मेरे पड़ोस में 3 मकान छोड़कर करीब 4 साल पहले एक कबीरपंथी रहने आये ! सायद किसी निम्न कास्ट के
है ! कबीरपंथी के नाम से ओ कालोनी में मसहूर है क्योकि ओ कबीरपंथ का प्रचारक है !
आये दिन उसके यहां कबीरपंथी इकठ्ठा होते है और कबीर के विचार पर प्रवचन करते है ! भजन करते है ! कबीर पंथी भैया दुबला
पतला मरियल सा 40-42 साल का है ! ओ भी कबीर के बिचारों को
प्रसारित करने के
लिए कई कई दिन बाहर चला जाता है !! ओ एक कंपनी नॉकरी करता था नेतागिरी के कारण
कंपनी ने निकाल दिया तो केस लड़कर जीत गया पर कंपनी ने उसे अंदर नहीं लिया बल्कि घर
बैठे 5 हजार रूपये महीना देने
लगी ! इसी 5 हजार में उसका महीने भर
का खर्च चलता है ! इसे एक लड़का 15 साल का और एक
लड़की 9 साल की है !
इसकी औरत करीब 35-37 साल की बहुत ही खूबसूरत है ! गोरा सा रंग,गठीला सेक्सी वदन, जब कबीरपंथी घर में नहीं रहता तो ये गाउन पहन कर घर के
सामने झाड़ू लगाती ! गाउन इतनी टाइट पहनती की उसके जिस्म की एक एक बनावट साफ़ नजर
आती ! बड़ी बड़ी कसी हुई चूचियां , सुडौल नितम्ब और
जंघे स्पष्ठ दिखाई देती, जब कही बाहर
निकलती तो खूब बन ठन कर निकलती ! बढ़िया सा गागल लगाकर स्कूटी से बाजार जाती ,
जब भी झाड़ू लगाती
तो मैंने उसे चुपके चुपके देखता, मैं उसे देखता
हूँ ये बात उसे मालूम हो जाते तो ओ ज्यादा देर तक झाड़ू लगाती ! मेरी पत्नी से उसकी
खूब दोस्ती है ! घर तो ज्यादा नहीं आती पर अपने घर के सामने खड़े होकर खूब देर तक
बातें करती ! मेरे से कभी बातें नहीं करती ! कबीरपंथी को कभी कभी उसे कबीर पंथी NGO
से कुछ हजार रूपये मिल जाता है इसी लालच में ओ
प्रचार करता रहता है ! मेरे से उसके हाय हेलो है ! ओ
सीमा इस तरह से
मेरी तरफ देखी और कमरे के अंदर चली गई
घर के सामने के
गार्डन की साफ सफाई करता रहता है इस लिए उसे पटा कर रखा हूँ ! कभी कभी उसके साथ
मैं भी गार्डन की सफाई करने जाता हूँ ! एक दिन मैं उसके साथ गार्डन
सफाई रहा था जब साफ़ हो गया तो उसने बोला ''चलो चाय पीते है'' और अपने घर ले गया तो उसकी पत्नी सीमा कही बाहर जाने को
तैयार थी बढ़िया टाइट सी होजयरी के कपडे की कुर्ती और लेगी पहन रखी थी ! सिर पर
गागल रखा था बस स्कूटी बाहर निकलने जा रही थी की मैं पहुँच गया तो कबीरपंथी बोला
आइये सर और पत्नी को बोला ''चाय बना दे फिर
जाना'' इतना बोलकर कबीरपंथी घर के अंदर बाथरूम में
हाथ-पाँव धोने घुस गया मैं घर के दरबाजे के सामने खड़ा था तो ओ मुझे देखकर
मुस्कुराई और बोली ''अहोभाग्य आज आप
आये, मेरा घर पवित्र हो गया''
तब मैंने मुस्कुराते हुए बोला ''अरे नहीं भाभी जी ऐसी कोई बात नहीं'' तब बोली ''अरे भाई साहब अंदर तो आइये'' तब मैं अंदर कमरे में जाकर एक प्लास्टिक की कुर्सी में बैठ
गया ! आगे का कमरा सामान्य है ! एक 3 बाय 6 की पलंग रखी है और ड्रम
के उनपर टीवी रखी है ! 5 प्लास्टिक की
कुर्सी एक के ऊपर एक रखी हुई है ! उसी में से एक कुर्सी सीमा ने निकालकर मुझे
