हेल्लो दोस्तों मैं नोएडा की
रहने वाली हूं। मेरी उम्र 18 साल है मैं अभी अभी जवान हुई हूँ। मेरी स्कूल में जवानी के
चर्चे हैं मैं देखने में बहुत हॉट बहुत ही सेक्सी जोशीली माल लगती हूं। मेरे को
देख कर अच्छे-अच्छे लड़कों का लंड खड़ा हो जाता है। मैं देखने में बहुत सीधी सादी
हूं। लेकिन मेरी चूत की प्यास कभी मिटती ही नहीं। जब से मेरे को चुदने की लत लगी
तब से मेरे को हर रोज लंड खाने का मन करता है।
चुदाई की ये लत मेरे बड़े भैया ने
लगाईं थी। मेरे भाई का नाम आदर्श है यह बात 2 साल पहले की है। जब मैं अपने घर
पर भैया पापा और मम्मी के साथ रहती थी। उस समय मेरी उम्र 19 साल और मेरे बड़े भाई की उम्र 25 साल थी। मेरे भैया बहुत
स्मार्ट और हैंडसम लगते थे। उनपर बहुत सारी लड़कियां फ़िदा थी। मेरे मोहल्ले की भी
सारी लड़कियां मेरे भाई के ऊपर फिदा थी।
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मेरे से हमेशा मेरे भाई को पटाने
की बातें किया करती थी। मैं भी अपने भाई से कुछ कम थोड़ी ना थी। मेरे 34 28
32 के फिगर पर
मेरे मोहल्ले के सारे लड़के अपनी जान छिड़कते थे। जब भी मैं मोहल्ले से गुजरती
सारे लड़के मुझे प्रपोज करने के लिए लाइन लगाये रहते थे। मेरे मम्मे बहुत
बड़े-बड़े थे। मैं रात भर उन्हें दबा दबा कर खूब मजा लेती थी। मैं आज भी अपने भाई
के साथ बिस्तर पर लेटती थी। हम दोनों रात भर काफी मजे करते थे। तकिये से खेल-खेल
कर हम दोनों एक दूसरे को खूब आनंद लेते थे। कभी कभी तो मेरे भैया का लंड खड़ा हो
जाता था।
मेरे को छूने का मौका कभी कभी
मिल जाता था। तो मैं देख लेती थी कि भैया का लंड खड़ा हो गया है। उस समय मेरे को
यह नहीं पता था कि यह चीज लंड होती है। मेरे को तो सिर्फ यही पता था कि यह कोई
सामान है जो लड़कों में पाई जाती है। एक बार भैया के साथ मैं बिस्तर पर खेल रही
थी। अचानक भैया और हम दोनों नीचे गिर गए। मैं नीचे थी और भैया मेरे ऊपर थे। उनका
लंड ठीक मेरी चूत के ऊपर चुभ रहा था।
मै: भाई आपका कोई चीज मेरे उस
जगह पर चुभ रही है
भैया: कहाँ चुभ रही है
मैं: जहां से मैं पेशाब करती हूं
ठीक उसी के सामने पता नहीं कौन सी चीज चुभ रही है आपकी
भैया: वह भी मेरी वह चीज है
जिससे मैं पेशाब करता हूं
मै: भैया मेरे को चीज दिखा दो
जिससे तुम पेशाब करते हो
भैया का दिमाग खराब होने लगा
उनका लंड खड़ा हो चुका था वह मेरे से कहने लगे
भैया: रूपम तेरे को मैं अपनी चीज
दिखा रहा हूं लेकिन किसी को बताना मत
मै: भैया मैं किसी को नहीं
बताऊंगी प्लीज! आप जल्दी दिखाओ ना
भैया: रूपम तेरे को मैं अपनी
पेशाब करने वाली चीज दिखाता हूं लेकिन तेरे को भी अपनी पेशाब करने वाली चीज दिखानी
पड़ेगी
मै: ठीक है बाबा मैं भी दिखा
दूंगी लेकिन तुम तो पहले दिखाओ
इतना कहते भैया अपने पैजामे का
नाड़ा खोलने लगे। उनके अंडरवियर का तंबू बना हुआ था। उनका लंड खंभे की तरह
अंडरवियर में तना हुआ दिखाई दे रहा था। उस दिन उन्होंने सफेद रंग का पैजामा और
