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कुंवारी साली को उसके कमरे में चोदा बंद करके (Kunwari Sali Ki Chudai Story)

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची चुदाई की एक सच्ची घटना सुनाने के लिए आया हूँ। वैसे में पिछले कुछ सालों से की सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ। दोस्तों यह बात आज से करीब 6 साल पहले की है, जिसमें मैंने अपनी एक दूर के रिश्ते में साली को उसके कमरे पर जाकर बड़े मज़े लेकर चोदा। वो पहले तो वो मुझे बड़ा नखरा दिखा रही थी, लेकिन फिर वो धीरे धीरे शांत होती गई और अपनी चुदाई के मेरे साथ मज़े लेने लगी। दोस्तों कहानी को सुनिए कि मेरे साथ कैसे क्या हुआ?

कुंवारी साली को उसके कमरे में चोदा बंद करके (Kunwari Sali Ki Chudai Story)


एक दिन जब में अपने ऑफिस से अपने घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरे घर पर मेरी पत्नी के दूर के कुछ रिश्तेदार आए हुए थे, जिसमें एक लड़का जो मेरी पत्नी का रिश्ते में भाई लगता था और एक लड़की जो रिश्ते से उसकी बहन लगती वो दोनों हमारे घर पर कुछ दिन रहने के लिए आए हुए थे, दोस्तों क्योंकि वो दोनों बाहर दूसरे शहर से आए थे, इसलिए वो इस हमारे पूरे शहर में केवल हम लोगों को ही जानते थे, लेकिन कुछ दिन निकल जाने के बाद में मुझे अपनी पत्नी से पता चला था कि अब वो लड़की हमारे शहर लखनऊ में अपनी आगे की पढ़ाई करेगी और वो लड़का बस उसको हमारे घर पर छोड़ने के लिए आया था।

अब मेरी आखों एकदम से चमक उठी, क्योंकि एक हॉट सेक्सी कुंवारी लड़की हॉस्टल में अकेली रहेगी और वो रिश्ते में मेरी साली लगती है और वो दिखने में कोई बुरी भी नहीं है, लेकिन वो चुदाई करने के लिए एकदम ठीक ठाक माल थी। दोस्तों उस दिन से मैंने उस पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे और हम दोनों पति पत्नी शुरू के दिनों में उन दोनों भाई बहन के साथ बहुत बार इधर उधर बाहर घूमे और उनको बहुत कुछ दिखाया, जिससे वो हमारे साथ खुश रहने लगे, लेकिन कुछ दिनों बाद एक दिन वो लड़का हमको दोनों पति पत्नी को उस लड़की की पूरी ज़िम्मेदारी देकर अपने घर पर वापस चला गया। तब तक वो लड़की भी हमारे उसकी मदद करने पर एक कमरे में रहने लगी। हम दोनों मेरी पत्नी और में कभी कभी जाकर उसके कमरे में उसके हालचाल पूछ लिया करते थे। वो एक और दूसरी लड़की के साथ एक ही कमरे में रह रही थी। वो लड़की भी एक ही जगह की रहने वाली थी, लेकिन हम दोनों पति पत्नी उस लड़की को पहले से नहीं जानते थे।

हमारी उस लड़की से बातचीत मेरी साली ने ही शुरू करवाई और वो लड़की भी दिखने में बहुत मस्त पटाका थी, जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे और इस बीच ही मेरी साली और में एक दूसरे से बहुत खुल गये थे। हम दोनों जीजा साली एक दूसरे से बहुत ज्यादा हंसी मजाक और सभी तरह की बातें भी करने लगे थे और में बहुत सी बार उसका सही मूड देखकर उससे दो मतलब की बातें भी किया करता था, जिसका वो मतलब बहुत जल्दी समझकर मेरी तरफ मुस्कुरा देती थी। दोस्तों हमारी बातें अब मेरे ऑफिस के फोन पर भी हर कभी होती थी और जब भी मेरा दिल करता तो में उससे मिलने चला जाता, लेकिन मेरे मन में हमेशा बस एक ही ख्याल रहता था कि उसको कैसे चोदा जाए?

मेरा दिल हमेशा उसके लिए बड़ा बेकरार था, लेकिन मुझे तो उसको बस एक बार चोदना था, लेकिन मुझे ऐसा कोई सही मौका नहीं मिल रहा था जिसका में फायदा उठाकर उसकी चुदाई कर दूँ। में दिन भर उसी के बारे में सोचता रहता था। एक दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी होने के बाद अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठकर शराब पी और फिर जब में अपने घर पर जाने लगा। तब अचानक से मेरा स्कूटर उसके हॉस्टल की तरफ घूम गया और में उसके कमरे पर चला गया। तो वो मुझे इस हालत में देखकर मुस्कराने लगी और फिर में उसके कमरे के अंदर चला गया, लेकिन तब मैंने देखा कि वो उस समय अपने कमरे में बिल्कुल अकेली है।

फिर मैंने उससे पूछ लिया कि तुम्हारी वो सहेली कहाँ गई है? तो वो मेरी बात को टाल गई और उसने कोई भी जवाब नहीं दिया, लेकिन मेरे बहुत बार वही बात पूछने के बाद उसने मुझे बताया कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ रोजाना रात को कहीं जाती है और वो देर रात में वापस कमरे में आ जाती है और कभी कभी तो वो आती ही नहीं है। दोस्तों में उसकी बातों से तुरंत समझ गया कि यह उसके घूमने फिरने से बहुत ज्यादा जलती है, क्योंकि वो तो रात रातभर अपने बॉयफ्रेंड के साथ रंग रंगीलीयां मनाती है और वो कुछ नहीं कर पा रही थी। अब में झट से यह बात भी समझ गया था कि वो मुझे हर कभी फोन भी क्यों किया करती है? फिर मैंने उससे पूछा क्यों वो अभी तो नहीं आ जाएगी? तब वो बोली कि नहीं जीजाजी वो रात को दस बजे से पहले नहीं आ सकती और उस समय रात के 8:30 का समय हो गया था।

दोस्तों अब मैंने मन ही मन में पक्का ठान लिया था कि आज मुझे कैसे भी करके उसको जरुर चोदना है। अब वो उठकर खड़ी हुई और मुझसे कहने लगी कि जीजा जी आप बैठिए में आपके लिए चाय बनाकर अभी लाती हूँ, लेकिन तभी मैंने उसको रोककर उसका एक गोरा मुलायम हाथ पकड़ लिया और फिर उसको एक झटका देकर मैंने अपनी छाती से चिपका लिया। वो एकदम से बहुत डर गई और मेरी बाहों में आकर छटपटाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज आप यह क्या कर रहे है, प्लीज छोड़ दीजिए मुझे, हमें मेरी मकान मालकिन देख लेगी, लेकिन मैंने उससे कहा कि यहाँ पर कोई नहीं आएगा, क्योंकि मुझे आते समय मकान मालकिन ने नहीं देखा।

अब में उसके माथे को चूमने लगा और उसके गाल को चूमने लगा। फिर मैंने उसके कान को थोड़ा सा काट दिया और चूसने लगा, वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन कुछ देर बाद सब कुछ पहले जैसा हो गया। अब में उसके बूब्स को दबा रहा था और सहला रहा था। वो धीरे धीरे गरम होने लगी थी जिसकी वजह से अब उसकी वो पकड़ थोड़ी ढीली हो गई थी और उसका वो विरोध भी अब धीरे धीरे कम होने लगा था, वो थोड़ी मस्त होने लगी थी।

