हेल्लो दोस्तों, मैं मंतशा आप सभी का अन्तरवासना की आग में बहुत बहुत
स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से अन्तरवासना की आग की नियमित पाठिका रहीं
हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ।आज
मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को
जरुर पसंद आएगी।
दोस्तों मैं बहुत ही जवान और
खूबसूरत लड़की थी। उस समय मेरी उम्र २२ साल थी। मेरा रंग बहुत साफ़ था, मैं बहुत गोरी थी इसलिए
मेरे पड़ोस के आसपास के लड़के मुझे पसंद करते थे और मुझसे प्यार करते थे। वो सब मुझे
कसके चोदना चाहते थे। जैसे ही मैं जवान हुई तो मेरे अंदर हारमोंस बढ़ने लगा और
चुदाई करने का मेरा बहुत दिल कर रहा था।
मेरा कद ५ फुट १ इंच था। मेरा
जिस्म अब भर गया था और मेरा फिगर 34 32 36 था और मैं बहुत सेक्सी और गजब की माल लगती थी। बजार
में जब मैं निकलती थी तो सारे जवान लड़के मुझे बार बार पलट पलट के देखते थे। उन सभी
के लंड वही पर खड़े हो जाते थे। वो सब मेरी चूत मारने के खवाब देखा करते थे। मैं
सोच ही रही थी की किसी लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बना लूँ। एक दिन मेरे चाचा का लड़का
सल्लन जो मेरा चचेरा भाई लगता था मेरे घर आया और मुझे लाइन मारने लगा।
धीरे धीरे हम दोनों फोन पर बाते
करने लगे। और कुछ दिन में मैं सल्लन से पट
गयी। कुछ दिनों बाद ईद आ गयी थी इसलिए मैंने मैं अपने चच्चू के घर गयी।
वहां मेरी सल्लन से मुलाक़ात हो गयी। शाम को सल्लन मुझे अपने कमरे में ले गया और
मेरी बड़ी तारीफ़ करने लगा।
“मंतशा तुम तो चौदहवी का चाँद
लगती हूँ। मैं तुमसे मुहब्बत करने लगा हूँ। मुझे तुम्हारे सिवा इस दुनिया में कुछ
दिखता ही नहीं है” इस तरह से मेरा चचेरा भाई सल्लन तरह तरह की प्यार की बाते करने लगा। उधर मुझे
भी उससे प्यार हो गया था। फिर उसने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे रसीले होठ
चूसने लगा। मुझे भी ये सब अच्छा लग रहा था। मैंने लाल रंग का बहुत खूबसूरत शरारा पहना
हुआ था। सल्लन ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे होठ को चूसने लगा।
मैं जानती थी की आज वो मुझे
रगड़कर चोदेगा और मेरी चूत मार मार के ढीला कर देगा। दोस्तों सच कहूँ तो मैं भी
चुदना चाहती थी। क्यूंकि मेरी सारी सहेलियां अपने आपने आशिकों से चुदवा चुकी थी।
इसलिए आज मेरा भी सल्लन का मोटा लंड खाने का दिल कर रहा था।
दोस्तों मुसलमानों में तो हम
लडकियाँ अपने चचेरे भाइयों से चुदवा लेती है और हमारा निकाह भी हो जाता है इसलिए
मैंने आज सल्लन से चुदवाने का मन कर लिया था। उसने १५ मिनट तक मेरे रसीले होठ को
जमकर चूसा और मेरे होठ का सारा गुलाबी रंग चुरा लिया।
फिर उसने मेरा शरारा उतार दिया।
उससें मेरी समीज [अंडरशर्ट] और चड्ढी भी निकाल दी। आज ईद के पाक दिन मैं चुदने
वाली थी। आज मैं अपने चचेरे भाई सल्लन का मोटा लंड खाने वाली थी। मैं उसके सामने
पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। मेरा भरे हुए जिस्म को देखकर सल्लन की लार टपकने लग
गयी और वो मुझे हर जगह किस करने लगा।
मेरे गाल, ओठो, गले, माथे, कंधे, पेट सब जगह सल्लन मुझे किस कर रहा था। उसके हाथ मेरी सफ़ेद उजली जांघों को सहला रहे थे। फिर सल्लन ने मेरे मम्मो को अपने हाथों में भर लिया। 34 के शानदार भरे हुए दूध थे मेरे की कोई बुड्ढा भी देख ले तो उसका लंड भी खड़ा हो जाए। मैं इतनी खूबसूरत माल थी। धीरे धीरे मेरा चचेरा भाई सल्लन मेरे दूध दबाने लगा।
मैं “आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई..अई..अई…..अई..मम्मी….”चिल्लाने लगी। मैंने
देखा की सल्लन का लौड़ा ८” लम्बा हो गया था और उसका रस टपकने लगा था। वो मुझे बस जल्दी
से चोद लेना चाहता था।
वो मेरी नंगी खूबसूरत चूचियों को
जोर जोर से दबा रहा था, मेरी तो जान निकल रही थी। सल्लन को चुदाई का जूनून चढ़ गया
था। वो मेरे उपर लेट गया और मेरी ३४” की चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा। वो मेरे पीछे
पागल हो गया था। वो मेरी चूत के पीछे बुरी तरह से पागल हो गया था। आज वो मेरी चूत
कसके मारना चाहता था। इस वक़्त सल्लन मेरे बड़े बड़े आमो को चूस रहा था और जन्नत के
मजे उठा था। उधर मेरी चूत तो बिलकुल गीली हुई जा रही थी।
मेरी चूचियां बहुत खूबसूरत थी और
उसकी निपल्स के चारो और बड़े बड़े काले काले सेक्सी घेरे थे जिसमे मैं बहुत सेक्सी
और हॉट माल लग रही थी। सल्लन तो मेरी दोनों चूचियों को मजे लेकर चूस रहा था जैसे
आजतक उसने कोई लड़की ना चोदी हो। वो हाथ से मेरी चूचियों को भी दबा देता था। करीब
५० मिनट तक सल्लन ने मेरी दोनों चूचियों को मुंह में लेकर चूसा और मुझे भी खूब मजा
दिया। मेरी चूत अब पहले ही तरह सूखी नही थी।
अब वो डबडबा गयी थी और रसीली चूत
बन गयी थी। फिर मेरा चचेरा भाई सल्लन मेरे पुरे जिस्म को अपने हाथ से सहला रहा था।
मुझे अच्छा लग रहा था। सल्लन धीरे धीरे नीचे बढने लगा और मेरे पतली सेक्सी पेट को
चूमने लगा। दोस्तों मेरी कमर सिर्फ ३२” की थी। मेरी एक एक पसली चमक रही थी। अब सल्लन की जीभ
मेरी सेक्सी नाभि पर घूम रही थी। उसने १० मिनट तक मेरी गहरी और कमोतेज्जक नाभि को
चूसा और पी लिया। फिर उसने मेरे दोनों पैर खोल दिए और उसे मेरी भरी हुई गदराई चूत
के दर्शन हो गये थे।
मेरा दिल धक धक कर रहा था
क्यूंकि आज मैं कसके चुदने वाली थी और सल्लन का ८” का मोटा लौड़ा खाने वाली थी।
सल्लन ने मेरी चूत पर अपना होठ रख दिया और मेरे रसीले भोसड़े को पीने लगा।
इतने देर से वो मेरी चूचियों को
पी रहा था इसलिए मेरी चूत से अपना रस, और मक्खन छोड़ दिया था। सल्लन मेरी बुर को जल्दी
जल्दी चाते जा रहा था जैसे उसे कितना मजा मिल रहा हो। जैसे आज उसे अमृत पीने को
मिल गया हो। वो जल्दी जल्दी मेरी चूत की एक एक कली को पी रहा था। मैंने पागल हुई
जा रही थी। यौन उतेज्जना में मेरी चूचियां का आकार बढ़ गया था।
मेरे चचेरे भाई सल्लन ने आधे
घंटे मेरी बुर को पिया और जमकर मजा लिया। फिर वो पूरी तरह से नंगा हो गया। उसने
अंडरविअर निकाल कर अपना लौड़ा मेरे भोसड़े पर रख दिया और जोर का धक्का मारा। उसका
लौड़ा मेरी चूत में घुस गया और खून निकलने लगा। मैंने बिस्तर को चादर को दोनों हाथो
में पकड़ लिया और घुमाने लगी। क्यूंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था। सल्लन पर तो जैसे
चुदाई का नशा चढ़ गया था। जो जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा और मेरी चूत में लंड डालने
लगा।
मैं “……अम्मी…अम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलकर चिल्ला रही थी।
मेरा चचेरा भाई जल्दी जल्दी मेरी चूत मार रहा था। उसे तो बहुत मजा मिल रहा था पर
मेरी गांड फटी जा रही थी। १५ मिनट बाद मेरा दर्द कम हो गया था। मैंने सल्लन को
बाँहों में भर लिया और उसे होठों पर चूमने लगी और अपनी पतली सेक्सी ३२” की कमर बार बार मैं उपर
उठा देती थी।
जैसा आज हम दोनों सुहागरात मना
रहे थे। सल्लन ने मुझे खूब चोदा और भरपूर मजा लिया। फिर वो मेरे दूध पीते पीते
मुझे बजाने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरी रसीली चूत में ही माल गिरा दिया। उसके बाद
से मैं हर हफ्ते अपने चच्चू के घर चली जाती थी और अपने चचेरे भाई सल्लन से चुदवा
लिया करती थी। एक दिन जब मैंने अपनी अम्मी से सल्लन से शादी करने की बात कही तो वो
बहुत गुस्सा हो गयी। कुछ दिनों में मेरी शादी मुहम्मद हुसैन नाम के लड़के से कर दी
गयी। मेरी सुहागरात पर उसने मुझे नंगा करने खूब चोदा खाया।
जी भर के मेरी रसीली चूत मारी।
अब मेरी जिन्दगी पूरी तरह से बदल गयी थी। अब मैं अपने शौहर के साथ रहने लगी लगी
थी। पर बार बार मुझे अपने सल्लन की याद आती रहती थी। मेरा शौहर ऑटो चलाने का काम
करता था। वो मेहनत से काम करता था और महीने में २० हजार से उपर कमा लेता था। मेरा
पति हुसैन मुझे बहुत प्यार करता था। उसका लंड भी ७” लम्बा था और वो मुझे सारी सारी
बजाया करता था पर मुझे तो सल्लन की बहुत याद आ रही थी।
उसने ५ साल तक लगातार मेरी चूत
बजाई थी। मैं तो यही सोचती थी की मेरा निकाह उससे ही होगा पर मेरी अम्मी इसके
खिलाफ हो गयी थी। इसलिए मुझे मजबूरन हुसैन से शादी करनी पड़ी। मेरी सुहागरात पर
मेरे शौहर हुसैन ने मेरे लिए पूरा कमरा अच्छे से सजाया था। सब तरफ गुलाब ही गुलाब
उसने लगा दिए थे।
मेरे बिस्तर पर सब तरफ गुलाब की
पंखुड़ी को तोड़कर डाल दिया था। कमरे में जगमग जगमग करती बहुत ही बिजली की झालरे
हुसैन से लगा दी थी। फिर जब वो मेरे पास आया तो उसने मुझे बड़ी भारी ही सोने की
जंजीर मुंह दिखाई दी थी। उसके बाद उसने मेरे हाथ को उठाकर उसपर किस कर लिया था।
धीरे धीरे हम दोनों अपनी सुहागरात की तरह बढ़ रहे थे। धीरे धीरे हुसैन ने मेरे सारे
कपड़े निकाल दिए। मेरी ब्रा पेंटी भी निकाल दी और खुद भी नंगा हो गया। पहले तो वो
मेरे होठो पर अपनी उँगलियाँ से सहलाने लगा।
कुछ में मैं गर्म हो गयी थी।
मेरा भी चुदने का बहुत मन कर रहा था। फिर मेरे शौहर हुसैन मेरे होठो को चूसने लगा।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वो बड़ी कायदे से मेरे होठ चूस रहा था। फिर अपनी जीभ
मेरे मुंह में डालकर चुस्वाने लगा। कुछ देर बाद मैं बाहुत सेक्सी और उत्तेज्जित
महूसस कर रही थी। हुसैन मेरे गोल गोल बूब्स को दबा रहा था। मुझे सेक्स और चुदाई का
नशा चढ़ रहा था। उसने हाथ मेरी रसीली चूचियों को दबा रहे थे। फिर वो मेरी रसीली
चूचियों को पीने लगा।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं
अपने हाथों से उसकी नंगी पीठ को सहला रही थी। ये सच था की आज अपनी सुहागरात पर मैं
कसके चुदना चाहती थी। हुसैन मेरी चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा। मुझे बड़ा
सुकून मिला। हुसैन मेरी चूचियां उसी तरह चूं चूं …की आवाज के साथ चूस रहा था जैसे
सल्लन चूसा करता था। मुझे तो दोनों मर्दों में कोई ख़ास फर्क महसूस नही हुआ।
मेरी निपल्स को मेरे शौहर हुसैन
ने बड़ी देर तक अपने दांत से काटा और चबाया। मेरी चूत अपना पानी छोड़ने लगी थी। कुछ
देर बाद हुसैन ने मेरे पैर खोल दिये और मेरी चूत चाटने लगा। मेरी चूत की सील टूटी
