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माँ ने बेटे और दोस्तों के मोटे मोटे लंड लिए

मेरा नाम राज है मैं 2nd इयर में आगरा में स्टडी करता हू. मेरा घर मुंबई मैं है, मेरे पापा सॉफ्टवेर कंपनी में है ओर सिंगपुर मैं जॉब करते है मम्मी का अपना एक बुटीक है. पापा 6-7 महीनो मैं 2-3 दिन के लिए आते है. मम्मी मुंबई मैं अकेले रहती हैं ओर वो बहुत फ्रॅंक है. मेरी मम्मी का फिगर बहुत मस्त है बूब्स 40 कमर 30 ओर चूतर 42 है मम्मी की हाइट 5 फुट 6 इंच है ओर मम्मी का वेट 55 kg . है ओर मम्मी की उम्र अभी 38 साल है.

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हम लोग हॉस्टिल मैं एक दिन एक ब्लू फिल्म की सीडी लाए ब्लू फिल्म का नाम "फॅमिली संबंद (family relations)" था ओर ये BF माँ बेटे के रीलेशन शिप पर थी ओर वो भी माँ बेटे की चुदाई . BF में एक मम्मी अपने बेटे ओर उसके फ्रेंड्स से चूत मरवाती है. हम सभी ये देख कर एक प्लान बनाने लगे की हम सब अपनी अपनी मम्मी को मिल कर इस सेमेस्टर ब्रेक में चोदेगे.

 

हम 7 दोस्त हैं जिन में से 4 आगरा के हैं ओर 2 जयपुर ओर 1 दिल्ली का है. हम सब ने पहले अपने आगरा वाले दोस्तो की मम्मी को मिलकर खूब चोदा . फिर मेरे दोस्तो ने मेरी मम्मी को चोदने का प्लान बनाया. मेरी मम्मी ओर सब की मम्मी से बहुत खूबसूरत है. मैं ये भी जनता था की मम्मी आसानी से चुदने के लिए मान जायेगी क्यूकि मम्मी की चुदाई 6-7 महीनो में 1-2 दिन होती इस लिए मम्मी की चूत प्यासी रहती होगी .फिर हम सब 7 दोस्त मुंबई में मेरे घर पर पहुच गये.

 

मैंने डोर बेल बजाई तो डोर नही खुला तो मेरे एक दोस्त अपने अंगूठे के पास वाली उंगली से डोर पर लगे कुंडे को खड़कने लगा ओर डोर ओपन हो गया ओर मेरे दोस्त की उंगली मेरी मम्मी की नाभि मैं घुस गई मम्मी के मुह से उई की आवाज़ निकल गयी क्यो की मम्मी की नेवेल पियर्स हो रही है ओर मम्मी की नेवेल में एक छोटी सी चीन लटक रही है ओर मेरे दोस्त नई शरमाते हुए मम्मी की टुंडी से उंगली निकल ली. मेरी मम्मी जायदातर साड़ी पहनती है ओर उनकी नेवेल हमेशा विज़िबल रहती है. फिर हम सब लोग मेरे रूम मैं आ गये तो मेरे दोस्त ने अपनी उंगली मुझे सुँघाई उस की उंगली से मम्मी की नाभि की महक आ रही थी. मेरे दोस्त बोल रहे थे क्या पटाका माल है क्यो रे राज तूने कभी आंटी को नही चोदा . तो मैं बोला मन तो बहुत करता था पेर कभी मौका हाथ नही लगा.

 

फिर मम्मी हम सब के लिए कोल्ड ड्रिंक्स ले कर मेरे रूम में गई , कोई उन के गुलाबी होंटो को देख रहा था तो कोई उन की गोल ओर गहरी नाभि को तो कोई मम्मी की तनी हुई भरी भरी चुचियो को. फिर मैं ने अपने दोस्तो का इंट्रो मम्मी से कराया मैं अपने सभी दोस्तो के नाम मम्मी को बताए ( मैं बोला की ये बाबा, जीतू ,विपुल ,नितिन , नीतू , चेतन , अजय है ) फिर हम सब बातें करने लगे मम्मी ने पूछा तुम्हारे एग्ज़ॅम कैसे हुए तो मैं कहा की हर बार की तरह बहुत अच्छे हुए है ओर हम सब यहा पर अपनी हॉलिडे मानने आए है .

 

फिर बाबा ने कहा की आंटी आपकी बुटीक कैसी चल रही है तो मम्मी बोली इस बार कुछ सेल जयादा रही है . जीतू नई पूछा आंटी आप की बुटीक मैं क्या क्या आइटम है तो मम्मी बोली जयादातर विमन के आइटम है जैसे अंडर गारमेंट्स , ज्वलेरी,लॅडीस गारमेंट्स. फिर अगले दिन मुझे ओर मेरे 5 दोस्तो को एक कम से पुणे जाना था 3 दिन के लिए . बाबा ओर जीतू मम्मी के साथ घर पर रुक गये फिर वो तीनो हमे ट्रेन में छोड़ कर घर लॉट आए , जब वो घर जा रहे थे तो मैं कहा की जीतू चुदाई कर दे ना तो जीतू बोला फ़िक्र मत यार चूत को फाड़ देंगे.फिर तीसरे दिन मैं ओर मेरे 5 दोस्त पुणे से लौट आए पेर मम्मी अभी सो रही थी बाबा ओर जीतू ने बताया की इन 2 दिनों में हमने तेरी मम्मी की चूत को खूब जम के चोदा है ओर फिर उन्होने सारी कहानी हमे बता दी .

 

फिर वो लोग बोले उस दिन हम तुम सब को ट्रेन मैं छोड़ घर पर आ गए ,और मम्मी खाना बनाना लगी उस दिन बहुत गर्मी थी तो मम्मी ने अपनी सारी ज्वेलरी उतार दी मम्मी ने नेवेल ज्वेलरी को भी निकल दिया ओर किचन मैं खाना बनाना लगी. इधर मेरे दोस्त मम्मी की चुदाई का प्लान बना रहे था ओर मम्मी भी ये महसूस कर रही थी . मम्मी ने जीतू को आवाज़ लगाई की किचन में उप्पर रखे डिब्बे को उत्तर दे तो उस ने कोशिस की पर वो डब्बा नही उत्तरा तो उस ने मम्मी से कहा की वो उन को उप्पर उठता है ओर वो डब्बा उतार ले, मम्मी बोली ठीक है ओर फिर जीतू मैं मम्मी को पेट की तरफ से ऊपर उठा दिया इस से मम्मी की गहरी नाभि जीतू के मुह तक आ गई, मम्मी की नाभि की महक जीतू की नाक मैं घुस रही थी. मम्मी की नेवेल की महक जीतू को पागल कर रही थी तो जीतू ने मम्मी की टुंडी पर अपने होठ छुआ दिए तो ओर मम्मी की नाभि का चुंबन ले लिया ओर मम्मी ने भी अपनी नाभि को अंदर खिच लिया जिससे जीतू नई मम्मी की नाभि को चूस लिया.

 

और फिर जीतू ने मम्मी को नीचे उतार दिया तो मम्मी ने हॅसते हुए कहा की चल बदमाश अब खाना बनाना दे. जब खाना बन गया तब वो दोनो सेंटर टेबल पर आ गये ओर मम्मी खाना लगाने लगी मम्मी के दोनो हाथो में दो सब्जियो से भरे हुए कटोरे लगे हुए थे तब ही बाबा बोला आंटी आप नींबू नही लाई सलाद में डालने के लिए तो मम्मी हॅसते हुए बोली मेरी नेवेल में से निकल लो ,बाबा समझ नही पाया ओर उस ने देखा की मम्मी की नाभि में नींबू घुसा था तब मम्मी बोली मेरे दोनो हाथो में ये कटोरिया थी इस लिए मैंने ने ये नीबू अपनी नाभि में घुसा लिया प्लीज निकल लो तो बाबा मम्मी की नाभि में से नींबू निकल ने लगा पर वो नींबू और टाइट हो गया था , इस लिए बाबा की उंगलिया मम्मी की नाभि से नींबू नही निकल पाई , तो जीतू ने मम्मी से कहा की आंटी इधर आइए मैं ये चाकू आप की नाभि में घुसा कर नीबू निकल देता हूँ.

 

जीतू ने मम्मी की नाभि से नीबू निकल दिया .फिर वो तीनो खाना खाते हुए बात कर ने लगे ओर मम्मी बहुत ज्यादा ओपन हो गई ओर वो बाबा से बोली की क्यो आज तक किसी लड़की के जिस्म को भी नही छुआ तुमने तो बाबा हसने लगा ओर बोला नही आंटी ऐसी कोई बात नही तो मम्मी बोली की तो फिर मेरी नाभि को छूते टाइम तुम्हारे हाथ क्यो काप रहे थे. फिर वो तीनो हसने लगे.

 

रात को ओर गर्मी हो गई ओर मम्मी ने एसी चला दिया फिर भी गर्मी थी . तो वो जीतू ओर बाबा से बोली की बहुत गर्मी है मैं तो नहाने जा रही हो ओर वो नहाने चली गई . ओर मम्मी ने सारे कपड़े उतार दिए ओर मम्मी नंगी हो कर अपनी चूत के बाल सॉफ करने लगी. मेरे दोनो दोस्त keyhole में सब देख रहे थे उस के बाद मम्मी की निकालने से पहले वो दोनो नीचे आ गए .

 

फिर मम्मी अपने चेंजिंग रूम में गई ओर उन्होने कॉर्ड वाली ब्रा ओर पैंटी पहनी ओर फिर मम्मी ने अपनी नाभि में अपनी नेवेल चैन को पहन लिया ओर फिर अपनी मस्त जवानी को मिरर में देखने लगी फिर वो जैसे ही पलटी उनका पैर स्लिप हो गया चिल्लाने की आवाज़ सुन कर मेरे दोनो दोस्त ऊपर आ गये.

 

मम्मी को लेकेर नीचे ड्रॉयिंग रूम में आ गये फिर जीतू ने मम्मी की कमर पर मूव लगाई ओर मम्मी कुछ देर में सही हो गई ओर फिर मम्मी ने जीतू से फ्रिज में रखी बियर लाने को कहा ओर फिर जीतू 3 गिलासो में बियर ला रहा था तो तोड़ा सा मिस बॅलेन्स हो जाने से कुछ बियर मम्मी के गोरे पेट पर गिर गई ओर उस बियर ने मम्मी की नाभि को बियर से भर दिया तो मम्मी जीतू से बोली कि जाओ कपड़ा ले कर आओ वर्ना मेरी पैंटी में दाग पड़ जाएगा.

