नमस्कार साथियो… मेरा नाम राहुल है, आज में अपनी सच्ची कहानी बता रहा हूँ… जो लड़कों के लंड को खड़ा
करने वाली और लड़कियों की योनि में पानी निकालने वाली है। मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था, मेरे साथ में सीतल नाम की लड़की
पढ़ती थी।
क्या मस्त जिस्म था… उसके मीडियम साइज के मम्मे थे… जो हमेशा कुरते से बाहर निकलने
की कोशिश में लगे रहते थे। मैं जब भी उसको देखता… तो मेरा 7.5″ लम्बा और 2″ मोटा लंड खड़ा हो जाता
था।
मैं उसको चोदना चाहता था लेकिन मौका ही नहीं मिलता था।
हमारा रोज एक पीरियड कम्पयूटर का आता था… इसके लिए हमें लैब में जाना पड़ता
था।
एक दिन इसी पीरियड में हम सब लैब में जा रहे थे लेकिन सीतल अकेली कमरे में
बैठी रही।
थोड़ी देर बाद किताब लेने के बहाने वापस कमरे में आया… तो मैंने देखा कि सीतल कानों में
हैडफोन लगा कर मोबाइल में कुछ देख रही थी।
मैंने चुपके-चुपके उसके पीछे जाकर देखा तो पाया कि वो ब्लू-फिल्म देख रही थी…
जिसमें एक गोरी
लड़की को एक काला आदमी चोद रहा था।
तब मैं बोला- क्या बात है सीतल… आजकल यह तुम भी देखने लग गई हो?
वो अचानक डर गई… फिर शर्म के मारे गर्दन नीचे करके बैठ गई।
मैं उसकी गर्दन ऊपर करके बोला- अरे शर्म की कोई बात नहीं है… सब लोग देखते हैं।
फिर वो बोली- आप भी देखते हो?
‘हाँ… मैं
तो पिछले दो सालों से देख रहा हूँ… आप कब से?’
वो बोली- अभी कल रात से… कल मेरी सहेली ने मुझे दिखाई और इन्टरनेट से डाउनलोड करना
भी सिखाया…
मैंने कहा- तुमको मजा आता है इनको देखने से?
वो बोली- जब इनमें लड़कियां चिल्लाती हैं तब मजा आता है।
मैंने कहा- कभी करवाया ऐसा काम?
‘नहीं…’
मैंने कहा- आज करते हैं ऐसा काम…
वो बोली- यहाँ कहाँ?
मैंने कहा- चलो झाड़ियों में चलते हैं।
पहले तो वो बहुत हिचकिचाई… आखिर में चलने को तैयार हो गई।
हम दोनों बाइक लेकर स्कूल से निकल गए… झाड़ियों में पहुँचकर मैंने उसकी चुन्नी उतारकर जमीन
पर बिछा दी। फिर उसके सारे कपड़े उतार दिए।
मैंने पहले उसको किस किया… जिसमें वो मेरा पूरा साथ दे रही थी, बाद में मैंने खुद के कपड़े उतार
दिए।
वो मेरे बड़े लंड को देखकर बोली- ओह्ह… इतना मोटा लंड… मेरे छोटी सी बुर में कैसे
घुसेगा?
मैं बोला- बड़ी आसानी से घुसेगा…
पहले हम 69 की अवस्था में आ गए फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाला और मैं
उसकी बुर को चाटने लगा।
वो गर्म हो चुकी थी ब्ल्यू फ़िल्म देख कर तो वो बड़े मजे लंड चूस रही थी।
इस चुसाई से वो मेरे मुँह में झड़ गई और मैं उसके मुँह में झड़ गया, हम दोनों बड़े मजे से पी
गए।
उसने फिर से चूसकर लंड को खड़ा करके कहा- अब रहा नहीं जाता… इसे बुर में डाल दो…
मैं उसको सीधी लेटाकर टाँगें चौड़ी करके फनफनाते लंड को उसकी बुर पर रगड़ने लगा।
तब वो बोली- अब मत तड़पाओ यार… अब जन्नत की सैर करवा दो…
मैंने लंड के टोपे को थोड़ा अन्दर डालकर जोर से एक धक्का लगाकर पूरे लंड को
सरकाकर चूत की सील तोड़ दी।
‘उउउ… आआआ…
आआआह… ईईईई… मर गईईईई… बाहर निकालो इसे…
आईईईई…’
मैंने थोड़ा बाहर निकाल कर देखा तो पूरा लंड खून से सन गया था। रूमाल से साफ
करके फिर मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए। सीतल पाँच मिनट तक बेहोश हो गई… जब उसे होश आया तो कुछ
ही पलों में वो चुदाई का मजा लेने लगी।
अब वो ऊपर उठ-उठ कर मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदा, उसकी 15 मिनट तक चुदाई करके मैंने वीर्य की
पिचकारियाँ उसके मुँह में छोड़ दीं।
मैंने 2 बार और चुदाई की… फिर घर के लिए रवाना हुए।
वो ठीक से चल नहीं पा रही थी।
जब भी मुझे मौका मिलता है… मैं सीतल की चूत को चोद लेता हूँ।
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