Antarvasna Sex Stories in Hindi fonts, New best Hindi Sex Stories for free, Indian sex hindi story, nonveg story, kamukta desi sexy chudai kahaniya, Indian sexy stories daily of hot girls, bhabhi and aunties. फ्री सेक्स कहानी पर असली अन्तर्वासना स्टोरी का मजा लें

खुबसूरत स्कूल टीचर की चुदाई

मेरा नाम अमित सिंह है मेरी उम्र 40 वर्ष है मैं हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षक हूँ मेरे साथ स्कूल में महिमा सिंह नाम की एक शिक्षिका भी है जिनकी उम्र करीब 30-32 साल होगी हम दोनों की आपस में अच्छी दोस्ती  है हम दोनों करीब 6 साल से एक ही स्कूल में है और दोनों में खूब पटती है! स्कूल की छुट्टी होने के बाद हम रोज बस के लिए एक साथ रोड में खड़े होते है ओ अपने शहर चली जाती है और मैं अपने घर चला आता हूँ जब तक हम दोनों रोड किनारे या स्कूल में साथ साथ रहते है तब  आपस में खूब हँसी मजाक करते रहते है इस हँसी मजाक में समय कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता |

 

महिमा अपने सास-ससुर और पति के साथ रहती है पति किसी प्राइवेट कम्पनी में सेल्स मैनेजर है महिमा को एक 5 साल का बेटा है महिमा सिंह बला खूबसूरत है स्कूल के कई शिक्षक उन्हें लाइन मारते यहाँ तक की प्रिंसपल साहब भी किसी न किसी बहाने उन्हें ऑफिस में बुला कर घंटो बात करते पर महिमा किसी की घास नहीं डालती पर मेरी तरफ उनका आकर्षण कुछ ज्यादा ही है जब भी पीरियड खाली रहता मैं महिमा के पास या महिमा मेरे पास आ जाती और दोनों स्टाफ रूम में बैठ कर खूब बातें करते

 

वेतन बृद्धि के लिए 25 सितम्बर 2015 को  मध्यप्रदेश के सभी शिक्षक भोपाल में हड़ताल करने गए  हम सभी शिक्षक मुख्यमंत्री निवास के सामने प्रदर्शन करना चाहते थे पर पुलिस ने हम सभी को पकड़कर- पकड़कर हड़ताल को ख़त्म करना चाहती थी  मैं महिमा सिंह को साथ लेकर गिरफ्तारी से बचने  के कारण  भाग लिए  पुलिस सभी को तलास तलास कर पकड़  रही थी पुलिस से बचने  के लिए दिन भर इधर उधर भागता रहा और साम हो गई ,महिमा बहुत थक गई कही ज़रा सा मौका मिलता तो बार बार किसी भी दुकान  सामने बैठ जाती मैहिमा की ये स्थित देखकर मैंने महिमा से बोला ''अब क्या करें रात हो गई चलो वापस चलते है'' तो महिमा बोली '' इस तरह से चले जायेगे तो साथ वाले बोलेगे धोका देखर भाग गए'' तब मैंने कहा ''फिर क्या करे'' तो महिमा बोली ''चलिए रेलवे स्टेशन में रात गुजरते है'' तब हम दोनों पास ही स्थित रेलवे स्टेशन पैदल ही चल पड़े और करीब 10 मिनट  में पहुंच गए और भोपाल स्टेशन में एक दम से किनारे,सुनसान जगह में  दरी बिछा कर बैठ गए और हड़ताल की बाते छोड़कर प्यार भरी बातें करने लगे

 

बाते करते करते मैंने महिमा का हाथ पकड़ कर सहलाने लगा , महिमा ने कोई बिरोध नहीं किया तो हाथ को पकड़ कर चुम लिया तो महिमा हाथ छुड़ाते हुए बोली ''छोड़िये यहाँ कोई देख लेगा '' महिमा के ये सब्द ''यहाँ'' स्पष्ट इसारा कर रहे कर रहे थे की  इसे चोदा जा सकता है बस  फिर क्या था मन में प्लान बनाने लगा करीब 20 -30 मिनट तक दोनों  बात करते रहे मैंने महिमा के कंधे में हाथ रख दिया और कंधो को दबा दिया, फिर बाहों को दबाने लगा तो महिमा हँसते हुए बोली ''अच्छा लगा रहा है पाँव भी दबा दीजिये'' तब मैंने महिमा के पाँव को फैला दिया और पाँव को दबाने लगा तो महिमा हाँथ को हटाते हुए बोली '' रहने दीजिये मैंने तो मजाक किया है'' तब मैंने कहा '' आप थक गई हो पाँव दबा दूंगा तो छोटा नहीं हो जाऊंगा '' और इतना कहकर जबरजस्ती पाँव दबाने लगा एड़ी की तरफ से पाँव दबाते दबाते जाँघो तक पाँव दबाने लगा महिमा की जांघे क्या मस्त टाइट मांस पेशी की है मैं मन ही मन चूचियों की कड़कता की कल्पना करने लगा की इतने में  पुलिस के कई जवान हड़ताल करने वालों को तलास करते हुए इधर ही आ रहे थे

 

मौके की नजाकत को समझकर दोनों चुपचाप  प्लेटफार्म  से खिसक लिए और प्लेटफार्म से बाहर आकर एक गुमटी के किनारे छिपकर दोनों   खड़े हो गए पुलिस के डर से महिमा मेरे सीने से चिपक  कर अपने दोनों हाथों को अपने सीने  से लगाकर खड़ी रही महिमा की मस्त मस्त चूचियों का कुछ हिस्सा मेरे सीने से चिपकी रही मैंने महिमा के पीठ में हाथ रखकर चिपका लिया,जब पुलिस चली गई तो महिमा मेरे सीने से अलग होकर सर्माते हुए खड़ी हो गई फिर दोनों आपस में बातचीत किया व  होटल में रुकने का निर्णय लिया एक टैक्सी वाले को इसारा किया और उसे किसी अच्छे होटल ले चलने को बोला उस समय साम के 8 बज रहे थे 10 मिनट में ही एक साधारण से होटल  में 700 रूपये प्रति दिन के किराया में पति -पत्नी बनकर रुक गए

 

होटल के कमरे  के अंदर जाते ही महिमा तुरंत ही बेड पर पीठ की तरफ से आँखें बंद करके लेट गई,दुपट्टा सीने से बाहर हो गया तो उनके मीडियम साइज़ की चूचियों का उभार स्पष्ट दिखने लगा मैं बेड में महिमा के पाँव तरफ बैठ गया और महिमा की सुंदरता को निहारने लगा करीब 25 मिनट महिमा ने आँखे खोली मुझे पाँव की तरफ बैठा देखि तो सरमा कर बोली ''सॉरी,बहुत थक गई थी'' 

 

तब मैंने कहा ''कोई बात नहीं'' और बोला ''चलो खाना खा लेते है भूख लगी है'' तो महिमा बोली ''ठीक है थोड़ा फ्रेस हो जाऊ'' [होटल वाले ने 2 टॉवेल और साबुन रखकर गया था] और इतना कहकर बाथरूम  गई और थोड़ी देर में मुह धोकर निकली और टॉवेल से मुह साफ करके अपनी बेग में से कोल्ड क्रीम निकलकर लगाने लगी तो मैंने कहा ''अभी आपके चेहरे में साबुन लगा है'' तो ओ फिर से पोछने लगी तो साबुन नहीं साफ़ हुआ तो मैंने टॉवेल से उनके कान के नीचे  साफ़ किया तो महिमा क्रीम लगाकर कंघी करने लगी तो मैं भी मुह धोकर बाहर आया और क्रीम लगाकर कंघी करके दोनों कमरे से बहार गए और पास के ही एक रेटोरेंट  में खाना खाया और वापस आ गया महिमा आते ही बेड पर लेट गई और मैं उनके पाँव की तरफ बैठ गया और सोचने लगा की कंडोम तो है नहीं फिर चुदाई रिस्क होगा ये सोचकर मैं मैं रूम से बाहर निकलने लगा तो महिमा बोली ''कहाँ जा रहे है'' तब मैंने महिमा को बोला ''आता हूँ थोड़ी देर से'' तो महिमा बोली ''बाहर से लाक लगाकर जाएँ, मैं सो जाती हूँ तो बहुत गहरी नींद सोती हूँ'' मैंने ओके कहा और बाहर निकळ गया रूम में लाक लगाकर और मेडिकल स्टोर तलासते तलासते करीब 3 किलोमीटर दूर तक चला गया और एक मेडिकल स्टोर से कोहिनूर कंडोम लिया और मेडिकल स्टोर वाले से अच्छी चुदाई करने कोई मेडिसिन देने के लिए कहा तो उसने ''विगोरा फ़ोर्स और विगोरा 100'' की चार-चार टेबलेट दिया तो उससे मेडिसिन के अच्छे रिजल्ट के लिए कितनी देर पहले खाना  चाहिए तो उसने बताया की प्रोग्राम सुरु करने से करीब 45 मिनट पहले एक एक टेबलेट खाने  से अच्छा रिजल्ट निकलता है और करीब 4-5 घंटे तक एक डोज का असर रहता है

 

मैंने रस्ते में एक चाय नास्ते की गुमटी से पानी लेकर एक एक दोनों टेबलेट खाकर आराम से पैदल चलते हुए करीब 15 मिनट में होटल के रूम में लाक खोलकर घुसा तो रूम में पूरा अन्धेरा था सिर्फ वाथरूम की लाइट जल रही थी जिस कारण कमरे में हल्का हल्का उजाला था हलके उजाले में देखा की बेड से बेडशीट गायब थी और महिमा कम्बल ओढ़कर सोइ हुई थी, मैं सोच में पड़ गया की बेडशीट कहाँ गई मैंने भी कपड़ा उतारा और टॉवेल लपेट कर महिमा के बगल में जाकर  लेट गया और सोने का प्रयास करने लगा बहुत देर  करवटें बदलता रहा नींद नहीं आई मोबाइल उठाकर देखा उस समय करीब 9 बजकर 15 मिनट हो रहे थे महिमा गहरी नींद में थी उनके मुँह से खर्राटे की आवाज निकल रही थी पर मेरी आँखों से नींद दूर थी मुझे तो महिमा को चोदने की धुन सवार थी पर महिमा की नींद खराब नहीं करना चाहता था इस लिए धीमी आवाज में   टीवी ऑन कर लिया और समय पास करने लगा इधर मेरे लण्ड में ऐसा तूफ़ान उठा की कभी नहीं उठा होगा लण्ड एकदम से कड़क पड़कर खड़ा हो गया और चूत में घुसने के लिए बेताब हो रहा था

 

करीब 9:45 पर टीवी बंद किया और पेसाब करने गया पर लण्ड इतना अधिक कड़क था कि पेसाब नहीं निकली तो वापस आकर बेड में लेट गया और महिमा का कम्बल खींचा और ओढ़ लिया महिमा बेडशीट लपेटकर सोई हुई थी पर बेडशीट खिसक गई थी और उनकी ब्रा दिख रही थी मैं लेटते ही महिमा के सीने पर ब्रा के पास खुले हिस्से में हाथ रख दिया और उँगलियों को संगमरमर जैसे सफ़ेद और चिकनी चूची पर  घुमाने लगा फिर धीरे से ब्रा के अंदर एक ऊँगली को अंदर   किया और निप्पल को टटोला तो निप्पल एकदम से टाइट हो चुकी थी मैं समझ गया महिमा जाग रही हो पर सोने का नाटक कर रही हैं बस फिर देर क्या था मैंने महिमा को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और सीने से चिपकाते हुए गाल में किस किया पर महिमा अभी भी  सोने का नाटक कर रही थी, हाथ को मुह के सामने रखा हुआ था