हुई थी पर मेरे शौहर ने मुझसे इसके बारे में कुछ नही पूछा। क्यूंकि वो मुझसे बहुत
प्यार करता था। अब हुसैन मेरी चूत की एक एक कली को पी रहा था।
मेरे चूत के दाने को दांत से काट
लेता था। मैं“…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह
माँ……अहह्ह्ह्हह…”
करने लग जाती थी।
मेरे पति सल्लन से काफी दुबले थे। बस यही अंतर था दोनों मर्दों में। मेरे शौहर
हुसैन ने ४० मिनट मेरी रसीली चूत को पीया, फिर उसने जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगा।
मैं “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी…
हा हा हा.. ओ हो
हो….” बोलकर
चिल्ला रही थी। मैं बार बार अपनी गांड उपर उठा लेती थी। मेरे शौहर से बड़ी देर तक
मेरी चूत को ऊँगली से चोदा और जो माल मेरी रसीली चूत ने निकलकर उनकी ऊँगली पर लग
जाता था वो सब का सब चाट जाते थे। बड़ी देर तब इस तरह का रंगीन खेल चलता था। मैं
कामवासना में डूब चुकी थी। अब मैं खुद अपने बूब्स को अपने हाथो से दबा रही थी। मैं
खुद अपनी चूचियों को मींज रही थी।
फिर मेरे शौहर ने मेरी चूत में
अपना ७” का
लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मुझे भी फुल मजा मिल रहा था। मैं टांग उठा उठाकर
चुदवा रही थी और अपने शौहर का मोटा लंड खा रही थी। मैं अपनी चूत की झाटों को अच्छे
से बना रखा था इसलिए मेरी चूत बहुत चिकनी, सुंदर और खूबसूरत लग रही थी। मेरे शौहर मेरे चूत में
गहरे धक्के मारने लगे तो पूरा पलंग ही हिल रहा था। मुझे डर था की कहीं टूट ना जाए।
शौहर जल्दी जल्दी मेरी चूत मार रहे थे। मेरे जिस्म में चुदाई की आग लग गयी थी। हाँ
मैं आज सारी रात चुदना चाहती थी। ऐसा हुआ भी।
मेरे शौहर हुसैन ने मेरी रगड़कर
चूत मारी। फिर १ घंटे बाद अपना माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया था। मेरी सुहागरात पर
उन्होंने मुझे ४ बार चोदा था। इस तरह से मेरा शादी अच्छे से निकल पड़ी। मेरे शौहर
सुबह ९ बजे ही ऑटो लेकर चले जाते और रात में ८ बजे आते।
दोस्तों कुछ दिनों बाद मेरे फोन
पर मेरे चचेरे भाई सल्लन का फोन आया। मैं उसे दिलो जान से प्यार करती थी।
“मंतशा जान….कैसी हो???? तुम्हारे शौहर कैसे है???”
सल्लन से पूछा
“मैं अच्छी हूँ। मेरे शौहर भी ठीक
है। मुझे बहुत प्यार करते है!!” मैंने कहा
उकसे बाद मैं उससे बात करने लगी।
लगभग २ घंटे तब मेरी मेरे पुराने आशिक सल्लन से बात होती रही।
“यार मंतशा…कितने दिन हो गये तेरी रसीली चूत
ना तो पीने को मिली ना ही मारने को मिली” मेरा चचेरा भाई सल्लन बोला
“तो आज सुबह १२ बजे आ जाओ। मेरी
रसीली चूत भी पी लेना और जी भरकर चोद भी लेना” मैंने कहा
“और जान तुम्हारा पति????”
सल्लन बोला
“अरे वो तो ऑटो चलाते है। सुबह
जाते है तो रात में आते है!!” मैंने कहा
उसके बाद मैं नहाने चली गयी।
मैंने बाथरूम में १० बाल्टियों से खूब जी भर के नहाया और अपने जिस्म को साबुन से
रगड़कर साफ कर लिया। अपनी चूत की झाटे मैंने शेविंग मशीन से छील डाली। अब मेरी चूत
बिलकुल चिकनी हो गयी थी।
नहाधोकर मैंने घर में ही फेसियल
कर लिया और एक अच्छा नया सूट पहन लिया। मैं बिलकुल कोई रानी लग रही थी और बहुत
खूबसूरत दिख रही थी। दोपहर १२ बजे मेरा पुराना आशिक मेरा चचेरा भाई सल्लन मेरे घर
आ गया। उसने मुझे नंगा करके चोदा और मेरी गांड मार ली। आज भी मैंने उससे चुदवा
लेती हूँ।
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