फिर भी वो मुझसे कहती रही कि जीजाजी यह सब बहुत ग़लत है प्लीज आप मुझे अब छोड़ दो, लेकिन में अब कहाँ मानने वाला था? में लगातार अपना काम करता रहा तो मैंने उसको बिस्तर पर बैठा दिया और में उसके पास में बैठ गया। अब वो फिर भी ना नुकर करती रही, लेकिन में उसके बूब्स को मसल रहा था और उसके निप्पल को कपड़ो के बाहर से ही पकड़ रहा था और उनको मसल रहा था। अब मुझे उसकी तरफ से भी थोड़ा सा साथ मिलने लगा। अब वो भी मेरे साथ साथ बड़ी मस्त होने लगी थी।

फिर मैंने सबसे पहले उसके कमरे की सभी खिड़कियों को बंद कर दिया और में उसकी कमीज के अंदर अपना एक हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाना लगा, लेकिन वो अब भी बिल्कुल भी तैयार नहीं हो रही थी, लेकिन मैंने ज़ोर ज़बरदस्ती करके उसके बूब्स को अंदर से पकड़ लिया और में उनको सहलाने लगा। फिर मैंने महसूस किया कि वो बहुत बड़े आकार के मुलायम थे। फिर मैंने सही मौका देखकर धीरे धीरे करके उसकी ब्रा के हुक को खोल दिए, लेकिन अब वो थी कि मुझे अपनी कमीज़ ही नहीं उतारने दे रही थी। वो मुझसे कह रही थी कि आप बस करो मेरी मालकिन आ जाएगी, लेकिन मैंने उसको बहुत बार समझाया कि यहाँ पर इस समय कोई भी नहीं आएगा और में उसके बूब्स को सहला रहा था।

अब वो भी अब जोश में आकर मेरे साथ साथ मज़े ले रही थी, लेकिन दोस्तों लड़कियाँ पहली बार में एकदम से पूरी तरह से खुलती नहीं है यह मेरा बड़ा पुराना अनुभव था, इसलिए में उसके लाख बार मना करने पर भी उसके बूब्स को सहलाता रहा। अब वो थी कि मान ही नहीं रही थी। अब में आगे बढ़ते हुए अपने एक हाथ से उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से ही मसल रहा था, जिसकी वजह से वो हिलकर अब कभी अपनी चूत को बचा रही थी और कभी अपने बूब्स को, लेकिन मुझे उसके साथ मज़ा बहुत आ रहा था।

दोस्तों अब तक मेरा लंड भी एकदम तनकर खड़ा हो गया था और में पूरे जोश में था, इसलिए मैंने बिना देर किए अब उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसको एकदम नीचे सरका दिया और वो उसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। अब वो पेंटी में मेरे सामने थी और में कोशिश करने लगा कि में कैसे भी करके अब उसका वो कुर्ता भी उतार दूँ, लेकिन उसने मुझे नहीं उतारने दिया।

अब में उसकी पेंटी में अपना एक हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो सिहर गई और मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया। तब मैंने महसूस किया कि वो अब बहुत गीली हो गई थी और धीरे धीरे करके मैंने उसको बहुत समझाया, लेकिन वो थी कि मान ही नहीं रही थी, लेकिन में अब अपने पूरे जोश में था और अब मैंने उसको बिस्तर पर ज़ोर ज़बरदस्ती करके लेटा दिया और में उसके ऊपर चड़ गया, लेकिन वो तभी एकदम से उल्टा लेट गई।

अब में क्या करता? फिर मैंने उसको उल्टा ही चोदने की बात सोची और मैंने उसको डॉगी स्टाइल में उल्टा ही दबा लिया और उसकी पेंटी को नीचे सरका दिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डालना शुरू कर दिया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी। अब में उसको उसी तरह से पकड़े रहा और अपने एक हाथ से अपनी पेंट को मैंने खोल दिया। उसके बाद अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी चूत पर रगड़ रहा था, लेकिन वो कहती रही थी कि जीजा जी यह सब ग़लत है आप मुझे छोड़ दो। अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद के ऊपर रखा और एक झटके में उसकी चूत के अंदर डाल दिया। थोड़ा सा ही लंड अंदर गया था कि वो एकदम से चिल्ला गई उफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ में मर गई।

फिर मैंने उसके मुहं पह पर अपना एक हाथ रखकर बंद कर दिया, नहीं तो उसकी वो चिल्लाने की आवाज सुनकर सही में उसकी मकान मालकिन आ ही जाती, फिर मैंने उसको समझाया कि तुम्हे बस अब और दर्द नहीं होगा और में उसी पोज़िशन में धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। दोस्तों मैंने उसको इतनी देर से पकड़ा हुआ था कि अब मैंने महसूस किया कि अब उसको भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था, क्योंकि वो अब बिल्कुल ढीली पड़ गई है और में धीरे धीरे करके अपना लंड उसकी चूत में अंदर डालता गया और वो भी अब अपने कूल्हों को थोड़ा थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी। अब में पूरे जोश में था, जिसकी वजह से हम दोनों ही बड़े मज़े ले रहे थे और उसकी भी हल्की हल्की सिसकियाँ आने लगी और वो भी एकदम से डॉगी स्टाइल में बैठ गई और में अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसलता रहा और उसकी चूत का आनंद लेता रहा।

फिर मैंने उससे पूछा कि साली जी अब आपको कैसा लग रहा है? तो वो बोली कि जीजा जी आप बहुत गंदे है। फिर भी वो मेरे साथ मज़ा ले रही थी। अब मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसको पलटकर सीधा लेटा दिया और में उसकी चूत को चाटने लगा। वो एकदम से बोली कि जीजाजी प्लीज मुझे अब और ना तरसाओ, प्लीज जीजाजी मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, प्लीज जल्दी से अपना वो डालो ना में मर रही हूँ जीजाजी प्लीज अब मत करो ऊऊईईइ प्लीज अपना वो डालो ना।

फिर मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा खोल दिया और मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया और उसकी चूत को सहलाया और उसकी चूत के मुहं को अपनी दोनों उँगलियों से फैलाया और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखकर धीरे से अंदर डाल दिया, वो फिर से चिल्लाई जीजाजीइईईईईईई थोड़ा धीरे से डालो ना मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने उससे कहा कि मेरी रानी तुम्हे थोड़ा सा दर्द तो होगा ही और में धीरे धीरे करके अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाल रहा था और वो भी बड़ी मस्त होकर अपनी कमर को ऊपर उछाल रही थी और में दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसल रहा था।

अब में भी हल्के धक्के मार रहा था और वो भी अपनी कमर को लगातार मेरे हर एक धक्के के साथ उचका रही थी और अब उसकी सिसकियों की आवाज़े आ रही थी, जीजाजी बहुत मुझे मज़ा आ रहा है, अब प्लीज थोड़ा जल्दी आईईईईईईईईईई करो ना वरना वो आ जाएगी ऊऊईईईईई और अब मुझे भी थोड़ा सा डर लग रहा था, इसलिए मैंने भी जल्दी ही निपटने की सोची और अब मैंने तूफान एक्सप्रेस की तरह उसकी कमर को पकड़ा और ज़ोर के धक्के देने लगा। वो भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी और अब हम दोनों मज़े ले रहे थे। वो कह रही थी जीजाजी आज अपने मुझे बहुत मज़ा दिया आईईईईईई अब में आपकी हो गई और अब उसने मुझसे कहा कि जीजाजी में बस आ रही हूँ और में भी झड़ने वाला था और मैंने अपना लंड उसकी चूत के अंदर ही रहने दिया।

