ये ससुर और बहू
की सेक्स कहानी दोस्त के पिता अपनी बहु की चुदाई की है। मेरे दोस्त के पिता
बाबूलाल जी दो दिनों के बाद घर वापस आ गये थे। मुझे लगा कि उनका लंड अपनी बहु की
चुदाई करने के लिए बेताब होगा, मगर ऐसा नहीं था।
वो बिल्कुल शांत थे पूरा दिन आराम से निकल गया और उनकी आँखो में कोई चुदाई की भूख
नज़र नहीं आई। फिर शाम को हम सब ने खाना खाया और सोने के लिए चले गये। में रात को
उनकी चुदाई के बारे में सोच रहा था कि तब करीब 11 बजे हल्की सी आवाज़ हुई।
में उठकर देखने
के लिए दरवाजे के होल पर आ गया। अब भाभी ने अपनी तरफ का दरवाजा खोला और पेटीकोट और
ब्लाउज में ही अपने ससुर के सामने आ गयी, क्यों आज मन नहीं कर रहा क्या? तुम्हें पता है
में दो दिनों से प्यासी हूँ। भाभी ने ये कहकर उसने ससुर के होठों पर अपने नरम और
रसीले होंठ रख कर उनको चूसने लगी और लुंगी के ऊपर से ही अपने हाथों से लंड को
सहलाने लगी। ये दिखाते हुए जैसे उनकी चूत लंड के लिए कितनी भूखी है।
अब बाबूलाल ने भी
अपनी बहु का साथ देना शुरू कर दिया और धीरे से पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया और फिर
ब्लाऊज भी उतार दिया। निमो अब पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और बाबूलाल ने भी अपनी
लूँगी उतार दी। अब तो लंड खड़ा हो गया था। अब भाभी नीचे बैठी और लंड को अपने मुँह
में लेकर चूसने लगी। फिर थोड़ी देर में ही लंड महाराज खड़े हो गये। भाभी अब खड़ी हो
गयी और ससुर जी ने बहु को पलंग पर बैठा दिया और दोनों टाँगे खोलकर उनकी रसीली चूत
को चूसना शुरु कर दिया। भाभी सिसक उठी आह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह ऊहह आआअई ईशश आह्ह्ह और
ज़ोर से मजा आ रहा है। में दो दिन से प्यासी हूँ, चिंता मत कर मेरी निमो रानी, में तेरी दो दिनों की प्यास बुझा दूँगा, इतना कहकर अब वो पलंग पर आ गये।आप ये कहानी
हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर प्यार से अपनी बहु के माथे को
चूमा और फिर उसकी दोनों चूचीयों को कसकर दबाने और चूसने लगे।
भाभी ने भी अब
जानबूझ कर अपनी उत्तेजना दिखाई कि वो बहुत चुदासी है। फिर उसने अपने ससुर का लंड
पकड़कर अपनी चूत पर लगा लिया और अपनी कमर को ऊपर उठाकर लंड को अन्दर डालने लगी। तभी
ससुर जी ने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लंड एक ही बार में अन्दर घुसा दिया। निमो
की आवाज ससुर जी ने अपने होठों से दबा दी और वो ज़ोर-ज़ोर के धक्के मारने लगे,
जैसे कोई भूखा आदमी खाने पर टूट पड़ता है और
भाभी भी मजे से अपनी चुदाई करवाती रही और ससुर का साथ देती रही। फिर 20 मिनट के बाद ससुर ने अपने लंड का पानी बहु की
चूत में छोड़ दिया तो निमो बोली कि आज तो आप बड़ी जल्दी ही थक गये, में तो प्यासी ही रह गई।
तभी बाबूलाल बोला
मेरी जान क्या करूँ? दो दिनों से इसे
आराम ही कहाँ मिला है, तभी भाभी बोली
आराम क्यों नहीं मिला? तब बहु के
बार-बार पूछने पर उन्होंने बताया कि वो और उनका दोस्त हरिलाल उनकी नई नवेली बहु की
चुदाई में लगे हुए थे। उसे भी मेरा लंड तेरी तरह बहुत पसंद आ गया है। बहु तुम मेरी
एक मदद कर सकती हो तो निमो बोली क्या मदद करनी है? तो ससुर जी बोले अगर तुम हरिलाल से चुदवा लो तो में दुबारा
से उसकी बहु को चोद सकता हूँ।
मेरी जान उसकी
शादी को अभी तीन महीने ही हुए है, सच में उसकी बड़ी
कसी हुई चूत है, बिल्कुल वैसी ही
कसी हुई है जैसी तेरी शादी के बाद थी। फिर भाभी ने कुछ देर सोचा और कहा कि ठीक है
मुझे मंजूर है, लेकिन अगर मुझे
तुम्हारे दोस्त का लंड पसंद आ गया तो तुम भी मुझे चुदाई करने से मना मत करना,
कोई चिंता नहीं मेरी जान, तुम भी अपनी चूत का पूरा मजा दो।आप ये कहानी
हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर ससुर जी बोले कि निमो वो कल हमारे
घर आ रही है, पिताजी पहले ये
बताओं कि तुमने उसकी बहु की चुदाई कैसे कर डाली? तो ससुर जी बोले निमो हम दोनों जब उसके बेटे के घर गये तो
उसकी बहु (लता) ने दरवाजा खोला।
उसकी उम्र 24 साल थी, वो सुंदर और सुडोल थी। उसकी हाईट करीब 5 फुट 2 इंच, वजन करीब 50 किलो और उसकी साईज 34-28-32 रही होगी और गजब का कसा हुआ बदन था। उसको
देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। फिर हम घर के अंदर गये तो हरी ने पूछा कि उसका बेटा
कहाँ गया है तो लता बोली वो तो कल से ऑफिस के काम से बाहर गये है, वो 10 दिनों के बाद वापस आयेंगे। तभी मेरी नज़र हरिलाल पर गई तो वो अपनी बहु को बड़े
ध्यान से देख रहा था। फिर हम लोगों को उसने चाय नाश्ता दिया और तभी हरी ने पूछा कि
बहु रात को खाने में क्या खिलाओगी? तो वो बोली कि
पिताजी में आपको स्पेशल डिश खिलाऊँगी। मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि बात किस
चीज पर हो रही है। वो दोनों ससुर बहु कोड की भाषा में बात कर रहे थे।
फिर रात को लता
ने हमें खाने में पनीर और हलवा खिलाया, सच में खाना बड़ा मजेदार था। फिर रात को वो अपने कमरे में सोने चली गयी और हम
दोनों दूसरे कमरे में सो गये। फिर रात को जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि
हरिलाल वहाँ नहीं था तो में बाहर आया और देखा कि पास वाले कमरे से आवाज़ आ रही थी।
क्यों पिताजी स्पेशल डिश पसंद आई की नहीं? तो मैंने अंदर देखा तो में दंग रह गया। लता एकदम नंगी अपने ससुर के ऊपर चढ़ी
हुई थी। उसकी चूत हरीलाल के होठों पर थी, जिसे वो चूस रहा था। सच लता मजा आ गया मेरी रानी। तभी वो बोली कि पिताजी मैंने
ही तो आपको बुलाया था, ताकि हम अच्छे से
चुदाई का मज़ा ले सके तो हरिलाल बोला बहु में अपने दोस्त को तेरी चुदाई के लिए
लाया हूँ।
तभी वो चौंक पड़ी
कि आप क्या कह रहे हो? हाँ मेरी रानी तू
एक बार उसका लंड अपनी चूत में ले ले। फिर में भी उसकी बहु की चूत में अपना लंड डाल
दूँगा, बड़ी मस्त चूत है उसकी।
लता बोली कि क्यों मेरी चुदाई में मज़ा नहीं आता क्या? तो वो बोला नहीं ऐसी बात नहीं है रानी।आप ये कहानी हिंदी
सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। में कहता हूँ कि अगर दो-दो चूत मिल जाए तो
और मजा आ जायेगा। फिर हरी ने लता को अपने ऊपर से हटाया और उसको अपने नीचे लेटा
दिया तो लता ने अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके अपनी चूत को लंड के लिए खोल दिया और
फिर हरी का लंड देखा तो वो मेरे लंड से छोटा था। फिर उसने अपने लंड को चूत पर रखा
और एक धक्का मार दिया और पहले ही धक्के में आधा लंड उसकी चूत में चला गया और दूसरे
धक्के में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया।
फिर करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद हरी ने अपना पानी लता की
चूत में छोड़ दिया और वहीं थककर लेट गया। फिर लता थोड़ी देर तो लेटी रही और उसके बाद
वो उठी और नंगे बदन पर चादर डालकर कमरे से बाहर आई और बाथरूम में अपनी चूत धोने के
बाद बाथरूम से बाहर आई। तभी उसकी चादर गिर पड़ी और में उसके सामने खड़ा हो गया। उसने
अपनी दोनों चूचीयों को अपने हाथों से ढक लिया, मगर में आगे बढ़ा और उसके दोनों हाथों को खोल दिया ताकि में
उसकी मस्त चूचीयों को देख सकूँ। सच में उसकी बड़ी मस्त चूची थी। इससे पहले कि वो
कुछ बोलती मैंने उसकी दोनों चूचीयों को अपने हाथों में ले लिया और उसके रसीले
होठों पर अपने होंठ रख दिए। वो कुछ बोल भी नहीं पाई।
फिर उसने मुझसे
