हैल्लो दोस्तों,
मेरा नाम पीयूष है और में अपार्टमेन्ट के दूसरे
फ्लोर पर रहता हूँ और उसके नीचे वाले फ्लोर पर एक फेमिली रहती थी। उस फैमिली में
एक अंकल, आंटी और उनकी एक बेटी थी।
उनकी बेटी ने कॉलेज में एड्मिशन लिया ही था और वो दिखने में बहुत सेक्सी थी। उसकी
उम्र करीब 22 साल होगी और
दिल्ली की गर्ल्स की तरह उसका नेचर चुलबुला था और उसका फिगर 36-30-34 था। मेरा टॉप फ्लोर था और वो लोग मेरे यहाँ
अपनी पानी की टंकी देखने के लिए आते रहते थे, लेकिन ज्यादा बार उनका नौकर ही आता था। लेकिन कभी-कभी उनकी
लड़की भी आती थी, क्योंकि आंटी
बहुत मोटी थी तो वो सीढ़ियों पर आ जा नहीं सकती थी.
मेरा जॉब शिफ्ट
के समय से होता है और कभी-कभी नाईट शिफ्ट्स होती है तो पूरा दिन ही घर पर ही रहता
हूँ. ये फेमिली सरदार की है और सरदार बहुत ही फ्रेंक होते है. यह बात कुछ 2-3 साल पहले की है जब भी वो लड़की टंकी देखने आती
थी तो 10-15 मिनट बात ज़रूर करके
जाती थी, क्योंकि उसे लगता था कि
मुझसे ज़्यादा समझदार लड़का कॉलोनी में नहीं है. एक बार की बात है जब वो टंकी देखने
आई तो उसे ऊपर से खोलकर अंदर देखने लगी और कहने लगी कि देखो ना अंदर से कितनी
गर्म-गर्म हवा आती है, लेकिन मैंने नहीं
देखा और एक स्माईल पास कर दी. फिर बाद में मैंने सोचा कि मैंने तो एक मौका मिस कर
दिया, क्योंकि मैंने सुना था कि
लड़की नई-नई उम्र में लाईन देती है.
फिर अगले दिन जब
वो आई तो फिर से वही काम करने लगी और टंकी खोलकर उसमें अपना चेहरा देखने लगी और
कहने लगी कि देखो कितना साफ पानी है. अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में जानबूझ कर
उसके पीछे से चिपकता हुआ टंकी के पास चला गया और अंदर देखने लगा. इसी बीच मैंने
अपना पप्पू उसकी गांड पर लगा दिया. क्या फीलिंग थी वो यारों? पप्पू तो बस अंदर ही घुस जाना चाहता था. उस
टाईम उसने निक्कर ही पहनी थी.
फिर 1 मिनट तक अंदर देखने के बाद हम लोग वहाँ से हट
गये और फिर मेरा लंड और भी बेकरार होने लगा और बोलने लगा कि उसे तो अब बस वही
चाहिए जिसका अभी उसे स्पर्श मिला है. फिर मैंने उसे शांत करते हुए उसे वो दिलाने
का वादा कर दिया. फिर एक-दो दिन के बाद वो फिर से टंकी देखने आ गई जब में चाय बना
रहा था तो मैंने उससे कहा कि में तो चाय बना रहा हूँ टंकी आप ही देख लो. फिर लगे
हाथ मैंने उससे भी चाय के लिये पूछ लिया तो उसने कहा कि चलो इसी बहाने आपसे बात भी
हो जायेगी.
फिर मैंने चाय
बनाकर उसे अंदर बुला लिया. फिर जब वो अंदर आई तो मैंने देखा कि उसकी टी-शर्ट थोड़ी
गीली हो गई थी, क्योंकि उस पर
टंकी का थोड़ा पानी गिर गया था. जिससे उसके निप्पल साफ दिख रहे थे तो में जान गया
कि उस सरदारनी ने ब्रा नहीं पहनी है. फिर जब हम लोग चाय पी रहे थे तो मेरी निगाह
बस उसकी निप्पल पर ही थी तो उसने मुझे वहां देखते हुए पकड़ लिया और कहने लगी कि हाँ
ये थोड़ी गीली हो गई है तो अब में नीचे जाकर चेंज करती हूँ.
मैंने कहा कि हाँ
और कुछ भी गीला हो गया है तो वो तेज़ हंस पड़ी और कहने लगी कि आपने वहां तक देख
लिया. फिर मैंने कहा कि अब दिख रहा है तो में क्या करूँ? मेडम ने निक्कर पहनी थी तो मैंने उससे पूछ लिया कि आपकी
टांगो पर बाल नहीं आते क्या? तो वो कहने लगी
कि आयेंगे तो आपको अच्छा लगेगा क्या? तो मैंने कहा कि मुझे तो तभी अच्छा लगेगा जब कही नहीं आयेंगे तो वो कहने लगी
तो अच्छा महसूस कीजिए.
फिर में समझ गया
कि काम बन सकता है. उसकी टी-शर्ट पर एक कार्टून बना हुआ था तो मैंने उसे हाथ लगाते
हुए कहा कि देखो मिकी भी गीला हो गया है. तो उसने एकदम से अपनी आँखे बंद कर ली और
कहने लगी कि आप ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा कि जब
भी में हाथ लगाऊँ तो तुम अपनी आँखे बंद कर लोगी? तो उसने स्माईल पास की और फिर मैंने एक बार और हाथ लगा दिया
तो अब वो मुझे मारने के लिए मेरे पीछे भागने लगी. फिर में जाकर बेड पर गिर गया और
वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मुझे मारने का नाटक करने लगी और में भी उससे पीटने का
नाटक कर रहा था. फिर इसी दौरान मैंने उसे नीचे गिरा कर खुद उसके ऊपर बैठ गया और
कहने लगा कि मारोगी, लो में फिर से
मिकी को हाथ लगा रहा हूँ और चूत को भी हाथ लगा रहा हूँ.
अब फिर से मेरा
लंड जागने लग गया और वो उसकी चूत को टच होने लगा. अब वो भी धीरे-धीरे मदहोश होने
लगी थी. फिर मैंने झट से उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके निप्पल को चूसने लगा और
मैंने झट से उसकी निक्कर भी उतार दी और चूत को भी चूसने लगा. अब वो मदहोश होने लग
गई थी. फिर 5-10 मिनट के बाद
मैंने अपने लंड को निकाल कर उसकी चूत पर टच करते हुए लंड को उसकी चूत के अंदर डाल
दिया. वो चिल्ला उठी वाह्ह क्या टाईट चूत थी? फिर मैंने उसकी आवाज़ रोकने के लिए उसे एकदम से किस कर दिया
और में धीरे-धीरे झटके मारने लगा. अब हम दोनों 10 मिनट में झड़ गये. में आज तक उस चुदाई को याद करता हूँ और
मौका मिलते ही उसे दबोच लेता हूँ.
पड़ोस की मस्त सरदारनी - कहानी अच्छी लगी तो फेसबुक, ट्विटर और दुसरे सोशियल नेटवर्क पे हमें शेर करना ना भूलें. आप की एक शेर आप को और भी बहतरीन स्टोरियाँ ला के दे सकती हैं. हम आपके लिए औरवि अच्छे कहानी लाने की कोसिस करेंगे ता की आपको पढ़ने मई औरवि मोजा आये .
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें