माँ के साथ
सुहागरात (Maa Ke Sath Suhagraat) इसे आप मनघड़ंत स्टोरी कहे
या और कुछ पर सच बात तो ये है कि सेक्स मतलब सेक्स है वो किसी से भी किया जा सकता
है या हो जाता है। अब मैं 24 साल का हूँ और
अपनी ऐम.ई. की पढ़़ाई कर रहा हूँ दिल्ली में अपनी फॅमिली से दूर। पता नहीं वो सब
कैसे क्या हुआ सब एक सेक्स कहानी की तरह लगता है पर ये कोई कहानी नहीं बल्कि सच्ची
घटना है जो मैं अन्तर्वासना के मध्यम से आपके सामने रख रहा हूँ। बात उस वक्त की
है जब मैं 18 साल का था।
एक दिन हम किसी
बर्थडे पार्टी में जा रहे थे, मेरी माँ को
तैयार होने में काफी वक्त लगता था इसलिए पापा हमेशा ही गुस्सा हुआ करते थे,
उस दिन पापा गुस्से में अकेले ही चले गए,
माँ आज बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, माँ ने सिल्क की साडी पहनी थी और बाल स्टेप कट
किए हुए थे, होंटो पे ब्राउन
लिपस्टिक, और क्या कहूँ ऐसा लग रहा
था जैसे मानो वो किसी मूवी की एक्ट्रेस हो. बस वो थोडी मोटी थी बाकी फिगुर तो 36-30-36 है।
ड्रेसिंग रूम से
आवाज़ आई बेटे ज़रा इधर तो आना, मैं रूम में गया
तो माँ आइने के सामने खड़ी हाथ पीछे कर के ब्रा का हूक लगा रही थी, मुझसे कहा ये हूक तो लगा दे, मैंने हूक लगाया तब पहली बार मैंने मेरी माँ को
ब्रा में देखा था. आइने में माँ के 36 साइज़ के बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे .फिर मैं और माँ दोनों पार्टी के लिए
निकल पड़े.
इस वक्त मुझे कुछ
समझ में नहीं आता था पर ये जान चुका था कि मेरी माँ बहुत सेक्सी है. तबसे मैं कभी
कभी माँ की ब्रा और पैंटी पहन कर देखता था. 2 -3 सालों बाद पापा का प्रमोशन हो गया.
अब पापा हमेशा
ऑफिस के काम से वीकली बाहर गांव जाते थे, तब घर में हम 4 लोग होते थे
छोटा भाई, बहन, मैं (सबसे बड़ा) और हमारी खूबसूरत माँ जिसे
सजना- संवरना काफी पसंद था और कुछ हद तक बेशरम भी थी.
जब भी घर में कोई
नहीं होता तब माँ हमेशा सिर्फ़ ब्रा और निक्कर में ही बाथरूम से बाहर आती और अपनी
साड़ी पहनती. माँ की उमर 36 साल होते हुए भी
वो बहुत ही नशीली लगती थी, मैंने कई बार माँ
को ब्रा और पैंटी में देखा था कपड़े पहनते हुए, कई बार तो नहाते हुए भी देखा था पर छुप छुप के, जब भी दरवाजा खुला छोड़ नहाती थी.
तब मेरी हालत
कैसी होती होगी आप महसूस कर सकते हो.
वो गर्मी के दिन
थे. घर में कूलर था पर बिजली कभी भी जाती थी आती थी रात को कभी कभी तो 1 -2 घंटे आती ही नहीं थी. उस रात से तो मेरी
जिंदगी ही बदल गई। उस रात मैं और मेरी माँ पास में ही सोये हुए थे भाई और बहन बाजू
में थे।
रात के करीब 11 बजे बिजली चली गई मेरी भी नींद खुल गई।
मैंने देखा की
माँ मोमबत्ती लगा रही है मुझे नींद नहीं आ रही थी गर्मी भी काफी हो रही थी.थोडी ही
देर में देखा तो माँ अपना ब्लाउज उतार रही है, माँ ने काली ब्रा पहनी थी इसलिए उन्हें ज्यादा गर्मी लग रही
थी, ब्रा भी जालीदार थी इसलिए
उनके नीपल साफ नजर आ रहे थे. ब्रा के ऊपर से उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी
ज्यादा नजर आ रहे थे.
मैं तो देखता ही
रह गया. वैसे तो मैंने कई बार माँ को इस हालत में देखा था, पर आज करीब से देखने का मौका मिला था. मैंने कभी सोच भी
नहीं था कि मेरी माँ इतनी खूबसूरत है.