कहा कि पिताजी आ जायेंगे तो मैंने कहा मेरी रानी क्यों झूठ बोल रही हो? इतनी देर से तो वो तेरी चूत के मजे ले रहा था
और कह रही है पिताजी आ जायेंगे। फिर मैंने कसकर उसे गोद में उठाया और बोला मेरी
रानी एक बार मुझे भी स्पेशल डिश का मजा दे दे। में सच तुझे जन्नत दिखा दूँगा। अभी
तो हरी सो रहा है जब तक वो उठेगा तब तक तो में तुझे अपने लंड महाराज की सैर कर
दूँगा। फिर वो कुछ नहीं बोली और में उसे अपने वाले कमरे में ले आया और पलंग पर
लेटा दिया। फिर मैंने बिना देर किए अपनी लूँगी उतार दी, अब मेरा लंड हल्का सा टाईट था। अब कमरे में लता और में नंगे
थे। फिर सबसे पहले मैंने उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत देखी, जिसमें थोड़ी देर पहले हरी का पतला और छोटा लंड
था।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर मैंने उसकी टाँगे
चौड़ी करके उसकी चूत को अपने होठों में भर लिया और चूसने लगा, तो वो सिसकने लगी में और जोर से चूसने लगा और
साथ ही में उसके बूब्स भी मसलने लगा।
फिर लता बोली कि
अगर पिताजी आ गये तो? फिर में बोला कि
अभी वो तेरे से कह रहा था कि तू मेरे से अपनी चुदाई करा ले, ताकि वो मेरी बहु को चोद सके। वो यह सुनते ही शरमा गयी और
कहने लगी कि आप तो बड़े खराब हो। अब मैंने उसकी चूत को अच्छी तरह से चूसकर उसकी गोल
मटोल चूचीयों को चूसने लगा। फिर उसके होठों को चूसा, अब लता को पलंग से नीचे उतारा और में पलंग का सहारा लेकर
खड़ा हो गया। फिर मैंने अपने लंड को उसके मुँह में डाल दिया, अभी वो छोटा था उसे कोई दिक्कत नहीं हुई। थोड़ी देर बाद वो
धीरे-धीरे उसको चूसने लगी और लंड महाराज उसके मुँह में बार-बार अन्दर बाहर होने
लगे।
फिर मैंने उसे
अपने लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने के लिए बोला तो उसने देखा कि मेरा लंड कितना बड़ा
है तो वो डरकर बोली कि मेरी तो चूत ही फट जायेगी। में तुम्हारा लंड अपनी चूत में
नहीं लूँगी। फिर मैंने बहु को अपनी गोद में उठाया और पलंग पर लेटा दिया और टाँगे
चौड़ी करके अपना लंड उसकी छोटी सी चूत पर रखकर हल्का सा धक्का मारा और लंड थोड़ा सा
उसकी चिकनी चूत में घुस गया। फिर वो चिल्ला पड़ी आह अहहा मार डाला। फिर से मैंने एक
कस कर धक्का मारा। इससे पहले कि वो चिल्लाती मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए
और वो गुऊ गुऊ गुऊ आह्ह्ह्ह ही कर रही थी। अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया
था।
फिर मैंने बिना
देर किए एक और जोरदार धक्का मारा तो इस बार मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा
जड़ तक घुस गया था। अब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर था और उसकी चूत कमर से ऊपर तक उठ
चुकी थी, अब वो हाथ पटकती रही।आप
ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। अब में बिना देर किए धक्के
पर धक्के मारता रहा। फिर कुछ देर के बाद उसकी चूत को आराम मिला और वो मेरा साथ
देने लगी। फिर मैंने अपने होंठ उसके होठों पर से हटा लिए तो वो बोली आज पहली बार
लगा है कि मेरी चुदाई हुई है, आह्ह्ह आहह्ह्ह
मज़ा आ गया।
तुम तो बहुत
अच्छा चोदते हो आज मेरी चूत को अच्छी तरह से चोद देना। सच कह रही हो लता तेरी चूत
बहुत टाईट भी है और गर्म भी है। अब मैंने कभी तेज और कभी धीरे चोदकर अपनी एक लय
बना ली थी। अब तो वो भी मेरे साथ चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी। फिर मैंने उससे
पूछा कि अगर तेरा ससुर आ गया तो फिर वो बोली तो क्या हुआ? अभी उसने भी तो मेरी चूत में अपना लंड डाला था और तुमसे भी
चुदवाने के लिए कहा था। मेरी लता रानी तुम बताओ कि तुम कैसे चुदना चाहती हो?
