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बचपन के प्यार की सील तोड़ चुत चुदाई

मेरे पड़ोस में मेरी एक प्यारी सी लड़की रहती है, जिससे मैं बचपन से प्यार करता आ रहा हूँ लेकिन उसे अपना प्यार जताने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई. हम दोनों के परिवारों में काफी अच्छे सम्बन्ध थे, इस वजह से मैं ज्यादा हिम्मत नहीं कर पा रहा था कि कहीं हमारे परिवारों के बीच कोई कटुता न पैदा हो जाए.

बचपन के प्यार की सील तोड़ चुत चुदाई


फिर एक दिन मैंने हिम्मत करके उसे अपने दिल की बात बता ही दी. लेकिन उस समय उसने मेरा प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि वो लव मैरिज नहीं करना चाहती है.

 

मेरे लाख समझाने और कोशिश करने पर भी वो नहीं मानी. मैंने भी उसे फ़ोर्स करना अच्छा नहीं समझा. फिर हम दोनों अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए. एक दिन मुझे खबर लगी कि उसके लिए एक विदेश में नौकरी कर रहे लड़के का रिश्ता आया है.

 

ये जानकर मैं बहुत निराश हुआ क्योंकि मैं अभी भी उससे बहुत प्यार करता था. एक दिन हमारे परिवार के लोग किसी रिश्तेदार की शादी में गए थे.  मैं घर पर अकेला था. मैं पूरे दिन काम का थका शाम को हाफ-डे लेकर ऑफिस से जल्दी आ गया था और आते ही बेड पर सो गया.

 

करीब आधे घंटे बाद मेरे घर की डोर बेल बजी.

 

मैंने पूछा- कौन है?

 

बाहर से मिहिरा की आवाज आई- मैं हूँ.

 

ये मिहिरा मेरी वही पड़ोसन है जिससे में प्यार करता हूँ.

 

मैं आपको मिहिरा के बारे में बता दूँ कि वो एक सुन्दर, कमसिन, कोमल, हॉट एवं काफी प्यारी सी लड़की है. उसका फिगर 32-24-30 का है.

 

पहली नजर में जो भी उसे देखता, उसकी खूबसूरती का दीवाना बन जाता था.

 

जब दरवाजे पर उसकी आवाज सुनी, तो मैं उठ गया और उसे अन्दर आने को कहा.

 

जैसे ही वो अन्दर आई, मैंने उसे ऊपर से नीचे तक निहारा.

 

उसने टाइट कुर्ती सलवार पहना हुआ था. उसके तने हुए दूध देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए.

 

मैंने उसे अन्दर आने को कहा.

 

हम दोनों अन्दर आकर बात करने लगे.

 

उसने सभी की अनुपस्थिति को लेकर पूछा.

 

तो मैंने सभी को शादी में जाना बताया.

 

उसने मुझसे पूछा कि तुम शादी में क्यों नहीं गए?

 

तो मैंने उत्तर दिया कि मेरा मन नहीं था.

 

कुछ देर तक यूं ही बात करते रहने के बाद उसने पूछा- घर के लोग वापस कब आएंगे?

 

मैंने कहा- दो दिन बाद आएंगे.

 

उसने मुझे खाना खाने के लिए पूछा.

 

तो मैंने जवाब में मना कर दिया क्योंकि मैं तो उसके प्यार का भूखा था.

 

मेरे मना करने पर वो जाने लगी और जैसे ही वो मुड़ी तो उसकी चुनरी उसके पैरों में फंस गई और वो घूम कर मेरे ऊपर गिर गयी.

 

इस तरह से हम दोनों में एक चुम्बन का सीन हो गया.

 

यह अहसास मेरे लिए काफी रोमांचक था. हम दोनों की आंखें एक दूसरे की आंखों में स्थिर हो गईं और कुछ आश्चर्यचकित सी रह गईं.

 

क्या बताऊं दोस्तो, उसका कोमल शरीर मेरे बदन से सट गया था और उसके बड़े बड़े स्तन मेरी छाती को छू रहे थे.

 

मुझे लग रहा था मानो कोई मुलायम गद्दे मेरे सीने दब गए हों.

 

हमारी धड़कनें तेज हो गईं.

 

फिर वो धीरे से उठने हो हुई.

 

मगर उसी समय मैंने उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक और होंठों पर मुस्कान देखी.

 

मुझे उसकी आंखों में एक ऐसी कामना सी दिखी मानो वो मुझे फिर से चूमने का न्यौता दे रही हो.

 

हमारी सांसें गर्म हो चुकी थीं और हमारी नजरें एक दूसरे को ही ताक रही थीं.

 

मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे चूमने लगा.

 

पहले तो उसने विरोध किया लेकिन फिर उसने भी मेरा साथ दिया और हम एक दूसरे को चूमने चाटने लगे.

 

कभी मैं उसके मुलायम गुलाब जैसे होंठों को चूमता, तो कभी गर्दन पर किस करता, तो कभी उसके कान की लौ काट लेता.

 

वो भी मुझे इसी तरह से चूमने लगी. हमें कोई होश नहीं था हम एक दूसरे में मदहोश हुए जा रहे थे.

 

थोड़ी देर चूमने के बाद मैंने उसे जल्दी से पलटा दिया और मैं उसके ऊपर आकर उसे चूमने लगा.

 

उसे चूमते चूमते मेरा हाथ उसके स्तनों को दबाने लगे.

 

उसके स्तन इतने बड़े थे कि एक स्तन मेरे पूरे हाथ में नहीं आ रहा था.

 

मैं यूं ही धीरे धीरे उसके स्तनों को मसलता रहा और दबाता रहा.

 

उसे भी मजा आने लगा और उसके मुंह से आह आह …’ की मादक आवाज आने लगी.

 

उसकी कामुक सिस्कारियां मुझे और उकसाने लगी थीं.

 

धीरे धीरे मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया और चुत को कपड़ों के ऊपर से ही मसलने लगा.

 

पहले तो उसने मुझे रोका, लेकिन जब मैं नहीं रुका तो थोड़ी देर बाद उसने मुझे रोकना बंद कर दिया.

 

शायद उसे भी अब मज़ा आने लगा था.

 

ये सब चलते चलते पूरे कमरे में उसकी मादक सिसकारियों और मनमोहक खुशबू फ़ैल गई थी.

 

मेरा लंड धीरे धीरे कड़क होने लगा था और उसे पैंट में से चुभने लगा था.

 

वो धीमी आवाज में बोली- ये क्या चुभ रहा है?

 

उसकी बात सुनकर मैं रुक गया और जरा उठ सा गया.

 

उसने मेरे पैंट पर बने तम्बू को देखा और सोच में पड़ गयी कि ये क्या है?

 

मैंने मुस्कुराकर कहा- क्या तुम्हें वाकयी नहीं पता कि ये क्या है?

 

उसने शर्मा कर न में सर हिला दिया.

 

मैंने उसके कान में कहा कि ये मेरा औज़ार है और इससे हम मर्द, चुत चोदते हैं.

 

उसने शर्मा कर पूछा कि चुत माने क्या?

 

मैंने उसकी चूत की ओर इशारा करते हुए उसे बताया कि चुत इधर होती है.

 

वो शर्मा गई और मुस्कुराने लगी.

 

उसे मुस्कुराता देख कर मेरी उत्तेजना और भी बढ़ गयी.

 

तभी उसने आव देखा न ताव और फट से मेरी पैंट का बटन और चैन खोल दी.

 

मैंने अंडरवियर पहना था, जिसमें से मेरा लंड और भी बड़ा लग रहा था.

 

उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और मसलने लगी.

 

पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को टच किया था; मैं सिहर उठा और पागल सा हो गया.

 

वासना में मैं उसके मम्मों को जोरों से दबाने लगा और किस करने लगा.

 

वो भी गर्मा उठी थी.

 

मैंने देर न करते हुए उसकी कुर्ती को ऊपर किया और उसकी गर्दन से निकालते हुए अलग को फेंक दिया.

 

उसने अन्दर लाल कलर की नेट वाली ब्रा पहनी थी.

 

लाल मेरा पसंदीदा रंग है तो मेरी वासना और भी भड़क गई.

 

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तन दबाता और चूमता रहा और उसकी गर्म गर्म सांसें तेज होने लगीं.

 

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पीठ के पीछे हाथ लेजाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.

 

उसकी ब्रा उतार कर अलग कर दी तो उसने शर्मा कर अपने स्तनों पर हाथ रख लिया और उन्हें ढक दिया.

 

मैंने उसके हाथों को प्यार से हटाया और उसके स्तनों से अलग कर दिया.

 

मेरे सामने दुनिया के बेहतरीन स्तन खुल गए थे.

 

ये इतने मादक थे कि मैंने अब तक कभी भी किसी साईट में नहीं देखे थे बल्कि अपनी कल्पना में भी ऐसे चुचे नहीं सोचे थे.

 

उसके स्तन किसी पोर्नस्टार से भी अच्छे थे. मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया.

 

दूसरी तरफ उसने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर लीं.

 

मैंने उसके एक स्तन को हाथ में लिया और सहलाते हुए दबाने लगा. दूसरे स्तन की चौंच को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.

 

आह ऐसा स्वाद मैंने अब तक कभी नहीं लिया था.

 

मैं एकदम से बौरा सा गया था. कभी उसके एक स्तन को दबाता, तो कभी कसके चूसने लगता. उसके दूध को जोर जोर से पीता तो कभी उसकी चूची को जोर से भींच देता.

 

कुछ पल बाद मैं नीचे नाभि पर चूमने लगा. मैं अपनी जुबान से उसकी नाभि को चोदने सा लगा था.

 

वो तेज तेज स्वर में आह .. आह ..की आवाजें निकालने लगी थी.

 

कुछ देर बाद उसने मुझे खड़ा किया और खुद बैठ कर मेरी अंडरवियर को उतारने की जगह एक झटके से फाड़ दिया और मेरे लंड को आज़ाद कर दिया.

 

मेरा 7 इंच का फनफनाता लंड देख कर उसके होश उड़ गए और वो घबरा गयी.

 

वो लंड देख कर कहने लगी कि यये क्या है इतना बड़ा और सख्त!

 

मैंने कहा- ये मेरा औजार है और इसे लंड भी कहते हैं. अंग्रेजी में पेनिस इसे कहते हैं. क्यों क्या तुमने पहले कभी लंड नहीं देखा?

 

उसने कहा- देखा है लेकिन केवल फोटो में मगर इतना बड़ा नहीं देखा.

 

वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी.

 

उससे रहा नहीं गया और उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और उसे कुल्फी की तरह चूसने चाटने लगी.

 

मुझे मज़ा आने लगा.

 

लेकिन मेरा सिर्फ आधा लंड ही उसके मुँह में जा रहा था तो मैंने जोर से उसका मुँह दबाया और मेरा पूरा लंड उसके गले तक चला गया.

 

उसने झट से लंड बाहर निकाला और खांसने लगी.

 

मैंने उसे उठाया और उसे किस करने लगा और उसका स्तन पान करने लगा.

 

वो मुझे खुद दूध पिलाने लगी.

 

कुछ पल बाद मैंने उसे उठा कर बेड पर लुढ़का दिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा; उसके मम्मों को दबाने लगा.

 

उसकी वासना से लबरेज सिसकारियां पूरे वातावरण को मादक बना रही थीं.

 

अचानक से उसका शरीर अकड़ने लगा.

 

मैं समझ गया कि उसका पानी छूट गया है. लेकिन उसके लिए ये पहला अनुभव था तो वो डर गई कि उसे क्या हो रहा है कहीं पीरियड्स तो नहीं होने लगे हैं.

 

मैंने उसे समझाया कि ये तुम्हारी चुत से निकलने वाला पानी है जो उत्तेजना बढ़ने पर निकलता है.

 

उसकी सलवार गीली हो चुकी थी.

 

मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसे उतार दिया.

 

उसने अन्दर नेट वाली लाल पैंटी पहनी थी, जो पूरी गीली हो चुकी थी.

 

मैं लाल रंग की गीली पैंटी में उसकी फूली हुई चुत देख कर एकदम पागल हो गया और मैंने देर न करते हुए उसकी पैंटी को उतार फैंका.

 

अब मेरे सामने एक कमसिन कुंवारी नंगी चूत थी. उसकी चुत पर बारीक झांटें उगी थीं.

 

चुत ऐसी लग रही थी जैसे कुछ ही दिन पहले उसने चुत की झांटें साफ़ की हों.

 

मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रखा और उसकी खुशबू लेने लगा.

 

काफी मनमोहक सुगंध थी.

 

मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उसे गुदगुदी होने लगी और वो हंस पड़ी.

 

धीरे से मैंने उसकी चुत में अपनी जीभ लगा दी लेकिन उसकी चुत काफी टाइट थी और मेरी जुबान अन्दर न जा सकी.

 

मैंने फिर से कोशिश की मगर फिर से असफल हो गया.

 

अब मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चुत को फैलाया और अपनी जीभ दरार में डाली.

 

मेरी जीभ अन्दर तो गई मगर एक तंग जगह में फंस सी गयी.

 

मैं धीरे धीरे जुबान को अन्दर बाहर करने लगा और अपने हाथों से उसके बड़े स्तनों को दबाता रहा.

 

वो आह आह आह …’ की मादक आवाज निकालने लगी थी.

 

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद वो फिर से झड़ गयी और मैंने उसका सारा पानी पी लिया.

 

उसकी कुंवारी चुत का रस ऐसा लगा मानो मैंने अमृत पी लिया हो.

 

वो झड़ने के बाद निढाल हो चुकी थी.

 

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए.

 

मैंने अपना लंड उसके मुंह में दे दिया और वो उसे मसल मसल कर चूसने लगी.

 

कभी वो लंड के ऊपर के सुपारे को चूसती तो कभी मेरे आंडों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसती.

