इस कहानी में
आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी शादी मेरी ही बहन से हुई? तो अब में आपको शुरुवात से बताता हूँ कि ये सब कैसे स्टार्ट
हुआ? में पहले मेरी माँ और बहन
के साथ बेंगलोर में ही रहता था और मेरे पापा की मौत हो गई थी, हमारा एक छोटा सा बिज़नेस था और कोई रिश्तेदार
हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया तो माँ ही पापा के बाद उसे संभालती थी.
जब मेरी पढाई
पूरी हुई तो मेरी दिल्ली में जॉब लग गई और में दिल्ली आ गया. उस टाईम मेरी बहन
12वीं क्लास में थी, उसका नाम गीतू है
और उसका कलर फेयर था और बॉडी भी अच्छी मैंनटेन थी और उसका फिगर बहुत अच्छा था,
वो स्कूल ड्रेस में स्कर्ट पहनती थी और जब भी
में उसे स्कूल छोड़ने जाता था तो सभी लड़को की नज़र उसकी तरफ़ होती थी, लेकिन वो किसी को घास नहीं डालती थी. मैंने
उसके लिए कभी गलत नहीं सोचा था और वो भी मुझे भाई के जैसे ही प्यार करती थी.
फिर दिल्ली आने
के बाद मेरी जॉब अच्छी चल रही थी और मुझे यहाँ 2 साल हो गये थे. फिर मैंने यहाँ पर
फ्लेट लिया हुआ है और जब बेंगलोर में हमारा बिज़नेस बंद होने को था तो मैंने माँ
को कॉल करके कहा कि वो दोनों दिल्ली ही आ जाए, क्योंकि अब मेरी बहन ने भी 12वी क्लास पूरी कर ली थी. फिर
मैंने कहा कि में उसकी एड्मिशन यहीं पर ही करवा दूँगा तो माँ मान गई और उन्होंने
वहाँ पर सब कुछ बेच दिया. फिर मैंने उनकी ट्रेन की टिकट भी बुक करवा दी थी तो जब
वो दिल्ली आए.
फिर में उन्हें
लेने स्टेशन गया और अब में इतने टाईम के बाद उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ, लेकिन जब मैंने अपनी बहन को देखा तो देखते ही
रह गया, वो 2 साल में एकदम चेंज
हो गई थी, उसके बूब्स, गांड और उसका फिगर चेंज हो गया था और कोई भी
उसे देखता तो देखते ही रहता था.
फिर जब वो आई तो
उस टाईम उसने पिंक टॉप और ब्लेक जीन्स पहनी हुई थी और वो पूरी मस्त हॉट लग रही थी.
मुझे उसको देखकर फर्स्ट टाईम गलत सोच आई, लेकिन फिर मैंने अपने आपको संभाला और उसे हग किया और हम सब घर आ गये. फिर
मैंने कुछ दिन के बाद मेरी बहन का कॉलेज में एड्मिशन करवा दिया और अब माँ ने भी
सारा घर संभाल लिया था. में भी बहुत खुश था और हम सभी यहाँ बहुत मस्ती करते थे और
लाईफ दुबारा से बहुत अच्छी हो गई थी. माँ और बहन भी यहाँ आने के बाद बहुत खुश थे,
में और मेरी बहन बहुत अच्छे फ्रेंड्स बन गये
थे. एक दिन माँ ने मुझसे कहा कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए और उन्हें भी उनकी मदद
के लिए कोई मिल जायेंगी. फिर मैंने माँ को मना नहीं किया और शादी के लिए हाँ कर
दी.
फिर माँ बहुत खुश
हुई, अब अगले दिन रविवार था तो
माँ ने घर पर पंडित जी को बुला लिया और में उस टाईम घर पर ही था और बहन कोचिंग क्लास
के लिए गई हुई थी. फिर पंडित जी ने मेरी कुंडली देखी और कुछ सोचने लग गये.
माँ – क्या हुआ पंडित जी? कोई प्रोब्लम है क्या?
पंडित – इसकी कुंडली ठीक नहीं है, ये लड़का बाहर की किसी लड़की से शादी नहीं कर
सकता है और अगर करेगा तो ये ठीक नहीं रहेगा और इसे कुछ भी हो सकता है.
माँ – इसका कोई रास्ता तो होगा ना. (माँ ने डरते हुए
पूछा)
पंडित – इसका एक ही रास्ता है कि इसकी शादी आप अपने ही
परिवार में किसी से कर दो, तभी इसके लिए ठीक
रहेगा और ये खुश भी रहेगा.
