Antarvasna Sex Stories in Hindi fonts, New best Hindi Sex Stories for free, Indian sex hindi story, nonveg story, kamukta desi sexy chudai kahaniya, Indian sexy stories daily of hot girls, bhabhi and aunties. फ्री सेक्स कहानी पर असली अन्तर्वासना स्टोरी का मजा लें

चाची को चोदा नींद की गोली देकर

चाची को चोदा नींद की गोली देकर

मेरा नाम इरफान है. में 24 साल का हूँ. मे जयपुर में रहता हूँ. मेरा लंड 8 " लंबा है. मे आज आप लोगों को एक मस्त स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ. हालाँकि में सेक्स समाचार डॉट कॉम पर बहुत सारी कहानी पढ चुका हूँ मगर आज सोचा की एक अपनी भी स्टोरी लिख दूं. ताकि आप लोग भी मेरी इस कहानी से अपने लंड को खड़ा कर के मूठ मार सकें और मेरे चूत वालियों अपने चूत में उंगली कर के मज़ा लें।

 

अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ. उस वक़्त मेरी उम्र 18 साल थी. उस वक़्त आप जानते होंगे की जवानी की कितनी उमंगे होती है,,, और चोदने को बहुत दिल करता है। बस वैसा ही हाल मेरा भी था। दिन रात बस चोदने की ही सोचता था. मगर एक दिन मोका मिल ही गया हुआ यह की मेरे घर में मेरी बहन जो की 15 साल की थी उसका नाम गुलनाज़ है उसके फिगर एक दम मस्त थे. उसके बोब्स अभी से ही एक दम बड़े थे. और गांड एक दम मस्त। मेरे घर में मम्मी और पापा थे.

 

एक दिन मेरे मम्मी पापा बाहर गये थे उन्होने मेरी चाची को हमारे घर पर रहने के लिए छोड़ दिया था. बस हम तीन लोग ही थे. मेरा मन एक दम चोदने जेसा हो गया था. सोचा अच्छा मौका है आज तो किसी को चोदना ही होगा। मेरी चाची 29 साल की है और उसके बोब्स एक दम मस्त है वो रात को पापा के कमरे में सोने चली गयी.

 

में भी एक दम से गर्म था की आज तो किसी को चोद ही दूँगा. मेरी छोटी बहन ने बोला की मेरे सिर में दर्द हो रहा है कोई टॅबलेट है तो देना मुझे. इतने में मेरी चाची ने भी कहा की वो भी आज थक गई हैं उसे भी एक टॅबलेट देना. में मेडेसीन बॉक्स खोला. तो मेरे मन में एक शरारत सूझी. मुझे नींद की गोली (स्लीपिंग पिल्स ) मिल गई मैने दो गोली चाची को और बहन को दे दी।

 

दोनो ने मेरे सामने टॅबलेट खा ली और सोने के लिए चले गये. मैने सोचा आज तो अच्छे से चोदुगा है अच्छा मौका भी है. में प्लान बनाने लगा की अपने बहन को चोदुंगा. मैं भी अपने कमरे में चला गया और अपने लंड को खड़ा कर के उसे तेयार करने लगा। रात को 12 बज चुके थे. और अब मेरे से बर्दास्त नही हो रहा था. सोच रहा था की आज एक मस्त चूत सील तोड़ने को मिलेगी खैर में अपने कमरे से निकला. मेने बरमुंडा और बनियान पहन रखी थी।

 

उसी में मेरा लंड एक दम 90 ' खड़ा था. में अपनी छोटी बहन के कमरे के पास गया और गेट खोलने की कोशिश की मगर सारा प्लान चौपट हो गया गेट तो अंदर से लॉक था. काफ़ी कोशिश किया मगर गेट नही खुला. विंडो से देखा तो मेरी बहन नाईटी में सोई हुई थी और उसका ग्राउन पेट तक उपर था. और वो पैंटी नही पहनी थी दूर से ही उसकी चूत एक दम ही मस्त लग रही थी नाइट बल्ब की रोशनी में मगर मेरा प्लान कामयाब नही हो सका। तो में मायूस होकर के अपने कमरे में चला आया उसके बाद में अपने लंड को शांत करने की कोशिश करने लगा।

 

उस वक़्त 3 बज चुके थे और मेरा लंड था की शांत नही हो रहा था. तब मेने सोचा क्यूँ न आज अपनी चाची को चोदा जाये. आख़िर वो भी एक दम मस्त माल है। में अपने कमरे मैं से निकला और पापा के रूम कि तरफ गया। मेने देखा की उनका रूम खुला था मुझे तो बस पर ही निकल गये मज़ा आ गया..सोचा अब इसको चोद कर लंड शांत हो जायेगा।

 

 

मे दबे पाँव उनके कमरे में घुसा तो देखा की वो बे सुध थी। और उनका नाईटी जाँघ तक था. वाह क्या जांग है एक दम गोरी. में बेड पर चला गया। हालाँकि मैंने उन्हें दो गोली दी थी इस लिए वो एक दम बेहोशी में लग रही थी फिर भी में कोई रिस्क नही लेना चाहता था में उनके बगल में लेट गया और उनके बोब्स पर हाथ रख दिया. और दबाने लगा मगर कोई हरकत नही हुई. तो मैं कन्फर्म हो गया की गोली ने पूरा असर किया है और वो पूरी नींद में है।

 

फिर मेने अपना बरमुंडा खोल दिया और लंड को आज़ाद कर दिया. फिर मैने नाईटी को उपर किया तो देखा की उसने ब्रा और पैंटी पहन रखी थी. फिर मेने उनकी पैंटी को खोल दिया क्या चूत है मेने अपने आखों से पहली बार इतनी नज़दीक से चूत को देखा था. और मेने ब्रा को भी खोल दिया. उनकी बोब्स का साइज़ 36 था एक दम गोल और मस्त मे पहले उसकी बूब्स का निप्पल को पीने लगा। आधे घंटे तक उसे पिया फिर मेने उसकी चूत में उंगली घुसा दी एक दम मज़ा आ गया

 

मैने मेरे चाची की शादी हो चुकी थी और उनके पति मर्चेंट नेवी में थे और एक साल में 9 महिने बाहर ही रहते हे। मेरी चाची की 2 बेटी हैं और एक बेटा है दो नो मस्त हैं. तो मेंने उंगली उनके चूत के अंदर बाहर कर रहा था तो तभी उनके चूत से गाडा पानी आने लगा में समझ गया की चाची झर गयी हैं। और फिर मेने अपने मुह से उनका सारा पानी पी गया और उनके चूत को चाटने लगा जीभ अंदर डालने लगा वाह एक दम मज़ा आ गया एक दम नमकीन था।

 

मुझे एक दम नशा छा गया था अब मेरा लंड बर्दाश्त के बाहर हो गया था फिर मेने उनकी टाँगों को फेला दी ओर मैने अपना लंड लेकर उनकी चूत के मुँह पर लगाया और एक शॉट मारा चूत में आधा अंदर गया फिर बाहर निकाल कर एक जोरदार शॉट लगाया सारा लंड अंदर चला गया इस बार चाची को कुछ अहसास हुआ.. वो अपना बदन को थोडा हिलाया और फिर सो गई। मैने फिर लगातार शॉट देने लगा और उनका चूत भी टाइट थी और मूज़े मज़ा आ रहा था। आधे घंटे तक मैने उन्हें चोदा उस दौरान मैने उनके बोब्स के रस को पीया और उनके होंठो पर किस भी की।