 

जीतू कपड़ा लेने चला गया लेकिन पास में लेटे बाबा ने मम्मी की नाभि में बियर को चुस लिया ओर वो मम्मी की नेवेल को चूस्ता रहा ओर फिर उसने मम्मी की नेवेल में पड़ी चैन को दांतो से खीचा तो मम्मी के मुह से हल्की सी सिसकी निकालने लगी ओर फिर जीतू आगया तो मम्मी बोली अब कपड़े की ज़रूरत नही है बाबा ने मेरी नाभि में भरी बियर को चूस लिया तो बाबा बोला देखा तू तो आंटी की नाभि को होंटो से चूस पाया मैंने तो इसे चूम भी लिया ओर चूस भी लिया . तो जीतू बोला बेटे हम भी तुम्हारे उस्ताद है हम तो आंटी की नेवेल को पहले ही किस कर लिया था ,ओर दोनो की बात सुन कर मम्मी हसने लगी तब ही लाइट चली गई .

 

जीतू ने कैंडल जला ली पर उसे कहा चिपकाए तो वो मम्मी से बोला की आंटी आप के यहाँ पर कैंडल स्टॅंड नही है तो बाबा बोला इतना अच्छा कैंडल स्टॅंड है तो जीतू ने पूछा कहा है तो वो बोला आंटी की नाभि में सीधा खड़ा कर दे तो मम्मी बोली नही मेरी नाभि में वॅक्स भर जाए गा तो जीतू बोला की आंटी हम सॉफ कर देंगे आप की नेवेल को ओर फिर जीतू ने मम्मी की नाभि में कॅंडल घुसेड दी. 20 मीं. बाद लाइट आ गई तो मम्मी ने अपनी नाभि में से कॅंडल निकल के देखा तो मम्मी की नेवेल वॅक्स से भर गई थी तो मम्मी ने जीतू से कहा की चलो क्लीन करो मेरी नेवेल तो जीतू किचन से एक चाकू लाया ओर उस ने वो चाकू मम्मी की नाभि में घुसा दिया ओर खुरछ खुरछ कर नाभि में से सारा वॅक्स निकल दिया .

 

बाबा में टीवी ऑन किया तो रें टीवी पर BF आ रही थी तो जिस में दो आदमी एक औरत को चोद रहे थे तो जीतू बोला आंटी हमे भी जन्नत का सुख देदो तो मम्मी बोली ले लो मेरे बच्चो मैं तो बहुत सालो सी प्यासी हू आज मेरी चूत को फाड़ दो ना . फिर बाबा मम्मी की ब्रा ओर पैंटी खोल दी मम्मी उन दोनो के सामने नंगी पड़ी थी फिर बाबा मम्मी की चुचियो को चूस ने लगा ओर जीतू मम्मी की चूत को. बाबा मम्मी की चुचियो की निप्पल को चुस रहा था ओर वो कभी कभी मम्मी की चुचियो की निप्पल को दांतो से खिचता मम्मी बस यही कह रही थी फाड़ दो मेरी चूत चीर दो इसे......

 

बाबा मम्मी की चुचियो को हाँतो से मसल रहा था ओर वो मम्मी की चुचियो की निप्पल को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था, उधर जीतू मम्मी की चूत चाट रहा था वो मम्मी की चूत की को दांतो से खिचता ओर मम्मी की चूत को चूस रहा था ओर फिर उसने मम्मी की चूत में दो उंगली डाल दी ओर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा. ओर फिर उस ने मम्मी की चूत में अपना लंड पेल दिया ओर मम्मी की ज़ोर दर चीख निकल गई . ओर फिर अपना लंड चूत में अंदर बाहर करने लगा. आआआहहाा आआआ अहहा हह हाहाह." मम्मी बोली " ओह येस चोदो मुमेह चोद आःह्ह " , हहाआह और डालो और ज़ोर से डीईई ईईप्पप प्पेर्र्ररर." एयाया उूउुआााअ प्लस्सस सस्स सस्स.धीरे. मैं मार गई.आआआआआ और तेज़ ईईए आआआमम्म्मममिईीईईईई मजा आ रहा है .मुझीईई आ हहा

 

चुदाई की रफ़्तार जीतू ने बढ़ा दी मम्मी बोली ऊऊऊहह आआहह अब मज़ा आ रहा है और चोद ज़ोर से चोद फाड़ दे इस हसीन चूत को ऊऊुउउइईई तुम ने मुझे जन्नत पंहुचा दिया मैं झड़ गाइिईई रे.फिर थोड़ी देर बाद बाबा बोला आंटी चलिए मम्मी बोली चल तू भी चोद तो बाबा बोला क्या खूबसूरत चूत के दर्शन कराए है आंटी आपने तो मम्मी बोली फ्रिज मैं कुछ राबड़ी रखी है जीतू राबड़ी लेआ ओर फिर बाबा ने राबड़ी में अपना लंड डुबो कर मम्मी की चूची पर राबड़ी लगाई ओर नाभि को भी राबड़ी से भर दिया ओर चूत पर भी राबड़ी लगा दी.

 

फिर बाबा मम्मी की मीठी चूत को चूसने लगा ओर जीतू मम्मी की चुचियो पर लगी राबड़ी चूस रहा था ओर फिर बाबा ने मम्मी की नाभि में भारी राबड़ी में अपनी एक उंगली घुसा दी ओर मम्मी की नेवेल को उंगली से कुरेदने ने लगा ओर फिर उस ने मम्मी की नेवेल को चूस लिया फिर चिकनी बुर को फिर से चाटा और किस के बहाने दाँत भी गाड़ा दिया, और वो ज़ोर से मचल उठती थी. अब उठ भी जा तो मम्मी ने बोला सारी राबड़ी ख़तम हो गयी चलो अब मैं जैसे बोलती हू वैसा करो मेरी बुर को शांत करो, नई मस्ती दो. बाबा उठा मम्मी को फिर चाटने लगा और उनकी बुर में उंगली डालने लगा.

 

आआआआअ उउंम कितना सताइएगा आआआआआ उूुुुुुउउ एमेम एम्म अरे आआआआ मुझे चोद . अब बाबा मम्मी के लेग्स अपने कंधो पर रखे और अपना उठा हुआ लंड निकल कर मम्मी के बुर पर फिरने लगा, वो बोली जल्दी अंदर कर बाबा लंड को बुर पे लगाया और ज़ोर से मम्मी को झटका दिया बाबा का लंड गप से फिसल कर अंदर तक घुस गया.

 

ऊऊआाआँियीईईईई मम्मीआ, मम्मीआअ. उई आ आआ, आआ म्म्म्मममममममममम मैईईईईईईईई आआआआअ उूुुउउ बहुत बड़ा है रे तेरा, ईइसस्स ज़ोर से झटके मार, बड़ा मज़ा आ रहा है आआआवउ. बाबा झटके और बढ़ने लगा और मम्मी और चिल्लाती रही म्म्म्मममम क्या बात अहैइ आह आहंमी ऊऊवई उः. अच्छा लग रहा है यय्ाआआआमम्म वो भी नीचे से अपनी कमर हिला कर बाबा का साथ दे रही थी एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्साआआअ .बाबा बोला आज रबरी की चूत है ना तभी बाबा ने ज़ोर से झटका मारा वो मुह से आवाज़ निकल रही थी आआआआ उूउउंम म्म्मिईीईईईईईईई और बाबा भी जोरदार झटके मरने लगा हह आअहह उनह ऊओह ऊऊहह हाआआं मेरे राजा मर गई रे उईईईईईई मीईईरीईई मम्मीआअ, फ़ाआआअत गाआआईई रीईई. वो भी मज़्ज़ा ले रही थी आ क्या बात है आाश हह ओह और ज़ोर ज़ोर से लगाओ बहुत मज़ा आ रहा है, बाबा भी पूरी ताक़त से लंड को भीतर ठोकने लगा.

 

वो ज़ोर से चिल्लाई फट गयी रे मेरी चूत बाबा का माल निकालने वाला था मम्मी ने बोला की माल को अंदर ही टपका दे कुछ नही होगा उसने कस के पकड़ लिया ओर एक दम से स्पीड तेज कर दी ओर माल को रोकने की पूरी कोशिश की ओर फिर 5 मिनिट में एक दम से बहुत सारा माल निकल दिया मम्मी की चूत के अंदर .ओर फिर पूरी रात उन दोनो ने मेरी मम्मी की चुदाई की ओर सुबह 6 बजे वो सोये . बाबा ओर जीतू के कुछ जानने वाले मुंबई में ही रहेते थे .अगली दिन बाबा ओर जीतू ने प्लान बनाया की वो मम्मी को अपने जानने वालो से भी चुदवायेंगे.

 

जीतू बोला आंटी मेरे एक अंकल यहा अंधेरी में रहते है.तो मम्मी बोली की उनकी फॅमिली कहा है तो जीतू बोला की वो तो आगरा मैं है तो मम्मी बोली तो क्या वो अकेले रहते है तो जीतू बोला नही उन के 3 फ्रेंड भी है.ओर बाबा बोला मेरा भी एक कज़िन यहाँ पर अपने दोस्तो के साथ कंदीवाली में रहता है वो यहाँ से mba कर रहा है ,ओर फिर वो दोनो बोले की आंटी क्या आप हमे वाहा पे मिलवा लाएँगी तो मम्मी बोली की चलो आज कही एक जगह चलते है तो बाबा ओर जीतू मैं बहस होने लगी की मम्मी किस के साथ जाएँगी तो मम्मी बोली टॉस कर लो जो भी जीता उस के साथ जाउगी ओर टॉस जीतू ने जीत लिया . फिर मम्मी ने गुलाबी रंग की जाली दर साड़ी पहनी ओर जीतू के साथ चल दी बाबा बोला क्या माल लग रही हो आंटी.

 

हमेशा की तरह साड़ी मम्मी ने नाभि से नीचे बँधी थी ओर मम्मी की नेवेल में एक तोतई कलर का मोती घुसा था ओर फिर बाबा ने मम्मी के होंटो का ज़ोर दर चुंबन लिया ओर बोला आंटी जल्दी आना.मम्मी के जाते ही बाबा ने अपने कज़िन को कॉल किया की कल तेरे रूम पर एक माल को लाऊगा जितने दोस्तो को चूत चाहिए बता देना .कुछ देर बाद बाबा के कज़िन ने बताया की कुल 4 लोग है बाबा बोला ठीक है. उधर वो दोनो जीतू के अंकल के यहा शाम के 7 बजे पहुच गये जीतू ने भी अंकल को पहले ही बता दिया था की एक सेक्सी आंटी की चूत दिलवाएगा ओर आज सनडे होने की वजह से उनके सारे दोस्त घर पर ही थे जीतू ने मम्मी को सब से मिलवाया ( जीतू बोला की ये मेरे अंकल कमल है ओर ये उन के दोस्त अनिल,अभय ओर मोहित है).

