मेरी माँ रजनी और मौसी मीता दोनों एक ही गली में रहती हैं, मेरे
भाई का नाम अमोल और मेरा नाम नव्या है,
मौसी की लड़की का नाम हिना और लड़के का
नाम अमित है, मेरा और अमित का और हिना
और अमोल का विवाह हो चुका है, अमित स्टेट
बैंक में काम करता है और अमोल बैंक आफ बरोडा
में आफिसर है, दोनों की उमर कोई 25 साल के
करीब है और मैं और हिना देल्ही में एक पब्लिक
स्कूल में टीचर्स हैं और हमारी उमर 23 और 22
साल है, शादी से पहले तो मैं अमित को भैया
कहती थी और हिना अमोल को भैया कहती थी
लेकिन हमारी शादी के बाद सब कुछ बदल गया।
मैं तो अमित के लण्ड की दीवानी हो चुकी हूँ।
मुझे अमित बहुत पसंद है बस वो जरा अधिक ही
जेंटलमैन बनता है और मेरी हर इच्छा पूरी करने की
कोशिश करता है। अमित का लण्ड 6 इंच का है
लेकिन बहुत ही कड़ा रहता है। अमित का कद 6
फीट है और वो दिखने में बहुत ही हैंडसम है और मैं
एक साँवली औरत हूँ, मेरी चूची काफी बड़ी है
और मेरा पति मेरे निपल्स को बहुत प्यार से
चूमता है। मेरा कद 5’6” है और मेरे चूतड़ बहुत
आकर्षक हैं, ये मुझे मेरा पति बताता है।
मेरा पति अक्सर मेरे चूतड़ों को किस करता है और
ऐसा करने से वो काफी उत्तेजित हो जाता है,
कई बार अमित ने मेरी गाण्ड मारने की इच्छा
जाहिर की है लेकिन मैंने उसको इजाजत नहीं दी
है। मुझे अपने पति का लण्ड चूत में ही बहुत मजे
देता है तो गाण्ड मरवाने का क्या फायदा?
मेरे भैया अमोल भी हिना को बहुत प्यार करते हैं
और उनकी आपस में बहुत पटती है, हिना भी बहुत
सेक्सी है बस उसका शरीर मुझसे अधिक भरा हुआ
है। उसका गदराया हुआ बदन देखकर कई बार मेरे
पति की नजर भी अपनी बहन की चूची और
गाण्ड पर चली जाती है, जिसका दोष मैं अपने
पति को नहीं देती।
अगर हिना के जिश्म का मजा मेरे भैया की
किश्मत में लिखा है तो कोई क्या कर सकता है।
एक दिन अमोल और हिना हमारे घर आए हुए थे
और अमोल और अमित शराब पी रहे थे। हिना
उनको खाने के लिए स्नैक्स देने गयी तो अमित
का हाथ हिना के गुदाज चूतड़ों को छू गया तो
मैंने देखा की उसका लण्ड एकदम से तन गया।
हिना को जब इसका एहसास हुआ तो वो शर्मा
गयी। उस रात जब मेरा पति मुझे चोद रहा था
तो बार-बार मुझे गाण्ड मरवाने के लिए कह रहा
था। मैंने जब मना कर दिया तो वो मेरे चूतड़ों
को चूमने लगा और मेरी गाण्ड में जुबान घुसाकर
अंदर-बाहर करने लगा। मुझे पता चल गया था की
मेरे पति के मन से अभी अपनी बहन के चूतड़ों के
स्पर्श का एहसास गया नहीं था।
अमित मुझे पसंद करता था और कभी-कभी मेरी
36सी की चूचियों को मौका देखकर दबा देता
था। एक दिन जब वो सनडे को मेरे घर आया तो
अमोल मौसी के घर के लिए रवाना हो चुका
था। मैंने अमित को बताया की भैया तो उनके
घर उनसे मिलने गये हैं।
उसने मुझे बाहों में भर लिया और कहने लगा- “मैं
तो तुमसे ही मिलने आया हूँ, अमोल से नहीं, अब
मैं तुझे दूर से देखकर और तड़पना नहीं चाहता, तुझसे
प्यार करता हूँ और शादी करना चाहता हूँ,
बोलो मंजूर है तुझे?”
मैं मुश्कुराकर बोली- “अमित भैया, यह सब तो
ठीक है लेकिन माँ को क्या बोलूँगी मैं, की मैं
अमित भैया से शादी करना चाहती हूँ…”
अमित अपनी जिद दिखाते हुए बोला- “तुझे
बार-बार मुझे भैया कहना क्यों अच्छा लगता है?
मैं तेरा मौसेरा भाई हूँ कोई असली नहीं, और
शादी की बात मैं खुद मौसी से कर लूँगा, तुम बस
यही कह देना की तुझे ये शादी मंजूर है, ओके…”
उसी दिन शाम को माँ और मौसी ने जब यह
सुना तो वो हमारी शादी के लिए मान गयीं।
तभी अमोल भैया और हिना बाहर से आए तो
माँ ने पूछ लिया- “क्यों बेटे अमोल, अगर तुम
चाहो तो तेरी और हिना की भी शादी करा
दी जाए? अमित और नव्या तो कर ही रहे हैं,
तुम एक दूजे के साले भी बन जाओगे और जीज़्जा
भी… घर
की बात घर में रह जाएगी। हम किसी
बाहर के आदमी पर इतना विश्वास भी नहीं कर
सकते…”
हिना शर्मा गयी और अमोल मुश्कुरा पड़ा। मुझे
तो पहले ही पता था की वो दोनों भी एक दूसरे
को प्यार करते हैं। इस तरह हम लोगों की
शादियां एक ही दिन हो गयीं। मुझे अपनी
खुशकिश्मती पर विश्वास नहीं हो पा रहा था।
मैंने और अमित ने सुहगरात बड़े मजे से मनाई और
चुदाई का खूब आनंद लिया। हिना भी अगले
दिन काफी खुश नजर आ रही थी।
जब मैंने हिना को रात के बारे में पूछा तो वो
शरमाते हुए बोली- “तेरा भाई तो एकदम से
जानवर है, ही इस आ बीस्ट, योउ नो… देखो मेरा
क्या हाल कर दिया है? मैं तो ठीक से चल भी
नहीं पा रही हूँ, अमोल ने मेरी चूत की बुरी
हालत बना दी है। उसका लण्ड क्या कोई आम
लण्ड है, कम से कम 8 इंच का होगा और मैं बेचारी
कमसिन लड़की, तेरे भैया को तो कोई मस्त रंडी
औरत चाहिए जो उसकी वहशत को झेल सकती
हो। मुझे तो उसने सारी रात सोने नहीं दिया।
मेरी चूत सारी रात पानी बहाती रही और
चुदती रही। यह देखो मेरी चूची का क्या हाल
हुआ है?
फिर हिना ने मुझे अपने गाउन के नीचे से अपनी
चूचियां दिखाते हुए कहा- “देखो, तेरे भैया ने कैसे
काट खाया है मुझे, साला दाँत ऐसे मारता है जैसे
चोदना नहीं खाना चाहता हो मुझे, लण्ड तो
इतनी जोर से पेलता है अमोल की सारा शरीर
हिल जाता है। मेरी चूत भी सूजी पड़ी है, मुझे कम
से कम दो दिन का आराम चाहिए तेरे भैया की
चुदाई से। तू सुना अमित की चुदाई कैसी है?”
मैंने हिना को सब बता दिया की अमित बहुत
प्यार से चुदाई करता है और चूमता है। मुझे बहुत
मजा आता है।
हिना हँस पड़ी और बोली- “चलो तुझे तो मेरा
भाई खुश कर देता है। काश… मुझे भी कोई ऐसा
ही मर्द मिलता जो आराम से प्यार से मेरी
चुदाई करता? अमित का लण्ड कितना बड़ा है?
अमोल का तो कम से कम 8 इंच का होगा, मेरा
तो हाल बुरा कर दिया है…”
मैंने हिना को बताया की अमित का तो केवल
6” का है।
तो वो बोली- “मुझे तुमसे जलन होने लगी है,
काश… मेरे
पति का लण्ड भी 6” का होता और
मुझे तकलीफ ना होती चुदाने में…”
मैंने हँसते हुए मजाक किया- “तो फिर ठीक है, हम
अपने पति बदल लेते हैं, तुम अपने भाई से चुदाई
करवा लो और मैं अपने भाई से चुदवा लेती हूँ,
क्यों क्या ख्याल है?”