 

फिर मैने पानी को चाची के पेट पर निकाल दिया वो अब थोड़ी सी नींद से बाहर आ रही थी. फिर मेने टावल से माल सॉफ किया और अपने लंड को साफ़ किया. फिर में बाथरूम गया और लंड सॉफ किया और चाची के बगल में आ कर लेट गया। मेरे आखों से नींद गायब थी मगर मेरा लंड अभी तक शांत नही हुआ था क्यूंकी मेने अपने लंड को अपनी बहन के लिए तेयार किया था मगर नई चूत नही मिली।

 

फिर मेने अपने लंड को खड़ा किया और उसके चूत के पास ले गया और फिर से चोदने लगा और चोदने लगा आधे घंटे तक चोदने के बाद में उनका बोब्स को दबाने लगा और पीने लगा और वक़्त सुबह के 6 बज चुके थे।

 

मुझे टाइम का अंदाज़ा नही था में फिर उसे चोदने लगा. बेड के सामने एक शीसा था तो मैने देखा की मेरी छोटी बहन गेट की साइड में खड़ी थी और मुझे चोदते हुए देख रही थी मेने सोचा की आज इसे चुदाई दिखा देता हूँ बाद में प्रोब्लम नही होगी में चाची को चोदता रहा चाची अब नींद से बाहर आ रही थी

 

तो मैं रिस्क नही लेना चाहता था उसे अहसास हो रहा था की कोई उनके उपर है चोदते चोदते में उनके चूत में ही माल निकाल दिया और टावल से अपने लंड चाची की चूत को सॉफ किया। और उनको पैंटी और ब्रा पहना के नाईटी को नीचे कर दिया मैने देखा की मेरी बहन वहाँ नही थी मैं बाथरूम गया और लंड को सॉफ किया और देखा की मेरी बहन अपने कमरे में थी और अपने चूत में उंगली कर रही थी में समझ गया की उसके भी चूत में आग लगी हुई है।

 

में समझ गया की लाइन क्लियर है. मगर में अभी नही चोदना चाहता था सो में सोने के लिए चला 10 बजे मेरी बहन ने मुझे उठाया की उठ कर नाश्ता कर लो फिर चाची के कमरे में गई और उसे उठाया कहा की 10 बज गये हैं।

 

तो वो उठ गई और कहने लगी की इतनी देर तक सोई थी और मेरा बदन भी फटा जा रहा है तो मेरी बहन ने कहा की क्या बात है चाची रात को ज़्यादा जागी थी क्या. बोली नही बेटी.. में उनके कमरे में गया और देखा की वो अपना चूत को खुज़ला रही थी और गर्म हो गई थी। फिर वो उठी और बाथरूम चली गई और हमने नाश्ता किया। 

Share:

माँ को दादाजी से चुदते देखा

मेरा नाम ज्योति  है मैं एक मिडिल क्लास फॅमिली से हू मेरी उम्र 19 साल है मेरी माँ हेमा की उम्र 48 साल है दादा जी 65 साल के है। जब मैं 18 साल की थी तब मैं कुछ ऐसा देखी जो मेरे लिए सोचना भी नामुमकिन था। गरमी का दिन था हमारे घर कूलर नहीं है पंखा से काम चलाना पड़ता है पापा घर की छत पर सोते है। माँ मैं और दादाजी घर के अंदर सोते है, मैं अपने कमरे में सोई थी और माँ हॉल में सोई थी दादा जी अपने कमरे में सोये थे।

माँ को दादाजी से चुदते देखा

रात को करीब 2 बजे मुझे प्यास लगी मैं उठ कर पानी लेने किचन जा रही थी माँ हाल में साया ब्लाउज पहन कर सोई थी माँ का साया घुटनो तक ऊपर सरक गया था. मेरी माँ पेन्टी नहीं पहनती उसकी चूत के बाल दिखाई दे रहे थे। माँ की चुत के बाल बड़े बड़े थे पूरी चूत बालों से ढकी हुई थी. इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम

मैं पानी ले कर अपने कमरे में आ गयी तभी मुझे दादा जी के खांसने की आवाज सुनाई दी मैं सोची कही दादा जी माँ को ऐसे न देख ले और माँ को ठीक से सोने के लिए बोलने हाल की तरफ भागी दादा जी अपने कमरे से निकल कर आ रहे थे मैं टेबल की पीछे छिप गयी दादा जी अपना लंड धोती से ऊपर से खुजाते हुए हाल में आये और माँ के पैरो को घूरने लगे माँ के साया के अंदर चूत देकने लगे लेकिन उनको भी मेरी तरह सिर्फ चूत के बाल ही दिखे होंगे।

 

मैं छुप कर देख रही थी दादा जी अपनी धोती से लंड बाहर निकाल कर माँ की चूत देखते और अपना लंड हिलाने लगे उनका लंड काला मोटा और 5 - 6 इंच का होगा। मेरी जवानी की सुरुवात थी, ये सब होते देख कर मेरी चूत से पानी आने लगा और मैं पेन्टी के ऊपर से अपनी चूत रगड़ने लगी। थोड़ी देर बाद दादा जी बाथरूम की तरफ चले गए और 5 मिनट बाद अपने कमरे में जा कर सो गए। इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम .

मेरी चूत गीली हो गयी थी मैं अपनी चूत पानी से साफ़ करने के लिए बाथरूम गयी, बाथरूम में कुछ सफ़ेद गाढ़ा सा नीचे गिरा हुआ था मैं समझ गयी दादा जी ने अपने लंड का पानी निकला होगा। मैं चूत साफ़ कर के अपने कमरे में आ गयी

मुझे दादा जी का बूढ़ा लंड याद आने लगा मैं लेटी हुई सोच रही थी चुदाई में कैसा लगता है। तभी मुझे कुछ आवाज आई और मैं हॉल की तरफ गयी, दादा जी माँ के ऊपर चढ़े हुए थे और माँ उनको हटने से लिए बोल रही थी दादाजी माँ के बूब्स दबाने लगे माँ शांत हो गयी और आराम से लेटी रही ऐसा लगा जैसे माँ मजे ले रही है।

 

दादा जी माँ के ब्लाउज खोल कर माँ के दोनों दूध पिने लगे माँ दादाजी के धोती को खींच कर फेक दी, दादा जी माँ का साया नाडा खोल कर उतार दिए और माँ की बालों वाली चूत को खाने लगे माँ झटके ले कर गांड हिला हिला कर चूत दादा जी के मुँह में रगड़ने लगी। दादा जी कुछ समय बाद उठे और अपनी कच्छी उतर कर फेक दिए और माँ के बगल में लेट कर माँ से लिपट गए।

 

माँ और दादाजी एक दूसरे को चाटने लगे, माँ उठ कर दादाजी का मोटा लंड चूसने लगी दादा जी माँ को लेटा कर उनके ऊपर चढ़ गए और माँ को चोदने लगे माँ और दादा जी पूरी ताकत लगा कर चुदाई कर रहे थे माँ की खटिया रच रच की आवाज करने लगी और ये सब देख कर मेरी चूत पूरी तरह गीली हो गयी थी।

मैं पेन्टी के अंदर ऊँगली डाल कर चूत के दाने को रगड़ने लगी, थोड़ी देर बाद दादाजी जी झटके ले कर रुक गए और माँ के ऊपर 2 - 3 मिनट तक सोये रहे माँ उनको उठा कर खड़ी हुई माँ की चूत से पानी जैसा निकला और चादर पर गिर गया। दादा जी माँ की गांड पर मारते हुए बोले बहु कल चादर धो लेना। माँ उठ कर बाथरूम की तरफ जाने लगी दादा जी माँ को पकड़ कर झुका दिए और माँ की बड़ी बड़ी गांड के बीच अपना मुँह डाल कर सूंघने लगे और बोले बहु तेरी गांड की खुसबू मस्त है।

 

माँ दादा जी को धक्का देकर नंगी बाथरूम की ओर चली गयी दादा जी चादर में अपना लंड पोंछ कर अपने कपडे उठा कर सोने चले गए। अब मेरी समझ में आ गया था, माँ की चूत ने दादा जी को वासना का शिकार बना लिया था जिसकी वजह से दादा जी एक बार मूठ मार कर भी खुद को रोक नहीं सके और माँ को चोद डाले, और मेरी माँ अपने बूढ़े ससुर के लंड से मजे लेकर चुदवा के खुस हुई।मेरी चूत की आग एक साल से भड़क रही है कोई मेरी प्यार बुझा दो।

Share:

भाई ने मुझे भाभी समझ चोद दिया, और मैं भी खूब चुदवाई भैया से

मेरा नाम विनीता है, आज मैं आपको अपनी एक बड़ी ही हॉट चुदाई की कहानी सूना रही हु, ये चुदाई की कहानी मेरे और मेरे बड़े भैया रणवीर के बारे में है, आप को मेरी ये कहानी बहूत ही ज्यादा हॉट लगेगी क्यों की आज भी वो दिन जब याद करती हु, तभी मेरी चूत गीली हो जाती है. और अपनी चूचियां खुद ही अपने हाथों से मसलने लगती हु, आज मैं कोशिश करुँगी जो उस रात को हुआ उसे बताने की..

भाई ने मुझे भाभी समझ चोद दिया, और मैं भी खूब चुदवाई भैया से

मैं 21 साल की हु, मैं कानपूर की रहने बाली हु, मेरे भैया जो मेरे से सिर्फ एक साल बड़े है, ये कहानी जुलाई की है.

 

मेरी शादी 12 जून को हुई थी. और 2 जुलाई को मेरे भैया की शादी हुई, मैं अपने ससुराल से वापस आ गई थी क्यों की भैया की जो शादी होनी थी.

 

दोस्तों पर मेरे चूत को लंड की आदत हो गई थी क्यों की शादी के बाद थोड़े दिनों तक ही ससुराल में रही थी, तो खूब चुदी थी, पर जब मैं अपने मायके आई तो मुझे अपने पति का लंड याद आने लगा था.

 

भैया के शादी में मेरे पति भी आये थे पर वो दो दिन में ही चले गए और मैं थोड़े दिन के लिए और रह गई थी.

 

भैया की शादी के चार दिन बाद की ये कहानी है. माँ और पापा दोनों मन्नत मांगे थे की दोनों बच्चों की शादी करने के बाद हरिद्वार जाना था. और वो दोनों चले गए.

 

घर में मैं और नई नवेली भाभी और भैया थे, मैं तो दिन रात सजी संवरी रहती थी क्यों की मेरी भी शादी हुई थी, हम दोनों ननद भाभी एक दूसरे का लाल लाल कपडे चूड़ियां, शेयर करते थे, और खूब खुश रहते थे

 

एक दिन की बात है हम दोनों ननद और भाभी ही घर पर थे, क्यों की भैया की जिगरी दोस्त की शादी थी इसलिए वो बरात चले गए थे, वो लेट नाईट वापस आते

 

तो मैं और भाभी दोनों एक ही बेड पर सो गए थे, रात को लाइट चली गई थी, गर्मी का दिन था, पंखा भी बंद हो गया था, भाभी ज्यादा कोमल है, क्यों की वो दिल्ली की रहने बाली है.

 

वो हमेशा एयर कंडीशनर में रहने बाली है, यहाँ पंखा भी चलना बंद हो गया था. इसलिए वो इधर उधर घूमने लगी. और मेरी नींद कब लग गई पता ही नहीं चला.

 

अचानक मेरे होठ को किसी ने जोर से चूमने लगा. और मेरी चूचियों को दबाने लगा. मैंने देखा तो भैया थे, उनके मुह से शराब की बदबू आ रही थी, मैंने कुछ बोलना चाही पर उन्होंने मेरा मुह दबा दिया, जोर से और बोले की विनीता सुन लेगी.

 

मैं समझ गई को वो भाभी समझ कर मेरी चूचियों को दबा रहे थे और किश कर रहे थे, असल में हम दोनों दुल्हन की तरह ही थे लाल लाल साडी में ऊपर से बिजली नहीं थी. इसवजह से वो मुझे पहचान नहीं पाए.

 

और वो मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिए और मेरी चूचियों को दबाने लगे. मैंने कहा ये क्या कर रहे हो, आपने शराब पिया है.

 

उन्होंने मेरा मुह फिर से दबा दिया, वो काफी ज्यादा नशा में थे. वो काफी मजबूत है इसलिए मैं उनको रोक नहीं पाई.

 

और देखते ही देखते उन्होंने मेरी साडी ऊपर कर दी और पेंटी उतार दी, अब दोस्तों सच बताऊँ मुझे भी अच्छा लगने लगा.

 

क्यों की मैं खुद भी लंड की प्यासी थी. मैं चुचाप हो गई. और उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी चूत के ऊपर रखा और जोर से पेल दिए. मैं छटपटा गई.

 

क्यों की भैया का लंड मेरे पति के लंड से ज्यादा मोटा और लंबा महसूस हो रहा था. मेरे मुह से चीख निकल गई.

 

उन्होंने फिर से मेरे मुह को बंद कर दिया और बोले साली तुमको समझ नहीं आ रहा था. मेरी बहन को पता चल जायेगा. वो आँगन में सोई हुई है.

 

मैंने समझ गई की भाभी आँगन में सोई है. लाइट जाने की वजह से. मैं चुपचाप हो गई. और लंड का मजा लेने लगी.

 

मैंने अपना ब्रा का हुक खोल दिया, और मैंने अपनी चूचियां अपने भाई के मुह से लगा दी. वो मेरी चूचियों को अपनी दांतो से काट रहे थे. और मसल रहे थे. मैं सातवे आसमान में थी.

