मेरी एक ही बेटी है किरण पिछले साल ही उसकी शादी की
हूँ किरण बंगलौर में रहती है मैं जयपुर में रहती हूँ। मेरे पति कनाडा में रहते हैं
तो वो साल में एक महीने के लिए आते हैं। मैं अकेली ही रहती हूँ जयपुर में। दोस्तों
मैं बहुत खुले विचार की महिला हूँ। मैं खूब मजे करती हु और अपनी ज़िंदगी शान से
जीती हूँ। जब भी मन करता है दो तीन दिन दिल्ली घूमने जाती हूँ होटल में रहती हूँ
खाती पीती हूँ मस्त रहती हूँ।
मेरा दामाद जो पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वो
अभी एक प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका जा रहा था इसलिए वो मुझसे मिलने आ गया। जयपुर में
मैं खुद एयरपोर्ट लेने गई थी उसे। करीब रात के आठ बजे वो घर पहुंचा। मैंने पहले से
ही उसके लिए बिरयानी बना कर रखी थी। उसने रात को पिने के लिए एक वाइट रम लाया उसको
पता था मुझे सफ़ेद रम बहुत पसंद है।
तो हम दोनों खाना पीना खाकर सोने चले गए। मैं उसी दिन
एक सेक्सी ड्रेस अपने लिए ऑनलाइन मंगवाई थी। मैं पहन ली थी तो उसका नजर मेरे ऊपर
था। भले वो दामाद है पर मैंने कभी भी दामाद की दृष्टि से नहीं देखि। हमेशा खुले
विचार में रही मजाक की। यहाँ तक की मैं उसको ये भी पूछ लेती थी क्या हाल है आज रात
को कितने बार किये। यानी मेरी बेटी को चुदाई। तो आप खुद ही समझ सकते हैं।
रात को जब सोने जाने लगे तो मैं बोल दी आ तुम्हे
गर्मी कौन देगा ? तुम्हारी जानेमन तो
बंगलौर में है। तो वो बोला आप मुझे गर्मी दे देना। मैं आपको सेक्स के लिए नहीं कह
रहा हूँ। तो मैं बोली हां गर्मी तो दे सकती हूँ थोड़े देर साथ सुलाकर क्यों की
सर्दी है पर सेक्स करने तो नहीं दे सकती। सेक्स के लिए तो तुम्हे अपनी बेटी दे दी
हूँ। मजे लो मुझमे क्या रखा है। 40 की हो गई हूँ मानती हूँ की अभी जवान हूँ और
किसी भी अठारह साल की लड़की को फेल कर सकती हूँ पर तुम्हे तो खुश नहीं कर सकती
क्यों की तुम दामाद हो।
तो दामाद बोला ठीक है चलो थोड़ा देर मुझे सुला ही लो
अपने साथ अपने रजाई में उसके बाद देखते हैं आप मुझे गरम करती हो या मैं गरम करता
हूँ। मैं बोली ठीक है देखलेते हैं किसके शरीर में कितनी गर्मी है। और दोनों एक
दूसरे को देखते हुए बेड पर आ गए और दोनों एक ही रजाई में घुस गए। वो टिक टोक देख
देखने लगा। और तुरंत ही वो अपना फोएन रख दिया मुश्किल से पांच मिनट ही मोबाइल
इस्तेमाल किया। मैं उस समय नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम को खोल कर देख रही थी की नई
कहानी अपडेट हुई है या नहीं। पर एक हॉट कहानी पाल पोसकर जवान किया फिर 2 जनवरी को
पहली बार चुदवाई पोस्ट थी। मुझे इस कहानी को पढ़ना था को मैं दामाद को बोली मुझे
दस मिनट तो। मुझे कुछ जरुरी काम करने हैं ये कहकर दूसरे कमरे में चली गई। कहानी
पढ़ने के बाद मैं कामुक हो गई क्यों की बहुत ही सेक्सी स्टोरी थी।
वापस आई तो मैं ठंडी हो चुकी थी पर दामाद गरम हो
चुका था मेरे हाथ पैर ठंढे पड़े थे पर वो गरम था। मैं उसका हाथ पकड़ी तो बोली अब
तो तुम्हे ही गरम करना पडेगा। वो मेरा हाथ पकड़ लिया। और मेरे से चिपक गया। उसने
अपना हाथ मेरे बूब पर रखा। मैं कुछ भी नहीं बोली पर वो धीरे धीरे कर दबाने लगा।
मुझे उसका छुअन बहुत ही हॉट लग रहा था क्यों की मैं थोड़े शराब के नशे में भी थी
