हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम
रेशमा है और में आपको अपनी लाईफ की रियल स्टोरी बता रही हूँ और ये स्टोरी पढ़कर आप
खुद जान जायेंगे कि ये किसी लड़की ने अपनी रियल लाईफ की स्टोरी बताई है। में बचपन
से सभी से घुल मिलकर रहती थी। किसी की भी गोद में बैठ जाती थी और किसी भी अंकल के
साथ घूमने चली जाती थी। मेरे मम्मी पापा दोनों रेल्वे जॉब में है। मम्मी पापा के
ऑफिस जाने के बाद में बिल्कुल अकेली रहती थी, कभी-कभी मामा गावं से आया करते थे। वो मुझे
बहुत प्यार करते थे और जब भी आते थे तो बहुत सारी मिठाइयां और चॉकलेट लेकर आते थे।
इस बार, वो 1 या 2 साल बाद आ रहे
थे और अब मेरी बॉडी में उभार आ गया था और जब से मेरी बॉडी में उभार आया तब से सभी
अंकल और भैया लोग मेरी छाती पर ध्यान देते थे।
फिर हमेशा की तरह में स्कूल से आई और में आकर उनकी जांघो पर बैठ जाती थी। ये
बात उस समय की है जब में 12वीं में पढ़ती थी और मेरे मामा की नीयत शायद
जब मेरे ऊपर ख़राब नहीं हुई थी। वो नॉर्मली मुझे अपनी जांघ पर 5 से 10 मिनट ही बैठने
देते थे और फिर मुझे उतार देते थे। लेकिन इस बार उन्होंने मुझे दोनों हाथों से
जकड़ कर रखा था और में भी टी.वी देखने में लगी थी। मुझे हल्की-हल्की गुदगुदी हुई
जब वो मेरी जांघ को सहलाने लगे तो में हंसकर बोली मामा गुदगुदी हो रही है। तो मामा
ने कहा तू टी.वी देख बहुत अच्छा सीन चल रहा है और में टी.वी देखने लगी, लेकिन फिर उन्होंने
अपना हाथ मेरी स्कर्ट के और अंदर डाल दिया। अब वो मेरी पेंटी के ऊपर से सहला रहे
थे और में हंस रही थी, मामा हटाओ हाथ मुझे गुदगुदी हो रही है।
उन्होंने अब धीरे से अपना हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया, लेकिन वो कुछ
कर नहीं पायें थे। फिर उन्होंने कहा रेशू एक पैर नीचे करो और मैंने पैर नीचे कर
दिया और वो धीरे-धीरे मेरी दोनों टाँगो के बीच में सहलाने लगे। मुझे थोड़ी भी भनक
तक नहीं थी कि मामा मेरी बॉडी के साथ कुछ ग़लत कर रहे थे। फिर मुझे थोड़ी देर के
बाद दर्द हुआ और टांगे सिकुड़ कर मैंने मामा का हाथ पकड़ लिया और जब मामा ने हाथ
निकाला, तो मुझे पता
चला कि मामा फिंगरिंग कर रहे थे और फिर मामा ने मेरा ध्यान टी.वी की तरफ कर दिया
और धीरे से मेरी पेंटी निकाल दी।
फिर मैंने पूछा कि मामा पेंटी क्यों निकाल दी? तो उन्होंने बोला कि काफ़ी गर्मी है ना
इसलिए। फिर मामा ने मुझसे कहा कि तुम बहुत डरपोक हो, तो मैंने कहा में डरपोक नहीं हूँ, फिर मामा ने
कहा अगर डरपोक नहीं हो तो मेरी ये उंगली अपनी चूत में डालकर दिखाओ, तो मैंने पूछा
ये चूत क्या होती है? तो उन्होंने मुझे चूत दिखाई और बोले ये है।
फिर मैंने कहा ठीक है आप फिंगर डाल लो, फिर मामा धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत के पास
लाए और डालने लगे और मुझे जैसे दर्द हुआ तो मैंने टांगे समेट दी। फिर मामा ने कहा
कि तुम बहुत डरती हो तो में बोली नहीं डरती हूँ। फिर मामा बोले अगर नहीं डरती तो
टांगे खोलकर रखो। फिर में बोली कि मुझे दर्द हो रहा है और मामा बोले धीरे धीरे
उंगली करूँगा और अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगे तो नहीं करूँगा। फिर में बोली मुझे
अच्छा क्यों लगेगा?
