मेरा साला जिसका नाम है जितेंद्र उसको पोलियो का
शिकायत है, इसवजह से उसका दोनों पैर सुख गया है. यानी की सिर्फ हड्डी ही है. मेरे ससुर
बहूत बड़े अफसर है. पर वो अपने बेटे की शादी करने में बहूत ही देर कर दिए क्यों को
जो भी रिश्ता आता है. वो इनको देखकर दुबारा नहीं आता था.
मेरे ऑफिस में एक लड़का काम करता था उसने बताया की
मेरी सौतेली बहन है उसकी शादी के लिए कोई लड़का देख रहा हु. मैंने पूछा की कैसा
लड़का चाहिए तो वो बोला की घर से अच्छा हो. क्यों की हमलोग कोई दहेज़ वगैरह नहीं दे
पाएंगे हमलोग बहूत गरीब है पर लड़की बहूत ही अच्छी है. मुझे लगा की क्यों ना हम
अपने साले के लिए बात करें. और मैंने बात उठा दी की मेरा ही साला है. अगर तुम चाहो
तो बात आगे हो सकती है. पर एक प्रॉब्लम है की वो दिव्यांग है.
अकेला भाई है बहूत सम्पति है. तुम्हारी सौतेली बहन
बहूत खुश रहेगी. घर में नौकर चाकर, गाडी सब कुछ है. उसने कहा ठीक है मैं आज ही अपने घर में बात
करता हु. और फिर दूसरे दिन संडे को लड़का देखने का प्रोग्राम हो गया और वो लोग आ गए,
थोड़ा तो उनलोगों
को लगा फिर मान गए और शादी के लिए हां कह दिया क्यों की वो लोग लड़का पर कम सम्पति
देखकर भी अपने बेटी को देने का फैसला कर दिया ऊपर से सौतेली माँ आई थी उसको तो था
की लड़की जल्दी से जल्दी किसी दूसरे घर में चली जाये.
शादी का तारीख तय हुआ और शादी संपन्न हो गई. शादी के
तीन दिन बाद मेरा साला मुझसे मिला और बोला जीजाजी, लड़की संतुष्ट नहीं है मेरे से.
हो सकता है वो घर से भाग भी जाये. क्यों की मैं तीन दिन में कुछ भी नहीं कर पाया
क्यों की मुझे पता नहीं था की पैर के साथ साथ मेरा लींग भी सही तरह से काम नहीं कर
रहा है पैर के जगह पर वैशाखी का इस्तेमाल तो कर लेता हु पर लंड के जगह पर क्या
करूँ?आप ये
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अब मैं नई नवेली दुल्हन मेरी सरहज यानी साला की
पत्नी का नाम रंभा, गरीब घर की है, पर मस्त माल, मैं तो जब लड़की पसंद करने गया तो साला के ध्यान में नहीं रखकर बल्कि मैं अपने
ध्यान में ही रखकर किया, जब से रंभा को देखा तभी से हो मेरे मन में उसको चोदने की
इच्छा जाग उठी. मैं उसकी के सपने देखने लगा. पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता था. पर
मेरा साला ये बात सुनाकर खुश कर दिया की मैं कुछ नहीं कर पा रहा हु, तो मैं अपने साला को
समझाया आजकल जवाना खराब है, ध्यान रहे की लड़की वापस ना जाये नहीं तो तुम्हारी शादी फिर
नहीं होगी.
मेरा साला हड़बड़ा गया, उसने तुरंत ही बोला जीजाजी आप
प्लीज इसको ठीक कीजिये नहीं तो मेरी पूरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी. मैंने कहा ठीक
है. एक काम करते है. उसको किसी तरह से बोलो की अभी थोड़ा नर्वश हु, हम दोनों कही बाहर घूमने
जाते है हनीमून मनाने के लिए,उसने कहा मुझे तो ज्यादा पता भी नहीं है कहा जाना है क्या
करना है. तो मैंने कह दिया मैं भी चलूंगा, और तुमदोनो का इंतज़ाम कर देता हु, मैंने तुरतं ही उसके लिए
शिमला का टिकेट भेज और मैं भी जबलपुर से शिमला के लिए निकल पड़ा, वो मुझे शिमला में ही
मिला, मैंने
वह पहले से ही एक होटल में दो कमरे ले लिए, हम तीनो उस होटल में पहुचे.
मैंने अपने साला को कह दिया की देखो जितना जल्दी हो
सके रम्भा को बच्चा होना जरुरी है. अगर तुम कुछ नहीं कर पाओगे यानी की चोद पाओगे
तो बच्चा कहा से होगा. तो मेरा साला भी हरामी था. बोला आप ही चोद दो मेरी बीवी को.