अब मैं काफी
समझदार हो गया था। माँ ने फिर अपने बालों को उपर करके बाँध दिया। तब मैंने माँ की
ब्रा के हूक को देखा लगा कि खोल दूँ इसे। थोडी ही देर में बिजली आ गई और कूलर शुरू
हो गया। माँ बिना ब्लाउज के ही सो गई.
मुझे नींद नहीं आ
रही थी मैं सोच रहा था कि काश मुझे आज रात को माँ को चोदने का मौका मिलता!!!
पर किस्मत ने साथ
नहीं दिया…
कब सुबह हुई पता
ही नहीं चला. अब मैं हमेशा माँ को चोदने की नज़र से ही देखता रहता। आज मैं स्कूल
नहीं गया था. माँ जैसे ही नहाने गई मैं चेंजिंग रूम जाकर सोने का नाटक करने लगा.
माँ आई आज वो सिर्फ़ तौलिया ही ओढे थी फिर उन्होंने वो भी हटा दिया माँ सिर्फ़
ब्रा और पैंटी
ही पहने थी,
माँ की जांघें बहुत ही चिकनी और गोरी थी और
पैंटी से उनकी गांड उभर कर आई थी और ब्रा के अंदर से बड़े बड़े और काले निप्पल के
बूब्स तो मानो बाहर निकलने को बेकरार थे .. मैं माँ की खूबसूरती देखते ही झड़ गया
..
फिर माँ आईने में
अपनी बगलों के बालों को निहार रही थी. माँ ने पापा का रेजर निकला और बालों को
निकालना शुरू किया. मैं सोच रहा था काश
मेरी शादी मेरी
माँ से हुई होती…!!!!
आज फिर रात हो हो
गई .. सोचा आज तो किस्मत साथ दे दे। मैं सेक्स में ये भी भूल गया था कि वो मेरी
माँ है। हम सोने की तय्यारी कर रहे थे .
भाई बहन सो चुके
थे, पापा भी घर में नहीं थे.
माँ ने मेरे सामने ही अपना ब्लाउज उतारा और अपनी पीठ खुजाने लगी. माँ ने आज सफेद
ब्रा पहनी थी, धीमी रोशनी की
वजह से माँ और भी सेक्सी लग रही थी, मैंने कहा क्या हुआ?
माँ बोली- कुछ
नहीं! खुजली हो रही है जरा गर्मी का पाउडर तो ले आ!
मैं पाउडर लाया.
माँ ने कहा अब
लगा भी दे.
मैं माँ के पीठ
पर पाउडर लगाने लगा पर ब्रा का बेल्ट उँगलियों में फँस जाता था.
माँ ने कहा जरा
बगल में भी लगा दे माँ ने हाथ उपर उठाया मैंने देखा कि आज सुबह जो माँ ने बाल
निकाले थे वो जगह काफी चिकनी हो चुकी थी
मैंने कहा ये हूक
निकाल दूँ तो माँ बोली क्यों?
मैंने कहा ताकि
पूरी पीठ को पाउडर लगा सकूँ.
माँ ने कहा ठीक
है पर पूरी ब्रा मत निकालना.
फिर मैंने माँ की
ब्रा का हूक खोला। माँ की चिकनी पीठ काफी सुंदर लग रही थी. मैं कभी कभी अपना हाथ
आगे की और भी ले जा रहा था जिससे मैं माँ के बूब्स को टच कर सकूँ.
फिर माँ ने ख़ुद
ही अपनी ब्रा उतार दी और कहा जरा इधर भी पाउडर लगा दे .मैं माँ के बूब्स सहलाने
लगा. माँ के बूब्स काफी बड़े और नर्म थे, माँ के बूब्स इतने टाइट थे कि ब्रा की जरुरत नहीं थी।
मैं माँ के नीपल
को दबाने लगा तभी माँ ने कहा क्या करते हो .. माँ की धड़कने बढ़ रही थी .. फिर माँ
ने कहा तेरा भाई उठ जाएगा .. हम चेंजिंग रूम में चलते हैं। माँ के बूब्स चलते हुए
हिल रहे थे।
फिर मैंने कहा अब
तुम मुझे पाउडर लगा दो.
माँ ने कहा क्यों
तुझे भी खुजली हो रही है?
मैंने कहा हाँ.
