नमस्कार
दोस्तो, मेरा नाम शगुन
है. मैं यूपी का रहने वाला हूँ. यह कहानी मेरी और मेरी चाची के बीच के नाजायज सेक्स संबंध की है. यह बात लगभग 7 साल पहले की है, जब मेरे चाचा
की शादी हुई थी. मैं उस वक्त 18 साल का था.
हमारा परिवार एक सयुंक्त परिवार था. घर में मैं अकेला लड़का था, बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी. इसके अलावा मेरे पापा माँ और चाचा चाची थे.जब
चाची घर आईं तो मैं उनकी बड़ी इज्जत करता था. पर कुछ साल बाद मेरा नजरिया बदल गया.
जब वो घर में नलकूप के पास कपड़े धोती थीं, तो उनके चुचे बाहर की तरफ निकल कर दिखते थे. मैं चाची के उन मम्मों को छिपी
निगाहों से देखता रहता था, पर चाची को इस
बात का पता नहीं लगता था.
कुछ दिनों बाद
मेरे दिल में आया इनको कैसे बताया जाए कि मैं इनको चोदना चाहता हूं. मुझे डर भी
लगता था कि कहीं किसी को पता लग गया तो मैं तो गया.
मैं सारा दिन
स्कूल से आ कर उनके पास ही बैठा रहता था और उनके बिस्तर पर सीधा लेट जाता ताकि वो
मेरे पेंट में से मेरे लंड का तनाव देख सकें. पर मेरी चाची मेरे लंड को फूलता देख
कर अनदेखा कर दिया करती थीं.
अब मुझे समझ
नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए.
मैंने मुठ मार
मार कर कई साल निकाल दिए. अब 6 साल हो गए थे.
इधर मेरी चाची को अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था. मेरे चाचा ने यूनीवर्सिटी में मेस
का कांट्रेक्ट ले लिया और काम की अधिकता की वजह से वे वहीं रहने लगे. मैं भी उसी
यूनीवर्सिटी के होस्टल में रहने लगा.
जब चाचा बोले-
तुम होस्टल छोड़ दो और हमारे साथ रहो.
तो मैंने उनके
साथ रहना शुरू कर दिया. चाचा मेस में होते, लंच टाइम में मैं घर आ जाता. अब मेरा शैतानी दिमाग फिर चाची की चुदाई के बारे
में सोचने लगा.
उन्हीं दिनों
मैंने एक मूवी ‘तेज़ाब द एसिड
ऑफ लव..’ डाऊनलोड की
थी. मैं वो मूवी लगा कर रूम में देखने लगा.
कुछ देर बाद
मैंने लैपटॉप बंद किया और चाची को देखा. वो आसमानी रंग के साटिन सिल्क का सलवार
सूट पहन कर मेरे सामने खड़ी थीं. ऐसे चिकने कपड़े में लड़की देख कर मेरा लंड खड़ा
हो जाता है.
चाची ने पूछा-
क्या देख रहे हो?
मैंने कहा-
फिल्म.. आप भी देख लो.
चाची बोलीं-
कैसी फ़िल्म देख रहे हो.. डरावनी वाली या रोमांटिक है.. या कोई और..?
मैंने कहा-
मेरे पास सब हैं, आप कौन सी
देखना पसंद करोगी?
चाची बोलली-
रोमांटिक देख लेते हैं.
मैंने उनको
बेड पर बुला लिया और हम दोनों बेड पर सीधी टांगें करके बैठ गए. मैंने जानबूझ कर
चाची की टाँगों पर लैपटॉप रख दिया और वही मूवी लगा दी. उस मूवी में चुदाई और
किसिंग सीन खूब थे. मैं भी देखता रहा और मेरा लंड खड़ा हो गया.
चाची ने लंड
उठते हुए देखा, परन्तु मुझे
महसूस नहीं होने दिया.
तभी मैं बोला-
ये जो आपने कपड़े डाले हैं, बड़े चिकने लग
रहे हैं. हाथ लगा कर देख लूँ कि कैसा फील आता है?
वो बोलीं-
हम्म.. देख ले!
मैंने उनकी
पट्ट पर हाथ रख कर बोला काफी चिकना है.
तभी मूवी में
बाथरूम की चुदाई का सीन आया, मैं चाची की
जांघ पर हाथ फेरते फेरते उनकी चूत तक ले गया. वो कुछ नहीं बोलीं, बस लैपटॉप में मूवी का मजा ले रही थीं. मैंने सलवार के ऊपर से चूत टटोली और
अंदाज से चूत में उंगली डाल दी. जब चाची ने कुछ नहीं कहा तो मैंने सलवार की सिलाई
उधेड़ दी और चिकनी सलवार में से सीधा उनकी चूत में उंगली डाल के अन्दर बाहर करने
लगा.