 

फिर शाम को 7.30 बजे कुछ कोल्ड ड्रिंक ओर स्नैक से साथ जीतू ने मम्मी की कोल्ड ड्रिंक में हल्के नशे की गोली मिला रखी थी ओर कुछ देर बाद मम्मी को मदहोशी चढ़ने लगी तो उन्हे कुछ शक होने लगा वो वहाँ से उठ कर बालकोनी में आ गाई ओर पीछे पीछे जीतू भी आ गया तो मम्मी बोली की जीतू तुम ने मेरी कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाया था ओर तुम मुझे यहाँ पर चुदवाने लाए हो क्या.तो जीतू हसने लगा ओर मम्मी भी ओर फिर मम्मी बोली मेरे राजा तुमको मेरी चूत का बहुत ख्याल है. ओर फिर मम्मी हस्ती हुई जीतू के संग अंदर आ गाई. उधर वो चारो मम्मी के जिस्म को घूर रहे थे लगता था महीनो से चूत नही मिली.

 

फिर मम्मी ड्रॉयिंग रूम में ज़मीन में पड़े बिस्तर पर लेट गई ओर वो 4 भी वहाँ पर आ गए ओर मम्मी के चारो तरफ बैठ गये उन में से एक ने मम्मी की सारी पेटीकोट ओर ब्लाउस उतार दिया अब मम्मी का जिस्म पेर केवल ब्रा ओर पैंटी थी तभी जीतू बोला अंकल मैंने कहा था ना बहुत मस्त माल है ओर फिर उन्होने मम्मी की ब्रा ओर पैंटी भी उतार दी ओर वो मम्मी की चुचियो ओर चूत से खेलने लगे. उनमे से दो तो मम्मी की चुचियो को मसल रहे थे ओर एक मम्मी की चूत को मसल रहा था जीतू बोला कमल अंकल आंटी की नाभि में से ये मोती निकल दो इनकी नाभि बहुत मस्त है ओर बहुत गहरी है चूसने में बहुत मज़ा आता है. ओर फिर कमल अंकल ने मम्मी की नाभि से मोती निकल दिया ओर फिर वो मम्मी की नेवेल को चूसने लगे.

 

जीतू ने मम्मी की नेवेल रूहफ्ज़ा से भर दिया ओर बोला की अब चूसो इस रांड की नाभि को. फिर अभय ने मम्मी की चूत को चूसना शुरू किया ओर फिर मम्मी की चूत पर अपना लंड सटा दिया मम्मी चिल्लाई ऊऊुुउउइईई अहह अभय ने एक ज़ोरदार झटके के साथ अपना 8 इंच का लौड़ा एक ही बार में मम्मी कि प्यासी बुर कि गहराई में उतार दिया और धक्के मरने शुरू किए. उनका पूरा लंड मम्मी की बुर मे घुस गया था और वो मम्मी की बुर के नीचे जाकर धक्के मार रहा था. मम्मी के मुह से उकुक्कककक ऊओउउइईई की आवाज़े निकल रही थी और उसने अपनी आखें बंद कर ली थी. अचानक वो बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगे और थोड़ी देर मे उसने अपना पूरा गरम माल मम्मी के बुर मे छोड दिया. 

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पारिवारिक चुदाई की लम्बी कहानी - Parivarik sex kahani

मेरा नाम अरविन्द है, मेरी उम्र 50 वर्ष, पिछली पीढ़ी का व्यवसायी और एक विधुर हूँ, मेरी पत्नी माधुरी की कैंसर के कारण जल्दी मृत्यु हो गई थी, वह मुझे तीन बच्चों, बड़ी बेटी प्रियंका (अब 27), मेरा बेटा नील (अब 25), और छोटी बेटी अनुष्का (अब 22) का पालन-पोषण अकेले ही करने के लिए आज से 17 साल पहले ही छोड़ कर चली गई थी।मैंने लगभग उन्हीं दिनों अपने एक मित्र के साथ मिल कर वैज्ञानिक उपकरणों का निर्यात व्यापार शुरू किया था

पारिवारिक चुदाई की लम्बी कहानी - Parivarik sex kahani

मेरे लिए अपने बच्चों की देखभाल इतनी आसान नहीं थी मगर माधुरी की दो छोटी बहनें अक्षरा और आलिया, मेरे बच्चों की मौसियों ने कभी हमें माधुरी की कमी महसूस नहीं होने दी। माधुरी की असामयिक मृत्यु के वक्त अक्षरा और आलिया दोनों अविवाहित थी और बारी बारी से बच्चों की देखभाल के लिए हमारे साथ रहने आती रहती थी।

अक्षरा इस समय 41 साल की हो चुकी है और अपने पति व एक बेटी के साथ पटियाला में बहुत खुश है। इस उम्र में भी वो दिल और शरीर से युवा है, उसके पति प्राध्यापक हैं।37 वर्षीया आलिया भी आजकल चण्डीगढ़ में अपने पति, एक बेटा एक बेटी के साथ सुखी जीवन बिता रही है। उसके पति का दवाइयों का बड़ा कारोबार है।

मैं जीवन भर अक्षरा और आलिया का शुक्रगुजार रहूँगा कि मेरी इन दोनों हसीन सालियों ने अपने विवाह से पहले और विवाह के बाद भी मेरे बच्चों के लिए समय निकाला, हम चारों को माधुरी की कमी खलने नहीं दी। मुझे नहीं लगता कि कोई पुरूष अपनी सालियों के रूप में अक्षरा और आलिया से बेहतर कुछ पा सकता है।

मैं हमेशा से ही अति कामुक रहा हूँ, और यह बात मेरी माधुरी के साथ साथ अक्षरा और आलिया भी बहुत जल्दी ही जान गई थी।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोनों ही पहले दिन से ही अपने जीजू को प्यार करती थी और मुझमें ही वे अपना पहला प्रेमी ढूंढने की कोशिश में लगी रहती थी। मेरी माधुरी विवाह के समय अक्षतयौवना नहीं थी, और उसने अपनी दोनों जवाँ और हसीं बहनों अक्षरा और आलिया के अक्षत यौवन को प्राप्त करने में मुझे सहयोग देकर अपनी फ़टी योनि की क्षतिपूर्ति की थी।खैर..इस समय मैं उस समय की कहानी नहीं बता रहा, उनके बारे में तो हम फ़िर कभी भी बात कर सकते हैं, अगर आप चाहेंगे तो, आज तो मैं इस नई पीढ़ी की बात करना चाह रहा हूँ, मेरी अदभुत पुत्रवधू सोनम (23) की !पता नहीं आपको मेरी बातें कैसी लग रही होंगी, कुछ को अजीब भी लग रहा होगा कि मैं अपने ही बेटे की पत्नी के बारे में लिख रहा हूँ।अगर आपकी रुचि हो तो पढ़ते रहिए।तो मेरे बेटे की शादी अभी सात महीने पहले ही हुई है। मेरी पुत्र वधू मेरे बेटे ने नहीं बल्कि मेरी दोनों सालियों ने पसन्द की थी।

लड़की मुझे भी खूब आकर्षक और रसीली लगी थी। साथ साथ सोनम की मम्मी के गर्मागर्म व्यव्हार ने भी मेरे विधुर मन-मानस के किसी कोने में एक आशा की किरण सी जगा दी थी।

 

हमारी पहली ही मुलाकात में उस महिला ने अपनी कई छोटी-बड़ी हरकतों से मुझे उसकी अन्तर्वासना से अवगत करा दिया था।मैं कोई मूर्ख तो हूँ नहीं कि ये बातें ना समझ पाऊँ और फ़िर एक मूर्ख भी उसकी आँखों में देख कर समझ सकता है और एक बार जब अनायास ही हम किसी कारणवश उस कमरे अकेले रह गए थे तो तुरन्त उसका पल्लू फिसल गया था। उस समय जब मेरी नजर उसके नन्हे से ब्लाउज पर पड़ी तो मैं अवाक रह गया, मैंने अपने पूरे जीवन में इससे छोटा ब्लाउज शायद पहले कभी नहीं देखा था। मुश्किल से तीन इन्च की ज़िप लगी थी उसके सामने वाले दो हिस्सों को जोड़ने के लिए।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। उसके बाद की मुलाकातें भी कम रोमांचक नहीं रही पर उसके बारे में फ़िर कभी।

जब मेरी शादी हुई थी तो मेरी हैसियत ऐसी नहीं थी कि मैं एक अच्छा हनीमून मनाने कहीं जा सकूँ। पर आज मेरे पास, मेरे पुत्र नील के पास वो सभी सुख-सुविधाएँ, साधन हैं कि वो पूरी दुनिया में कहीं भी अच्छे से अच्छा हनीमून मनाने जा सकता था।तो मैंने अपने बेटे बहू को बीस दिन के यूरोप टूअर पर भेजा।सोनम मेरे इस उपहार से बहुत खुश हुई थी और हनीमून के लिए घर से निकलने वक्त उसने मुझे अपनी बाहों में कस कर जकड़ कर शुक्रिया अदा किया था।और जब वे दोनों लौटे थे तो सोनम ने उससे भी बड़ा तोहफ़ा मुझे दिया था- उसने मुझे बाहों में जकड़ कर मेरे गाल पर अपने होंठ छाप दिए थे। उस समय महसूस तो मुझे उसकी जीभ भी हुई थी अपने गाल पर ! पता नहीं मेरा वहम था या…!आजकल तो मैं दफ़्तर तभी जाता हूँ जब कोई मीटिंग होती है या कोई दूसरा जरूरी काम ! मेरा बेटा हमारे हिस्सेदार के साथ मिल कर मेरा कारोबार बहुत बढ़िया तरीके से चला रहा है।मैं अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखता हूँ तो मैं अपना काफ़ी समय अपने घर में ही बनाए एक बड़े ज़िम में बिताता हूँ।मैं क्लब में टेनिस खेलने के साथ साथ हफ़्ते में कम से कम तीन बार तैराकी अवश्य करता हूँ।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। दोपहर को खाने के साथ बीयर और रात के खाने से पहले थोड़ी व्हिस्की लेना मेरी दिनचर्या का हिस्सा है।अब चूंकि नील अपने काम में इतना व्यस्त है कि सोनम पूरे दिन में कई घण्टे मेरे साथ ही बिताती है। उसने मुझसे पूछा भी कि क्या वह मेरे साथ मेरे जिम में, टेनिस, तैराकी में साथ आ सकती है तो मुझे उसे अपने साथ रखने में कुछ ज्यादा ही खुशी का अनुभव हुआ। हम अक्सर साथ साथ शॉपिंग के लिए भी जाते तो एक बार क्या हुआ कि-सोनम-नील की शादी को दो महीने ही हुए थे, हम मत्लब सोनम और मैं एक मॉल में स्विम सूट देख रहे थे, थोड़ा मुस्कुराते हुए, थोड़ा शरमाते हुए सोनम ने मुझे एक छोटी सी टू पीस बिकिनी दिखाई और पूछा- यह कैसी है पापा?

