हैल्लो दोस्तों,
मेरा नाम विवेक है। में दिल्ली का रहने वाला
हूँ और मेरी यह पहली कहानी है। में एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हूँ और मेरी
बड़ी बहन का नाम पूजा है। पूजा मुझसे 2 साल बड़ी है और वो कुंवारी है। अब में आपका ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए
सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ। मैंने जब से होश संभाला है, मतलब जवान हुआ हूँ तो दीदी के बारे में ही सोचकर मुठ मारी
है। मेरी दीदी बिल्कुल अप्सरा जैसी है, उसकी हाईट 5 फुट 5 इंच है, उसका फिगर साईज 35-28-36 है, उसका हर एक अंग
इतना प्यारा है कि 80 साल का बूढ़ा भी
मुठ मारने लग जाए। मेरी दीदी की जवानी के बहुत दीवाने है, लेकिन उनकी चूत का मज़ा बस कुछ लोग ने ही चखा है।
मेरे मामा ने भी
मेरी दीदी को पता नहीं कितनी बार चोदा है। मुझे पहले पता नहीं था, लेकिन जब मैंने गौर करना शुरू किया तो समझ में
आया कि जब मेरे घरवाले कहीं जाते थे तो मेरे मामा को मौका मिल जाता और वो हमें
किसी काम में उलझा देते और मामा दीदी की जवानी के मज़े लूटते थे। दीदी का रंग ऐसा
था जैसे दूध में केसर मिला दिया हो, उसका बदन इतना चिकना कि हाथ रखो तो फिसल जाए, दीदी के बूब्स इतने बड़े और गोल थे कि बस जी चाहता कि
इन्हें दबाता रहूँ, चूसता रहूँ,
मेरी दीदी बिल्कुल मक्खन जैसी है। एक बार दीदी
नहा रही थी, हमारे बाथरूम के
दरवाजे में एक छेद है तो मैंने अपनी आँख उस छेद पर लगाई तो मैंने देखा कि दीदी
शॉवर ले रही थी, बस मेरी किस्मत
खराब थी कि उसने पेंटी पहन रखी थी और उसकी पीठ मेरे सामने थी। बस मुझे उसकी मांसल
कमर और उसके बूब्स का साईड का हिस्सा ही दिख रहा था। मेरा कई बार दीदी को चोदने का
मन हुआ, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं
होती थी। मामा अपने खेल के खिलाड़ी थे तो उन्होंने दीदी को पता नहीं किस-किस
स्टाइल से चोदा था? और ये सोचकर मेरा
लंड खड़ा होने लगता है।
फिर एक दिन हमारे
घरवाले बाहर गये थे और अब घर पर में और दीदी थे, तो तभी मामा आ गये और दीदी और मामा ने आँखो ही आँखो में कुछ
इशारे किए। फिर हम तीनों खाना खाने के बाद सो गये, अब मामा एक कमरे में और में और दीदी एक कमरे में अलग-अलग
सिंगल बेड पर सो रहे थे कि रात को अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दीदी
कमरे का दरवाजा खोल रही थी और बाहर जा रही थी। उसने सोचा कि में सोया हुआ हूँ। फिर
वो मामा के कमरे में गयी, जो साईड में ही
था। मामा ने अपने कमरे का दरवाजा खोल रखा था।
फिर मामा मेरे
कमरे में ये देखने आया कि में सोया हूँ या नहीं, तो में अपनी आँख बंद करके सोने की एक्टिंग कर रहा था और साथ
में खर्राटे की आवाज भी निकाल रहा था। फिर वो अपने कमरे में चले गये और रूम बंद कर
लिया, तो मैंने जल्दी से खिड़की
के बाहर लेंटर पर उतरकर साईड वाले कमरे की खिड़की तक गया और उसे थोड़ा सरकया और
फिर मैंने थोड़ा पर्दा हटाया तो में दंग रह गया। अब दीदी दरवाजे के पास खड़ी थी और
मामा उसकी गांड को सहला रहे थे, जब दीदी ने सलवार
कमीज़ पहन रखी थी। फिर मामा ने दीदी की कमीज़ ऊपर करके उतार दी। अब दीदी ब्रा में
खड़ी थी और उनकी ब्रा पिंक कलर की थी और दीदी के कलर से ऐसे मैच कर रही थी कि ऐसा
