा रहे हो… ??
तो मम्मी बोलीं –
जी हाँ, बिल्कुल…
तभी वहां पानी
में एक बड़ी सी बॉल ना जाने कहाँ से तैरकर आ गई.. जिसे उस लड़की ने पकड़ लिया,
और कहने लगी की आओ ना, हमारे साथ खेलो…
मम्मी के आँखों
से इशारा करने पर, हम भी उनके साथ
इंजोय करने लगे।
एक तरफ वो दोनों
थे तो दूसरी तरफ, हम दोनों माँ
बेटे।
जब मम्मी बॉल
लेने के लिए झुकतीं, तब वह आदमी मम्मी
के बूब्स को गौर से देखने लगता और पीठ करती तो मम्मी की गांद को घूरता।
खैर, लगभग एक घंटा मस्ती करने के बाद, वह जाने लगे तो उसने कहा की आप लोग किस होटल
में रुके हुए हैं… तो मम्मी बीच में
ही बोल पड़ीं की हम यहाँ ताज रिज़ॉर्ट्स में है और कल ही वापस चले जाएँगे…
जब वह अपनी बाइक
के पास गया तो मुझसे धीरे से बोला की मैंने तो पैसे देकर लड़की को किया है…
इसलिए, साली ज़्यादा नाटक कर रही है.. लेकिन, तू तो बच्चा होकर मस्त माल बटोर लाया है… तेरी बड़ी बहन लगती है, क्या… ?? ऐसी चीज़ तो पूरे
गोआ बीच पर नहीं देखी, यार…
मैंने सोचा क्या
वास्तव में मम्मी इतनी सेक्सी हैं या वह फालतू ही बोल रहा था।
कुछ देर बाद,
हम भी वापस लौट आए। तब मम्मी बोलीं की चलो,
गेस्ट हाउस के पीछे चलते हैं… वहां स्विमिंग पूल में तैरकर, बदन पर लगी मिट्टी और रेत साफ़ कर लें…
मैं बोला की आप
पूल में उतरो… मैं अभी, तौलिये और कपड़े लेकर आता हूँ..
जब मैं तौलिये
लेकर आया तो देखा की मम्मी ने अपनी बिकनी उतार कर पूल साइड पर रख दी है और वह नंगी
होकर, मेरी और पीठ करके पानी
में खड़ी थीं।
यह देख कर,
मैं चौंक सा गया.. लेकिन, तभी फोन की बेल बाजी और मैं अंदर चला गया..
फोन बहन का था और
वह कह रही थी की वह पापा के साथ, कल सुबह गोआ
पहुँच जाएगी और आज पापा उसे दिन मे स्विमिंग कॉस्ट्यूम्स वगेरह दिलाएँगें…
तो मैंने कहा की
पैसे मत बिगाड़ो… यहाँ सभी ज़रूरत
की चीज़ो से वॉर्डरोब्स भरे पड़े हैं… बस, जल्दी से, जल्दी आ जाओ…
तो वो कहने लगी
की हाँ… पापा भी कह रहे थे की
जल्दी से गोआ चलते हैं…
अगले दिन,
लंच के समय तक पापा और बहन भी पहुँच गये।
मम्मी ने घुटनों
के ऊपर तक का पतला सा स्कर्ट और टॉप पहन रखा था और बहन भी टाइट वाइट टॉप और जीन्स
पहन कर आई थी।
जिसमें से उसके
बड़े बड़े बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे.. गांद पर से भी उसकी फिगर, कयामत ढा रही थी..
