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जंगली आदि मानव ने मुझे अपने 10 इंच के लंड से चोदा

मैं पायल 36 साल की तलाकशुदा औरत हूँ, मेरा शरीर अभी भी 25 साल की जवान लड़की की तरह सेक्सी है। मेरा पति गे है जिसकी वजह से मेरा तलाक हुआ, मैं अपने मम्मी पापा के घर वापस नहीं गयी। खुद का घर लेकर रहने लगी, वही एक कंपनी में नौकरी करने लगी। अकेले रहने की वजह से मेरी चुदाई डेली होती थी। एक से एक जवान लड़कों के साथ मेरी रात गुजरती और चुदाई का आनंद लेती थी। मुझे ग्रुप सेक्स सबसे ज्यादा अच्छा लगता है मैं एक साथ 2 लंड आराम से चुत में लेती हूँ।मैं आसाम की रहने वाली हूँ, अपने मम्मी पापा से मिलने कार से जा रही थी। 100 किलोमीटर की दुरी तय करनी थी। अचानक मौसम खराब हो गया तेज बारिश और आंधी चलनी लगी मैं धीरे धीरे बिना रुके कार ड्राइव कर रही थी जंगल का रास्ता लम्बा था मुझे कुछ ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था मेरी कार कीचड़ में फंस गयी। मैं उतर कर पेड़ के नीचे खड़ी हो कर किसी के आने का इन्तजार करने लगी। मेरे मोबाइल फ़ोन पर सिग्नल नहीं थे मैं बहोत परेशान थी।

पेड़ से पानी के बुँदे टपक रही थी मैं कार से छाता निकाल कर खड़ी हो गयी ,मुझे ठण्ड की वजह से जोर की सूसू लगी। मैं रोड से थोड़ा निचे उतर कर पेशाब करने जा रही थी, अचानक मेरा पाँव फिसल गया और मैं निचे गड्ढे की तरफ गिर गयी। बहुत उचाई से गिरने से मेरे हाथ पैर सुन्न पड़ गए चक्कर आने लगा, मैं वही लेट गयी मुझे पता नहीं चल में कब बेहोश हो गयी।

 

मुझे होश आया लेकिन मेरे चारो ओर अँधेरा था मुझे लगा रात हो गई है, मैं अपने कार की तरफ जाने के लिए रास्ता ढूंढने लगी लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया मैं कहाँ हूँ। वो जगह पूरी सुखी और पत्थर की थी। मुझे कोई आता हुआ दिखाई दिया उसके हाथ में आग थी वो मेरे पास आ रहा था। जैसे वो मेरे पास आया मेरी आँख फटी रह गयी, वो एक आदमी था किसी जंगली जानवर की तरह बड़े बाल,, हल्क जैसा बड़ा भारी सरीर मैं उसकी आधी थी। मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था, वो मेरे पास बढ़ा मैं डर कर भागना चाहती थी मेरे पाँव कांप रहे थे, मैं फिर से बेहोश हो गई।जब दोबारा मुझे होश आया वो आदमी मेरे पास बैठ हुआ था। उसने आग जला रखी थी, मुझे किसी कपडे जैसे मोटी चादर ओढ़ा कर घांस की बिस्तर के ऊपर सुलाया हुआ था।

मैं बहुत डरी हुई और भूखी थी, मेरे कपडे भीग गए थे मुझे ठण्ड लग रही थी मैं चुपचाप लेती हुई उस आदमी को देख रही थी, मैं हिम्मत करते हुई बोली कौन हो तुम ? ये कौन सी जगह है ? प्लीज मुझे मेरी कार के पास ले चलो।  उसने कोई जवाब नहीं दिया और पास पड़े कुछ फल मुझे खाने को दिया, मैं फल खाने लगी।

फल खा कर मुझे थोड़ा अच्छा लगा, अब मेरी समझ में कुछ आ गया था ये मुझे कोई नुकसान नहीं पहुचायेगा । वो आदमी जंगली था और जंगल में रह कर ऐसा आदिमानव जैसा जिंदगी गुजार रहा था।

 

मैं आग के पास बैठ गयी उसकी नजर मुझ पर थी मुझे बड़े प्यार से देख रहा था, मैं अपने टॉप और जीन्स निकल कर आग के पास सूखने रखी, मेरी ब्रा पेंटी पूरी गीली थी खुजली होने लगी मैं उसके सामने नंगी नहीं होना चाहती थी। मैं उसके बनाये हुए बिस्तर में चली गए और खुद को ढक कर ब्रा पेण्ट उतार आग के पास फेंक दी।

वो आदिमनाव मेरी ब्रा पेंटी को उठा कर देखने लगा और जानवरों की तरह सूंघने लगा, बड़े मजे से वो मेरी पेंटी सूंघ रहा था सायद उसको मेरी चुत की खुसबू मिल गए थी। वो बार बार मेरी तरफ देख रहा था। मैं रात को भागने का प्लान बना कर सोने का ड्रामा कर रही थी वो बैठ बैठे सो गया। मैं धीरे से उठी और जलती हुई एक लकड़ी उठा कर गुफा से निकलने के लिए रास्ता ढूंढने लगी। मुझे दोनों तफ से वो गुफा बंद नजर आ रही थी , उस आदिमानव ने गुफा को बड़े पत्थर से बंद किया हुआ था।

मैं वापस लेट गयी और सोचने लगी कैसे बहार जाऊ ? तभी मेरी नजर उसके सरीर पर गयी उसने एक खाल जैसा कुछ लपेट रखा था निचे से खुला हुआ होने से उसका लंड बाहर निकल कर दिखाई दे रहा था। उसका लंड पूरा ढीला पड़ा हुआ था फिर भी किसी दूसरे इंसान से 4 गुना बड़ा था। उसका लंड खड़ा होने पर कैसा होगा ये सोच कर मुझे डर लगा और चुत में खुजली भी होने लगी।

 

मैं बहुत चुड़क्कड़ हूँ, मुझे आदिमनाव का लंड हाथ में लेकर छुने का मन हुआ मैं उसके पास धीरे से गयी और उसका लंड दोनों हाथो से पकड़ कर छुने लगी मोटा काला बालों से घिरा हुआ उसका लंड।

मैं उसका लंड चाट कर टेस्ट करना चाहती थी, मैं लंड धीरे से चाटने लगी, मुझेसे खुद को सम्हाला नहीं गया मैं उसके लंड के ऊपर की चमड़ी पीछे सरका कर देखी अंदर गुलाबी रंग का टोपी जिस पर गन्दगी लगी हुई थी। मैं अभी भी पूरी नंगी थी मेरे कपडे सुख रहे थे। मैं सोची अगर मैं उसका खुस कर दूँ तो ये मुझे जरूर जाने देगा या फिर मुझ पर भरोसा भी किया तो मैं मौका देख कर भाग जाउंगी। फिलहाल भागने से ज्यादा उसके लंड से चुदने की खुजली थी।

 

मैं उसके लंड को चूसने लगी उसके लंड का ऊपरी हिस्सा मेरे मुँह में हल्का सा अंदर जा रहा था, मैं उसके लंड पर लगी गंदगी को चूस चूस कर वही थूकने लगी। उसका लंड 2 मिनट में पूरा साफ़ हो गया। मैं लंड का स्वाद लेकर पिने लगी जंगली का लंड बड़ा अजीब और मजेदार था। 15 मिनट से ज्यादा देर तक मैं उसका लंड चूस रही थी, मुझे महसूस हुआ वो लंड बड़ा हो रहा है। धीरे धीरे उसका लंड फूलने लगा और तन गया। उकसा पूरा खड़ा लंड 20 इंच लम्बा होगा और मोटाई भी बहुत थी। उसका लंड बिल्कुल घोड़े जैसा दिख रहा था। मैं समझ गयी जरूर ये जाग गया है मैं ऊपर सर उठा कर देखी वो आदिमानव मुझे देख रहा था। उसका लंड मेरे हाथ में था मेरी बोलती बंद हो चुकी थी। आगे की कहानी अगले पार्ट में तब तक आप की पायल को याद करें और मजे लें।

 

आदिमानव का लंड मेरे हाथ में था वो मुझे बड़े प्यार से देख रहा था। मैं नंगी उसके सामने उसका लंड पकड़ी हुई थी। मैं डर कर उसका लंड छोड़ कर पीछे हट गयी, वो हल्क जैसा आदिमानव मेरी नंगे सरीर को देख कर हां हो हूँ हआ बन्दर की तरह कुछ आवाज निकाल रहा था। मैं पीछे हट रही थी वो मुझे हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और अपनी गोद में बैठा कर मुझे छूने लगा। उसका लंड पूरा खड़ा मेरी दोनों पैरो के बिच से निकला हुआ चूत को रगड़ रहा था। आदिमानव मेरे बूब्स को छूने लगा, मुझे खड़ा किया और मेरी गांड से लेकर चुत को छूकर देख रहा था। मेरी चुत को सूंघने लगा जैसे कुत्ते कुतीय की चुत सूंघते है। मेरी चुत पर उसका बड़ा सा हाथ था उसके एक हाथ में मेरी पूरी गांड समा जा रही थी, आदिमानव मेरी चुत को देखता और अपने लंड को देख कर हो हो हो हो हो की आवाज निकालता। मेरी समझ में आया इसने कभी चुदाई नहीं की होगी इसलिए इतने आश्चर्य से मेरी नंगी बॉडी को देख रहा है। मैं बैठ कर उसका मोटा लंड चूस कर उसको मेरी चुत चाटने का इशारा की। वो मेर चुत को चाटने लगा उसके मुँह में मेरी छोटी से चुत थी और उसका जीभ बड़ा और सख्त था मेरी चुत रगड़ रही थी मैं झड़ने लगी, मेरी छूट से पानी निकल गया। वो जंगली मेरी चुत को पूरा चाट कर पानी पी गया।

 

मैं उसको हाथ से इशारा कर के चुत में लंड डालने के लिए बोली। मैं घोड़ी बन गयी, वो मेरे पीछे बैठा था मैं उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत में लगा कर उसको अंदर डालने और हिलाने का इशारा की, सायद वो ठीक से समझा नहीं लेकिन सेक्स ऐसे चीज़ है बिना दिमाग के जानवर भी मजे से करते है आपस में सेक्स। वो जंगली दोनों घुटने फैला कर मेरी चुत के ऊपर आ गया और अपना लंड मेरी चुत की छेद पर रख कर रगड़ने लगा, मैं डर रही थी लेकिन चुदवाने का सौख मुझे हिम्मत दे रहा था। आदिमानव ने जोर का झटका दिया और उसका लंड का ऊपरी हिस्सा मेरी चुत को चीर कर अंदर चला गया। उसका लंड मुश्किल से 1 इंच गया था मेरी चीख निकल गयी, वो रुक गया और मेरी तरफ देखने लगा मैं थोड़ी देर रुकी रही दर्द काम हुआ तो चुत को छूकर देखी।

मेरी चुत से खून निकल रहा था मेरी आज इतने बड़े लंड की चुदाई से मेरी चूत का गुफा बन गया था। तभी अचानक वो जंगली मेरी चुत पर झटके से लंड अंदर डाल दिया उसक लंड 10 इंच से ज्यादा मेरी चुत में चला गया और वो पूरी गति से आगे पीछे करके मुझे चोदने लगा। मेरा दर्द से बुरा हाल था चुत से हल्का खून निकल रहा था। 5 मिनट वो ऐसे जोर जोर से चोदता रहा मैं चीखती हुई दर्द सहन कर रही थी। थोड़ी देर से मेरी चुत पूरी खुल गयी और गीली चुत में उसका लम्बा मोटा घोड़े जैसा लंड गप गप अंदर बाहर हो रहा था।

 

