सगे भाई ने अपनी
कुंवारी बहन को चोदा … जी हाँ… मैंने चोदा अपनी बहन को… मेरा नाम मुन्ना है.. मैं 24 साल का हूँ| ये मेरी बहन की चुदाई की कहानी है| मैं एक किराने की दुकान में जॉब करता हूँ|
मेरे घर में मेरे मम्मी:-पापा और एक छोटी बहन
मंजू है.. जिसकी उम्र 19 साल है.. मंजू स्कूल में पढ़ती है|
मेरे पापा
कोलकाता में जॉब करते हैं! सो घर में हम तीनों.. मेरी मम्मी और बहन और मैं ही रहते
हैं|
मेरी मम्मी का
नाम सीमा है.. उनकी उम्र 44 साल है| मेरी मम्मी काफ़ी बड़ी चुदक्कड़ हैं! उनकी साइज़ 38:-36:-40 की होगी| मैं एक:-दो बार उनको नहाते समय ब्रा और पैंटी
में देख चुका हूँ| मेरी मम्मी एक
सेक्स के मामले में सदा से ही एक भूखी महिला रही हैं| मुझे ऐसा ही लगता है क्योंकि मेरे पापा ज़्यादातर कोलकाता
में अकेले ही रहते हैं.. वे साल में दीवाली पर ही आते हैं और 15:-20 दिन रहते हैं|
मेरी माँ मेरे
चाचा! फूफा और एक गाँव का भगत है.. इन तीनों से चुदाई करवाती हैं| ज़्यादातर गाँव का वो भगत ही मेरी माँ की चुदाई
करता है| मुझे थोड़ा शक हुआ तो
मैंने थोड़ा माँ पर नजर रखी.. तो मुझे मालूम हो गया कि मेरी माँ इन तीनों से
चुदवाती हैं| क्योंकि जब चाचा
जी जब बाहर से आते हैं तो माँ के साथ उसके रूम में ही सोते हैं और माँ हम भाई:-
बहन को दूसरे रूम में सुला देती थीं|
जब फूफा घर आते
तो भी यही सिलसिला चलता.. वो भी माँ के रूम में सोते और हम दोनों को फिर बाहर सोना
पड़ता|
जब कोई नहीं होता
तो मम्मी हर वीक में एक बार चुदवाने के लिए खुद भगत के पास जाती थीं| अगर माँ नहीं जाती.. तो भगत खुद ही शाम को घर आ
जाता| उसके आने पर फिर वही
होता! माँ हम दोनों को दूसरे रूम या छत पर जाने को बोल देती थीं|
वे बोलती थीं कि
भगत जी 1:-2 घंटे पूजा करेंगे.. तब तक तुम बाहर ही रहो| फिर 1:-2 घंटे तक वो दोनों खूब चुदाई करते| चुदाई के बाद भगत तुरंत चला जाता जब हम दोनों
अन्दर जाते तो मुझे माँ की चुदी हुई हालत देखकर पता चल जाता था कि भगत ने माँ को
जमकर चोदा है| माँ के कपड़े और
बाल सब बिखरे रहते थे|
बाद में मेरा भी
माँ के बारे में सोच:-सोच कर मूड खराब होने लगा| मैंने 3:-4 बार भगत माँ की चुदाई के बारे में सोच सोच कर
मुठ भी मारी| अब मेरे दिमाग़
में बस माँ की चुदाई की प्लानिंग चलने लगी| माँ को भी मुझ पर अब कुछ शक हो गया था कि मुन्ना मेरे बारे
में जान गया है| वो मुझसे बात भी
कम ही करती थीं|
मेरा लंड इधर माँ
की चुदाई के सपने देखने लगा.. पर माँ से कुछ बोलने की मेरी हिम्मत ही नहीं होती थी|
एक बार तो माँ ने
मुझे मुठ मारते हुए भी देख लिया था! लेकिन वो कुछ बोली नहीं थीं|
मैंने अपनी माँ
को चोदने का बहुत ट्राइ किया.. पर अब तक नाकाम ही रहा|
फिर मेरी नज़र
मेरी छोटी बहन मंजू पर पड़ी| मंजू दिखने में
मस्त है.. थोड़ी पतली है| उसका साइज़
32:-28:-32 का होगा| अब मैं मंजू तो
पटाने में लग गया| बातों:-बातों में
मैं उसको टच कर देता! कभी किस कर देता.. वो कुछ नहीं बोलती|
मैं उसको शॉपिंग
के लिए पैसे भी देने लगा! मंजू को सब तरह से हेल्प करने लगा! मंजू भी कभी:-कभी
ख़ुशी से मुझे गले लगा लेती थी|
ऐसा ही एक साल तक
चला|
मैं जल्दबाज़ी
नहीं चाहता था अन्यथा मंजू नाराज़ हो सकती थी|
एक दिन माँ! भगत
के मंदिर से शाम को घर वापस आईं.. मैंने देखा कि उनके पूरे कपड़ों में मिट्टी लगी
थी|
मैंने ये सब मंजू
को भी दिखाया और बोला:- मंजू मुझे लगता है भगत और माँ के बीच कुछ चक्कर है|
मंजू नहीं मानी..