 

एक तरफ वो मेरे लंड को चूस रही थी और दूसरी तरफ मैं अपनी उंगली उसकी चुत में डालने लगा था.

 

उसकी चुत एकदम टाईट थी तो उंगली तक घुसेड़ने में मुश्किल हो रही थी.

 

मैंने मेज़ पर रखा तेल उठा लिया और हाथ पर लगा कर उसकी चुत में मलने लगा.

 

उसकी चुत के अन्दर तक कुछ तेल गया, तो अब मेरी उंगली उसकी चुत में आसानी से अन्दर चली गयी.

 

उंगली को अपनी चुत के अन्दर लेते ही वो सिसक उठी और गांड उठाने लगी.

 

कुछ देर एक उंगली से ही चुत को ढीला करने के बाद मैं अपनी दो उंगलियों से उसे चोदने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा.

 

अब उससे रहा नहीं गया और वो गिड़गिड़ाने सी लगी- आह रॉकी प्लीज मुझसे रहा नहीं जाता अब मुझे चोद दो. मुझे अपनी रानी बना लो.

 

उसके मुँह से यह सुन कर मैं चौंक गया और काफी खुश हुआ.

 

मैं उस पर से उठा और नंगा ही भाग कर अपने बड़े भाई के कमरे में गया, उसकी अलमारी से कंडोम का पैकेट ले आया.

 

मेरे बड़े भाई की शादी कुछ महीने पहले ही हुयी थी. मुझे मालूम था कि वो भाभी को कंडोम लगा कर ही चोदता है.

 

दोस्तो, चाहे कुछ भी हो सेफ्टी फर्स्ट होती है. कभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए.

 

मैं जल्दी से कंडोम लेकर आया और अपने लंड पर पहनने लगा.

 

उसने पूछा कि ये क्यों?

 

मैंने कहा- सेफ्टी जरूरी है तुम्हारे लिए भी और मेरे लिए भी!

 

मेरी बात सुनकर वो खुश हो गई और उसने मुझे गले से लगा लिया.

 

मैंने झट से कंडोम पहन लिया और उसे लिटा कर चूमने चाटने लगा.

 

अब मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी बुर पर रखा और चुत के ऊपर घिसने लगा.

 

वो मेरे लंड को चुत में लेने के लिए तड़प रही थी.

 

अपनी आंखें बंद किए हुए वो मादक सिसकारियां ले रही थी.

 

मैं लंड चुत पर घिस कर उसे और उकसा रहा था.

 

वो कहने लगी- मेरे राजा अब देर मत करो और डाल दो इस हथियार को मेरी चुत में.

 

मैंने अपना लंड उसकी गर्म चूत के द्वार पर सैट किया और हल्का सा धक्का दे दिया.

 

लेकिन उसकी चूत काफी टाइट थी पहली बार जो चुद रही थी.

 

मेरा लंड फिसल गया और यह देख कर वो हंस पड़ी.

 

मैंने उसकी गांड को कसके पकड़ा और लंड को फिर से सैट किया.

 

इस बार सुपारा चुत की फांकों के मध्य जैसे ही सैट हुआ मैंने जोर का धक्का लगा दिया. मेरे लंड का मुखड़ा उसकी चूत में घुसता चला गया.

 

मोटा लंड जब संकरी चुत में घुसा, तो वो जोर से चीख पड़ी.

 

वो रोने लगी मैं उसे किस करने लगा ताकि उसकी चीख दब जाए.

 

वो रोती हुई कहने लगी- इसे निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

 

मैं उसे चूमने लगा और उसके स्तन दबाने लगा.

 

थोड़ी देर बाद वो शांत हुई तो मैंने एक और जोर का धक्का दे दिया.

 

इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया था.

 

वो फिर से चीख उठी- हाय मर गई मैं तो इसे निकालो मुझे नहीं करना.

 

लेकिन अब मैं कहां रुकने वाला था मैंने एक और जोर का झटका दे दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया था.

 

वो दर्द से कराह रही थी और उसके आंसू रुक ही नहीं रहे थे. मैं उसे चूमता रहा ताकि वो शांत हो जाए.

 

थोड़ी देर मैं ऐसे ही पड़ा रहा.

 

फिर कुछ पल बाद जब वो शांत हुई तो मैं आगे पीछे होकर लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

 

पहले उसे दर्द हुआ फिर वो भी मजे लेकर मेरा साथ देने लगी.

 

अब तो वो अपनी गांड को उछाल उछाल कर साथ देने लगी थी.

 

मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पर लिया और उसकी गांड पकड़ कर जोर जोर से झटके मारने लगा.

 

पूरे कमरे में उसकी सिस्कारियों की आवाज आह आह ओह माय गॉड फ़क मी फ़क मी रॉकी.और फच्च फच्च …’ की आवाजें गूंजने लगीं.