माँ ने कहा ठीक
है. मैं शर्ट और बनियान निकाल बेड पर लेट गया. माँ मेरे पीठ पर पाउडर लगा रही थी।
अब माँ ने मुझे
पलट जाने को कहा ताकि वो मेरे सीने पर भी पाउडर लगा सके मैं अब पीठ के बल लेट गया
और माँ मेरे बाजु में थी माँ जब मुझे पाउडर लगाती मैं उनके बूब्स की और देखता था।
वो बहुत ही रसीले
लग रहे थे मैं बड़ी हिम्मत से माँ के बूब्स को हाथ लगाया माँ ने कुछ नहीं कहा
फिर मैंने उन्हें
दबाना शुरू किया, मैं उन्हें धीरे
धीरे दबा रहा था।
माँ ने कहा जरा
देख तो लो तेरे भाई बहन सोये कि नहीं?
मैं देख आया
दोनों सोये हुए थे .. माँ को बताया।
माँ ने कहा हम
इधर ही सो जाते हैं .. मैं भी मान गया माँ ने अपनी साड़ी उतारनी शुरू की।
मैंने कहा साड़ी
क्यों निकाल रही हो,
तब माँ ने कहा आज
मैं तेरे साथ रात गुजारना चाहती हूँ और माँ ने अपनी साड़ी उतार दी अब वो सिर्फ़
पैंटी में थी, माँ की चूत के
बाल जालीदार पैंटी से साफ नज़र आ रहे थे.
क्यों आज क्या तू
पहली बार मुझे नंगी देख रहा है ..
मैंने कहा मैं
कुछ समझा नहीं.
मुझे सब पता है
तू रोज़ मुझे नंगी देखता है जब मैं नहा कर आती हूँ, क्यों सच है न?????
मैं एकदम ही डर
गया, डर मत माँ ने कहा देख मैं
ये बात तेरे पापा को नहीं बताऊँगी पर एक शर्त है.
मैंने कहा कौन सी
शर्त? माँ ने कहा तुझे मेरे साथ
नंगा सोना पड़ेगा.
मैं डर के मारे
तैयार हो गया ..मैंने अपने कपड़े उतार दिए। फिर हम दोनों बेड पर आ गए. माँ सिर्फ़
अपनी पैंटी में ही थी और मैं अंडरवियर में. माँ मुझसे लिपट गई और चूमने लगी,
मैंने कहा ये सब ठीक नहीं और बेड से उठ गया ..
तब माँ ने गुस्से
में कहा जो तू करता है क्या वो ठीक है अपनी माँ को नहाते हुए देखता है!
माँ ने मुझे
समझाया बेटे ये कोई ग़लत बात नहीं है ..तू भी अब जवान हो गया है और मेरी भी कुछ
इच्छाएं हैं जो तेरे पापा समय की वजह पूरी नहीं कर सकते, तब तू मेरी इच्छाएं पूरी करे तो इसमे ग़लत क्या है? आह्किर मैं तेरी माँ हूँ .. और बेटा ही माँ को
समझ सकता है ..
मैंने कहा अगर
पापा को पता चला तो…
माँ बोली यह बात
हम दोनों के बीच ही रहेगी… टॉप सीक्रेट…
और जब कि तूने मेरे बूब्स को दबाया और सहला भी
दिया है तो फ़िर अब चोदने में क्यों घबराते हो? बात सिर्फ़ आज रात की तो है ..
तब मैं मान गया ,
आख़िर मैं भी तो यही चाहता था. माँ ने कहा चलो
बेटे आज हम सुहागरात मानते हैं , आज की रात तुम ही
मेरे पति हो ..