माँ – लेकिन हमारी किसी रिलेटिव से नहीं बनती है तो
ये कैसे संभव होगा? इसका कोई और
रास्ता तो होगा. (अब माँ बहुत चिंतित हो गई थी)
तभी मेरी बहन
कोचिंग से वापस घर आ गई, उसने फुल साईज
फ्रोक पहनी हुई थी और जो उसकी बॉडी से बिल्कुल फिट थी, वो एकदम हॉट लग रही थी. एक बार तो में भी उसे देखे जा रहा
था और तभी उसने सभी को हैल्लो कहा और अपने रूम में चली गई.
पंडित – ये लड़की कौन है?
माँ – ये मेरी बेटी है और अभी कॉलेज में पढाई कर रही
है.
पंडित – तो आप अगर मेरी बात का बुरा ना माने तो आप इसकी
शादी इस लड़की से ही क्यों नहीं करवा देती है? इससे आपकी बेटी भी हमेशा आपके साथ रहेगी और आपके बेटे को भी
लाईफ में कोई प्रोब्लम नहीं होगी और बाकी आपकी मर्ज़ी, क्योंकि इसका कोई और रास्ता नहीं है तो आप आराम से सोच लेना
और मुझे बता देना. फिर पंडित जी चले गये और में और माँ अभी भी सोफे पर बैठे थे और
कोई कुछ नहीं बोल रहा था.
में – माँ चिंता मत करो सब ठीक होगा और ये सब तो कहने
की बातें है और में नहीं मानता इन्हें.
माँ – नहीं बेटा ऐसा नहीं होता है और मैंने पहले ही
तुम्हारे पापा को खो दिया है और अब तुम्हें नहीं खोना चाहती, मुझे लगता है कि पंडित जी ठीक कह रहे थे.
में – लेकिन माँ वो मेरी बहन है और में ऐसा कैसे कर
सकता हूँ? ये असंभव है.
माँ – प्लीज बेटा यहाँ हमें कोई नहीं जानता है तो कोई
प्रोब्लम भी नहीं होगी, प्लीज मेरे लिए
मान जा और में तुम्हारी बहन से बात करती हूँ.
फिर माँ ने मुझे
समझा कर मना लिया तो मैंने भी उन्हें हाँ कर दी. फिर उसके बाद माँ बहन के रूम में
गई और अब में बाहर ही बैठा था, में दुखी भी था
कि मुझे ऐसा करना पड़ेगा, लेकिन कहीं ना
कहीं खुश भी था कि मुझे इतनी हॉट लड़की मिल रही है. फिर कुछ देर के बाद माँ बहन के
रूम से बाहर आई और उन्होंने कहा कि वो मान गई है और अब माँ बहुत खुश लग रही थी,
तभी में मेरी बहन के रूम में गया तो अब वो अजीब
सा महसूस कर रही थी.
में – तुम खुश तो हो ना और अगर तुम्हें कोई प्रोब्लम
है तो तुम मुझे बता सकती हो.
गीतू – नहीं भैया, आई एम वैरी हैप्पी मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है और में तो
बहुत खुश हूँ कि में हमेशा आपके और माँ के साथ ही रहूंगी.
अब ये सुनकर में
बहुत खुश हुआ और हम दोनों ने हग किया, लेकिन इस टाईम ये हग अलग था, उसके चेहरे पर एक
स्माईल थी. फिर में बाहर आ गया और माँ अगले दिन पंडित के पास चली गई और उनसे शादी
की तारीख ले ली. फिर हमने डिसाईड किया कि हम शादी मॉर्निंग टाईम घर पर ही करेंगे
और उसके बाद दिन में क्लोज़ फ्रेंड्स के साथ पार्टी कर लेंगे, जो यहाँ मेरे साथ दिल्ली में है और जिन्हें
मेरे और बहन के बारे में नहीं पता है. उसके बाद हमने शादी की तैयारी शुरू कर दी और
शॉपिंग करने लगे, अब शादी की तारीख
बहन के एग्जॉम के बाद की थी तो शादी का दिन आ गया और पंडित जी घर पर थे. अब में
तैयार होकर उनके पास बैठा था और बहन रूम में तैयार हो रही थी.