 

मेरे शरीर का रोम रोम खड़ा हो गया था. मैं अपने आप को भाई के हवाले कर चुकी थी. और चुदाई का मजा ले रही थी.

 

भैया जोर जोर से धक्का लगा रहे थे. मैं भी अपना गांड उठा उठा कर लंड पेलवा रही थी. मेरी चूत काफी गीली हो गई थी. चूचियां तन गई थी. मैंने अपने भाई को बाहों में भर लिया, और अपने पैरो से लपेट ली.

 

मेरा भाई नशे में होने के कारण वो समझ ही नहीं पा रहा था की आज उसकी बहन चुद रही थी. भाभी तो गांड फाड़ कर आँगन में सो रही थी. उसके बाद वो गालियां दे दे के चोद रहे थे.

 

दोस्तों क्या बताऊँ पति से ज्यादा खुश भैया कर रहे थे. उनका गठीला बदन लंबा लौड़ा, मोटा लौड़ा और वो जोर जोर से चोदना नशे की हालत में. करीब २० मिनट की चुदाई मुझे खुश कर दिया. और वो झड़ गए. और झड़ते ही तुरंत ही सो गए.

 

मैंने अपने कपडे ठीक की ब्रा पहनी, ब्लाउज पहनी, तब तक भैया खराटे लगाने लगे. मैं उठी और आँगन में जाके भाभी को उठाई, बोली की भैया आ गए है.

 

वो जाकर भैया के साथ सो गई. और मैं वही आँगन में लेट गई. नींद जब खुली तो सुबह हो चुकी थी. भैया को आजतक पता नहीं चला की वो रात भाबी को नहीं अपने बहन यानी की मुझे चोदा था 

Share:

भाई ने मुझे मेरे ही घर में पटक कर चोदा

हेल्लो दोस्तों, मैं मंतशा आप सभी का अन्तरवासना की आग में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से अन्तरवासना की आग की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ।आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।

भाई ने मुझे मेरे ही घर में पटक कर चोदा

दोस्तों मैं बहुत ही जवान और खूबसूरत लड़की थी। उस समय मेरी उम्र २२ साल थी। मेरा रंग बहुत साफ़ था, मैं बहुत गोरी थी इसलिए मेरे पड़ोस के आसपास के लड़के मुझे पसंद करते थे और मुझसे प्यार करते थे। वो सब मुझे कसके चोदना चाहते थे। जैसे ही मैं जवान हुई तो मेरे अंदर हारमोंस बढ़ने लगा और चुदाई करने का मेरा बहुत दिल कर रहा था।

मेरा कद ५ फुट १ इंच था। मेरा जिस्म अब भर गया था और मेरा फिगर 34 32 36 था और मैं बहुत सेक्सी और गजब की माल लगती थी। बजार में जब मैं निकलती थी तो सारे जवान लड़के मुझे बार बार पलट पलट के देखते थे। उन सभी के लंड वही पर खड़े हो जाते थे। वो सब मेरी चूत मारने के खवाब देखा करते थे। मैं सोच ही रही थी की किसी लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बना लूँ। एक दिन मेरे चाचा का लड़का सल्लन जो मेरा चचेरा भाई लगता था मेरे घर आया और मुझे लाइन मारने लगा।

धीरे धीरे हम दोनों फोन पर बाते करने लगे। और कुछ दिन में मैं सल्लन से पट  गयी। कुछ दिनों बाद ईद आ गयी थी इसलिए मैंने मैं अपने चच्चू के घर गयी। वहां मेरी सल्लन से मुलाक़ात हो गयी। शाम को सल्लन मुझे अपने कमरे में ले गया और मेरी बड़ी तारीफ़ करने लगा।

मंतशा तुम तो चौदहवी का चाँद लगती हूँ। मैं तुमसे मुहब्बत करने लगा हूँ। मुझे तुम्हारे सिवा इस दुनिया में कुछ दिखता ही नहीं हैइस तरह से मेरा चचेरा भाई सल्लन तरह तरह की प्यार की बाते करने लगा। उधर मुझे भी उससे प्यार हो गया था। फिर उसने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे रसीले होठ चूसने लगा। मुझे भी ये सब अच्छा लग रहा था। मैंने लाल रंग का बहुत खूबसूरत शरारा पहना हुआ था। सल्लन ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे होठ को चूसने लगा।

मैं जानती थी की आज वो मुझे रगड़कर चोदेगा और मेरी चूत मार मार के ढीला कर देगा। दोस्तों सच कहूँ तो मैं भी चुदना चाहती थी। क्यूंकि मेरी सारी सहेलियां अपने आपने आशिकों से चुदवा चुकी थी। इसलिए आज मेरा भी सल्लन का मोटा लंड खाने का दिल कर रहा था।

दोस्तों मुसलमानों में तो हम लडकियाँ अपने चचेरे भाइयों से चुदवा लेती है और हमारा निकाह भी हो जाता है इसलिए मैंने आज सल्लन से चुदवाने का मन कर लिया था। उसने १५ मिनट तक मेरे रसीले होठ को जमकर चूसा और मेरे होठ का सारा गुलाबी रंग चुरा लिया।

फिर उसने मेरा शरारा उतार दिया। उससें मेरी समीज [अंडरशर्ट] और चड्ढी भी निकाल दी। आज ईद के पाक दिन मैं चुदने वाली थी। आज मैं अपने चचेरे भाई सल्लन का मोटा लंड खाने वाली थी। मैं उसके सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। मेरा भरे हुए जिस्म को देखकर सल्लन की लार टपकने लग गयी और वो मुझे हर जगह किस करने लगा।

मेरे गाल, ओठो, गले, माथे, कंधे, पेट सब जगह सल्लन मुझे किस कर रहा था। उसके हाथ मेरी सफ़ेद उजली जांघों को सहला रहे थे। फिर सल्लन ने मेरे मम्मो को अपने हाथों में भर लिया। 34 के शानदार भरे हुए दूध थे मेरे की कोई बुड्ढा भी देख ले तो उसका लंड भी खड़ा हो जाए। मैं इतनी खूबसूरत माल थी। धीरे धीरे मेरा चचेरा भाई सल्लन मेरे दूध दबाने लगा।

मैं आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई..अई..अई…..अई..मम्मी….”चिल्लाने लगी। मैंने देखा की सल्लन का लौड़ा ८लम्बा हो गया था और उसका रस टपकने लगा था। वो मुझे बस जल्दी से चोद लेना चाहता था।

वो मेरी नंगी खूबसूरत चूचियों को जोर जोर से दबा रहा था, मेरी तो जान निकल रही थी। सल्लन को चुदाई का जूनून चढ़ गया था। वो मेरे उपर लेट गया और मेरी ३४की चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा। वो मेरे पीछे पागल हो गया था। वो मेरी चूत के पीछे बुरी तरह से पागल हो गया था। आज वो मेरी चूत कसके मारना चाहता था। इस वक़्त सल्लन मेरे बड़े बड़े आमो को चूस रहा था और जन्नत के मजे उठा था। उधर मेरी चूत तो बिलकुल गीली हुई जा रही थी।