 

मैंने दस बारह तेज शॉट मारे और उससे पूछा- मजा आ रहा है जान!

 

वो चीखने लगी, चिल्लाने लगी- ओह रॉकी बहुत मज़ा आ रहा और जोर से करो आह.

 

मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दी.

 

करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ गया.

 

इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. मैं लंड उसकी चूत में रखे ही उस पर लेटकर सो गया.

 

कुछ देर बाद मेरी आंखें खुलीं, तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा था.

 

मैंने देखा कि वो खून मिहिरा की चूत से आ रहा था.

 

मुझे पता था कि पहली चुदाई में लड़की की सील टूटने पर खून निकलता है.

 

मुझे लगा अगर मिहिरा ने ये देख लिया तो वो घबरा जाएगी.

 

वो अभी सो रही थी.

 

मैं जल्दी से बाथरूम से गीला कपड़ा लेकर आया और उसकी चूत और मेरे लंड से खून साफ़ किया.

 

लेकिन अभी भी बेडशीट पर खून लगा था. मैंने मिहिरा को उठाया तो उसमें उठने की भी ताकत नहीं थी.

 

मैंने उसे सहारा देकर उठाया और अपनी गोद में उठा कर उसे बाथरूम में ले गया, उसे बाथटब में लिटा दिया और हल्का गर्म पानी भर दिया.

 

गर्म पानी में उसे अच्छा लगा.

 

वो अपने बदन की गुनगुने पानी से सिकाई करने लगी.

 

तब तक मैंने जल्दी से कमरे में आकर बेडशीट को हटाया और धोने में डाल दिया.

 

फिर मैं भी बाथरूम में आ गया और मिहिरा के साथ बाथटब में बैठ गया.

 

मैंने उसे अपनी तरफ किया और उसके गोरे बदन पर साबुन मलने लगा.

 

कभी उसके स्तन पर साबुन लगा कर दूध मसलता और दबाता, तो कभी उसकी चूत के ऊपर साबुन लगाता और अन्दर तक उंगली डाल कर चुत को मसलता.

 

इसी तरह वो भी मेरे लंड पर साबुन मलती और उसे मसलती रही.

 

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं उसकी गांड मसलने लगा.

 

मैं टब में ही लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी.

 

मेरे लंड को हाथ में लेकर वो अपनी चूत पर सैट करने लगी.

 

धीरे से मेरा लंड उसकी चूत में जाने लगा.

 

अब वो धीरे धीरे अपनी गांड को हिलाने लगी और ऊपर नीचे होने लगी. इसी तरह हमने कई पोजीशन में टब में ही चुदाई की.

 

डॉगी स्टाइल में कभी 69 में चुदाई का मजा आता रहा. कभी मैं उसके ऊपर चढ़ जाता तो कभी वो मेरे ऊपर चढ़ जाती.

 

1st सेक्स करने के बाद मैंने उसे पूछा- तू तो बड़ी अनजान बन रही थी चूत लंड से? फिर कैसे तुझे सब पता चल गया और

 

वो बोली- वो तो मैं ऐसे ही भोली बन कर दिखा रही थी. ब्लू फ़िल्में देख कर मुझे सब पता था पहले से!

 

उस रात हमने पूरे घर में कई जगह और कई बार चुदाई की. किचन में, खाना खाते समय डाइनिंग टेबल पर भी उसे चोदा, टीवी देखते समय सोफे पर चोदा. टहलते समय छत पर भी चोदा.

 

उस रात की सेक्स कहानी आगे भी बताऊंगा मगर वो सब अगली बार लिखूंगा.

 

उस दिन के बाद जब भी हम दोनों अकेले में मिलते हैं, तो मिनटों तक किस करते हैं और कभी कभी मैं उसके मम्मों को भी चूस लेता हूँ.

 

जब भी हम दोनों देर के लिए अकेले में मिलते हैं, तो चुदाई भी कर लेते हैं.

 

अब उसकी सगाई भी हो चुकी है, लेकिन मेरा प्यार कभी कम नहीं हुआ.

 

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जेठ जी ने मुझे तेल लगाकर चोद दिया

मुझे इस बात का कभी अंदाजा नहीं था कि मैं कभी अपने जेठ जी के साथ सेक्स करुँगी. वो तो मेरे पति से भी अच्छा चोदते हैं. चलिए आपको अपनी कहानी बताती हूँ. ये मेरी जिंदगी के बहुत यादगार कहानी है. मैं आशा करती हूँ कि आपको मेरी ये कहानी पसंद आएगी.

जेठ जी ने मुझे तेल लगाकर चोद दिया


मैं शहर में रहती हूँ इसलिए मैं बहुत बार अपने पड़ोस की औरतों के साथ बाजार करने और ब्यूटीपार्लर जाती रहती हूँ. जब भी मैं उनके साथ जाती थी तो वो औरतें मेरे जेठ जी के बारे में बहुत बातें करती थी. जेठ जी नाम अमन है लेकिन मैं उनका नाम नहीं ले सकती हूँ क्योंकि मैं उनको जेठ जी बुलाती हूँ.

 

उनका पर्सनालिटी थोड़ा अच्छा है इसलिए वो हमारे घर के एक प्रकार से मालिक की तरह रहते हैं. यहाँ तक कि मेरे पति भी उनसे पूछ कर ही कोई काम करते हैं और मैं भी उनसे पूछ कर ही घर से बाहर जाती हूँ.

 

जेठ जी के बारे में पड़ोस की औरतों से सुनकर मुझे ये लगता था कि उनका चक्कर मेरे जेठ जी के साथ चलता है. लेकिन उनमें से कोई भी खुलकर कुछ नहीं बताती थी.मुझे भी अपने जेठ जी में रूचि आने लगी थी.

 

मेरी जेठानी कुछ दिन के लिए अपने माइके गयी हुई थी. उनकी माता जी की तबियत ठीक नहीं थी.

 

बाद में पता चला कि जेठानी जी कुछ दिन और अपने मायके रुकेंगी. मेरे पति तो सुबह ही ऑफिस के लिए निकल जाते थे.

 

मैं जेठ जी को खाना खिलाती थी. जेठ जी के कपड़े कभी कभी मुझे साफ़ करने पड़ते थे.

 

जेठ जी देर से खाना खाते थे तो मैं उनके रूम में खाना लेकर जाती थी.

 

उनकी बॉडी अच्छी है. कभी कभी जेठ जी को देख कर मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगता था..

 

और वो भी कभी कभी मुझे देखकर मुस्कुरा देते थे.

 

इसका अंदाजा मुझे था कि जेठजी के लंड का साइज़ मेरे पति से बड़ा होगा क्योंकि वो शरीर से ताकतवर हैं.

 

जेठ जी की आँखें भी कुछ कहना चाहती थी क्योंकि जब भी मैं उनको देखती थी और वो मुझे देखते थे तो लगता था कि वो मेरे से कुछ कहना चाहते हैं लेकिन मुझसे खुलकर कह नहीं पाते थे.

 

मैं रात को साड़ी निकाल कर नाइटी में सोती हूँ और इस ड्रेस में जेठ जी के सामने नहीं जाती हूँ.

 

एक दिन जेठ जी थोड़ा ज्यादा काम करके आ गए थे और उनके सर में दर्द हो रहा था.

 

वो मुझे अपने कमरे में बुलाने लगे और मेरे से दवाई मांगने लगे.

 

मैं एक टेबलेट लेकर उनके रूम में गयी और उन्होंने मुझे नाइटी में देख लिया. उनको मेरी चूची का साइज़ पता चल गया होगा.

 

मुझे बाद में याद आया कि मैं नाइटी में हूँ तो जल्दी से अपने रूम में आ गयी.

 

उस दिन के बाद से जेठ से मुझे अलग निगाहों से देखने लगे.

 

जेठ जी और मैं एक दिन घर में अकेले थे और मेरे पति ऑफिस गए थे.

 

मैं कपड़े धो रही थी और पीछे से जेठ जी मुझे देख रहे थे; ये बात मुझे पता नहीं थी.

 

आज वो मजाकिया अंदाज में मेरे से बात करने लगे.

 

मैं कपड़े धोने में व्यस्त थी तो उनकी तरफ देख नहीं रही थी लेकिन उनकी बातें सुनकर हंस रही थी.

 

हम लोगों की बातें चलती रही.

 

और जेठ जी बोलने लगे- तुमको तो कपड़े धोते धोते थकान हो जाती होगी. तुम कहो तो मैं तुम्हारी मालिश कर दूँ?

 

ये बात सुनकर मुझे ये बात मालूम हो गया कि जेठ जी मुझे पसंद करते हैं.

 

मैं कपड़े धो रही थी तो जेठ जी पीछे से मेरी गांड देख रहे थे.

 

पति जी भी ऑफिस के काम में बहुत बिजी थे तो हम लोग सेक्स कम ही कर पाते थे.

 

मैं कपड़े धोने के बाद सुखाने के लिए छत में लेकर जाने लगी तो जेठ जी ने मेरे हाथ से बाल्टी ले ली और वो छत पर कपड़े सुखाने के लिए चले गए.

 

उनका हाथ और मेरा हाथ पहली बार एक दूसरे से मिला था. जब वो मेरे हाथ से बाल्टी जबरदस्ती ले रहे थे तो हम दोनों लोग का हाथ एक दूसरे से मिल रहे थे.

 

मैं रसोई में काम करने चली गयी और जेठ जी कपड़े सुखाने के बाद रसोई में आ गए और पीछे से मेरी पीठ को सहलाने लगे.

 

इससे पहले कि मैं कुछ उनसे कहती कि वो मेरे पीठ को और कंधों की मालिश करने लगे और कहने लगे- तुमने इतने सारे कपड़े धोये हैं, थक गई होगी.

 

मैं भी थक गई थी और उनके मालिश से मुझे बहुत आराम मिला.

 

तो मैं उनके बाँहों में आ गई थी और वो पीछे से मेरी मालिश कर रहे थे.

 

हम दोनों गर्म होने लगे थे. घर में कोई नहीं था इसलिए हम दोनों को किसी बात का डर नहीं था.

 

जेठ से मालिश करते हुए मुझे अपने कमरे में ले गए और मेरी चूची को दबाने लगे.

 

मैं भी मूड में आ गयी और सिसकारियाँ लेने लगी.

 

वो मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी चूची को दबा रहे थे.

 

मैं भी उनके बालों को खींच रही थी.

 

उन्होंने मेरी साड़ी को निकालना शुरू किया.

 

मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थी.

 

मेरी इन मादक आवाजों से जेठ जी भी मूड में आ रहे थे. वो मेरी साड़ी को निकाल रहे थे और साथ ही मेरी गांड को दबा रहे थे.

 

मुझे ये बात पता भी नहीं चली कि मैं जेठ जी के साथ ये सब कर रही हूँ. हम दोनों लोग का रिश्ता ही बदल गया था.

 

उन्होंने मेरी साड़ी को निकल दिया और उसके बाद उन्होंने मेरी ब्लाउज को निकाल दिया.

 

मैं उनके सामने ब्रा में आ गयी थी और उसके बाद जेठजी ने मेरा पेटीकोट भी निकाल दिया.

 

अब मैं जेठ जी के सामने ब्रा और पेंटी में थी.

 

मुझे नंगी देख कर उनका लंड उनकी पैन्ट में खड़ा होने लगा. मैं ब्रा और पेंटी में बहुत सेक्सी लग रही थी.

 

जेठ जी के लंड को देखकर मेरी चूत में पानी आने लगा.

 

तभी उन्होंने मेरी ब्रा निकाल दिया और मेरी चूची को अपने हाथों में लेकर मसलने लगे.

 

मेरे अन्दर इतना सेक्स आ गया था कि मैं जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी.

 

वो मेरी चूची को दबाते हुए उसको अपने मुंह में लेकर चूसने लगे.

 

हम दोनों की वासना बढ़ती जा रही थी.

 

जेठ जी चूची को बहुत देर तक चूसने के बाद वो मुझे चुम्बन देने लगे.

 

हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में थे.

 

जेठ जी ने मुझे बताया कि उनकी पत्नी मायके गई हुई है इसलिए वो अपने लंड को हिलाकर शांत करते हैं.

 

इधर मेरे पति को अपने काम से फुर्सत ही नहीं मिलती है मुझे चोदने के लिए इसलिए मैं आज उनके बड़े भाई के सामने थी.

 

मुझे अपने जेठ जी का लंड बड़ा लग रहा था.

 

जेठ जी ने बातों बातों में मुझे बताया कि वो मुझे कई दिनों से चोदना चाहते थे.

 

हम दोनों लोग बात करते करते हंसने लगे और एक दूसरे को चुम्बन देने लगे.

 

जेठ जी ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी पीठ को चूमने लगे.

 

मैं सिसकारियाँ लेने लगी. मेरी कामुक आहें निकलने लगी.

 

फिर जेठ जी ने मेरी पेंटी भी निकाल दी और मैं उनके सामने एकदम नंगी हो गयी थी.

 

उन्होंने मेरी पीठ को चूमने के बाद मुझे सीधा लिटाया और मेरी बड़ी बड़ी चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे.

 

मेरी चूत गीली हो गयी. मेरी चूत से पानी निकल रहा था और मोटे लम्बे लंड का इंतजार कर रही थी.

 

उनके चूची मसलने और चूसने के अंदाज मैं बहुत गर्म हो गयी थी और सिसकारियाँ लेने लगी थी- आह उह्ह आह उह्ह जेठ जी आराम से करिए.

 

जेठ जी भी कामुक हो गए थे और वो अपने कपड़े निकलने लगे.

 

उनका मोटा लम्बा लंड देख कर मैं डर गई लेकिन मुझे सेक्स करने की आदत थी इसलिए बाद में मुझे अच्छा लगने लगा.

 

जेठ जी के लंड को मैं हिलाने लगी और वो अपने मजे में सिसकारियाँ लेने लगे.

 

उनका लंड मैं जोर जोर से हिलाने लगी और उनके लंड से पानी निकलने लगा.

 

जेठ जी ने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा और मैं उनका लंड मुंह में लेकर चूसने लगी.

 

मेरे लंड चूसने के स्टाइल से उनको बहुत मजा आ रहा था.

 

अब जेठ जी मेरी चूत को चाटना चालू किये और मेरी चूत से पानी निकल रहा था.

 

मैं सिसकारियाँ लेने लगी.

 

जेठ जी मेरी चूत को चाटने लगे और साथ में रुक रुक कर मेरी चूत को अपने दाँतों से हल्का हल्का काट रहे थे.

 

इससे मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था.

 

वे मेरी चूत में उंगली करने लगे जिससे मेरी चूत से पानी निकलने लगा.

 

उनके लंड से लार टपक रहा था और मेरी चूत से पानी निकल रहा था.

 

जेठ जी दुबारा से मुझे अपना लंड चूसने के कहे और मैं उनका लंड चूसने लगी और इस तरह से उनके लंड से पानी निकल गया.

 

उसके बाद मैं उनके लंड को हिलाने लगी और उनका लंड दोबारा पूरा खड़ा हो गया था.

 

जेठ जी को सेक्स का बहुत अनुभव था. वो अपने लंड को मेरी चूत पर रखकर रगड़ने लगे जिससे मुझे सिहरन होने लगी.

 

वो मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने के बाद मेरे होंठों को चूसने लगे.

 

जेठजी अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे और मेरी चूत में उनका लंड चला गया. जिससे मैं कामुक हो गयी और आहें भरने लगी.

 

वो मेरी चूत को अपने लंड से चोद रहे थे, मैं उनसे चुदवा रही थी और वो मेरी चूत में धक्का दे रहे थे.

 

जेठ जी कुछ देर के बाद अपना पूरा लंड मेरी चूत में डालकर चोदने लगे.

 

इस बार मुझे और भी मजा आ रहा था. उनका पूरा लंड मेरी चूत में जा रहा था जिससे मैं चिल्लाने लगी.

 

उनका लंड बहुत बड़ा था. मुझे चुदवाने में मजा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था.

 

मैं चिल्लाने लगी और वो चोदने लगे.

 

वो मेरे होंठ को चूसने लगे जिससे मैं शांत हो गयी और वो मेरी चूत को चोदने लगे.

 

उनकी चुदाई से मुझे बहुत अच्छा लगा.

 

हम दोनों का जिस्म पसीने से भीग गया था. वो बहुत ताकत से मुझे चोद रहे थे. उनका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर जा रहा था. मेरी चूत से पानी निकल रहा था.

 

उनका लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और कभी कभी वो मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चुम्बन दे रहे थे.

 

सेक्स में जेठजी का अनुभव बहुत अच्छा है.

 

इतनी अच्छी चुदाई से मैं आज बहुत खुश हो गयी.

घर में कोई नहीं था इसलिए खुलकर मैं और मेरे जेठ जी चुदाई कर रहे थे. हम दोनों लोग चुदाई करते हुए झड गए.

 

कुछ देर के बाद जेठ जी ने चुदाई का तरीका बदल दिया, वे मुझे पीछे से चोदने लगे.

 

वो मेरी कमर पकड़ कर अपना लंड मेरी चूत में डालकर चोदने लगे.

 

कभी कभी वो अपने जीभ से मेरी चूत चाट ले रहे थे.

 

उनको कई तरीके से चुदाई करने आता था.

 

हम दोनों एक बार झड़ने के बाद बहुत देर तक आपस में चूमाचाटी करते रहे.

 

इस बार मैंने उनके ऊपर आकर भी मजे किये.

 

साथ में हम दोनों लोग बीच बीच में एक दूसरे के गुप्तांग भी सहला रहे थे.

 

इसके बाद जेठ जी का लंड खडा हो गया और उन्होंने मुझे दोबारा छोड़ना शुरू किया.

 

इतनी अच्छी चुदाई के बाद मैं दुबारा झड़ गयी.

 

हम दोनों सेक्स करने के बाद एक दूसरे की बांहों में ही सो गए.

 

थोड़ी देर बाद जेठ जी को सोता छोड़ मैंने अपने कपड़े पहन लिए और रसोई में काम करने चली गयी.

 

तब से मेरे पति के ऑफिस जाने के बाद दोपहर में हम दोनों जेठ बहू सेक्स करने लगे थे.

 

अब जेठानी जी आ गयी हैं तो हमारी चुदाई रुक गयी.

 

अब तो जब जेठ जी मुझे छोड़ेंगे तो आपको बताऊंगी.

 

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