Antarvasna Sex Stories in Hindi fonts, New best Hindi Sex Stories for free, Indian sex hindi story, nonveg story, kamukta desi sexy chudai kahaniya, Indian sexy stories daily of hot girls, bhabhi and aunties. फ्री सेक्स कहानी पर असली अन्तर्वासना स्टोरी का मजा लें

सगी मौसी के साथ चुदाई का पहला सेक्स अनुभव

मैं अपनी मौसी के यहाँ अक्सर छुट्टियों में और फ्री दिनों में जाया करता हूं। यह बात सच है कि मैंने अभी तक सेक्स तो नहीं किया था और पोर्न वीडियोस और नग्न तस्वीरे छुप के देखा करता था, पर अपनी परिवार की किसी भी महिला को मैंने उस नजर से नहीं देखा था।

यह बात लगभग 10 दिन पहले की है, मैं हमेशा की तरह अपनी मौसी के घर गया। वहां मेरी मौसी, मौसा और मेरी मौसेरी बहन (22 वर्ष) रहते हैं। जब मैं वहाँ पहुँचा तो मौसी ने दरवाजा खोला, मुझे देख कर मौसी हमेशा की तरह खुश हुईं और प्यार से मुझे अंदर बुलाया।

मौसी ने कहा- अनुज बड़े दिनों बाद आया है तू!

मैं बोला- मौसी पढ़ाई में ज़रा भी समय ही नहीं मिला, अब आ गया हूं ना अब कुछ दिन यहीं रुकूंगा आपके पास।

मौसी- हाँ बेटा, यह तेरा ही तो घर है, आराम से कुछ दिन यहीं रहो हमारे साथ।

 

मैंने पूछा- और बाकी सब कहाँ हैं? कोई दिख नहीं रहा मौसी, तो मौसी ने बताया कि तुम्हारे मौसा तो ऑफिस के काम से बाहर गए हैं एक हफ्ते के बाद लौटेंगे और तुम्हारी बहन उसकी सहेलियों के साथ पिकनिक गयी है रात तक आ जायेगी। अब तू मुंह हाथ धो कर थोड़ा आराम कर ले।

मैंने हाँ में जवाब देते हुए में वहाँ से उठा और रूम में चला गया।

 

मैंने रूम में जाकर अपनी टी शर्ट उतारी और जीन्स भी खोल कर मेरे शॉर्ट्स पहन लिए और बाथरूम में फ्रेश होकर वपिस बेड पे ऐसे ही लेट गया।

तभी मौसी आयी और बोली- बेटा मैं नहाने जा रही हूँ, तुम आराम कर लो और कोई आये तो जरा देख लेना।

मैंने कहा- हाँ मौसी, आप नहाओ, मैं ध्यान रख लूंगा।

 

मौसी नहाने चली गई और मैं वहीं लेटा रहा. पर मुझे थोड़ी देर में पोर्न देखने का मन होने लगा. मैंने सोचा कि घर में तो कोई भी नहीं है और मौसी भी नहा रही है तो मैं आराम से पोर्न देख सकता हूँ और मैं अपने फ़ोन पर पोर्न मूवी देखने लगा।

 

देखते देखते मेरा 7 इंच का लोडा खड़ा होने लगा और तभी अचानक आवाज आई, मौसी ने मुझे बुलाया. उनके बाथरूम का दरवाजा लॉक नहीं था वो हल्का सा दरवाजा खोल कर मुझे बोली- मैं अपना टॉवल तो ले आयी पर ब्रा पैंटी लाना भूल गयी, वहां सामने बेड पे रखे हैं जरा उठा कर मुझे दे दे।

मैंने बेड से उनके ब्रा पैंटी लिए और मौसी के बाथरूम के दरवाजे के सामने जाकर उनके हाथ में दे ही रह था कि गलती से उनके हाथ से टकराकर दरवाजा थोड़ा ज्यादा खुल गया. उन्होंने मेरे हाथ से ब्रा पैंटी ली और जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया।

 

पर उस एक मिनट में ही मुझे उनके पूरे नंगे बदन का दर्शन हो चुका था। वो एकदम गोरी सी, कितनी प्यारी और उनका गीला बदन तो आग लगा देने वाला था। मेरा लन्ड तो पहले से खड़ा था मौसी (40 36 42 ऐसा होगा शायद) का वो नंगा हॉट रूप देख के लोहे के जैसा कड़क तन गया।

मैं परेशान हो गया और वहाँ से हट गया और बाथरूम से दूर आके उनके बेड पे चुपचाप बैठ गया।

 

फिर कुछ देर में मौसी ब्रा पैंटी पहन के टॉवल लपेट कर बाहर आयी मैं उनके सामने ही बेड पे बैठा था. वो भी हल्की सी शरमाई और मुस्कुरा के दूसरी ओर देखने लगी. मैं भी थोड़ा डर रहा था और शर्म भी आ रही थी क्योंकि मौसी को नंगी देख लिया था और उनके सामने अभी मेरा लोडा सख्त खड़ा था।

 

मौसी ने कहा- तू जरा कमरे से बाहर जा, मैं टॉवल हटा के कपड़े पहन लूं, फिर आ जाना।

मैं नहीं उठ रहा था, उठता कैसे मेरा खड़ा मोटा लन्ड मौसी को साफ दिख जाता।

मौसी ने जोर दिया और बोली- जल्दी जा ना, देख मुझे तैयार होने दे।

 

उनके इतनी बार कहने पे मुझे खड़े होना पड़ा। जैसे ही मैं उठा, मेरे शॉर्ट्स में से उभरता हुआ मोटा और सख्त लोहे जैसा लंड साफ दिख रहा था जैसे शॉर्ट्स को फाड़ के बाहर आना चाहता हो।

मौसी उसे देखती रही और बोली- तू क्या कर रहा था वैसे रूम में? सच बता?

मैंने डर के जवाब दिया- कुछ नहीं मौसी, मैं तो लेटा था बस।

वो बोली- देख तू क्या सोच रहा है, मुझसे मत छुपाना, सच बोल दे अभी।

 

मैं उनसे कुछ नहीं बोल पाया और रूम के बाहर भाग के आ गया। मौसी तैयार होने लगीं। मुझे फिर से कुछ अजीब सा लगने लगा मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया था और मौसी का वो नंगा बदन मेरी आँखों में घूमने लगा। मुझसे रहा ना गया और मैं छुपके से मौसी के रूम के दरवाजे से उन्हें कपड़े बदलते देखने लगा।

 

मैंने कभी अपनी किसी भी परिवार की किसी भी लडक़ी या औरत को नंगा नहीं देखा था और ना ही उनके बारे में सेक्सी फीलिंग आई। पर आज मौसी का पहली बार ये सौदर्य देख के में उनसे प्यार करने लगा था। मेरा लन्ड उनको देख कर उछलने लगा और शॉर्ट्स फाड़ के बाहर आने के लिए मचलने लगा। मैं उन्हें छिप के देख रहा था।

 

मौसी ने अपना टॉवल हटा दिया था और अब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में उनके बेड पे बेठी थी और बाल हेयर ड्रायर से सुखा रही थी। फिर उन्होंने अपनी अलमारी खोली उनके कपड़े निकलने के लिए और उन्हें बेड पे रखा.

जैसे ही मौसी कपड़े पहनने वाली थी, मुझे पता नहीं क्या हुआ मैं खुद को रोक ना पाया और उनके रूम में घुस गया। मौसी ने मुझे देख और अचानक देख कर डर गई और बोली- तू यहां कैसे? मैंने कहा ना कपड़े पहन कर बुला लूँगी।

 

मैं कुछ नहीं बोला और उनके पास में आकर खड़ा हो गया, मेरा लोडा भी अभी तक खड़ा था।

मौसी बोली- क्या हुआ तुझे, बोल?

मैं बोला- मौसी, आज आपको नहाते हुए बिना कपड़े देख लिया था, उसके लिए सॉरी।

वो बोली- अरे वो तो कोई बात नहीं, मुझसे गलती से दरवाजा खुल गया था. उसमें तेरी क्या गलती, परेशान मत हो।

और मेरे गाल पे हाथ फेरा।

 

फिर भी में वहीं उनके पास खड़ा था तो वो बोली- और क्या बोलना है?