फिर जैसे ही में झड़ा तो वो भी मेरे साथ साथ झड़ गई और उसने मुझे अपने दोनों पैरों से मेरी कमर पर इतनी ज़ोर से पकड़ा कि में एकदम छटपटा गया। में तुरंत समझ गया कि उसको मेरे साथ अपनी चुदाई में बहुत मज़ा आया है। फिर दो मिनट तक में उसके ऊपर ही लेटा रहा। वो भी मुझसे वैसे ही लिपटी रही और उसके बाद मैंने उससे कहा कि जाओ जल्दी से बाथरूम में जाकर तुम पेशाब कर लो, नहीं तो तुम मेरे बच्चे की माँ बन जाओगी। फिर वो मेरी बात को सुनकर तुरंत उठ खड़ी हुई और वो जल्दी से अपने कपड़े पहनकर बाथरूम में चली गई और कुछ देर बाद वो पेशाब करके वापस मेरे पास चली आई। तब तक में भी अपने कपड़े पहनकर वापस जाने की तैयारी में था और में उससे विदा लेकर अपने घर पर चला आया।

दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी, जिसमें मेरी कुंवारी सेक्सी साली को अपनी पहली चुदाई में ही पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया। उसको चुदाई के पूरे मज़े दिए और उसने भी मेरा उस चुदाई में अच्छे से साथ दिया। 

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छोटे भाई का मोटा लौड़ा मेरी टाइट चूत में दोडा

आपको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ। मेरा भाई जो मुझसे 2 साल छोटा है उसका नाम साहिल है। यह सब तब हुआ था जब मेरा ममेरा भाई हमारे घर पर आया था। यह वही है भाई ने मुझे पहले चोदा था, हमारे घर पर एक हफ़्ता रुका था, इस बीच हमने 3 बार मस्ती की थी। जब भी उसको मौका मिलता है, मुझे पकड़ लेता है। कभी रसोई में तो कभी घर के पीछे, हम लोग बहुत चिपकते रहते थे। साहिल को शायद हम पर शक हो गया था लेकिन एक हफ्ते बाद मेरा कज़िन चला गया। कुछ दिनों बाद मेरे मम्मी-पापा को किसी रिश्तेदार के यहाँ जाना पड़ा।उस दिन मैं और मेरा भाई घर में अकेले थे।  मैं रसोई में लंच तैयार कर रही थी मेरा भाई भी रसोई में आ गया। मुझसे बातें करने लगा। पहले तो सामान्य बातें करता रहा।

लेकिन फिर उसने कहा- स्मिता, तुम्हें नहीं लगता कि हमारे मामा का लड़का थोड़ा ज्यादा ही फ्लर्ट टाइप का है? मैं एकदम धक्क से रह गई कि यह ऐसा क्यों पूछ रहा है? मैंने ऐसे ही कहा- नहीं तो ! ऐसा तो कुछ भी नहीं लगा मुझे। क्यों तुम ऐसे क्यों पूछ रहे हो? “बस ऐसे ही, मैंने कई बार नोटिस किया है कि तुम से कुछ ज्यादा ही लग रहा था। रसोई में भी वो तुम्हारे पास ही बैठा रहता था। वैसे क्या बातें करता था वो तुमसे?

अब मुझे थोड़ा शक हुआ। मैंने बात टालने के लिए कहा- नहीं, बस ऐसे ही इधर-उधर की बातें करता रहता था।दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मैंने तिरछी नज़र से देखा तो मेरे भाई की नजर मेरी गाण्ड पर थी और उसकी आँखों में मैं वासना देख सकती थी। एक बार इस ख्याल ने मेरे मन में कुलबुलाहट पैदा कर दी कि मैं अपने भाई के साथ जो करना चाहती थी, शायद वही मेरा भाई भी मेरे साथ करना चाहता है। मैंने देखा मेरी गाण्ड में मेरा पंजाबी सूट फँसा हुआ था और मेरा अपना छोटा भाई मेरी गाण्ड देख रहा था। मैंने अचानक पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो भईया?

वो थोड़ा संभला और कहा- नहीं, कुछ नहीं। अब मुझे पूरा यकीन हो गया था कि मेरी प्यास अब मेरा छोटा भाई मिटाएगा। उस दिन के बाद मैं उसको लाइन देने लगी। कभी उसके सामने झुक जाती और उसको अपने मम्मे दिखाती। उस समय मैंने कई बार अपने भाई को लंड मसलते देखा था। एक दिन वो पल आ ही गया जब मेरे भाई ने मुझे ठोक दिया। उस दिन मम्मी-पापा घर पर नहीं थे। मैं झाड़ू लगा रही थी। मैंने बहुत ही ढीले कपड़े पहन रखे थे। नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी। मैं रोज की तरह उसके सामने झुक कर झाड़ू लगाने लगी। मेरे मम्मे और निप्पल देख कर उसकी आँखें चमकने लगीं। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

उसने अपने होंठों पर जीभ फिराई, और मुझे अपने एक हाथ की दो उँगलियों को गोल कर के दूसरे हाथ की उंगली को उसमें घुसेड़ कर चुदाई का इशारा दिया। मैंने नाटक करते हुए अपने मम्मे पकड़ कर कपड़े ठीक किए और शरमाने का नाटक किया और उसको एक आँख मार कर अपने बेडरूम में भाग गई। मुझे पता था आज मेरा भाई ज़रूर कुछ करेगा क्योंकि आज उसका लंड निक्क़र में कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था।

वो मेरे पीछे-पीछे कमरे में आ गया। उसने मुझे दबोच लिया और अपने पैन्ट की चैन खोल कर अपना मूसल निकाल कर मेरे चूतड़ों में सटा दिया। मैंने भी ना-नुकर नहीं की। मैंने भी कहा- हरामी बहनचोद अगर तुझे सब पता था, तो मुझसे इतनी मेहनत क्यों करवाई। तुझे सिड्यूस करने के लिए? उसने कहा- मैं देखना चाहता था कि मेरी रंडी कुतिया बहन किस हद तक अपने भाई से चुदवाने के लिए मरती है।मैंने कहा- जब बहन-भाई राज़ी तो क्या करेगा काजी। अब आजा मेरे प्यारे बहनचोद भाई और लेले अपनी बहन के नज़ारे।

अब हम दोनों बिल्कुल खुल चुके थे। उसने अपने होंठ अपनी बहन के गुलाबी होंठों पर रख दिए। एक हाथ से मेरे 32 साइज़ के लेफ्ट मम्मे को दबाने लगा।

उसने कहा- मेरी स्मिता दीदी, तू तो एकदम मस्त माल है। पता नहीं कितनी बार तेरे नाम की मुट्ठ मारी है। आज तेरी चूत चोद कर सारी गर्मी निकाल दूँगा।मैंने भी कहा- अरे मेरे बहनचोद भाई, तेरी बहन का भी यही हाल था। यह साला मामा का लड़का पहले मिल गया वरना मैं तेरे साथ ही अपनी सुहागरात मनाती।

भाई ने कहा- चल कोई बात नहीं। आज से तुझे मैं अपनी रंडी बन कर रखूँगा और रोज तेरी लूँगा।

बातें करते-करते पता ही नहीं लगा कब हम दोनो नंगे हो गये। उसका लंड आज पहली बार इतनी करीब से देखा था। आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है | एकदम सुंदर लाल गुलाबी मशरूम जैसा उसका सुपाड़ा देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया। उसके पहले कि वो कुछ बोलता, मैंने उसे अपने मुँह में ले लिया। और किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगी। भाई सिसकारियाँ लेने लगा।यह तो मैं थी जो अपने भाई के लंड को मज़े के साथ किसी ब्लू-फिल्म की हीरोईन की तरह चूस रही थी।उसने कहा- तुम तो बिल्कुल एक रंडी बन गई हो बहना ! एकदम रंडी की तरह लंड चूसती हो, ‘आहहज़ोर से चूस बहना ! तेरा क्या कहना ! आप यह कहानी मस्तराम  डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मज़ा आ गया ! आज तो इतना चिकना माल घर पर मेरे लंड के लिए तड़प रहा था और मैं मुट्ठ मार कर अपने लंड को शांत कर रहा था। ऊऊओह आहहपूरा मुँह में ले लो दीदी ! और मैंने उसका 6.5 इंच का पूरा लंड मुँह में लेने की कोशिश की। मेरे गले तक पहुँच गया था। उसने मेरा सिर पकड़ के दबा दिया। मैंने उसकी तरफ देखा। उसने मेरे मुँह में धक्के मारने स्टार्ट कर दिए थे।आज मैं अपने आप को एक रंडी की तरह महसूस कर रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे मेरा भाई मुझे पैसे देकर बाज़ार से लाया हो। काफ़ी देर उसका लंड चूसने से वो और भी बड़ा और लाल हो गया था।

अब मैं बेड पर बिछ गई। भाई मेरे ऊपर आ गया और मुझ पर चुम्बनों की बारिश कर दी मेरे गालों पर, मेरे गले पर और जब वो मेरे गुलाबी निप्पल्स के पास पहुँचा तो उसने वहाँ चुम्मा नहीं लिया और नीचे पेट पर चला गया। मैंने एक गाली दी- बहनचोद, मेरे दूध नहीं पियेगा क्या? उसने मेरी तरफ देखा और ऊपर आ कर मेरे चूचुकों पर पहले अपने होंठ रगड़े और फिर उसको मुँह में ले लिया।मैंने अपने होंठ अपने दांतो में दबा लिए, “आहह मेरे बहनचोद भाई पी ले बहन की दूध, श आआन्ं तू भी तो बिल्कुल बच्चे की तरह चूसता है मुम्माउउउंमाआ आहह।

भाई  मेरे एक चूचुक को चूस रहा था और दूसरे को मसल रहा था। आज मैं जन्नत में थी। मैंने उसका सर पकड़ कर अपने मम्मों में दबा लिया। मैं मस्ती में सिसियारही थी, “आ आ चूस ले भाई ज़ोर से आज के बाद रोज मेरा ही दूध पीना तू उउउंम आहह।वो बारी-बारी से मेरे दोनों मटर के दाने चूस रहा था। कभी-कभी वो अपनी जीभ से मेरे चूचुकों की हिलाता तो बस ऐसा लगता जैसे मैं अभी झड़ जाऊँगी। चूस-चूस कर मेरे मम्मे और चूचुक लाल करने के बाद उसने मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए। उसके इस हमले से मैं उछल पड़ी।

सच कहूँ मेरा भाई मेरे ममेरे भाई से भी बड़ा चोदू निकला। उसको पता था कि अपनी सेक्सी बहन को कैसे चोदना है। भाई ने जीभ मेरी गीली चूत में डाल दी और मैं झड़ गई। वो मज़े से मेरे काम रस को चाट गया।

लेकिन वो रुका नहीं ओर मैं बेड पर पड़ी-पड़ी मादक कराहें निकालती रही। अब वो मेरी टाँगों के बीच आ गया था।उसने कहा- बहना अब असली मज़े का समय आ गया है।मैंने कहा- हाँ मेरे बहनचोद भैया, प्लीज़ ज़रा ध्यान से चोदना। मैं तुम्हारी बहन हूँ, कोई रंडी नहीं।ऐसा मैंने इस लिए कहा था क्योंकि उसका लंड ममेरे भाई के लंड से ज्यादा मोटा था। उसने अपना लाल मशरूम मेरी स्ट्राबेरी पर रखा और पुश किया।

मेरे मुँह से एक आहनिकली और उसका टोपा मेरी चूत में घुस गया था। उसने फिर थोड़ा और ज़ोर लगाया तो आधे से ज्यादा लंड चूत में गया और मेरे मुँह से निकला- उउउइ माआ धीरे भैया बहुत मोटा है उह भाई।

चुप साली छिनाल, कुतिया नखरे करती है। आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | इतनी बार चुदवाने के बाद भी दर्द का नाटक करती है।मैंने कहा- नहीं भाई, सच कह रही हूँ। तुम्हारा बहुत मोटा है।

उसने मेरी एक ना सुनी और पूरा लंड डाल दिया मेरे अंदर। मैं बस एक चीख मार कर रह गई। अब वो मुझे धकापेल चोदने लगा।मैं भी मस्ती से उसका साथ देने लगी- चोद बहन के लौड़े, साले कुत्ते अपनी कुतिया बहन कोआज से मैं तेरी रंडी और तेरी कुतिया हूँ, मादरचोद.. जब कहेगा तेरे लंड के आगे कुतिया बन जाऊँगी और तू कुत्ते की तरह मेरे ऊपर चढ़ जाना। आज के बाद रोज तेरी बहना तेरा बिस्तर गर्म करेगी और जी भर कर चोदना अपनी बहन को भाई।हाँ मेरी बहना अब तेरी चूत में मेरा लंड ही लेते रहना, तू इसी तरह अपने भाई से चुदवाती रहना।

उसने मुझे कुतिया बनने को कहा।मैं उसके सामने कुतिया बन गई। मेरा भाई मुझे किसी कुत्ते की तरह ऊपर चढ़ कर चोद रहा था।आहह.. आहह.. आह.. ऊहह.. उम्.. मम्मी.. तेरे बंटी ने आज मुझे चोद ही डाला..और मैं झड़ गई। थोड़ी देर बाद मेरा भाई भी झड़ने ही वाला था तो मैंने उसको लंड निकालने को कहा और अपने मुँह में ले लिया। वो मेरे मुँह में झड़ गया। 

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ससुर ने बहू को चोद दिया नशे में

दोस्तों मेरा नाम अनु है। मैं 19 साल की हूँ , मैं बहुत सेक्सी किस्म की औरत हु पर आज तक मन से चुद नहीं पाई। शादी के दो साल हो गए है। पति फ़ौज में है वो सिर्फ साल में एक महीने के लिए आता है। पर मुझे ज्यादा टाइम नहीं दे पता है क्यों की उसका सेक्स सम्बन्ध अपनी ही सगी बहन के साथ है।  वो वह भी मुँह मारते रहता है क्यों की मेरी ननद का पति चोद नहीं पता इसलिए भाई बहन के बिच में जायज वाला नाजायज रिश्ता है। क्यों की मेरी ननद को बच्चा चाहिए और उसका पति दे नहीं सकता।

 

मन मसोस कर रह जाती हु, चाहती हु खूब चुदुँ , कोई ऐसा मिले की मेरे जिस्म की भूख को शांत कर दे। मेरी चूचियां रगड़े, मेरे गांड में ऊँगली डाले, मेरे चूत में ऊँगली करे और उसके बाद जो चूत से पानी निकले उसको अपने जीभ से चाटे। मेरे जिस्मो से खेले, निप्पल को दांत से काटे और मैं आह आह आह की आवाज निकालूँ। पर ये सब ख्वाब सा ही रहा मेरे लिए।

 

एक दिन की बात है। ससुर जी रात को करीब १० बजे आये थे। घर में और कोई नहीं रहता है। पति बॉर्डर पर सास है नहीं वो पहले ही चल बसी और ये हैं एकलौते तो मैं घर पर और ससुर जी घर पर। मैं खाना खाकर और सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ते पढ़ते और अपने चूत को सहलाते हुए कब सो गई पता ही नहीं चला।

 

ससुर जी आये और मुझे ऐसे देखा की अर्धनग्न हालत में। उनसे कण्ट्रोल नहीं हुआ।  और वो धीरे धीरे मेरे चूत पर हाथ फेरने लगे।  फिर मेरे शर्ट का बटन खोल दिया।  मेरी चूचियां बाहर आ गई।  क्यों की रात को मैं अक्सर ब्रा नहीं पहनती। उसके बाद क्या था मेरे ससुर जी को चूत और चूचियां मिल गई अब तो वो मुझे शायद ही छोड़ने वाले होते।  वो भी भूखा क्यों की सास को गए करीब १० साल हो गए थे।  वो मेरी चूचियों पर टूट पड़े और मेरी चूत को सहलाने लगे।

 

