अगली सुबह सबसे
पहले मैं ही उठी। नौकर मेरे ऊपर सोया था तो मैंने उसे साइड में किया और उठकर बैठ
गई। सुबह मुझे 8 बजे के करीब जाग
आई थी। दिन पूरा चढ़ चुका था। मैंने देखा के सब सोये हैं। सास अपने दोनों बेटों के
साथ सोई थी भुआ अपनी दोनों बेटियों के साथ नंगी सोई थी। फिर मैं उठी और चाय बनाने
लगी। चाय बनाकर मैं कमरे में ही ले गई और सबको उठाया। फिर सब उठ गए तो मैंने सबको
चाय दे दी।
सास ने नथनी पहन
रखी थी तो काफी सेक्सी लग रही थी। वो साथ में चाय पी रही थी और साथ मे पति का लंड
सहला रही थी। मैं भी नौकर के साथ ही बैठी थी और उसका लंड पकड़ रखा था। भुआ और उनकी
दोनों बेटियाँ एक दूसरे की चूत सहला रही थी। फिर भुआ राज से बोली के अब तो चोद दे
मुझे तूने अपनी माँ भी चोद ली अब तो। फिर
राज बोले के आज तुम्हारी ही बारी हैं तैयार रहना। फिर भुआ बोली के कब से तैयार ही
बैठी हूँ मैं तो।
फिर भुआ बोली के
आज भाभी को नौकर से चुदवाना हैं। फिर मैं बोली के अब वो आपकी भाभी नहीं आपके भतीजे
की बहू हैं। ये सुनकर सब हँसने लगे। फिर चाय पीकर राज भुआ के पास चले गए। फिर राज
ने भुआ को उठने के लिए कहा तो भुआ उठ गई और राज भुआ की दोनों बेटियों के बीच मे
बैठ गए और भुआ को राज ने अपनी गोद में बैठा लिया। भुआ राज की तरफ मुँह करके बैठी
थी राज भुआ की चूत सहलाने लगे और भुआ की दोनों बेटियाँ अपनी माँ के बूब दबाने लगी।
फिर राज ने अपनी एक अंगुली भुआ की चूत में डाल दी तो भुआ जोर जोर से सिस्कारियाँ
लेने लगी।
फिर मैं उठकर सास
और पति के पास आ गई। फिर मैंने सास से नौकर के पास जाने के लिए कहा तो सास खड़ी
होकर नौकर के पास चली गई और उसके साथ बैठ गई। फिर नौकर सास के बूब दबाने लगा। फिर
पति भी मेरे बूब दबाने लगे। राज भुआ के उंगली कर रहे थे तो भुआ काफी ज्यादा गर्म
हो चुकी थी और राज को बार बार चोदने के लिए कह रही थी। फिर राज ने भुआ को लेटाया
और उनके ऊपर आ गया। भुआ ने भी अपने दोनों पैर फैलाकर अपनी चूत खोल दी। फिर राज ने
भुआ की बड़ी बेटी से उनका लंड पकड़कर भुआ की चूत पर घिसने को कहा। तो उसने ऐसा ही किया।
उसने राज का लंड पकड़ा और अपनी माँ की चूत पर घिसने लगी। थोड़ी देर घिसने के बाद राज
ने अपना लंड भुआ की चूत में उतार दिया। भुआ को दर्द हुआ तो वो चीखने लगी लेकिन राज
करते रहे।
फिर राज भुआ की
चूत में जोर से करने लगे तो भुआ सारी हिलने लगी और साथ मे चारपाई भी हिलने लगी।
भुआ की दोनों बेटियाँ अपनी माँ की चुदाई देख रही थी और साथ में अपनी चूत सहलाये जा
रही थी। फिर उन्हें देखकर नौकर ने भी सास से करना शुरू कर दिया था और पति भी मुझसे
करने लगे। पूरे कमरे अब हम सबकी सिस्कारियाँ ही गूँज रही थी। फिर राज झड़ गए तो वो
बैठ गए और भुआ की दोनों बेटियाँ उनका लंड सहलाने लगी और भुआ वैसे ही लेटी रही आँख
बंद करके। फिर पति भी झड़ गए तो वो साइड में होकर सो गए। नौकर ने सास को घोड़ी बना
रखा था और उनकी गाँड मार रहा था। फिर हम सब उन्हें देखने लगे। भुआ भी बैठ गई और
सास की चुदाई देखने लगी। सास काफी सेक्सी लग रही थी। फिर नौकर भी झड़ गया और अपना
सारा पानी सास की गाँड में ही डाल दिया।
फिर हम सब बैठ गए
और बातें करने लगे। राज ने भुआ से पूछा के कैसा लगा चुद कर तो भुआ बोली के बहुत मज
आया। फिर मैं बोली के अब आगे और भी मजा आएगा। बाहर दिन काफी चढ़ चुका था। उस दिन
शनिवार था तो कोई आने वाला तो था नहीं। फिर हम सब पीछे फ्रेश होने गए। तो भुआ
ज्यादा राज से चिपक चिपक कर चल रही थी और नौकर भी सास की गाँड दबा रहा था। फिर भुआ