और हम दोनों ही शरारत से हँस पड़ी, लेकिन इस
विचार ने मेरे मन में जगह कर ली। क्या भैया का
लण्ड बहुत बड़ा है? क्या वो बहुत जबरदस्त चुदाई
करने में विश्वास रखते हैं? मेरे मन में जबरदस्त चुदाई
की इच्छा पैदा होने लगी औे मैं अमोल भैया से
चुदवाने का प्लान बनाना शुरू कर दी। इस
विचार से ही मेरी चूत से पानी गिरने लगा और
मैं फिर से चुदासी होने लगी।
उस दिन शाम को हमने सिमला हनीमून पर जाने
का प्रोग्राम बनाया था। हम दोनों जोड़ियां
हवाई जहाज से चंडीगढ़ और फिर सिमला पहुँची।
अमोल भैया ने हमारी बुकिंग होटेल में, जो की
शहर से बाहर था, पहले ही करवा ली थी। हमने
एक बहुत बड़ा कमरा बुक करवा लिया था
जिसको दो कमरों में बदला जा सकता था,
क्योंकी उसके बीच में एक दरवाजा था। जब तक
हम कमरे में पहुँचे तो हमारे पति बहुत मस्ती में आ
चुके थे और जाते ही उन्होंने हम औरतों को दबोच
लिया और हमको दरवाजा बंद करने का मौका
भी नहीं दिया और हमारे कपड़े उतारने शुरू कर
दिये। अमोल भैया के उतावलेपन को देखकर मुझे
भी गर्मी आ गयी और मैंने अमित का लण्ड अपने
हाथ में लेकर मूठ मारनी शुरू कर दी।
अमित का लण्ड तन गया और मैंने उसके लण्ड को
मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया, अमित का
सुपाड़ा मेरे मुँह में फूलने लगा और उसने मेरे मुँह को
चोदना शुरू कर दिया। मेरे पति ने मेरी जांघों
को फैलाया और मेरी चूत को चूमने लगा। मेरी
चूत में पानी भरने लगा और मेरा पति मेरी चूत
का रस पीने लगा। मैंने भी उसका लण्ड मुँह में
लेकर मजा लेना शुरू कर दिया। उसके सुपाड़े से रस
की बूँद टपक रही थी और मेरी जुबान पर उसका
नमकीन स्वाद बहुत ही अच्छा लग रहा था।
उधर हिना और अमोल की चुदाई की आवाज़ें आने
लगी, हिना
फुसफुसा रही थी- “अमोल मेरे यार,
धीरे से, तेरा लण्ड इतना बड़ा और मोटा है की
मुझे अपनी तंग चूत में लेने में बहुत मुश्किल हो रही
है। प्लीज… आराम से पेल ना, तुझ से तो भैया का
लण्ड अच्छा है जो की 6 इंच का है और तेरी बहन
नव्या को कोई परेशानी नहीं होती, भैया से
चुदवाने में। अब जल्दी से पेल दो ना, मेरी चूत
कसमसा रही है लण्ड के लिए। प्लीज… मुझे आराम
से चोदो जैसे भैया तेरी बहन को चोदते हैं। काश…
मुझे भी भैया जैसा 6 इंच का लण्ड आराम से
चुदाई की जन्नत दिखा पाता?”
हम हिना की आवाज सुनकर चौंक पड़े।
कुछ ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और
अमित के लण्ड को मैंने चूस-चूसकर खलास कर
दिया।
दूसरे कमरे से हिना की आवाज तेज हो रही थी-
“अमोल, बहनचोद धीरे से चोद… मुझे कोई रंडी
समझ रखा है, मैं तेरी बहन हूँ और अब पत्नी बनी
हुई हूँ… प्यार से चोद मुझे, जैसे मेरा भाई तेरी बहन
की चुदाई करता है। मेरी चूत की भोसड़ी बन
गयी है तेरे लण्ड से। अमोल मैं झड़ने को हूँ, मेरी चूत
तेरे मूसल लण्ड पर झड़ रही है, ओह भैया मैं झड़ी…”
मैं और अमित यह सब सुनकर दरवाजे पर जा पहुँचे
और देखा की अमोल भैया ने हिना को घोड़ी
बनाया हुआ था और पीछे से उसकी चुदाई झुक कर
कर रहे थे। भैया का लण्ड काफी मोटा था और
हिना की चूत के रस से भीगा हुआ था और उसकी
गाण्ड से होता हुआ हिना की चूत को कुत्ते की
तरह चोद रहा था। अमोल अपनी पत्नी के चूतड़ों
पर जोर-जोर से हाथ मार रहे थे और उसके कंधों पर
दाँत गड़ा रहे थे। हिना की पीठ और कंधों पर
भैया के दातों के निशान पड़े हुए थे।
हिना कसमसा रही थी, तड़प रही थी, लेकिन
भैया बेदर्दी से चुदाई कर रहे थे। अमोल और हिना
की मजे के कारण आँखें बंद थीं। भैया के चूतड़ आगे
पीछे हो रहे थे जब अमोल के लण्ड ने पिचकारी
छोड़ दी। कुछ देर में दोनों थक कर लेट गये।
अमित और मैं वहीं सोफे पर बैठकर आराम करने
लगे, शाम
को 6:00
बजे भैया और हिना उठ गये
और हमको देखकर हैरान हो गये और अपने नंगे
जिश्म को ढकने की कोशिश करने लगे।
मैंने कहा- “हिना, हमसे क्या शरमाना? तुम मेरी
भाभी बन चुकी हो और मैं तेरी भाभी बन चुकी
हूँ। हम हनीमून पर इसलिए लाई गयी हैं कि हमारे
पति हमारी चूत की सारी ऐंठन निकाल दें,
हमारी चूत को जितनी भी लण्ड की भूख है
हमारे पति उसको एक बार अच्छी तरह से मिटा
देंगे। आज हमारे हनीमून की शुरुआत है तो कोई
खास तरीके से सेलीब्रेट करना चाहिए। अमित,
क्या तेरी बहन ने कभी शराब पी है? मैंने एक बार
पी थी, क्यों ना हम सभी दो-दो घूँट पीकर
अपने हनीमून को आगे बढ़ाएं, इससे हमारी शरम
और झिझक खतम हो जाएगी, क्यों भैया?”