मैंने धीरे से महिमा की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को नीचे खिसका दिया ओह माई गॉड क्या मस्त चुँची है ऐसा लगता है जैसे कुवारी लड़की की हो जरा सी भी नहीं लटकी थी एकदम से मस्त टाइट चूचियों को हलके हलके हाथ से सहलाते हुए निप्पल को जीभ से चाटने लगा निप्पल एकदम से ताजे अंगूर की तरह टाइट हो गई अब मैंने महिमा के वदन से लिपटा हुआ बेडशीट धीरे धीर खीचकर हटा दिया महिमा सिर्फ पेंटी पहने हुए थी मैंने महिमा के जिश्म से पेंटी को भी खीच कर अलग कर दिया तो महिमा अपनी चूत को छिपाते हुए एक पाँव को मोड़ कर सोने का नाटक करती रही और मैं चोदने के लिए उतावला हुआ जा रहा था पर जब तक महिमा साथ नहीं देंगी तब तक मजा नहीं आएगा चुदाई में पार्टनर जितना बेसर्मी से पेस आये उतना ही अधिक मजा आता है  ये सोचकर मैं महिमा सिंह को बेसर्मी करने लिए उनके चूतड़ों को चाटने लगा चूतड़ों को चाटते चाटते उनकी टांगों को फैलाया और चूत को चाटने लगा करीब 3 मिनट तक चूत चाटने के बाद महिमा के मुह से हलके हलके सी सी सी सी  आसा साअस्स् स्स्स्स की आवाज निकलने लगी पर उनका हाथ चहरे से नहीं हटा पर मैं अब अधिक सब्र   नहीं कर सकता था

मैंने सभी कपड़ा उतारा और नंगा हो गया,लंड पर कंडोम चढ़ाया और महिमा की टांग को  फैलाया,चूतड़ को हाँथ से ऊपर की तरफ खींचा व् महिमा की एक जाँघ को नीचे किया अपनी दोनों जांघो को महिमा के चूतड़ से चिपकाया और  धीरे से लण्ड का सुपाड़ा घुसा दिया और धीरे धीरे लण्ड के सुपाड़े को आगे पीछे करने लगा,पर महिमा अभी अपना चेहरा हाथ से छिपाए रही तब मैंने सोचा इसे बेसरम बनाने के लिए कुछ और उपाय करू और तब एकाएक झटका मारा और पूरा 6 इंच लंबा लण्ड घुसेड़ दिया तो महिमा के मुह से चीत्कार निकली और पलट कर पीठ की तरफ से लेट गई तो लण्ड बाहर आ गया  महिमा ने अपने चेहरे को हाथों से ढक लिया और बोली ''मार डालोगे क्या'' तब मैंने बड़े प्यार से महिमा को चुम लिया और बोला ''सॉरी यार पूरा घुस ही नहीं रहा था'' और महिमा को प्यार करते हुए फिर से  दोनों टांगो को फैलाया और फिर से चूत को चाटने लगा तो महिमा मेरे सिर पर हाथ घुमाने लगी

कुछ देर की चूत चटाई से महिमा खूब उत्तेजित हो गई और अपनी दोनों टांगो को उठाने लगी तब मैंने दोनों टांगो को पकड़ कर उठा लिया और फिर से लण्ड को पेल दिया और चूत को चोदने लगा लण्ड पूरी गहराई तक अंदर जाने लगा तो महिमा अपने दोनों हाथो से मेरे कंधे को सहलाने लगी बीच बीच  गाल पर हाथ घुमाती और अपनी जीभ निकालकर मुझे ललचवाती जब मैं जीभ को चूसने के लिए झुकता तो जीभ को अंदर कर लेती इस तरह मस्ती मजाक के साथ लन्ड अपना काम करता रहा, मैं बीच बीच में लंड की गति को रोंक देता तो महिमा अपनी चूत को अंदर की तरफ सिकोड़ती तो चूत एकदम से टाइट पड़ जाती तो थोड़ा सा लण्ड को बाहर की तरफ खींचता तो महिमा चूत को इतने जोर से सिकोड़ती जैसे ओ चाहती हो की लण्ड अंदर ही रहे बाहर नहीं निकले इस तरह से लण्ड को अंदर डालता फिर धीरे धीरे बाहर निकालता इसी क्रम में लगातार 5 मिनट तक लण्ड को आगे पीछे करता रहा तो महिमा बार बार उठने लगती और मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खींचती और मुझे

उठ उठ कर चूमने लगती मैं लगातार लण्ड के झटके मारने लगा तो महिमा अपने दोनों टांगों को फैला दिया और मुझे खीचकर अपने सीने से चिपका लिया और मेरे होठो को, जीभ को बुरी तरह से चूसने लगी मैंने पूरी तरह से महिमा के ऊपर लेट गया और महिमा के कमर के नीचे हाथ डालकर चूतड़ को ऊपर की तरफ उठा लिया तो लंड चूत में पूरी गहराई तक अंदर जाने लगा महिमा मेरे कमर पर अपने दोनों हाथ रख लिया और झटके मारने में सहयोग करने लगी महिमा के मुख से जोर जोर से

