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बरसात में मामी की चुदाई - Mami ki bur chudai kahani

बरसात में मामी की चुदाई - Mami ki bur chudai kahani

मेरे मामा झारखंड में फारेस्ट ऑफिसर बन गए थे। झारखंड राज्य का एक शहर है हजारीबाग। यह कुदरत की गोद में बसा छोटा सा, पर बहुत खूबसूरत शहर है। पहाडि़यों से घिरा, हरे भरे घने जंगल, झील, कोयले की खानें इसकी खासीयत हैं। हजारीबाग के पास ही में डैम और नैशनल पार्क भी हैं। यह शहर अभी हाल में ही रेल मार्ग से जुड़ा है, पर अभी भी नाम के लिए 1.2 ट्रेनें ही इस लाइन पर चलती हैं। शायद इसी वजह से इस शहर ने अपने कुदरती खूबसूरती बरकरार रखी है। मेरा हजारीबाग घूमने का बड़ा मन कर रहा था इसलिए जब मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ हुई तो मैं वहां घुमने चला गया। जहाँ पर यादातर आदिवासी आबादी थी। वही लोग कोयले की खदानों में भी काम करते थे। बहुत सुन्दर जगह थी हजारीबाग। मामा को एक सरकारी बंगला मिला था।

 

मैं वहां चाव से रहने लगा। मेरी मामी से  बहुत पटरी खाती थी। वो मुझे बहुत प्यार करती थी और सोमू सोमू कहकर प्यार से पुकारती थी। मेरा तो लंड कई बार मामी को देखकर खड़ा हो जाता था। वो बहुत जवान और टंच माल थी। मामी का फिगर 36 30 32 का था। वो बहुत सेक्सी और हॉट माल लगती थी। हमेशा साड़ी पहनती थी। पर ब्लाउस बहुत गहरे गले के पहनती थी। कई बार तो मेरा मन करता था की मामी को पकड़कर किसी किस कसके चोद लूँ।

 

दोस्तों कुछ दिन बाद हजारीबाग में मानसून आ गया था। और बहुत बारिश हो रही थी। मामा तो अपने ऑफिस गये हुए थे और मामी मेरे लिए घर के बाहर पार्क में लिट्टी चोखा बना रही थी। तभी अचानक पानी बरसने लगा। इतना तेज पानी बरस रहा था की जब तक मामी घर में आई वो पूरी तरह से भीग गयी थी। फिर बड़े बड़े घने घने बादल मंडराने लगे और बिजली भी चली गयी। सुबह के 11 बजे थे पर बादलो के कारण बिलकुल अँधेरा हो गया था। मामी!! कुछ दिख नही रहा। प्लीस लालटेन जलाओ!!मैंने कहा बेटा! रुको जला रही हूँ!!मामी बोली मामी का बदन बारिश से भीग गया था। घर में सब तरफ जगह अँधेरा था।

 

उन्होंने किसी तरह लालटेन जलाई। जैसे ही मेरे पास आकर मामी जमीन पर लालटेन रखने लगी उनका साड़ी का पल्लू सरक गया। वो पूरी तरह से भीग चुँकि थी क्यूंकि बारिश ही इतने तेज हो रही थी। उनके भरे भरे मम्मे उनके ब्लाउस से साफ साफ दिख रहे थे। उफफ्फ्फ्फ़ कितने भरे भरे मम्मे थे उनके। उस वक़्त घर में कोई नही था। सिर्फ मैं था और मेरी जवान मामी थी। मामी ने मुझे आँखों में घूर पर देखा। मैंने उनको देखा। फिर वो जल्दी से सीधी खड़ी हो गयी और अपने पल्लू को अपने सीने पर डालने लगी। शायद उन्होंने मुझे उनके हरे भरे बूब्स घूरते हुए पकड़ लिया था। अगले ही पल मैंने छलांग लगाकर मामी को पकड़ लिया और कमर में हाथ डाल दिया। बेटे सोमेन!! ये ये क्या कर रहे हो???” मामी घबराकर पूछने लगी मामी! आज देखो मौसम भी कितना बेईमान है!! क्यूँ ना हम इसका फायदा उठाये??” मैंने मामी के कान में कहा और उनके गाल पर किस करने लगा।

 

उनका जिस्म उपर से नीचे तक भीगा हुआ था। मेरे हाथों ने पीछे से उनकी कमर को पकड़ रखा था। ओह्ह क्या सेक्सी चिकनी कमर थी। नही बेटे!! मैं तुम्हारी मामी हूँ कोई गर्लफ्रेंड नही!!मामी बोली पर मैंने उनकी एक बात नही सुनी। मैं जल्दी जल्दी उनके गालों पर किस करने लगा। उनके गले पर किस करने लगा तो मामी को भी अच्छा लगने लगा। धीरे धीरे मैं उनकी सेक्सी चिकनी 30की सेक्सी कमर को हाथ से छू और सहला रहा था। सच में दोस्तों मेरी मामी एक मस्त चोदने लायक माल थी। वो कुछ कह रही थी जिसे मैं नही सुन रहा था।

 

धीरे धीरे मेरा हाथ उपर की तरह बढ़ने लगा। मेरा लंड खड़ा होने लगा। और फिर मेरे हाथ उनके बूब्स पर आ गये। ओह्ह्ह गॉड!! कितनी खूबसूरत चूचियां थी मामी की। मैंने उनके साड़ी के पल्लू को फिर से गिरा दिया। और तेज तेज उनके बूब्स दबाने लगा। मामी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ अअअअअ आहा  हा हा हाकी मीठी मीठी सिस्कारियां निकालने लगी। अब तो मेरा 7का लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था। मामी!! देखो मौसम कितना बेईमान है! घर पर कोई है भी नही! चलो आज मौसम का फायदा उठाते है!!ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने कहा। मैंने खड़े होकर उनको पीछे से पकड़े था और अपनी बाहों में भरे हुए था।

 

फिर अचानक और तेज बारिश होने लगी और चारो तरह घने काले बादल छा गये। दिन में ही रात जैसा अँधेरा हो गया था। तभी जोर की बिजली आसमान में चमकी। बादल गरजे, मामी डर गयी और मेरे सीने से चिपक गयी। उनको बिलजी के कड़कने से बहुत डर लगता था। अब तो मैं और जादा खुश हो गया था। मैं उपर वाले को थैंकस कह रहा था। उसके ही कारण मेरी खूबसूरत चुदासी मामी मेरे सीने से चिपक गयी थी। घर में सब तरह अँधेरा था। सिर्फ एक लालटेन ही धीमी रौशनी में हमारे कमरे में जल रही थी। बाहर भी सन्नाटा था। तभी मैंने मामी को फिर से कमर से पकड़ लिया और उनके होठ चूसने लगा। फिर बेईमान मौसम को देखते हुए वो भी मुझे किस करने लगी। कहना गलत ना होगा की उनका भी अब चुदने का दिल कर रहा था। मामी पूरी तरह से भीग गयी थी पर जब मैं उनको किस करने लगा तो मैं भी भीग गया। बाप रे!! उनके बेताब 36के भरे भरे मम्मे तो जैसे ब्लाउस फाड़कर बाहर आना चाहते थे। वो ब्लाउस में रहना ही नही चाहते थे। हम दोनों गरमा गर्म चूमन लेने लगे।

 

मामी भी अपना मुंह चला चलाकर मेरे होठ चूसने लगी और मैं भी ठीक ऐसा ही कर रहा था। कुछ ही देर में मेरे हाथ जवान और चुदासी मामी के मम्मो पर आ गये और मैं उनके ब्लाउस के उपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा। मामी को भी भरपूर मजा मिलने लगा। वो  इसस्स्स्स्स्स्स्स्उ हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आवाजे निकालने लगी। मैं और तेज तेज उनकी रसीली छातियां दबाने लगा। मामी और लम्बी लम्बी सिस्कारियां लेने लगी। मुझे भी अब मामी की चुद्दी [चूत] मारनी थी। अब तो बिना इसके काम चलता ही नही। तभी मेरी नियत और जादा ख़राब हो गयी। मैंने मामी के खूबसूरत गुलाबी होठों को चूसते हुए उनके ब्लाउस में उपर से हाथ डाल दिए और मम्मे को हाथ में ले लिया और मामी को मैंने एक दीवाल के सहारे से खड़ा कर दिया और तेज तेज उनके दूध दबाने लगा।

 

मामी अब धीरे धीरे चुदासी होने लगी। बार बार  ही ही ही ही ही अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह की आवाजे वो निकालने लगी। कहना गलत ना होगा की उनको भी भरपूर आनंद की प्राप्ति हो रही थी। अब मैं उनके होठो को अपने मुंह में लेकर चबा रहा था और उनके दूध दबा रहा था। बड़ी देर तक हम दोनों प्यार करते रहे। फिर मैंने दूसरे मम्मे को अंदर हाथ डाल पर पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा। ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मामी आँखें बंद करके अपने रसीले मम्मे दबवा रही थी। बेटा!!! अई अई!!वो बोल रही थी। मामी चुद्दी देगी की नही? साफ साफ बता??” मैंने पूछा दूंगी बेटा दूंगी!! अब तो मैं तुमको चुद्दी जरुर दूंगी और तेरा मोटा लंड भी जरुर खाऊँगी!! बेटा! अब मैं तुझसे खुलकर चुदवाउंगी!!मामी बोली।

 

फिर हम दोनों बेडरूम में चले गये। मैं और मामी दोनों लोग अब चुदासे हो चुके थे। आज इस बरसात के तूफान में मामी चुदने वाली थी। उसके बाद बिना कहे वो अपना ब्लाउस खोलने लगी और मैं इधर अपना पेंट शर्ट उतारने लगा। कुछ ही देर में हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये थे। मामी ने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी। मामी बेड पर लेट गयी। बेटा सोमेन तू अँधेरे में मुझे चोद नही पाएगा। दिक्कत होगी। जा लालटेन ले आ!!मामी बोली। मैं भागकर कहा और लालटेन बेडरूम में ले आया। फिर मैं मामी के पास आकर लेट गया। ओह्ह्ह गॉड!! कितना खूबसूरत बदन था मामी का। अभी उनके कोई बच्चे भी नही हुए थे इसलिए वो अभी भी कड़क माल थी। मैंने उनको बाहों में भर लिया और होठो को किस करने लगे। उन्होंने अपने बाल भी खोल लिए थे और तौलिये से पोछ लिया था। अब खुले बालों में वो और सेक्सी लग रही थी। हम दोनों लिप लोक होकर किस लगे। बार बार मेरा हाथ अपनी खूबसूरत और चुदक्कड मामी की चूत पर चला जाता था। वो कुछ नही कह रही थी। क्यूंकि आज उनका भी चुदवाने का मन था।

 

फिर मैंने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिए। लालटेन की धीमी रौशनी में मैंने उनकी भरी हुई छातियाँ देखी। उफ्फ्फ्फ़ !! कितनी बड़ी और कितनी खूबसूरत!! और शिखर पर निपल के चारो तरह बड़े बड़े काले सेक्सी छल्ले। दोस्तों ये सब देखकर मैं उत्तेजित हो गया और खड़े लंड से रस निकलने लगा। उनके बाद मैंने कुछ देर तक मामी के होठ चुसे और फिर उनके मम्मो की तरफ मैं बढ़ गया। कुछ देर तक मैं उनकी रसीली चूचियों को सहलाता रहा। फिर मैं कामुक हो गया था और जोर जोर से उनकी चूचियों को दबाने लगा। मामी आई आई आई अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी .हा हा हा की आवाज निकालने लगी। दोस्तों उस बारिश के तूफान ने तो मेरी सेटिंग ही कर दी थी। अगर वो तूफान उस दिन नही आता तो मामी कभी घर में नही आती और ना वो खूबसूरत संयोग घटित होता। मैं मामी के नंगे खूबसूरत जिस्म को पाकर निहाल था। मेरे हाथ तेज तेज उसकी 36की चूचियों को दबाये जा रहे थे।

 

मामी मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश करती थी पर मैं कहाँ मानने वाले था। मैं तो बहुत ही कामुक महसूस कर रहा था। जल्दी जल्दी मैं मामी के मम्मो को दबाने लगा। वो गहरी गहरी सिस्कारियां लेने लगी। फिर मैं मामी के दूध पिने लगा। वो चुदासी हो गयी और मेरे सिर के बालों में अपनी उँगलियाँ घुमाने लगी। सोमेन बेटा!! आराम से!! पूरा दिन पड़ा है! आराम से चूस!!मामी बोली। पर मैं कहाँ रुकने वाला था। ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। जिस तरह से मामा मामी की चूचियां पी पीकर उनकी चुद्दी मारते थे ठीक मैं भी ऐसा ही कर रहा था। मैंने मुंह में भरके उनके दूध पी रहा था जैसे बच्चे अपनी माँ के दूध पीते है। मैं मम्मो को काट भी लेता था और उसमे अपने दांत गड़ा देता था। मामी तो बस आऊ आऊ हमममम अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी..हा हा हा..की आवाज निकालती थी। उनकी हालत बता रही थी की उनको भी आज अपनी चूचियां चुस्वाने में बहुत आनंद मिल रहा था।

 

मैंने जी भरकर आधे घंटे तक अपनी सगी मामी की चूचियां चूसी और मजा लिया। उनके दूध में कई जगह मेरे तेज धार वाले दांत गड गए थे और निशान पड़ गये थे। इसके बावजूद मामी को बहुत मजा मिला था। अब मैंने उनकी चुद्दी [चूत] पर आ गया था।बेटा सोमेन!! आराम ने मेरी रसीली चूत पीना!!मामी ने पहली ही आगाह कर दिया था क्यूंकि मैंने उनकी चूचियों पर बहुत दांत गड़ाए थे। दोस्तों बाहर तो पूरी तरह से तूफान आ गया था। झमाझम बारिश हो रही थी। बिजली कड़क रही थी और ओले [पत्थर] भी गिर रहे थे। बाहर तूफान आ चुका था। मामी ने अपनी टाँगे खोल दी। उफ्फ्फ!! क्या भरी भरी गोरी सफ़ेद और चिकनी टांगे थी उनकी। लालटेन की रौशनी धीमी थी पर इसके बावजूद मैंने उनके जिस्म की खूबसूरती को निहारा सकता था। मैंने बड़ी देर तक उनकी टांगों को सहलाया और चूमा। उनकी भरी गोल मटोल जांघों को मैं खूब सहलाया। फिर मैंने उनकी चिकनी साफ़ चूत पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा। मामी हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अईबोलकर आवाजे निकालने लगी।

 

फिर मैंने उनकी टांगो पर लेट गया और उनकी भरी हुई चूत पर मैंने किस कर लिया। फिर चूत पीने लगा।धीरे धीरे मामी ने अपनी जाँघों को पूरी तरह से खोल दिया जिससे मेरा सिर पूरी तरह से उनकी टांगो में समा गया। उनकी चूत अब उपर उठ गयी थी। मैंने हाथ मामी के पेट पर रख दिए और जल्दी जल्दी चूत पीने और चाटने लगा। उधर बाहर तो आसमान में तूफान आ ही चुका था पर अब मामी की चूत में भी तूफान आ गया था। मैं जल्दी जल्दी जीभ लगाकर उनकी चुद्दी चाट रहा था। उफ्फ्फ कितनी नशीली चूत थी मामी की। मेरी तो नियत और जादा खराब हो गयी थी। मैं तो उनकी बुर को आज खा ही जाना चाहता था। मामी के चूत के होठ काफी बड़े बड़े थे जिसे मैं दांत से पकड़कर खीच रहा था। जिससे मामी को बहुत सेक्सी फील हो रहा था।

 

मैं मामी की चूत के अंदर ही जीभ डाले दे रहा था। कुछ देर बाद मामी की चूत में तूफान उठ गया था और वो बार बार अपनी गांड उपर हवा में उठाने लगी। मैं किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ को लपर लपर करने लगा। मैं बड़ी देर तक मामी के चूत दे दाने को चूसा।फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और अपनी सगी मामी की चूत बजाने लगा। ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। धीरे धीरे मेरे धक्के बढ़ते ही जा रहे थे। मैंने अपनी नंगी और सेक्सी मामी को कसके बाहों में पकड़ लिया था।

 

उनके हाथों की उंगलियाँ मेरे हाथों में फंस गयी थी। मैंने उनके होठ चूस रहा था और नीचे से मेरी कमर नाच नाच कर मामी की चुद्दी को चोद रही थी। वो चुद रही थी और अअअअअ आआआआ सी सी सी सीकी आवाजे निकाल रही थी। दोस्तों मैंने मामी ने काफी लम्बा था इसलिए वो मेरी बाहों में आराम से आ गयी थी। मैं उनको जल्दी जल्दी चोदने लगा और उनके रसीले होठ फिर से चूसने लगा। मामी ने किसी चुदक्कड औरत की तरह अपने दोनों पैर हवा में उठाने लगी और सिसकने लगी। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली और मजे से चुदवाने लगी। उनका चहरा बता रहा था की उनको बहुत आनंद मिल रहा था। मैं उनकी चूत में गहरे धक्के देने लगा। कुछ देर बाद मामी अपना पेट और कमर उठाने लगी। आधे घंटे मैंने उनकी चूत मारी फिर चूत में ही झड़ गया। कैसी लगी मामी की चुदाई स्टोरी 

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रात में सौतेला बाप ने मेरा रेप किया - मेरी दर्दनाक सेक्स कहानी

रात में सौतेला बाप ने मेरा रेप किया - दर्दनाक सेक्स कहानी

कुछ साल पहले मेरे पापा की कैंसर से मौत हो गयी थी। इसलिए मेरी माँ को दुबारा शादी करनी पड़ गयी। मेरी माँ बहुत सुंदर औरत थी और गजब की माल थी। उसका कद ५ फुट ४ इंच का था, बहुत दूध जितनी गोरी थी और उसके बूब्स तो ३४ ३६के होंगे। जो आदमी मेरी माँ से शादी करने जा रहा था उसकी औरत खत्म हो गयी थी।वो भी अकेला था और माँ भी अकेली थी। दोनों में बात हो गयी और फिर शादी हो गयी। सुहागरात के दिन उस आदमी ने मेरी माँ को खूब चोदा। माँ की गर्म गर्म चीखे मैं साफ साफ़ सुन सकती थी। आआआअह्हह्हह्ह….ऊऊऊ….अईईईईईआऊऊऊउ माँ गर्म गर्म सिसकारी निकाल रही थी और मजे लेकर चुद रही थी। तब मेरी उम्र १८ साल की थी।


मैं बालिग़ हो चुकी थी और चुदने लायक सामान हो गयी थी। शुरू के साल भर मेरे सौतेले बाप ने मुझे बहुत प्यार दिया। मेरे लिए नये नये कपड़े लेकर आया। तरह तरह की चीजे, खाने की अच्छी अच्छी चीजे वो लेकर आता था। साल भर उसने मेरी माँ को खूब जी भरकर चोदा और ठोंका। उसके बाद उसके व्यवहार में अचानक बदलाव आना शुरू हो गया।ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मेरा सौतेला बाप जब मेरा पास आता तो मेरे दोनों कंधों पर अपने हाथ रख देता और सहलाने लगा जाता।

 

बेटी!! मुझे तुझसे कुछ बात अकेले में करनी है!!मेरा सौतेला बाप बोला

 

एक दिन जब माँ नही थी तो उसने मुझे अपने कमरे में बुलाया।

 

बेटी निवेदिता! ….क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड है???” उसने पूछा

 

नही पापा!मैं बोली

 

बेटी बनाना भी नही। ये बोयफ्रेंड बहुत गंदे होते है, मासूम लड़कियों को चोद लेते है और खा पीकर चूत का छेद बड़ा करके भाग जाते है। कुछ बॉयफ्रेंड तो शादी का झांसा देकर मासूम लड़कियों को चोद लेते है!!मेरे सौतेले बाप ने मुझे समझाया। उस दिन से मैं पापा को अपना बड़ा अच्छा दोस्त मानने लगी। एक दिन जब मेरी माँ घर पर नही थी, मेरे सौतेले पापा ने मुझे टीवी पर एक ब्लू फिल्म दिखाई।

 

निवेदिता!! बेटी ….देखो अच्छी लगी ये पिक्चर??” मेरे सौतेले बाप ने पूछा

 

मैंने देखा तो वो एक गर्मा गर्म चुदाई वाली पिक्चर थी। लड़का लकड़ी को गोद में उठाकर चोद रहा था और लड़की गर्म गर्म मादक सिस्कारियां निकाल रही थी। मैं शर्मा गयी।

 

निवेदिता बेटी….अच्छी लगी??” मेरे सौतेले बाप ने फिर पूछा

 

धत्त!! पापा…..क्या कोई पापा अपनी बेटी से ये पूछता है!!मैं कहा। मैं बहुत लजा गयी थी और शर्म कर रही थी।

 

बेटी, आजकल युवाओं को सेक्स एजुकेशन देना बहुत जरूरी हो गया है। वरना लड़कियां कई मर्दों से चुदवा लेती है और ऐड्स जैसी जानलेवा बिमारी का शिकार बन जाती है। इसलिए बेटी आजकल हर बाप अपनी जवान चुदने लायक लड़की को चुपके चुपके सेक्स एजुकेशन देते रहते है, ये बात सीक्रेट ही रखी जाती है। तुम ये दोनों टेप अच्छी तरह से देख लेना, जिससे तुमको सेक्स एजुकेशन मिल जाए!मेरे सौतेले बाप [पापा] ने कहा। उसने सेक्स की चुदाई वाली गर्मा गर्म फिल्मे मेरे कमरे में छोड़ दी और अपने काम पर चला गया। मेरे पास करने को और कोई काम था नही, मेरा कॉलेज तो एक महीने के लिए बंद ही हो गया था तो मैंने सोचा की चलो सेक्स एजुकेशन ही ले लूँ। वैसे भी कोई बाप इतना पाप नही होगा की अपनी लड़की को गलत शिक्षा दे।ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

 