लगता था मानो कुछ पहना ही ना हो। फिर मामा ने दीदी की सलवार का नाड़ा खोला और उसे
भी नीचे सरका दिया।
अब उनके सामने एक
22 साल की कुँवारी जवानी
खड़ी थी। फिर मामा बोले कि जान बहुत दिन हो गये और अब मत तड़पाओ, में तुम्हारी जवानी को चूसने इतनी दूर से आया
हूँ। फिर दीदी बोली कि मेरे राजा तुम्हारे लिए ही तो ये मस्त जिस्म रखा है,
मेरी चूत में तुम्हारे लंड की ज़रूरत है,
मुझे चोद दो, मुझे अपनी रखैल बना लो और अपने होंठो से मेरी चूची को पी
जाओ, अपने लंड को मेरी चूत का
रास्ता दिखाओ। फिर मामा ने दीदी को नंगा कर दिया, ओह गॉड मैंने पहली बार ऐसा भड़कता हुआ जिस्म देखा था,
बिल्कुल कैटरीना कैफ जैसा था, गोल-गोल बूब्स, केले के तने की तरह चिकनी जांघे थी। अब मेरा मन कर रहा था
कि में अभी दीदी को चोद दूँ। फिर दीदी ने मामा के कपड़े उतारे, अब वो दोनों बिल्कुल नंगे थे। अब मैंने अपना
लंड अपने एक हाथ में ले रखा था। फिर मामा ने दीदी के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और
अपने एक हाथ से दीदी के बूब्स और एक हाथ से दीदी की चूत मसलने लगे थे। दीदी की चूत
पर एक बाल भी नहीं था, उनकी चूत एकदम
चिकनी थी, बस मेरा दिल कर रहा था कि
अपनी जीभ से दीदी की चूत को चाटता रहूँ।
फिर वो दोनों बेड
पर लेट गये और अब मामा का लंड पूरा तन गया था। अब दीदी जैसी मस्त और जवान लड़की को
देखकर तो बाबा जी का लंड भी खड़ा हो जाता है। फिर वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और अब दीदी मामा का लंड ऐसे
चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपोप हो। अब मामा दीदी की गीली चूत को अपनी जीभ से चाट रहे
थे। अब दीदी की हालत बहुत बुरी हो गयी थी, बस वो किसी लंड को अपनी चूत में घुसवाना चाहती थी, अब वो मचलने, तड़पने लगी थी और बोली कि मामा ये चूत तुम्हारे लंड के बिना मर जाएगी, इसे अपने लंड से फाड़ दो। तो मामा ने दीदी के
दोनों पैरो को पूरा खोल दिया और दीदी के पैर खुलते ही मुझे दीदी की रसीली चूत दिख
गयी। फिर मामा ने अपने तने हुए लंड के टॉप को दीदी की चूत पर धीरे-धीरे रगड़ना
शुरू किया। अब दीदी से काबू नहीं हो रहा था और वो कसमसाने लगी थी।
फिर मामा ने हल्का सा एक झटका मारा तो उनका लंड थोड़ा सा अंदर चला गया और दीदी की आह निकल गयी। फिर उन्होंने थोड़ा तेज दबाया तो उनका लंड दीदी की चूत में पूरा चला गया और उन दोनों की चीख निकल गयी, क्योंकि दीदी की चूत ही इतनी टाईट थी। अब मामा जोर-जोर से झटके मारने लगे थे और दीदी भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवाने लगी थी। फिर काफ़ी देर तक मामा झटके मारते रहे और दीदी की चूचीयाँ चूसते रहे। फिर कुछ देर के बाद वो दोनों एक साथ झड़ गये, तो फिर में ज़ल्दी से अपने कमरे में आकर लेट गया। फिर 5 मिनट के बाद दीदी कमरे में आई और अब वो अपनी टांगे चौड़ी करके चल रही थी और फिर दीदी सो गयी और थोड़ी देर के बाद सुबह हो गयी। तो यह थी मेरी बड़ी दीदी की रसीली मदमस्त जवानी, जिसे मामा ने जी भरकर लूटा। वो बहुत किस्मत वाले है, जिसने मेरी दीदी को चोदा है। हमारे आस पड़ोस के लोग और हमारे रिश्तेदार भी दीदी को भूखे भेड़िए की तरह देखते है।
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