वो बोली:- ऐसा नहीं है|
मैंने कहा:-
अच्छा तू चैक करना फिर बताना|
फिर 3:-4 बार
मंजू भी ध्यान दिया तो उसको भी विश्वास हो गया कि माँ को भगत चोदता है|
मंजू मुझसे
बोली:- ये बात सही है|
एक दिन मंजू
शॉपिंग करने अपनी सहेलियों के साथ गई थी| जब शाम को मैं दुकान से वापस आया तो मंजू गुस्सा करके बैठी थी|
मैंने पूछा:-
क्या हुआ?
मंजू बोली:- कुछ
नहीं|
मेरे बहुत
रिक्वेस्ट करने पर बोली:- बैग रखा है.. जाकर देख लो|
मैंने जाकर देखा
तो बैग में विस्पर था|
फिर बाद में मंजू
बोली:- मेरी सारी सहेलियों ने विस्पर लिया! तो मैंने भी एक ले लिया.. इस पर माँ
गुस्सा हो गई हैं|
मैं बोला:- कोई
बात नहीं रख लो.. यूज कर लेना| अगली बार से जो
भी लेना हो मुझे बता देना! मैं लेकर आ जाऊंगा|
उसने थोड़ा सोचा
फिर बोली:- ओके थैंक्स भाई|
यह बोल कर वो
मेरे गले से लग गई| उसके गले लगते ही
उसके ठोस मम्मे मेरे सीने से टकराए.. लंड एकदम से फनफना उठा! सच में बहुत मज़ा आया|
अब हम दोनों
दोस्त जैसे हो गए थे| मैं इधर:-उधर कभी
भी मंजू को टच करता! तो वो कुछ नहीं बोलती| कभी:-कभी माँ नहीं होतीं.. तो पीछे से जाकर मंजू को पकड़ भी
लेता.. जब पीछे से पकड़ता तो वो थोड़ा गुस्सा हो जाती|
ऐसा ही एक महीने
तक चला|
एक दिन माँ मामा
के घर गई थीं| घर पर अकेले हम
दोनों ही खाना खा कर पास:-पास में ही लेटे हुए थे| उसी वक्त मैंने फिर माँ की चुदाई के बारे में बोलना शुरू कर
दिया! मंजू कुछ नहीं बोली|
कुछ समय बाद वो
बोली:- पापा शायद बाहर रहते हैं.. इसीलिए माँ भगत के साथ सेक्स करती हैं|
बातों ही बातों
में मैंने मंजू की चूची को दबा दिया और बोला:- जब माँ भगत! चाचा और फूफा से चुदवा
सकती हैं.. तो हम दोनों भी तो चुदाई कर सकते हैं|
मंजू बोली:- पागल
हो गए क्या.. हम दोनों भाई:-बहन हैं.. ऐसा कभी नहीं हो सकता|
मैंने फिर से
उसका आम टच किया तो वो गुस्सा हो गई|
उस रात तो मुझे
नींद नहीं आई| मंजू की चुदाई के
बारे में सोच:-सोच कर मैंने 2 बार मुठ मारी और सो गया|
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बढ़ा सकते हैं!
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घरेलू तरीका! देखें, जिस तरह से ...
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सुबह उठा तो देखा
नाश्ता रेडी है.. मैंने नाश्ता किया और दुकान पर चला गया| शाम को फिर हम दोनों अकेले ही थे| खाना खाने के बाद फिर बात होने लगीं|
मंजू बोली:-
गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बना लेते हो?
मैं बोला:- कोई
अच्छी लड़की मिलती ही नहीं है और कोई लड़की कुछ हल्ला मचा देगी तो प्राब्लम हो
ज़ाएगी|
मंजू हंसने लगी|
मैं मज़ाक करते
उससे बोला:- मंजू तू ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जा ना|
इस बार वो कुछ
नहीं बोली.. मैं उसको उकसाता हुआ बोला:- किसको शक भी नहीं होगा|
बहुत रिक्वेस्ट
के बाद वो बोली:- सोचकर बोलूँगी|
फिर हम दोनों सो
गए|
अगले दिन दुकान
के आने के बाद देखा मंजू ने नहाकर एक सेक्सी सलवार:-कमीज़ पहन रखी है|
मैं बोला:- मंजू
क्या बात है आज तो एकदम सेक्सी माल लग रही हो|
उसने थोड़ा गुस्सा
दिखाया और चली गई|
शाम को हम दोनों
ने खाना खाया.. फिर सोने के लिए रेडी हो गए|
फिर मैंने पूछा
कि मंजू तुमने बोला नहीं कि मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी या नहीं?