 

और जिस तरह से यह पूछते हुए उसने मेरी ओर देखा, तो दोस्तो, मेरे जीवन में शायद इससे उत्तेजक अदा किसी लड़की या औरत ने नहीं दिखाई थी। उसके चेहरे पर मुस्कान थी, आँखों में शरारत भरा प्रश्न था, उसकी यह कामुक अदा मुझे मेरे अन्दर तक हिला गई।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने बिना एक भी पल गंवाए उसकी कमर पर अपने दोनों हाथ रखे और दबाते हुए कहा- हाँ ! इसमें तुम लाजवाब लगोगी, तुम्हारी ही फ़िगर है इसे पहनने के लिए एकदम उपयुक्त !वो खिलखिलाई- मैं तो बस मजाक कर रही थी पापा ! मैं इसे आम स्विमिंगपूल में कैसे पहन सकती हूँ?“लेकिन जान ! मैं मजाक नहीं कर रहा !मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर के पीछे लेजा कर, दूसरा हाथ उसके कूल्हे पर रखकर उसे अपनी तरफ़ दबाते हुए कहा- हमारा क्लब एक विशिष्ट क्लब है और यहाँ पर काफ़ी लड़कियाँ और महिलाएँ ऐसे कपड़े पहनती हैं। और वीक-एण्ड्स को छोड़ कर अंधेरा होने के बाद तो शायद ही कोई क्लब में होता हो ! तुम इसे उस वक्त तो पहन ही सकती हो !अब तक मेरा ऊपर वाला हाथ भी नीचे फ़िसल कर उसके चूतड़ों पर आ टिका था।मैंने सेलगर्ल की ओर घूमते हुए वो बिकिनी भी पैक करने को कह दिया।अगली सुबह सोनल मेरे साथ ज़िम में थी, उसकी छरहरी-सुडौल काया से मेरी नजर तो हट ही नहीं रही थी। उसने भी शायद मेरी घूरती नजर को पहचान लिया था, तभी तो उसके गुलाबी गाल और लाल लाल से हो गए थे, और ज्यादा प्यारे हो गए थे। वो मेरे पास आकर मेरे गले में एक बाजू डालते हुए बोली- जब आप मेरी तरफ़ इस तरह से देखते हैं ना पापा ! मुझे बहुत शर्म आती है पर अच्छा भी बहुत लगता है।उसने अपना चेहरा मेरी छाती में छिपा लिया, मैं उसकी पीठ थपथपाते हुए उससे जिम में रखी मशीनों के बारे में बात करने लगा कि उन्हें कैसे इस्तेमाल करना है और उनसे क्या नहीं करना है।उसे मेरी बातें तुरन्त समझ आ जाती थी और अपनी बात भी मुझसे कह देती थी।

हमने ज़िम में थोड़ी वर्जिश करने के बाद आराम किया, फ़िर नाश्ता करके टेनिस के लिये क्लब आ गये।

 

उसे टेनिस बिल्कुल नहीं आता था तो मैंने उसे रैकेट पकड़ना आदि बता कर शुरु में दीवार पर कुछ शॉट मार कर कुछ सीखने को कहा। गयारह बजे तक हम वापिस घर आ गए और आते ही वो तो बगीचे में ही कुर्सी पर ढेर हो गई।मैं उसके पास वाली कुर्सी पर बैठ गया और पूछा- क्या मैंने तुझे ज्यादा ही थका दिया?उसने कहा- नहीं पापा, ऐसी कोई बात नहीं !पर उसके चेहरे के हाव भाव से साफ़ नजर आ रहा था कि वो थक चुकी है, मैं उसकी कुर्सी के पीछे खड़ा हुआ और उसके कंधे और ऊपरी बाजुएँ सहलाते हुए बोला- टेनिस प्रैक्टिस कुछ ज्यादा हो गई !वो बोली- पापा, कई महीनों से मैंने कसरत आदि नहीं की थी ना, शायद इसलिए !मैंने कुछ देर उसकी बाजू, कन्धे और पीठ सहलाई तो वो कुर्सी छोड़ खड़े होते हुए बोली- पापा, आप कितने अच्छे हैं।

यह कहते हुए उसने मुझे अपनी बाहों में भींच लिया। मैंने भी उसके बदन को अपनी बाहों के घेरे में ले लिया और कहा- मेरी सोनम भी तो कितनी प्यारी है !आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

कहते हुए मैंने उसके माथे का चुम्बन लिया और जानबूझ कर अपनी जीभ से मुख का थोड़ा गीलापन उसके माथे पर छोड़ दिया।पापा, मैं कितनी खुशनसीब हूँ जो मैं आपकी बहू बन कर इस घर में आई !

आप यहीं बैठ कर आराम कीजिए, मैं चाय बना कर लाती हूँ !कहते हुए सोनम मुड़ी।

मैं कुर्सी पर बैठ कर सोचने लगा- मैं भी कितना खुश हूँ सोनम जैसी बहू पाकर ! आज कितना अच्छा लगा सोनम के साथ !तभी मन में यह विचार भी आया कि उसके वक्ष कैसे मेरी छाती में गड़े जा रहे थे जब वो मेरी बाहों में थी।ओह ! जब सोनम चाय बनाने के लिए जाने लगी तो मेरी नजर उसके चूतड़ों पर पड़ी, उसका टॉप थोड़ा ऊपर सरक गया था और शायद टेनिस खेलने से उसकी सफ़ेद निक्कर थोड़ी नीचे होकर मुझे उसके चूतड़ों की घाटी का दीदार करा रही थी। अब या तो उसने पैंटी पहनी ही नहीं था या फ़िर पैन्टी निक्कर के साथ नीचे खिसक गई थी। मेरी अन्तर्वासना जो पहले ही कुछ कुछ जागृत हो रही थी, अब तो यह देखते ही छलांगें मारने लगी।

 

मैं भूल गया कि यह मेरी पुत्र वधू है, मैं उठ कर उसके पीछे रसोई में गया, उसके पीछे खड़े होकर उसे चाय बनाते देखने लगा। मेरी निक्कर का उभार उसके कूल्हों के मध्य में छू रहा था !

उसने पीछे मुड़ कर अपने कन्धे के ऊपर से मेरी आँखों में झांका और बोली- पापा, मैं तो चाय लेकर बाहर ही आने वाली थी।

उसने मेरे लिंग के पड़ रहे दबाव से मुक्त होने के लिए अपने चूतड़ थोड़े अन्दर दबा लिए और मैं उसकी टॉप और निक्कर के बीच चमक रही नंगी कमर पर अपनी दोनों हथेलियाँ रख कर बोला- मैं कुछ मदद करूँ?

मेरे इस स्पर्श से उसे एक झटका सा लगा और वो मेरी ओर देखने के लिए मुड़ी कि उसके चूतड़ मेरे लिंग पर दब गए, मेरा उत्थित लिंग उसके पृष्ठ उभारों के बिल्कुल बीच में जैसे घुस सा गया।

उसे मेरी उत्तेजना का आभास हो चुका था पर कोई प्रतिक्रिया दिखाए बिना वो बोली- चलिए पापा ! चाय तैयार है।

वो मेरे आगे आगे चलने लगी और मैं उसके पीछे पीछे उसकी नंगी कमर और ऊपर नीचे होते कूल्हों पर नजर गड़ाए चलने लगा।

बाहर पहुँचते पहुँचते मैं अपने को रोक नहीं पाया और जैसे ही सोनल चाय स्टूल पर रखने के लिए झुकी, मैं अपनी दोनों हथेलियाँ उसके कूल्हों पर टिकाते हुए बोला- नाइस बम्स !

 

इसी के साथ मैंने अपनी दोनों कन्नी उंगलियाँ कूल्हों की दरार में दबा दी।

 

ओह पापा ! आप भी ना ! अभी चाय छलक जाती !चाय रखने के बाद वो मेरी तरफ़ घूमते हुए बोली और मेरे हाथ फ़िर से उसकी कमर पर आ गये।

तुम्हारे कूल्हे बहुत लाजवाब हैं सोनल ! आई लाइक दैम !पता नहीं मैं कैसे बोल गया और इसी के साथ मेरी आठों उंगलियाँ उसकी निक्कर की इलास्टिक को खींचते हुए उसके चूतड़ों के नंगे मांस में गड़ गई।

 

सोनल के बदन में जैसी बिजली सी दौड़ गई और थोड़ी लज्जा मिश्रित मुस्कान के साथ बोली- सच में पापा?

हाँ सोनल ! तुम्हारे चूतड़ एकदम परफ़ेक्ट हैं ! इससे बढ़िया चूतड़ मैंने शायद किसी के नहीं देखे !कहले हुए मैंने अपनी हथेलियाँ कुछ इस तरह नीचे फ़िसलाई कि सफ़ेद निक्कर उसकी जांघों में लटक गई।

 

सोनल अपनी जगह से हिली नहीं और अब मैं उसके नंगे चूतड़ अपने हाथों में मसल रहा था।

मैंने फ़ुसफ़ुसाते हुए उससे कहा- सोनल ! मैंने बहुत सारे चूतड़ इस तरह नंगे देखे हैं, सहलाए हैं, चाटे भी हैं परकहते कहते मैंने अपनी उंगलियों के पोर उन दोनों कूल्हों के बीच की दरार में घुसा दिए।

 

हाँ पापा ! मैंने सुना है कि आपने खूब… !” कहते हुए वो कामुक मुस्कान के साथ शरमा गई।

 

तुम्हें किसने बताया?”

 

उसके कनखियों से मेरी तरफ़ देखा और अर्थपूर्ण मुस्कुराहट के साथ बोली- अनुष्का ने ! वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी, वो मेरी सहेली थी और चटखारे ले ले कर आपकी रसीली कहानियाँ मुझे सुनाया करती थी।

इसी के साथ वो खिलखिला कर हंस पड़ी।

अब यह मेरे लिए परेशानी वाली बात थी, मैंने पूछा- अनुष्का ने तुम्हें क्या क्या बताया?

अब मेरे हाथ खुल्लमखुल्ला सोनम के चूतड़ों से खेल रहे थे।

वो फ़िर खिलखिलाई- ये लड़कियों की आपस की बातें हैं ! मैं आपको नहीं बताऊँगी।

लेकिन ना कभी अनुष्का ने ना कभी तुमने बताया कि तुम सहेलियाँ थी?”

नील से मेरी शादी करवाने में अनुष्का का ही तो हाथ है ! दो साल पहले जब एक बार आप लन्दन गये हुए थे तो अनुष्का मुझे यहाँ इस घर में लेकर आई थी। उस समय आलिया मौसी भी यहीं थी। तो अनुष्का ने ही मौसी को बीच में डाल कर नील की शादी मुझसे करवाई।

ओह ! तो आलिया भी तुम्हारे साथ मिली हुई है?”

तो क्या पापा? आलिया मौसी तो आपके साथ भीहै ना?”

ह्म्म !

आलिया मौसी ने ही तो बताया था कि…!!”

क्या बताया था उसने? बोलो !?!”

उन्होंने बताया था कि आप किसी भी लड़की को अपने चुम्बन से पागल कर सकते हो !

आलिया से भी ना चुप नहीं रहा जातातो अब तुम भी पागल…? हंह…?” मैंने उसके टॉप के अन्दर उसकी पीठ पर एक हाथ फ़िराते हुए कहा।

हाँ पापा, मुझे भी अपने होंठों का जादू दिखाइए ना !सोनम ने अपना चेहरा ऊपर उठा कर अपने होंठों को गोल करते हुए कहा।

मैं अपना हाथ उसकी पीठ से सरका कर गर्दन तक ले आया और उसके सिर को पीछे के जकड़ते हुए अपने होंठ उसके रसीले होंठों पर रख दिये।

मेरे हाथ के उसके सिर पर जाने से हुआ यह कि उसका टॉप भी मेरे हाथ के साथ सोनम के कन्धों में आकर रुका।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

मेरा दूसरा हाथ जो अभी तक उसके चूतड़ों पर था, वो फ़िसल कर उसकी जांघ तक चला गया और उसकी जांघ को उठा कर मैंने अपनी बाजू पर ले लिया।

सोनम ने अपने को मुझसे छुटवाते हुए कहा- पापा, अन्दर चलते हैं।

मैंने उसे छोड़ते हुए कहा- चलो ड्राइंग रूम में चलो !

जैसे ही वो सीधी खड़ी हुई, उसकी निक्कर उसके पैरों में ढेर हो गई।

मैंने निक्कर को पकड़ कर उसके पैरों से निकाल कर कहा- चलो, मैं इसे सम्भालता हूँ।

वो आगे आगे, मैं पीछे पीछे उसकी निक्कर को हाथ में लेकर सूंघते हुए चल रहा था, उसकी जांघों और योनि की गन्ध उस निक्कर में रमी हुई थी। कपड़ों के नाम पर सोनम के गले में उसका टॉप एक घेरा सा बनाए पड़ा था। निक्कर मेरे हाथ में थी, ब्रा पैन्टी पहनना शायद उसे भाता नहीं था।

अन्दर ड्राइंग रूम में जाकर सोनम ने ऐ सी और सारी बत्तियाँ जला दी। पूरा कमरा रोशनी से नहा गया।

और जैसे ही सोनम बत्तियाँ जला कर मेरी तरफ़ घूमी, उसने अपने गले से वो टॉप निकाल कर मेरे मुँह पर फ़ेंक दिया।

लेकिन मेरी नजर तो उसकी नाभि पर थी, उसमें उसने एक बाली पहनी हुई थी। उसके बाद मेरी निगाहें सरक कर नीचे गई तो देखा योनि ने घने सुनहरे-भूरे बालों का घूंघट औढ़ा हुआ था।

 

सोनम ने मेरी तरफ़ अपनी बाहें फ़ैलाते हुए कहा- आओ ना पापा ! मुझे अपने होंठों से पागल करो ना !

 

सोनम अपने होंठों पर जीभ फ़िरा रही थी, उसके गीले होंठ मुझे निमंत्रण दे रहे थे।

मैंने उसके गालों को अपनी हथेलियों में पकड़ कर उसकी गहरी आँखों में झांका और अपने होंठ उसके होंठों पर हल्के से रगड़ दिया।

उसके मुख से सिसकारी फ़ूटी- पापा ! और करो ! प्लीज़ !

 

जानूअब तुम्हारी बारी है !मैं उसके नंगे चूतड़ों को अपने हाथों में सहेजते हुए फ़ुसफ़ुसाया।

 

पापाप्लीज़ आप करो ना ! प्लीज़ पापा ! करो !वो एक छोटे बच्चे की तरह मचलते हुए बोली- जन्नत का मजा तो आप ही मुझे देंगे ना पापा !

ठीक है ! मेरे सिर को आपने हाथों में थाम लो सोनम !

बिना एक भी शब्द बोले उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने चेहरे पर झुका लिया, हमारे होंठों ने एक दूसरे को छुआ और मैं उसे अपने होंठों से सताने लगा।

सोनम का पूरा बदन काम्प रहा था और उसके मुख से कामुक सीत्कारें निकल रही थी।

और तभी अचानक एकदम से उसने मेरे होंठों को चॉकलेट की तरह चूसना-खाना शुरु कर दिया।

सोनम की इस हरकत ने मुझे भी पागल सा कर दिया, मैंने उसके चूतड़ों के नीचे अपने दोनों हाथ ले जा कर उसे ऊपर को उठाया तो उसने अपनी टांगें मेरे कूल्हों के पीछे जकड़ ली।

 

इससे उसके चूतड़ों के बीच की दरार चौड़ी हो गई और मेरा मध्यमा उंगली उसकी गाण्ड के छिद्र को कुरेदने लगी।

 

लड़की मेरे बदन पर सांप की तरह लहरा कर रह गई और मेरी उंगली उस कसे छिद्र को भेदते हुए लगभग एक इंच तक अन्दर घुस गई।

 

सोनम हांफ़ रही थी- ऊपापाउह पाआहना

 

मुझे याद नहीं हम कितनी देर तक इस हालत में रहे होंगे कि तभी उसका मोबाइल घनघना उठा।

 

और इस आवाज से हमारे प्यार के रंग में भंग हो गया।

उसने एक हल्के से झटके के साथ अपनी टांगें मेरी कमर से नीचे उतारी और बोली- पापा, जरा उंगली निकालो, मैं फ़ोन देख लूँ !आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

 

जैसे ही मैंने अपनी उंगली उसकी गाण्ड से निकाली उसने मेरा हाथ पकड़ा और उसे अपने नाक तक ले जा कर मेरी उंगली सूंघने लगी।

 

तभी मुझे जाने क्या सूझा, मैंने अपनी वो उंगली उसके होंठों से छुआ दी। उसने पीछे हटकर फ़ोन उठाकर देखा तो उसके पति यानि मेरे बेटे नील का फ़ोन था।

 

मैंने सोनम की आँखों में देखा तो वो शर्म के मारे मुझसे नजरें चुराने लगी।

 

मैं इसके पास गया और सोनम से सट कर फ़ोन पर अपना कान लगा दिया।

नील उससे पूछ रहा था कि सुबह क्या क्या किया और सोनम ने भी अभी आखिर की कुछ घटनाओं को छोड़ कर उसे सब बता दिया।

 

नील ने पूछा कि वो हांफ़ क्यों रही है तो सोनम ने बताया कि वो नीचे थी और फ़ोन ऊपर, फ़ोन की घण्टी सुन कर वो भाग कर ऊपर आई तो उसकी सांस फ़ूल गई।

 

सच में मेरी पुत्र-वधू काफ़ी चतुर है ! मैंने मन ही मन भगवान को इसके लिये धन्यवाद किया।

 

मैं अपने बीते अनुभवों से जानता था कि गर्म लोहे पर चोट करने का कितना फ़ायदा होता है। मेरे बेटे का फ़ोन बहुत गलत समय पर आया था, बिल्कुल उस समय जब मैं अपने बेटे की योनि तक पहुँच ही रहा था और वो भी मेरी हरकतों का माकूल जवाब दे रही थी।

अगर नील का फ़ोन बीस मिनट भी बाद में आया होता तो मेरी बहू अपने ससुर के अनुभवी लौड़े का पूरा मजा ले रही होती।

 

लेकिन शायद भाग्य को यह मंजूर नहीं था !

 

मैं फ़ोन पर कान लगाए सुन रहा थामेरे बेट-बहू लगातार लव यू !और चुम्बनों का आदान प्रदान कर रहे थे फ़ोन पर !

 

और मुझे महसूस हो रहा था कि जितनी देर फ़ोन पर मेरे बेटे बहू की यह रासलीला चलती रहेगी, मेरे लण्ड और मेरी बहू सोनम की चूत के बीच की दूरी बढ़ती जाएगी। और शायद नील को बातचीत खत्म करने की कोई जल्दी भी नहीं थी।

मुझे आज मिले इस अनमोल अवसर को मैं व्यर्थ ही नहीं गंवा देना चाहता था, तो मैंने अपनी बहू को उसके पीछे आकर अपनी बाहों में जकड़ लिया।

 

सोनम मेरे बेटे के साथ प्यार भरी बातों में मस्त थी और उसने मेरी हरकत पर ज्यादा गौर नहीं किया, वो अपने पति से बिना रुके बातें करती रही लेकिन उसकी आवाज में एक कम्पकंपाहट आ गई थी !

क्या हुआ? तुम ठीक तो हो ना?” मेरे बेटे नील ने थोड़ी चिन्ता जताते हुए पूछा।

थोड़ा रुकते हुए सोनम ने जवाब दिया- उंहहाँ ! ठीक हूँजरा हिचकी आ गई थी।

मैंने सोनम के जवाब की प्रशंसा में उसके एक उरोज को अपनी मुट्ठी में भींचते हुए दूसरा हाथ उसके गाल पर फ़िरा दिया।

नील अपनी पत्नी और मेरी बहू सोनम से कुछ इधर उधर की बातें करने लगा।

लेकिन उसे लगा कि सोनम की आवाज में वो जोश नहीं है जो कुछ पल पहले था क्योंकि सोनम हाँ हूँ में जवाब दे रही थी और अपने बदन को थिरका कर, लचका कर मेरी तरफ़ देख देख कर मेरी हरकतों का यथोचित उत्तर दे रही थी।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

 

इससे मुझे यकीन हो गया था कि वो वास्तव में अपने पति के साथ मेरे सामने प्रेम-प्यार की बातें करने में आनन्द अनुभव कर रही थी।

 

जरा सोच कर देखिए जिस लड़की की शादी को अभी दो महीने ही हुए हों वो अपने पति से प्यार भरी बातें करते हुए अपने ससुर के सामने पूर्ण नग्न हो और उसका ससुर उसकी चूचियों से खेल रहा हो !