बैठने के लिए दिया ! घर की हालात देखने लगता है की ज्यादा इनकम नहीं होगी ! कुछ
देर में कबीरपंथी आया , सीमा चाय बनाकर
लाइ ! सीमा भी साथ में बैठकर चाय
पिया और फिर बाहर
निकल गई ! मैं ऐसा बैठा था की गेट से जाते हुए सीमा दिख रही थी ! सीमा बाहर निकली
तो हाथ से बाय बाय का इसारा किया और मुस्कुरा कर चली गई ! ये सब उसके पति ने नहीं
देखा ! मैं चाय पीकर वापस आ गया ! और सीमा के बारे में सोचने लगा, मुझे ऐसा लगा की ये आसानी से मेरे से चुदवा
लेगी, बस इसकी इच्छा जान जाऊं ! ओ साम को मेरी पत्नी के पास आई और
खूब देर तक बैठकर बातें किया ! बीच बीच में भी दोनों की बातों में हाँ-हूं करता !
फिर ओ चली गई ! दो तीन दिन में किसी न किसी
बहाने सीमा मेरे घर आती और मेरी पत्नी के साथ बैठती बातें करती !
एक दिन सुबह ही
झाड़ू लगा रही थी तब टहलते हुए पास गया और उसकी तरफ एक कागज़ का टुकड़ा फेक कर आगे बढ़
गया जिसमे मैंने उसका मोबाइल नंबर मागा
था पलट के देखा तो ओ कागज को पढ़कर फाड़ कर
फेक दिया और अंदर गई और कुछ मिनट बाद
वापस आई और रोड
के किनारे कागज़ का एक टुकड़ा फेक दिया मैं वापस आया और कागज उठा लिया उसमे सीमा ने अपने दो नंबर थे एक नंबर के आगे w लिखा था मैं समझ गया ये वाट्सअप भी चलाती है ! हम दोनों के
बीच बातचेत सुरु हो गई ! सीमा के बच्चे
स्कूल चले जाते और उसका आदमी घर में नहीं
रहता तो मैं अधिकतर फोन पर बाते करता वाट्सअप में खूब चेटिंग करते ! सीमा
खूब घुल मिल गई ! सीमा को रूपये की हमेसा जरुरत रहती क्योकि उसका रहन सहन अच्छा
रखना चाहती है पर इनकम इतनी नहीं है ! इसारे इसारे में अपनी इक्षाये बात बता दिया
मुझे तो मैंने उसे बीच बीच में हजार-पांच
सौ देने लगा !
कभी कभी मोबाइल
बैलन्स डलवा देता ! ये क्रम करीब 7-8 महीने तक चला !सीमा एक छोटे से मोबाइल से वाट्सअप चलाती एक दिन पूछ लिया ''जिओ की सिम ले लो'' तो फोन करके बोली ''जिओ की सिम के लिए 4 G मोबाइल चाहिए ''तब मैंने अगले दिन उसे एक नया मोबाइल और जिओ की
सिम दिला दिया ! तो सीमा बहुत खुस हुई ! नए मोबाइल मिलने के बाद सीमा और अधिक
घुलमिल गया ! करीब एक महीने बाद सीमा मुझे
शादी के एक भोज
में एक मैरिज गार्डन में गया था जहां मुझे सीमा मिल गई ! मिलते ही बड़े प्रेम से
हाथ मिलाया कुछ देर बाते किया फिर बाते करते करते दोनों साथ खाने गए तो सीमा ने
अपने हाँथ से मुझे प्लेट साफ़ करके दिया ! दोनों साथ साथ स्टाल पर गए और परोस कर
भीड़ से हटकर एक किनारे खाने लगे ! बात बात में पूछ लिया ''भाई साहब नहीं आये क्या'' तो बोली ''करीब 10 दिन से घर से बाहर गया हुआ है,उसके पास काम
ही क्या है फ़ोकट
में घूमता रहता है'' ! सीमा की बातों से
लगा की ये पति पर खुस नहीं रहती ! फिर हम दोनों खाने के बाद स्वीट्स डिस्क के पास
गए एक ही प्लेट में स्वीट्स लेकर दोनों खाये ! खाते खाते पूछा ''अकेली आई हो'' तो बोली ''शन्तु भी आया है
पर निक्की का पेट दुखने लगा तो उसे लेकर चला गया'' ! शांतु और निक्की सीमा के लड़के-लड़की है !