सफेद रंग का ही अंडरवियर पहना हुआ था। देखने में तो उनका लंड बहुत ही मोटा लग रहा
था। मैंने अपने हाथ से उनके अंडरवियर के ऊपर से लंड को स्पर्श किया। मेरे हाथ लगते
ही उनका लंड ऊपर नीचे होने लगा। मेरे को छूने से डर लगने लगा। मैंने अपना हाथ झटके
से हटाया।
भैया: रूपम तू डर क्यों रही है
वो मेरा लंड है कोई बंदर नहीं जो काट लेगा
मै: भैया मेरे को छूने से डर लग
रहा है
इतना कहते भैया ने मेरा हाथ
पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया। धीरे-धीरे वह अपने लंड को मेरे हाथ से सहलाने लगे।
उनका लंड और भी मोटा बड़ा होने लगा। वह और भी जल्दी ऊपर नीचे ऊपर नीचे होने लगा।
मेरे को तो और जोर से डर लगने लगी। लेकिन बार-बार भैया ने मुझसे ऐसा करवा कर मेरा
डर खत्म कर दिया। मैंने भैया का अंडरवियर नीचे कर दिया। फिर उसके अंदर का सामान
देखकर मैं तो चौक ही गई। बाप रे! इतना बड़ा होता है पेशाब करने का सामान!
मैं: भैया तुम्हारे पास पेशाब
करने का सामान इतना बड़ा है
भैया: पगली से पेशाब करने के
अलावा भी इससे काम किए जाते हैं
मै: और कौन सा काम करते हो भैया
इससे?? मेरे
को तो बस इतना ही पता है कि इससे पेशाब किया जाता है
भैया मेरे से हर बात अब खुल के
बताने लगें। मेरे को उन्होंने लंड और चूत का संबंध बताया। वह मुझे बताये कि कैसे
चुदाई की जाती है मेरे को सब कुछ समझ में आ गया था। मैंने भैया से करके दिखाने को
कहा! भाई का का भी मूड बन गया था। वो गर्म हो चुके थे मेरी चूत देखने को तड़पने
लगे।
भैया: रूपम तुम भी अपना वादा
पूरा करो मुझे अपनी चूत दिखाओ
मैंने उस दिन सलवार और कुर्ता
पहना हुआ था। पीले रंग का मेरा सूट देखकर वो और भी ज्यादा जोश में आ रहे थे। मैं
ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन मेरा फिगर बहुत लाजवाब था। मेरे बदन पर मेरा कुर्ता
कसा हुआ था। मेरी टाइट ब्रा कुर्ते के ऊपर उभरी हुई दिख रही थी। भैया का लंड ऊपर-नीचे
हो रहा था। मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोला। नाडे को खोलते ही भैया ने सलवार नीचे
सरका दी।
मैं पैंटी में हो गई। मेरा लॉन्ग
कुर्ता पैंटी सहित मेरी चूत को ढके हुआ था। भैया ने मेरा कुर्ता भी निकाल दिया।
मैं अब भैया के सामने पैंटी और ब्रा मे खड़ी थी। भैया ने जल्दी से जा जाकर दरवाजा
बंद कर दिया। भैया ने नीचे बैठ कर मेरी पैंटी को निकाल दिया। मेरी चूत पर काफी बाल
थे। जो कि बहुत बड़े हो चुके थे। भैया ने अपनी दाढ़ी काटने वाली मशीन से मेरी चूत
के सारे बालों को हटा दिया। मेरी चिकनी चूत साफ साफ दिखाई देने लगी मेरे को यह भी
नहीं पता था। मेरी चूत इतनी अच्छी है इतनी रसीली होगी। मै बहोत खुश हो गयी।
आज मेरे को भैया के द्वारा अपनी
चूत कि इस रूप का दर्शन करने को मिला। भैया मेरी रसीली चूत को देखते ही कुत्ते की
तरह उस पर झपट पड़े। वह रसमलाई की तरह मेरी चूत को चाटने लगे। मेरे को बड़ा अजीब
लग रहा था। पहली बार किसी ने मेरी चूत पर अपना मुंह रखा था। मेरी समझ में नहीं आ