मेरी चूचियां बहुत खूबसूरत थी और उसकी निपल्स के चारो और बड़े बड़े काले काले सेक्सी घेरे थे जिसमे मैं बहुत सेक्सी और हॉट माल लग रही थी। सल्लन तो मेरी दोनों चूचियों को मजे लेकर चूस रहा था जैसे आजतक उसने कोई लड़की ना चोदी हो। वो हाथ से मेरी चूचियों को भी दबा देता था। करीब ५० मिनट तक सल्लन ने मेरी दोनों चूचियों को मुंह में लेकर चूसा और मुझे भी खूब मजा दिया। मेरी चूत अब पहले ही तरह सूखी नही थी।

अब वो डबडबा गयी थी और रसीली चूत बन गयी थी। फिर मेरा चचेरा भाई सल्लन मेरे पुरे जिस्म को अपने हाथ से सहला रहा था। मुझे अच्छा लग रहा था। सल्लन धीरे धीरे नीचे बढने लगा और मेरे पतली सेक्सी पेट को चूमने लगा। दोस्तों मेरी कमर सिर्फ ३२की थी। मेरी एक एक पसली चमक रही थी। अब सल्लन की जीभ मेरी सेक्सी नाभि पर घूम रही थी। उसने १० मिनट तक मेरी गहरी और कमोतेज्जक नाभि को चूसा और पी लिया। फिर उसने मेरे दोनों पैर खोल दिए और उसे मेरी भरी हुई गदराई चूत के दर्शन हो गये थे।

मेरा दिल धक धक कर रहा था क्यूंकि आज मैं कसके चुदने वाली थी और सल्लन का ८का मोटा लौड़ा खाने वाली थी। सल्लन ने मेरी चूत पर अपना होठ रख दिया और मेरे रसीले भोसड़े को पीने लगा।

इतने देर से वो मेरी चूचियों को पी रहा था इसलिए मेरी चूत से अपना रस, और मक्खन छोड़ दिया था। सल्लन मेरी बुर को जल्दी जल्दी चाते जा रहा था जैसे उसे कितना मजा मिल रहा हो। जैसे आज उसे अमृत पीने को मिल गया हो। वो जल्दी जल्दी मेरी चूत की एक एक कली को पी रहा था। मैंने पागल हुई जा रही थी। यौन उतेज्जना में मेरी चूचियां का आकार बढ़ गया था।

मेरे चचेरे भाई सल्लन ने आधे घंटे मेरी बुर को पिया और जमकर मजा लिया। फिर वो पूरी तरह से नंगा हो गया। उसने अंडरविअर निकाल कर अपना लौड़ा मेरे भोसड़े पर रख दिया और जोर का धक्का मारा। उसका लौड़ा मेरी चूत में घुस गया और खून निकलने लगा। मैंने बिस्तर को चादर को दोनों हाथो में पकड़ लिया और घुमाने लगी। क्यूंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था। सल्लन पर तो जैसे चुदाई का नशा चढ़ गया था। जो जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा और मेरी चूत में लंड डालने लगा।

मैं “……अम्मीअम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँऊँउनहूँ उनहूँ..बोलकर चिल्ला रही थी। मेरा चचेरा भाई जल्दी जल्दी मेरी चूत मार रहा था। उसे तो बहुत मजा मिल रहा था पर मेरी गांड फटी जा रही थी। १५ मिनट बाद मेरा दर्द कम हो गया था। मैंने सल्लन को बाँहों में भर लिया और उसे होठों पर चूमने लगी और अपनी पतली सेक्सी ३२की कमर बार बार मैं उपर उठा देती थी।

जैसा आज हम दोनों सुहागरात मना रहे थे। सल्लन ने मुझे खूब चोदा और भरपूर मजा लिया। फिर वो मेरे दूध पीते पीते मुझे बजाने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरी रसीली चूत में ही माल गिरा दिया। उसके बाद से मैं हर हफ्ते अपने चच्चू के घर चली जाती थी और अपने चचेरे भाई सल्लन से चुदवा लिया करती थी। एक दिन जब मैंने अपनी अम्मी से सल्लन से शादी करने की बात कही तो वो बहुत गुस्सा हो गयी। कुछ दिनों में मेरी शादी मुहम्मद हुसैन नाम के लड़के से कर दी गयी। मेरी सुहागरात पर उसने मुझे नंगा करने खूब चोदा खाया।

जी भर के मेरी रसीली चूत मारी। अब मेरी जिन्दगी पूरी तरह से बदल गयी थी। अब मैं अपने शौहर के साथ रहने लगी लगी थी। पर बार बार मुझे अपने सल्लन की याद आती रहती थी। मेरा शौहर ऑटो चलाने का काम करता था। वो मेहनत से काम करता था और महीने में २० हजार से उपर कमा लेता था। मेरा पति हुसैन मुझे बहुत प्यार करता था। उसका लंड भी ७लम्बा था और वो मुझे सारी सारी बजाया करता था पर मुझे तो सल्लन की बहुत याद आ रही थी।

उसने ५ साल तक लगातार मेरी चूत बजाई थी। मैं तो यही सोचती थी की मेरा निकाह उससे ही होगा पर मेरी अम्मी इसके खिलाफ हो गयी थी। इसलिए मुझे मजबूरन हुसैन से शादी करनी पड़ी। मेरी सुहागरात पर मेरे शौहर हुसैन ने मेरे लिए पूरा कमरा अच्छे से सजाया था। सब तरफ गुलाब ही गुलाब उसने लगा दिए थे।

मेरे बिस्तर पर सब तरफ गुलाब की पंखुड़ी को तोड़कर डाल दिया था। कमरे में जगमग जगमग करती बहुत ही बिजली की झालरे हुसैन से लगा दी थी। फिर जब वो मेरे पास आया तो उसने मुझे बड़ी भारी ही सोने की जंजीर मुंह दिखाई दी थी। उसके बाद उसने मेरे हाथ को उठाकर उसपर किस कर लिया था। धीरे धीरे हम दोनों अपनी सुहागरात की तरह बढ़ रहे थे। धीरे धीरे हुसैन ने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए। मेरी ब्रा पेंटी भी निकाल दी और खुद भी नंगा हो गया। पहले तो वो मेरे होठो पर अपनी उँगलियाँ से सहलाने लगा।

कुछ में मैं गर्म हो गयी थी। मेरा भी चुदने का बहुत मन कर रहा था। फिर मेरे शौहर हुसैन मेरे होठो को चूसने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वो बड़ी कायदे से मेरे होठ चूस रहा था। फिर अपनी जीभ मेरे मुंह में डालकर चुस्वाने लगा। कुछ देर बाद मैं बाहुत सेक्सी और उत्तेज्जित महूसस कर रही थी। हुसैन मेरे गोल गोल बूब्स को दबा रहा था। मुझे सेक्स और चुदाई का नशा चढ़ रहा था। उसने हाथ मेरी रसीली चूचियों को दबा रहे थे। फिर वो मेरी रसीली चूचियों को पीने लगा।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं अपने हाथों से उसकी नंगी पीठ को सहला रही थी। ये सच था की आज अपनी सुहागरात पर मैं कसके चुदना चाहती थी। हुसैन मेरी चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा। मुझे बड़ा सुकून मिला। हुसैन मेरी चूचियां उसी तरह चूं चूं की आवाज के साथ चूस रहा था जैसे सल्लन चूसा करता था। मुझे तो दोनों मर्दों में कोई ख़ास फर्क महसूस नही हुआ।

मेरी निपल्स को मेरे शौहर हुसैन ने बड़ी देर तक अपने दांत से काटा और चबाया। मेरी चूत अपना पानी छोड़ने लगी थी। कुछ देर बाद हुसैन ने मेरे पैर खोल दिये और मेरी चूत चाटने लगा। मेरी चूत की सील टूटी हुई थी पर मेरे शौहर ने मुझसे इसके बारे में कुछ नही पूछा। क्यूंकि वो मुझसे बहुत प्यार करता था। अब हुसैन मेरी चूत की एक एक कली को पी रहा था।

मेरे चूत के दाने को दांत से काट लेता था। मैं“…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” करने लग जाती थी। मेरे पति सल्लन से काफी दुबले थे। बस यही अंतर था दोनों मर्दों में। मेरे शौहर हुसैन ने ४० मिनट मेरी रसीली चूत को पीया, फिर उसने जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगा।

मैं  उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँऊँऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सीहा हा हा.. ओ हो हो….” बोलकर चिल्ला रही थी। मैं बार बार अपनी गांड उपर उठा लेती थी। मेरे शौहर से बड़ी देर तक मेरी चूत को ऊँगली से चोदा और जो माल मेरी रसीली चूत ने निकलकर उनकी ऊँगली पर लग जाता था वो सब का सब चाट जाते थे। बड़ी देर तब इस तरह का रंगीन खेल चलता था। मैं कामवासना में डूब चुकी थी। अब मैं खुद अपने बूब्स को अपने हाथो से दबा रही थी। मैं खुद अपनी चूचियों को मींज रही थी।

फिर मेरे शौहर ने मेरी चूत में अपना ७का लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मुझे भी फुल मजा मिल रहा था। मैं टांग उठा उठाकर चुदवा रही थी और अपने शौहर का मोटा लंड खा रही थी। मैं अपनी चूत की झाटों को अच्छे से बना रखा था इसलिए मेरी चूत बहुत चिकनी, सुंदर और खूबसूरत लग रही थी। मेरे शौहर मेरे चूत में गहरे धक्के मारने लगे तो पूरा पलंग ही हिल रहा था। मुझे डर था की कहीं टूट ना जाए। शौहर जल्दी जल्दी मेरी चूत मार रहे थे। मेरे जिस्म में चुदाई की आग लग गयी थी। हाँ मैं आज सारी रात चुदना चाहती थी। ऐसा हुआ भी।

मेरे शौहर हुसैन ने मेरी रगड़कर चूत मारी। फिर १ घंटे बाद अपना माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया था। मेरी सुहागरात पर उन्होंने मुझे ४ बार चोदा था। इस तरह से मेरा शादी अच्छे से निकल पड़ी। मेरे शौहर सुबह ९ बजे ही ऑटो लेकर चले जाते और रात में ८ बजे आते।

दोस्तों कुछ दिनों बाद मेरे फोन पर मेरे चचेरे भाई सल्लन का फोन आया। मैं उसे दिलो जान से प्यार करती थी।

मंतशा जान….कैसी हो???? तुम्हारे शौहर कैसे है???” सल्लन से पूछा

मैं अच्छी हूँ। मेरे शौहर भी ठीक है। मुझे बहुत प्यार करते है!!मैंने कहा

उकसे बाद मैं उससे बात करने लगी। लगभग २ घंटे तब मेरी मेरे पुराने आशिक सल्लन से बात होती रही।

यार मंतशाकितने दिन हो गये तेरी रसीली चूत ना तो पीने को मिली ना ही मारने को मिलीमेरा चचेरा भाई सल्लन बोला

तो आज सुबह १२ बजे आ जाओ। मेरी रसीली चूत भी पी लेना और जी भरकर चोद भी लेनामैंने कहा

और जान तुम्हारा पति????” सल्लन बोला

अरे वो तो ऑटो चलाते है। सुबह जाते है तो रात में आते है!!मैंने कहा

उसके बाद मैं नहाने चली गयी। मैंने बाथरूम में १० बाल्टियों से खूब जी भर के नहाया और अपने जिस्म को साबुन से रगड़कर साफ कर लिया। अपनी चूत की झाटे मैंने शेविंग मशीन से छील डाली। अब मेरी चूत बिलकुल चिकनी हो गयी थी।

नहाधोकर मैंने घर में ही फेसियल कर लिया और एक अच्छा नया सूट पहन लिया। मैं बिलकुल कोई रानी लग रही थी और बहुत खूबसूरत दिख रही थी। दोपहर १२ बजे मेरा पुराना आशिक मेरा चचेरा भाई सल्लन मेरे घर आ गया। उसने मुझे नंगा करके चोदा और मेरी गांड मार ली। आज भी मैंने उससे चुदवा लेती हूँ।

  

Share:

गदराये बदन वाली अपनी बहन के लिए मोटे लौडे का इंतजाम मैंने खुद किया

मेरी बहन पूनम किसी मुस्लिम लड़के से बात करने लगी है. ये बात मेरे पुरे मोहल्ले में आग की तरह फ़ैल गयी थी. कुछ लोग तो ये भी कह रहें थे की वो मुस्लिम लड़का मेरी बहन को एक सुनसान पार्क में चोदने वाला था, पर किस्मत से शर्मा अंकल दे देख लिया. उनको देखकर वो लड़का मेरी जवान और चुदासी बहन को छोड़ के भाग खड़ा हुआ. शर्मा अंकल ने सारी बात मेरी माँ को आकर बताई.

गदराये बदन वाली अपनी बहन के लिए मोटे लौडे का इंतजाम मैंने खुद किया

बहन जी !! आज तो मैं आपकी लड़की पूनम को रंगे हाथ पकड़ लिया, वरना आपकी लड़की तो चुद गयी होती उस वीरान पार्क में. आपकी इज्जत तो चली गयी होती, ये कहिये की मैंने देख लिया. कहाँ आप लोग पंडित और कहाँ वो मुस्लिम छोकरा. मैं तो कहता की आपकी लड़की अब गर्म हो गयी है, फटाफट शादी कर दीजिए इसकी!! शर्मा अंकल से मेरी माँ से कहा.

मैं वहीँ खड़ा था. पुरे मोहल्ले में शर्मा अंकल से बता दिया की करन की बहन पूनम आज एक मुस्लिम लड़के से चुदते चुदते बाल बाल बची. उस रात मैं अपनी बहन पूनम को चप्पल ही चप्पल मारा.

हरामजादी! कुतिया!! रंडी कहीं की !! वहां पार्क में क्या करने गयी थी उस सुनसान पार्क में?? क्या अपनी माँ चुदाने गयी थी?? मैंने तरह तरह से अपनी चुदासी बहन को चप्पल से मारा और तरह तरह से उसको गालियाँ दी. उस काली रात में मेरे घर में खाना नही बना. ,मेरे पिताजी तो १० साल पहले की गुजर गए थे. अब घर पर मेरी २० साल की कडक माल बहन पूनम, मैं और माँ थी. मेरी माँ ने भी पूनम को झाड़ू से मारा.