खाने के बाद जब
हाथ साफ़ हो गया तो लड़के को फोन कर दिया और आने से मना कर दिया और बोली ''मैं आपके साथ चलूंगी कोई दिक्कत तो नहीं''
तब मैं चहकते हुए बोला ''अहोभाग्य मेरा की आप मेरे साथ चलोगी'' ! फिर दोनों
स्टेज पर गए वर-बधु को आशीर्वाद दिया, साथ में फोटो खिंचवाया ! फिर वहां निकलकर दोनों पान खाये और रात के करीब 10 बजे गार्डन से बाइक से निकल लिए ! रस्ते में
कुछ देर बाद सीमा मेरे से चिपक गई बोली ''बहुत ठंडी लग रही है यार '' मैंने बोला ''
सिर्फ स्वेटर पहन कर क्यों आई,शाल लेकर क्यों
नहीं आई''
तो बोली ''स्कूटी की डिक्की में रखी थी'' तब मैंने कहा ''ओह'' फिर बाइक किनारे रोका और मेरी लेदर की जरकिन उतार कर दे
दिया बोला ''लो इसे पहन लो''
तो बोली ''आपको ठंडी नहीं लगेगी क्या'' तब मैंने कहा ''मैं इनर और फुल स्वेटर पहन रखा है'' तब कुछ नहीं बोली और दोनों वापस चल दिए !
सीमा चिपक कर
बैठी थी, दोनों बातें करते हुए
आराम से चल रहे थे ! मैंने सीमा को कुरेदा ''क्यों इस ठंडी में अकेली सोती हो ठण्ड नहीं लगता'' तो बोली ''क्या करूँ जो नसीब में है ओ भुगत रही हूँ'' तब मैंने पूछा ''भैया कब आएंगे'' तो बोली ''ओ आ भी जायेंगे
तो क्या फर्क पडेगा'' तब मैंने बोला ''क्यों,फर्क नहीं पड़ेगा'' तो बोली ''ओ साथ में नहीं सोते'' तब मैंने पूछा क्यों '' तो बोली ''ओ कहते है,
नारी नरक का द्वार है'' तब मैंने फिर पूछा ''मतलब आप दोनों के बीच रिलेशन नहीं बनते'' तो बोली '' दो चार छः महीने
में एकात बार ओ भी जब मैं कहती हूँ तब'' तब मैंने पूछा ''फिर कैसे रह लेती
हो'' तो बोली ''क्या करूँ, कभी कभी मूली,गाजर,भटे खा लेती हूँ''
और मेरी पीठ पर चुटकी काटी और जोर से हँसने लगी
! मैं समझ गया ये ओ मूली,गाजर,भटे कैसे खाती होगी ! तब मैंने कहा ''आ जाओ आज रात में'' तो बोली ''मार खाओगे भाभी
के हाथ से'' तब मैंने कहा ''ओ तो अपने मायके गई हुई है,अभी अकेला ही हूँ कई दिन तक'' तो बोली ''ठीक है एकात दिन आ जाउंगी'' तो मैंने कहा '' आज ही आ जाओ न मेरी जान'' तो बोली ''ठीक है सोचती
हूँ'' ! बाते करते करते
कब 8 किलोमीटर आ गए पता ही
नहीं चला ! दोनों घर आ गए ! घर आने के 10 मिनट बाद आने के लिए फोन किया तो मैसेज किया ''यार बच्चो को तो सो जाने दो '' तब मैंने sms किया '' कब तक आओगी''
तो रिटर्न मैसेज आया ''12 बजे तक '' मैं उसका इन्तजार
करने लगा ! अच्छी चुदाई करने के लिए