अमोल ने मेरी हाँ में हाँ मिला दी।
हम सभी ने कपड़े पहन लिए और अमित और
अमोल शराब लेने चले गये। मैं और हिना नहाने
चली गयी और जब हम बाथरूम से बाहर निकलीं
तो हमने पारदर्शी गाउन पहन लिए। हिना के
जिश्म पर भैया के काटने की निशान मुझे
उत्तेजित कर रहे थे। मुझे तमन्ना थी की कोई मुझे
जानवरों की तरह जबरदस्त प्यार करे और बेरहमी
से चोद डाले। लेकिन मेरा पति तो बहुत कोमल
किस्म का इंसान था, असल में मुझे अमोल भैया
जैसा पति चाहिए था। मैंने एक बार हिना के
जिश्म के उन भागों को चूमना शुरू कर दिया
जहां-जहां पर भैया ने काटा था।
हिना भी उत्तेजना से कराहने लगी।
मैंने स्कीम बनानी शुरू कर दी की कैसे अपने भैया
के लण्ड का स्वाद लिया जाए। मैंने हिना से
कहा- “मेरी प्यारी हिना, मुझे तुम पर बहुत प्यार
आ रहा है। काश… मैं कुछ कर सकती, जिससे तेरी
चुदाई अमित जैसे कोमल आदमी से हो सकती
और अमोल जैसा जानवर तुझे तंग ना कर पाता,
काश… तेरी
मुश्किल मैं आसान कर सकती? तेरा
सारा दर्द मैं ले लेती और सारी खुशी तुझे दे
सकती…”
हिना मेरे प्यार को देखकर मुश्कुरा पड़ी और मेरे
होंठों पर किस करने लगी। हम दोनों किस कर
रही थी जब हमारे पति वापिस आ गए।
अमोल ने अपनी पत्नी को बाहों में लेना चाहा
लेकिन मैंने भैया को रोक दिया- “भैया, पहले तो
तुम दोनों नहाकर आओ, और फिर प्यार करना।
दूसरा हिना का क्या हाल बना दिया है तुमने?
कोई औरत को ऐसे प्यार किया जाता है? अगर
प्यार करना है तो वैसे करो जैसे अमित मेरे साथ
करता है। बेचारी हिना की बुरी हालत कर दी है
तुमने। अगर मेरी हालत अमित ऐसी कर देता तो
तुझे कैसा लगता?”
अमोल भैया हँसते हुए बोले- “मेरी बहना, शादी
के बाद प्यार इसी तरह किया जाता है जैसे मैंने
किया है। अगर हिना को मजा नहीं आया तो
इसमें मेरा कोई दोष नहीं है, क्यों अमित? मैं तो
इसी तरह प्यार करना जानता हूँ…”
तभी वो दोनों नहाने चले गये और बाहर आकर
अमित ने पेग बनाए और हम सभी पीने लगे। शराब
ने हम पर असर करना शुरू कर दिया। एक बार
अमित ने हिना को गलती से अपने आगोश में
गिरा लिया क्योंकी उसने समझा की वो औरत
मैं हूँ। हम दोनों ने सफेद गाउन पहने हुए थे तो
गलती होना स्वाभाविक था।
मैंने अपने पति को मजाक से झिड़क दिया- “बहन
और पत्नी में फरक तो देख लिया करो…”
तो वो हँसते हुए कहने लगा- “तुम दोनों में मुझे
कोई फरक ही नहीं दिखता तो मैं क्या करूँ? मुझे
तो तुम दोनों ही सेक्सी लग रही हो…”
मैं- “तो भैया कहीं थोड़ी देर में मुझे ही अपने
बिस्तर में मत ले जाना क्योंकी तुझे अपनी बहन
और बीवी एक ही जैसी लग रही है…”
अमोल भी हँसता हुआ बोला- “तो क्या है? अगर
ऐसा हुआ तो, मुझे नव्या मिल जाएगी और इस
तरह हमारा हनीमून भी डबल हो जाएगा, क्यों
अमित? हिना और नव्या को भी हनीमून में
दो-दो मर्दों का स्वाद मिल जाएगा और हम
दोनों को दो-दो पत्नियां मिल जाएंगी। मैं तो
इस विचार से ही उत्तेजित हो रहा हूँ की क्यों
ना पत्नियों की अदला-बदली भी कर ली जाए
और वो भी जब अदला-बदली में चोदने के लिए
हमको अपनी बहन मिलेगी। मैं तो हमेशा से ही
नव्या को चोदने का सपना देखता आया
हूँ… अमोल
ने फिर अमित से पूछा- “क्यों
अमित तेरा क्या खयाल है, हिना को चोदने के
बारे में?”
अमित के दिमाग पर शराब का नशा चढ़ा हुआ
था और उसने नशे में अपनी बहन को गले से लगाकर
उसकी चूची मसल डाली। मुझे अपनी स्कीम
कामयाब होती नजर आ रही थी, शराब का दौर
चलता रहा और हम बहकते चले गये,। कुछ ही देर में मैं
अमोल की गोद में और हिना अपने भाई की गोद
में मचल रही थी। अब हमारे दोहरे हनीमून की
शुरूवात हो रही थी। मुझे शादी के बाद अदला-
बदली की सोच पर उत्तेजना बहुत होने लगी थी।
मैंने हिना को बाहर जाने के लिए कहा और
उसको अपने भाई के साथ खुलकर चुदाई का मजा
लेने के लिए प्रेरित किया।
जब हम वापिस रूम में आई तो मैंने अमित और
अमोल दोनों से कहा- “हम अदला-बदली के लिए
एक शर्त पर सहमत होंगी, की यह अदला-बदली
सिर्फ़ एक बार के लिए नहीं होगी। यह हमारे
बीच परमानेंट अदला-बदली का सिस्टम होगा।
हम चारों जब भी किसी से भी चुदायी का
आनंद लेना चाहें तो ले सकती हैं, इसका मतलब है
की हम दो पति और दो पत्नियां हैं, जो आपस में
जिसके साथ चुदाई करना चाहें किसी को बी
आपत्ति ना होगी। हम सभी एक दूसरे के चुदाई के
पार्टनर्स बने रहेंगे। मैं अमोल भैया और अमित
की पत्नी हूँ और हिना भी अमित और अमोल
की पत्नी होगी। इस बात को हम किसी बाहर
के आदमी को नहीं बताएंगे, क्यों मंजूर है सभी
को?”
सभी ने मुश्कुराकर हामी भर दी। मैंने भी अमोल
भैया के लण्ड को हाथ में लेकर मसल दिया और
साथ बैठी हिना की चूची पर अपने होंठ सटा
दिए। अमित भी नशे में आकर अपनी बहन को
सेक्सी नजर से देखने लगा और उसके होंठों को
किस करने लगा। मैंने शराब का ग्लास खाली
किया और नये पेग बना दिए। चारों पर नशा
हावी हो रहा था, हम बेशरमी से एक दूसरे से
लिपटने लगे, किस करने लगे, एक दूसरे को नंगा करने
लगे,।
तीसरा जाम पीने के बाद हम चारों के
जिश्म पर एक भी कपड़ा नहीं था।
मैंने अपने पति को छेड़ते हुए कहा- “क्यों पतिदेव
जी अपनी पत्नी को दूसरे मर्द के सामने पेश करते
हुए कोई परेशानी तो नहीं हो रही है? मेरा भाई
तो मेरे साथ मजे लेने को तड़प रहा है, और मैं भी
अपने भैया के लण्ड की तारीफ तेरी बहन से सुनकर
तड़प रही हूँ। आज की रात तुम भी बहनचोद बन
जाओगे। अमित, आज हम चारों में कोई फरक ना
रहेगा और हमारा हनीमून यादगार बन जाएगा…”
हिना ने अमित को पलंग की तरफ खींच लिया
और अमोल ने मुझे अपनी गोद में ले लिया। हमारा
चुदाई का दौर शुरू हो चुका था। अमोल ने कमरे
की बत्ती बुझा डाली और मुझे अपनी बाहों में
लेकर पलंग पर पटक दिया। मैंने उसके लण्ड को
मुठियाना शुरू कर दिया।
तो अमोल बेशरमी से बोला- “नव्या, मेरी बहना
अब तुम अपने भाई से चुदाने को तैय्ययर हो जाओ,
हिना तो मेरे लण्ड को देखकर ही डर गयी थी। मैं
अपनी बहन को अपना बना लेना चाहता हूँ। आज
मैं अपनी सगी बहन के साथ सुहगरात मनाना
चाहता हूँ। मेरी बहना मुझे बहनचोद बना लो, मुझे
अपनी चूत समर्पित कर दो, देखो तुम्हारे भैया
का लण्ड कैसे फनकार रहा तेरी चूत में घुसने के
लिए। मुझे तेरा हुश्न दीवाना बन रहा है। अपने
भैया के लण्ड को मुँह में ले लो और मुझे अपनी
चूची का अमृत पीने दो, अपनी चूत के रस का
स्वाद चखने दो, मुझे अपनी चूत में जुबान घुसाकर
चाथ लेने दो मेरी बहना, मैं दीवाना हुआ जा
रहा हूँ…”
फिर अमोल ने मेरे चूतड़ों को कसकर जकड़ लिया
और मेरी चूत की फांकों को खोलकर अपनी
जुबान मेरी चूत में घुसेड़ डाली। उधर हिना भी
अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी और अमित
उसकी नाभि को चूम रहा था और चूची को
मसल रहा था। अमित का लण्ड उसकी बहन के
मुँह के पास था और हिना उसके लण्ड को चाट
रही थी। कमरे में वासना का माहौल बना हुआ
था।
हिना बार-बार अपने भैया को पुकार रही थी।
अमित जीभ से लपलप अपनी बहन की चूत को
चाट रहा था, हिना की टाँगें चौड़ी हुई थी और
दोनों भाई बहन मस्ती में डूब चुके थे। हिना कह
रही थी- “भैया, बहुत मजा आ रहा है, खूब चूसो
मेरी चूत को, साली मस्ती में चूर है तेरी बहन की
चूत। तुम देख सकते हो की कैसे तेरी पत्नी अपने
भाई को बहनचोद बना रही है। तुम भी अपनी
बहन को चोदकर बहनचोद बन जाओ। मेरे राजा
भैया, आज से तुम मेरे भैया भी हो और पतिदेव भी,
मुझे अपने मस्त लाड से प्यार से चोदकर अपनी
पत्नी का दर्जा दे दो। मेरे भैय्या, मेरी चूत तेरे
लण्ड की राह देख रही है…”
अमोल का लण्ड असल में एक हलब्बी लण्ड था,
पूरा 8 इंच का मस्त लण्ड, उसपर मोटा गुलाबी
सुपाड़ा। मेरे मुँह में एक लोलीपोप महसूस हो रहा
था और मेरा भाई अपना लण्ड मेरे मुँह में ठूंस रहा
था जैसे की किसी चूत को चोद रहा हो। मैंने
भाई के अंडकोष अपने हाथ में लेकर मसल दिए
जिससे भाई के मुँह से वासनात्मक सिसकारी
निकल गयी, चूमा चाटी की आवाज़ें कमरे में गूँज
रही थीं। अमोल ने अचानक अपनी जुबान मेरी
गाण्ड के छेद में डाल दी।
और मैं चिहुँक उठी- “ओह्ह… बहनचोद भैया, मेरी
गाण्ड में क्या कर रहे हो? अपनी बहन की चूत से
दिल नहीं भरा क्या जो उसकी नाजुक गाण्ड से
छेड़-छाड़ कर रहे हो। ओह्ह… भैया, तेरी इस अदा
से भी मुझे बहुत मजा आ रहा है, मेरी गाण्ड को
चोद, अपनी
जुबान से मेरे भाई…”
अमोल पूरे जोश में आ चुका था- “नव्या, मेरी
रंडी बहन, बहुत चुदासी है तू, अपने भाई के लण्ड
की तड़प तेरे अंदर बहुत देर से है, तू भी माँ की तरह
किसी छोटे लण्ड से संतुष्ट नहीं हो सकती।
हमारी माँ भी चुदक्कड़ है, तेरी तरह, मैं सपने में तुझे
और माँ को चोदता आ रहा हूँ, एक दिन मैं वो
सपना सच करके दिखा दूँगा। मेरी बहना, मैं एक
ही बिस्तर में अपनी बहन और माँ को चोदूँगा…”
अमित भी अमोल की बात सुनकर बहुत उत्तेजित
होने लगा और हिना को जोर-जोर से चूमने
लगा।
हिना उत्तेजना में बोल रही थी- “भैया, आज
अपनी बहन के साथ सुहगरात मना लो, मुझे अपने
बच्चे की माँ बना दो। जिस तरह तुम्हारी पत्नी
अपने भैया से चुदाने को तैय्यार है, उसी तरह मुझे
चोद लो मेरे भैया, मुझे अपना लण्ड दे दो मेरे
भैया… अमित, तुम अपनी माँ, मीता को नहीं
चोदना चाहोगे क्या? जैसे अमोल चाहता है।
मीता भी काफी सेक्सी है, ना जाने माँ और
मौसी बिना लण्ड के किस तरह गुजारा करती
होंगी? उनको भी तो चुदाई करवानी ही पड़ती
होगी, बिना लण्ड के औरत रह नहीं सकती। अगर
तुम दोनों चाहो तो एक नहीं चार चार औरतों
को चोद सकते हो। और फिर माँ और मौसी को
भी लण्ड के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। तुम
दोनों घर में ही हम सभी को चुदाई का सुख दे
सकते हो…”
अमित पर माँ और मौसी की चुदाई की बातों
का अजीब असर पड़ रहा था। उसने अपनी बहन
को लिटा दिया और उसकी जांघों को उठाकर
अपने कंधों पर रखा और अपने लण्ड का सुपाड़ा
उसकी चूत पर रख दिया। हिना तड़प उठी… उसके
भाई का लण्ड उसकी चूत पर दस्तक देने लगा।
और हिना कराह उठी और अमित को लण्ड पेलने
के लिए मिन्नत करने लगी- “ओह्ह… भैया, अब
नहीं रहा जाता, पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में,
मेरी चूत की आग बुझा दो, मुझे अपने लण्ड से
संतुष्ट कर दो, मेरी चूत की गहराई में अपना लण्ड
डाल दो, बहुत प्यासी है मेरी चूत अपने भाई के
लण्ड के लिए, अपने लण्ड के पानी को अपनी
बहन की चूत में गिरा दो मेरे भैया…”
अमित ने अपना लण्ड बिना कुछ बोले पेल
दिया। एक ही झटके में लण्ड चूत में समा गया।
हिना नीचे से अपनी गाण्ड उचकाने लगी और
अमित अपने चूतड़ आगे पीछे करके अपनी बहन को
चोदने लगा।
मैंने भी अमोल को चुदाई करने को कहा तो वो
बोला- “नव्या, पहले अपनी पत्नी को तेरे पति
से चुदते हुए तो देख लेने दो, तभी तो मैं तुझे मस्ती
से चोदूँगा, मैं पत्नी और बहन में कोई फरक नहीं
करूँगा। मैं तुझे भी उसी तरह बेरेहमी से चोदूँगा,
तेरी मस्त चूची को चुसूंगा…” इसके साथ ही भैया
ने मेरी चूची को अपने मुँह में लेकर जोर से चूस
लिया और अपने दाँत मेरे निपल्स पर रखकर काट
लिया मैं दर्द से तिलमिला उठी- “ओह्ह…
बहनचोद, काट क्यों रहे हो? मेरी चूची है कोई
खाने की चीज नहीं है। मुझे दर्द होती है जब तुम
अपने दाँत से काटते हो मेरे निपल्स को, प्यार से
करो जो कुछ करना है…”
अमोल ने मुझे चूमते हुए अपने होंठ मेरी चूत की तरफ
बढ़ाना शुरू कर दिया। वो मेरे पेट को, नाभि
को चूमता हुआ, चाटता हुआ मेरी चूत पर अपने
होंठ लगाने लगा, मेरी चूत के होंठों को अपने मुँह
में लेकर चूमने लगा, मेरी चूत के होंटों को हल्के-
हल्के काटने लगा। मेरी चूत पर दाँत लगाने से दर्द
भी होने लगा लेकिन मजा इतना आ आ रहा था
की मुझे दर्द का एहसास ही नहीं हुआ। भैया मेरे
चूतड़ से खेल रहा था, मसल रहा था, मेरी गाण्ड
को छेड़ रहा था।
मैंने अपनी गाण्ड उठाना शुरू कर दिया और भाई
का लण्ड जोर से पकड़ लिया और उसके लण्ड को
अपनी चूत की तरफ खींचना शुरू कर दिया। भैया
के लण्ड की सुगंध मुझे बहुत भा रही थी, मेरी चूत
से रस की बारिश होने लगी। भैया के लण्ड से
प्री कम निकालने लगा।
मैं लण्ड के लिए तड़पने लगी- “भैया, अब मुझे भी
चोद दो जिस तरह तेरी पत्नी को उसका भाई
चोद रहा है। मेरे भैया मुझे भी उसी तरह से
चोदना जिस तरह से हिना को चोदा था, तुमने
सुहगरात को। आज अपनी बहन के साथ सुहगरात
मानाओ मेरे राजा। तेरी नव्या तेरे सामने चूत
फैलाए पड़ी है, अपना मूसल लण्ड डाल दो मेरी