फिर कुछ टाईम के
बाद माँ गीतू को लेकर आई, उसने शादी की लाल
कलर का ड्रेस पहना हुआ था और वो किसी परी से कम नहीं लग रहीं थी, मेरी एक मिनट के लिए भी उससे नज़र नहीं हट रहीं
थी. फिर शादी के बाद हम सीधा रिशेप्शन पार्टी की जगह पर चले गये, वहाँ पर मेरे और बहन के कुछ क्लोज़ फ्रेंड्स
थे. उसके बाद माँ, में और गीतू घर आ
गये. फिर मैंने देखा कि माँ ने मेरा रूम पूरा रूम सुहागरात के लिए सजाया हुआ था.
फिर वो गीतू को लेकर रूम में चली गई और अभी में बाहर ही था. फिर कुछ टाईम के बाद
माँ रूम से बाहर आई और उन्होंने मुझे रूम में जाने के लिए कहा. फिर जब में रूम में
जा रहा था तो मुझे थोड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था और उतेजित भी था, क्योंकि यह सबके जैसी नॉर्मल सुहागरात नहीं थी
और मेरी सग़ी बहन के साथ सुहागरात थी.
फिर में ख़ुशी में
रूम में दाखिल हुआ और देखा कि क्या मस्त रूम और बेड को सजाया था? बेड को सारे फूलों से सजाया हुआ था और मेरी बहन
वहाँ बेड पर लाल कलर की साड़ी पहनकर बैठी थी, वो उस साड़ी में क्या मस्त दिख रही थी? उसे देखकर में बहुत उत्तेजित हो गया था. फिर वो
मुझे नहीं देख रही थी और में भी उसे नहीं देख रहा था, अब वो भी अजीब सा महसूस कर रही होगी. अब में बेड पर जाकर
बैठा और गीतू से बातें करने लगा.
में – गीतू तुम इस शादी की ड्रेस में बहुत सुन्दर लग
रही हो.
गीतू – थैंक्स भैया.
में – अब में सिर्फ़ तेरा भैया ही नहीं तेरा पति भी
हूँ.
गीतू – हम्म.
में – फिर मैंने उसके हाथ को मेरे हाथ में लिया और
पूछा कि क्या हुआ बेबी? तुम्हें अजीब सा
महसूस हो रहा है क्या?
गीतू – हाँ भैया अजीब सा तो होगा ही ना, लेकिन अब हम दोनों पति पत्नी है, मेरा मतलब अब हम इस फिलिंग का कुछ नहीं कर सकते
है तो अब हमें अपनी सुहागरात करनी चाहिए.
फिर मेरी बहन की
यह बात सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो गया और अब में समझ गया था कि वो भी
सुहागरात एन्जॉय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. फिर मैंने गीतू को मेरे पास
लिया और उसे हग किया और बोला आई लव यू डार्लिंग लेट्स एन्जॉय और सुहागरात तो गीतू
ने भी मुझे हग कर लिया. फिर मैंने उसकी आँखों में देखा तो मुझे नशा सा लगने लगा.
फिर मैंने पहले
उसके गालों पर किस किया और फिर किस करते-करते मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने
उसके लिप को स्मूच करना शुरू कर दिया. अब वो भी मुझे अच्छे से रेस्पॉन्स दे रहीं
थी, अब हम दोनों अपने स्मूच
में खो गये थे. फिर मैंने स्मूच करते-करते उसके बूब्स पर हाथ लगाया तो गीतू एकदम
जैसे उसकी बॉडी में करंट आ गया हो तो वैसा उसको झटका लगा. फिर हमने स्मूच ब्रेक
किया और अब में उसके बूब्स को महसूस कर रहा था.
गीतू – भैया यह मेरा पहला स्मूच था, इट वाज़ ओसम भैया.
में – भैया नहीं, अब में तेरा पति हूँ और अब में उसकी साड़ी की पल्लू हटाकर
उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था.
गीतू – हह्ह्ह्ह भैया धीरे से करो, मुझे तो आपको भैया ही बोलना है और हमारे पास
एन्जॉय करने के लिए सारी रात है.
अब में फिर से
गीतू को स्मूच करने लगा और अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और मेरा
उसके टाईट सेक्सी बूब्स से हाथ निकालने का मन नहीं हो रहा था, अब स्मूच करते-करते मैंने गीतू के ब्लाउज के
हुक निकाल दिए और उसने अंदर लाल ब्रा पहनी थी और लाल ब्रा में उसके बूब्स देखकर
में पागल हो गया था. मैंने पहले कभी गीतू को ऐसे नहीं देखा था. फिर मैंने उसकी
ब्रा को भी निकाल दिया और उसके बूब्स चूसने लगा.