और उनकी बेटियाँ फ्रेश हो ली तो राज ने उनकी गाँड अपने मुँह से चाटकर साफ की। पति
ने भी सास की गाँड चाटकर साफ की और मेरी नौकर ने।
फिर ओर सब तो
अंदर चले गए और मैं और नौकर पशुओ का काम करने लगे। फिर मैंने दूध निकाला और फिर
मैं भी अंदर आ गई। अंदर आई तो देखा के आंगन में चारपाई पर राज भुआ के साथ सोये हैं
और पति सास के साथ। भुआ की दोनों बेटियाँ खाना वगैरह बना रही थी। फिर मैं भी
चूल्हे के पास चली गई और काम करने लगी। हम चूल्हे के पास बैठी थी तो हमे वो चारपाई
पर सोये दिख रहे थे। फिर राज भुआ के ऊपर आकर उनके बूब चूसने लगे और चूत चाटने लगे।
जिससे भुआ काफी गर्म हो चुकी थी। फिर भुआ राज से लंड डालने के लिए कहने लगी। पर
राज डाल नहीं रहे थे और भुआ को तड़पा रहे थे।
फिर राज ने लंड
डाल दिया और वो भुआ की चुदाई करने लगे। मैं और भुआ की दोनों बेटियाँ ये सब देख रही
थी और साथ में अपनी चूत सहला रही थी। फिर पति ने भी सास की चुदाई शुरू कर दी। राज
भुआ की काफी कसकर चुदाई कर रहे थे और भुआ भी खूब मजे लेकर कर रही थी। फिर काफी देर
करने के बाद राज भुआ की चूत में ही झड़ गए। फिर राज तो खड़े होकर बाहर चले गए और भुआ
ऐसे ही पड़ी रही। पति भी झड़ गए थे।
फिर मैं उठकर भुआ
के पास गई और भुआ से पूछा के कैसा लगा चुदाई करवाकर। फिर भुआ बोली के अब तो मन
करता हैं के सारा दिन चुदती ही रहूँ। फिर मैं सास और पति हँसने लगे। फिर राज वापिस
आ गए और चारपाई पर बैठ गए तो भुआ राज से चिपक गई और उनका लंड हिलाने लगी और राज से
एक बार और करने के लिए कहने लगी। फिर मैं बोली के खाना तैयार हैं पहले खाना खा
लेते हैं। फिर बाद में आप करते रहना। फिर हम सब खाना खाने लगे। फिर मैं नौकर को
खाना देने गई तो वो बैठा अपना लंड ही हिला रहा था।
फिर उसने मुझे
जाते ही पकड़ लिया और फिर करने लगा। फिर वो झड़ने वाला हुआ तो मैं उसका लंड मुँह में
लेकर पानी पी गई। फिर मैं वापिस आई तो देखा के भुआ राज का लंड चूस रही थी फिर भुआ
पति भी भुआ के पीछे चले गए और उनकी गाँड सहलाने लगे। फिर पति भुआ की गाँड चूसने
लगे। फिर पति ने भुआ की लड़की से ऑइल मंगवाया और ऑइल भुआ की गाँड और अपने लंड पर
लगाकर भुआ की गाँड में डाल दिया। भुआ को दर्द सहन नहीं हुआ तो वो चिल्लाने लगी। पर
पति को कुछ फर्क नहीं पड़ा ओर वो करते रहे। कुछ देर बाद भुआ को भी मजा आने लगा तो
वो भी साथ देने लगी। फिर करने के बाद भुआ उठकर चलने लगी तो उनसे मुश्किल से ही चला
जा रहा था। फिर उन्हें देखकर हम सब हँसने लगे।
फिर 2 दिन बाद ससुर का बारहवां होने वाला था। फिर
उसके बाद तो किसी के आने का कोई डर नहीं चाहे जैसे भी रहो। पर इन 12 दिनों में भी हमने काफी मजे किये थे। फिर थोड़ी
देर बाद नौकर भी आ गया तो नौकर मेरे और सास के बूब दबाने लगा। सामने पति और राज
भुआ की बॉडी से खेल रहे थे। फिर राज ने नौकर को भी अपने पास बुला लिया। फिर नौकर
उनके पास चला गया तो भुआ अब तीन मर्दों के बीच मे नंगी बैठि थी।
फिर उन तीनों ने पहले भुआ को अपना लंड चुसवाया और फिर तीनो भुआ से करने लगे। उन्हें देखकर हम भी काफी गर्म हो गई तो मैं और सास भुआ की लड़कियों से अपनी चूत चुसवाने लगी। फिर वो तीनो भुआ से शाम तक करते रहे। भुआ का बुरा हाल हो गया था और वो तीनो भी तक गए थे। फिर शाम को मैंने भुआ की चूत और गाँड का शेक किया। उनकी चूत और गाँड सूज गई थी। फिर भुआ तो तब ही सो गई और हम सब भी जल्दी से काम करके सो गए।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें