मेरे मामा झारखंड
में फारेस्ट ऑफिसर बन गए थे। झारखंड राज्य का एक शहर है हजारीबाग। यह कुदरत की गोद
में बसा छोटा सा, पर बहुत खूबसूरत
शहर है। पहाडि़यों से घिरा, हरे भरे घने जंगल,
झील, कोयले की खानें इसकी खासीयत हैं। हजारीबाग के पास ही में डैम और नैशनल पार्क
भी हैं। यह शहर अभी हाल में ही रेल मार्ग से जुड़ा है, पर अभी भी नाम के लिए 1.2 ट्रेनें ही इस लाइन पर चलती हैं।
शायद इसी वजह से इस शहर ने अपने कुदरती खूबसूरती बरकरार रखी है। मेरा हजारीबाग
घूमने का बड़ा मन कर रहा था इसलिए जब मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ हुई तो मैं वहां
घुमने चला गया। जहाँ पर यादातर आदिवासी आबादी थी। वही लोग कोयले की खदानों में भी
काम करते थे। बहुत सुन्दर जगह थी हजारीबाग। मामा को एक सरकारी बंगला मिला था।
मैं वहां चाव से
रहने लगा। मेरी मामी से बहुत पटरी खाती
थी। वो मुझे बहुत प्यार करती थी और सोमू सोमू कहकर प्यार से पुकारती थी। मेरा तो लंड
कई बार मामी को देखकर खड़ा हो जाता था। वो बहुत जवान और टंच माल थी। मामी का फिगर
36 30 32 का था। वो बहुत सेक्सी और हॉट माल लगती थी। हमेशा साड़ी पहनती थी। पर
ब्लाउस बहुत गहरे गले के पहनती थी। कई बार तो मेरा मन करता था की मामी को पकड़कर
किसी किस कसके चोद लूँ।
दोस्तों कुछ दिन
बाद हजारीबाग में मानसून आ गया था। और बहुत बारिश हो रही थी। मामा तो अपने ऑफिस
गये हुए थे और मामी मेरे लिए घर के बाहर पार्क में लिट्टी चोखा बना रही थी। तभी
अचानक पानी बरसने लगा। इतना तेज पानी बरस रहा था की जब तक मामी घर में आई वो पूरी
तरह से भीग गयी थी। फिर बड़े बड़े घने घने बादल मंडराने लगे और बिजली भी चली गयी।
सुबह के 11 बजे थे पर बादलो के कारण बिलकुल अँधेरा हो गया था। मामी!! कुछ दिख नही
रहा। प्लीस लालटेन जलाओ!!” मैंने कहा बेटा!
रुको जला रही हूँ!!” मामी बोली मामी
का बदन बारिश से भीग गया था। घर में सब तरफ जगह अँधेरा था।
उन्होंने किसी
तरह लालटेन जलाई। जैसे ही मेरे पास आकर मामी जमीन पर लालटेन रखने लगी उनका साड़ी का
पल्लू सरक गया। वो पूरी तरह से भीग चुँकि थी क्यूंकि बारिश ही इतने तेज हो रही थी।
उनके भरे भरे मम्मे उनके ब्लाउस से साफ साफ दिख रहे थे। उफफ्फ्फ्फ़ कितने भरे भरे
मम्मे थे उनके। उस वक़्त घर में कोई नही था। सिर्फ मैं था और मेरी जवान मामी थी।
मामी ने मुझे आँखों में घूर पर देखा। मैंने उनको देखा। फिर वो जल्दी से सीधी खड़ी
हो गयी और अपने पल्लू को अपने सीने पर डालने लगी। शायद उन्होंने मुझे उनके हरे भरे
बूब्स घूरते हुए पकड़ लिया था। अगले ही पल मैंने छलांग लगाकर मामी को पकड़ लिया और
कमर में हाथ डाल दिया। बेटे सोमेन!! ये ये क्या कर रहे हो???” मामी घबराकर पूछने लगी “मामी! आज देखो मौसम भी कितना बेईमान है!! क्यूँ ना हम इसका
फायदा उठाये??” मैंने मामी के
कान में कहा और उनके गाल पर किस करने लगा।
उनका जिस्म उपर
से नीचे तक भीगा हुआ था। मेरे हाथों ने पीछे से उनकी कमर को पकड़ रखा था। ओह्ह क्या
सेक्सी चिकनी कमर थी। नही बेटे!! मैं तुम्हारी मामी हूँ कोई गर्लफ्रेंड नही!!”
मामी बोली पर मैंने उनकी एक बात नही सुनी। मैं
जल्दी जल्दी उनके गालों पर किस करने लगा। उनके गले पर किस करने लगा तो मामी को भी
अच्छा लगने लगा। धीरे धीरे मैं उनकी सेक्सी चिकनी 30” की सेक्सी कमर को हाथ से छू और सहला रहा था। सच में दोस्तों
मेरी मामी एक मस्त चोदने लायक माल थी। वो कुछ कह रही थी जिसे मैं नही सुन रहा था।
धीरे धीरे मेरा
हाथ उपर की तरह बढ़ने लगा। मेरा लंड खड़ा होने लगा। और फिर मेरे हाथ उनके बूब्स पर आ
गये। ओह्ह्ह गॉड!! कितनी खूबसूरत चूचियां थी मामी की। मैंने उनके साड़ी के पल्लू को
फिर से गिरा दिया। और तेज तेज उनके बूब्स दबाने लगा। मामी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ अअअअअ आहा हा हा हा” की मीठी मीठी सिस्कारियां निकालने लगी। अब तो मेरा 7”
का लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था। मामी!! देखो
मौसम कितना बेईमान है! घर पर कोई है भी नही! चलो आज मौसम का फायदा उठाते है!!”
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पड़ रहे है। मैंने कहा। मैंने खड़े होकर उनको पीछे से पकड़े था और अपनी बाहों में भरे
हुए था।
फिर अचानक और तेज
बारिश होने लगी और चारो तरह घने काले बादल छा गये। दिन में ही रात जैसा अँधेरा हो
गया था। तभी जोर की बिजली आसमान में चमकी। बादल गरजे, मामी डर गयी और मेरे सीने से चिपक गयी। उनको बिलजी के कड़कने
से बहुत डर लगता था। अब तो मैं और जादा खुश हो गया था। मैं उपर वाले को थैंकस कह
रहा था। उसके ही कारण मेरी खूबसूरत चुदासी मामी मेरे सीने से चिपक गयी थी। घर में
सब तरह अँधेरा था। सिर्फ एक लालटेन ही धीमी रौशनी में हमारे कमरे में जल रही थी।
बाहर भी सन्नाटा था। तभी मैंने मामी को फिर से कमर से पकड़ लिया और उनके होठ चूसने
लगा। फिर बेईमान मौसम को देखते हुए वो भी मुझे किस करने लगी। कहना गलत ना होगा की
उनका भी अब चुदने का दिल कर रहा था। मामी पूरी तरह से भीग गयी थी पर जब मैं उनको
किस करने लगा तो मैं भी भीग गया। बाप रे!! उनके बेताब 36” के भरे भरे मम्मे तो जैसे ब्लाउस फाड़कर बाहर आना चाहते थे।
वो ब्लाउस में रहना ही नही चाहते थे। हम दोनों गरमा गर्म चूमन लेने लगे।
मामी भी अपना
मुंह चला चलाकर मेरे होठ चूसने लगी और मैं भी ठीक ऐसा ही कर रहा था। कुछ ही देर
में मेरे हाथ जवान और चुदासी मामी के मम्मो पर आ गये और मैं उनके ब्लाउस के उपर से
ही उनके बूब्स दबाने लगा। मामी को भी भरपूर मजा मिलने लगा। वो इसस्स्स्स्स्स्स्स्उ हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की
आवाजे निकालने लगी। मैं और तेज तेज उनकी रसीली छातियां दबाने लगा। मामी और लम्बी
लम्बी सिस्कारियां लेने लगी। मुझे भी अब मामी की चुद्दी [चूत] मारनी थी। अब तो
बिना इसके काम चलता ही नही। तभी मेरी नियत और जादा ख़राब हो गयी। मैंने मामी के
खूबसूरत गुलाबी होठों को चूसते हुए उनके ब्लाउस में उपर से हाथ डाल दिए और मम्मे
को हाथ में ले लिया और मामी को मैंने एक दीवाल के सहारे से खड़ा कर दिया और तेज तेज
उनके दूध दबाने लगा।
मामी अब धीरे
धीरे चुदासी होने लगी। बार बार ही ही ही
ही ही अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह की आवाजे वो निकालने लगी। कहना गलत ना होगा की उनको
भी भरपूर आनंद की प्राप्ति हो रही थी। अब मैं उनके होठो को अपने मुंह में लेकर चबा
रहा था और उनके दूध दबा रहा था। बड़ी देर तक हम दोनों प्यार करते रहे। फिर मैंने
दूसरे मम्मे को अंदर हाथ डाल पर पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा। ये चुदाई कहानी
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दबवा रही थी। बेटा!!! अई अई!!” वो बोल रही थी।
मामी चुद्दी देगी की नही? साफ साफ बता??”
मैंने पूछा दूंगी बेटा दूंगी!! अब तो मैं तुमको
चुद्दी जरुर दूंगी और तेरा मोटा लंड भी जरुर खाऊँगी!! बेटा! अब मैं तुझसे खुलकर
चुदवाउंगी!!” मामी बोली।
फिर हम दोनों
बेडरूम में चले गये। मैं और मामी दोनों लोग अब चुदासे हो चुके थे। आज इस बरसात के
तूफान में मामी चुदने वाली थी। उसके बाद बिना कहे वो अपना ब्लाउस खोलने लगी और मैं
इधर अपना पेंट शर्ट उतारने लगा। कुछ ही देर में हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये
थे। मामी ने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी। मामी बेड पर लेट गयी। “बेटा सोमेन तू अँधेरे में मुझे चोद नही पाएगा।
दिक्कत होगी। जा लालटेन ले आ!!” मामी बोली। मैं
भागकर कहा और लालटेन बेडरूम में ले आया। फिर मैं मामी के पास आकर लेट गया। ओह्ह्ह
गॉड!! कितना खूबसूरत बदन था मामी का। अभी उनके कोई बच्चे भी नही हुए थे इसलिए वो
अभी भी कड़क माल थी। मैंने उनको बाहों में भर लिया और होठो को किस करने लगे।
उन्होंने अपने बाल भी खोल लिए थे और तौलिये से पोछ लिया था। अब खुले बालों में वो
और सेक्सी लग रही थी। हम दोनों लिप लोक होकर किस लगे। बार बार मेरा हाथ अपनी
खूबसूरत और चुदक्कड मामी की चूत पर चला जाता था। वो कुछ नही कह रही थी। क्यूंकि आज
उनका भी चुदवाने का मन था।
फिर मैंने अपना
हाथ उनके बूब्स पर रख दिए। लालटेन की धीमी रौशनी में मैंने उनकी भरी हुई छातियाँ
देखी। उफ्फ्फ्फ़ !! कितनी बड़ी और कितनी खूबसूरत!! और शिखर पर निपल के चारो तरह बड़े
बड़े काले सेक्सी छल्ले। दोस्तों ये सब देखकर मैं उत्तेजित हो गया और खड़े लंड से रस
निकलने लगा। उनके बाद मैंने कुछ देर तक मामी के होठ चुसे और फिर उनके मम्मो की तरफ
मैं बढ़ गया। कुछ देर तक मैं उनकी रसीली चूचियों को सहलाता रहा। फिर मैं कामुक हो
गया था और जोर जोर से उनकी चूचियों को दबाने लगा। मामी “आई आई आई अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी .हा हा हा की आवाज निकालने
लगी। दोस्तों उस बारिश के तूफान ने तो मेरी सेटिंग ही कर दी थी। अगर वो तूफान उस
दिन नही आता तो मामी कभी घर में नही आती और ना वो खूबसूरत संयोग घटित होता। मैं
मामी के नंगे खूबसूरत जिस्म को पाकर निहाल था। मेरे हाथ तेज तेज उसकी 36” की चूचियों को दबाये जा रहे थे।
मामी मेरा हाथ
पकड़ने की कोशिश करती थी पर मैं कहाँ मानने वाले था। मैं तो बहुत ही कामुक महसूस कर
रहा था। जल्दी जल्दी मैं मामी के मम्मो को दबाने लगा। वो गहरी गहरी सिस्कारियां
लेने लगी। फिर मैं मामी के दूध पिने लगा। वो चुदासी हो गयी और मेरे सिर के बालों
में अपनी उँगलियाँ घुमाने लगी। सोमेन बेटा!! आराम से!! पूरा दिन पड़ा है! आराम से
चूस!!” मामी बोली। पर मैं कहाँ
रुकने वाला था। ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। जिस तरह
से मामा मामी की चूचियां पी पीकर उनकी चुद्दी मारते थे ठीक मैं भी ऐसा ही कर रहा
था। मैंने मुंह में भरके उनके दूध पी रहा था जैसे बच्चे अपनी माँ के दूध पीते है।
मैं मम्मो को काट भी लेता था और उसमे अपने दांत गड़ा देता था। मामी तो बस “आऊ आऊ हमममम अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी..हा हा
हा..” की आवाज निकालती थी। उनकी
हालत बता रही थी की उनको भी आज अपनी चूचियां चुस्वाने में बहुत आनंद मिल रहा था।
मैंने जी भरकर