गीतू – आह्ह्ह्ह भैया, धीरे करो दर्द हो रहा है.
में – इतने सेक्सी बूब्स है तेरे गीतू कंट्रोल नहीं
होता और अब में उसके बूब्स को एक के बाद एक चूसता रहा. अब गीतू बस मज़े में
हहह्ह्ह्ह की आवाज़ें कर रही थी, अब मेरी बहन की
सेक्सी जवान निप्पल खड़ी हो गई थी. फिर में उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर
ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और मेरे चूसने से वो पागल हो रही थी. फिर मैंने उसके एक
हाथ को मेरे लंड पर लगाया तो वो मेरे लंड को ड्रेस के ऊपर से ही सहला रही थी,
लेकिन कुछ नहीं कर रही थी. फिर मैंने उसकी
निप्पल को अपने दातों के बीच में लेकर काट दिया तो उसने मेरे काटने से मेरे लंड को
अपने हाथों में पकड़ लिया. फिर मैंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया,
अब गीतू मेरे लंड को सीधे नहीं देख रही थी,
शायद वो थोड़ा शर्मा रही थी.
फिर में उसके ऊपर
गया और उसकी सेक्सी गहरी नाभि को किस करने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा. अब
गीतू मदहोश हो चुकी थी और हहह्ह्ह भैया की आवाज़ें कर रही थी, अब गीतू की नाभि को किस करते-करते मैंने उसकी
साड़ी और पेटिकोट उतार दिया. अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी जो कि लाल कलर की थी,
अब में उसकी जांघो को किस करता रहा.
मैंने एक के बाद
एक उसकी टांगो को अपनी जीभ से चूसा, लेकिन अब तक उसकी पेंटी को हाथ भी नहीं लगाया. अब उसकी पेंटी पहले से गीली हो
चुकी थी. फिर मैंने उसकी जांघो को किस करते-करते उसकी पेंटी पर हाथ लगाया तो गीतू
ने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर मैंने ऐसे ही उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच
किया तो अब उसकी चूत को टच करते ही वो मचल रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी पर से
उसकी चूत को किस किया.
गीतू – भैया आप मुझे यह क्या कर रहे हो अहह? फिर मैंने उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी
पेंटी को निकाल दिया, वाउ क्या मस्त
चिकनी चूत थी? उसकी चूत एकदम
क्लीन थी, शायद उसने शादी के एक दिन
पहले ही शेव की थी.
फिर में उसकी चूत
को देखकर पागल हो गया और चाटना करना शुरू किया तो अब वो आह भैया अहह की सिसकियां
निकाल रही थी. अब में उसकी चूत को चाटते हुये अपनी उंगली भी अंदर डाल रहा था,
अब वो दर्द और मज़े से मचल रही थी. फिर मैंने
उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू किया, जवान वर्जिन चूत और वो भी मेरी बहन की. उसकी चूत का टेस्ट क्या मस्त लग रहा था?
अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी, अब वो मेरे चेहरे को अपने हाथ से उसकी चूत पर
दबाने लगी थी.
गीतू – हह्ह्ह्ह भैया आह्ह्ह्ह, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है भैया प्लीज़ मुझे चोदो,
मेरी चूत में आपका लंड डालो भैया. अब में उसकी
चूत में दूसरी उंगली भी डालकर अपनी 2 उँगलियों से फिंगरिंग कर रहा था और वो अहह
भैया, प्लीज चोदो मुझे, फक मी भैया आह्ह्ह्ह बोले जा रही थी. फिर मैंने
मेरे लंड को उसकी चूत पर लगाया और रब किया. फिर अंदर डालने की कोशिश की. वो वर्जिन
थी, अब उसे बहुत दर्द हो रहा
था और अब वो उसके पैरों को चौड़ा नहीं कर रही थी.
फिर मैंने उसकी
गांड के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम भी लगा
दी. फिर मैंने उसके ऊपर आकर अपने लंड को उसकी चूत पर लगाकर ज़ोर से झटका दिया तो
मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया तो अब गीतू दर्द से तड़प रही थी. फिर मैंने उसको
स्मूच करना शुरू किया और स्मूच करते करते ज़ोर से एक झटका दिया और उसकी सील टूट
गयी और उसकी आँखों से पानी आ रहा था.