हम दोनों सोच रहें थे की सब मामला शांत हो जाएगा. १० दिन नही बिता की माँ ने पूनम के कमरे से उसकी तकिया के नीचे से १ रिलाइंस वाला मोबाइल पकड़ लिया. अच्छा तो छिनार!! अब फ्री वाले फोन से उस कटुवे से बात करती थी माँ बोली और मुझको बुलाया. उस दिन भी पूनम मेरे और माँ के हाथ से जुते चप्पल से पिटी. पर कुछ दिन बित्ते और एक नया मोबाइल उसके पास से जब्त होता.

माँ भी परेशान थी और मैं भी.

बहन जी !! ऐसे मार पिटाई से कोई फायदा नही होगा. लड़की तुम्हारी उसी तरह गरम हो गयी है जैसे सब्जीमंदी में गायें गरम हो जाती है. फिर मोटे तगड़े सांड पूरी मंदी में गायों को दौड़ा दौड़ा के चोदते है. बहन जी लड़की को पिटने से कोई फर्क नही पडेगा. तुम्हारी लड़की पूनम की चूत गरम हो गयी है. बस इसके लिए किसी मोटे तगड़े लंड का इतंजाम कर दो. उस मुस्लिम छोकरे को ये एक दिन में भूल जाएगी जहाँ २ ४ बार इसने मोटा मोटा लंड खा लिया, सब गर्मी शांत हो जाएगी इसकी !! बगल वाली आंटी ने मेरी माँ को समझाया. माँ ने रात को मुझे ये सब बताया.

आंटी वैसे तो १६ आने सच कहती है !! पूनम की गरम चूत के लिए अगर हम लंड का इंतजाम कर दे तो ये उस मुस्लिम लड़के को भूल जाएगी !! मैंने कहा.

तो इंतजाम कर बेटा !! माँ ने कहा.

उस रात मैं सो नही सका. मैं मासूम ही बना रह गया और इधर मेरी बहन चुदासी हो गयी. खैर जो हुआ सो हुआ, पर मैं बिलकुल नही चाहता था की कल को मेरी बहन उस मुस्लमान छोकरे से साथ भाग जाए. अब तो बस मुझे किसी तरह उसके लिए लंड का इंतजाम करना था. माँ ने पूनम को रात में जागते भी देखा. जब माँ ने उससे पूछा की क्यूँ जाग रही है तो वो कहने लगी की नींद नही आ रही. पुरे बदन में आज सी जल रही है.

माँ ने मुझे बताया की पूनम अब बहुत गरम हो गयी है. उसे जल्द से जल्द लंड चाहिए. एक बार तो मन हुआ की रात में पुनाम में कमरे में चला जाऊ. खूब चोदो कुतिया को. रंडियों की तरह चोद चोद के उसका भोसड़ा फाड़ दूँ. फिर सोचा की ये तो नियम के खिलाफ है. अगर मैं मुस्लमान होता को अपनी बहन को चोद सकता था, पर हम हिन्दुओं में ऐसा नही होता है. सगा भाई तो अपनी बहन को रखी बाँधता है, भला मैं कैसा उसको चोद सकता था.

मैं रात भर सोचता रहा की किस्से अपनी बहन को चुदवाऊ. वैसे तो कई लड़के पूनम को चोदने को तैयार हो जाएँगे, पर वही अच्छा रहेगा तो उसे पूरी डोस दे पाय. तो उसी इतनी अच्छी तरह से बजाए की वो अपनी मुस्लिम प्रेमी को बिलकुल भूल जाए. विनोद, अमन, गोपाल, रजत कई नाम मेरे मन में आये, फिर अंत में सुधीर का नाम मेरे जहाँ में आया. सुधीर ६ फुट का लम्बा चौड़ा था, वो जिम भी जाता था. उसका पास्ट चुदाई रिकॉर्ड भी बहुत अच्छा था. वो एक समय में ४ ४ लड़कियों को हैंडल करता था. मैं सोच लिया की सुधीर से बात करूँगा.

अगले दिन मैं सुधीर को मैक डोनाल्ड पर बुलाया. उसके लिए चिकन बर्गर, महाराजा बर्गर, स्मूदी और फ्रेंच फ्राइस आर्डर की.

क्यों भाई अरुण!! तू तो बड़ा कंजूस है. आज कैसे इतना मुझ पर खर्च हर रहा है! सुधीर बोला. मैं उसके कान में सारी बात बताई. उनके चेहरे बनता बिगड़ता रहा. वो थोडा टेंशन के आ गया. सुधीर भी पंडित था. पिछले साल वो मेरी बहन पूनम से शादी का प्रस्ताव लेकर आया था, पर मेरी माँ से इस रिश्ते के लिए मना कर दिया. सुधीर एक ज़माने में मेरी बहन पूनम से प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था. फिर बाद में उसने दूसरी लड़की से शादी कर ली थी. ये पूरी कहानी थी.

भाई कर देगा ?? वरना पूनम उस लड़के के साथ भाग जाएगी. उसको बस समज ले की आज कल में अगर लंड ना मिला तो वो उस मुस्लिम छोकरे के साथ जरुर भाग जाएगी!! मैंने सुधीर से हाथ जोड़ते हुए कहा.

१००० लगेंगे ! वो बोला

ठीक है!! मैं दूँगा. पर पूनम से अच्छे से चोदना. उसकी चूत की गर्मी शातं हो जनि चाहिए. और हाँ यार उसकी चुदाई की रिकॉर्डिंग भी मोबाइल से बना लेना. मैं भी थोडा मजा ले लूँगा!! मैंने कहा. मैंने सुधीर के खाने का मैक डोनाल्ड में सारा बिल चुकाया. दोपहर हुई. शाम हुई. फिर रात हो गयी. माँ और मैं सुधीर का बेसब्री ने इन्तजार करने लगे.

आज भी मेरी चुदाई बहन पूनम को नींद नहीं आ रही थी. मैं और माँ ने उसको कमरे में बंद कर दिया था, क्यूंकि मुहब्बत और वासना की आग में वो छिनार अंधी हो चुकी थी. जब सुधीर ने घंटी बजायी और मैंने दरवाजा खोला और देखा को मेरा यार सुधीर है, तब मुझे चैन मिला. सुधीर से मस्त हाथ बाजुओं वाली लाल टी शर्ट आर जींस पहन रखी थी. उसकी चुस्त टी शर्ट में उसके डोले शोले दिख रहें थे.

आओ !! इस कमरे में !! मैंने कहा और पूनम के कमरे का ताला खोल दिया.

संतुष्ट कर देना उसको वरना तुम मर्द नही !! मैंने सुधीर को एक बार फिर से याद दिलाया. वो अंडर चला गया. मैंने फिर से पूनम के कमरे के दरवाजे पर कुण्डी लगा दी और ताला भर दिया. माँ बूढी थी, अपने कमरे में चली गयी. मैं वहीँ बाहर दिवार के किनारे बैठ गया.