मैं जाग गई थी पर अनजान बनते हुए उठ खड़ी हो गई और बोली पिताजी आप ये क्या कर रहे हैं ? आपको पता होनी चाहिए की अपने बहू के साथ ऐसी गन्दी हरकत नहीं करते।  वो आगे बढे दूसरे कमरे में गए और १०० रूपये की एक गड्डी  लाकर दे दिया और बोले मेरा है कौन सब कुछ तो तेरा है।

 

ये रख और मुझे रोक मत।  मैं तुम्हे काफी दिन से देख रहा हु।  तू नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ती है और फिर अपने चूचियों को दबाते है और फिर अपने चूत को सहलाती है।  तू भी तो परेशान है लंड नहीं मिलने की वजह से।  मैं तुम्हारी भावनाओं को समझ रहा हु।  फिर मुझे भी मत रोक और तू भी मजे ले और रानी बन कर रह।

 

मुझे बात जम गई। फिर मैं बोली अगर इनको ये बात पता चल गई तो? तो वो बोले कौन बताएगा उसे ऐसे ही वो साल में एक बार आता है। और वो मेरे करीब आते गए और मुझे अपनी बाहों में ले लिया और कुत्ते की तरह चाटने लगे। मैं भी सेक्स की भूखी थी और मैं भी ससुर जी का लंड लेने के लिए तैयार हो गई। उसके बाद तो शुरू हुआ असली खेल। मैं लेट गई और वो मेरे शर्ट को खोल दिए फिर मेरा घाघरा और फिर पेंटी उतार दी।

 

उसके बाद मेरी बड़ी बड़ी और गोल गोल चूचियों के साथ खेलने लगे। वो पूरी तरह से पागल हो गए थे और मुझे भी पागल कर दिया था। मैं अपने होठ को दांत से दबा रही थी क्यों की उनकी हरकते हि ऐसी थी वो मेरी चूत के बिच जो दाने है उसको जीभ से रगड़ रहे थे मैं पानी पानी हो रही थी। और वो चाट रहे थे। मैं ससुर जी के लंड को हाथ में ली मैं यकीं नहीं कर पा रही थी की इतना बड़ा लौड़ा। पति का तो इससे आधा है। और मोटा और तना हुआ। अब तो मैं पागल हो गई मोटे लौड़े को अपने हाथ में लेके।

 

फिर क्या था मेरी सिसकियाँ निकलने लगी। आह आह आह आउच उह उह आउच उफ़ उफ़ और तकिये को अपनी मुठ्ठी में लेती होठ दांतो के अंदर दबाती और अंगड़ाई लेती। क्या दोस्तों आपका लंड खड़ा हो रहा है की नहीं।  आप कल फिर आइये इस वेबसाइट नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर  पर फिर हॉट कहानी दूंगी आपको।  प्लीज आएयेगा।  उसके बाद मैं बोली पिताजी जी अब बस करो जल्दी चोद दो।

 

तो पिताजी बोले मुझे पिताजी मत कहो।  मेरा नाम रामखेलावन है रामखेलावन बोलो। मैं बोली ठीक है।  तभी वो मेरे चूचियों को चपड़ चपड़ पिने लगा। मैं बोली क्या कर रहे हो रामखेलावन चोदो ना जल्दी प्लीज। वो मुझे गाली देते हुए बोले। मादरचोद अभी तो पूरी रात बाकी है। आज मैं तेरे भोसड़े को भोसड़ा बना दूंगा।

 

आज तेरी गर्मी शांत कर दूंगा। ताकि तू सेक्स कहानियां पढ़ पढ़ कर जो चूत सहलाती है अब सहलाना नहीं पड़ेगा। आज मैं खूब छोडूंगा और गांड भी मारूंगा। तो मैं बोली तुम्हे कौन मना कर रहा है रामखेलावन चोद दे मुझे।  और फिर वही हुआ।

 

मेरी टांगो को अपने कंधे पर ले लिया मेरी चौड़ी गांड का छेद और चूत का छेद दोनों सामने और ससुर जी का लंड खड़ा बोले पहले कहाँ चोदू गांड में की चूत में। मैं बोली गांड बाद में मार लेना पहले मुझे चूत में छोड़कर शांत करो।  और वो मेरे चूत के ऊपर लंड का सुपाड़ा रखा और जोर से मेरी चूत में डाल दिया।

 

ओह्ह्ह दोस्तों क्या बताऊँ मैं जन्नती में चली गई। वो धक्के देते गए और मैं आह आह आह करती गई। वो मेरी चूचियों को मसलते और मैं अंगड़ाई लेती। वो जोर जोर से मुझे चोदते रहे और मैं चुदवाती रही।

 

रात भर मुझे चोदा और गांड मारा। सुबह मैं चल नहीं पा रही थी। हरामी वो सुबह बताया था की वियाग्रा लेके आया था और रात भर मुझे चोदा पर जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ। अब ससुर जी के साथ ही सोती हु। और चुदाई का मजा ले रही हु। आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर कमेन्ट कीजिये। 

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सेक्स की भूखी पडोसी भाभी की चुदाई कहानियाँ - Padosi bhabhi ke sath chudai desi kahani

दोस्तों, आज जो भाभी की चुदाई कहानियां बताने जा रहा हू वो मेरी पड़ोसी भाभी के साथ चुदाई की हैं पढाई करने के लिए, जहा मैं रहता हु, वह तो तो यार माल ही माल है, गाँव में तो उजाड़ था पर यहाँ तो बहार है, दिल्ली में पहली बार बड़ी बड़ी चूची, गांड, मस्त मस्त औरत, पता नहीं यार यहाँ की औरते लड़कियां किस चक्की की आता कहती हैरात को घंटी बजी मेरे फ्लैट की, मैं फ्लैट में अकेले ही रहता हु, कोई दोस्त भी अभी नहीं बना है इस लिए थोड़ा परेशान सा हो गया था की आखिर रात को १० बजे कौन हो सकता है, जाँघिया पे ही था, बनियान भी नहीं पहना था,

मैंने तौलिया लपेटा और दरवाजा खोलने चला गया, मैं तो अवाक् रह गया एक खूबसूरत सी औरत, करीब २४- २५ साल की, पिंक कलर का नाईटी पहने गोल गोल चूचियाँ जिसके निप्पल साफ़ साफ़ महसूस हो रहे थे, निचे उनके कपडे जांघों में सटा हुआ, पूरा शरीर दिख रहा था कपडे के ऊपर से ही, गोरी बाल ऊपर खोपा बना हुआ, मखमली शरीर, हलकी सी होठों पे मुस्कराहट, भूरि आँख, होठ गुलाबी, क्या बताऊँ यार, ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह.

भैया क्या मैं अंदर आ सकती हु? हां हां हां आईये मैंने कहा, वो अंदर आ गई, बोली आप नए आये हो? क्या करते हो? गाँव कहाँ हां? मेरी तो धड़कन तेज हो गयी थी, पर मैं उनके प्रश्नो का जवाव दे रहा था, फिर मैंने बैठने का इशारा किया, वो बैठ गयी, कुर्शी पे मैंने कहा अभी आपके लिए ठंढा लाता हु, वो बोली नहीं नहीं पर मैं नहीं माना शर्ट पहना दौड़कर निचे गया उनके लिए एक ठंडा लाया उनको भी दिया और मैंने भी ली, नमकीन प्लेट में था, दोनों खा रहे थे और पि रहे थे,

मैं बार बार उनके बदन को देख रहा था क्यों की वो अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी, फिर वो गिलास खुद ही रखने जाने लगी मैंने मना किया पर वो किचन में चली गयी जब वो उठी और झुकी तो मैंने उसके चूची को लटकते हुए देखा मैं तो कायल हो गया, फिर वो जब जाने लगी तो पीछे से उसके गोल गोल चौड़ी गांड मस्त हिलोरे लिए जा रही थी. मेरा तो लैंड खड़ा हो गया. आई बोली मेरे पति एक कंपनी में काम करते है, शादी हुए २ साल हुआ है, वो मुझे खुश नहीं रख पा रहे है, वो हमेशा घर से बाहर ही टूर पे रहते है, मैं खुले विचार की लड़की हु,