आधे घंटे तक अपनी सगी मामी की चूचियां चूसी और मजा लिया। उनके दूध में कई जगह मेरे
तेज धार वाले दांत गड गए थे और निशान पड़ गये थे। इसके बावजूद मामी को बहुत मजा
मिला था। अब मैंने उनकी चुद्दी [चूत] पर आ गया था।बेटा सोमेन!! आराम ने मेरी रसीली
चूत पीना!!” मामी ने पहली ही
आगाह कर दिया था क्यूंकि मैंने उनकी चूचियों पर बहुत दांत गड़ाए थे। दोस्तों बाहर
तो पूरी तरह से तूफान आ गया था। झमाझम बारिश हो रही थी। बिजली कड़क रही थी और ओले
[पत्थर] भी गिर रहे थे। बाहर तूफान आ चुका था। मामी ने अपनी टाँगे खोल दी।
उफ्फ्फ!! क्या भरी भरी गोरी सफ़ेद और चिकनी टांगे थी उनकी। लालटेन की रौशनी धीमी थी
पर इसके बावजूद मैंने उनके जिस्म की खूबसूरती को निहारा सकता था। मैंने बड़ी देर तक
उनकी टांगों को सहलाया और चूमा। उनकी भरी गोल मटोल जांघों को मैं खूब सहलाया। फिर
मैंने उनकी चिकनी साफ़ चूत पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा। मामी हूँ..हमममम
अहह्ह्ह्हह..अईबोलकर आवाजे निकालने लगी।
फिर मैंने उनकी
टांगो पर लेट गया और उनकी भरी हुई चूत पर मैंने किस कर लिया। फिर चूत पीने
लगा।धीरे धीरे मामी ने अपनी जाँघों को पूरी तरह से खोल दिया जिससे मेरा सिर पूरी
तरह से उनकी टांगो में समा गया। उनकी चूत अब उपर उठ गयी थी। मैंने हाथ मामी के पेट
पर रख दिए और जल्दी जल्दी चूत पीने और चाटने लगा। उधर बाहर तो आसमान में तूफान आ
ही चुका था पर अब मामी की चूत में भी तूफान आ गया था। मैं जल्दी जल्दी जीभ लगाकर
उनकी चुद्दी चाट रहा था। उफ्फ्फ कितनी नशीली चूत थी मामी की। मेरी तो नियत और जादा
खराब हो गयी थी। मैं तो उनकी बुर को आज खा ही जाना चाहता था। मामी के चूत के होठ
काफी बड़े बड़े थे जिसे मैं दांत से पकड़कर खीच रहा था। जिससे मामी को बहुत सेक्सी
फील हो रहा था।
मैं मामी की चूत
के अंदर ही जीभ डाले दे रहा था। कुछ देर बाद मामी की चूत में तूफान उठ गया था और
वो बार बार अपनी गांड उपर हवा में उठाने लगी। मैं किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ को
लपर लपर करने लगा। मैं बड़ी देर तक मामी के चूत दे दाने को चूसा।फिर मैंने अपना लंड
उनकी चूत में डाल दिया और अपनी सगी मामी की चूत बजाने लगा। ये चुदाई कहानी आप हॉट
सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। धीरे धीरे मेरे धक्के बढ़ते ही जा रहे थे। मैंने
अपनी नंगी और सेक्सी मामी को कसके बाहों में पकड़ लिया था।
उनके हाथों की उंगलियाँ मेरे हाथों में फंस गयी थी। मैंने उनके होठ चूस रहा था और नीचे से मेरी कमर नाच नाच कर मामी की चुद्दी को चोद रही थी। वो चुद रही थी और अअअअअ आआआआ सी सी सी सीकी आवाजे निकाल रही थी। दोस्तों मैंने मामी ने काफी लम्बा था इसलिए वो मेरी बाहों में आराम से आ गयी थी। मैं उनको जल्दी जल्दी चोदने लगा और उनके रसीले होठ फिर से चूसने लगा। मामी ने किसी चुदक्कड औरत की तरह अपने दोनों पैर हवा में उठाने लगी और सिसकने लगी। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली और मजे से चुदवाने लगी। उनका चहरा बता रहा था की उनको बहुत आनंद मिल रहा था। मैं उनकी चूत में गहरे धक्के देने लगा। कुछ देर बाद मामी अपना पेट और कमर उठाने लगी। आधे घंटे मैंने उनकी चूत मारी फिर चूत में ही झड़ गया। कैसी लगी मामी की चुदाई स्टोरी