दोस्तों आज मैं आपके लिए एक बड़ी ही सेक्सी कहानी लेके आया हु, ऐसे मैं अन्तरवासना की
आग का जबरदस्त फैन हु, क्यों की यहाँ की सारी कहानियां बड़ी ही मस्त होती है,
तो मैंने भी सोचा
की क्यों ना मैं भी आज अपने दोस्तों को अपनी ये सच्ची कहानी पेश करूँ, ये कहानी मेरे दोस्त की
बहन बबली के बारे में है, मैंने कैसे बबली को ससुराल में चोदा, रात भर छोड़ने के बाद कैसे वो
सुबह सुबह नंगड़ा नंगड़ा कर चल रही थी आज मैं पूरी व्याख्या करूँगा, अब मैं सीधे कहानी पे
आता हु
मेरा नाम कौशल है, मेरा एक दोस्त है रविश, हम दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त है,
बचपन से ही हमारी
दोस्ती है, रविश को चार बहन है, उसमे से सबसे छोटी बबली है, बाकी तिन को मैं भी दीदी ही कहता
हु, और
बबली मुझे भैया कहती है, क्या बताऊँ दोस्तों मुझे लगता है की मैंने अपने दोस्त के
साथ विस्वासघात किया, पर बबली के साथ मैंने वही किया जो वो चाहती थी, तो मैं कहा गलत हु, आप ही बताओ, मैंने बबली को खुश किया,
वो चाहती भी यही
थी की मैं चोदूँ और वक्त और हालात ऐसा बना की मैं भी अपना लण्ड बबली को दे दिया.
बबली की शादी को हुए पन्दरह दिन ही हुए थे, शादी के बाद वो अपने ससुराल चली
गई, हमलोगो
में शादी के १० दिन बाद ही लड़की को उसके ससुराल रुकसद लाने (लड़की को लाने) जाना
होता है, तो
रविश की माँ बोली बेटा कौशल तुम ही चले जाओ बबली को लाने के लिए, क्यों की रविश का एग्जाम
है वो जा नहीं पाएगा, और बबली को लाना जरुरी है, तो मैंने हां कर दिया, दूसरे दिन मुझे झारखंड के ही एक
छोटे से शहर में जाना था बबली को लाने के लिए.
मैं बबली का ससुराल करीब ३ बजे दिन में पहुंच गया, खूब खातिरदारी हुई, बबली भी बहुत खुश दिखी,
शाम को करीब ६ बजे
बबली के हसबैंड मुझे घुमाने ले गए, कई सारे उनके दोस्तों से मिला शाम कैसे कट गया पता ही नहीं
चला, वापस
आया तो बबली लाल लाल साडी पहनी थी, बड़ी ही खूसबसूरत लग रही थी, हाथ में लाह की चूड़ियां और हलके
से घूँघट में बड़ी ही मस्त लग रही थी, रात को खाने में मटन करी और चावल बना था, शाम को ही एक बड़ी बोतल
शराब का ले आए थे, रात को छत पर ही पीना शुरू हुआ
मैं और बबली का पति दोनों पेग पे पेग और मटन कहते गए, बात चित होने लगी, आपको तो पता है जब दो
बन्दे पि रहे हो तो बात तो बहुत दूर तक होती है, वो अपना बखान करते रहे, और धीरे धीरे पीते रहे,
इस तरह से वो काफी
पि लिए, मैं
होश में था पर वो धीरे धीरे वो बेहोशी की हालत में हो गए, और वो वही लुढ़क गए, तभी छत पर बबली आई,
और सारा माजरा
देखकर वो समझ गई, फिर वो बोली अब वो रात में यही सोएंगे, क्यों की मैं उनको निचे नहीं कर
सकती. तो मैंने कहा बबली मैं भी इनके साथ ज्यादा पि लिया हु, मैं भी खड़ा नहीं हो पा
रहा हु, मैं
छत पर नहीं सो सकता मुझे डॉक्टर ने मना किया है ओश में सोने के लिए.
तो बबली बोली चलो मैं सहारा दे देती हु, और वो मेरा हाथ पकड़ ली, और मैं लड़खड़ाता हुआ जाने
लगा पर, मैं
सही तरह से चल नहीं पा रहा था, तभी वो मेरे हाथ अपने कंधे पे रख ली और हम दोनों साथ साथ
चलने लगे, बड़ी मुस्किल से सीढ़ियों से निचे उतरे, हम दोनों पास पास चल रहे थे
बबली की चूचियाँ मेरे हाथ से सट रहा था, पर वो इसको सामान्य मान रही थी
पर मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था क्यों की मेरी निगाह हमेशा से ही बबली के प्रति ख़राब
रहा था मैं बबली को चोदना चाहता था, पर मेरी हिम्मत नहीं हुई थी, पर आज वो मेरे साथ इतना करीब
होके चल रही थी, मैंने ज्यादा पिने का बहाना बनाया और अपना सर बबली के कंधे पे रख दिया,
वो कुछ भी नहीं
बोली और फिर मेरे सोने के कमरे तक पहुंच गई, घर में और कोई था नहीं
बबली के सास ससुर कही बाहर गए थे वो दूसरे दिन आते, बबली का हस्बैंड तो छत पर ही
बेहोश पड़ा था उसको सुबह तक उठने का कोई चांस नहीं था, बबली मुझे बेड पे आराम से सुलाने
लगी जैसे वो झुकी उसका पल्लू निचे गिर गया, और ब्लाउज का गला ज्यादा कटा हुआ
था, जिससे
उसकी दोनों चूचियाँ बड़ी बड़ी बाहर आने को उताबले होने लगे, मैं देख कर तो धन्य हो गया और,
मैं बबली का हाथ
पकड़ लिया.