प्यासी चूत में, मुझे रौंद डालो एक रंडी की तरह,
मेरी चूत की खुजली मिटा दो मेरे भैया। अमित
का 6
इंच का लण्ड मेरी चूत की खुजली ठीक से
नहीं मिटा सका। मेरे पति का लण्ड उसकी बहन
के लिए और मेरे भैया का लण्ड मेरे लिए बना है।
मेरे राजा, अब अपनी बहन का उद्घाटन कर दो मेरे
भाई…”
मैंने ऐसा कहा तो भैया जोश में आ गये। अमोल ने
मुझे मेरी चूत के आस-पास की जगह पर काठ
लिया था और उसके काटने के निशान मेरी चूची
और मेरी चूत पर पड़ गये थे, लेकिन मुझे मजा इतना
आ रहा था की मैंने दाँत के निशान की कोई
परवाह नहीं की और ना ही दर्द की परवाह की।
भैया ने अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और मेरी
चूत को पूरी तरह से खोल दिया- “आह मेरी
बहना अब देख अपने भाई के लण्ड का कमाल, मेरे
लण्ड को कब से अपनी बहन की चूत की तलाश
थी। देखना कैसे तारे दिखाता है मेरा लण्ड मेरी
बहन को। मेरी बहना अपनी जांघों को मेरी कमर
पर बाँध लो, मुझे अपनी चूत में समाने दो। आज
अपनी सगी बहन की चुदाई करने जा रहा है मेरा
खुशकिश्मत लौड़ा, जरा संभाल कर, मेरी रानी
बहना, ये लो…” और भैया ने अपना लण्ड मेरी चूत
में पेल दिया।
उनका लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ जड़ तक
चला गया, मेरी टाँगें भैया की कमर पर और मेरी
एंड़ियां भैया के चूतड़ों पर थी और भैया जोर-
जोर से धक्के मारने लगे। मेरे भैया का लण्ड मुझे
फ्रॉंटियर मेल की तरह चोदने लगा।
मैंने कहा- “ओह्ह… भैया, तेरे लण्ड के सामने
अमित का लण्ड बहुत छोटा और पतला है, मुझे
तेरे जैसा ही लण्ड चाहिए। भैया मैं तेरी छिनाल
बहन हूँ, अपनी छिनाल को अच्छी तरह से चोद
डालो, और जोर से पेलो मेरे राजा, मेरी चूत की
धन्य कर दो, मुझे चोदकर माँ बना दो, मुझे पेलो
मेरे भाई…”
और भाई ने मुझे ताबड़तोड़ चोदना शुरू कर दिया।
भैया का लण्ड मुझे जन्नत का आनंद दे रहा था, मैं
अपनी चूत भैया के लण्ड पर जोर-जोर से उचका
रही थी और भैया के टट्टे मेरी गाण्ड से टकराने
लगे।
भैया तड़प के बोले- “आह मेरी रानी, तेरी चूत
कितनी टाइट है, मैं तेरी गाण्ड को भी चोदना
चाहता हूँ। मेरी रानी बहना मेरा लण्ड पानी
छोड़ने को है, मेरा रस मेरी बहना की चूत में
गिरने को है, मेरी रानी बहना उधर देख हिना
और अमित भी झड़ने वाले हैं, देख कैसे मेरी पत्नी
की चूत छूटने वाली है? कैसे मेरी बीवी चुदा रही
है तेरे पति से? ओह्ह… मेरी बहन, मैं झड़ा…” भैया ने
कहा।
हमारे शरीर पसीने से भीग चुके थे। मेरी चूत से रस
की गंगा-जमुना बह रही थी और उधर अमित और
हिना भी चुदाई के अंतिम शिखर पर पहुँचे हुए थे।
उन दोनों ने भी खलास होने के बाद आँखें बंद कर
लीं और हम चारों मस्ती की नींद सारी रात
सोते रहे।
उस दिन डबल सुहगरात के बाद हम कभी भी
किसी को भी चोद रहे हैं और किसी को भी
कोई एतराज नहीं होता बल्कि खुशी होती है।
हम जल्दी ही माँ और मौसी को भी अपनी
चुदाई ग्रूप में शामिल करने की प्लान बना रहे हैं।
सगी बहन से शादी और सुहागरात
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