और एक जवान लड़का मेरे साथ सोया था घर में कोई नहीं और वो मेरे करीब मेरी चूचियों
को सहला रहा था। मैं धीरे धीरे कामुक हो गई। मेरी चुत तो पहले से ही गीली थी। क्यों
की सेक्सी कहानियां पढ़ चुकी थी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर.अब तो वो आग लगा दिया थे
मेरे बदन में।
मैं बोली तुमने मुझे गरम कर दिया है। अब मैं शायद रह
नहीं पाऊँगी तुम थोड़े देर और सोये मेरे साथ तो इसलिए मैं कहती हूँ चले जाओ अपने
बेड पर मैं अपनी बेटी को चीट नहीं करना चाहती। तो वो बोला मम्मी जी कोई देख थोड़े
ना रहा है मैं आपको हालात देख रहा हूँ आपको अब कुछ बोलने की जरुरत नहीं और ना ही
कुछ छुपाने को जरुरत ना किसी को कुछ बताने की जरुरत। रात गई बात गई क्यों ने आज
रात मैं आपको खुश कर दूँ।
इतना कहते ही मैं उसको होठ पर अपना होठ रख दी। वो
मेरे होठ को मैं उसके होठ को चूसने लगी। आग दोनों तरह लग चुकी थी। वो मेरी चूचियों
को दबाने लगा और मैं उसके माथे को पकड़ कर चुम रही थी उसमे कंधे गाल होठ सीना, उसने मेरी सेक्सी ड्रेस उतार दी और मुझे नगा कर दिया उसने
खुद भी अपना कपड़ा उतार फेंका। अब वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे दोनों पैरों को
फैला दिया और बिच में लौड़ा पकड़कर मेरे चूत में घुसा दिया। मैं अपना पैर और फैला
ली और निचे से हौले हौले धक्के देने लगी। पर वो जोर जोर से अपनी गांड उछाल उछाल कर
चूत में लौड़ा पेल रहा था।
दोस्तों अब मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई मैं अपनी
चूचियों खुद ही दबाने लगी मेरे होठ खुद व खुद मेरे दांतों के अंदर आ रहे थी। मैं
आह आह कर रही थी और वो जोर जोर से मुझे चोद रहा था। अब उसने मुझे पेट के बल लिटा
दिया और पीछे से ही मेरी चूत में लौड़ा घुसाने लगा मैं अपने कमर को थोड़ा ऊपर कर
दी ताकि उसका लौड़ा अंदर तक जा सके अब वो मेरी गांड के तरफ से मुझे चोदने लगा.
दोस्तों अब मैं ऊपर आ गई और वो निचे मैं पहले उसको
अपना चूत चटवाई सफ़ेद क्रीम जो मेरी चूत से निकल रहा था वो उसके पुरे मुँह में नाक
पर और होठ पर लग गया था। वो मेरी चूत चाट रहा था। मैं अपने मुँह से आह आह आह उफ़
उफ़ उफ़ की आवाज निकाल रही थी पर वो चुपचाप अपना काम कर रहा था। वो जोर जोर अपनी
जीभ मेरी चूत में डाल रहा था। उसके बाद मैं निचे सरक गई और उसका लौड़ा पकड़ पर
अपने चूत में ले ली और जोर से उठने बैठने लगी मेरी चूचियां फुटवाल की तरह हिल रही
थी और पूरा कमरा फच फच कर रहा था और बिच बिच में मेरी आवाज निकल रही थी आह आह आह
आह।
दोस्तों तब तक मेरी गांड भी काफी गीली हो गई थी। मैं
अपने चूत से लौड़ा निकाल कर गांड पर सेट की और बैठ गई। पूरा लौड़ा मेरी गांड में
घुस गया पर अब वैसे नहीं उछाल पा रही थी क्यों की काफी दर्द होने लगा था। पर धीरे
धीरे करके गांड में भी नार्मल हो गई। और फिर चुदवाने लगी। दोस्तों रात में हम
दोनों फिर से दारु पिए और फिर चुद वाये बहुत ही हसीं रात थी वो सर्दी की। दूसरे
दिन ही दामाद जी चले गए। अब मैं चुदना चाह रही हु पर कोई जुगाड़ नहीं बन रहा है।
मैं जल्द ही आपको दूसरी कहानी इस वेबसाइट पे लिखूंगी आप जरूर पढियेगा.
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