बोली:- ठीक है पर
एक शर्त पर.. कि किसी को भी कुछ बोलना नहीं|
मैं बोला:- ठीक
है|
अब हम दोनों पास
एक बेड पर थे| मैंने धीरे उसके
चूचे पर हाथ फेरा! वो कुछ नहीं बोली.. तो मैं धीरे:-धीरे उसके दूध दबाने लगा..
उसके कड़क होते निप्पलों को कपड़े के ऊपर से ही मींजने लगा| लेकिन इस तरह बीच में कपड़ा आ रहा था|
फिर मैंने उसकी
कमीज को थोड़ा ऊपर किया तो मंजू बोली:- रुको.. निकाल देती हूँ|
अब मंजू ने अपनी
कमीज़ निकाल दी थी.. ब्रा के ऊपर से ही उसके निप्पलों को मसल रहा था| दूध दबाते हुए ही मैंने उसकी ब्रा को भी खोल
दिया| अब उसने निप्पल बिल्कुल
तने हुए थे| मैंने एक निप्पल
को मुँह में भर लिया! उसको एकदम से करेंट सा लगा और गुदगुदी होने लगी|
मंजू बोल रही
थी:- अह.. कुछ अजीब सा हो रहा है|
करीब दस मिनट तक
उसके निप्पल चूसने के बाद वो एकदम से गरम हो गई और मुझे किस करने लगी|
फिर मौका अच्छा
देखते हुए मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर अलग कर दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी
चूत को रगड़ने लगा| मंजू एकदम से
चुदासी सी सिसकारियां लेने लगी|
मैंने झट से उसकी
पैंटी को निकाल कर अलग किया और अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया| चुत पर मेरे मुँह का स्पर्श पाते ही मंजू एकदम
सी सिहर गई| मैंने उसकी
गुलाबी चुत को 3:-4 मिनट चाटा! फिर एक उंगली चुत के अन्दर डालने लगा|
उंगली के कारण
मंजू थोड़ा सा कसमसाई.. पर में लगातार एक उंगली चलाता रहा| साथ ही धीरे:-धीरे चुत को चाटते हुए मैंने 2 उंगलियां चुत
में घुसा दीं|
इस तरह चुत में 5
मिनट तक उसे चाटते हुए दोनों उंगलियां अन्दर:-बाहर करता रहा| मंजू की चुत एकदम से गीली हो गई थी.. चुत से
पानी निकल रहा था|
मेरा लंड भी इधर
पेंट फाड़ने पर आमादा था|
मंजू चुदास से भर
चुकी थी और अब वो चोदने का इशारा कर रही थी| मैंने मौका अच्छा देखते हुए अपने लंड को मंजू की चुत पर रख
कर धीरे:-धीरे अन्दर डालने लगा| मेरा लंड उसकी
कसी हुई चुत में घुस ही नहीं पा रहा था|
फिर मैंने बहुत
सारा थूक लंड पे लगाया और धक्का दे मारा| मेरे लंड की टोपी चुत में घुस गई.. बस इतने में ही मंजू चीख पड़ी और बोलने
लगी:- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत दर्द हो रहा है..
जल्दी निकालो.. नहीं तो मर जाऊंगी|
मैंने उसके मुँह
पर अपना मुँह रखा और बोला:- मंजू एक मिनट सह लो.. फिर मज़ा ही मज़ा आएगा|
उसके मुँह पर
मुँह रखते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड मंजू की चुत में पेल दिया| मंजू दर्द से चीखने लगी! उसकी आँखों से आंसू आ
गए|
मैंने लंड को कुछ
समय रोका.. फिर धीरे:-धीरे उसको चोदना स्टार्ट किया|
अब मंजू को भी
अच्छा लगने लगा.. मैंने भी लंड की स्पीड बढ़ा दी| अब मंजू भी मेरे लने के हर धक्के का जबाव अपनी गांड उठा कर
देने लगी|
पूरे कमरे में ‘आह.. ओह..’ की आवाज़ गूँज रही थी| करीबन 15 मिनट चुदाई के बाद मैं मंजू की चुत में ही झड़ गया| मंजू की चुत से थोड़ा खून भी निकला था| हम दोनों ने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया| फिर करीबन एक घंटे बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया| मैंने मंजू को लंड चूसने के लिए बोला.. लेकिन वो मना करने लगी| मेरे बहुत कहने के बाद मंजू ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगी| हम दोनों 69 में होकर कुछ मिनट तक एक:-दूसरे के लंड चुत चूसते रहे.. फिर साथ में ही झड़ गए|
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