अब मैं समझ चुका था कि मेरी बहू मुझसे इसके अलावा भी बहुत कुछ पाना चाह रही है तो मैंने भी और आगे बढ़ने का फैसला कर लिया।

मैंने फोन के माउथपीस पर हाथ रखा और फुसफुसाया- बात चालू रखना, फोन बंद मत होने देना ! ठीक है?

 

उसने मेरी तरफ वासनामयी नजरों से देखा और हाँ में सर हिलाया। सोनम भी अब खुल कर इस खेल में घुस गई थी।

अब मैं उसके सामने आया और नीचे अपने घुटनों पर बैठ कर अपने हाथ उसके चूतड़ों पर रख कर उसे अपने पास खींचा और अपने होंठ उसके योनि लबों पर टिका दिए !

ओअ अयाह ऊउह !!!सोनम के होंठों से प्यास भरी सिसकारी निकली !

मैं सुन नहीं पाया कि उसके पति ने क्या कहा लेकिन वो उत्तर में बोली- ना नहीं ! मैं ठीक हूँ.. बस मुझे ऐसा लगा कि मेरी जांघ पर कुछ रेंग रहा था

 

एक बार नील ने शायद कुछ कहा जिसके जवाब में सोनम ने कहा- शायद मेरी पैंटी में कुछ घुस गया हैचींटी या कुछमैं टेनिस लॉन में घास पर बैठ गई थी तो

मेरे बेटा जरूर कुछ गन्दी बात बोला होगा, तभी तो सोनम ने कहा- धत्त ! गंदे कहीं के ! अच्छा ठीक है ! मैं पैंटी उतार कर अंदर देखती हूँतो मैं पांच मिनट बाद फोन करूँ? उसने हाँ कहा होगा तभी तो उसके बाद सोनम ने मेरे बेटे को फ़ोन पर एक चुम्मी देकर फ़ोन बन्द कर दिया और फ़ोन को सोफ़े पर उछालते हुए मुझसे बोली- पापा !

 

मैं खड़ा हो गया और सोनम को अपनी बाहों मे ले लिया।

सोनम भी मेरी छाती पर अपना चेहरा टिका कर मुझे बाहों के घेरे में लेते हुए धीमी आवाज में बोली- आप बहुत गन्दे हैं पापा !

 

उसने अपने कूल्हे आगे की तरफ़ धकेल कर मेरी पैन्ट के उभार पर अपनी योनि टिका ली थी।

 

मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसके होंठों को चूमते हुए बोला- हाँ ! सही कह रही हो सोनम ! मैं असल में बहुत गन्दा हूँ जान ! अगर मैं गन्दा ना होता तो अपनी प्यारी बहू सोमन को मजा कैसे दे पाता?

 

सोनम मेरी आँखों में झांकते हुए बोली- अगर नील को पता लगा तो क्या होगा?

कहानी के अगले भाग की प्रतीक्षा कीजिए।

 

मैंने उसके चूतड़ों को थपथपाते हुए कहा- तुम बहुत समझदार हो जानम ! तुम उसे हमेशा खुश और संतुष्ट रखोगी !

 

मैंने उसके होंठों को फ़िर चूमा, बोला- और मैं तुम्हें हमेशा खुश और संतुष्ट रखूँगा !

मुझे पता है पापा… ” उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया- मैं नील से फ़ोन पर बात कर रही थी और आप मुझे वहाँ चूम रहे थे ! कितने उत्तेजना भरे थे ना वो पल ! मैं तो बस ओर्गैस्म तक पहुँचने ही वाली थी !

 

मैंने सोनम को सुझाव दिया- अपना फ़ोन उठाओ और बेडरूम में चलो ! वहाँ जा कर आराम से नील से फ़ोन पर बातें करना !

 

सोनम खिलखिलाते हुए बोली- मैं भी कुछ ऐसा ही सोच रही थी पापा !

उसने मेरी आँखों में झान्कते हुए कहा- पापा ! मुझे आलिया मौसी ने बताया था कि आप किसी भी लड़की के मन की बात जान सकते हैं। अब मुझे पता लगा कि मौसी सही कह रही थी।

 

हम दोनों खूब हंसे और हंसते हंसते सोनम ने मेरी पैन्ट के उभार को अपनी मुट्ठी में पकड़ते हुए कहा- क्या मैं इस शरारती को देख सकती हूँ?

हाँ बिल्कुल ! यह तुम्हारा ही तो है ! मैंने फ़टाफ़ट अपनी पैंट उतारी !

सोनम ने लपक कर नीचे बैठ कर मेरा अन्डरवीयर नीचे खींच दिया। एक झटके से अन्डवीयर उरतने से मेरा सात इन्च लम्बा तना हुआ लिंग ने जोर से उठ कर सलामी दी तो वो सामने बैठी सोनम के नाक से जा टकराया।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

 

सोनम जैसे घबरा कर पीछे हटी, फ़िर तुरन्त आगे बढ़ कर उसने एक हाथ से मेरे लटकते अण्डकोषों को सम्भाला औए बहुत हल्के से

 

अपने होंठ लिंग की नोक पर छुआ दिए।

 

काफ़ी समय से खड़े लण्ड को गीला तो होना ही था, उसके होंठ छुआने से मेरे लण्ड का लेस उसके होंठों पर लग गया और एक तार सी उसके होंठों और मेरे लण्ड की नोक के बीच बन गई।

 

सोनम ने दूसरे हाथ मेरे लण्ड की लम्बाई को पकड़ा और अपने होंठों पर जीभ फ़िराती हुए बोली- अम्मांहबहुत प्यारा है !

 

जानू, तुम्हें पसन्द आया?” मैं थोड़ा आगे होकर फ़िर से अपने लण्ड को उसके होंठों पर रखते हुए बोला।

हाँ पापा !कहते हुए उसने अपनी जीभ मेरे लिंग के अगले मोटे भाग पर फ़िराई। फ़िर एक लम्बी सांस भर कर उसे सूघते हुए बोली- और इसमें से कितनी अच्छी खुशबू आ रही है !

 

मैंने उसे कन्धों से पकड़ कर उठाया और कहा- चलो बिस्तर पर चलते हैं।

 

एक मिनट !सोनम ने मेरी शर्ट ऊपर उठा कर उतार दी, फ़िर मेरे लण्ड को पकड़ कर मुझे बिस्तर की तरफ़ खींचते हुए बोली- अब चलो !

 

अब हम दोनों बिल्कुल प्राकृतिक अवस्था में थे, मैंने उसके कूल्हे पर एक हाथ रख कर उसे बिस्तर की तरफ़ धकेलते हुए कहा- चलो !

हम दोनों बिस्तर पर आ गए, सोनम के हाथ में फ़ोन था, वो बिस्तर पर अपनी टाँगें थोड़ी फ़ैला कर पीठ के बल लेट गई और अपनी जांघों के बीच में उंगली से इशारा करते हुए मुझसे बोली- पापा, थोड़ा चाटो ना प्लीज़ !

 

मैंने अपना चेहरा उसकी चिकनी जाँघों के बीच में टिका लिया और अपने होंठों में उसकी झाँटे दबा कर खींचने लगा।

 

ओ पापा ! आप बाद में खेल लेना, मेरी गीली हो रही है, एक बार मेरे अन्दर से चाट लीजिए !

मैं थोड़ा सीधा हुआ और अपनी उंगलियों से बालों के जंगल में उसकी योनि के लबों को खोजने लगा।

तुम इन्हें साफ़ क्यों नहीं करती सोनम?”

 

नील को ऐसे ही पसंद है ना !

 

मैंने सोनम को जांघों से पकड़ कर ऊंचा उठाया तो उसकी योनि मेरे होंठों के पास थी और वो खुद अपने कन्धों के ऊपर टिकी हुई थी, उसका सिर और कन्धें बिस्तर पर शेष बदन मेरी बाहों में मेरे ऊपर था।

 

मैंने अपने दोनों अंगूठों और दो साथ वाली उंगगियों से उसकी योनि के लबों को अलग अलग किया तो अन्दर गुलाबी भूरी पंखुड़ियाँ काम रस से भीग कर आपस में चिपक गई थी।

 

मैंने अपनी जीभ से उन पर लगे रस को चाटा और उनकी चिपकन हटा कर जीभ अन्दर घुसा दी। मेरी जीभ एक इन्च से ज्यादा अन्दर चली गई थी।

सोनम के मुख से निकला- पापाओ पापाआपका जवाब नहीं ! अम्मंअह

मेरी बहू सोनम के बदन और योनि की मिली जुली गंध मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थी।

तभी उसने नील का नम्बर मिला दिया।

उसने एकदम से फ़ोन उथाया जैसे वो सोनम के फ़ोन का ही इन्तजार कर रहा था, वो भी अपनी पत्नी से काम-वार्ता को उत्सुक लग रहा था।

मेरी चतुर बहू ने फ़ोन का लाउडस्पीकर ऑन कर दिया ताकि मैं भी उन दोनों की पूरी बात सुन सकूँ। नील ने पूछा- बताओ कि क्या हुआ था?

 

सोनम हंसते हुए बोली- वही हुआ था जानू ! मेरी पैंटी में चींटी घुस गई थी, वो तो शुक्र है कि काली वाली थी, अगर कहीं लाल चींटी होती तो पता नहीं मेरा क्या हाल होता?

तुम्हारा या तुम्हारी चूत का?” मेरे बेटे ने पूछा।

 

हाँ हाँ ! चूत का ! पता है कि मैंने चींटी को कहाँ से निकाला?”

 

कहाँ से?”

 

बिल्कुल क्लिट के ऊपर से !””ओह ! साली चींटी ! मेरी घरवाली की चूत का मजा ले रही थी? सोनमतुमने अच्छी तरह देख तो लिया था ना कि वो चींटी ही थी? कहीं चींटा हुआ तो? और उसने तुम्हेंहाहा… !”

 

सुनो नील ! इस समय मैं बिल्कुल नंगी बिस्तर में लेटी हुई हूँ और उस जगह को रगड़ रही हूँ जहाँ उस चींटीनानाउस चींटे ने मुझे काटा था !

 

ऊओअह्ह ! तो तुम अपने हाथ से अपनी क्लित मसल रही हो? अपनी फ़ुद्दी में उंगली कर रही हो?”

हाँ मेरे यार ! अगर तुम होते तो उंगली की जगह तुम्हारा लौड़ा होता ! तुम्हारा लण्ड मेरी चूत की खुजली मिटा रहा होता !मेरी चालू बहू ने कहा।

लेकिन अभी तो मुझे सिर्फ़ उंगली से ही गुजारा करना पड़ेगा !