अगर आज पूनम अच्छे से चुद गयी तो इसकी चूत की गर्मी शांत हो जाएगी. ये उस लड़के को भूल जाएगी और समाज में हमारी नाक कटने से बच जाएगी. मैंने सोचा. दरवाजे के छेद से मैं सब काम देखने लगा. सुधीर अंडर गया तो उसने मेरी मस्त दुबली छरहरी बहन की बहन पूनम को देखा. पूनम का लम्बा गोरा चेहरा, पतली कमर, भरे भरे गोरे गोरे हाथ और २ सुडौल स्तन. पूनम को देखते ही सुधीर का लंड खड़ा हो गया.

आ! तेरी गर्मी शांत कर दूँ !! सुधीर बोला.

नही मैं सलीम से प्यार करती हूँ. मैं उसकी अमानत हूँ. मैं उससे ही शादी करुँगी !! पूनम बोली.

बस इतना सुनते ही सुधीर से पूनम को कई तमाचे जड़ दिए. उस जबरन बिस्तर पर पटक दिया. ५ मिनट में मेरी जवान कमनीय बहन के कपडे उसने फाड़ दिए. मेरी बहन रो रोकर जूठ मूठ के आंसू बनाने लगी. मेरी बहन के दो बिलकुल गोल गोल मम्मे मुझे दरवाजे के छेद से दिखने लगे. सुधीर से मेरी बहन को कसके दबोच लिया और उसके मम्मे पीने लगा. पूनम मचलने और बहकने लगी. १० मिनट बीते होंगे की वो खुद सुधीर को अपने हाथों से अपने दूध पिलाने लगी.

मैं खुश हुआ ये देखकर की काम सही चल रहा है. सुधीर ने इससे पहले कम से कम ८ लड़कियों के मम्मे पिए थे और कम से कम ६ लड़कियों को वो चोद खा चूका था. उसके लाजवाब अनुभव के कारण ही मैं उसको लिया था. वो पूनम के मम्मो को हाथ से चांटे मार रहा था और मुंह में भरकर पी रहा था. सुधीर द्वारा पूनम का स्तनपान करने से उसके चुच्चे और भी कस गाये थे और टनटना गए थे. पूनम के स्तनों का सौंदर्य और खूबसूरती देखते ही बनती थी.

उसने अपने दूध को हाथ में ले रखा था और सुधीर मजे से पी रहा था. जो लड़की अभी १० मिनट पहले तरह तरह से नखडा चोद रही थी, अब वो सीधी गाय की तरह शांत हो गयी थी और सांड यानि सुधीर का लंड खाने वाली थी. मैं भी इधर दरवाजे के छेद से ये विचित्र लीला देख रहा था. अब सुधीर से पूनम के डोनो पैर खोल दिए और उसकी बुर पीने लगा.

ओए तेरी तो !! सीटी तो इसकी खुल चुकी है!! सुधीर बोला.

मैंने सुन लिया. आखिर जिस बात का डर था वही हुआ. उस मुसलमान छोकरे से इसने चुदवा ही लिया. खैर जो हुआ सो हुआ. मेरा दोस्त सुधीर मेरी चुदासी बहन पूनम को चोदने लगा. सुधीर से अपना लंड हाथ में ले लिया. ये मोटा लाल गुलाबी लंड था. बड़ा सुंदर लंड था दोस्तों. सुधीर से अपने लंड हाथ में ले पूनम के भोसड़े पर २ ४ बार प्यार से थपकी दी. पूनम की बुर और भी अधिक चुदने को बेकार हो गयी. फिर सुधीर से अपना मोटा लंड पूनम की बुर के सिखचे पर लगा दिया फिर अंडर पेल दिया. वो पूनम को चोदने लगा. शुरू शुरू में पूनम को बिलकुल मजा नही आया.

इससे जादा तो मुझे कोई बच्चा चोद लेता !! पूनम बोली.

सुधीर को गुसा आ गया. ये कथन उसकी मर्दानगी पर एक गाली थी. उसने पूनम की दोनों गोरी जाँघों को पकड़ नीचे खींच लिया और अपना नीचे बेड से उतार गया. अब वो पूनम को रंडियों की तरह हौकने लगा. अंदर और अंदर, गहरा और गहरा सुधीर अपने मोटे लंड से वार पर वार करने लगा. वो मेरी बहन को किसी रोबोट जैसी तेजी से पेलने खाने चोदने लगा. अब पुनम को मजा आने लगा.

हाँ सुधीर !! बस यही पर !! बस यही पर मुझको पेलते रहो !! देखो रुकना मत वरना अपनी माँ का मारा मुह देखोगे !! चोदो ! मुझे कसके चोदो !! तेज और तेज ! मेरी बहन तरह तरह से डाईलोग मारने लगी. सुधीर अब डबल जोश में आ गाया. उसका लंड अब पहले से अधिक विशाल हो गया. और जादा फूल कर मोटा हो गया.

ले छिनाल!! ले रंडी !! तू भी क्या याद करेगी की कोई मस्त मोटा लंड खाया था !! ये छिनार !! ले रंडी ! कितना लंड खाएगी! जी भरके खा ले आज !! सुधीर भी जवाब देने लगा और मेरी बहन को बिना रुके हच हच करके चोदने लगा. मैं वो नजारा देखता रहा गया. वो चुदाई देख मैं अभिभूत और मंत्रमुग्ध हो गया दोस्तों. मेरी आवारा बहन की क्या ठुकाई की सुधीर ने. मैं तो उसका जबरा फैन हो गया. कुछ देर बाद मेरी छिनाल बहन की चूत दुखने लगी.

बस कर सुधीर !! मेरी चूत में दर्द उठ रहा है ! पूनम बोली

नहीं छिनाल !! अब क्यूँ भाग रही है. चुद ले अच्छे से आज ! अब क्यूँ भागती है !! सुधीर बोला. और उसने कोई २ मिनट में मेरी बहन को २०० ३०० बार किसी मशीन की तरह चोद दिया होगा. पूनम का सारा बहन काँप गया, थरथरा गया. एक एक रोंगट खड़ा हो गया.

बस कर सुधीर !! बस कर दर्द होता है !! पूनम रोने लगी.

पहले वडा कर छिनाल अगर लंड खाना होगा तो मेरा या किसी हिंदू का लंड खाएगी. उस सलीम से नही चुदेगी. वडा कर !! सुधीर बोला और गचागच उसको पेलता गया.

मैं वादा करती हूँ की आज से तेरा ही लंड खाऊँगी !! पूनम बोली.

कम से कम ५० बार जल्दी जल्दी सुधीर से मेरी बहन को खट खट करके चोदा और उसके भोसड़े में माल छोड़ दिया. दोस्तों, उस पूरी रात सुधीर ने मेरी गरम गाये जैसी बहन को कुल १५ १६ बार चोदा. सुबह मैं उसके हाथ में १००० रुँपये रखे. थैंक्स यार बोला । 

Share:

XVASANA - Antarvasna Sex Stories in Hindi fonts