मैं अपनी ज़िंदगी जीना चाहती हु, मैं चाहती हु तुम मेरा साथ दो, अगर तुम्हे पैसे की भी जरुरत होगी मैं दूंगी, बहुत तन्हाई है मेरी ज़िंदगी में, और वो मुझे अपनी नशीली आँख से देख रही थी, वो हाथ आगे बढ़ाई और मैंने भी हाथ मिला लिया, थोड़ा करीब आ गए होठ से होठ सटा मेरे सारे शरीर में करंट सी दौड़ गया, साँसे तेज हो गयी, आज तक मैं कभी भी किसी औरत या लड़की को चूमा नहीं था, ओह्ह्ह्ह्ह क्या बताऊँ आंख कब बंद हो गया और सिर्फ होठ चूसने में ही लगा रहा, उन्होंने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ के अपने चूची पे रख दिया.

मैंने हौले हौले से भाभी की चूची दबाने लगा और होठ चूसने लगा, वो भी उसी तरह से होठ चूस रही थी और मेरे बालों को सहला रही थी, फिर वो मेरा तौलिया हटा दी और जाँघिया के ऊपर से ही वो मेरे लण्ड को दबाने लगी वो आंगड़ियां लेते हुए मेरे करीब सट गयी और मुझे बाँहों में भरकर वो मुझे निचे लिटा दी और मेरा लण्ड निकाल के पहली वो कामुक निगाह से देखि फिर सोटने लगी, मैंने आह आह आह आह कर अहा था अचानक वो अपने मुह में ले लिया, मैंने तो पागल सा हो गया था मैंने उसके बाल को जोर से पकड़ा और अपने लण्ड में सटा दिया और निचे से धक्का देने लगा.

फिर भाभी ने अपने नाईटी को उतार दी, मस्त शरीर का दर्शन होकर मैंने धन्य हो गया, बोलो बोलो भाभी जी की जय…….. ओह्ह्ह यार क्या बताऊ मैंने टूट पड़ा उनके ऊपर वो निचे लेट गयी मैंने ऊपर से निचे तक चाटने लगा और चुइयों को दबाने लगा, उनके जाँघों के बीच में गया तो मुझे पहली बार बूर का दर्शन हुआ, ऊँगली लगाया तो लसलसा सा पदार्थ था सूंघ के देखा तो कुछ खश नहीं लगा चाटा तो नमकीन था, फिर जीभ लगा और थोड़ा सुरसुराहट किया वो तड़प उठी बोली बस इसी का इंतज़ार था, और करो और करो, मैं वैसे ही करता रहा वो आआह उफ्फ्फ्फ्फ़ माआ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आआह आआअह कर रही थी अब बर्दास्त के बाहर हो गया था.

मैंने देखा मेरे लण्ड के ऊपर थोड़ा वीर्य अपने आप ही नक़ल गया, फिर से मैंने चाटना सुरु किआ और करीब दस मिनट में मेरा लण्ड उग्र रूप धारण कर लिया मोटा लंबा हिलोरे ले रहा था, मैंने उनके बूर के ऊपर लण्ड रखा और जोर से धक्का मारा पूरा लण्ड करीब आठ इंच का बूर के बीच में समा गया गया, मैंने दोनों हाथ से चूची को पकड़ा और जोर जोर से देने लगा वो भी हरेक झटके पे हाय हाय हाय कर रही थी मैंने पहली बार इतनी सुन्दर कमर गांड बाली औरत देखि थी मैं पुरे शरीर को निहारते हुए चोदे जा रहा था, वो गांड उठा उठा के झटके दे रही थी,

मेरे झटके से उनकी दोनों चुचियन हिलोरे ले रही थी, फिर क्या था वो एक गहरी सांस ली अंगड़ाई ली मुझे कस के पकड़ी नाख़ून मेरे पीठ में गड़ा दी और उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकली और झड़ गयी, मैं जोर जोर से चोदे जा रहा था, अचानक मेरे अंदर से सिहरन हुआ विजली सी लगी और मैं जोर से आआअह किया और मैंने अपना वीर्य भाभी की बूर में डाल दिया और उनके ऊपर ही निढाल हो गया, करीब बीस मिनट तक दोनों एक दूसरे को पकड़ के लेटे रहे फिर कपडे पहने, उस रात को दो बार भाभी की चुदाई की, करीब दो बजे रात को वो अपने कमरे फ्लैट में चली गयी. कैसी लगी प्यासी भाभी की चुदाई

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ससुर ने बहु को चोदा खेत में नंगा करके – वो चीख चीख कर रोने लगी

ससुर ने सेक्सी बहू को चोदा खेत में नंगा करके चुदाई कहानी बड़े बेटे की शादी अभी बस एक महीने पहले ही करवाई हे मैंने. खेतो का सारा काम मेरा बड़ा बेटा रमन ही देखता हे. घर में बहु के के आने के बाद अब घर सूना नहीं लगता हे. बहु का नाम कम्मो हे.मैं कम्मो को बहु कह के ही बुलाता हूँ, और वो मुझे पिताजी कहती हे. रमन को कुछ काम से शहर जाना हुआ और बस उसके जाते ही बहुत के ऊपर मेरी नजर पड़नी शरु हुई. रमंन के जाते ही शाम को बहु अपने कमरे में सो रही थी और करवट बदलते हुए उसका लहंगा उसकी जांघो तक ऊपर आ गया था. मेरी नजर उसके ऊपर पड़ी तो ऐसे लगा जैसे लौड़े में नहीं जान आ गई हो.

 

ससुर ने बहु को चोदा खेत में नंगा करके वो आह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के चिल्लाने लगी

 

थोड़ी देर के बाद बहु उठी तो मैं हर पल उसके साथ ही रहा. वो जब खाना बना रही थी तब भी मैं उसको ही देखता रहा. मैं नजरें उसके बूब्स और गांड के ऊपर टिका के बैठा हुआ था. खाने बैठे तब मैंने उसके मम्मों के ऊपर ही अपनी नजरें चिपका डाली थी जैसे. अब उसको भी पता चल गया था की मैं उसकी तरफ ही देख रहा था और वो भी बुरी नजरों से! खाने के बाद मैं बहु के साथ बातें करने लगा.मैं: बहु मुझे आज आधी रात को खेत पर जाना होगा. नहर में पानी आया हुआ हे उसे खेतों में छोड़ के सिंचाई करनी हे. क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी?बहु: पिताजी इतनी रात को जाना क्या ठीक होगा? वैसे मुझे अँधेरे से बहुत डर लगता हे. और वो कह रहे थे की हमारे खेत जंगल से सटे हुए हे. रात में जा कर खतरे को मोल लेने जैसा हे. सुबह को नहीं जा सकते हे पिताजी?

 

मैं: नहीं बहु सुबह बहुत देरी हो जायेगी. अगर रात को पानी छोड़ा नहीं तो पानी किसी और के खेत में ले लेगा वो. और फिर हमें उसके खेत की सिंचाई पूरी ख़त्म होने की राह देखनी पड़ेगी. वैसे मैं साथ में हूँ फिर तुम्हे किसी से भी डरने की जरूरत नहीं हे. मेरी तो पूरी लाइफ ही निकल गयी इन खेतो में मैं चप्पे चप्पे से वाकिफ हूँ!   बहु: ठीक हे पिताजी, जैसे आप को ठीक लगे. मैं आप के साथ चलूंगी.अब हम दोनों रात को घर से निकले खेतों की तरफ. 5 मिनिट चलने के बाद रास्ता और भी संकड़ा होता गया. रास्ते के दोनों तरफ जंगल था. मेरे हाथ में एक लालटेन थी.

