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चाची की कसी हुई चुत का मजा

मैं छुट्टियों में चाचा के घर गया हुआ था. चाची के फोन में मैंने उनकी नंगी फोटो देखी तो मेरे मन में चाची को चोदने का ख्याल आया.

यह मेरी पहली सच्ची गरम सेक्स कहानी है, जो मैं आप सबको आज बताने जा रहा हूँ. जब मैं अपनी 12वीं क्लास का एग्जाम देने की बाद फ्री हो गया था.

छुट्टियां हो गई थीं तो मैं अपने चाचा के यहां आ गया था और मस्ती से छुट्टियां काट रहा था.

 

उस समय चाचा की शादी को 2 साल ही हुए थे. मेरी चाची दिखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर हैं. चाचा की एक बस एजेंसी है और वो अपनी बस के काम से कभी कभी रात को घर नहीं आते थे.

मतलब हफ्ते में 2 दिन तो पक्का नहीं आ पाते थे.

इसी वजह से मैं चाची के साथ उनके रूम में ही सोता था. मैं उस समय चाची के बारे में कुछ ऐसा नहीं सोचता था. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी नज़र चाची के प्रति एकदम से बदल गयी.

 

वैसे तो मैं चाची से बहुत खुल कर बात करता था इसलिए उन्हें मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी पता था.

 

एक दिन चाची के फ़ोन में ऐसे ही उसके अन्दर की गैलरी चैक कर रहा था तो मैंने उसमें चाचा और चाची की सेक्स करते वक्त की फोटोज देखीं जो चाची ने खुद ली थीं.

वो देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरे अन्दर की वासना जग गयी.

 

चाची का रंग एकदम गोरा है.

अभी तक मुझे उनके शरीर के फिगर साइज का तो अंदाज़ नहीं था लेकिन उनके बूब्स न तो ज्यादा बड़े थे और ना छोटे. उनकी गांड भी एकदम मस्त थी.

 

मैं चाची के पास गया, वो उस समय रसोई में खाना बना रही थीं.

 

मैंने उनसे कहा- चाची मैंने आपके फ़ोन में अभी बहुत मस्त फोटोज देखी हैं.

वो एकदम से हैरान हो गयी और बोलीं कि तूने मेरा फ़ोन क्यों चैक किया?

 

मैंने कुछ नहीं कहा और बस चाची की तरफ देखता रहा.

 

उसके बाद वो थोड़ा सा हंस दीं और बोलीं- कैसी लगीं फोटोज?

 

उनका बदला हुआ सुर देख कर मैं एकदम से हड़बड़ा गया कि चाची ये क्या बोल रही हैं.

मैंने तो सोचा था कि चाची के मजे लूंगा मगर ये तो मेरे ही मजे लेने लगी हैं.

 

एक दो पल के बाद मैं हंस कर बोला- चाची आप तो बहुत सेक्सी हो और फोटोज भी बहुत सेक्सी लेती हो.

यह सुन कर वो कुछ नहीं बोलीं और खाना बनाने लगीं.

 

फिर रात को सोने की बारी आई और मैं उन्हीं के कमरे में सोने वाला था क्योंकि आज भी चाचा घर में नहीं थे.

 

मैं चाची के आने से पहले बिस्तर पर लेट कर मोबाइल चला रहा था.

कुछ देर बाद चाची भी कपड़े बदल कर आ गईं और मुझसे बातें करने लगीं.

 

हम दोनों हंसी मजाक करने लगे थे लेकिन मेरे दिमाग में बार बार चाची की वो सेक्सी फोटोज ही आ रही थीं.

 

मैं चाची के साथ लेट तो गया था लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.

 

रात के 12 बज चुके थे और चाची सो रही थीं.

तभी मैंने चाची की कमर में हाथ डाल दिया.

यह हम दोनों के लिए आम बात थी क्योंकि हम जब भी साथ सोते थे, तो कोई न कोई एक दूसरे के कमर में हाथ डाल ही देते थे.

 

हम दोनों एकदम कपल की तरह सोते थे.

 

मैं धीरे धीरे अपना हाथ चाची के मम्मों की तरफ बढ़ाने लगा. मैं ये सब उनकी नींद का फायदा उठाते हुए कर रहा था.

 

मैंने उनके मम्मों को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मेरा लंड खड़ा होकर 6 इंच का हो गया था और चाची की गांड में लगना शुरू हो गया था.