बियाग्रा की दो टेबलेट खा लिया और सीमा का इन्तजार करने लगा ! जब 12 बजे तक नहीं आई तो एक मिस काल दिया तो मैसजे किया ''अरे यार आपके पडोसी के आगे कमरे की लाइट जल रही'' तब मैंने मैसेज किया ''आ जाओ चुपचाप'' तब रिटर्न मैसेज आया ''आ रही हूँ,
आपके घर के बाहर की लाइट बंद कर दो'' तब मैंने बाहर की लाइट बंद कर दिया तो करीब 5 मिनट बाद एक शाल
ओढ़कर सीमा आ गई ! जैसे ही आई तो दरवाजा लगाया और मैंने उसे गोद में उठाकर चूमने लगा तो बोली ''अरे नीचे रखो गिर गई तो हड्डी-पसली टूट जाएगी''
तब मैंने उसे बिस्तर में फेक दिया तो फिर बोली
सीमा की चूचियाँ
हूबहू एकदम ऐसी ही है
''वाव क्या मस्त
गद्दे है'' तब मैं उसके पास बिस्तर
में जाकर बैठ गया और कान में धीरे से बोला ''आज रात भर सताऊँगा'' तो बोली ''नहीं यार बच्चे
उठ गए तो लफड़ा हो जाएगा'' तब मैंने कुछ
नहीं कहा ! और सीमा को अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा ! जैसे ही सीमा के स्तन पर
हाँथ घुमाया तो लगा की सीमा बिना ब्रा पहने ही आई है ! गाउन के ऊपर से चूची पर
हाँथ घुमाया तो लगा की चूचियाँ अच्छी खासी टाइट है ! चूचियों पर हाथ घुमाने लगा तो
मुश्किल से 3 मिनट में ही
सीमा के चूची की निप्पल खूब टाइट पड़ गई और सीमा मेरे से लिपट गई और मुझे चूमने लगी
!
कभी मेरे मजबूत
कंधो पर तो कभी सर पर, तो कभी मेरे बड़े
बड़े चिकने गालों पर हाँथ घुमाती और बार
बार चूमती ! तब मैंने सीमा को बेड पर लिटा दिया और उसकी गाउन को जांघो के उनपर
खिसकाया और मस्त मस्त सुडौल दूध से गोरी जाँघो को सहलाने लगा ! और जब गाउन ऊपर
किया तो देखा की सीमा पेंटी नहीं पहनी हुई थी तो चूत पर उँगलियाँ घुमाने लगा और
धीरे से दोनों टांगो को फैला कर क्लीन सेव चूत को चाटने लगा ! जरा से देर की
चूत चटाई में ही सीमा गर्म पड़ गई और अपने चूतड़ो को उठाने लगी तो जल्दी से लोवर-चढ्ढी बनियान उतार कर फेका और लण्ड पर कंडोम चढ़ाया और चूत पर लण्ड टिकाया और धीरे से अंदर डाल दिया फक्क से लण्ड घुस गया ! सीमा की चूत ढीली-ढस्स रखी है ! ये कहती है की 3-4 महीने तक इसका आदमी नहीं चोदता तो इसकी चूत इतनी ढीली क्यों है ? ये सोचने लगा तो मेरा लण्ड लूज पड़ गया तो सीमा बोली ''क्या हुआ,मारो न धक्का'' तब मेरा ध्यान फिर से चुदाई पर गया तो लण्ड कड़क होने लगा और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा
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