फिर, उसने बताया की पापा ने उसे ऐसे कपड़े दिलाए हैं
की अपने यहाँ तो उनको पहनने की कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता।
लंच के बाद,
हम चारों पूरा गेस्ट हाउस घूम कर पूल साइड पर
बैठकर गपशप कर रहे थे.. तब, पापा ने बताया की
यह गेस्ट हाउस उनके बॉस का है और वह इसे केवल अपने खास लोगों को ही एंजाय करने के
लिए देते हैं और यदि ऐसा कॉटेज किराए पर लिया जाए तो वह यहाँ की किसी फाइव स्टार
होटल के बराबर पड़ेगा। फिर भी हमें, उसमें इतनी प्राइवेसी नहीं मिलेगी।
इधर, तेज़ हवाओं के कारण मम्मी का पतले कपड़े का
स्कर्ट बार बार उड़कर उनकी थाइस पर चढ़ रहा था…
लेकिन मेरी मम्मी,
उसे बड़े बेफ़िक्र अंदाज़ में आराम से उसे सीधा
करतीं.. !!
वैसे, पापा भी कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं कर रहे थे।
खैर, शाम को हम सभी ने होटल में जाकर डिन्नर करने का
प्लान बनाया।
मम्मी ने काले
रंग का बेक लेस ब्लाउज पहना.. !! जिसमें, से उनकी गोरी पीठ देखने वालों पर बिजली गिर रही थी और मेरी बहन ने लंबे कट
वाला लोंग स्कर्ट पहना था.. !! जिसमें, से उसकी सफेद जांघें बाहर आ रही थीं.. !! जो की, कुर्सी पर बैठने पर पूरी साफ़ नज़र आ रही थीं.. !!
यह दोनों ड्रेसस,
इन्हें वॉर्डरोब में से ही मिली थीं और काफ़ी
कीमती थीं.. !!
शानदार लंच के
बाद, हम गोआ के नाइट स्पॉट्स
पर भी घूमे.. !! जहाँ, गोआ जवान नज़र
आता है.. !!
रात में मम्मी ने
गेस्ट हाउस में आकर अपनी वही छोटी सी नाईटी पहन ली और बहन ने बदन पर एक सिल्क का
कुर्ता डाल लिया। जिसमें से, उसके बोबे आकर्षक
दिखाई दे रहे थे।
टीवी देखते हुए,
मैंने देखा की मेरी बहन जोकि सिर्फ़ सिल्क का
कुर्ता डाले हुए थी अपने पैरों को कुछ ज़्यादा ही फैला कर बैठी थी। जिससे, उसकी जांघें और पैंटी का साइड का भाग भी दिख
रहा था और पापा भी मम्मी की जाँघो को हाथों से दबाते हुआ बहन को देख रहे थे…
अगली सुबह,
कुछ नज़ारा ही अलग था.. !! .. !!
पापा, जिन्हें मैंने पहली बार स्विम कॉस्ट्यूम में
देखा। उनका तना हुआ लिंग, बड़ा अजीब सा लग
रहा था।
बहन और मम्मी,
दोनों ने भी छोटी छोटी सी बिकनी पहन रखी थी।
पापा बोले की सब
लोग खूब मज़े करो.. … जितना हो सके.. …
पता नहीं, ये मौका दुबारा मिले नहीं मिले.. …
और हम चारों ने
खूब मज़े करे.. !! .. !!
फिर, हम सभी बीच पर गये और वहां पर समंदर में काफ़ी
डीप तक घुस कर तैरते रहे।
पापा, मम्मी और बहन की बिकनी खींच खींच कर, उन्हें रेत पर घसीट रहे थे.. !! जिससे की उन
दोनों के बूब्स, बाहर निकलने को
होते.. !!
काफ़ी देर बाद,
हम वापस पूल साइड में आए और मम्मी ने ठीक कल की
तरह ही रेत में भरी बिकनी उतार फेंकी और पूल में कूद गईं.. !!
यह सब देख,
मैं वहां से हट अंदर आ गया.. !!
पीछे – पीछे, बहन भी अपने अधनंगे चुत्तड हिलाती हुई आ गई और कहने लगी – तुम पागल हो, जो शरमाते हो.. … मज़े लूटो.. … ऐसे खुले विचारों
वाले, मां बाप नहीं मिलेंगें…
जो, तुम्हें इस तरह आज़ादी दे रहे हैं.. … तुम्हारी जगह, मैं होती तो
कपड़े खोल कर एकदम नंगी कूद जाती.. …
कुछ देर बाद,
जब मैंने रूम से बाहर झाँका तो देखा की मम्मी
पापा, दोनों नंगे होकर पूल में
मस्ती कर रहे हैं और मेरी बड़ी बहन जिसने केवल बिकनी पहन रखी थी, वह एक खंबे की आड़ में यह सब तमाशा गोर से देख
कर, अपनी चूत को मसल रही थी…
शाम को, हम सभी लगभग अधनंगे होकर एक नाइट क्लब में जा
घुसे.. !!