बबली बोली क्या कर रहे हो, मैंने कहा आज कुछ ना बोलो, मैं तुमसे प्यार करता था बबली,
मैं तुम्हे अपना
बनाना चाहता था पर ये हो नहीं सका और तू किसी और की हो गई, मैं कभी भी हिम्मत नहीं जुटा
पाया क्यों की सब लोग समझते थे की मेरे और तुम्हारा रिश्ता भाई बहन का है, पर मैं तुमको अपनी बीवी
बनाना चाहता था, बबली बोली पर ये अब गलत है. सच तो ये है की मैं भी आपको बहुत चाहती थी,
पर मैं आपको अपनी
दिल की बात नहीं कह पाई
तो मैंने कहा बबली आज भर के लिए ही सही हम दोनों एक दूसरे का पति और पत्नी बन
जाते है, बबली
उठी और चल दी, मैंने सोचा शायद बबली को गुस्सा आ गया इस वजह से चली गई. सच पूछो दोस्तों मेरी
तो गांड फट गई, सोचा अब क्या होगा? तभी बबली वापस आ गई उसके हाथ में सिन्दूर का डब्बा था,
मैंने कहा ये क्या,
तो बबली बोली आज
मेरी मांग भर दो, मैं आज के लिए तुम्हारी होना चाहती हु, मैंने भी वही किया एक चुटकी
सिन्दूर ली और बबली के मांग भर दिए.
बबली को बाहों में लेके चूमने लगा और धीरे धीरे कर के एक एक कपडे उतार दिए,
क्या बताऊँ
दोस्तों गोरा बदन, बड़ी बड़ी चुच, मोठे गांड, गजब की लग रही थी मैं तो सीधे उसके बूब को मुंह में लेके पिने लगा, और गांड को सहलाने लगा.
फिर उसके मैं बेड पे लिटा दिया और दोनों टांगो के बिच मैं बैठ कर उसके चूत को
चाटने लगा. वो आह आह आह उफ़ उफ़ की आवाज निकालने लगी. मैंने फिर ऊँगली डाल डाल के
देखने लगा, बबली सिसकियाँ लेने लगी, और बाहर बार वो अपने होठ को जीभ से चाटने लगी. मैंने थोड़ा
ऊपर हो गया और दोनों चूक के बिच में लण्ड को रख कर ऊपर निचे करने लगा. उसके मुलायम
चूक के बीचो बिच मेरा लण्ड अठखेलियां करने लगा. फिर बबली काफी कामुक हो गई और बोली
अब मत तड़पाओ मेरे साजन, मेरी चूत काफी गीली हो गई है
मैंने अपना लण्ड बबली के चूत के ऊपर रखा और टांगो को अलग अलग किया, और चूत के दरार में लण्ड
को सेट कर के अंदर डालने लगा, बबली को दर्द होने लगा, वो बोली काफी मोटा है आपका लण्ड,
मैंने फिर लण्ड
में थूक लगाया और फिर चूत के दरार पे सेट किया और फिर घुसाने लगा और बबली के चूची
को हाथ से मसलने लगा. वो अब चुदने के लिए तैयार थी, मैंने झटके दिए और लण्ड बबली के
चूत के अंदर समा गया, अब तो दोस्तों मेरी मुराद पूरी हो गई थी
बबली को चोदने लगा, कभी ऊपर से कभी निचे से कभी घोड़ी बना के कभी लण्ड पर बैठा के रात भर मैं बबली को चोदते रहा, वो भी पूरी साथ दी, वो किसी चीज के लिए मना नहीं किया खूब सहयोग किया और कहने लगी. मैं काफी दिन से आपके लण्ड से चुदना चाह रही थी जो मेरा सपना आज पूरा हुआ, रात भर चुदवाने के बाद वो सुबह सुबह ही मेरे कमरे से बाहर चली गई, ताकि किसी को शक ना हो. दोस्तों ये कहानी सच है, और इसको घटे अभी 8 दिन ही हुए है, आशा करता हु की आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी.
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