मेरा नाम कोमल है
और आज में पहली बार आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी शेयर कर रही हूँ, दोस्तों वैसे यह
घटना कोई प्यार की नहीं है, लेकिन बेवफ़ाई की है और सेक्स की है. मेरी उम्र
32 है और में एक शादीशुदा औरत हूँ और मेरे दो बेटे है. मेरी शादी को हुए 14 साल हो
चुके है.
मैंने अब तक अपने
पति के अलावा किसी और के साथ सेक्स का रिश्ता नहीं रखा था, क्योंकि मैंने
सोचा था कि मुझे प्यार करने वाला मेरा पति होगा, एक परिवार होगा, लेकिन जैसा हम
चाहते है हमेशा वैसा होता नहीं है. मेरे दोनों बच्चो को कुछ समय पहले मेरे पति ने
हॉस्टल में पढ़ने के लिए घर से बाहर भेज दिया.
और अब वो कभी
मुझे वक़्त नहीं देते और घर में जैसे उनसे बात करना तो बिल्कुल असम्भव ही नहीं
बहुत मुश्किल भी था, क्योंकि उन्हे बात करना पसंद नहीं था. घर पर एक
वीरान सी खामोशी रहती थी, बस टीवी की आवाज़ के अलावा बाहर काम करना या
बिना इज़ाज़त के बाहर घूमना यह तो बिल्कुल असम्भव था और अब मेरे तो सभी सपने
पिंजरे में बंद थे.
दोस्तों में
दिखने में बहुत अच्छी हूँ और मेरे फिगर का साईज 34–28–30 और हाईट 5 फिट
8 इंच है और गोरी और बहुत सुंदर हूँ. खेर अब यह सब बताने की ज़रूरत नहीं है मैंने
कभी मेरे पति के मुहं से मेरी अपनी तारीफ नहीं सुनी और मेरे पति को चाहिए कि में
सेक्स के दौरान लेटी रहूँ और वो जो मन में आए करे.
लेकिन मेरा चुदाई
के लिए आग्रह करना उन्हे बर्दाश्त नहीं था, वो मुझसे कहते है कि
घरेलू औरत को सिर्फ़ शरमाना चाहिए. हे मेरी फूटी किस्मत, लेकिन मुझे पूरी
पूरी उम्मीद थी कि यह एक दिन खुलने वाली थी और कुछ पलों के लिए ही सही, लेकिन में एक दिन
जन्नत की सेर करने वाली थी और दोस्तों यह वही कहानी है.
दोस्तों हमारे
भूत बंगले जैसे घर में काम करने वाली तो आती है, लेकिन एक वॉशिंग मशीन भी
है. मेरे पति एक दिन एक नई वॉशिंग मशीन ले आए थे और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अगर
तुम्हे इसमें कोई भी दिक्कत होती है तो तुम इस नंबर पर सर्विस सेंटर कॉल करना. फिर
वो मशीन तीन चार दिनों तक बिल्कुल ठीक तक चली, लेकिन उसके बाद में पता
नहीं वो क्यों स्टार्ट ही नहीं हो रही था? तो मैंने सर्विस सेंटर
में फोन किया और उन्होंने मुझे बताया कि उनके आदमी मेरे घर पर आ जायेंगे.
दोस्तों दो महीने
पहले की बात है दरसल में उन दिनों अख़बार के सप्ताहिकी एडिशन में आने वाली सेक्स
और प्यार की कहानियों में अपने आप को ढूंढने लगती थी. और में उस समय कमरे में
बैठकर अंदर अपने ही हाथों से अपनी चूत में उंगली को डाल डालकर बहुत खुश हो रही थी.
तभी इसी बीच वो खराब वॉशिंग मशीन के दो इंजिनीयर्स घर पर आए, वहां पर काम वाली
थी तो मैंने उनसे कहा कि वो खुद देख ले और में अंदर कमरे में चली गयी, लेकिन मुझे पता
नहीं चला कि बाहर क्या हुआ?