फिर माँ ने मुझे
अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी मैंने भी माँ को चूमना शुरू
किया, माँ मेरे लंड को अंडरवियर
के ऊपर से सहला रही थी, मैं भी माँ की
चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।
फिर माँ ने मेरी
अंडरवियर उतार दी और मेरे लौडे को हाथ से सहलाने लगी ताकि वो और बड़ा और टाइट हो
जाए।फिर माँ ने अपनी कच्छी उतारी और मेरे लौडे को अपनी चूत में डाल दिया अब हमने
खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया था।
मैंने अपना दायाँ
पैर बेड पर रखा और जोरों से धक्के दे रहा था ..माँ के मुंह से आह ..!! आह ..!! आह
..!! आवाज़ निकाल रही थी ..माँ ने भी मुझे जोरों से अपनी बाहों में पकड रखा था।
फिर हम बेड पर आ
गए और मैं माँ के नीपल को मुंह में लिए चूस रहा था, माँ एक हाथ से मेरे लौडे को सहला रही थी। फिर मैंने माँ को
बेड पर पीठ के बल लेटाया और माँ की चूत को चूमने लगा। माँ सेक्स के मारे पागल हो
रही थी, फिर माँ ने मेरे लौडे को
चूमना शुरू किया,वो उसे मुंह में
ले रही थी।
फिर माँ ने मेरा
लौड़ा अपने हाथों से अपनी चूत में डाला और कहा- ले अब छोड़ अंदर तक ले जा… माँ ने अह्ह्ह… भरी, कहा ऐसे ही करते
रह, मैं भी माँ की जांघों को
पकड़ पकड़ कर चोदता रहा…
बहुत अच्छा लग
रहा था. मेरा गिरने ही वाला था माँ ने कहा अंदर मत गिरा फिर माँ ने मुझे बेड से
दूर कर के नीचे गिराने को कहा।
हमने फ़िर एक
दूसरे को चूमना शुरू किया और उत्तेजित हो गए। मां बिस्तर पर लेट गई और मुझे कहा कि
मेरी गाण्ड में लौड़ा डाल दे। मैंने मां की गाण्ड मारना शुरू किया।
फ़िर हम सीधे हो
कर एक दूसरे को चोदते रहे। रात भर हम सब कुछ भूल कर बस चोदते ही रहे। मां को कई
तरह से चुदवाना आता था। उन्होंने मुझसे 10-12 अलग अलग तरीकों से चुदवाया।
मां का बदन काफ़ि
नर्म और खूशबूदार था। मैंने मां को पूरी तरह से सन्तुष्ट कर दिया।
इस बीच मैं दो
बार झड़ गया। रात के तीन बजे हम कपड़े पहन कर सोने चले गए। मां खुश लग रही थी। सुबह
जब मैं नाश्ते के किए बैठा तब मेरी मां से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थ
मां ने कहा- क्या
हुआ? मैंने कहा है ना तुमसे कि
यह बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच रहेगी। और फ़िर भी तुम्हें शरम आती है तो मुझे अपनी
वाईफ़ समझ सकते हो, वैसे भी हम
सुहागरात तो मना ही चुके हैं
मां ने हंसते हुए
मेरे होंठो को चूमा। मैं भी मां को अपनी बाहों में लेकर चूमता रहा।
फ़िर उस दिन से जब
भी हमारा मूड होता और पापा घर में नहीं होते, हर रात हम सुहागरात मनाते रहे। कभी कभी तो दिन में भी बिना
कपड़ों के साथ रहते।
एक दिन तो मैंने
मां के नीचे वाले बालों की शेव कर दि थी और मां ने मेरी। अब चुदाई में बहुत मज़ा
आता था। कभी कभी हम ब्लू फ़िल्म देख कर वैसे ही चुदाई करते थे।
मैं अब मां को
नाम से पुकारता था। अब हम ऐसे रहते थे जैसे कि मानो हम सच में पति-पत्नी हों।
ड्रेसिंग रूम को ही हमने अपना बेड-रूम बना लिया था। भाई और बहन दूसरे कमरे में
सोते थे और हम पूरी रात बिना कपड़ों के साथ में सोते थे।
मां को अभी भी
मेक-अप का शौंक था। वो मेरे लिए ही अब सजती संवरती थी। मैं कभी कभी स्कूल नहीं
जाता और पूरा दिन मां के साथ चुदाई करता। जब भी मैं मां को किसी शादी, पार्टी में ले जाता तो लोग भी हमें पति-पत्नी
समझते थे।
एक दो बार तो
पापा घर में होते हुए भी मैंने मां को चोदा। मां तब नहा रही थी और पापा टी वी देख
रहे थे।
मैंने बाथरूम के
पास जाकर मां को आवाज़ दी, मां ने कहा- अभी
नहीं, अभी तेरे पापा घर में हैं,
जब मैं नहीं माना तो मां ने मुझे बाथरूम में
बुला लिया और हमने चुदाई कर ली।
बहन ने एक दिन पापा को बताया कि मां हमारे साथ नहीं सोती, भैया के साथ सोती है तब मां ने गुस्से से कहा- कुछ भी कहती है नालायक, तेरे भैया को पढ़ाते हुए कभी कभी नींद आ जाती है तब वहीं सो जाती हूं। पापा ने कुछ नहीं कहा क्योंकि पापा तो हमारे इस रिश्ते से बिल्कुल ही अनजान थे ना…॥
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