 

बहु: पिताजी मुझे डर लग रहा हे.

 

मैं:डरो मत बहू मैं हूँ ना तुम्हारे साथ में ही. आओ मेरा हाथ पकड लो तुम.

 

ये कह के मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. हम दोनों थोड़ी दूर गए थे की मैं रस्ते में रुक गया.

 

बहु: क्या हुआ पिताजी आप रुक क्यूँ गए?

 

मैं: श्हह्हह्ह चूप रहो बहु. लगता हे यहाँ आसपास कोई सांप हे!

 

बहु को ये कहा तो वो और भी डर गई और मैंने मौके का फायदा उठाया और उसको अपने सिने से लगा लिया. अब उसके मम्मे मेरी छाती पर प्रेस हो रहे थे. मैंने दोनों हाथ उसकी पीठ पर रख दिया और हाथों को पीठ पर रगड़ने लगा.

 

फिर मैन्स बहु के कान में कहा: बहु बस ऐसे ही शांत खड़ी रहो.

 

बहु: पिताजी मुझे सच में बहुत ही डर लग रहा हे.

 

बहु ने दबी हुई आवाज में कहा. अब मैंने अपने दोनों हाथ को उसकी गांड पर रख दिए. और मैं हाथ की हथेलियों और उँगलियों से उसकी गांड को दबाने लगा. बहु के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म की आवाज की और वो मेरे सिने से और भी लिपट गई.ये सेक्स कहानियाँ,हिंदी चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। अब मैं बहु की गांड की क्रेक को अपनी ऊँगली से सहलाने लगा. ऊँगली को लहंगे के ऊपर से गांड की क्रेक मैं ऊपर से निचे तक फेरने लगा. बहु अब और मेरी पीठ पर अपने हाथ फेरने लगी, ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी अप ये क्या कर रहे हो? सांप गया की नहीं?

 

मैं: लगता हे की सांप चला गया हे.

 

बहु: पिताजी मुझे बहुत जोर से पेशाब आया हे, लेकिन यहाँ तो सब तरफ जंगल ही जंगल हे.

 

मैंने अपने हाथ को उसकी गांड से हटाते हुए कहा, जंगल हे तो क्या हुआ तुम पेशाब कर लो यही पर. यहाँ पर कौन देखनेवाला हे!

 

बहु ने दबे हुए आवाज में कहा, जी पिताजी.

 

और फिर उसने अपने लहंगे को उतारा और वो वही पर बैठ गई रस्ते के किनारे. उसकी चूत से निकलते हुए पेशाब की धार से मेरे लंड में जैसे और भी मस्ती चढ़ी हुई थी. उसकी धार स्टार्ट हो के रुक गई और वो 30 सेकंड तक उठी नहीं.

 

मैं: क्या हुआ बहुत पेशाब हुआ की नहीं?

 

बहु: नहीं पिताजी, डर की वजह से आधा ही हुआ और रुक गया.

 

मैं बहु के करीब गया और लालटेन के उजाले को उसकी चूत के ऊपर मारा. और फिर अपनी ऊँगली को मैंने बहु की चूत के ऊपर रख दिया और उसे सहलाने लगा. मैंने उसे कहा, अब कोशिश करो बहु.

 

बहु ने अपनी आँखे बंद कर दी. मैं अपनी ऊँगली उसको चूत के ऊपर से निचे तक ररगड़ने लगा. वो सहम गई थी और ओह अहह पिताजी अच्छा लगा रहा हे ऐसे कहने लगी.

 

और फिर बहु का पेशाब मेरी ऊँगली के ऊपर फव्वारे के जैसे छुट गया. मैंने ऊँगली चूत पर रगड़ना चालु रखा. उसका पेशाब होते ही मैंने गमछा निकाला और उसकी चूत को पोंछ दिया. मैंने फिर उँगलियों कस दी उसकी चूत पर और जोर से मसल दिया उसकी चूत को. बहु चिल्ला उठी, अह्ह्ह्हह पिताजी!

 

मैंने उसको साइड में लेट जाने को कहा. उसके करीब लेटकर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठो को लगा दिया और चूसने लगा.ये सेक्स कहानियाँ,हिंदी चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। उसके निचे के होंठो को मैंने अपने दांतों से काट लिया. फिर मैंने उसे कहा, तुम अपनी जीभ बहार निकालो ना बहु.बहु ने अपनी जीभ बहार निकाली और मैंने अपने होंठो से उसकी जीभ का बेसवादा स्वाद चखा और फिर उसे चूसने लगा. बहु ने भी अपने दोनों हाथो को मेरी गर्दन पर डाल दिया. अब मैंने उसकी जीभ को अपने मुहं में ले लिया और अपने होंठो को जोर से बंद किया और उसकी जीभ को बहुत प्यार देने लगा.अब मैं और बहु दोनों ही अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्म्म्म करने लगे थे. अब बहु ने कहा, पिताजी आप का थूंक बड़ा ही स्वादिष्ट हे. मैंने कहा, मेरा तो सब कुछ स्वादिष्ट हे बहु रानी.

 

बहु ने कहा, तो फिर आज अपनी बहु को सब कुछ का सवाद दे दीजिये पिताजी.

 

मैंने अब बहु की चोली खोल दी. अब उसकी गर्दन को चुमते हुए मैं उसको जीभ से चाटने लगा. उसके मम्मो पर दोनों हाथ रगड़ने लगा. उँगलियों को कसने लगा उसके मुलायम मम्मो के ऊपर. ओह्ह्ह्ह फ्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी और जोर से दबाओ ना, बहु ऐसे कहने लगी चुदासी आवाज में.ये सुनकर मैंने उसके मम्मो को जोर जोर से दबाना चालू कर दिया. मम्मे दबाते हुए मैंने अपनी थूंक उसके मुहं में डाल दी.बहु ने अपनी जीभ से थूंक को स्वेलो कर लिया, अह्ह्ह अह्ह्ह पिताजी बड़ा मजा आ रहा हे!मैंने अब उसके निपल्स को उँगलियों के बिच में रगड़ने लगा. उसके निपल्स पर चिमटी लगाने लगा. वो आह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के चिल्लाने लगी. अब मैंने उस से कहा, बहु जरा उठकर थूंक दो अपने मम्मो पर! उसने उठकर अपने मम्मो के अपने मुहं के करीब किया और दोनों मम्मो के ऊपर थूंक दिया.मैंने उसको फिर से लिटा दिया और अब मैं उसके दोनों मम्मो को चुसने लगा अपने होंठो से. अपने मुह को खोलकर मम्मो पर जोर से प्रेस किया और फिर मुहं को बंद कर के उसके मुलायम मम्मो को काटने लगा धीरे धीरे से । मेरे दांतों को निशान पड़ गए थे उसके मम्मो पर. उसने मुझे अपनी छाती पर जकड़ लिया जोर से. ऐसे जैसे मुझे जाने ही नहीं देना चाहती हो. फिर मैंने उसके एक निपल को चुसना चालू कर दिया, ओह पिताजी अह्ह्ह्ह चूस लो अपने बहु की चुचियों को!

 

मैंने उसे कहा, चूस रहा हूँ रंडी!

 

बहु ने कहा, आप को अच्छी लगी अपनी रंडी बहु की जवानी पिताजी?

 

अब मैं उसकी चुचियों पर अपनी जीभ फेरने लगा सर्कल्स में. फिर जीभ पूरी मम्मो पर फेरकर मैंने उसकी थूंक चाट ली उसके मम्मो के ऊपर से.