जब दर्द हो रहा है तो वो बोले एक बार करके तो देखो। फिर मैंने थोड़ी टांगे
ढीली की और मामा मेरे पैर फैलाकर चूत को देखने लगे और कहने लगे कि तू बहुत कच्चा
माल है। फिर मैंने पूछा क्या? तो वो बोले तुझे बाद में बताऊंगा और ये कहकर
वो अपनी जीभ से मेरी चूत को सहलाने लगे। मुझे अजीब सी गुदगुदी हो रही थी, लेकिन उसके
साथ-साथ अच्छा भी लग रहा था। अब वो चाट चाटकर मुझे एक फिंगर से फिंगरिंग कर रहे
थे। फिर 30 मिनट के बाद
वो दो उंगली डालकर फिंगरिंग करने लगे और मुझे अब दर्द हो रहा था, लेकिन मामा
मेरे दर्द को नज़र अंदाज़ कर रहे थे और फिर उन्होंने मुझे 2 मिनट के बाद छोड़
दिया।
अब वो हर दिन स्कूल से आने के बाद मुझे अपनी जांघ पर बैठाकर फिंगरिंग करते थे
और में खामोश होकर अपने पैर फैलाए हुए उनके कंधे पर अपना सिर रखकर सोए रहती थी।
मम्मी के आने से पहले तक मामा मुझे गोद में लेकर जो मन में आता वो सब करते थे और
में सिर्फ़ खामोश रहती थी, जैसे कि कभी-कभी पेंटी उतार कर उंगली से मेरी
चूत को फैलाकर के अंदर देखते या फिर मेरी चूत को चाटते थे या फिर मुझसे कहते कि
दूध पीना है और में अपनी निपल्स निकाल कर उनके मुँह के पास रखती और वो मेरा पूरा
टॉप या फ्रॉक निकाल कर फिर जी भर कर चूसते थे और काटते थे या फिर कभी-कभी मेरे
पूरे कपड़े उतार कर मेरे साथ पलंग पर लेटे रहते थे। अब मामा मेरी चूत के हर अंग की
जानकारी रखते थे और वो जानते थे कि कहाँ तक मुझे दर्द होता है, क्योंकि जब वो
फिंगर करते थे तो में कमर ऊपर नीचे करती थी और पैर सिकुड़ कर रखती। फिर वो फिंगररिंग
धीरे करते और में चुपचाप पैर फैलाए उनको मनमानी करने देती थी।
मामा की उम्र 30 साल थी और वो
बहुत चालाकी से हर दिन मेरे सेक्स की भूख बढ़ा रहे थे और उनकी जादुई उंगलियाँ मुझे
पागल बना रही थी और वो यह अच्छे से जानते थे कि मेरी चूत के साथ कब क्या करना है? कभी कभी तो
बिना स्कूल की ड्रेस चेंज किए ही मेरी चूत में फिंगर करने लग जाते थे और में लास्ट
पीरियड से स्कूल में मामा को मिस करती थी। अब मामा मुझसे सेक्स करने की प्लानिंग
कर रहे थे, लेकिन मुझे
थोड़ी भी भनक नहीं लगने दी। मेरे एक रिलेटिव की शादी थी और मम्मी पापा ने प्लानिंग
की हम सब जायेंगे, लेकिन मामा ने
मुझसे कहा कि तुम कह दो कि तुम्हारा टेस्ट है और मैंने अपने पापा मम्मी को यही कहा
और उन्होंने कहा कि तो तुम अकेली कैसे रहोगी? तो मैंने मामा का नाम लिया और वो मान गये।
ये मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल थी और वो दिन आ ही गया जिस दिन मेरे पापा
मम्मी को जाना था। में सुबह स्कूल चली गयी और उनकी ट्रेन सुबह 10 बजे की थी।
फिर में जब स्कूल से आई तो घर में मामा थे और मामा ने मेरे आते ही म्यूज़िक लगा दी
और मेरे साथ डांस करने लगे। उनका मुझे छूना बहुत अच्छा लग रहा था, उन्होंने मुझे
किस किए। अब वो मेरे बूब्स दबा रहे थे। फिर मैंने कहा कि मामा में पहले नहाकर आती
हूँ तो वो बोले ठीक है तू नहा ले और में नहाने चली गयी और मेरे नहाते समय मामा ने
डोर लॉक किया और मैंने जैसे ही कुण्डी खोली तो वो झट से दरवाजे को धक्का देकर अंदर
आ गये और मेरे भीगे बदन को सिर्फ़ पेंटी में देखने लगे। फिर मैंने जब मामा को देखा
तो वो पूरे नंगे थे और मेरी नज़र सीधे उनके लंड पर गयी, जो इतना बड़ा
था कि मेरी नज़र वहाँ से हट ही नहीं रही थी, मैंने पहली बार मेरे मामा को नंगा देखा था, मामा मेरे
पूरे बदन पर साबुन लगा कर मसल रहे थे और बोल रहे थे कि में तुम्हें आज चोदूंगा।
फिर वो मुझे गोद में उठा कर अपनी साबुन वाली उंगली से फिंगरिंग करने लगे और