 

तभी अचानक चाची थोड़ा सा हिलीं और मेरा हाथ पता नहीं कैसे चाची के टॉप के अन्दर चला गया.

मेरे लिए तो ये अब गलती से हुआ लगता था लेकिन वो सब चाची ने किया था.

 

अब मैं मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.

मुझे लगा था कि चाची अभी तक नींद में ही हैं लेकिन वो इस सबका मज़ा ले रही थीं.

 

मैं बहुत हिम्मत करके ब्रा के अन्दर हाथ डालने की कोशिश करने लगा और सफल भी हो गया.

 

जब मैंने चाची की चूची के निप्पल को टच किया, तो पता चला कि चाची उठी हुई हैं, उनके निप्पल सख्त हो चुके थे.

 

अब मैंने चाची को अपने तरफ किया और बोला- आप तो बहुत तेज़ हो, चुपके चुपके मज़े ले रही हो.

चाची बोलीं- अब बात न करो जो काम शुरू किया है, पहले उसको खत्म करो.

 

ये बोलते हुए उन्होंने अपना टॉप और ब्रा दोनों निकाल दिए और अपने बूब्स मुझे थमा दिए.

 

मैंने चाची के दोनों मम्मों को अपने हाथों में भर लिया और एक एक करके चूसने लगा.

 

चाची एकदम से मस्त हो गईं और मुझे अपने मम्मों के ऊपर दबाने लगीं.

उनके कंठ से मस्त सिसकारियां निकलने लगीं- आंह अअअह आराम से दबाओ.

 

चाची ने अपना हाथ मेरी चड्डी में डाल कर मेरा लंड बाहर निकाला और हाथ से आगे पीछे करने लगीं.

 

चाची- कितना बड़ा है तेरा, इतना बड़ा तो मैंने कभी देखा ही नहीं.

मैं बोला- आज देख भी लो और अपनी सारी ख्वाहिश भी पूरी कर लो. मैं आपको पूरी मस्त कर दूंगा.

 

चाची- हां मुझे भी बड़ी चुल्ल है. अब जल्दी से चोद दो मुझसे अब रहा नहीं जाता.

मुझे भी उस समय सेक्स में ज्यादा कुछ करना नहीं आता था, बस चोदना ही आता था. मतलब चूत चाटना, लंड चुसवाना आदि ये सब नहीं आता था.

 

मैं देर न करते हुए, चाची के ऊपर चढ़ गया और लंड को चूत में सैट कर दिया.

 

चाची गांड उठाती हुई बोलीं- जल्दी से डाल दो.

 

मैंने एक जोर से झटका मारा, मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया और चाची की चीख निकल गयी.

 

चाची- आंह मर गई साले आराम से पेल ना, एकदम से पूरा अन्दर डाल दिया.

मैंने कहा- एकदम से पेलने लायक ही माल हो आप आह कितनी टाईट चुत है आपकी.

 

चाची मीठे दर्द से कराह रही थीं मगर लंड को अन्दर से बाहर निकालने की कोशिश नहीं कर रही थीं.

 

मुझे भी अपने लंड पर चाची की कसी हुई चुत की जकड़न को रगड़ने में बहुत मजा आ रहा था.

 

मेरे मोटे लंड को चाची अपने दांत दबा कर अन्दर लेती जा रही थीं और कराह भी रही थीं- आह धीरे धीरे अन्दर पेल साले तेरा हथियार बहुत मोटा है. मेरी चुत फट सी रही है.

 

मैं भी उनकी इन आवाजों से गर्म होता जा रहा था और उनकी एक चूची को अपने मुँह में दबा कर लंड चुत के अन्दर ठेलता जा रहा था.

 

कुछ ही पलों में मैंने एक तेज शॉट मारा और अपना पूरा लंड चुत की गहराई में पेल दिया.

मुझे ऐसा लगा कि जिससे मेरा लंड छिल गया हो जबकि दूसरी तरफ चाची की चीख निकल गई.

 

उन्होंने मेरे सीने को धकेलते हुए मेरे सीने पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे.

मुझे एक साथ दो दर्द हुए थे. एक तो लंड जैसे किसी संकरी जगह में फंस सा गया था, जिससे मेरी नसें एकदम से निचुड़ सी गई थीं और दूसरे चाची ने अपने नाखूनों से मुझे नौच लिया था.

 

मेरी भी आह निकल गई और मैं चाची के ऊपर ही गिर गया.