लेकिन मुझे बाद
में पता चला कि वो काम वाली तो जल्दी ही निकल गयी और उन इंजिनीयर्स ने यह तय कर
लिया था कि वो पूरी मशीन को ही बदलकर देंगे तो उन्होंने सेंटर में शिकायत दर्ज
करवा दी थी और अब उन्हे एक पेपर पर सिर्फ़ मेरे साईन लेकर चले जाना था. फिर जब वो
मुझे ढूंड रहे थे तब वहां पर एक छोटी सी खिड़की ने सारी बातें बदला दी.
में जिस कमरे में
बैठकर अपनी चूत में उंगली डालकर सहला रही थी वो रूम तो बंद था, लेकिन दूसरा
दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं था और खिड़की थोड़ी खुली रह गयी थी और जब वो दोनों
इंजिनीयर्स मुझे ढूँढ रहे थे. तभी शायद एक की नज़र मुझ पर पड़ी, लेकिन में तो अब
तक अपने काम में बहुत मस्त थी. फिर वहां पर एकदम से एक इंजिनियर सीधा अंदर चला
आया.
में चकित हो गई
और मेरे गले से आवाज़ तक नहीं निकली, में हिल भी नहीं पाई इतनी चकित हो गई थी. फिर
उसने मेरे पास आकर मुझे बिल्कुल चुप रहने का इशारा किया और अब वो सीधे मेरी चूत
में धीरे धीरे अपनी उंगली डालने लगा और मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में
कैसे उससे मना करूं? में एकदम सन्न रह गयी थी, लेकिन मुझे उसका
छूना बेहद अच्छा लगा.
मैंने उसके आगे
फिर कुछ नहीं सोचा, लेकिन आज जब भी सोचती हूँ तो धक्का लगता है, लेकिन उस समय में
बहुत बेबस थी और कुछ सोचना ही नहीं चाहती थी. और इतने में दूसरा लड़का भी अंदर आ
गया उसने मुहं पर अपनी एक उंगली रखते हुए शीईईईइ कहते हुए मुझे चुप रहने को कहा.
और फिर नज़दीक आकर बोला कि मेरा नाम अंकित है और यह मंजीत तुम बिल्कुल भी चिंता मत
करो, क्योंकि किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. फिर इतने में मंजीत ने
कहा कि मुझे लगता है कि आप बरसों से बहुत प्यासी है? और हम दोनों आपकी यह
प्यास ज़रूर बुझा देंगे. आपकी चूत बहुत सुंदर है.
अंकित ने भी कहा
कि हाँ एकदम हॉट, सेक्सी. फिर दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर
जैसे मेरी चरम सीमा के सारे बाँध टूट गये और अब में भी एंजाय करने लगी थी. और
अंकित मुझे किस करने लगा और फिर बोला कि किस करते वक़्त अपना इतना मुहं इतना
जकड़कर मत रखो अपने लबों को लबों से मिलने तो दो मेरी रानी.
दोस्तों मैंने
पहली बार इतनी गहरी किसिंग की, में शब्दों में उस बात को बता नहीं सकती मुझे
इतनी खुशी मिल रही थी. अब अंकित ने अपनी शर्ट को उतार दिया और पेंट को भी और अब
उसने मेरा टॉप भी उतार दिया और वैसे हमेशा में घर पर ब्रा नहीं पहनती थी. और अब
मेरे ब्रेस्ट जिसे वो बूब्स कहने लगे, उस पर वो दोनों टूट पड़े. अंकित और मंजीत उसे
मसलने लगे, काटने लगे, ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे और निप्पल को काटने लगे
थे. फिर मेरे लिए यह सब बहुत ही अजीब था और मेरी सोच से कुछ ज्यादा था.
अंकित सिर्फ़
अंडरवियर में था और अब उसके खड़े लंड का साईज़ साफ साफ दिख रहा था, वो बहुत बड़ा था
और अब मंजीत ने भी अपने कपड़े उतार लिए में तो मंजीत का लंड देखकर ही एकदम डर गई.
