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कामुक माँ की योनी का स्वाद चखा

नमस्कार दोस्तो मेरा नाम समीर है और प्रस्तुत हूं आपके समक्ष अपने जीवन का नया अनुभव लेकर. ये घटना आज से 15 दिन पहले घटित हुई है और ये अब तो रोज़ कि बात है. कहानी पे आने से पहले मैं थोड़ा अपना परिचय करवा दूं. मेरा नाम समीर है मैं हिमाचल प्रदेश का निवासी हूं और मेरी उम्र 20 साल है. और मेरे लन्ड का माप ७२ इंच है ये घटना मेरे और मेरी मां पायल के साथ घटित हुई है.

 

दोस्तो मेरी मां पायल ३६ साल कि एक बहुत खूबसूरत महिला है उनके जिस्म का साइज 34 – 30 – 36 है। उनकी शादी काफी छोटी उम्र में हो गई थी इसी कारण वो इतनी जवान है. साथ ही साथ हम पहाड़ी इलाके में रहते है तो आपको अंदाजा होगा ही की पहाड़ी औरते कितनी सुंदर होती है. मेरे घर में सिर्फ मैं और मां रहते है पापा का देहांत 6 साल पहले हो गया था.

 

इससे मां काफी अकेली रहने लगी और उदास भी लेकिन वो कभी नहीं जताती। उस समय मैं 14 साल का था फिर समय के साथ मैं बड़ा होता गया और जिम्मेदारी संभाली. हमारे सेब के कई बाग है सो पैसे कि चिंता ही नहीं थी। मेरे मन में मां के लिए कोई ग़लत विचार नहीं थे. लेकिन उस दिन के बाद कुछ ऐसा हुआ कि हम मां बेटे संसार के सारे बंधनों को तोड़कर हमबिस्तर होने लगे. और मैं जिस मां कि योनि से जन्म लिया उसी योनि का स्वाद ले रहा था।

 

दोस्तो हुआ कुछ ऐसे कि वो 30 दिसंबर कि सुबह थी और ठंड कुछ ज्यादा ही थी. मां अपने कमरे में बैठी कुछ काम कर रही थी मैं उनसे बोला मां कुछ खाने को बना दो काफी भूख लगी है. मैंने ध्यान दिया कि मां थोड़ी उदास थी. मैंने कुछ पूछा नहीं और कमरे में आ गया फिर मुझे याद आया कि आज से 3 दिन पहले ही पापा मरे थे. तो अनुमान से मुझे यही लगा कि मां पापा को याद कर रही यही थी.

 

फिर मां किचन मे कुछ खाने को बनाने चली गई मैंने पीछे से उनके पास गया और पूछा क्या हुआ मां आपको पापा कि याद आ रही है? तो उनके आंखो से आंसू छलक गए और वो मुझसे लिपट कर रोने लगी. जैसे ही मां मेरे सीने से लगी मुझे तेज झटका लगा क्यूंकि मां के स्तनों का स्पर्श मेरी छाती से हो रहा था. लेकिन मैंने मां को संभाला और उन्हें बिस्तर पर ले गया मां रोए जा रही थी.

 

मैंने कैसे भी मां को चुप कराया तो उन्होंने बताया आज ६ साल हुए पापा को गुज़रे और फिर रोने लगी. मैंने उन्हें सांत्वना देकर बोला मां रो मत मैं हूं ना. वो मेरी तरफ देखकर बोली हां बेटा अब तू ही तो मेरा सहारा है, लेकिन तू सब कुछ तो नहीं कर सकता. मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्या है जो मां ये कह रही है मैं सबकुछ नहीं कर सकता. मैंने मां से पूछा मां मैं क्या सबकुछ नहीं कर सकता?

 

मां ने कहा रहने दे तू नहीं समझेगा, उनके आंखो से अभी भी आंसू चू रही थे. मैंने कहा बताओ ना मां. तो उन्होंने कहा उन्होंने कई अरमान पाले थे और उनके ढेरो सपने थे लेकिन पिता जी के देहांत के बाद सब खत्म. तो मैंने मां से पूछा मां साफ साफ बताओ मैं ठीक से नहीं समझा. तो मां टालने लगी लेकिन मेरे जोर देने पे उन्होंने मुझे कहा बेटा मैं भी एक औरत हूं, और मेरी भी कुछ ज़रूरतें है लेकिन तेरे पिता के जाने के बाद सब खत्म हो गया।

 

मैं अब समझा की मां क्यों बोल रही थी तू सबकुछ नहीं कर सकता. तो मैंने उनके हाथो को अपने हाथ में लेते हुए बोला तो क्या आप इसी वजह से परेशान होती हो. तो उन्होंने हां में सिर हिला दिया और जाने लगी मैं भी कुछ नहीं बोला और सोच में पड़ गया। मैंने सोचा मां अभी काफ़ी जवान है और उन्हें सेक्स कि इच्छा होती है लेकिन वो कुछ नहीं कर पाती. फिर मैंने सोचा कि मैं अगर कुछ मदद करूं.

 

लेकिन मैंने सोचा कि मैं ऐसे कैसे कर सकता हूं मां बुरा मान जाएगी. लेकिन मैंने फिर सोचा मां इस वजह से इतना परेशान हो रही है तो मुझे उनसे बात करनी चाहिए। सारा दिन इसी सोच में बीत गया रात में मैंने सोचा आज इस संबंध में मां से बात कि जानी चाहिए. क्योंकि जब से मुझे मेरे मां के स्तनों का स्पर्श मिला मुझे काफी बेचैनी हो रही थी. और मैं सोच रहा था कि एक बार अपनी चाची से सलाह कर लू क्यूंकि वो मुझसे सेट थी लेकिन बदकिस्मती से वो कहीं बाहर गई थी।

 

फिर मैं और मां खाना खा के सोने जाने वाले थे ठंड बहुत जोरों से पड़ रही थी सो मैं खाने के बाद सीधे मां के रूम में गया. और उनसे बोला मां आपसे कुछ बात करनी है. वो रजाई में बैठते हुए बोली आओ बैठो मैं बैठ गया. फिर मैंने उनसे बोला मां एक ज़रूरी बात करनी है आप डाटेंगी तो नहीं? तो मां ने कहा नहीं बोल. मैंने कहा मां सुबह आपने मुझे बताया था कि पापा के जाने के बाद आपकी शारीरिक ज़रूरतें पूरी नहीं हो पा रही.

 

जिस वजह से आप काफी दुखी रहती है तो मुझसे आपकी परेशानी देखी नहीं जाती अगर आप कहें तो मैं इस काम में आपका साथ दूं। मां मुझे कुछ क्षणों तक देखती रही फिर बोली बेटा मैं समझ सकती हूं आपको मेरी बहुत फिक्र है. लेकिन मैं तेरी मां हूं और मां बेटे के बीच ये नहीं हो सकता. समाज में पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी मेरी ज़िन्दगी जैसे है रहने दे. तो मैंने उनका हाथ अपने हाथ में रखते बोला.

 

लेकिन मां आपको परेशान देखकर मुझसे रहा नहीं जाता, और रही बात किसी के पता चलने की तो ये बात सिर्फ हमारे आपके बीच रहेगी. इसपर मां बोली बेटा तू मेरी कितनी फिक्र करता है और तेरी बात सही है, लेकिन बेटा मुझे माफ़ करदे. मैंने पूछा मां कैसी माफी मां ने बताया वो किसी गैर मर्द से संभोग करने का सोच रही थी. लेकिन ये सोचना उनकी बड़ी भूल थी ये बोलकर उन्होंने नज़रे झुका ली.

 

मैं उनसे थोड़ा सटते हुए बोला मां आप ये क्या करने जा रही थी, घर कि बात घर में रहे ये ज्यादा अच्छा है. तो उन्होंने कहा हां बेटा तू सही बोल रहा है. किसी गैर मर्द के साथ संबंध बनाने से अच्छा अपने बेटे से ही संबंध बनाऊं, आखिर तू भी तो उनका ही खून है. मैंने कहा तो मां क्या आप तैयार है? तो उन्होंने कहा हां पर हमारे बीच जो हो रहा है उसका पता बाहर नहीं चलना चाहिए क्यूंकि हमारी बहुत बदनामी होगी.

 

तो मैं उनके और पास आते बोला मां मैं आपसे वादा करता हूं, कि आपके और मेरे बीच जो कुछ भी होगा वो किसी को नहीं पता चलेगा। मां ने अपनी नज़रें झुका ली मैं समझ गया मैं मां के और करीब आ गया. और उनके चेहरे को अपने हाथों में लेकर अपने पास किया. मैंने देखा मां के गाल शर्म से गुलाबी हो गए थे उनकी नज़रें अभी भी झुकी थी. मैंने एक नजर उनके सुंदर चेहरे को देखकर उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया.

 

फिर मैं उनके ऊपर आकर उनके नर्म गुलाबी होंठो पर अपने होंठ रख दिया और चूमने लगा. मां भी कुछ समय बाद मेरा साथ दे रहीं थी. लेकिन वो अभी भी शरमा रही थी, और मुझे कस कर पकड़ रखा था. मैं उनके नर्म होंठो को लगातार चूसे जा रहा था मुझे बहुत आनंद आ रहा था. मां भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल कर घुमा रही थी हम दोनों एक दूसरे कि आखों में खोए हुए थे. धीरे धीरे मेरे शरीर में उत्तेजना बढ़ रही थी.

 

फिर मैंने धीरे मां के ब्लाउस खोल कर हटा दिया मां ने ब्लैक कलर कि ब्रा पहनी हुई थी. जो उनके गोरे स्तनों पर खूब जच रही थी. मैंने फिर मां कि साड़ी भी निकाल दी अब मां सिर्फ ब्रा पैंटी में थी. फिर मैंने मां कि ब्रा भी खोल दी अब उनकी गोरी चूचियां आज़ाद थी. मां के स्तनों का माप 34 है इस वजह से वो काफी बड़े थे. मां के स्तन एकदम टाईट थी मैं मां के राइट साइड आ गया. और उन्हें अपनी तरफ खींच कर उनका स्तन मुंह में लेके चूसने लगा.

 

मां के निप्पल हल्के गुलाबी थे मैंने एक निप्पल अपने मुंह में दबाया और फिर एक हाथ से उनके चूतड़ों को मसलने लगा. मां ने भी अब शर्म छोड़ दी थी और वो एक हाथ मेरे बरमूडा में डाल दूसरे हाथ से मेरे बाल फेर रही. फिर मैंने मां को सीधा कि और उनकी चूत के पास नाक लगा कर सूंघने लगा. मां की चूत से मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी. चूत की खुशबू से मेरा लिंग भी तन गया था.

 

फ़िर मैंने अपनी मां कि पैंटी उतार दी मां की योनि हल्की गुलाबी रंगत लिए हुई थी. मैंने उनकी योनि की फांकों को अलग किया और उनकी योनि में एक उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा. लेकिन ये काफी कठिन था क्यूंकि मां की योनि में 6 साल से कोई लंड नहीं गया था तो वो काफी कसी थी. लेकिन मैंने उंगली डाल ही दी थी फिर मैं थोड़ा तेजी से उंगली अंदर बाहर करने लगा. मेरे ऐसा करने से मां चिहुंक गई और कसमसाने लगी.

 

लेकिन वो अब भी थोड़ा शरमा रही थी, सो मैं उनके ऊपर आ कर उनकी आंखो मे आंखें डाल कर उनके होंठ पीने लगा. थोड़ी देर में मां का शरीर अकड़ने लगा मैं जान गया मां की चूत पानी छोड़ रही है. मैंने तुरंत वक्त नहीं बर्बाद करते हुए उनकी चूत में मुंह लगा दिया और उनकी चूत से निकलता सफेद गाढ़ा पानी चाटने लगा. मुझे उसका स्वाद काफी पसंद आया. आज मैं अपनी मां कि योनि का स्वाद चखकर काफी संतुष्ट महसूस कर रहा था.

 

फिर मैंने मां कि टांगो को चौड़ा किया फिर अपनी जीभ उनकी चूत कि फांकों में फंसा दिया और चाटने लगा. जहां तक मेरी जीभ जा रही, मेरे ऐसा करने से मां ज़ोर से छटपटाने लगी. और उनके मुंह से तेज तेज सिसकारियां निकाल रही थी. वो बोल रही थी आह बेटा क्या कर रहा है आह उफ्फ ऑ आहह बेटा धीरे आह उंह आह. मुझे पता चल गया मां ने कभी अपनी चूत नहीं चटवाई है, तभी उन्हें इतना मज़ा आ रहा है.

 

मैंने ये सोच और कस कर उनकी चूत चटनी शुरू कर दी. मां की आहें तेज हो गई वो लगातार आह ऊंह उफ्फ बेटा आह समीर अहह धीरे कर आह उफ़ की आवाज़ें निकाल रही थी. कुछ ही देर में उनका पानी निकाल गया. मैंने उनका चेहरा देखा उनका शरीर पसीने से भीगा था लेकिन उनके चेहरे पे संतुष्टि के भाव थे. फिर मैं उनके बगल लेट गया मां भी मेरे करीब आ गई और मेरा बरमूडा और शर्ट निकाल कर मुझे नंगा कर दी.

 

फिर वो मुझसे चिपक गई और एक हाथ से मेरा लन्ड पकड़कर हिलाने लगी. फिर मैंने उन्हें बैठने को बोला और अपना लन्ड खड़ा कर दिया और उनके मुंह के पास ले जाकर चूसने को कहा. तो वो मेरे लिंग का आकर देखकर डर गई और पूछी बेटा ये कितना बड़ा है? मैंने कहा मां 7 इंच. फिर उन्होंने पूछा बेटा ये कैसे जाएगा मुंह में? मैंने कहा मां आप डालो तो सही मुंह में. मां ने मेरे लौड़े के ऊपर से चमड़ी हटाई.

 

तो उन्हे आश्चर्य हुआ कि मेरी चमड़ी पूरी पीछे तक जा रही है. तो उन्होंने पूछा बेटा क्या तूने किसी और के साथ कभी संबंध बनाए है? तो मैंने हां में सिर हिलाया. उन्होंने पूछा किसके साथ? मैंने कहा अपनी चाची के साथ. ये सुनकर मां के चेहरे पे एक मुस्कान आयी और बोली बहुत बड़ा हो गाय है तू. मै भी मुस्कराया फिर उन्होंने धीरे से मेरा लिंग अपने मुंह में लिया और धीरे धीरे वो लौड़ा अंदर बाहर करने लगी.

 

फिर कुछ ही समय में वो काफी अच्छे से मेरे लिंग को चूसने लगी. अब मेरा लिंग एकदम कड़क हो गया था और वो बहुत गरम भी हो गया था. मेरे लिंग कि नसें तन गई फिर मै धीरे धीरे मां के मुंह में धक्के मारने लगा. मां भी बहुत अनुभवी थी वो मेरे लौड़े को गले तक भर कर अंदर बाहर कर रही थी. ऐसे करनें से मेरा लिंग खूब तन गया और मै झड़ने वाला था. मैंने मां का सिर पकड़ लिया और तेजी तेजी धक्के देने लगा.

 

थोड़ी देर में ही वीर्य कि पिचकारी मां के मुंह में भर गई मां ने सारा वीर्य पी कर लंड साफ कर दिया. अब हम दोनों काफी थक गए थे तो एक दूसरे कि बाहों मे बाहें डाल लेट गए. फिर थोड़ी देर में मां ने मेरा लन्ड फिर से तैयार कर दिया. और बोली बेटा बस और इंतज़ार मत करवा 6 साल से इस पल के लिए तड़प रही हूं आजा मेरी प्यास बुझा दे. तो मैंने उन्हें मिशनरी पोजीशन में कर उनकी टांगो को चौड़ा किया.

 

और उनकी चूत पर थोड़ा थूक लगा अपना लिंग घिसने लगा. फिर मैं अपना लिंग उनकी चूत मे डालने लगा लेकिन चूत काफी टाइट होने कि वजह से जा नहीं रहा था. सो मैंने अपना लन्ड एडजस्ट कर उनकी चूत पर टिकाया. और मां की कमर पकड़कर कस के एक धक्का लगाया तो लगभग आधा लिंग मां की चूत मे घुस गया. मां दर्द से छटपटाने लगी मैंने अपना लन्ड निकाला और इस बार फिर एडजस्ट करके एक ज़ोरदार झटका दिया.

 

इस बार मेरा लिंग मां की योनि को चीरते हुए पूरा अंदर तक घुस गया. मां अब दर्द से बहुत छटपटा रही थी और उनके आंख से आंसू भी निकाल आया था. मैं कुछ देर वैसे ही रहा फिर जब मां को थोड़ी राहत मिली. तो उन्होंने मुझे इशारे किया जिससे मैंने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. और सोचने लगा कि पिताजी भी मां को ऐसे ही चोदते होंगे. ये सोचकर मेरे अंदर एक उत्तेजना आई.

 

जिससे मैंने मां कि कमर पकड़ कर तेज तेज धक्के देने लगा. मैं मां कि आंखो मे आंखे डाल कर धक्के मार रहा था मां को भी आनंद आ रहा था. और वो मुझे और तेज धक्के मारने बोल रही थी. मैंने फिर तेजी से अपना लन्ड सटासट उनकी चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. सच बताऊं दोस्तो मुझे उस वक्त इतना मज़ा आज रहा था अपनी मां को चोदते की मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

 

मां की वो आहें उनकी वो कसी हुई चूत उनके रसीले स्तन कुल मिलाकर मेरी मां एक सेक्स कि देवी थी. मैं उनके इस जिस्म को खूब भोग रहा था और अपनी वासना शांत कर रहा था। मैं लगातार मां की चूत मे धक्के लगा रहा था. मां की आहें बढ़ती जा रही थी मां लगातार आह उफ्फ उहं उमाह कि आवाज़ें निकाल रही थी. उनकी आहों से मुझमें जोश बढ़ रहा था और मैं और कस कर उनकी चूत मार रहा था.

 

करीब 15 मिनट कि चुदाई की बाद मैंने ढेर सारा वीर्य मां की योनि में भर दिया और हांफते हुए उनके बगल लेट गया. इतनी सर्दी मे भी मेरे पसीना आ रहा था ये मां की घमासान चुदाई का ही फल था. मां ने मुझे अपने सीने से लगा लिया मैं भी उनकी बाहों मे समा गया. फिर मैंने मां से पूछा मां कैसा लगा? मां ने एक हाथ मेरे चेहरे पे फेरते हुए बोली बेटा तूने आज जो मेरी चुदाई की है, मेरी जन्मो कि तड़प मिटा दी तेरे पापा भी कभी तेरे जैसे मेरी प्यास नहीं मिटा पाएं.

 

ये सुनकर मेरी आंखों मे चमक आ गई और मैं कस के मां से लिपट गया. तो मां ने कहा बेटा अब तू जब चाहे तब मेरे साथ सेक्स कर सकता है. क्यूंकि तेरे लंड ने मेरी प्यास पूरी तरह से मिटा दी है तू जब चाहे मेरी टांगे चौड़ी कर सकता है. आज से हम मां बेटे नहीं है पति पत्नी है अब तू जब चाहे मेरे साथ कुछ भी कर सकता है. ये सुनकर मैं खुश हो गया और उनके साथ लिपलॉक करके स्मूच करने लगा.

 

फिर मैंने मां को मेरा लौड़ा खड़ा करने बोला तो मां ने जल्द ही मेरा लौड़ा फिर तैयार कर दिया .इस बार वो ज्यादा ही सख्त था तो मैं सीधे लेट गया और मां से कहा कि वो मेरे लंड के ऊपर बैठ जाएं. मां ने भी अपनी चूत मे लिंग को एडजस्ट कर लिया और लिंग अपने योनि मे अंदर तक समा लिया. उनके मुंह से हल्की हल्की आहें आ रही थी. अब उन्होंने अपनी कमरे हिलाना शुरू कर दिया और मेरे लिंग के ऊपर थोड़ी जगह छोड़कर मेरे लौड़े पे कूदने लगी.

 

मां के स्तन तेजी से बाउंस हो रहे थे मैंने दोनों स्तनों को पकड़ लिया. मां अब और तेज लौड़े पे कूदने लगी फिर वो रुक गई तो मैंने अपने ऊपर लिटा लिया और फिर नीचे से अपनी कमर हिला कर उनकी चूत मारने लगा. मैंने काफी स्पीड से उनकी चुदाई कर रहा था और साथ ही साथ उनके होंठो का रस भी पी रहा था. अब मैंने मां को अपने लंड पर उलटा बैठने को बोला और उनके साथ रिवर्स काउगर्ल पोजीशन में आ गया.

 

अब मैं मां कि कमर को पकड़ लिया और उन्हें थोड़ा ऊपर उठाकर दनादन उनकी चूत मे लंड डालने लगा. धक्के इतने तेज थे कि पूरे कमरे में बिस्तर चरमराने कि आवाज़ गूंज रही थी. इस बार मैं काफी समय तक मां को चोदता रहा. फिर तकरीबन 25 मिनट बाद अपना गरम लावा उनकी चूत मे गिरा दिया। इस राउंड के बाद मां संतुष्ट हो गई और उन्हें थकान भी लगने लगी. तो मैंने भी ज़बरदस्ती नहीं कि और हमदोनो नग्न ही एकदूसरे कि बाहों में बाहें डाल सो गए

अगले सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं नग्न ही बिस्तर पर पड़ा था और मां किचन मे ही थी. मैंने उन्हें पीछे से गले लगा लिया वो भी मुड़ कर मेरे होंठो पे एक किस देते हुए गुड मॉर्निंग बोला. फिर मैंने जल्दी से नहा धो कर नाश्ता किया. और मां के लिए जल्दी से पास के मेडिकल स्टोर से गर्भनिरोधक टैबलेट ला के उन्हे दे दिया. मां ने टैबलेट खा लिया फिर वो मुझसे बोली बेटा मैं किसी भी तरह का रिस्क नहीं चाहती.

 

इसलिए आज ही चल हॉस्पिटल ताकि मैं नसबंदी करा लूं. मैं उन्हे ले पास के अस्पताल गया और वहां उन्होंने अपनी योनि में एक कॉपर टी लगवा ली इससे 10 साल तक कि छुट्टी रहती। 2 घंटे में सब काम हो गया फिर मैं मां को घुमाने ले गया. मां अब काफी खुश थी और मैं भी उन्हें देख काफी खुश था। दोस्तों फिर तो मैं अपनी मां पायल के साथ रोज़ हमबिस्तर होता और अपनी मां को खुश करता.

 

भले ही समाज हमारे इस रिश्ते को ना माने लेकिन मैं अपनी मां के लिए कुछ भी करूंगा. अगले भाग में आपको मेरे और मेरे मौसी के साथ सेक्स कि कहानी पता चलेगी. की कैसे मैंने अपनी मां कि मदद से अपनी जवान मौसी के साथ सेक्स का आनंद उठाया और कैसे हमने थ्रीसम सेक्स किया। दोस्तो अलविदा लेने से पहले ये ज़रूर कहूंगा की अगर आपको भी अपनी मां के साथ सेक्स की इच्छा है तो इसे बिना डरे पूरी कीजिए.

 

क्यूंकि ये सारे रिश्ते नाते समाज ने बनाएं है ताकि लोग कुछ सीमाओं मे रहे. वरना पुराने समय में हर मां अपने बेटे और पति दोनों का बिस्तर गरम करती थी, और बहनें अपने भाई कि माशूका होती थी। मेरी समझ मे इसमें कोई बुराई नहीं कि आप अपनी मां के साथ सेक्स करे खासकर अगर उन्हें इसकी ज़रूरत हो. क्यूंकि अपनी मां कि रसीली चूत का जो आनंद है

 

दोस्तो जब से मैंने अपनी मां कि चूत का पानी पिया था. तब से मैं उसका आदि हो गया था यानी मैं रोज़ ही अपनी मां को चोदता और हम दोनों अपने अपने जिस्म कि आग बुझाते। मेरा जब भी मन करता मैं अपनी मां कि टांगे चौड़ी कर देता और उन्हे जी भर कर चोदता. इसी के चलते मां भी मेरे लौड़े के बिना जी नहीं सकती थी. ऊपर से ठंडी का मौसम हम घंटो चुदाई का आनंद लेते थे.

 

लेकिन एक दिन जब मैं रात के समय उनके साथ हमबिस्तर होने जा रहा था. तो उन्होंने बोला बेटा सुन आज रात को और कल तुझे जितनी मर्ज़ी हो मेरे साथ सेक्स करले, क्यूंकि परसो तेरी अनामिका मौसी आने वाली है. और वो हमारे यहां करीब 10 से 15 दिन रुकेंगी. तो मैंने मां से पूछा क्यूं? तो उन्होंने बताया कि उनके पति इस समय बाहर है तो वो हमारे यहां आ रही है।

 

मैंने इस विषय पर ज्यादा नहीं सोचा और मां कि बात में सहमति जाता दी. फिर हम दोनो एक दूसरे से लिपट गए और कामक्रीड़ा में लिप्त हो गए. आज मैं मां को जी भर कर चोद लेना चाहता था क्यूंकि मौसी के आने के बाद मौका कहा मिलता. उस रात को और अगले दिन मैंने जी भर कर मां कि चूत मारी और खूब सेक्स किया. जिससे मां का शरीर टूट रहा था लेकिन वो बराबर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी.

 

क्यूंकि उनके लिए भी ज्यादा दिन तक मेरे लन्ड के बगैर रहना संभव नहीं था। उस रात मैं और मां एक दूसरे के साथ नग्न हो कर सो गए, क्यूंकि ना जाने फिर कब समय आएगा ऐसे रहने का। खैर मौसी के आने का दिन आ गया. मैं उठा और जल्दी से नहा धोकर तैयार हुआ और सही समय पर रेलवे स्टेशन पहुंच गया मौसी को लेने. मौसी मेरा ही इंतज़ार कर रही थी वो मुझे देखते ही काफी प्रसन्न हो गई.

 

मैंने भी जल्दी से उनके पैर छू कर नमस्ते किया मौसी ने मुझे रोक कर गले से लगा लिया. और बोली अरे हर्ष कितना बड़ा हो गया है तू मैंने भी मुस्कुराकर कहा कि मौसी आप भी तो. वो हंसने लगी फिर हम घर पहुंचे. मां मौसी को देखकर बहुत खुश हो गई फिर चाय नाश्ता करके मां और मौसी बाते करने लगी और मैं अपने रूम मे रेस्ट करने लगा। दोस्तो आपको मेरी मौसी के बारे में कुछ जानकारी दे देता हूं।

 

मेरी मौसी अनामिका मेरी मां कि इकलौती बहन है उनकी उम्र 29 साल है और उनकी शादी 27 साल कि उम्र में हुई थी. उनकी शादी को अभी 2 साल हुआ है लेकिन अभी उनके कोई बच्चे नहीं है. मेरी मौसी मां कि तरह ही काफी सुंदर है और उनकी हाईट मां से हल्की सी ज्यादा है। उनके शरीर का माप 323035 है जैसा उन्होंने बताया था। अब कहानी पे आते है तो जिस दिन मौसी आई थी उन्होंने बताया कि वो यहां 10 दिन रुकेंगी।

 

दोस्तो मेरी और मौसी कि उम्र में 9 साल का फर्क है लेकिन हम दोनों मे खूब बनती है. वो मेरी मौसी कम दोस्त ज्यादा है और वो काफी समय बाद घर आईं थी तो मैं काफी खुश था. मैंने उनसे ढेरों बातें कि और वो भी मुझसे काफी खुलकर बातें कर रही थी. फिर धीरे धीरे शाम हो गई तो मौसी छत पर आ गई तो मैं भी उन्हीं के साथ छत पर आ गया और हम बातें करने लगे. फिर मौसी ने पूछा अच्छा हर्ष तेरी पढ़ाई कैसे चल रही है.

 

मैंने कहा मौसी पढ़ाई अच्छी चल रही है तो फिर उन्होंने पूछा अच्छा कॉलेज में तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैं शरमा गया और नहीं कहा. तो उन्होंने पूछा क्या तू सच बोल रहा है तो मैंने हां कहा तो वो हंसने लगी. और बोली तू इतना हैंडसम है फिर भी कोई नहीं पटी. तो मैंने कहा अब मैं क्या ही कर सकता हूं? तो वो और जोर से हंसने लगी फिर उन्होंने पूछा अच्छा मां कैसी है क्या वो अब भी पापा को याद करती है?

 

तो मैंने हां बोला तो फिर उन्होंने पूछा अच्छा क्या वो अब भी जीजू को याद करके रोती है. तो मैंने कहा हां कभी कभी लेकिन अब वो ज्यादा उदास नहीं रहती। मौसी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा बेटा अब तू ही उनका सब कुछ है तो मैंने हां मे सिर हिलाया। फिर मैंने उनसे पूछा अच्छा ये सब छोड़िए आप बताइए आप कब मुझे मेरा छोटा भाई दे रही है. ये सुनकर उनके गाल लाल हो गए तो मैंने उन्हें कहा मौसी बताइए ना.

 

तो उन्होंने कहा बेटा अभी तो नहीं लेकिन अगले साल पक्का तेरा भाई आ जाएगा. तो मैंने उन्हें कहा ठीक है लेकिन मुझे मेरा भाई जल्दी चाहिए. तो वो मुस्कुराने लगी और पूछा अच्छा तुझे भाई चाहिए या बहन? तो मैंने कहा दोनों तो वो हंसने लगी. फिर मैंने उनसे मौसा जी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा तेरे मौसा बहुत अच्छे है और मेरा बहुत ख्याल रखते है. लेकिन अपनी ड्यूटी कि वजह से वो मुझे ज्यादा समय नहीं दे पाते.

 

तो मैंने मजाक में कहा अच्छा तभी मेरा भाई अब तक नहीं आया. तो उन्होंने हंसते हुए मेरे कान खिचे और बोली क्या बोला ज़रा फिर बोलना. तो मैंने कहा मौसी कुछ नहीं और कहां छोड़ो ना मौसी दर्द कर रहा है. तो उन्होंने कहा तू ज्यादा ही बदमाश हो गया है और मेरे गालों पर हल्की से चपत लगाई. तो मैंने उन्हे कान पकड़ कर सॉरी बोला. तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ते हुए बोला अरे तू क्यूं सॉरी बोल रहा है और प्यार से मेरे गाल खींचे.

 

इतनी देर में मां ने हमे शाम के नाश्ते के लिए बुला लिया और हम नीचे आ गए। इसी तरह दिन बीत गया और हम सब खा पीकर सो गए. मौसी मां के साथ उनके कमरे में और मैं अपने कमरे में वैसे तो मैं मां के साथ ही सोता था. लेकिन अब से अपने कमरे में सोने आ गया। मुझे नींद ही नहीं आ रही थी क्यूंकि मुझे अपनी मां कि बाहों में सोने कि आदत है लेकिन मैं मजबूर था. पर मैंने आंखें बंद कि और मां के साथ बिताए पलो को याद करने लगा और एक हाथ अपने पैंट मे डाल सो गया।

 

सुबह मेरी नींद खुली उस समय 6 बज रहे थे. मैंने मां के कमरे में झांका तो देखा मां वहां नहीं थी और मौसी सो रही थी. फिर मैं किचन मे गया तो देखा मां वहां पानी पी रही थी. मैं किचन में गया और उनके पीछे से जकड़ लिया मां हड़बड़ा गई लेकिन मुझे जानकर शांत हो गई. मैंने उन्हे मेरे कमरे में आने बोला और दबे पांव कमरे में उनका इंतज़ार करने लगा. जैसे ही मां कमरे में आईं मैंने उन्हे गले लगा लिया और उनके चूतड़ मसलने लगा.

 

और उनसे बोला मां तू नहीं जानती कि कैसे आज तेरे बिना मैंने रात काटी है. तो उन्होंने ने भी मुझे गले लगाते हुए बोला बेटा मेरा भी यही हाल था लेकिन तू रुक जा कुछ ही दिनों कि बात है. बोलकर नीचे बैठ गई और मुझे इशारा किया तो मैंने जल्दी से अपना लन्ड निकाल दिया. मां उसे जल्दी जल्दी चूसने लगी फिर कुछ ही समय में मेरा वीर्य उनके मुंह में छूट गया. तो मुझे थोड़ी राहत मिली और मां जल्दी से अपने कमरे में चली गई।

 

मैं बिस्तर पर आ गया और सोचने लगा कि कैसे मां कि चूत मारूं. तभी मेरे दिमाग में एक खयाल आया मैंने सोचा क्यूं ना अपनी मौसी कि जवानी का थोड़ा रस पी लूं. क्यूंकि मेरी मौसी भी मां कि तरह ही कड़क माल थी. और वो मां से 7 साल छोटी भी थी तो उनकी चूत मारने मे और भी मज़ा आता और मुझे किसी बात का खतरा भी नहीं था. क्यूंकि मां तो मेरी तरफ ही थी और मौसी ने भी कहा था कि मौसा उन्हे ठीक से वक्त नहीं दे पाते.

 

और सबसे बड़ी बात वो मुझसे दोस्ताना व्यवहार रखती थी तो मुझे लगा शायद वो मेरी पेशकश मान जाए. मैंने आंखें बंद कि और मौसी के शरीर कि कल्पना करने लगा और मेरी आंख लग गई। जब मैं सुबह उठा तो 8 बज रहे थे. मैं तैयार होकर नाश्ते के लिए आ गया. नाश्ता करते हुए मौसी ने मुझसे बोला बेटा नाश्ता करने के बाद ज़रा मुझे लेकर मॉल चलना मुझे कुछ कपड़े वगेरह लेने है.

 

तो मैंने जल्दी से नाश्ता किया और मौसी को बाइक पे बैठा कर पास के मॉल के लिए निकल गया. मौसी ने एक काले रंग का कुर्ता और मैचिंग लैगिंग्स पहनी थी. जिसमे वो बेहद सुंदर और सेक्सी दिख रही थी. बाइक पे बैठते हुए मैंने मौसी से कहा मौसी आज तो आप बड़ी सुंदर लगी रही है क्या बात है. तो उन्होंने पूछा सच मे तो मैंने हां में सिर हिला दिया। फिर हम मॉल के लिए निकाल गए घर से 4 कि०मी० कि दूरी पर एक बड़ा मॉल था.

 

और वहां डिस्काउंट्स भी थे सो मैं वहीं के लिए निकल गया. रास्ते में मैंने कहा मौसी आगे गड्ढे है तो मुझे कस कर पकड़ कर बैठिएगा. तो उन्होंने एक हाथ मेरी बाजू मे डाला और मेरे कंधे को कस कर पकड़ लिया और सट कर बैठ गई. आगे कई बड़े गड्ढे थे जिनकी वजह से मुझे तेजी से ब्रेक लगाना पड़ता था. जिसके कारण बार बार मौसी के स्तन मेरी पीठ से स्पर्श करते थे जिससे मुझे बड़ा आनंद आता था.

 

मौसी भी मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फिर जब सही रोड आईं तो मौसी मुझसे थोड़ा दूरी बना कर बैठ गई. फिर कुछ समय मे हम मॉल पहुंच गए सेल की वज़ह से आज जबरदस्त भीड़ थी. लोग भेड़ बकरी कि तरह भरे पड़े थे और ज्यादातर महिलाए थी. हो भी क्यूं ना क्यूंकि 50% सेल थी और महिलाओं कि दूसरी सबसे प्रिय वस्तु सेल है पहली लंड है।

 

तो मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अंदर आईं फिर वो वहां अपने कपड़े देखने लगी. और मैं भी अपने कुछ समान देखने लगा मैंने अपने लिए एक ब्लैक कलर की सेक्सी सी अंडरवियर ली. और कुछ अन्य कपड़े वगेरह लिए फिर मैं मौसी को खोजने लगा. कुछ दूरी से मुझे मौसी दिखी वो शॉप पर ब्रा पैंटी देख रही थी. मैंने वही खड़े होकर देखा मौसी रेड कलर की एक नेट वाली पैंटी और मैचिंग ब्रा के कुछ सेट्स खरीद रही थी.

 

जैसे ही वो मुड़ने को हुई मैं थोड़ा पीछे हो गया और विपरीत दिशा में मुड़ गया और जाने लगा. तो मौसी ने मुझे आवाज़ लगाई और पूछ हर्ष कहां थे तुम कब से खोज रही थी तुम्हे. तो मैंने अनजान बनते हुए कहा मौसी मैं भी आपको ही खोज रहा था. तो फिर मैंने उनसे कहा अच्छा आपकी शॉपिंग हो गई तो वो अपना बैग देखते हुए बोली हां सब तो ले लिया है. तो फिर उन्होंने मुझसे पूछा तुमने भी अपना सब ले लिया ना?

 

तो मैंने हां में सिर हिलाया फिर मैंने उनसे कहा अच्छा चलिए ऊपर रेस्तरां है कुछ खा लेते है. तो हम दोनों ऊपर गए और कुछ खा कर और मां के लिए पैक कराके हम निकाल पड़े वापस। मैंने रास्ते मे मौसी से पूछा मौसी आपने तो काफी शॉपिंग कि है. तो उन्होंने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है दीदी के लिए भी कुछ सामन चाहिए था। फिर हम घर आ गए और मौसी मां को उनका सामान देने चली गईं और दोनों बातें करने लगी।

 

मैंने भी मां से पूछकर कुछ सामान वगेरह जो कम था लेने चला गया. जाते वक्त मैं सोच रहा था कि कैसे मौसी को मनाऊं क्यूंकि मैं कुछ खास नहीं कर पाया था. और मुझे ये काम अपने मां के बिना असंभव भी लग रहा था तो मैंने कोई रास्ता सोचने लगा। फिर मैं घर वापस आ कर मां को सामान देकर उन्हे इशारे से अपने पास बुलाया. क्यूंकि मैंने इस बारे में मां को कुछ नहीं बुलाया था मौसी अभी मौसा से बात कर रही थी.

 

तो मैंने मां को छत पर जाने का इशारा किया और उनके पीछे आ गया। ऊपर पहुंच कर मां ने पूछा हां जल्दी बोल क्या काम है? तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने पास खींचते हुए कहा मां मुझे एक काम मे तेरी मदद चाहिए. तो उन्होंने कहा कैसा काम फिर मैंने उन्हे अपना प्लान बताया. तो मां ने कहा बेटा तू जो कह रहा है वो इंपॉसिबल है क्यूंकि अनामिका कभी नहीं मानेगी. तो मैंने कहा मां वो सब मेरे जिम्मे है बस आपको मेरा साथ देना है मां थोड़ा मनाने के बाद मान गईं।

 

फिर धीरे धीरे दिन बीता और रात आयी मैंने मां को अच्छे से सब समझा दिया था. फिर हम तीनो खाना खाने के बाद अपने कमरे में आ गए। प्लान के मुताबिक मैंने मां को रात 2 बजे अपने कमरे में बुलाया था. मेरा प्लान काफी सिंपल था मुझे अपनी मौसी को बस मां कि चुदाई दिखानी थी ताकि उनके शरीर में भी आग लग जाए और सेक्स कि भूखी वो थी ही। ये चुदाई देखने के बाद वो बिना किसी ना नुकुर के मेरे नीचे होती।

 

मैं तैयार हो गया और ठीक 1.30 बजे वायग्रा ले लिया ताकि मैं जल्दी टिका रहूं. फिर मैं मां का इंतज़ार करने लगा मां ने मुझे बताया था कि मौसी हल्की आवाज़ से भी जाग जाती है. इसीलिए मैंने उनके आने के बाद दरवाज़ा थोड़े आवाज़ के साथ बंद किया ताकि वो जाग जाए वरना मां कि तेज आहें तो उन्हे वैसे भी जगा देती. और आज मैंने मां को एक ऐसे बिस्तर पर सेक्स के लिए बुलाया था जिसमें एक पैर थोड़ा ढीला है तो वो बिस्तर काफी आवाज़ करता

 

जैसे ही मां आईं मैंने दरवाजा बन्द करके बगल वाली खिड़की हल्की से खुली रख दी ताकि मौसी को सब साफ साफ दिखे. फिर मैं मां के पास आया और उन्हे खींच कर अपने पास सीने से लगा लिया और कस कर उनके चूतड़ों को मसलने लगा. एक तो वायग्रा का खुमार और दूसरा मां कि चूत 2 दिन ना मिलने से आज मैं पूरे फॉर्म में था. मैंने मां को दीवार से सटा दिया और उनके होंठो को चूमने लगा.

 

साथ साथ मैं उनकी दोनों चूचियों को ब्लाउस के ऊपर से ज़ोर से मसलने लगा मां दर्द से मचलने लगी. लेकिन मैंने उनके स्तन नहीं छोड़े फिर मैंने उनका ब्लाउस खोला और उनकी ब्रा खींच कर फेक दी. और उनके दोनों स्तनों को अपने हाथ में ले ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा मां कसमसाने लगी. इतनी ही देर में मुझे किसी कि आहत आईं जैसे कि कोई दरवाज़े के पास आया हो. मैंने सोचा शायद मौसी जाग गई है.

 

और इसी खयाल से और ज़ोर से मां के स्तनों को मसलने लगा उनके दूध सफेद से लाल हो गए थे. फिर मैंने बारी बारी उनके दाएं और बाएं स्तनों को मुंह में लेकर चूसने लगा. फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी और उनका पेटीकोट भी खोल दिया. अब मां सिर्फ पैंटी में थी मैंने दांत से खीच के उसे भी निकाल दिया. अब मां नग्न खड़ी थी मैंने उन्हे फिर से दीवाल से सटाया और उनकी एक टांग फैला कर उनके चूत के मुहाने पर अपनी जीभ रखी.

 

और पूरी ताकत से जीभ उनकी चूत में अन्दर घुसा कर चाटने लगा. बीच बीच में मैं उनके चूत के दानों को काट भी लेता इससे मां सिहर उठती. मैं लगातार मां कि चूत में अपनी जीभ फिरा रहा था इससे मां ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी और उनकी सांसें तेज होने लगी. फिर मैंने अपनी पैंट उतार दी वायग्रा का असर शुरू हो गया था और मेरा लिंग अब एकदम कड़क हो गया था. मैंने मां को घुटने के बल बैठाया.

 

और अपना लन्ड बेरहमी से उनके मुंह मे भर कर तेजी से अन्दर बाहर करने लगा था. मैंने तिरछी नजरों से खिड़की कि तरफ निगाह डाली तो मुझे वहां कोई खड़ा मालूम हुआ. तो मैंने अपना प्लान सफल जान और ज़ोर से मां के बाल पकड़ उनके मुंह में धक्के मारने लगा. मां कि सांसें फूल रही थी और वो जमीन पर गिर कर खांसने लगी. मैंने उन्हे उठाया और अपनी गोद में उठा बिस्तर पर लिटा दिया.

 

मैंने बिस्तर ऐसे सेट किया था कि मौसी को सब साफ दिखाई दे. फिर मैं मां के ऊपर चढ़ गया और उनका मुंह पकड़ कर लिपलॉक करने लगा. इस फोरप्ले के बाद मैंने उनकी टांगे फैलाई और अपना लंड उनके चूत पर घिसने. तो मां ने कहा बेटा जल्दी कर वरना अनामिका जाग जाएगी तो मैंने कहा चिंता मत करो पायल वो नहीं जागेगी. जबकि मैं जान रहा था कि मौसी हम मां बेटे कि चुदाई देख रही थी.

 

फिर मैंने मां कि आंखो मे आंखें डाल लंड चूत पे सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लन्ड मां कि योनि चीरते हुए उनकी बच्चेदानी से टकराया. फिर मैंने उनके दोनों स्तनों को पकड़ और लगातार उनकी चूत में धक्के लगाता रहा. वायग्रा के प्रभाव से आज मेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही सख्त था. जिससे मां मेरे धक्के सह नहीं पा रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी.

 

मां लगातार आह ह ह उफ्फ बेटा धीरे आह अह ह हर्ष आज तूने क्या खा लिया बेटा आह अह ऐसे ही करता रह आह कि आवाज़ें ज़ोर ज़ोर से निकाल रही थी. पूरे कमर में बिस्तर के चरमराने घपाघप कि आवाज़ें आ रही थी। मैं भी उन्हे तेज धक्के मारे जा रहा था फिर मैंने हल्का सा ऊपर सिर उठा के देखा मौसी बड़े ध्यान से हमारी चुदाई देख रही थी. लेकिन शायद उन्हे इसका अहसास नहीं था कि मैं उन्हे ही देख रहा था।

 

मैं मां को धक्के मार रहा था कि अचानक से मां का शरीर अकड़ने लगा और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया. थोड़ी देर उन्हे और चोदने के बाद मेरे लंड ने भी अपना गरम लावा मां कि योनि छोड़ दिया. और मैं उनके बगल लेट गया और उनके स्तनों से खेलने लगा. मैंने घड़ी देखी तो उस वक्त रात के 2:40 हो चुके थे. फिर मैंने मां से कहा मां मेरा लौड़ा खड़ा करो तो वो मेरा लौड़ा अपने नर्म हाथो मे पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी.

 

थोड़ी देर में ही मेरा लिंग खड़ा हो गया फिर मैं और मां 69 कि पोजीशन मे आ गए. दोस्तो मेरी मां समय के साथ और जवान होती जा रही थी. आज उनकी चूत कुछ ज्यादा ही नर्म और मुलायम थी जिससे मुझे उनकी चूत चाटने मे बड़ा आनंद आ रहा था. मां भी पूरी तन्मयता से मेरा लन्ड मुंह में भर कर चूस रही थी. फिर करीब 20 मिनट बाद मां ने फिर से पानी छोड़ दिया मैंने भी उनका पूरा पानी पी गया और उनकी चूत चाट कर साफ कर दी।

 

अब मैंने मां को घोड़ी बनाया और पीछे जा कर उनके चूतड़ों पर कई तमाचे मारे जिससे उनके चूतड़ लाल हो गए. फिर मैंने उनकी चूत मे अपना लन्ड सेट किया और उनकी कमर पकड़ कर एक शॉट मारा. मेरा लन्ड फिसलते हुए मां कि चूत मे घुस गया फिर मैं आराम से मां को धक्के मारने लगा. और उनके बाल खींच कर उनकी चूतड़ों पर हाथ फेर रहा था. थोड़ी देर में मां ने मुझे तेज धक्के लगाने को बोला.

 

तो मैंने धक्कों कि गति बढ़ा दी हमारे सेक्स करने से बिस्तर से चरचर कि तेज आवाजें आ रही थी. साथ ही मां के घोड़ी बने होने के कारण जब भी में मां कि चूत मे लंड डालता हमारे पैर एक दूसरे से मिलते जिससे पट पट की आवाजें आ रही थी. फिर मैंने अपना लन्ड निकाला और एक बार और सेट करके मां कि चूत मे धक्का मारा. और इस बार मैं अपना लन्ड थोड़ा तिरछा करके मां कि चूत मार रहा था

 

जिससे मां दर्द से तेज तेज आहें भर रही थी तकरीबन आधे घंटे चुदाई के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था. मैंने अपने धक्कों कि गति बढ़ा दी और तेज तेज आहें भरने लगा. फिर मैंने मां कि कमर कस के पकड़ ली और वायग्रा के कारण 3 से 4 धक्कों बाद वीर्य कि तेज पिचकारी मां कि चूत में छोड़ने लगा. मैंने ढेर सारा वीर्य मां कि चूत मे भर दिया था और वो टपक कर बाहर चू रहा था.

 

मैंने एक उंगली मां कि चूत में डाली जिससे काफी वीर्य मेरी उंगली मे लग गया. फिर मैंने वो उंगली मां के मुंह में डाल दी मां ने मेरी उंगली चाट कर साफ़ कर दी. फिर में मां को अपने बाहों में फंसा लेट गया क्यूंकि आज दोनों काफी थक गए थे. फिर मां जल्दी से उठी और कपड़े पहनने लगी मैं भी उठा और अपना लिंग साफ करके कपड़े पहने. फिर मां ने कहा अच्छा अब मैं चलती हूं वरना अनामिका जाग गई तो दिक्कत हो जाएगी.

 

मैंने मां को खींचते हुए बोला पायल तुम तो वक्त के साथ और जवान होती जा रही है जितना भी तुम्हारी चूत मारूं मन ही नहीं भरता. तो मां ने कहा हां हर्ष मुझे भी तेरे लन्ड कि आदत पड़ गई है तेरे पापा के बाद तू ही है जो मेरी ऐसी चुदाई करता है कि सारा शरीर तोड़ देता है. फिर मैंने उन्हे अपने और करीब खींचा और उनके होंठो पर चुम्बन करने लगा.

 

फिर उन्होंने मुझे हटाते हुए बोला अच्छा अब छोड़ मुझे जाने से अनु के जागने से पहले मुझे कमरे में पहुंचना होगा. और वो दरवाज़े के तरफ बढ़ने लगी तो मुझे किसी के कदमों कि आहट आईं जैसे कोई बगल वाले कमरे में घुसा हो. फिर मां दरवाज़ा खोलकर बगल वाले कमरे में चली गईं मैं समझ गया कि मौसी ने हमारी चुदाई देख ली है अब मुझे सुबह का इंतज़ार था।

दोस्तो अगली सुबह जब मैं सो कर उठा तो मैंने देखा मौसी अपने कामों मे व्यस्त थी. और उन्हे देखकर बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि उन्होंने हमारी काम क्रीड़ा देखी हो. एक बार को मुझे लगा क्या सही मे मौसी ने कुछ नहीं जाना. पर मैंने तो वो सारे इंतजाम किए थे जिससे उन्हे सब पता लग जाए इसी बात को सोचते हुए मैं उनके पास गया और बोला गुड मॉर्निंग मौसी. तो उन्होंने भी मुस्कुराते हुए गुड मॉर्निंग बोला.