महिमा इस तरह से बार बार मुह करती

उसुसुसुसु सुसुसुसूस स्फ़्स्फ़्स्फ़्स् फ़्फ़्स्फ़् स्फ़्स उफ़ुफ़ुफ़ुफ़ु फ़ुफ़ुफ़ुफ़्फ़ु अहहहः आह आअह आह आह आअह आअह स्स्स्सीए ससीसीसीसे उउफफफफ़ुफ़ुफ़ुफ़ु उउउउ आआहहह आअह आअह आह आह उई माँ उई माँ मर गई .उई माँ उई माँ मर गई। उई माँ उई माँ मर गई उई माँ उई माँ मर गई उई माँ उई माँ मर गई   उदुफ़ुफ़ुफ़ु फ़ुफ़ु फ़ुफ़ुफ़ उफ़ुफ़ुफ़ुफ़्फ़ु उफ़ुफ़ुफ़ु फ़्ंसंजन उई माँ उई माँ मर गई   उई माँ उई माँ मर गई उई माँ उई माँ मर गई .की जोर जोर से आवाज करने लगी महिमा जितनी तेजी से आवाज करती मैं ऊंटनी ही गति से लण्ड को आगे पीछे करने लगा महिमा मेरे चूतड़ों पर हाथ रखकर अपने हाथों से चूतड़ों को जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी इस तरह से लगातार 5 मिनट तक जोर जोर से और खूब जल्दी जल्दी बुर को चोदता रहा और मेरा वीर्य निकल गया पर महिमा अभी भी मेरे चूतड़ों को आगे पीछे किये जा रही थी मैं समझ गया की महिमा अभी तक नहीं झरी

 

बिगोरा के असर से लण्ड  वीर्य निकलने के बाद भी खूब टाइट था , मैं जल्दी जल्दी लगातार पूरी ताकत से महिमा को चोद रहा था और अचानक महिमा ने मेरे चूतड़ों से अपना हाथ हटा लिया और हाँफते हुए एकदम से सांत हो गई मैं समझ गया की महिमा भी झर चुकी है फिर भी मैं चूत में लण्ड को फसाए हुए महिुमा के ऊपर लेटा रहा और महिमा को किस करता रहा चूचियों को सहलाता रहा करीब 3 मिनट बाद महिमा ने मुझे बगल में गिरा दिया और जल्दी से सफ़ेद चादर को लपेट कर मुहं ढक कर सर्माते हुए दुसरी तरफ करवट बदल कर लेट गई तब मैं महिमा के ऊपर से चढ़कर उनकी तरफ जा कर पूछा ''अब क्यों सरमा रही हो'' तो बोली ''आपने आज सब लूट लिया'' तब मैंने महिमा से बहुत देर तक बातें करता रहा महिमा से की गई बातों का निष्कर्ष ये निकला की

'' सभी महिलाओं को कभी न कभी मनपसंद पराये पुरुष  चुदवाने की इच्छा रहती है, पर इज्जत खराब नहीं हो इस डर से महिलायें पराये पुरुष से चुदवाने में हिचकती है'' 

 

इसके बाद दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए तीन घंटे बाद मेरे लण्ड में फिर से बहुत जोरदार तूफ़ान उठा तो सोती हुई महिमा को फिर से जगाया पर ओ गहरी नींद में थी इस लिए नहीं जाग रही थी तब मैंने उनकी दोनों टांगो को हलके से फैलाया और चूत को चाटने लगा करीब 10 मिनट बाद ओ जाग गई और मेरे से लिपटते हए बोली ''रहने दो यार बहुत थक गई हूँ दिन में कर लेना'' पर  मैं नहीं माना और महिमा को प्यार करने लगा बड़ी मुस्किल से महिमा फिर से चुदाने के लिए तैयार हुई इस बार महिमा को घोड़ी बना दिया और लण्ड को नंगा किये बिना कंडोम चढ़ा लिया और फिर लगा चूत चोदने इस बार महिमा ने पूरी बेसर्मी के साथ चुदाई में साथ.

Share:

Related Posts:

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

XVASANA - Antarvasna Sex Stories in Hindi fonts