क्योंकि वो अभी से लगभग 7 इंच का था कुछ देर तक किस्सिंग करने के बाद मंजीत ने
अपना लंड बाहर निकाला और मुझे मेरे मुहं के सामने ला दिया और कहा कि चूसो इसे. फिर
में इस काम में थोड़ी ना समझ थी, क्योंकि मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया था और
जैसे कि मैंने पहले बताया है कि मेरे पति ऐसा कुछ नहीं करते थे.
अब मुझे देखकर
मंजीत उसी बेडरूम के फ्रीज़ में से चाकलेट सॉस की बॉटल ले आया और फिर उसने उसको
अपने लंड पर लगाया और बोला कि अब तो मुझे ले लो मेडम, तुम्हे यह बहुत
अच्छा लगेगा. दोस्तों में उस वक़्त कुछ भी करने को तैयार थी, मैंने मंजीत का
लंड अपने मुहं में ले लिया और अब में उसे सक करने लगी. और अब अंकित भी आ गया और
में अब बारी बारी से दोनों के लंड को सक कर रही थी ऑश वाअहह में बता नहीं सकती कि
में उस समय कितनी खुश थी.
मंजीत का लंड
बड़ा होकर करीब 9 इंच का हो गया था और अंकित का 8 का काला मोटा नाग बहुत देर तक उन
दोनों के लंड को मैंने एक एक करके सक किया. और कुछ देर के बाद में मंजीत वहां से
बेड पर सीधा लेट गया और वो मुझसे बोला कि आ जाओ मेडम हम तुम्हे आज जन्नत की सेर
करवाते है.
और अंकित ने मेरी
चूत में दो तीन बार उंगली डाली और मेरी चूत का गरम रस निकल गया. अंकित ने मंजीत से
कहा कि लगता है यह बहुत तैयार हो चुकी है और मुझे देखकर कहा कि चलो सेक्सी आज कुछ
तूफानी करते है. और अब उसने मुझे मंजीत के लंड पर बैठने को कहा मंजीत का लंड करीब
9 का था और मैंने इतना बड़ा लंड इससे पहले कभी नहीं लिया था.
अंकित मुझसे बोला
कि तुम बिल्कुल भी डरो नहीं, थोड़ा दर्द तो होगा, लेकिन दर्द में
ही तो मज़ा है. और फिर मंजीत ने मुझसे कहा कि आ जाओ मेडम मुझे आपकी चूत को देखकर
लगता नहीं कि आपने कभी असली लंड से सेक्स किया हो, आ जाओ. फिर मैंने बहुत
साहस किया, लेकिन जैसे ही मंजीत का लंड मेरे अंदर आया में तो बहुत ज़ोर
से चीख पढ़ी और अब में खड़े होने की नाकाम कोशिश करने लगी. लेकिन अंकित ने मुझे
कसकर पकड़ लिया और ऊपर से भी ज़ोर से झटका देकर मुझे मंजीत के खड़े बड़े 9 इंच के
लंड पर दे मारा.
में तो ज़ोर से
चीख पड़ी अह्ह्ह्हह्ह्ह् अह्ह्हह्ह्ह्ह ऊउईईईईईई माँ, अंकित ने मुहं पर
हाथ रख दिया जिससे आवाज़ बाहर ना जाए और बोला कि जल्दी जल्दी धक्के लगाओ अच्छा
लगेगा. फिर मैंने कहा कि उह्ह्ह प्लीज इसे आईईई बाहर निकालो, मंजीत ने भी कहा
कि इसे धक्के लगाओ यह तभी बाहर निकलेगा.
और अब यह घोड़ा
मेरा कहा नहीं मानेगा और फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगी. और मुझे कुछ देर
बाद बहुत अच्छा लगने लगा, लेकिन दर्द भी बहुत हुआ था अहहह्ह्ह्ह
उफ्फफ्फ्फ़ और अब में सच में जन्नत में थी. वो बहुत दमदार लंड था और आज मुझे पहली
बार सेक्स करते समय इतना मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ ही देर में एक
बार फिर मज़ा दर्द में बदल गया.