एक दो पल बाद मुझे सांस आई तो मैंने अपनी भुजाओं से बल से अपना भार चाची के ऊपर से हटा लिया.

 

मैं अब एक भरपूर मर्द की तरह चाची की चुत में अपना समूचा लंड पेले हुए उनको देख रहा था.

चाची की आंखें बंद थीं और आंख से आंसू टपक रहे थे.

 

मैंने उनकी एक चूची को फिर से अपने मुँह में भर लिया और निप्पल को मींजते हुए चूसने लगा.

 

कुछ ही समय में चाची की आंखें खुल गईं और वो मीठे दर्द के अहसास से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखने लगीं.

उनका हाथ मेरे सर पर जम गया और वो मुझे अपना दूध पिलाने लगीं.

 

कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे झटके देने शुरू कर दिए.

 

अब चाची भाभी मज़ा लेने लगीं और मस्त आवाज़ निकलने लगीं- अअअह आह गौरव मज़ा आ रहा है. कितना बड़ा है तेरा लंड अन्दर बड़ी रगड़ दे रहा है अह अअअह!

 

अब मैंने भी पूरा लंड बाहर सुपारे तक खींच कर वापस अन्दर पेलना शुरू कर दिया था.

चाची की मादक आवाजें मेरी उत्तेजना को बढ़ाए जा रही थीं.

 

कुछ ही समय में चाची की टांगें हवा में उठने लगीं और उन्होंने मेरी कमर पर अपनी दोनों टांगें लपेट लीं.

 

इधर मैं अपने दोनों हाथों की मुट्ठियां बिस्तर पर जमाए हुए चाची की चुत में लंड पेल रहा था और एक तरह से मैं डिप्स मार रहा था.

 

मेरी दोनों टांगें बिस्तर पर नीचे तक फैली हुई थीं और मैं अपना मुँह चाची के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसता हुआ चाची की चुत चोद रहा था.

 

चाची जल्द ही अकड़ने लगीं और उनकी गांड मेरे लंड पर उठने लगी.

वो यकायक एकदम से चीखीं और निढाल हो गईं वो झड़ गई थीं.

 

अब उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे सीने को आगे पीछे होने से रोका.

मैं समझ गया कि चाची का काम तमाम हो गया है.

 

मगर इस वक्त मुझे बड़ा मजा आ रहा था और मैं अभी नहीं झड़ा था.

तब भी मैं कुछ पल रुक गया और चाची की तरफ देखने लगा.

 

चाची ने चुदी हुई रंडी की तरह मुस्कान सी और बोलीं- साला राक्षस है पूरा!

मैंने कहा- अभी मैं झड़ा नहीं हूँ.

 

चाची- हां मालूम है थोड़ा रुक जा साले तेरी चाची पूरा मजा देगी.

मैंने उन्हें चूम लिया और फिर से निप्पल अपने मुँह में ले लिया.

 

एक दो पल बाद चाची ने फिर से मेरे सर को सहलाया और कान में कहा- चल शुरू हो जा!

मैंने फिर से अपनी बुलेट ट्रेन दौड़ा दी.

 

करीब 15 मीन तक हमारी चुदाई चली, उसके बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने चाची से पूछा कि किधर निकलूं?

उन्होंने कहा- अन्दर ही निकाल दे.

 

बस कुछ तेज झटकों के बाद मैं चाची की चुत में ही झड़ गया.

उस समय तक चाची भी फिर से झड़ चुकी थीं.

 

चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही चिपके थे.

 

चाची मुझे चूमती हुई बोलीं- इतने दिन से पता होता कि तेरा इतना बड़ा है, तो अभी तक रोज़ तुझसे ही चुद कर मजा ले लेती.

मैं बोला- जब जागे तब सवेरा आज से ही हम अपना कार्यक्रम शुरू कर लेते हैं.

 

चाची हंस दीं और मुझे एक किस कर दिया.

 

उसके बाद हमने उस रात को 3 बार सेक्स किया.

 

फिर जब तक मेरा एडमिशन एक कॉलेज में नहीं हुआ था, तब तक हम दोनों हर रोज़ ही सेक्स करने लगे थे. चाची ने मुझे सब सिखाया. चूत चूसना सिखाया और उन्होंने मेरा लंड भी चूसा. अब उनके 2 बच्चे हो गए हैं तो हमने सेक्स करना बंद कर दिया. 

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