और वो डिल्डो कब काम आएगा जो हमने पेरिस में खरीदा था? तुम उसे इस्तेमाल करो ना !मेरे बेटे ने सुझाव दिया।

 

अरे हाँ ! वो तो मैं भूल ही गई थी ! अभी निकालती हूँ उसे !सोनम ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ़ देखा और फ़िर फ़ोन के माइक को हाथ से ढकते हुए मुझसे फ़ुसफ़ुसाई- आप ही मेरे डिल्डो हो आज ! घुसा दो अपना डिल्डो मेरे अन्दर ! मैं आपके बेटे से कहूँगी कि मैंने डिल्डो ले लिया अपने अन्दर !

मेरी समझदार बहू ने कनखियों से मुझे देखा और फ़िर कुछ देर बाद फ़ोन में बोली- हाँ जानू ! ले आई मैं ! डाल लूँ अन्दर?

 

हाँहाँघुसा ले ना ! पूरा बाड़ना !

सोनम ने मुझे इशारा किया कि अब घुसाना शुरु करो !

लेकिन नील ! यह तो बहुत बड़ा है ! मेरी चूत जरा सी है, यह कैसे पूरा जाएगा अन्दर?” उसने सिसियाते हुए कहा। अरे चला जाएगा रानीपूरा जाएगातू कोशिश तो कर ! बड़ा है तभी तो तुझे असली मज़ा आएगा ना ! घुसा कर देख ! आलिया मौसी के पास तो इससे भी बड़ा डिल्डो है ! तुमने तो देखा है कि वो कैसे चला जाता है मौसी की चूत में !

 

अरे ! आलिया मौसी की चूत को तो तुम्हारे पापा ने चोद चोद कर फ़ुद्दा बना रखा है ! मौसी बता रही थी ना कि तुम्हारे पापा का तुमसे भी बड़ा है ! चलोकोशिश करके देखती हूँ !

मैं तो नील और सोनम का वार्तालाप सुन कर हतप्रभ रह गया !

 

मैं तो खुद को ही चुदाई का महान खिलाड़ी समझ रहा था पर यहाँ तो सभी एक से बढ़ कर एक निकल रहे हैं। लेकिन परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि मैं कुछ ना कह पाया और चुपचाप मैंने बिल्कुल शान्ति से बिना कोई आवाज किए सोनम की जाँघों को फ़ैलाया और अपने लिंगमुण्ड को योनि के मुख पर टिकाया तो सोनम ने लिंगदण्ड को अपने हाथ में पकड़ा और उसे अनुए अन्दर सरकाने का यत्न करने लगी।

सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के बीच में रगड़ कर उन्हें फ़ैलाया और मेरे हल्के से दबाव से मेरा सुपारा अन्दर फ़िसल गया।

 

अओहहाअई…” सोनम ने जोर से एक चीख मारी।

 

उधर से आवाज आई नील की- वाह सोनम ! बहुत अच्छे ! कितना अन्दर गया?

 

सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के बीच में रगड़ कर उन्हें फ़ैलाया और मेरे हल्के से दबाव से मेरा सुपारा अन्दर फ़िसल गया।

 

अओहहाअई…” सोनम ने जोर से एक चीख मारी।

 

उधर से आवाज आई नील की- वाह सोनम ! बहुत अच्छे ! कितना अन्दर गया?

 

ऊओहनील ! अभी तो बास आगे का मोटा सा नॉब ही अन्दर घुसा हैउफ़्फ़्कितना मोटा है यह ! तुम्हारे लण्ड से तो डेढ़ गुना मोटा और शायद डेढ़ गुना ही ज्यादा लम्बा है यह !सोनम मेरी आँखों में झांकते हुए बोली।

 

और फ़िर एक बार माइक को हाथ से ढकते हुए फ़ुसफ़ुसाई- मैं सही कह रही हूँ पापा ! आपका सच में नील के से ड्योढ़ा तो है ही !

इस बात से बिल्कुल बेखबर कि उसकी पत्नी उसके पिता के लण्ड की बात कर रही है, नील ने उसे और अंदर तक घुसाने के लिये उकसाया- और अन्दर तक ले ना सोनू ! पूरा अन्दर घुसा ले !

हाँ मेरे राजा हाँ !सोनम हांफ़ते हुए से बोली और मुझे अपना लण्द उसकी चूत में और अन्दर घुसाने के लिए इशारा किया। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

मैंने अपनी जांघों को एक झटका दिया और मेरा आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी बहू सोनम की चूत के अन्दर था।

 

मामर गईइ मैंपापा जी आह मम्मा !सोनम जोर से सीत्कारते हुए असली दर्द से चिल्लाई तो उसके मुँह से पापा निकल गया। और शायद अपनी इस भूल को छिपाने केल इये बाद में मम्मा बोली थी।

 

उधर मेरे बेटा खिलखिला कर हंसते हुए बोला- अपने मम्मी पापा को क्यों बुला रही हो? बुलाना है तो मेरे पापा को बुला ले ना ! तेरी फ़ाड़ कर रख देंगे वो !

 

हट… ! बेशरम ! गन्दे कहीं के ! तुम्हारे पापा क्या फ़ाड़ेंगे मेरी चूत ! अब तो बुड्ढे हो गये वो !मेरी तरफ़ तिरछी नजर से देख कर आँख़ मारते हुए सोनम बोली।

अरे ! इस गलत फ़हमी में मत रहना ! मेरे पापा का लौड़ा इस डिल्डो का भी बाप है !

तो सुनो नील ! अब मैं यह कल्पना कर रही हूँ कि मेरी चूत में यह डिल्डो नहीं, तुम्हारे पापा का लौड़ा है !

नील खिलखिलाया- ठीक है ! तुम यही सोच कर डील्डो से चुदो कि तुम मेरे पापा से चुद रही हो ! मैं भी सुनूँ कि मेरी रानी कैसे चुदती है अपने ससुर से !

 

नील इस मजाक पर मजा लेकर खूब जोर से हंसा।

 

सोनम ने एक वासना भरी सिसकारी लेते हुए कहा- अब मैं अपनी आँखें बन्द करके तुम्हारे पापा को अपने अन्दर महसूस कर रही हूँ। पापा मेरे नंगे बदन के ऊपर लेटे हुए हैं, उनका लण्ड मैं अपनी चूत में महसूस कर रही हूँ, पापा के हाथ मेरी चूचियों पर हैं। अब सोनम ने मेरी तरफ़ अधीरता से देखा- हाँ पापा ! और पेलिये ना॥ रुक क्यों गये ! घुसाइए ! पूरा बाड़ दीजिए !अपने मोटे लौअड़े से अपने बेटे की पत्नी की चूत की धज्जियाँ उड़ा दीजिए !

 

मुझे फ़ोन पर अपने बेटे की वासना भरी सिसकारती आवाज सुनाई दी- ओह मेरी रानीतुमने मेरा लण्ड पूरा सख्त कर दिया ! क्या कल्पना की है तुमने !

 

सोनम ने बोलना जारी रखा- नील्तुम सही कह रहे थेतुम्हारे पापा का लण्ड सच में लाजवाब है। इसने मेरी बुर फ़ैला कर रख दी ! और यह अभी भी थोड़ा मेरी फ़ुद्दी से बाहर दिख रहा है।

 

तब सोनम ने मुझे देखते हुए कहा- पेलिये ना अपना पूरा लौड़ा मेरी चूत के अन्दर पापा ! यह बाकी क्या मेरी ननदों के लिए बचा कर रखा हुआ है?

 

पापा आप बड़े हरामी हैं ! आपने अपनी दोनों सालियों की चूत फ़ाड़ी और अब अपनी बहू की फ़ुद्दी को भी नहीं छोड़ा ! आपको शर्म आनी चाहिए पापा ! आप बहूचोद बन गए !

उधर नील सुन सुन कर पागल हुए जा रहा था। उसकी आह ऊह साफ़ सुनाई दे रही थी फ़ोन पर !

 

जब आपने अपने बेटे की दुल्हन पर हाथ साफ़ कर ही दिया तो अब अपना पूरा लौड़ा दे दीजिए ना उसे !

 

नील उधर से बोला- अरे सोनम ! दरवाजे खिड़कियाँ तो अच्ची तरह बन्द कर लिए थे ना ! पापा घर में ही होंगे ! कहीं उन्होंने यह सब सुन लिया तो वे सच में ही ना… !

घबराओ मत डार्लिंग ! मेरी शातिर बहू ने उत्तर दिया- कोई भी गैर मर्द हमारी बातें नहीं सुन सकता !

 

रानीतुम्हारी कल्पना शक्ति नायाब है ! मेरा लौड़ा तो तुम्हारी बातें सुन कर ऐसे टनटना गया कि क्या बताऊँ !

 

अरे नील राजायह तो अभी शुरुआत है ! आगे आगे देखो कि तुम्हारा चुदक्कड़ बाप अपनी बहू को कैसे कैसे चोदता है !

 

ठीक है सोनूअपनी कल्पना चालू रखो !

 

और चुदो मेरे पापा से ! उनसे कहो कि तुम्हारी पूरी तसल्ली कर दें !

 

अब सोनम ने अपनी चूचियों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- पापा मेरी चूचियाँ अपने मुँह से चूसो ना !

 

मैंने सोनम की चूचियों को आपस में इस तरह दबाया कि उनके निप्पल पास पास हो जाएँ और फ़िर मैंने दोनों चुचूकों को एक साथ अपने मुँह में ले लिया।

 

सोनम चहकी- अबे ओ नील ! देख तेरा बाप कैसे मेरे दोनों निप्पल एक साथ चूस रहा है। देख कैसे सालीचोद अपनी बहू की चूचियाँ चूस चूस कर उसे चोद रहा है अपने मोटे लौड़े से !

नील से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था- आज तुम मुझे मार ही दोगी सोनम ! मैं यहाँ अपने ऑफ़िस में बैठ कर मुट्ठ मार रहा हूँ। पर रुकना मत ! तुम बहुत बढ़िया ड्रामा कर रही हो !

 

आई पापा ! काटो मत ! दुखता है !जैसे ही मैंने सोनम के एक निप्पल को अपने दाँतों से काटा तो वो चिल्लाई।

 

पापाये अक्षरा या आलिया मौसी के नहीं मेरे चुचूक हैं ! इन्हें प्यार से चूसो ! और मेरे होंठों को भी तो चूसो पापा ! अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल कर मेरे मुंह की चुदाई करो !