में तो मंजीत के
लंड पर ही थी और अब अंकित ने मुझे ज़ोर से आगे की तरफ धक्का देकर मंजीत के ऊपर
सुला दिया और पीछे से अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया अह्ह्हह्ह्ह्ह ऊईईईईईईईई
माँ मर गई हाए ऊईईईईईईईईईईईईईई में मर गइईईईईईई. फिर मैंने उससे कहा कि नहीं, यहाँ पर नहीं, मंजीत मुझे नीचे
से पकड़ते हुए बोला कि मज़े करो मेडम, तेरी चूत और गांड दोनों किसी कुंवारी लड़की की
जैसी ही थी, क्या हमें पागल समझा है जो अब हम छोड़ेंगे मज़ा लो. फिर इस
बार में ज़ोर ज़ोर से रो ही पड़ी, क्योंकि में उन दोनों के बीच में थी और अब मेरा
दर्द बर्दाश्त के बाहर था.
अंकित ने अब डॉगी
स्टाईल में मुझे बैठने को कहा और पीछे से मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया अहह और
मंजीत ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया अहहऊहह आआआअहह. में अब फिर से एक बार
जन्नत में थी में जैसे अब कुछ ही पलों में बिखरने वाली थी और अपनी चरम पर पहुँचने
वाली थी. इस पोज़िशन में अंकित ने बहुत देर तक मुझे चोदा और में भी अपनी कमर को
हिला हिलाकर उसका साथ दे रही थी.
और मंजीत मेरे
मुहं को चोद रहा था और अब में चरम सीमा पर पहुँच गयी, लेकिन वो दोनों
बारी बारी से अभी भी मेरी चूत को मार रहे थे. फिर मैंने कहा कि अब बस करो, में अब बहुत थक चुकी
हूँ, तभी इतने में मंजीत ने कहा कि हमने आज तक कभी भी इतनी अच्छे
से किसी के घर की मशीन को ठीक नहीं किया. आज तो हमने जमकर मेहनत की है मेडम और फिर
मंजीत ने अपना वीर्य छोड़ दिया और वो भी मेरे मुहं में और मेरा मुहं पकड़कर रखा
जिससे में बाहर ना निकल सकूं.
में थोड़ी नाराज़
भी हो गई तो अंकित ने अपना सारा वीर्य मेरी छाती पर गिरा दिया और कहा कि तुम
सिर्फ़ सुंदर ही नहीं एकदम सेक्सी भी हो. फिर वो दोनों अब अपने अपने कपड़े पहनने
लगे और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए. तभी मंजीत ने मुझसे कहा कि मेडम जी अब तो इस
पेपर्स पर अपने साइन कर दो, बाकी प्यार की निशानी तो आपके पास ही है. मुझे
मंजीत का यह शरारती स्वाभाव बहुत अच्छा लगा और में थोड़ा सा उनकी तरफ मुस्कुराई और
फिर मैंने उन पेपर पर साईन कर दिया और वो दोनों चले गये.
एक महीने बाद उन दोनों ने फिर से मुझे कॉल किया, लेकिन मैंने साफ साफ मना कर दिया दोस्तों ऐसा नहीं कि मुझे उनकी चुदाई में मज़ा नहीं आया था. लेकिन अब मेरी दुनिया अलग थी, सज़ा जैसी ही क्यों ना थी, लेकिन वो ही मेरी दुनिया थी और वो ही मेरी वास्तविकता है और में उसमे बहुत खुश हूँ कि मुझे बहतरीन सेक्स का आनंद मिला और मैंने पहली बार सेक्स में चरम सीमा पाने का आनंद लिया था. मैंने उसके बाद अपने पति से ही अपनी चुदाई करवाना उचित समझा और अब में उनके साथ ही बहुत खुश हूँ, चाहे वो कैसे भी हो? मुझे उस बात से कोई फर्क नहीं पढ़ता. दोस्तों में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी जरुर पसंद आई होगी.
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