फिर में थोड़ी
देर तक उसी पोज़िशन में रहा और फिर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी देर
तक ऐसे ही करने के बाद उसका दर्द कम हो गया तो उसने मुझे हग किया, अहह भैया चोदो मुझे और अंदर डालो भैया आह्ह्ह्ह
चोदो मुझे. फिर मैंने अपनी स्पीड तेज करनी शुरू कर दी, अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद
मेरा पानी निकलने वाला था. फिर मैंने बोला कि गीतू डार्लिंग मेरा निकलने वाला है.
फिर उसने बोला कि भैया फर्स्ट सेक्स का पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. फिर मैंने एक
ज़ोर के झटके से मेरा सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया. अब वो मुझे उसके पैरों से
लॉक करके उसी पोज़िशन में थी और हमने इसी पोज़िशन में 15 मिनट तक आराम किया.
फिर मैंने गीतू
से पूछा कि कैसा लगा? फिर उसने बोला कि
भैया बहुत मज़ा आया, लेकिन दर्द भी हो
रहा है. फिर मैंने बोला कि चिंता मत करो बेबी ये दर्द तो मीठा होता है, अगली बार से बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और
मैंने उसे स्मूच किया. फिर हम दोनों ऐसे ही स्मूच करते रहे. फिर मैंने गीतू से
मेरा लंड चूसने को कहा तो अब वो थोड़ा अजीब सा महसूस कर रही थी.
फिर मैंने बोला
कि बेबी बहुत मज़ा आयेगा. फिर में बेड पर नीचे लेट गया और अब वो मेरे लंड को
पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने बोला कि गीतू चूस मेरे लंड को तो अब वो मेरे लंड पर
किस कर रही थी, लेकिन पूरा अंदर
नहीं ले रही थी. फिर मैंने उसको 69 पोज़िशन में आने को बोला और अब उसकी चूत मेरे
चेहरे पर थी.
फिर मैंने उसकी
चूत को चाटना शुरू किया और अब वो मेरे लंड को किस कर रही थी और में उसकी चूत से
लेकर गांड तक अपनी जीभ से चाट रहा था और वो हह्ह्ह आह भैया और करो भैया और चाटो
मेरी चूत को ऐसे आवाज़ें कर रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चूसते चूसते उसकी गांड
में अपनी एक उंगली डाल दी. अब वो मेरे लंड को पूरा अंदर लेकर चूस रही थी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो मेरे लंड के
टोपे को उसकी जीभ से चाट रही थी और फिर सारा अंदर ले रही थी. फिर में भी उसकी चूत
में अपनी जीभ डालकर चाट रहा था और उसकी गांड में उंगली कर रहा था और अब वो मेरे
लंड को अपने मुँह में गले तक ले रही थी.
अब मुझसे कंट्रोल
नहीं हो रहा था तो मैंने उसको डॉगी स्टाईल में आने के लिए बोला और वो बेड पर अपनी
गांड मेरी तरफ करके झुक गई. फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और मेरा लंड उसकी चूत
में घुसा दिया. अब मेरा लंड अंदर जाते ही वो मचल गई और मैंने पीछे से उसके बूब्स
को पकड़ लिया और चोदना शुरू किया. अब में उसके बूब्स को दबाते हुये उसे चोद रहा था
और गीतू हह्ह्ह भैया हह्ह्ह फक मी हार्ड भैया, फक मी चूत भैया, हह्ह्ह भैया फक मी डीपर, ऐसी आवाज़ें कर
रही थी. अब में उसे चोदते-चोदते उसकी गांड और बूब्स को प्रेस कर रहा था और अब पूरे
रूम में ठप ठप ठप की आवाज़ें आ रही थी.
अब मेरा पानी उसकी गांड में निकलने वाला था और मेरी सुहागरात थी तो में उसके अंदर ही अपना पानी छोड़ना चाहता था. फिर मैंने बोला कि बेबी आई एम कमिंग. फिर उसने बोला कि भैया चोदो और चोदो. फिर मैंने भी उसकी चूत को मेरे स्पर्म से भर दिया और हम बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गये. ऐसे ही हमने उस रात अलग-अलग स्टाईल में सेक्स किया और ऐसे ही एक दूसरे को नंगे हग करके सो गये. फिर सुबह माँ ने दरवाजे को खटखटाया तो हमारी नींद खुल गई, अब गीतू मुझे स्माईल दे रहीं थी, अब मुझे वो संतुष्ट लग रही थी. फिर हमने स्मूच किया और बेड से नीचे आ गये और अपने कपड़े पहन लिए और फिर हमने सेक्स को खूब एन्जॉय किया.
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