 

मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था और मैं काफी कंफ्यूज था. तो मेरे मन में विचार आया अगर सच मे मौसी ने कुछ नहीं देखा तो कोई बात नहीं. क्यूंकि अब मैंने उन्हे कैसे भी चोदने का मन बना लिया था। इसी उधेड़बुन में मैंने नाश्ता किया और अपने एक दोस्त के घर चला गया. फिर मैं करीब 11:30 बजे अपने घर वापस आ गया और मां को खोजने लगा. लेकिन मुझे वो कहीं दिखाई नहीं दी तो मैंने मौसी को आवाज़ लगाई.

 

उस समय वो नहाने जा रही थी तो मैंने उनसे पूछा मौसी मां कहां है? तो उन्होंने कहा है वो अपनी एक दोस्त के घर पे है बोलकर वो नहाने चली गई. और मैं सोचने लगा कि मौसी को कैसे चोदूं तभी मैंने सोचा कि यही सही मौका है. जैसे ही मौसी नहा के निकलेंगी तभी मैं उनसे इस बारे में कहूंगा क्यूंकि अब मुझे मौसी चाहिए थी. चाहे साम दाम दण्ड भेद कुछ भी क्यूं ना लगाना पड़े और मैं बाथरूम में घुस गया और नहा कर तैयार हुआ।

 

मां अभी तक नहीं आईं थी मैं सीधे मौसी के कमरे में गया मौसी उस समय कपड़े पहन चुकी थी और बाल झाड़ रही थी. मैं गया और उन्हे पीछे से पकड़ कर स्मूच करने लगा. तो मौसी मेरे इस व्यहवार से चौंक गई और बोली समीर तू ये क्या कर रहा है? तो मैंने उन्हे अपनी तरफ घुमाया और उन्हे दीवार से सटा दिया फिर उनके करीब आ कर बोला मौसी मैं आपको बहुत पसंद करता हूं और आपके साथ सेक्स करना चाहता हूं.

 

तो उन्होंने गुस्से से बोला कमीने ये तू क्या बोल रहा है. तो मैंने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और बोला प्लीज़ मौसी मान जाओ प्लीज़. तो उन्होंने मुझे हटाते हुए कहा क्या दीदी से मन भर गया जो मेरे पास आ गया”. मैंने भी बात बनाते हुए बोला ये आप क्या बोल रही है मौसी? तो उन्होंने मुझे हिकारत से घूरते हुए बोला ज्यादा भोला मत बन साले मैंने कल रात को सब देख लिया है. तुझे शर्म नहीं आई अपने मां के साथ सेक्स करते हुए.

 

तो मैंने उन्हे समझाते हुए बोला कि मौसी वैसी बात नहीं है आप समझ नहीं रही तो. उन्होंने कहा सब समझती हूं मैं तू एक नंबर का कमीना है बोलकर मुझे देखने लगी. तो मैंने उन्हे कहा मौसी मेरी बात तो सुनो. तो वो और गुस्सा हो गईं और बोली अब और क्या सुनने बाकी है कुत्ते. तो मैंने उन्हे शुरू से लेकर अबतक कि सारी बात बताई (मां का सेक्स के अभाव में गुमसुम और उदास रहना, किसी गैर मर्द के साथ संबंध बनाने का सोचना, फिर मेरे और उनके बीच सहमति से बने यौन संबंध).

 

इतना सब बताने के बाद मैंने उन्हे कहा अब आप ही बताइए मैंने क्या कुछ ग़लत किया? अब मौसी के आंखो में आंसू थे उन्होंने कहा समीर मुझे माफ़ करदे मैंने बिना कुछ जाने तुझे क्या क्या कहा, लेकिन तू ही बोल क्या अपने मां के साथ संबंध बनाना सही है? तो मैंने उन्हे कहा तो क्या ये सही होता कि मां किसी गैर मर्द के नीचे होती, और आखिर ये सम्बन्ध हमारी आपसी रजामंदी से बना है.

 

और रहीं बात मेरे मां के साथ सेक्स करने कि तो मैं भी पापा का खून हूं. तो बेहतरी इसी मे थी के किसी गैर मर्द कि जगह मां मेरे साथ सेक्स करती और घर कि बात घर में रहती। ये सुनने के बाद मौसी ने मेरा हाथ पकड़ कर कहा बेटा तू ठीक कह रहा है, लेकिन तू मेरे साथ क्यूं सेक्स करना चाहता है ऐसा क्या है मुझमें. तो मैं उनके पास आया और उनके चेहरे को उठाया और उनके आंसू पोछते हुए बोला.

 

अनामिका आप बहुत ही सुन्दर हो एक परी कि तरह और मैं जब भी आपको देखता हूं मेरी धड़कने तेज हो जाती है. आपकी इन नशीली आंखों में मैं डूब सा जाता हूं और आपकी ये कमर जब आप चलती है तो इसे देखकर मेरे सीने में आग लग जाती है. आप हुस्न कि मल्लिका है और आप पूछती है क्या है आपमें. ये बोलकर मैं उनकी तरफ देखने लगा अपनी इतनी तारीफ सुनकर वो बोलीं समीर आज से पहले किसी ने मेरी इतनी तारीफ नहीं कि.

 

ना ही तेरे मौसा ने क्या मैं सच में इतनी सुन्दर हूं? तो मैंने उन्हे शीशे की तरफ किया और बोला आप खुद ही देख लो. तो मौसी हंसने लगी और नज़रें झुका ली. फिर मैंने उनसे कहा मौसी मुझे नहीं करना आपके साथ सेक्स मैं थोड़ा बहक गया था, और मेरी वजह से आपके आंखो में आंसू आए इसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूं. क्यूंकि मैं आपके आंखो में आंसू नहीं देख सकता और उनके पैर पकड़ लिए.

 

और सच बताऊं आपको तो मुझे खुद थोड़ी देर के लिए अपनी करनी पर पछतावा हुआ। मौसी ने मुझे अपने कदमों से उठा लिया और गले लगाकर बोली समीर तू मेरे पैर मत पकड़ ये कहकर उन्होंने मुझे कस कर गले से लगा लिया. फिर वो बोलीं की ठीक है मैं तैयार हूं पर दीदी को कुछ नहीं पता चलना चाहिए. तो ये सुनकर मुझे खुद पर घिन आने लगी कि मैंने अपनी भोली मौसी को अपनी मां के साथ मिलकर अपनी वासना का साधन बनाना चाहा.

 

फिर मैंने उन्हे कहा मौसी मुझे माफ़ कर दो. तो मौसी ने कहा अब किस बात कि माफ़ी बेटा? तो मैं उन्हे किसी धोखे में नहीं रखना चाहता था सो मैंने उन्हे सब बता दिया कि कैसे मैंने मां के साथ जानबूझकर सेक्स किया ताकि उन्हें फंसा सकूं. और ये भी बताया कि मां सब जानती है इस बारे में बोलकर मैं चुप हो गया। मौसी कुछ देर तो मुझे देखती रही फिर बोली समीर अगर तू मेरे साथ सेक्स करने को इतना ही उतावला था.

 

तो मुझसे एक बार कहा होता तो मैं ज़रूर तेरी मदद करती आखिर मैं ना समझती तो और कौन समझता. लेकिन तूने धोखे से मुझे फंसाने कि सोची लेकिन मैं फिर भी तुझे माफ़ करती हूं, क्यूंकि तूने मुझे सारी सच्चाई साफ साफ बता दी। ये सुनते ही मैं दोबारा उनके कदमों में गिर गया और उनके पैरों पे अपना सिर रख दिया. तो मौसी ने कहा अरे उठ उठ पागल हो गया है क्या मैं समझती हूं जवानी में ऐसी गलतियां हो जाती है तो शर्मिंदा मत हो.

 

और सुन आज रात को मैं तेरे कमरे में आऊंगी तैयार रहना. तो मैंने जैसे ही बोलने के लिए मुंह खोला तो मौसी ने एक उंगली मेरे मुंह पे रखते कहा बस बस अब चुप रह रात में मिलते है. और जाने लगीं जाने से पहले मैंने उन्हे गले लगा लिया उन्होंने ने भी मुझे गले लगा लिया अब बस रात का इंतज़ार था। कुछ ही देर में मां आ गईं उस वक्त 1 बजने वाले थे. मां थोड़ी घबराई सी लग रही थी और आते ही सीधे अपने कमरे में चली गईं.

 

तो मैं उनके पीछे पीछे गया और पूछा मां क्या हुआ कुछ परेशान हो. तो उन्होंने कहा हां समीर अभी कुछ देर पहले मेरी फ्रेंड का फोन आया था. वो बता रही थी कि उनके पति को हार्ट अटैक आया है और वो अस्पताल में है. फिर उन्होंने कहा उनकी फ्रेंड ने उन्हे अर्गेंटली बुलाया है क्यूंकि कोई है नहीं मदद करने के लिए. इसी वजह से उन्हे आज शाम से पहले वहां के लिए निकालना होगा बोलकर वो जल्दी जल्दी सामान पैक करने लगी.

 

तो मैंने कहा मां आप कितने दिनों तक वहां रहेंगी? तो उन्होंने कहा बेटा पता नहीं कितने दिन लगेंगे वो तो परिस्थितियों पे है. फिर मैंने उनसे कहा कि क्या मैं भी चलूं तो उन्होंने मना करते हुए कहा तू मौसी का ध्यान रखना. इतनी देर में मौसी भी आ गईं और पूछा कहां जाने की बात हो रही है? तो मैंने उन्हे सब बताया तो मौसी भी चिंतित हो गई और मां के साथ उनका सामान पैक करने लगी.