तो वो शरमा कर बोली कि मुझे कुत्तिया बनकर और
गोद में बैठाकर चुदना अच्छा लगता है। तो मेरी रानी फिर में तुझे कुत्तिया बनाकर ही
तेरी चुदाई करूँगा।
फिर ससुर ने बहु
को कुत्तिया बनाकर पीछे से अपना लंड उसकी चिकनी चूत में एक ही धक्के में घुसा दिया,
तो वो जोर से चिल्लाई मार डाला आह्ह्ह्ह में मर
गयी, उसके मुँह से दर्द भरी
सिसकारी, आआआआउफफफफ जैसी आवाजे
निकल रही थी। फिर वो अचानक से गुस्से में सीधी खड़ी हो गयी, जिससे उसकी चूत का दर्द और बढ़ गया। फिर मैंने उसे दुबारा से
कुत्तिया बनाया और आराम-आराम से चोदने लगा। फिर मैंने लंड को अंदर बाहर करते करते
फिर से एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर घुस गया।
वो मुझसे चिपक गई
और बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी, ऊऊऊऊईईईईइई माँ
आआओउुउऊहह निकाल लो, ऊऊऊऊऊ मेरी जान,
जलन हो रही है और दर्द भीईईईईईईईईई, सहा नहीं जा रहा है।आप ये कहानी हिंदी सेक्स की
कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर थोड़ी देर में वो बोली कि अब थोड़ा अच्छा लग रहा है
और मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा तो फिर से वो चिल्ल्लाई, ऊऊऊऊऊऊऊऊहह और बोली धीरे करो, में कहीं भाग नहीं रही हूँ प्लीज, लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया और उसकी
बच्चेदानी को टक्कर मारने लगा।
फिर में
धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। उसकी चूत फिर से गीली
होने लगी थी, शायद उसका रस
निकल गया था। फिर कुछ ही देर बाद वो नार्मल हो गई और मज़ा लेने लगी आआआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊ
मेरे राजा बहुत मज़ा आ रहा है। अब मैंने उसको टाईट पकड़ा हुआ था और अपने लंड को
उसकी चूत से पूरा बाहर निकाल कर उसको बिना बताये एक ज़ोर का धक्का मारा और उसने
मुझे कसकर पकड़ लिया और वो ज़ोर से चिल्लाई उूउउइईइइ माँ मारररर डालाआआआआा माँ में
मर गयी, मुझे बचाओ ऊऊ आआअहह बाहर
निकालो मेरे राजा, बहुत दर्द कर रहा
है, मेरी चूत में आग लग रही
है, अंदर से छिल गई है,
प्लीज़ धीरे करो।
फिर मैंने उसकी बात पर ध्यान दिए बिना फिर से अपने रॉकेट की तरह खड़े मोटे लंड का पूरा सुपाड़ा बाहर निकाला तो मेरा लंड उसकी फटी चूत के जूस से पूरा गीला था। आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर मैंने पूरी ताक़त से धक्का मारा और लता की आँखें फटी की फटी रह गई और उसका मुँह खुला का खुला रह गया और मेरे बदन से उसकी पकड़ ढीली हो गई और उसके हाथ पैर ढीले पड़ने के बाद में बेड पर गिर गया। अब वो गहरी साँसे ले रही थी और उसकी आँखे बंद थी और आँख में से आसूं निकल रहे थे। फिर वो कहने लगी कि अब तो छोड़ दो, फिर बाद में चोद लेना। फिर मैंने भी धक्के मारते हुए अपने लंड का पूरा पानी लता की चूत में डाल दिया। अब इसके आगे का किस्सा में आपको अगली बार बताऊंगा. कैसी लगी ससुर और बहू की चुदाई, शेयर करना.
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