चाची मेरी तरफ
प्यार से देखते हुए मस्त होकर चूत में मेरी उंगली का मजा ले रही थीं. उनकी चुदास
भड़क उठी थी.
इधर एक तो
उनकी चिकनी सलवार और ऊपर से उनकी चूत भी गीली हो चुकी थी, पर मैंने अपना काम जारी रखा. अपनी बीच वाली उंगली जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करने
लगा. मेरा लैपटॉप रखे हुए ही चाची ने टाँगें सीधी से एकदम मोड़ लीं और मेरा हाथ
पकड़ लिया. जिससे मेरा लैपटॉप बेड पर गिर गया. मैंने उसे एक हाथ से उठा कर बगल की
टेबल पर रख दिया और दूसरे हाथ की उंगली अब भी चुत कुरेदने में लगी थी.
चाची बोलीं-
बस करो.
तभी मैंने
उनके चुचे दबाने शुरू किए, वो बिल्कुल
पागलों की तरह हो गईं. मैंने उन्हें ऐसा उतावलापन करते हुए कभी नहीं देखा था.
मैंने उन्हें अपनी ओर करके अपनी गोद में बैठा लिया. वो बिल्कुल मेरे लंड पर चुत
टिका कर बैठ गई थीं.
मैंने उनको
अपनी बांहों में जोर से जकड़ लिया. मेरा मन कर रहा था कि उनमें पूरा समा जाऊं.
मैंने उनकी कमर पर हाथ फेरते हुए उनको बोला- चाची आप बहुत सेक्सी हैं, इस दिन का इंतजार मुझे कई सालों से था.. पर आज भगवान ने मेरी सुन ली.
मैंने उनके
होंठों पर किस किया और उनके मुँह में अपनी जीभ डाल दी. हम एक दूसरे को बुरी तरह से
चूस रहे थे.
फिर मैंने
चाची को लेटने को कहा और उनकी सलवार, जो नीचे से चुत के पानी से गीली हो गई थी, वो उतार दी,
चाची अब अपनी
चुत पर हाथ रखने लगीं. मैंने उनको बोला- डार्लिंग अब मेन काम स्टार्ट होने वाला
है. झिझको मत.. अब तो आप मेरा साथ दो.
ये कह कर मैं
चाची की चिकनी चुत चाटने लगा. चाची मेरा सिर पकड़ के चुत के अन्दर खींच रही थीं और
मेरे सिर में हाथ फेर रही थीं. वो बाहर तेज तेज सांसें ले रही थीं. तभी चाची एकदम
से मेरा सिर जोर से दबाए हुए टाँगें चौड़ी करके बैठ गईं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उनकी चुत से
सारा पानी मेरे मुँह में आ गया था और मैं पी भी गया.
चाची ने पानी
निकल जाने के बाद मुझे गले से लगाया और बोलीं- तेरे चाचा सिर्फ अपना काम करके निकल
जाते हैं, मेरी चुत
तड़पती रहती है, आज मैं
तुम्हारी हो गई.
यह सुनकर मेरे
हौसले और बुलन्द हो गए, मैंने कहा-
अभी तो शुरूआत है.
कुछ देर हम
दोनों एक दूसरे को प्यार करते रहे.
मैंने अपना
लंड उनके सामने निकाल कर रख दिया. चाची मेरा लंड देख कर हैरान थीं कि इतना मोटा और
लंबा लंड कैसे हो गया.
मैंने कहा-
लंड को अपने मुँह में लो और चूसो.
चाची लंड
चूसने से मना करने लगीं. हालांकि उनका मन दिख रहा था. इसलिए मैंने उनके मुँह में
जबरदस्ती लंड डाल दिया और वो भी मेरा लंड चूसने लगीं. कुछ टाइम बाद मैंने अपना
पूरा वीर्य उनके मुँह में डाल दिया और सारा मुँह में गटक गईं.
अब हम दोनों
झड़ चुके थे. हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हंसने लगे और बिस्तर पर लेट गए.
कुछ टाइम बाद
मैंने चाची की चुची को मुँह में लिया और चूसना शुरू कर दिया. साथ ही नीचे से उनकी
चुत को सहलाना शुरू कर दिया.
चाची फिर गर्म
हो गईं और बोलीं- कितना स्टेमिना है तेरे अन्दर.. जो तेरा लंड इतनी जल्दी फिर से
तन गया.