आपके नसीब में ही है जबरदस्त जवानी का सील तोड़ने के लिए. मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना
नहीं रहा सब कुछ प्लान के मुताबिक हो रहा था.शाम को हम दोनों ने प्लान बनाया की
कोल्ड ड्रिंक्स में नशीला पदार्थ मिला देते है और फिर काम हो जाएगा. और हुआ भी वही.
रात को नौ बजे कहना खाने के बाद हम दोनों तो शराब पिए और रम्भा को कोका कोला में
नशीला पदार्थ मिला दिए.
इधर हम दोनों को भी नशा चढ़ा और उधर रम्भा भी अपना
आँख बंद करने लगी. कह रही थी मुझे जोर से नींद आ रही है. हम दोनों ने हाथ मिलाया,
तब तक रंबा बेड पे
निढाल हो चुकी थी. उसका साडी ब्लाउज पर से निचे हो चूका था बड़ी बड़ी मस्त चूचियां
गजब ढा रही थी. साला बोला कर लो जो करना है. लूट लो जवानी, और वो बाहर निकलते हुए दूसरे
कमरे में चला गया, मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और अपने सारे कपडे उतार दिए.
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क्या बताऊँ दोस्तों मजा आ गया चूचियां बिलकुल टाइट बिच में निप्पल छोटी छोटी,
मैंने तुरंत ही
उसके दोनों चूचियों को हाथ से मसलने लगा. मैंने साडी को और पेटीकोट को ऊपर कर दिया,
और उसके चूत को
पेंटी के ऊपर से ही सुंघा, ओह्ह्ह क्या मदहोश कर देने बाली खुसबू मेरे लंड को पागल कर
दिया, मेरी
साँसे तेज हो गई थी. मैंने तुरंत ही साडी उतार दी पेटीकोट भी उतार दिया, और पेंटी भी उतार दी.
रम्भा का ऊपर का भी ब्लाउज भी पीछे से उतार दिया. मेरे सामने, आँख बंद किये रम्भा का
खूबसूरत बदन पड़ा था, मैंने तुरतं ही उसके जांघ के बिच में बैठ गया, चूत पे हलके हलके बाल थे.
मैंने चूत को चिर कर देखा अंदर बिलकुल लाल था,
अभी तक सील भी
नहीं टूटा था. मैंने तुरंत ही अपने लंड में थूक लगाया और उसके चूत पर रख दिया. और
मैंने धीरे धीरे कर के उसके चूत में अपनी पूरी ८ इंच की लंड पेल दी. चूत से खून
निकलने लगा. क्यों की उसकी सील टूट चुकी थी. मैंने अब चोदने लगा. और चूचियों को
दबाने लगा. मैंने उसके होठ को चूसते हुए, और हाथ को ऊपर कर दिया, उसकी चूचियां मेरे सीने से रगड़
खा रही थी.
और मैंने पेलना शुरू कर दिया. करीब ३० मिनट तक चोदता
रहा. तभी रम्भा का आँख खुल गया. आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.
रम्भा बोली जीजा जी आप? मैंने कहा हां मैं, मेरा साला तुम्हे चोद नहीं पा रहा था इसलिए हम दोनों
ने ये प्लान बनाया.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
रम्भा बोली इसमें प्लान बनाने की क्या जरूरत,
आप से तो चुदवा कर
मुझे अच्छा लगता, मैं भी चाहती थी की मुझे किसी तरह से एक बच्चा हो जाये ताकि मैं इस घर के
मालकिन बन सकु. इससे अच्छा वर तो मिल जायेगा पर जायदाद नहीं मिलेगा. और फिर क्या
था. रम्भा ने मुझे जोर से पकड़ लिया और अपनी चूचियां मुझे पिलाने लगी. मैंने फिर से
उसके चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया. दोस्तों रम्भा भी इतनी चुदक्कड़ होगी मुझे
पता नहीं था वो रात भर मुझसे तरह तरह से चुदवाई.
मैंने पूछा की आखिर तुम्हे इतना चुदाई का ज्ञान कैसे है तो वो बोली मेरे मोबाइल में काम सूत्र फिल्म था उसको मैं रोज देखती थी और सोचती थी की जब मेरी शादी होगी तो ऐसे ही चुदवाऊँगी.फिर क्या था दोस्तों तीन दिन तक रम्भा को पेंटी नहीं पहनने दिए. क्यों की मैं हरेक दो घंटे में उसको चोदता था. अब मेरी सरहज भी खुश और मेरा साला भी खुश.कैसी लगी साले की बीवी के साथ सेक्स स्टोरी.
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