वहां पर, शराब और शबाब का जो नंगा नाच हो रहा था.. !!
उसे देख कर, तो मेरा लंड बस
फटने ही वाला था.. !!
पापा मम्मी बोले –
जिसे, जिसके साथ जोड़ी बनाना हो बना लो.. … कोई किसी की शरम मत पालना.. … दारू पियो या
लड़कियाँ नचाओ, कोई बात नहीं.. …
इसके बाद,
मैं और मेरी बहन जिसने बड़े गले वाली छोटी सी
स्पोर्ट्स ब्रा और जीन्स की जैकेट पहन रखी थी और नीचे केवल दिखाने का छोटा सा मिनी
स्कर्ट पहना था, हम खूब नाचे…
बहन बोली की
क्यों ना हम भी, बियर या वाइन
टेस्ट करें।
तब मैंने उसे कहा
की ठीक है… तू केवल, बियर ही पीना.. … मैं थोड़ी सी वाइन लेकर आता हूँ.. …
नशा करने के बाद,
कान फोड़ू डिस्को साउंड के बीच… हम अब केवल औरत और मर्द महसूस कर रहे थे…
हमारे बीच,
खून का रिश्ता नहीं बचा था,.. !!
अब मैंने अपनी
हदें तोड़ते हुए, उसकी शरीर के सभी
उभारों को जी भरकर छुआ ही नहीं बल्कि खूब दबाया भी और वह भी कहती रही की भाई,
अब मत रूको… तोड़ दो सारी हदें और एक हो जाओ.. …
मैंने देखा की
हमारी माँ जो की जीन्स और शर्ट पहनकर उत्तेजक डांस कर रही थीं, उसके शर्ट के आधे से ज़्यादा बटन खुले हुए थे
और ब्रा और स्तन बाहर को आने को बेताब हो रहे थे.. !!
मम्मी के चारों
और कामुक नशे में धुत्त लोगों का घेरा था.. !! जो बार बार मम्मी के शरीर को छूने
और दबाने की कोशिश कर रहे थे.. !!
मैंने देखा उनमें
वह आदमी भी था.. !! जो की, दो दिन पहले हमें
बीच पर मिला था.. !! वह तो पागलों की तरह, मम्मी के ब्रा में बंद दोनों कबूतरों को पकड़ने की कोशिश में था.. !!
इस बीच, पापा मुझे कहीं नहीं दिखे।
मैंने उन्हें जब
खोजा तो वह एक 20-22 साल की लड़की..
!! जो की, शायद मेरी बहन की उम्र की
होगी के चक्कर में थे और उसके साथ शराब पी रहे थे और उसके छोटे से स्कर्ट में हाथ
डाल डाल कर, उसके चुत्तडों पर
चिकोटी काट रहे थे.. !!
थोड़ी देर बाद,
पापा उसी लड़की के साथ रंग रेलिया मना रहे थे..
!! जो की, हमें उस बुड्ढे के साथ
समंदर किनारे मिली थी.. !!
आधी रात के बाद,
जब रात अपने पूरे शबाब पर थी।
तेज़ म्यूज़िक के
बीच में मम्मी ने अपना शर्ट हाथ में लेकर हिला हिला कर डांस की भद्दी स्टेप्स करना
शुरू कर दी.. !! जो शायद ज़्यादा नशे के कारण थी।
मेरी बहन भी नशे
में धुत्त हो, कोने के सोफे पर
पैर चौड़े कर अपनी पैंटी दिखा रही थी.. !! उसे ज़रा भी होश नहीं था की दो लड़के जो
की शायद ड्रग्स लिए हुए थे.. !!