अब वो मेरी
जाँघों में बैठ कर मेरे लंड से अपनी चुत रगड़ने लगीं. पूरा कमरा उनकी तेज सांसों
से गूंज रहा था. मुझे नहीं पता था कि वो आज इतनी जल्दी मान जाएंगी. ऐसा लग रहा था
कि वो मेरे कहने का इंतजार कर रही थीं.
तब तक मैं कुछ
सोचता, चाची ने मेरा लंड अपनी चुत में ले लिया. पूरी
नंगी होकर चाची मेरे लंड पर उछल रही थीं. कमरे में पच पच की आवाज के साथ, मेरी और चाची की ‘आह आह आह आह
आह’ की आवाज निकल रही थी.
अचानक, बाहर घंटी बजी और चाची एकदम फुर्ती से मेरे लंड से अपनी चुत को अलग करते हुए
कपड़े पहन कर उठीं और बाहर दरवाजा खोलने चली गईं.
इधर मैं भी डर
गया था, तो जल्दी से
कपड़े डाल लिए.
चाची वापस आईं
तो मैंने पूछा- कौन था?
चाची बोलीं-
साली पड़ोसन थी, पूछ रही थी कि
शाम को मंडी चलोगी या नहीं. कुतिया ने मजा खराब कर दिया.
फिर चाची
बिस्तर पर बैठ कर मेरी तरफ देख कर बोलीं- इतने सालों से तड़प रही हूँ.. मुझे शान्त
करो. मैं सारी उम्र तुम्हारी हो कर रहूंगी.
मैंने उन्हें
गले से लगाया और बोला आपका ये सपना आज और अभी पूरा होगा चाची.. पर मेरी एक शर्त
है.
वो बोलीं- हाँ
बोलो.
मैंने कहा- आप
अपनी चुत के पास से सलवार की सिलाई पूरी उधेड़ लो.
चाची इस वक्त
वही सलवार पहने थीं. उन्होंने ऐसा ही किया और वो अपनी पूरी सलवार समेत मेरे लंड पर
बैठ गईं. मेरा पूरा लंड उनकी चुत में जा कर आज पवित्र हो गया.
वो आराम आराम
से मेरे लंड पर उछल रही थीं और मैं उनकी चिकनी कमीज और सलवार पर हाथ फेर रहा था.
अब चाहे कोई भी आ जाता, हमें जल्दी
कपड़े पहनने का कोई डर नहीं था. चाची आराम से उठ कर जा सकती थीं.
मैंने चाची को
अपने नीचे आने को
कहा, तो चाची झट से मेरे लंड के नीचे आ गईं
मैंने उनकी
टाँगें खोल कर एकदम से अपना पूरा लंड पेल दिया और अपनी स्पीड बढ़ा दी. मैंने इतनी
जोर की चुदाई की कि चाची चीख मारने लगीं.
मैंने तकिया
उठाया और उनके मुँह पर रख दिया. मैं चाची को धकापेल चोदता रहा. पूरे कमरे में अलग
सी महक हो गई थी. चाची की आह आह की आवाज ने मुझे पागल कर दिया था. लंड सटासट जा आ
रहा था, चाची की चूत से पानी टपक रहा था. वो ऐसे ही लाश की तरह
बेदम पड़ी थीं, पर मेरे लंड
में अभी भी दम था, मैं उनको
चोदता रहा.
फिर एकदम से
मेरे वीर्य की पिचकारी ने चाची की चूत भर दी और उनके शरीर में भी मुझे अकड़न सी
महसूस हुई. वो टांगें मिला कर लेट गईं औऱ उनके पास मैं भी लेट गया. पांच मिनट तक
हमने कोई बात नहीं की.
इस तरह से
मैंने अपनी सेक्सी चाची
की चूत की चुदाई करके वासना
शांत कर दी
फिर चाची मुझे
चूम कर बोलने लगीं- आज मैं तुम्हारी कर्जदार हो गई, जब भी दिल करे, मुझे जी भर के
चोद लेना.
चाची की चुदाई
का ये सिलसिला आज भी कायम है, चाची मुझे
पूरा संतुष्ट करती हैं. हम घर में पति पत्नी की तरह रहते हैं. जब सब घर होते हैं, तब हम दोनों एक दूसरे से नॉर्मल बात करते हैं. मैंने उनको कह दिया है कि चाची
जब भी आपका चुदने का मूड हुआ करे, तो ये चिकने
कपड़े पहन लिया करो.
पर अब चाची रोज़
चिकने कपड़े ही पहनती हैं. मैं भी मौका पाते ही उनकी चुत की कामाग्नि शांत कर देता
हूँ. आपको मेरी चाची के साथ ये सेक्स कहानी कैसी
लगी मुझे मेल करें.
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