 

अब मैं थोड़ा निचे आ गया और मैंने उसके पेट को चूमना शरु कर दिया. मैंने उसके नावेल में जीभ डालकर जीभ को घुमाया सर्कल्स में और फिर नावेल पर दांत कसकर उनको काटने लगा. अह्ह्ह्हह औह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म पिताजी आप को रंडियों से खेलना खूब अच्छी तरह से आता हे. अब मैंने बहु का लहंगा निकाल लिया और उस से कहा की वो कुतिया बन जाए!

 

बहु तुरंत अपने घुटनों के और हथेलियों के ऊपर खड़ी हो गई. मैंने उसकी कच्छी निकाली और बहु की गांड पर हाथ फेरने लगा. वो मुडकर मुझे देखकर हौले से हंस पड़ी. और बोली, पिताजी कैसी लगी आप को आप की रंडी की गांड?

 

मैंने उँगलियों को कस कर बहु की गांड पर दबाया और कहा, बहुत अच्छी गांड हे तेरी मेरी छिनाल बहु बहुत दिनों से में तेरे मम्मे और गांड ही देख रहा था और मुठ मार रहा था

 

बहु ने कहा, अब से ये रंडी आप की ही हे पिताजी! बहु ने बोला पिताजी मेरी गांड चुत और बूब्स सब आपके लिये है आप इनके साथ जो करना चाहते हो कर सकते हो यह सुनकर में अपनी सेक्सी रंडी बहु की गांड को दबाने लगा. फिर गांड पर जोर जोर से मुहं दबाया और उसको चूमने लगा. अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह मुआअहाआअ.

 

फिर मैंने अपने दांत गाड़ दिए उसकी मांसल गांड के ऊपर. अब मैंने उसके चुत्त्ड खोले और उसकी गांड की छेद के ऊपर थूंक दिया. वो कांपने लगी थी बहु ने जोर जोर से दर्द भरी सिसकारी ली . मैंने अब अपनी ऊँगली से उसकी गांड के छेद के ऊपर के थूंक को मलना चालू कर दिया.

 

बहु ने गांड को थोडा हिला के कहा, पिताजी मेरी गांड में अपनी ऊँगली डाल दो ना!मैंने ऊँगली को जोर जोर से छेद पर पुश किया और फिर ऊँगली डाल दी अपनी बहु की गांड में. ऊँगली को बेंड किया उसकी गांड में और फिर हिलाने लगा उसको जोर जोर से. अब ऊँगली को गांड से अन्दर बहार करने लगा था मैं.मैंने फिर उसे कहा, अब तेरी चूत की बार हे बहु.इतना सुनते ही उसने दोनों पैरों को फैला लिया और मेरा हाथ लेकर अपनी चूत पर रखवा दिया.फीर वो बोली, आप की छिनाल आप के लिए सब कुछ करेगी पिताजी! जो चाहे कर लो आप मेरे स्वामी.मैंने ऊँगली को बहु की चूत में डाली और जोर जोर से धक्का दिया अन्दर घुसाते हुए.

 

वो तडप उठी और अपने जिस्म को एकदम टाईट कर लिया उसने. मैंने ऊँगली को अन्दर बहार मूव किया उसकी चूत में. ऊँगली को जोर जोर से हिलाया उसकी चूत में. फिर मैंने ऊँगली उसकी क्लाइटोरिस के ऊपर रगड़ी. उसकी क्लाइटोरिस जोर से प्रेस की और ऊँगली को हिलाने लगा क्लाइटोरिस के ऊपर प्रेस करते हुएसेक्स कहानियाँ,हिंदी चुदाई की कहानी । वो आह्ह्ह अह्ह्ह ओह अह्ह्ह्हह ह्म्म्म कर के मोअन करने लगी थी. मैंने ऊँगली निकाली और उसके मुहं में डाल दी. वो मेरी ऊँगली को जोर जोर से चूसने लगी. फिर मैंने उसके पैरो में झुक के उसकी चूत को चाटना चालू कर दिया. चूत पर मुहं प्रेस कर के जोर जोर से चूसने लगा मैं. वो बोली, पिताजी और जोर जोर से चाटो अपनी इस रंडी के बुर को. अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह मजा आ गया पिताजी इसको चटवा के!

 

अब मैंने अपना मुह खोल दिया और चूत पर जोर से प्रेस किया. मुह को बंद करते ही मेरे होंठो ने उसकी चूत को स्क्विज किया मुहं में. आह्ह्ह मर गई अह्ह्ह्हह ओह पिताजी आप बहुत बड़े चोदु हो अह्ह्ह्ह. मैंने अब उसकी चूत को दांतों से काटना शरु किया धीरे धीरे से. बहु आह्ह्ह अह्ह्ह्हह ओह ओह उईई माँ कह के अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिस के चूस सेक्स का मजा ले रही थी.फिर मैंने अपनी धोती खोली. अपना लोडा निकाला और अपने टोपे के ऊपर हाथ घुमाया. लौड़े का टोपा गिला हो गया था प्री-कम से. मैंने टोपा बहु की चूत पर रगड़ा. अह्ह्ह उम्म्मम्म पिताजी मैं अब इस लौड़े की दीवानी हूँ, रोज पूजा करुँगी इस लंड की.मैंने लौड़े को चूत में पुश किया और फिर जोर से धक्का दिया बहु की कमर को पकड़ कर.बहु दर्द से चिल्ला उठी, अह्ह्ह्ह पिताजीईईईईईईइ अह्ह्ह्हह आप का तो बहुत बड़ा हे बाप रे, मेरी उतनी नहीं चूदी हे अह्ह्ह्ह. धीरे से करो पिताजी.

 

मैंने उसके बाल पकड़ के के कहा चूप कर साली हरामजादी.ये सेक्स कहानियाँ,हिंदी चुदाई की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने अब उसकी चूत को चोदना चालू कर दिया. लौड़ा अन्दर बहार हो रहा था. सन्नाटे में चुदाई की आवाज साफ़ साफ सुनाई दे रही थी. ठप ठप ठप, जांघो के लड़ने से और चूत और गांड के संगम स्थान से चिपचिपी आवाजें आ रही थी. मेरा पूरा लोडा  बहु की चूत में घुस के बहार होता था जिसे मैं फिर से वापस अपनी बहु की चूत में डाल देता था. बहु ने निचे जमीने के ऊपर की सुखी हुई घास को पकड़ा था और वो भी अपनी गांड को हिला के मेरा लंड ले रही थी अपनी चूत के अन्दर.वो अपनी कमर हिला रही थी मेरे झटको के साथ में. मैंने लौड़ा अन्दर तक डाल के उसे एकदम जोर जोर से चोदा. मेरे लौड़े का टोपा उसकी चूत के मसल को हिट कर रहा था एकदम जोर से. वो अब मजे से चिल्ला रही थी, और जोर जोर से चोदो मुझे पिताजी!

 

मैंने उसके ऊपर झुक गया थोडा सा और उसके मम्मो को पकड कर दबाने लगा जोर जोर से. फिर मैं रुक गया और जोर से पुश किया अपने लौड़े को बहु की चूत के अन्दर. उसके मम्मे एकदम जोर से मसल दिए और मेरा लावा उड़ेल दिया उसकी चूत के अंदर ही मैंने!कुछ देर तक बहु की चूत में लंड को रहने दिया. फिर मैंने अपना लोडा बहार निकाला और बहु को दे दिया. उसने मुझे खींचकर अपने ऊपर लिटा दिया. कुछ सेकंड्स के बाद वो बोली, बाबु जी आप मेरी चूत में ही झड़ गए हो, कहीं मैं पेट से हो गई तो? मैं बोल पड़ा, तो क्या तुम मेरे लंड से संतान नहीं चाहती हो!वो बोली, आप को कोई दिक्कत तो नहीं हे ना इसमें? मैंने कहा, मैं तो अब तुझे रोज चोदुंगा घर पर और अपने पोते को खुद पैदा करूँगा! 

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