उसके पैरों में
बैठ कर, उसकी पैंटी को टच कर रहे
थे।
हम लोग, करीब रात के 4-5 बजे गेस्ट हाउस पहुँचे और सीधे मास्टर बेडरूम में घुस गये।
किसी को अपने
कपड़ों का ख्याल नहीं था।
मम्मी तो हाथ में
शर्ट लेकर ही घूम रही थीं और बहन ने भी अपना स्कर्ट और जैकेट उतार फेका.. !! .. !!
मेरा नशा,
अब कुछ कम होता सा लग रहा था.. !! लेकिन,
पापा तो अब भी अपनी बची हुई दारू की बोटल को
मुँह से लगाए हुए थे.. !!
नाच और नशे के
कारण, गर्मी बहुत लग रही थी..
!! इसलिए, हमने ए सी चालू होने के
बावजूद अपने सारे कपड़े खोल दिए.. !!
इधर, पापा तो बहन को ब्रा पैंटी में देख कर उस पर
टूट ही पड़े और मम्मी ने मुझे अपने ऊपर लगभग खींचते हुए लपेट लिया,
मैं कहाँ मौका
छोड़ने वाला था.. !! मैं भी पापा की तरह कपड़े खोल कर मम्मी के ऊपर चढ़ गया और
फ़ौरन मम्मी की जीन्स उतारकर उनकी चिकनी चूत को मुँह में लेकर ज़ोर – ज़ोर से चूसने लगा.. !!
यह देख कर,
मेरी बहन ने भी अपनी पैंटी उतार फेंकी और पापा
के मुंह के ऊपर बैठ गई।
जैसे ही, पापा ने उसकी चूत को चाटा, वह आनंद से भरकर मूतने लगी और पापा अपनी जवान
बेटी की चूत का सारा पानी यानी रस भारी मूत पी गये.. !!
मम्मी भी,
अपने दोनों हाथों से अपने स्तानो को दबाते जा
रही थीं और कहने लगी की बेटा, यह हिम्मत तू दो
दिन पहले क्यो नहीं कर गया… मैं कब से,
तड़प रही थी… अब तक तो हम ना जाने, कितने दौर पर दौर मार कर मज़े ले चुके होते…
अगली सुबह 10 बजे, जब मल्लिका बाई आई तो मम्मी ने उससे बेड रूम छोड़ कर बाकी पूरा गेस्ट हाउस
साफ़ करवा लिया क्योंकि, बेड रूम में हम
तीनों अभी तक नंगे पड़े हुए थे.. !!
पापा का लौड़ा तो
बहन की चूत में खाली होकर लटक रहा था और बहन के दूध पर मेरा हाथ रखा हुआ था।
दोपहर के भोजन के
बाद, हम सभी वापस बड़े बिस्तर
पर एकत्रित हुए और इस बार बिना नशा किए मैंने अपनी बहन को चोदा, मम्मी भी पापा से चुदवाने के बाद वापस मेरे लंड
को खड़ा करने के लिए, चूसने लगी.. !!
.. !!
उधर पापा भी बहन
की छोटी सी चूत की फांको का स्वाद ले रहे थे…
इस तरह, हम अगले कुछ दिन और गोआ में रहे.. !!
इस बीच, हम दिन में कई बार आपस में सेक्स का नंगा नाच
करते और इस बीच पूरे घर में नंगे नाचते रहते।
घर वापस आने के
बाद तो हम आज तक कभी भी अलग-अलग नहीं सोए।
सभी कामन रूम में
डबल किंग साइज़ के बेड पर सोते हैं और मज़े मारते हैं और हाँ अब हमारे घर में
कपड़ों का खर्च कुछ कम हो गया है क्यूंकि कपड़े हम केवल बाहर जाने के लिए ही पहनते
हैं।
घर में तो हमेशा
नंगे ही रहते हैं।
मम्मी भी पापा से एक बात ही कहती है की जल्दी से वापस ऐसी ही कोई और ट्रिप का इंतज़ाम करो।
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