मेरा नाम विनीता है, आज मैं आपको अपनी एक बड़ी ही हॉट
चुदाई की कहानी सूना रही हु, ये चुदाई की कहानी मेरे और मेरे बड़े भैया रणवीर के बारे में
है, आप को
मेरी ये कहानी बहूत ही ज्यादा हॉट लगेगी क्यों की आज भी वो दिन
जब याद करती हु, तभी मेरी चूत गीली हो जाती है. और अपनी चूचियां खुद ही अपने हाथों से मसलने
लगती हु, आज
मैं कोशिश करुँगी जो उस रात को हुआ उसे बताने की..
मैं 21 साल की हु, मैं कानपूर की रहने बाली हु, मेरे भैया जो मेरे से सिर्फ एक
साल बड़े है, ये कहानी जुलाई की है.
मेरी शादी 12 जून को हुई थी. और 2 जुलाई को मेरे भैया की शादी हुई,
मैं अपने ससुराल
से वापस आ गई थी क्यों की भैया की जो शादी होनी थी.
दोस्तों पर मेरे चूत को लंड की आदत हो गई थी क्यों
की शादी के बाद थोड़े दिनों तक ही ससुराल में रही थी, तो खूब चुदी थी, पर जब मैं अपने मायके आई
तो मुझे अपने पति का लंड याद आने लगा था.
भैया के शादी में मेरे पति भी आये थे पर वो दो दिन
में ही चले गए और मैं थोड़े दिन के लिए और रह गई थी.
भैया की शादी के चार दिन बाद की ये कहानी है. माँ और
पापा दोनों मन्नत मांगे थे की दोनों बच्चों की शादी करने के बाद हरिद्वार जाना था.
और वो दोनों चले गए.
घर में मैं और नई नवेली भाभी और भैया थे, मैं तो दिन रात सजी
संवरी रहती थी क्यों की मेरी भी शादी हुई थी, हम दोनों ननद भाभी एक दूसरे का
लाल लाल कपडे चूड़ियां, शेयर करते थे, और खूब खुश रहते थे
एक दिन की बात है हम दोनों ननद और भाभी ही घर पर थे,
क्यों की भैया की
जिगरी दोस्त की शादी थी इसलिए वो बरात चले गए थे, वो लेट नाईट वापस आते
तो मैं और भाभी दोनों एक ही बेड पर सो गए थे,
रात को लाइट चली
गई थी, गर्मी
का दिन था, पंखा भी बंद हो गया था, भाभी ज्यादा कोमल है, क्यों की वो दिल्ली की रहने बाली
है.
वो हमेशा एयर कंडीशनर में रहने बाली है, यहाँ पंखा भी चलना बंद
हो गया था. इसलिए वो इधर उधर घूमने लगी. और मेरी नींद कब लग गई पता ही नहीं चला.
अचानक मेरे होठ को किसी ने जोर से चूमने लगा. और
मेरी चूचियों को दबाने लगा. मैंने देखा तो भैया थे, उनके मुह से शराब की बदबू आ रही
थी, मैंने
कुछ बोलना चाही पर उन्होंने मेरा मुह दबा दिया, जोर से और बोले की विनीता सुन
लेगी.
मैं समझ गई को वो भाभी समझ कर मेरी चूचियों को दबा
रहे थे और किश कर रहे थे, असल में हम दोनों दुल्हन की तरह ही थे लाल लाल साडी में ऊपर
से बिजली नहीं थी. इसवजह से वो मुझे पहचान नहीं पाए.
और वो मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिए और मेरी
चूचियों को दबाने लगे. मैंने कहा ये क्या कर रहे हो, आपने शराब पिया है.
उन्होंने मेरा मुह फिर से दबा दिया, वो काफी ज्यादा नशा में
थे. वो काफी मजबूत है इसलिए मैं उनको रोक नहीं पाई.
और देखते ही देखते उन्होंने मेरी साडी ऊपर कर दी और
पेंटी उतार दी, अब दोस्तों सच बताऊँ मुझे भी अच्छा लगने लगा.
क्यों की मैं खुद भी लंड की प्यासी थी. मैं चुचाप हो
गई. और उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी चूत के ऊपर रखा और जोर से पेल दिए. मैं
छटपटा गई.
क्यों की भैया का लंड मेरे पति के लंड से ज्यादा
मोटा और लंबा महसूस हो रहा था. मेरे मुह से चीख निकल गई.
उन्होंने फिर से मेरे मुह को बंद कर दिया और बोले
साली तुमको समझ नहीं आ रहा था. मेरी बहन को पता चल जायेगा. वो आँगन में सोई हुई
है.
मैंने समझ गई की भाभी आँगन में सोई है. लाइट जाने की
वजह से. मैं चुपचाप हो गई. और लंड का मजा लेने लगी.
मैंने अपना ब्रा का हुक खोल दिया, और मैंने अपनी चूचियां
अपने भाई के मुह से लगा दी. वो मेरी चूचियों को अपनी दांतो से काट रहे थे. और मसल
रहे थे. मैं सातवे आसमान में थी.
मेरे शरीर का रोम रोम खड़ा हो गया था. मैं अपने आप को
भाई के हवाले कर चुकी थी. और चुदाई का मजा ले रही थी.
भैया जोर जोर से धक्का लगा रहे थे. मैं भी अपना गांड
उठा उठा कर लंड पेलवा रही थी. मेरी चूत काफी गीली हो गई थी. चूचियां तन गई थी.
मैंने अपने भाई को बाहों में भर लिया, और अपने पैरो से लपेट ली.
मेरा भाई नशे में होने के कारण वो समझ ही नहीं पा
रहा था की आज उसकी बहन चुद रही थी. भाभी तो गांड फाड़ कर आँगन में सो रही थी. उसके
बाद वो गालियां दे दे के चोद रहे थे.
दोस्तों क्या बताऊँ पति से ज्यादा खुश भैया कर रहे
थे. उनका गठीला बदन लंबा लौड़ा, मोटा लौड़ा और वो जोर जोर से चोदना नशे की हालत में. करीब २०
मिनट की चुदाई मुझे खुश कर दिया. और वो झड़ गए. और झड़ते ही तुरंत ही सो गए.
मैंने अपने कपडे ठीक की ब्रा पहनी, ब्लाउज पहनी, तब तक भैया खराटे लगाने
लगे. मैं उठी और आँगन में जाके भाभी को उठाई, बोली की भैया आ गए है.
वो जाकर भैया के साथ सो गई. और मैं वही आँगन में लेट गई. नींद जब खुली तो सुबह हो चुकी थी. भैया को आजतक पता नहीं चला की वो रात भाबी को नहीं अपने बहन यानी की मुझे चोदा था
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