में पागलों की तरह, आह्ह्ह्ह
आह्ह्ह्ह कर रही थी। फिर मामा ने शॉवर चालू किया और मुझे फ्लोर पर लेटा दिया और वो
मेरे ऊपर आ गये और मेरे होंठ चूसने लगे और बोले सेक्स करूँ? तो मैंने कहा
हाँ करो। मामा बोले में आज तेरी सील तोड़ूँगा, लेकिन चिल्लाना मत और ये कहकर मेरी चूत पर
अपना लंड रगड़ने लगे और अपने एक हाथ से मेरा सिर पकड़ कर होंठ चूसने लगे और दूसरे
हाथ से मामा ने मेरी चूत पर अपना लंड सेट किया और एक शॉट मारा तो मेरी जान ही निकल
गयी। में दर्द के मारे तड़प रही थी। फिर मामा ने एक और शॉट मारा तो में अपने दोनों
हाथों से उनको धक्का दे रही थी, लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर वो थोड़ी देर रुके, तो मुझे लगा कि मामा मुझे छोड़ देंगे, लेकिन
उन्होंने फिर से अपने लंड को सेट करके मुझे एक और शॉट मारा। मेरी चूत से खून आ रहा
था, ऐसा लग रहा था
कि जैसे मेरी दोनों टांगो के बीच में कोई सख्त चीज़ से दनादन वार कर रहा था और
मुझे अब समझ में आ रहा था कि चुदाई क्या होती है? में मामा से कह रही थी कि मुझे छोड़ दो। तो
मामा ने कहा कि अगर तुझे पूरा अच्छी तरह से नहीं चोदा तो दूसरी बार तुझे दर्द होगा
और यह कहकर उन्होंने अपनी बॉडी के पूरे वजन से अपना लंड और अंदर डाल दिया, मुझे कुछ समझ
में नहीं आ रहा था। फिर दर्द के मारे मैंने मेरी टांगे थोड़ी ढीली की, तो वो मुझे
थैंक यू कहने लगे और वो मुझे वैसे ही शॉट्स मारते रहे। में समझ गयी थी कि मामा जब
तक अपने आप नहीं छोड़ेंगे तब तक मुझे ऐसे ही उनके शॉट्स लेने पड़ेगें। अब
मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन थोड़ा कम था और ऐसे ही में 20 मिनट तक मामा
से चुदवाती रही और फिर मामा ने मेरे अंदर सारा पानी छोड़ दिया।
अब मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था, फिर मामा मुझे गोद में उठाकर बेड पर ले गये
और टावल से मेरा पूरा बदन पोछा और कंबल ओढ़ा दिया और में सो गयी। जब मेरी नींद खुली
तो रात के 10 बज रहे थे और
फिर मामा ने मुझे जूस दिया और थोड़ी देर के बाद मेरे कंबल में आ गये। अब मामा फिर
से मुझे छुने लगे, में समझ गयी
कि मामा फिर चोदेंगे और मामा मेरे दूध को धीरे-धीरे दबाने लगे और मेरे होंठ चूसने
लगे। फिर वो धीरे से मेरे ऊपर आ गये और मैंने उनसे कहा बहुत दर्द होगा, तो वो बोले
तेरी सील टूट गयी है और थोड़ा दर्द तो किसी से भी करवाती तो होता। फिर मामा ने मेरे
पैर मोड़कर फैला दिए और धीरे से अपना लंड मेरी चूत में रखकर एक शॉट मारा और में
बोली अयाया, ऐसा लग रहा था
जैसे मेरी दोनों टांगो के बीच में कुछ चीरता हुआ अंदर जा रहा है।
फिर मामा ने तब तक दनादन शॉट्स मारे जब तक वो पूरा अंदर नहीं कर दिया। फिर हर एक शॉट्स में मुझे साफ साफ एहसास हो रहा था कि वो मेरी टांगो के बीच में कोई चीज़ फाड़ रहे है। ऐसे ही उन्होंने मुझे 20 मिनट तक चोदा और फिर पूरा पानी मेरे अंदर छोड़कर सो गये। फिर जब सुबह हुई तो में चल भी नहीं पा रही थी, लेकिन मामा ने मुझे उसी हालत में सुबह भी चोदा, ये सिलसिला 3 दिन तक चला। जब तक मेरे मम्मी पापा नहीं आए और फिर मामा ने मुझे 1 हफ्ते तक ही चोदा। फिर एक रात मैंने 1 बजे मामा को उठाया और कहा जो करना है करो, लेकिन ऐसे मुझसे दूर मत जाओ और उस रात उन्होंने मेरी जमकर चुदाई की। ये सिलसिला अब हर दिन चलता रहा, कभी स्कूल से आने के बाद या फिर रात में और मैंने गौर किया कि मेरे रंग में और निखार आ रहा था और मेरी गांड भी बड़ी हो रही थी, शायद यह सब मेरी चुदाई का ही असर था
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