दोस्तों, मैंने जैसे जैसे वो चुदाई वाले फिल्मे देखना शुरू की मुझे अच्छी लगने लगी। कुछ देर बाद तो मैंने अपना सारा काम धाम छोड़ दिया और सुबह से रात तक बैठ कर मैंने वो दोनों चुदाई की ४ ४ घंटे की फिल्म देख ली। शाम को पापा और मम्मी अपने अपने ऑफिस से लौटे तो मुझे पता नही क्या हो गया है। उन चुदाई फिल्मो का मेरे किशोर मन पर बहुत असर हुआ था।पापा!! मुझे और सेक्स एजुकेशन लेनी है, कल आप और टेप ले आना!!मैं अपने सौतेले बाप से बोल दिया,मेरा चुदाई फिल्मो में इंटरेस्ट देखकर मन ही मन वो मुस्कुराने लगे। सायद वो कोई कुटिल प्लान अपने दिमाग में बना रहे थे। इस तरह पापा रोज नई नई चुदाई वाली फिल्मे मेरे लिए लाने लगे। कभी जापानी चुदाई की फिल्मे, कभी चाईनीस चुदाई की फिल्मे , कभी कोई….कभी कोई। दोस्तों २ महीने बाद मुझे ब्लू फिल्म देखने का भयानक चस्का लग गया था, जैसे किसी गंजेड़ी को गांजा पीने के बुरा चस्का लग गया था। एक दिन सुबह सुबह जब मेरी माँ अपनी नौकरी पर गयी थी मैंने पापा से फिर कहा की मेरे लिए चुदाई फिल्म लेकर आये। मेरे पापा गये और मार्किट से खाली हाथ लौट आये।

 

ये क्या पापा…..आप खाली हाथ क्यों लौट आये, अब मेरा वक़्त कैसे बीतेगा???” मैं बहुत बेचैन महसूस कर रही थी। जैसे किसी अफीमची को अगर अफीम सूंघने को ना मिले तो वो बड़ा बेचैन हो जाता है, मेरी हालत बिलकुल ऐसी ही थी।

 

बेटी……वो दूकान बंद थी। पता नही खुलेगी!!पापा बोले

 

नही पापा…..आप फिर से मार्केट जाइये और मेरे लिए वो सेक्स एजुकेशन वाला टेप लेकर आईये!!मैंने झल्लाते हुए कहा। मेरा सौतेला बाप जा जाने क्यों हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था। उसका पूरा प्लान मुझे रगड़कर चोदने और खाने का था। अपनी हवस को पूरी करने के लिए उस बहनचोद ने मुझे सेक्स एजुकेशन का झांसा दिया था। उसका असली मकसद मुझे चोदना था। मैं २ महीनो ने रोज नई नई चुदाई वाली फिल्मे देखने लगी थी और चूत में बैंगन और मूली, गाजर और ऊँगली डालकर मुठ मारना भी सीख गयी थी। अब मैं चुदाई के बारे में सब कुछ जान गयी थी। अब मैं गांड मरवाने के बारे में सब कुछ जान गयी थी।

 

मेरी झल्लाहट देखकर मेरा सौतेला बाप बहुत खुश हो रहा था। बेटी आज दूकान तो बंद है….तुम रोज रोज नई नई चुदाई फिल्मे देखकर सेक्स एजुकेशन लेती तो। बेटी……अगर तुम चाहो तो मैं तुमको रिअल सेक्स का मजा दे सकता हूँकिसी को पता नही चलेगा। देखने से जादा करने में मजा आता है बेटी…..जरा सोचो….सोचो!!मेरा कपटी बाप बोला,“हाँ!! पापा …..ये मस्त आईडिया है। रोज मैं सेक्स एजुकेशन लेती हूँ, पर कभी सेक्स नही करती। पापा आज आप मेरे साथ सेक्स करो और मुझे रिअल सेक्स एजुकेशन दो!!”“बेटी……तुम्हारा मतलब मैं तुमको चोदकर…..सेक्स एजुकेशन दूँ???” मेरे कुटिल सौतेले बाप ने पूछा। वो अच्छी तरह से जान गया था की उसने मुझे कोई सेक्स वेक्स एजुकेशन नही दी थी। उसका कुटिल मकसद मुझे सेक्स की लत लगवाकर जी भरकर चोदना था। वो हमारी सेक्स एजुकेशन के नाम पर मुझे धोखे से चोदना खाना नोचना चाहता है। मैं मासूम कली थी, उसकी चाल समझ ना पायी।

 

हाँ …..पापा हाँ!! आप मुझे चोदिये और सेक्स एजुकेशन दीजिये!!मैंने बोली

 

ये सुनकर मेरा सौतेला बाप बहुत खुश। उसने मुझे बाहों में भर लिया और अब उसे किसी बात का डर नही था। क्यूंकि अब मुझे ही सेक्स की बुरी लत लग गयी थी। मैं खुद ही अपने पापा से चिपक गयी। मैंने फिरोजी रंग का सलवार सूट पहन रखा था। मेरा पापा यानी मेरा सौतेला बाप मेरे मस्त मस्त मम्मे ताड़ रहा था। फिर उसने मेरा दुप्पटा खींच दिया और हटा दिया। मेरे बड़े बड़े मम्मे मेरी कमीज के सूती कपड़े से साफ़ साफ़ दिख रहे थे। फिर पापा मुझे चोदने के लिए कमरे में ले गये। मुझे सेक्स की बुरी लत लग चुकी थी। वरना कोई शरीफ लड़की अपने बाप से चुदवाने के लिए उनके कमरे में नही जाती।ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मेरे होठ पीने लगे। पापा ने मुझे बाहों में भर लिया था। दोस्तों, आज मैं भी फुल मूड में थी। चुदाई फिल्मे मैंने बहुत देख ली थी आज मैं खुद चुदना चाहती थी। मैं भी पापा के होठ पीने लगी।

 

कुछ देर बाद हम दोनों की चुदास और कामवासना जाग गयी। मुझे अपने पापा के होठ चूसना पता नही क्यों अच्छा लग रहा था। पापा के हाथ मेरे बड़े बड़े दूध पर आ गये। वो मेरे दूध दबाने लगे। मैं उनको नही रोका। क्यूंकि मुझे अच्छा लग रहा था।आह्ह्ह्ह…..पापा दबाइये!!….मेरे दूध और दबाइये!!मैंने पापा से कहा तो पापा की कामवासना जाग गयी। वो कस कसके मेरे दूध दबाने लगे। मुझे बहुत अच्छा लग। पापा मेरे साथ फ्रेंच किस का मजा ले रहे थे। मेरे पतले नीचे वाले होठो को चूस रहे थे। मेरे ओंठ बहुत रसीले थे। कुछ देर में पापा ने मेरी कनीज निकाल दी। फिर मेरी ब्रा निकाल दिए। पता नही क्यूँ मुझे हल्की से शर्म आई। पापा की नजरे मेरे दूध पर टिकी थी। वासना उनकी आँखों में बैठ चुकी थी। वो जल्द से जल्द मुझे चोदना चाहते थे।

 

बेटी…..तेरे दूध तो माशाअल्ला हैइतने खूबसूरत मम्मे मैंने आज तक नही देखे है!!पापा मेरे बूब्स की तारीफ़ करने लगे

 

पी लो पापा…..आज जी भरकर मेरे रसीले बूब्स पी लो!मैंने कहा

 

तो पापा जोर जोर से मेरे ३६के दूध हाथ से दबाने लगे और फिर मजे से पीने लगे। आज मेरा सपना पूरा होने वाला था। मैं रोज तरह तरह की चुदाई देखा करती थी, पर आज मैं खुद चुदने वाली थी। पापा पर वासना हावी हो गयी। उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे हसीन दूध मुँह में भर लिए और मजे लेकर पीने लगे। मैं कितनी बेशर्म लड़की थी। अपने बाप से चुदवाने वाली थी। मैंने भी पापा को बाहों में भर लिया और बिस्तर पर हम दोनों लेट गये। आज मेरे सौतेले पापा मेरे बॉयफ्रेंड और मेरे सैयां बन चुके थे। वो मजे ले लेकर मेरे रसीले दूध पी रहे थे।

 

आह….एक अजीब सा नशा चढ़ रहा था। पापा को मेरे दूध पीने में तो मजा मिल ही रहा था, पर मुझे भी खूब आनंद प्राप्त हो रहा था।ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मेरे दूध पीते पीते पापा का हाथ मेरी सलवार पर चला गया। उन्होंने मेरी सलवार निकाल दी। तो मैं भी पापा के लंड को सहलाने लगी और मैंने उनकी पैंट खोल दी। उसके बाद हम दोनों ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। पापा अब बिस्तर पर लेट गये और मैं उनका लंड चुसने लगी।

 

पापा!!….तुम्हारा लंड तो कितना बड़ा और विशाल है!!मैं आश्चर्य से कहा

 

चूस ले बेटी…..अब समझ ले की ये लंड तेरा ही है!!पापा बोले

 

मैंने २ महीने में १०० से जादा चुदाई फिल्मे देखी थी। अच्छी तरह लंड चुसना मैं वही पर सीखा था। मैं भी मजे लेकर पापा के लंड चूसने लगी। अरे कितना बड़ा गुलाबी लंड था और सुपाडा तो बहुत ही बड़ा था और गुलाबी था। मैंने पापा की जाँघों पर लेट गयी। गोलियां भी मजे से चूस रही थी और लंड भी मुँह में लेकर चूस रही थी। पापा को बहुत आनंद मिल रहा था।चूस बेटी….और मुँह में अंदर तक लेकर चूस!!पापा बोले तो मैं और जोर जोर से पापा का लंड चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं जोर जोर से सर हिलाकर लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी। पापा का लंड कोई 8लम्बा था और बहुत जूसी था। पापा का लंड चूसते चूसते मेरी चूत बहने लगी। फिर पापा ने मुझे सीधा बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मैं कुवारी कन्या थी। इसलिए पापा को बहुत जोर से धक्का मारना पड़ा।

 

तब जाकर मेरी कुवारी चूत की सील टूट पायी। पापा का लंड मेरे गाढे लाल खून से रंग गया। मैंने खुद अपनी दोनों टाँगे उपर कर ली और चुदवाने लगी। पापा मेरे लाल लाल खूबसूरत भोसड़े में गहरे धक्के देने लगा। मैंने पापा को अपनी बाहों में छुपा लिया था, क्यूंकि मुझे चूत में काफी दर्द हो रहा था। पापा ने मेरे दोनों कोमल कंधे पकड़ रखे थे और किसी आवारा रंडी की तरह मुझे कमर मटका मटकाकर चोद रहे थे। दोस्तों, दर्द के साथ साथ मुझे मीठा मीठा अहसास भी हो रहा था। पर ये जो कुछ भी था मुझे अच्छा लग रहा था। पापा ने मुझे अपने कब्जे में ले लिया और पक पक चोदने लगे। वो फिर मेरे उपर लेट गये और मेरे बूब्स पीते पीते मुझे पेलने लगे। २० मिनट बाद पापा मेरी रसीली चूत में शहीद हो गये। मैंने पापा को दिल में छुपा लिया। मुझे अभी भी चूत में दर्द हो रहा था।

 

बेटी…..बताओ कैसी लगी मेरी सेक्स एजुकेशन????” पापा ने हँसते हुए पूछा

 

अच्छी लगी पापा!!मैंने जावाब दिया

 

फिर हम दोनों किसी युगल प्रेमी जोड़े की तरह एक दुसरे के रसीले ओठ पीने लगे। आज मैं पहली बार अपने सौतेले बाप से चुद गयी। अच्छा रहा ये एक्सपीरियंस। कुछ दिन बाद पापा और मैं घर पर अकेली थी। मेरी मम्मी अपनी नौकरी के सिलसिले में शहर से बाहर गयी थी।

 

बेटी ……सेक्स एजुकेशन हो जाए???” पापा मुझे फुसलाते हुए बोले

 

जी …..ठीक है!!मैंने कहा

 

हम दोनों फिर से चुदाई में तल्लीन हो गये। पापा ने मुझे और मैं पापा को नंगा कर दिया। पापा मेरी चूत पीने लगे और ऊँगली करने लगे। दोस्तों, आज मुझे तनिक भी दर्द नही हुआ। पापा ने अपनी जीभ चला चलाकर मेरी चूत मजे लेकर पी। फिर लंड डालकर मुझे चोदने लगे। कुछ देर बाद पापा मुझ पर पूरी तरह से हावी हो गये और इतने जोर जोर चोदने लगे की मेरी जान निकलने लगी। पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, इसलिए दर्द होने के बाद भी मैंने उनसे रुकने के लिए नही कहा। फिर पापा ने मुझे अपनी कमर पर बिठा लिया और मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे बिस्तर पर उछाल उछालकर मुझे चोदने लगे। मैंने इस तरह की चुदाई विडियो में देखी थी जो पापा मेरे लिए लेकर आये थे।

 

पर दोस्तों, मैं ये बात जरुर कहूँगी की देखने से जादा करने में आनंद प्राप्त होता है। पापा के दोनों हाथ किसी सांप की तरह मेरी पतली चिकनी सेक्सी कमर पर लिपट गये और पापा ने सवा घंटा मुझे लंड पर बिठाकर चोदा। आज ४ साल से पापा हर दिन माँ से छुपकर मेरी चूत मारते है और मैं भी उनको नही रोक पाती हूँ। क्यूंकि मुझे सेक्स करने का बुरा चस्का लग चुका है।कैसी लगी मेरा रेप कहानी, अच्छा लगी तो जरूर शेयर भी करे 

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घमंडी साली की चुदाई – Ghamandi Sali ki chudai

घमंडी साली की चुदाई – Ghamandi Sali ki chudai

दोस्तों मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं और मज़ा लिया तो सोचा कि अपनी भी एक कहानी मैं लिख दूँ। मेरी उम्र 34 साल है, मैं घर का अकेला पुरुष हूँ। मेरी शादी हो गई है और भगवान ने मुझे तीन सालियाँ दी हैं। मेरी तीनों सालियों की उम्र क्रमशः 22, 21, 19 वर्ष है।

 

दूसरे नम्बर वाली गजब का माल है, पर वो मेरे हाथ नहीं आई इसलिए मैंने पहले नम्बर वाली सोनू को लाइन मारना शुरू किया, वो भी एकदम अनछुई कली थी।

 

मेरी पत्नी की डेलिवरी के लिए मैं उसे गाँव से अपने घर मुंबई ले आया।

 

मैंने सोचा कि यहाँ बीवी की मदद भी हो जाएगी और शायद मेरा काम भी बन जाए।

 

तीन महीने में हम सब सामान्यत: रहने लगे।

 

धीरे-धीरे मैंने उस सोनू पर हाथ लगाना शुरू कर दिया, वो भी कुछ नहीं बोलती थी, मज़ाक-मज़ाक में मैं उसके मम्मों को दबा देता, तो वो भाग कर चली जाती।

 

घर पर हमेशा कोई ना कोई रहता था, इसलिए भरपूर मौका नहीं मिल पा रहा था।

 

इस तरह से चार महीने बीत गए।

 

दिन ब दिन वो खूबसूरत और मादक होती जा रही थी।

 

मेरा हाल बुरा था.. पता नहीं कितनी बार उसके नाम की मूठ मार चुका था। आखिरकार फिर वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे इंतजार था।

 

मेरी पत्नी को मैंने डलिवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया।

 

मुझे मालूम था कि अस्पताल से 2-3 दिन बाद ही मेरी बीवी घर आएगी, चौका मारना है तो यही मौका है।

 

उस रात घर में पिताजी, मैं और साली ही थे। माँ को मैंने अस्पताल में बीवी के पास रहने को कहा।

 

पिताजी को काम पर जाना था, इसलिए हाल का टीवी बंद कर दिया।

 

मैंने जानबूझ कर मेरे कमरे का टीवी चालू रख दिया। मेरी साली सोनू थोड़ी देर बाद मेरे कमरे में ही आ गई।

 

मैं बहुत खुश हो गया, मैंने लाइट बंद कर दी और दोनों बिस्तर पर बैठ कर टीवी देखने लगे।

 

फिर सोनू लेट कर टीवी देखने लगी।

 

कुछ देर बाद वो सो गई या नाटक कर रही थी मुझे पता नहीं..

 

मेरे पास ये पता करने का एक रास्ता था, मैं भी उसके बगल में लेट गया, उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी, मैं धीरे-धीरे उससे चिपक गया।

 

मैंने अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया, फिर एक पैर उसके चूतड़ों पर रख दिया, मेरा लण्ड उसकी गाण्ड की दरार में चिपक गया।

 

धीरे-धीरे मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।

 

फिर अपना हाथ उसके कुरते के अन्दर डाल दिया और उसके मदमस्त कबूतर दबाने लगा।

 

उसकी तरफ़ से कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी।

 

मैंने अपना काम और ज़ोर से शुरू कर दिया, उसके दोनों मम्मों की मालिश शुरू कर दी, मुझे पता था कि अगर यह एक बार गर्म हो जाए, तो इसको पेलने में आसानी होगी।

 

मैंने उसे अब सीधा कर दिया और उसके ऊपर आकर उसके मम्मों को चूसने लगा, बहुत सारी जगह चुम्बन किए।