सुनो नील ! तुम्हारे पापा अब मेरी चुम्मी ले रहे हैं।और सच में सोनम ने ऐसी आवाजें निकाली जैसी चूमा चाटी में आती हैं।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

और मैं यह सोच रहा था कि कितनी शैतान दिमाग की है मेरी बहू ! अपने ससुर से सच में चुद रही है और अपने पति को फ़ोन पर अपनी चुदाई का आँखों देखा हाल सुना रही है। कैसे बाप बेटे दोनों को एक साथ सेक्स का मजा दे रही है।

अब वो खुल कर सिसकारियाँ भर रही थी, आनन्द से चीख रही थी, खुल कर मुझ से चुद रही थी बिना किसी डर के !

मुझे लग रहा था कि वो अब उस शिखर पर पहुँच रही है जिसे प्राप्त करने के लिये उसने इतने पापड़ बेले थे।

अपनी बहू के चरमोत्कर्ष का भान होते ही मेरे अन्दर भी जैसे एक ज्वालामुखी फ़टने को हुआ और मेरा लण्ड और गर्म और फ़ूलने लगा।

मेरे लण्ड की यह हलचल मेरी बहू सोनम ने भांप ली और वो फ़ोन पर बोली- नील, तेरे पापा मेरी चूत में झड़ना चाहते हैं ! क्या करूँ? झड़ने दूँ अन्दर या बाहर निकालने को कहूँ?

मेरे बेटे ने आनन्द से कहा- सोनू झड़ने दे पापा को अपनी चूत में ही !

मगर मेरे को बच्चा ठहर गया तो?”

 

फ़िर आगे बोली- फ़िर तो मेरी चूत से तुम्हारा भाई पैदा हो जाएगा ! सोच लो ! नील खुल कर हंसा, फ़िर बोला- कोई बात नहीं ! तू अपनी चूत से मेरा भाई पैदा कर या मेरा बेटा ! जोरू तो तू मेरी ही रहेगी ना !

 

तो ठीक है !

 

सोनम मुझे देखते हुए और अपने पति को सुनाते हुए बोली- पापा, आपके बेटे ने मुझे इज़ाज़त दे दी कि मैं अपनी फ़ुद्दी में से उसका भाई पैदा करूँ ! आप मेरे गर्भ में अपना बीज बो दीजिए ! मेरी चूत अपने वीर्य के सराबोर कर दीजिए। मुझे गर्भवती कर दीजिए मुझे मेरे पति के भाई की माँ बना दीजिए !

 

ऐसा कहते हुए सोनम ने अपने पैर बिस्तर पर टिका कर अपने कूल्हे ऊपर झटकाए ताकि मेरा पूरा लण्ड उसकी पूरी गहराई में जाकर अपना बीज छोड़ सके और जानबूझ कर जोर से चीखते हुए भद्दी आवाज में बोली- आह पापा ! आपने मुझे चोद दिया आज ! चुदाई का इत्ना मजा मुझे कभी नहीं मिला ! मुझे आपसे प्यार हो गया है पापा ! मुझे आपके लौड़े से प्यार हो गया है पापा ! अब से नील के सामने मैं आपकी बहू हूँ और नील के पीछे आपकी रखैल !

यह बोलते बोलते सोनम एक बार फ़िर झड़ गई और साथ ही मेरे लण्ड ने अपना झरना उसकी योनि के सबसे गहरे स्थान में बहा दिया।उसने मुझे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया और चिल्लाई- नीलदेखोतुम्हारे पापा ने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया। तेरे बाप ने मुझे चोद दिया !मैं फ़ोन की दूसरी तरफ़ से अपने बेटे की वासना भरी सिसकारियाँ सुन पा रहा था, जाहिर था कि वो मुट्ठ मार रहा था।मैं बड़े आराम से यह अनुमान लगा सकता था कि आज का दिन मेरे लिए, मेरे बेटे के लिये और सबसे ज्यादा मेरी बहू सोनम के लिए पूरे जीवन में कभी ना भूलने वाला दिन रहा। कैसी लगी पारिवारिक चुदाई की स्टोरी.

  

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पड़ोसन भाभी ने अपने घर बुलाकर मुझसे चुदवाई - bhabhi ko choda Real sex kahani

मेरे दरवाजे के सामने बाला फ्लैट में एक कपल रहता था उसकी शादी के अभी सिर्फ ११ महीने ही हुए थे, उनका नाम था कविता और उनके पति का नाम चन्दन, दोनों बड़े ही हॉट कपल थे, दोनों एक पर से एक थे, चन्दन अपने पत्नी को बहूत चाहता था. कविता ७ महीने की गर्भवती थी. पेट बड़ा हो चूका था जिस्म भर गया था, गालों पे और भी ज्यादा लाली आ गई थी. चूतड़ गोल गोल बड़ा बड़ा हो गया था. दोस्तों मुझे कविता बहूत ही ज्यादा हॉट लगने लगी थी.

पड़ोसन भाभी ने अपने घर बुलाकर मुझसे चुदवाई - bhabhi ko choda Real sex kahani

मेरे घर दोनों का आना जाना था. कविता को हमलोग भाभी कहते थे. चन्दन का गाँव कही इंटीरियर में था इसलिए अपने पत्नी का बच्चा दिल्ली में ही करवाना चाह रहा था. इस वजह से वो अपने मम्मी को लाने गाँव चला गया था दो दिन के लिए. अब कविता इस बिच अकेली ही थी. मैंने भी यहाँ अकेला ही था. चन्दन मुझे बता कर गया था की कविता का ध्यान रखना.

जिस दिन चन्दन गाँव गया मैं उन्ही के यहाँ था हम दोनों टीवी देख रहे थे. उस दिन कविता और भी खूबसूरत लग रही थी क्यों को वो बाल धोई थी जो सूखने के लिए खोल राखी थी, और होठ पे लाल रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी.

वो बहूत ही जायद गोरी है. इस वजह से उसके बदन पर लाल रंग का नाईटी बहूत ही ज्यादा खिल रही थी. चार चाँद जो उसके जिस्म को लगा रहा था वो था उनका बूब्स, क्यों की वो अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. बच्चा होने की वजह से बूब्स आलरेडी बड़ा बड़ा हो चूका था. शरीर भरा पूरा था. मस्त लग रही थी. दोस्तों मैं फिसल गया और थोड़ा नॉनवेज टाइप की बात छेड़ दी.

ताकि मैं जानना चाह रहा था की उनको ऐसी बातों में मजा टा है की नहीं.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। दोस्तों कविता को मेरी नॉनवेज जोक्स में काफी इंटरेस्ट आ गया

धीरे धीरे मैं उनके शादी के पहले के अफेयर के बारे में पूछना शुरू कर दिया, पर वो गोल गोल जवाब दे रही थी. मुझे समझ नहीं आया और मैं सच बताऊँ दोस्तों मुझे ज्यादा जान्ने की इच्छा भी नहीं थी. मैंने तो सिर्फ उनको टटोल रहा था. फिर उंन्होने भी पूछना शुरू कर दिया की आपकी कोई गर्ल फ्रेंड है, मैंने मना कर दिया. फिर उन्होंने पूछा की आपने कभी सेक्स किया मैंने कह दिया. जो मैं किया था. मैंने सेक्स अपनने बहन के साथ किया था. जब पिछली सर्दियों में. जब हम दोनों ट्रैन से उसका एग्जाम दिलवाने जा रहे थे. ट्रैन में और उस रात को होटल में अपने बहन को चोदा था.

दोस्तों वो हैरान नहीं हुई थी. जब की लोगो की भोहे सिकुड़ जाती है, बहन का नाम सुनते ही. मुझे लगा की आज काम बन जायेगा. मैंने कहा भाभी एक बात बताओ. जब औरत प्रेग्नेंट हो जाती है तब कब से सेक्स नहीं करना चाहिए. तो कविता भाभी बोली सेक्स तो हमेशा हो सकता है. सच तो ये है की इस टाइम और भी सेक्स करने का मन करता था, पर और मुह से पिच की आवाज निकाली. मैंने कहा क्या हुआ भाभी क्यों? कोई बात है क्या? तो वो बताने लगी.

चन्दन बहूत ही डरा हुआ इंसान है वो मुझे तीन महीने से सेक्स नहीं कर रहा है. वो कहता है की बच्चे को दिक्कत हो सकती है. मैंने उनको डॉक्टर के यहाँ भी ले के गई, डॉक्टर भी समझाया की आप सावधानी से सेक्स कर सकते हो. और इस टाइम का अपना ही एक मजा है. पर वो मानता नहीं है, मैंने कहा आप कहे तो वो मुझे घूरने लगी. मुझे लगा की कही वो गुसा नहीं कर दे. तभी वो बोल पड़ी. की धीरे धीरे. मैंने कहा ठीक है जैसी आपकी मर्जी.वो उठ कर बैडरूम में चली गई. मैंने टीवी बंद कर दिया और उनके बैडरूम में चला गया. मैंने उनके नाईटी को उतार दिया. मैंने पहली बार प्रेग्नेंट औरत को पूरा नंगा देखा. गजब की लग रही थी. मुझे तो उनके जिस्म को देखकर मजा आ गया. मैं भाभी के चूचियों को पिने लगा. वो आह आह आह आह आह करने लगी.

खूब पिया, फिर मैंने उनके आर्मपिट (कांख) के बाल को जीभ से चाटने लगा. वो काफी सेक्सी हो गई थी फिर मैं निचे गया. उनके चूत का दीदार करनें. उनकी चूत काफी फूली हुई थी. चूत पे घने बाल थे, मैंने उनके चूत को जीभ से चाटने लगा. उनके चूत से सफ़ेद सफ़ेद पानी आ रहा था. मैंने उनके चूत को चाट रहा था. वो अपने हाथ से तकिये को मसल रही थी और फिर अपने बूब्स को भी मसल रही थी. मैंने उनके दोनों पेअर को अलग अलग किया और बिच में बैठ गया.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

लंड को उनके चूत पर लगा कर अंदर घुसाया, अंदर जाते ही वो और भी ज्यादा कामुक हो गईउसके बाद वो गांड को हिलाने लगी. शरीर काफी भारी हो चूका था उनका पेट बहूत बड़ा था. मैंने लंड को उनके चूत में अंदर बाहर करना सुरु कर दिया. वो भी मुझसे खूब चुदवाने लगी. करीब ३० मिनट तक चोदने के बाद, मैं झड़ गया, इसके पहले वो दो बार झड़ चुकी थी.फिर वो मुहे पकड़ कर सो गई. और मैंने उनके जिस्मो को बूब्स को होठ को गांड को चूत को सहलाता रहा.रात में जब उनकी नींद खुली उन्होंने मुस्कुरा के बोली, आप बहूत ही ज्यादा अच्छे हो और मुझे फिर से अपनी बाहों में भर ली. और चुदवाने लगी.

  

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