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ससुर ने बहू को चोदकर उसकी कमर तोड़ दी

ससुर जी का इतना मोटा लंबा 7 इंची का लंड मेरी चूत में तहलका मचा रहा था। उनका अपने अंदर लेने से मेरा रोम-रोम वासना सुख में कांप रहा था। मुझे नहीं पता था ससुर जी के अंदर इतना दम होगा जो मेरे जैसी औरत को शारीरिक संतुष्टि दे पाएगा। मेरे जैसी औरत मतलब जिसको बहुत ही जल्दी शारीरिक संतुष्टि नहीं मिलती है मुझे संतुष्ट करने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। और हमारी इस ससुर बहू की चुदाई में ससुर जी ने बहुत मेहनत करी और अपना दम दिखा कर मुझे शारीरिक संतुष्टि दी।

ससुर ने बहू को चोदकर उसकी कमर तोड़ दी

हेलो दोस्तों मेरा नाम शालिनी है और मेरी 3 महीने पहले ही शादी हुई है। जैसा कि हर औरत के साथ होता है मेरे साथ भी यही हुआ और शादी के बाद मेरी बात ना भूख और ज्यादा बढ़ गई। मेरा पति कोशिश तो बहुत करता है लेकिन वह मुझे वह खुशी नहीं दे पाता जिस खुशी कि मेरी अंतर्वासना मांग कर रही है।

 

इसी कारण वर्ष मैं खुश नहीं रहती थी और परेशान रहती थी क्योंकि मेरी कामवासना शांत नहीं हो पा रही थी। एक रात ऐसे ही मैं और मेरा पति रोमांस कर रहे थे। शुरुआत में तो सब कुछ बहुत अच्छा लगता है और सब कुछ करने में बहुत मजा आता है।

 

लेकिन जब चुदाई की बारी आती है तो बस मजा मेरे पति को ही आ रहा होता है और मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता।

 

उस रात भी कुछ ऐसा ही हो रहा था और मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा था। तो मैं बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो गई और अपने पति के ऊपर भड़क पड़ी।

 

मैंने कहा कैसे मर्द हो तुम जो अपनी औरत को संतुष्टि भी नहीं दे पा रहा है

 

मेरा पति यह तुम कैसी बातें कर रही हो तुम्हें मजा तो आता है

 

मैंने कहा नहीं मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता सारे मजे तुम्हें ही आते हैं तुम क्या अपनी औरत को अपनी बीवी को शारीरिक संतुष्टि भी नहीं दे सकते

 

इस बात पर हमारी बहस होने लगी और हम दोनों बहुत ही ज्यादा झगड़ने लगे। मेरा पति गुस्सा होकर बाहर वाले कमरे में सोने के लिए चला गया।

 

वह चुटिया तो मुझसे झगड़ कर बाहर सोने के लिए चला गया और मुट्ठ मार कर सो जाएगा। लेकिन मैं अपनी आग कैसे बुझाओ मैं कैसे अपनी प्यास बुझाओ!!!

 

तो मैंने अपना हाथ जगन्नाथ वाली तरकीब आजमाएं और स्वयं को संतुष्टि देने की कोशिश करने लगी। मैंने अपना पल्लू ऊपर उठाया और अपनी चूत के ऊपर उंगली से हिलाने लगी।

 

तभी अचानक ससुर जी कमरे के अंदर आ गए और उन्होंने मेरी साड़ी ऊपर होती देख मेरे सारे नजारे मार लिए। मैंने जल्दी से अपनी साड़ी नीचे करी और उठ कर बैठ गई और अपनी नजरें नीचे कर कर बोली ससुर जी आप क्या कर रहे हैं यहां???

 

क्या आपको कुछ चाहिए

 

ससुर जी बोले मुझे कुछ चाहिए तो नहीं लेकिन तुम्हें देना है

 

मैंने कहा क्या ससुर जी क्या देना है

 

उन्होंने कहा तुम्हें वह सुख देना है जो मेरा नालायक बेटा नहीं दे पा रहा है??!!

 

मैंने कहा तो आपने सब कुछ सुन लिया??

 

ससुर जी बोले हां बेटी मैंने सब कुछ सुन लिया!!

 

मैंने कहा लेकिन हम यह कैसे कर सकते हैं यह गलत है

 

ससुर जी बोले कामवासना के अंदर कुछ भी सही और गलत नहीं होता यह बस एक आनंद है!!

 

और उन्होंने अपनी धोती नीचे कर अपना बड़ा मजबूत काला लंड दिखाया

 

उनका लंड मेरे पति से दूर ना मोटा और लंबा था जिसे देखकर मैं गरम हो गई!!

 

फिर ससुर जी मेरे पास आकर बैठ गए और उन्होंने अपनी मोटी उंगली मेरी चूत में घुसा दी। सिर्फ उनकी उंगली ही घुसने से मेरी चूत पूरी गीली हो गई और मुझे वासना का मजा आने लगा।

 

फिर इसके बाद ससुर जी ने मेरी साड़ी खोल दी और मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा और अपना मोटा लैंड धीरे धीरे मेरी कशी चूत में घुसाने लगे।

 

उनका लंड जब धीरे-धीरे मेरी कशी चूत में घुस रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी।

 

ससुर जी ने अपना पूरा का पूरा मोटा लंबा 7 इंची का लंड मेरी चूत में घुसा दिया। और फिर वह मेरी चूत की जबरदस्त तरीके से चुदाई करने लगे।

 

मैंने कहा धीरे ससुर जी धीरे आपका बेटा कभी इतनी तेज नहीं कर पाता है

 

ससुर जी बोले मैं उसका बाप हूं और तुम बस मजा लो

 

वह मुझे घचाघच चोदने लगे और मेरे दूध को भी खूब जोर जोर से दबाने लगे जिससे मुझे और ज्यादा मजा आ रहा था!!

 

मैंने कहा हां ससुर जी मुझे मजा आ रहा है मुझे आप की चुदाई से बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही करो

 

और ससुर जी ने थप्पड़ थप्पड़ मेरी चुदाई करना चालू कर दिया वह मुझे बहुत ही जोर जोर से चोद रहे थे। ससुर जी की चुदाई से मेरा बार-बार मत निकल रहा था और मुझे बहुत ही ज्यादा कामवासना का आनंद मिल रहा था।

 

उस दिन मेरी वासना की आग ससुर जी बहुत ही बढ़िया तरीके से बुझा रहे थे। फिर कुछ ही देर में मुझे चरम सुख की प्राप्ति होने वाली थी और ससुर जी का भी झड़ने वाला था।

 

माना कि यह बहुत ही जल्दी हो रहा था लेकिन मुझे इतने से में ही तीन चार बार चरम सुख मिल चुका था। ससुर जी के मोटे लंबे 7 इंची के लंड ने मेरा मूड निकाल दिया था और मेरी बहुत ही जबरदस्त कमर तोड़ चुदाई करी थी।

 

जैसे ही ससुर जी का झड़ने वाला था उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत में झाड़ दिया। उनका मोटा गाना बीज मेरी चूत में जा रहा था जिसे मैं महसूस कर पा रही थी।

 

ससुर जी ने मेरे अंदर अपना बीच डाल दिया लेकिन मुझे इससे फर्क नहीं पड़ा क्योंकि खून तो एक ही है चाहे बच्चा किसी का भी हो बाप का या दादा का।

 

उस रात ससुर जी के मलाई ने मेरी आग बुझा दी और मुझे असली वासना का सुख प्राप्त हुआ। 

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