 

मुझे पता था कि अब वो जाग चुकी है और मजा ले रही है।

 

मैंने सोचा चलो ट्वेंटी-ट्वेंटीखेल लेते हैं, मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत सहलाने लगा।

 

उसकी योनि पर मुलायम बाल थे, पर फिर भी योनि एकदम चिकनी थी।

 

मेरा जिस्म अब कांपने लगा था, मैंने अपना काम और ज़ोर से चालू कर दिया।

 

अब अकेले मैं ये काम करना नहीं चाहता था, मैंने उसकी चूत के छेद में ऊँगली डालने की कोशिश की, उसमें मुझे गीलापन मिला।

 

मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है।

 

यह साली सोनू जाग रही है और मज़ा ले रही है।

 

मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा।

 

उसकी साँसें और तेज हो गई थीं।

 

मैं खुश था कि आज फिर कुँवारी चूत मिलेगी।

 

मेरे लण्ड से भी पानी आ रहा था।

 

बस अब उसकी चूत चोदना बाकी रह गया था।

 

अचानक वो बोली- ये क्या कर रहे होऐसा मत करो

 

वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी।

 

मैंने जबरन उसे चोदना चाहा, पर वो ज़रा भी घुसाने नहीं दे रही थी। थोड़ी देर की कुश्ती के बाद मुझे उसे छोड़ना पड़ा।

 

वो बहुत नाराज़ लग रही थी। शायद पहली बार किसी ने उसे इतना रगड़ा था और वो डर भी गई थी।

 

पिताजी भी दूसरे कमरे में आ चुके थे इसलिए मैं उससे ज्यादा बहस नहीं कर सकता था।

 

वो नाराज़ हो कर लेट गई।

 

मैं भी अब डर गया कि अब क्या होगा?

 

रात भर मैं और शायद वो भी सो नहीं पाई।

 

अगली सुबह क्या होगा पता नहीं, मेरी तो फट रही थी। मैं उसे चोद देता तो शायद वो किसी से नहीं बताती, पर अब सब फेल हो गया था।

 

मैंने डर के मारे आज मूठ भी नहीं मारी और सुबह के बारे में सोचने लगा। सुबह मैंने उसे फिर पकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाना शुरू किया, इस बार भी वो कुछ नहीं बोली।

 

ऊपर-ऊपर से मैंने उसे बहुत गर्म किया, पर चूत में डलाने पर इस बार भी फिर वही गुस्सा।

 

मैंने उसे बहुत मनाया, पर वो नहीं मानी और कहा कि वो ये सब दीदी को बता देगी।

 

मेरी फिर फट गई, मैं समझ नहीं पाया कि वो चाहती क्या है?

 

दोस्तों मेरी यह कहानी सौ फ़ीसदी सच है और ये आप अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं। करीब 15 दिन बाद मुझे फिर मौका मिला।

 

अबकी बार मैंने सोच लिया था कि साली को आज नहीं छोडूंगा और मैंने उसे अकेले में मौका पाकर पकड़ लिया।

 

उसने फिर मुझसे कुछ नहीं कहा, आज घर में कोई नहीं था।

 

मैंने उसको कहा चल तू देती तो है नहींआज मेरे साथ पार्टी कर ले।

 

वो बोली- कैसी पार्टी?

 

मैंने उससे कहा- आज हम लोग कहीं बाहर चलते हैं और बाहर ही खाना खायेंगे।

 

वो राजी हो गई।

 

मैं उसे लेकर एक होटल में गया और उससे पूछा- बीयर तो चल जाएगी।

 

उसने हाँमें सर हिला दिया मैंने वेटर को तेज वाली बीयर लाने को कहा।

 

कुछ देर बाद उसको नशा सा चढ़ने लगा। वो बोली- जीजू.. मुझे सहारा दो मुझे चक्कर से आ रहे हैं।

 

मैंने वेटर को बुलाया और एक कमरा देने के लिए कहा।

 

उसने मुझे तुरन्त एक कमरा दे दिया।

 

मैंने उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए।

 

फिर मैंने उसकी तरफ देखा, वो मुस्कुरा रही थी।

 

मैंने उसकी आँखों की भाषा को समझ लिया और उसको सहारा देकर उठाया और अपने सीने से लगा लिया।

 

वो मुझसे आज चिपक गई मैं उसकी इस हरकत से चकरघिन्नी था।

 

मैंने सर को झटकाया और सोचामाँ चुदाए.. मुझे क्या पर आज साली की चूत तो फाड़ कर रहूँगा।

 

मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए।

 

हाय क्या कबूतर थे।

 

साली को पूरी नंगी देख कर मेरा लवड़ा नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया था मैंने उसके मम्मों को अपनी मुठ्ठियों में भरा।

 

वो कराही- क्या उखाड़ डालना है इनको?

 

मैंने आज देर करना उचित नहीं समझा और उसको बिस्तर पर धक्का दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।

 

लौड़े को चूत के मुहाने पर सैट किया और अपना मुँह उसके मुँह पर रखा। सब कुछ सैट होने के बाद मैंने उसकी चूत में लवड़ा सरका दिया।

 

वो कुछ चीखने को हुई पर मैंने मुँह पहले से ही ढक्कन जैसे लगा रखा था।

 

कुछ छटपटाने के बाद लौड़ा चूत में सैट हो ही गया।

 

उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था, लौड़े ने सटासट चुदाई आरम्भ कर दी।

 

करीब दस मिनट में ही साली अकड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

 

कुछ ताबड़तोड़ धक्के मार कर मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया।

 

सोनू चुद चुकी थी। अब वो मेरे लौड़े की पक्की जुगाड़ बन चुकी थी। 

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