रहा था भैया इतने गंदे स्थान को चाट क्यों रहे हैं! कुछ ही पल में मेरे मुंह से
अजीब अजीब तरह की आवाज निकलने लगी।
मैं “……अई…अई….अई……अ ई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिस्कारियां भरने
लगी। भैया तो मेरी चूत को चाटे ही जा रहे थे। वो मेरी चूत के दाने को काट काट कर
खींच रहे थे। धीरे-धीरे मेरे को भी अपनी चूत चटवाने में मजा आने लगा। हिंदी पोर्न
स्टोरीज डॉट कॉम मैं अपनी गांड उठाकर भैया को चूत चटवा रही थी।
कुछ देर भैया ने मेरी चूत चाट कर
धीरे-धीरे किस करते हुए ऊपर की तरफ बढ़ने लगे। वह मेरी नाभि पर अपना मुंह रखकर
नाभि को चाटने लगे। मैं भी गर्म होने लगी। उन्होंने मेरी चूत के शोले को भड़का
दिया था। मेरी चूत में खुजली होने लगी उन्होंने मेरी ब्रा निकाल दी। मेरे दोनों
संगमरमर जैसे चमकीले दूधों पर अपना हाथ रख कर दबाने लगे।
मेरी सिसकारियों बढ़ने लगी मैं
और जोर जोर से“..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअ अ….आ हा …हा हा हा” की सिसकारी भरने लगी। वह अचानक से मेरे निप्पलों पर अपना
मुंह रखकर बच्चों की तरह मेरे दूध को पीने लगे। भैया दांत गड़ा गड़ा कर मेरे दूध
को पी रहे थे। मैं बिना कुछ समझी ही पता नहीं क्या क्या बोल रही थी। भैया और जोर
जोर से मेरे चुच्चो को चूसो! काट डालो!
आज मेरी बूब्स को और जोर से
चूसो! और जोर से चूसो! भाई ने मेरी चुचियों को कुछ देर तक चूसा। उसके बाद वह मेरे
गले पर किस करते हुए होठों को किस करने लगे। मैं बहुत ही गर्म हो चुकी थी।
मै: भैया जो भी करना है जल्दी
करो! मेरे को चुदने की उत्तेजना हो रही है
भैया: चल बहना! तुझे आज में
चुदाई करना सिखाता हूं। तू भी अपने भाई को याद रखेगी
भैया मेरे होठों को और जोर-जोर
से काट काट कर चूसने लगे। भैया ने मेरे को नीचे बिठा दिया। उनका लंड मेरे मुंह पर
लग रहा था। भैया मेरे को अपना लंड चूसने को कहने लगे। मैं भी बहोत ज्यादा उत्तेजित
थी। मैंने भैया का लंड अपने मुंह में भर लिया जोर-जोर से मैं उनका लंड चूसने के
लगी। भैया मेरे मुंह में अपना लंड आगे पीछे करने लगे। उनका लंड मेरे गले तक जा रहा
था। मेरी सांसे अटकने लगी मैंने भैया का लंड अपने मुंह से छुड़ाया। भैया ने मेरे
को बिस्तर पर लिटा दिया मेरी दोनों टांगो को फैला कर मेरी चूत पर वह अपना लंड
रगड़ने लगे। मेरी चूत कोयले की तरह गर्म होकर लाल लाल हो गई।
वह मेरी चूत पर कुछ देर तक लंड
को घुमा कर मजा लिए। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत के छेद पर अपना लंड टिका दिया।
चूत के छेद को निशाना बनाकर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया। जोर के
धक्के से उनका लंड मेरी चूत में घुसा। उनके लंड का टोपा मेरी चूत में फंस गया उन्होंने
धक्के पर धक्का मारकर अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया जोर जोर से चिल्लाने
लगी। मेरी मुह से
“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखें निकलने लगी।
मेरी आवाज सुनकर मम्मी दौड़ती हुई आई।
मम्मी: क्या हुआ रूपम बेटा!
मै: कुछ नहीं मम्मा काकरोच आ गया
था
मम्मा वहां से चली गई। भैया अपना
लंड मेरी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे। कुछ देर तक उन्होंने ऐसे ही चुदाई
की। उसके बाद उन्होंने मेरा मुंह दबाया और जोर-जोर से अपना लंड मेरी चूत के अंदर
बाहर करने लगे। मेरी मुह से अब कोई आवाज ही नहीं निकल पा रही थी। मैं अंदर ही अंदर
सिसक रही थी।
लगभग 20 बार चूत में झटके लगाने के बाद
उन्होंने मेरा मुंह छोड़ दिया। अब मैं धीरे धीरे “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….
की सिस्कारियां भर
रही थी। भैया अपनी कमर उठा उठा कर मेरी चुदाई कर रहे थे। मैं भी अपनी गांड उठाकर
चुदवा रही थी। भैया मेरे को बहुत अच्छी तरीके से चोद रहे थे मेरे को चुदाई करने
में बड़ा मजा आ रहा था।
भैया मेरी जवानी का रस ले रहे
थे। वह मेरे दूध को मसल मसल कर चोदने लगे। उसने मेरी पोजीशन को बदला। वह बिस्तर पर
लेट गए। मेरे को वह लोहे के रॉड जैसे टाइट लंड पर चूत रखकर बैठने को कहने लगे। मैं
उनके लंड से अपनी चूत को सटा कर उस पर बैठ गई। उनका पूरा लंड मेरी चूत में घुस
गया। मैं धीरे-धीरे ऊपर नीचे होकर चुदने लगी। भैया भी अपनी कमर उठा उठा कर मेरे को
चोदने लगे। उनका पूरा लंड मेरी चूत में घुस घुस कर अंदर बाहर होने लगा। हम दोनों
को ही स्पीड धीरे धीरे बढ़ने लगी भैया मेरी गांड पर हाथ से मार मार कर मेरे को और
जोर-जोर से चुदने को कहने लगे। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज के साथ जल्दी जल्दी ऊपर
नीचे हो रही थी।
लगभग 15 मिनट बाद मेरी चूत पानी जैसा
कुछ निकलने लगा। भैया का पूरा लंड भीग गया। फिर भी वह मेरी चुदाई करते रहे। उसी के
कुछ देर बाद मेरे को अपनी चूत में कुछ गरमा गरम गिरता हुआ महसूस हुआ। शायद भैया भी
मेरी चूत में झड़ चुके थे। भैया भी ढीले पड़ गए। उन्होंने चुदाई बंद कर दी।
अपना लंड निकाल कर बिस्तर पर
बेहाल होकर लेट गए। मैं भी उनके बगल हर दिन की तरह साथ में लेट गई। भैया ने मेरे
को चोद कर बहोत ही मजा दिया। उस रात भैया ने मेरी कई बार चुदाई की। रात में भैया
का मौसम बनते ही कभी मेरी गांड में तो कभी चूत में अपना लंड घुसा घुसा कर खूब
चुदाई की। मेरे को भी चुदने की लत लग गई। उसके कुछ दिन बाद भैया तैयारी करने पर
चले गए। अब मुझे चोदने के लिए दूसरे मर्दों का सहारा लेना पड़ता है।
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