मैं उसको रुकने का इशारा की लेकिन वो रुक नहीं रहा था 20-25 मिनट मुझे चोदने के बाद बहुत जोर से अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह ओह हो हो होऊ की आवाज निकाल कर रुक गया। मेरी छूट में मुझे गरमा गरम लावा जैसा वीर्य पता चला। वो एक झटके से पीछे हटा और उसका लंड मेरी चुत से फच की आवाज से साथ बाहर निकलते ही मेरी चुत से ढेर सारा वीर्य निकल कर जमीन पर गिरा। उसका वीर्य 2 -3 कप से भी ज्यादा था। मेरी चुत 5 बार झड़ गयी थी, मैं वही गुफा की दीवार से टिक कर बैठ गयी और अपनी चुत को देखने लगी। मेरी चूत के चारो ओर उसका वीर्य और खून लगा हुआ था। मेरी चुत का छेद बड़ा हो गया था अंदर का पूरा समान दिख रहा था। मेरी चुत की छेद का हाल ऐसा था. किसी का एक हाथ मेरी चुत के अंदर पूरा चला जाता। मैं वही नंगी सो गयी, मेरी सुबह नींद खुली वो जंगली मुझे घांस से बनी बिस्तर पर सुला दिया था। मैं उठ कर बाहर जाने लगी लेकिन मेरी चुत का बुरा हाल था दर्द की वजह से चलना मुश्किल था, गुफा का पत्थर नहीं था। मैं धीरे धीरे चलती हुई बाहर झाड़ियों में जाकर सुसु और पॉटी कर के भागना चाहती थी लेकिन बिना कपडे नहीं जा सकती थी।

मैं अपने कपडे लेने वापस गयी,, आदिमानव आ गया था। मुझे देख कर खुस हो गया और गोद में उठा कर अंदर ले गया। वो मेरे लिए खाने के लिए केले लाया था वो भी जंगली केले। मैं अपने कपडे पहन कर वापस सो गयी। मेरी चुत में दर्द था और हल्का बुखार भी लग रहा था।मेरी नींद खुली उस समय वो जंगली गुफा में नहीं था, मैं उठ कर बाहर गयी अँधेरा होने वाला था, मेरी चुत का दर्द कम हो गया था और बुखार भी नहीं था। मैं चुत के पूरी तरह से ठीक हुए बिना आदिमानव का लंड अंदर नहीं ले सकती थी, कल रात का मजा आज मेरी चुत की बुरी हालत किया हुआ था। मैं वहाँ से निकल कर भागी। बहोत देर भागते हुए मेरी समझ में नहीं आ रहा था कहा जाना है।

1 घंटे से ज्याद हो गए थे पूरा अँधेरा था मुझे दूर रोशनी दिखाई दी मैं भाग कर उस ओर गयी। मैं जैसे पास पहुंची वही आदिमानव था। वो मुझे गोद में उठाकर तेजी से भागता हुआ गुफा में ले गया।

 

 

मैं एक कोने में सो गयी, सुबह नींद खुली वो जंगली मेरे सामने ही बैठा था। मैं उसको मुझे छोड़ देने का इशारा करते हुए बोली। मुझे पता नहीं था वो मेरी बात समझ रहा है या नहीं ? वो मुझे गोद में उठा कर जंगल में भागता हुआ एक जगह आकर रुक गया। ये वही जगह थी जहाँ मैं गिर गयी थी वो मुझे ऊपर की और इशारा किया, मैं समझ गयी वो मुझे जाने के लिए बोल रहा है। मैं जल्दी से ऊपर भाग कर चढ़ गयी। बारिश रुक गयी थी पूरा सड़क सुख चूका था। मेरी कार वही खड़ी थी मैं जल्दी से भाग कर कार में गयी और मम्मी पापा के घर पहुँच गयी।मम्मी पापा मुझे देख कर बोले 2 दिन लेट आयी है कहा थी ? तेरा मोबाइल भी नहीं लग रहा था।

पापा ने बताया जिस रोड से मैं आयी हूँ वो 2 दिन से बंद पड़ा है रास्ते में बड़ा पत्थर गिर जाने से गाड़ियां आना जाना बंद है, मेरी समझ में आ गया 2 दिन बाद भी मेरी गाड़ी बिना लॉक किये हुए वहाँ पर कैसे थी। मैं पुरे 8 दिन मम्मी पापा के साथ थी, वापस जाने तक सड़क ठीक हो गयी थी। मुझे आज भी वो जगह याद है लेकिन मेरी बात का भरोसा कोई नहीं करेगा।जब मैं वापस जा रही थी मेरा मन हुआ उस जंगली से मिलु और खूब चुदवा लूँ लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई उस घने जंगल मे जाने की। मैं अपने घर आ गयी 2 महीने बीत जाने के बाद मैं बेचैन रहने लगी, मेरी चुत जो गुफा बन गयी थी किसी के लंड से मेरी प्यास नहीं बुझ रही थी मुझे वही मोटा लम्बा आदिमानव का लंड चाहिए था। 

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