 

तो मां ने कहा बेटा अब जल्दी कर और मुझे बस स्टैंड तक ले चल. मैंने भी तुरन्त बाइक निकाली फिर मां ने मौसी से कुछ बातें कि फिर हम बस स्टैंड के लिए निकल गए. जहां मां को जाना था वो जगह यहां से 100 कि०मी० कि दूरी पे थी वहां पहुंचते पहुंचते 5 से 6 घंटे लग जाते। मैंने पहुंचते ही वहां पूछताछ कि एक बस कुछ समय में वहां के लिए निकलने वाली थी. तो मैंने मां को बस पर बैठाया और कुछ उनके रास्ते के लिए कुछ सामान खरीद दिया.

 

फिर 10 मिनट में ही बस निकलने लगी तो मैंने मां से विदा ली और घर आने लगा तभी मुझे कुछ याद आया. और मैं पास एक मेडिकल स्टोर पे रुका और वायग्रा के टैबलेट्स और साथ ही साथ एक पत्ता गर्भ निरोधक गोलियां ले ली जो काम आती। फिर मैं घर पहुंचा और ये दवाइयां वहीं बेड के किनारे रख दी. फिर मौसी के पास गया तो उन्होंने कहा कि मां ठीक से निकल गई वहां के लिए.

 

तो मैंने हां कहा और बताया कि मां सही तरीके से बस पकड़ कर निकाल चुकी है. फिर मैं धीरे धीरे मौसी के पास आने लगा और उन्हें गले लगाने के लिए अपने पास खींचा. तो उन्होंने मुझे हटाते हुए कहा समीर! जो कुछ होगा रात को होगा बोलकर चली गई. मैं भी मन मारकर कमरे में आया और सोचा थोड़ा आराम कर लूं और बिस्तर पे लेट गया. थोड़े समय में मुझे नींद आ गई फिर मेरी नींद खुली शाम के 7 बजे.

 

तो मैं जल्दी से उठकर फ्रेश हुआ अब मैं काफी रिलैक्स्ड महसूस कर रहा था. फिर मैं मौसी के पास गया तो देखा वो मौसा से बात कर रही है तो मै हॉल मे आके टी वी देखने लगा. टी वी देखते देखते मेरे मन में विचार आया क्यों ना आज रात मौसी के साथ बिताए पलों को यादगार बनाया जाए. ये सोचकर मैं मार्केट गया और ढेर सारी गुलाब कि पंखुड़ियां खरीदी और साथ साथ कई मोटी खुशबूदार कैंडल्स खरीदी ताकि वो देर तक जलें.

 

फिर में घर आ गया और उन्हे एक जगह छुपा कर रख दिया मैं मौसी को सरप्राइज़ देना चाहता था. फिर मैं बाथरूम मे घुसा और अपने लन्ड कि अच्छे से सफाई करके सारे बाल हटा दिए और आस पास कि भी सफाई कर ली. अब 8 बज चुके थे लेकिन अभी भी 3 घंटे थे हमारे मिलन मे सो मैं टीवी देखने लगा. तो मौसी ने आकर पूछा समीर आज क्या खायेगा तो मैंने कहा मौसी कुछ भी बना लो.

 

तो मौसी खाने कि तैयारी करने लगी और मैं टीवी देखने लगा. करीब एक घंटे बाद मौसी ने आवाज़ दी समीर खाना तैयार है जल्दी से आके खा ले. तो मैंने मौसी से कहा मौसी यही ले आइए साथ में खाते है. तो उन्होने हॉल में ही खाना लगा दिया और हम खाने लगे मैंने जल्दी से खाना खाया. फिर कुछ देर में मौसी भी खाना खा कर काम निपटा कर मेरे बगल आके टीवी देखने लगी. टीवी पे एक रोमांटिक मूवी आ रही थी जिसमे किसिंग सीन चल रहा था.

 

मैंने देखा मौसी ध्यान से उस सीन को देख रहीं थीं मैंने धीरे से एक हाथ उनके कमर के पास लगाया. तो वो मेरे ओर देखकर बोली चल कमरे में चंगे करके आती हूं. अभी तो मैं खुश हो गया और जल्दी से टी वी बंद कि और कमरे में आया. मैंने तुरंत वायग्रा खाया फिर मैंने जल्दी से बिस्तर पर एक सफेद बेडशीट बिछा दी और मैचिंग पिलो कवर्स लगा दिए. फिर मैंने उसपर गुलाब कि पंखुड़ियां बिखेर दी साथ ही एक दिल कि आकृति भी गुलाब कि सहायता से बना दी.

 

फिर मैंने कैंडल्स सेट करी और उन्हे जला दिया फिर मैं कमरे कि लाइट्स बुझा दी. और मौसी के कमरे में गया कि वो क्या कर रही थी तो मैंने देखा वो एक पारदर्शी नाइटी पहनी हुई थी. और कमरे में आ ही रही थी मैंने उन्हे रोका और फिर उनके पीछे आ कर उनके आंखो को अपने हाथो से अच्छे से ढक लिया. फिर उन्हे चलने को बोला तो उन्होंने बोला समीर ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा मौसी एक सरप्राइज़ है.

 

फिर मैं धीरे धीरे कमरे में उन्हे लेकर आया और एक हाथ से दरवाज़ा बंद कर दिया. अब कमरे में पूरा अंधेरा था और सिर्फ कैंडल्स की रोशनी से कमरा जगमगा रहा था. फिर मैं उनके पीछे हो गया और उनके चेहरे से हाथ हटाते हुए कहा मौसी आंखें खोलिए. तो उन्होंने धीरे से आंखें खोली और बोली वाओ समीर तुमने तो काफी इंतजाम किए है मेरे लिए. मैं खुश हुई और मेरा हाथ पकड़ लिया फिर मैंने पीछे से उनकी नाइटी कि डोरी खींच दी.

 

जिससे नाईटी उनके शरीर से स्टार किड्स के कैरियर कि तरह गिरते हुए हुए नीचे आ गई. मौसी ने ब्लैक कलर की सेक्सी ब्रा पैंटी पहनी थी जो वो मॉल से लाईं थी. फिर मैंने भी कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में आ गया। मौसी का गोरा बदन मोमबत्ती कि रोशनी में चमक रहा था. फिर मैं उनके पास गया और अपनी नाक उनके गर्दन के पास लगा कर उनके बदन कि महक को खुद मे समाते हुए बोला.

 

मौसी आप तो बहुत ही कातिल लग रही हो अपने हुस्न से ही मेरी जान निकाल लोगी. तो उन्होंने कहा समीर प्लीज़ मुझे मौसी मत बोलो तो मैंने कहा तो फिर किस नाम से पुकारूं. तो उन्होंने कहा जो भी तुम्हे अच्छा लगा तो मैंने कहा अनु कैसा रहेगा? तो उन्होंने कहा हां ये ठीक है तो मैंने उन्हे अपनी गोद में उठाया और बोला चलो अनु आज तुम्हे जन्नत कि सैर करवाऊंगा. फिर मैंने उन्हे बेड पर लिटा दिया और उनके बगल आ गया।

 

अनु के बगल लेटते ही मैंने गुलाब कि पंखुड़ियां ली और उनके शरीर पर एक एक करके गिराने लगा. अनु के गोरे बदन पे वो पंखुड़ियां बहुत सुंदर लग रही थी. फिर मैं अनु के ऊपर आया और उनके दोनों हाथों को अपने हाथो मे पकड़ लिया. और अनु आंखो मे आंखें डाल कर देखने लगा हम दोनों एक दूसरे कि आंखों में खो गए. सब कुछ जादुई लग रहा था मैंने सोचा ये पल यही रुक जाए। फिर मैं मौसी से लिपट गया.

 

और हम एक दूसरे को महसूस करने लगे मेरी और अनु की सांसें तेज होने लगी. फिर मैंने धीरे से अपने होंठ अनु के गुलाब कि पंखुड़ियों जैसे नर्म होंठो से सटा दिए. और फिर मैं अनु के होंठो का स्वाद लेने लगा अनु भी मेरे होंठो को चूम रही थी. हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के होंठो का रस पीते रहे. फिर मैंने एक हाथ अनु कि कमर के पास ले गया और उसकी ब्रा निकाल दी. अनु के मीडियम साइज के स्तन मेरे सामने थे.

 

अनु के स्तन एकदम गोल और निपल्स खड़े थे अनु के निपल्स हल्के भूरे रंग के थे. फिर मैंने अनु के दाएं स्तन को पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगा. इससे अनु काफी उत्तेजित हो गई और मेरी पीठ में अपने नाखून गड़ाने लगी. फिर मैं अनु के ऊपर आ गया और उसके दाएं स्तन के निप्पल को मुंह में भर कर चूसने लगा. और एक हाथ अनु कि पैंटी के ऊपर रख उसकी चूत मसलने लगा. फिर मैं कुछ देर बाद बाएं स्तन को चूसने लगा.

 

फिर मैं अनु के शरीर से उतरा और बोला अनु डार्लिंग क्या तुमने कभी अपनी चूत किसी से चटवाई है? तो उसने ना मे सिर हिला दिया तो मैंने कहा आज तुम्हें वो सुख भी दूंगा. ये बोलकर मैं अनु के पैरो के पास आया और अनु कि पैंटी निकाल दी और सूंघने लगा. अनु कि चूत हल्के भूरे रंग कि थी जिसपर हल्के बाल थे और वो ज्यादा ढीली नहीं थी. फिर मैंने एक उंगली अनु कि चूत के पास ले गया और चूत में फिराने लगा.

 

अनु कि चूत गीली थी फिर मैं अपना मुंह अनु के चूत के पास ले गया. और चूत कि फांकों को खोलकर अपनी जीभ चूत में फिराने लगा इससे अनु को काफी मज़ा आ रहा था. वो मेरा सिर अपनी चूत मैं दबा रही थी फिर मैं अपने मुंह में उसकी चूत को भरकर चूसने लगा. अनु मेरा मुंह लगातार अपनी चूत में दबा रही थी जिससे मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मैंने उसकी टांगों को थोड़ा और फैलाया.

 

और फिर दुबारा से उसकी चूत चाटने लगा बीच बीच में मैं उसकी क्लिटोरिस को भी दांत से काट लेता. जिससे वो सिहर जाती फिर मैंने अनु कि चूत थोड़ी फैलाई और अपनी जीभ उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा. और लपलप करके उसकी तेजी से उसकी चूत चाटने लगा. कुछ ही देर में अनु का शरीर बुरी तरह अकड़ने लगा और उसके चूत से रजधार छूट पड़ी. मैंने तुरंत उसके चूत के छेद को अपने होंठो से बंद कर दिया.

 

और उसकी चूत का पूरा पानी पी गया पानी काफी स्वादिष्ट था. दोस्तो सच बताऊं मुझे अनु की चूत चाटने मे ज्यादा मज़ा आया था अपनी मां पायल के मुकाबले. फिर मैं बिस्तर पर लेट गया और अनु को इशारा किया तो वो उठी और उसने मेरी अंडरवियर निकाल दी. और फिर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. मेरा लंड ऐसे स्पर्श पाते ही जाग गया फिर अनु ने धीरे से मेरा लंड अपने गले तक उतार लिया.

 

और मेरे लंड को चूसने लगी अनु काफी अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी जिससे वो कुछ ही समय में पूरा खड़ा हो गया। अब मैं अनु का सिर पकड़ लिया और धीरे धीरे उसके सिर को नीचे कि तरफ धक्के देता. फिर मैंने कहा अनु चलो 69 ट्राई करते है फिर मैंने उसे कहा कि वो मेरे मुंह के ऊपर अपनी चूत रख कर बैठ जाए. उसने वैसा ही किया फिर वो भी अपने शरीर को एडजस्ट करके मेरा लंड अपने मुंह में भर ली.

 

और इधर मैं अनु के चूतड़ फैला कर उसकी चूत चाट रहा था. मैंने वायग्रा लिया हुआ था सो मेरे जल्द झड़ने का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन मैं पूरे मनोयोग से अनु कि चूत चाट रहा था जिससे कुछ ही समय में अनु कि चूत ने फिर पानी छोड़ दिया. फिर मैंने अनु को अपने ऊपर से हटाया और बेड पर खड़ा हो गया और अनु घुटनों के बल होकर मेरा लंड अपने मुंह में ले रही थी. मैंने अब अनु का सिर पकड़ा और तेज तेज अनु के मुंह में धक्के देने लगा.

मैं अनु के गले तक लंड भर कर धक्के मार रहा था लेकिन अनु भी काफी अच्छे से मेरे धक्कों को रोक रही थी. और अब उसने मेरा लंड एक हाथ से पकड़ा और खुद ही तेज तेज मेरा लंड चूसने लगी. जिससे मेरी चींखें निकलने लगी मैंने लगातार बोल रहा था अनु धीरे आह अनु. लेकिन वो नहीं रुकी और जबरदस्त तरीके से मेरा लंड चूसने लगी. जब मुझे आभास हुआ कि मैं झड़ने के करीब हूं.

 

तो मैंने अनु का सिर पकड़ लिया और अपनी पूरी ताक़त से अनु का मुखचोदन करने लगा. करीब 10 से 15 तगड़े धक्कों के बाद काफी सारा गरम गरम बीज अनु के मुंह में छूट गया. जिसे वो पी गई लेकिन मेरे कुछ प्रचंड धक्कों को वो सह नहीं पाई और बिस्तर पर लेट कर हांफने लगी. मैं भी अनु के पास लेट गया और उसकी ऊपर नीची होती सांसों को और उसके चकमकते चेहरे को निहारने लगा.

 

कितनी प्यारी लग रही थी मेरी अनु. मैंने उसे बाहों में ले लिया कुछ देर तक हम एकदूसरे कि बाहों में आराम करते रहे. इस दौरान अनु मेरे लंड को पकड़ कर मालिश करती रही ताकि वो जल्द से जल्द खड़ा हो. फिर उसने मुझसे पूछा समीर तुम्हारा लंड कितना बड़ा होगा तो मैंने कहा अनु इसकी लंबाई 7 इंच है और ये 2 इंच मोटा है. तो अनु चौंक गई और बोली बाप रे!!! समीर तुम्हारा कितना बड़ा तब तो बहुत मज़ा आएगा.

 

तो मैंने पूछा अनु क्या तुम इसे झेल लोगी तो अनु बोली समीर मुझे इसी का तो इंतज़ार था आज मेरी तड़प मिट जाएगी. फिर कुछ ही देर में मेरा लंड जाग गया और दहाड़ने लगा. फिर मैं बिल्कुल सीधे लेट गया और कहा अनु चलो आज हम काउ गर्ल पोजीशन करते है. फिर मैंने अनु को अपने लंड के ऊपर बैठाया अनु भी अपनी चूत को मेरे लंड पर सेट कर ली. फिर मेरे कहने पे वो धीरे से अपनी चूत पर दबाव देकर मेरे लंड पे बैठ गई.

 

मेरा लंड फिसलता हुआ अनु कि चूत कि गहराइयों में खो गया फिर मैंने अनु को थोड़ा उठने को बोला. अब मैं नीचे से लेते लेटे अनु कि चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था. फिर कुछ देर बाद अनु मेरे लंड पर कूदने लगा. मैंने उसके दोनों उछलते स्तनों को पकड़ा और और मैं भी नीचे से धक्का मारने लगा. मेरा लिंग इतना बड़ा था साथ ही साथ पूरा लिंग झटके के साथ अनु कि चूत में तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था.

 

इसी कारण अनु ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भर रही थी. उसके मुंह से आह म्म ओह आहृ उफ्फ समीर हहह आह और तेज चोदो मुझे आह समीर अहह कि सिसकारियां निकाल रही थी. मैं भी उसके स्तनों को मसलते हुए तेजी से उसकी रसीली चूत मार रहा था. फिर मैंने उसे घोड़ी बनने को बोला और अनु के चूतड़ों पर कई तमाचे मारे जिससे उसकी गोरी गांड लाल पड़ गई. फिर मैंने अपना लंड कुछ देर चूत पर रगड़.

 

और एक जबरदस्त धक्का मारते हुए अपना पूरा लंड अनु कि चूत में उतार दिया. अनु के मुंह से एक तेज आह निकल गई फिर मैं अनु के ऊपर चढ़ गया. और जैसे कुत्ते कुतिया के ऊपर चढ़ कर चुदाई करते है मैं भी अनु कि चूत मारने लगा. अनु का पूरा शरीर हिल रहा था और हमारी चुदाई से पूरा बिस्तर हिल रहा था. कुछ देर तक अनु को इस स्थिति मे चोदने के बाद मैंने अपने धक्कों कि गति बढ़ा कि क्यूंकि मैं झड़ने वाला था.

 

और कुछ धक्कों के बाद मैंने अनु के चूत में गरम गरम वीर्य कि पिचकारी छोड़ दी. और निढाल हो अनु के बगल गिर गया लेकिन अनु थोड़ी चिंतित थी. मैंने अनु से बोला क्या हुआ अनु तुम परेशान हो. तो अनु ने कहा समीर तुमने अपना बीज मेरी चूत में क्यूं छोड़ा अगर बच्चा ठहर गया तो क्या होगा. तो मैंने कहा डोंट वरी बेबी मैंने पिल्स ला दी है खा लेना. फिर मैंने उससे पूछा अनु डार्लिंग मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है.

 

ये सुनकर अनु डर गई और मुझसे मिन्नते करने लगी और बोली समीर प्लीज़ ये मत करो इसमें बहुत दर्द होता है. तो मैंने कहा नहीं आज तो मैं तुम्हारी इस मदहोश कर देने वाली गांड को मार कर रहूंगा. तो उसने कहा समीर प्लीज़ आज नहीं फिर कभी मार लेना प्लीज़ मान जाओ ना प्लीज़. तो अनु के इतना ज़ोर देने पर मैं मान गया फिर उससे बोला अनु जल्दी से मेरा लंड खड़ा करो. तो अनु जल्दी से मेरा लंड मुंह में भर ली और चूसने लगी.

 

कुछ देर में पुन: मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कहा अनु मुझे अब तुम्हे खड़े होकर चोदना है. फिर मैंने उसे बिस्तर से खींच लिया और उसे दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया. फिर मैं उसके आगे आया और अनु के होंठ चूमने लगा. होंठ चूमते चूमते मैंने अपना लंड लिया और अनु कि चूत में फंसा दिया. फिर मैंने अनु कि एक टांग उठाई और उसे खड़े खड़े चोदने लगा. मुझे इस पोजीशन में काफी मज़ा आ रहा था.

 

और मैं अनु को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था क्यूंकि चूत का दबाव ज़्यादा था इस वजह से चुदाई में और भी आनंद आ रहा था. करीब आधे घंटे से ज्यादा मैंने अनु को इस पोजीशन में चोदा और अंत में काफी मात्रा मे वीर्य अनु कि चूत में भर गया. इतनी देर कि धकापेल चुदाई के कारण अब मैं थका महसूस कर रहा था. सो मैं अनु को उठाकर बेड पर लिटाया और उसके नग्न शरीर से लिपट कर सो गया।

 

दोस्तो इसी तरह मैं रोज़ अपनी मौसी अनु के साथ चुदाई करता और हम दोनों जी भरकर सेक्स का आनंद लेते. मौसी भी मेरा पूरा साथ देती और मौसी तो मेरा ये सात इंच का लंड पाकर पागल सी हो गई. वो दिनभर मेरे साथ सेक्स ही करती मां भी इस वक्त बाहर थी. इसी वजह से मैं अपनी अनु के जिस्म को जी भरकर भोगता. इसी तरह हम दोनों एक दूसरे के साथ अपनी वासना कि दुनिया में मगन रहते.

 

लेकिन फिर मौसी के जाने का दिन आ गया और वो चली गईं मैं थोड़ा उदास हो गया. लेकिन अगले ही दिन मां ने मुझे काल करके बताया कि वो आज ही आएंगी. तो ये सुनकर मेरी बांछे खिल गई और मैं उनके आने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा।

  

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