मैंने डरते डरते हिम्मत बनाई और मौसी की कमर पे दोनों हाथ रख लिए. मौसी बोली- क्या कर रहा है?

में उनके बिल्कुल पास खिसक गया और धीरे धीरे बोलने लगा- मौसी वो आपको बिना कपड़े देखा आज!

तो मौसी बोली- हाँ तो?

मैंने कहा- वो आप बहुत खूबसूरत लगते हो मौसी! और बिना कपड़ों के तो आपका बदन सोने जैसा चमकता है।

वो शर्माने लगी और मुझे दूर करते हुए बोली- तू क्या कहना चाहता है? साफ बोल।

 

मैंने कहा- मौसी, आपको हमेशा कपड़ों में ही देखा है ना, आज उस रूप में देखा है पहली बार तो दोबारा देखने का बहुत मन हो रहा है, मुझे आपको बिना कपड़े देखना है।

मौसी ने कहा- मैं तेरी मम्मी जैसी हूँ, तू ये क्या बात कर रहा है।

मैं उनका हाथ पकड़ के उनसे प्यार से कहने लगा, ज़िद पे अड़ गया- मुझे नंगी देखना है आपको।

वो भी थोड़ी घबराने सी लगी, शायद वो सोच रही होगी कि अपने बेटे जैसे के साथ ये सब कैसे

 

फिर मैंने अपने हाथ से उनके गाल को सहलाया और उन्हें समझाने लगा- मौसी, यह बात हम किसी से नहीं कहेंगे, सिर्फ देखना ही तो है।

मौसी भी मुझे समझा रही थी, वो मान नहीं रही थी।

 

फिर मौसी ने कहा- मैं कपड़े खोलूँगी पर एक शर्त पर!

मैंने पूछा- क्या शर्त, मौसी बताओ?

मौसी ने कहा- अगर तू भी तेरे सारे कपड़े खोलेगा मेरे सामने तो ही मैं मेरे कपड़े तेरे सामने खोल सकूँगी।

मैंने कहा- मौसी, मैं आपके सामने कैसे?

मौसी बोली- अब तू क्यों शर्मा रहा है? मैं तेरे सामने कपड़े उतार रही हूँ तो तू भी मेरे सामने उतार!

मैं भी मान गया।

 

फिर मौसी तो ब्रा पैंटी में ही थी तो उन्होंने अपने ब्रा पैंटी भी उतार लिए, वो मेरे सामने पूरी नंगी एक परी सी सुंदर प्यारी सी और बहुत ही हॉट लग रही थीं। उनके सेक्सी बदन से मेरी नजर नहीं हट रही थी. नंगी मौसी को देख कर मेरा लन्ड और तन के खड़ा हो गया। मैं बस उनके नंगे शरीर को घूर घूर के देख रहा था।

 

तभी मौसी ने कहा- अब तू भी कपड़े खोल।

मैं टीशर्ट और शॉर्ट्स में था। मैंने अपना टीशर्ट उतारा पर खड़े लन्ड की वजह से मौसी के सामने शॉर्ट्स खोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी, थोड़ा अजीब महसूस कर रहा था।

तभी मौसी बोली- तू शॉर्ट्स उतार रहा है या मैं ही खोलू तेरे कपड़े?

 

मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो मौसी ने अपने हाथ से मेरे शॉर्ट्स और चड्डी दोनों एक साथ पकड़ के नीचे खींच दिए एक ही झटके में और मुझे भी नंगा कर दिया।

मौसी को शॉर्ट्स खोलते ही एकदम से साँप के जैसा निकल के आता बड़ा सा दिखा मेरा लन्ड, जो सख्त होने के कारण एकदम कस के बिल्कुल सीधा खड़ा था।

मौसी बोली- अरे, तू तो सो रहा था न, तेरा ये इतना कड़क खड़ा कैसे हो रहा है?

 

मैंने फिर मौसी को सच बताया- आपको नंगी देख के ये ऐसा हो गया था। आप बहुत ही मस्त लगती हो मौसी बिना कपड़े कितनी खूबसूरत दिख रही हो। मन कर रहा है एक फोटो ले लूं।

मौसी ने कहा- आज हम दोनों साथ में बिना कपड़ों के हैं ना तो दोनों की एक फोटो ले ले जा।

मैं अपना मोबाइल लाया और दोनों ने कुछ फोटोज लिए।

 

फिर मैंने दोनों हाथ से मौसी के वो रसीले बूब्स पकड़ लिए।

मौसी बोली- क्या कर रहा है ये?

मैं बोला- मौसी, आपको छूने का बहुत मन है, आपको अच्छे से छू के देखना चाहता हूँ.

मौसी ने मान लिया और करने दिया।

 

मैं फिर मौसी के बूब्स को सहलाता रहा और मैं देखा कि मौसी ने आंखें बंद कर ली है, उनको अच्छा लगने लगा है। फिर मुझे महसूस हुआ कि मौसी ने हाथ से नीचे मेरा लन्ड पकड़ा हुआ है और वो भी उसको सहला रही हैं। तो मुझे भी मस्त लगने लगा और मैं मौसी के बूब्स को और जोर से दबाने लगा, फिर मौसी के बूब्स पर किस करने लगा.

 

मौसी ने आँखें खोली और मेरे लन्ड को वो भी जम के हिलाने लगी।

मैंने मौसी के होंठों पे अपने होंठ चिपका लिए और ऐसे ही उनके होंठों को चूमता और चूसता रहा और उनके बूब्स को कस के दबाता रहा। मौसी लगातार मेरा लंड हिला रही थी तो उनके हाथ में मेरा पहला पानी निकल गया।

 

फिर मौसी और मैं हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए राजी तो हो ही चुके थे तो हमने सेक्स करना शुरू किया।

मौसी ने मुझे कहा- ये सब किसी को कभी भी पता नहीं चलना चाहिए।

मैंने उन्हें भरोसा दिलाया और उनको फिर से किस किया।

 

फिर मौसी ने मुझे बेड पे लेटने को कहा और बोली- पहले कभी तूने सेक्स किया है?

तो मैंने उन्हें बता दिया कि मैंने आज तक सेक्स नहीं किया।

तो वो बोली- आज तेरा पहला अनुभव मैं बहुत अच्चे से करवाऊँगी।

 

फिर मैं लेट गया और वो ऊपर आकर मेरे लन्ड को चूमने और चूसने लगी।

कितना मजा आ रहा था उस वक्त क्या बताऊँ दोस्तो! मौसी ने चूस चूस के मेरा इतना कड़क खड़ा कर दिया और उसे हिलाती रही और मुझे बोली- अब रेडी हो जा।

फिर मौसी मेरे लन्ड पर बैठ गयी, मेरा लन्ड अपनी चूत पे रखा और एक जोरदार दबाव के साथ अपनी चूत में मेरा पूरा लन्ड ले लिया।

बहुत मस्त अहसास था वो।

 

फिर मौसी मेरे लन्ड पे बैठ के ऊपर नीचे होकर उछल उछलकर मुझसे चुदने लगीं। मैंने दोनों हाथ से उनके बूब्स पकड़े हुए थे और उनकी उछाल के साथ उनके दोनों चूचे जोर से दबा रहा था तो उन्हें और मजा आ रहा था और मुझे भी।

 

बहुत चोदने के बाद मौसी थक गई और लेट गई. फ़िर मुझे उनके ऊपर चढ़ कर चोदने को कहा, मैंने वैसे ही किया। फिर में उनके ऊपर लेट गया, मेरा लन्ड उन्होंने अपने हाथ से सेट करके चूत में टिका दिया फिर झटके के साथ मैंने फिरसे लन्ड उनकी चूत में डाला और फिर उन्हें आराम से चोदने लगा।

थोड़ी देर के बाद मैंने दोनों हाथ मौसी के बूब्स पे रखे और मौसी को बहुत जोर से चोदने लगा। मौसी के मुंह से भी कुछ आवाजें आ रही थीं- आह उफ्फ आह बेटा मजा आ रहा है और चोद उम्म्हअहहहययाहचोद चोद चोद मुझे जम के चोद।

वो बहुत मजा ले रही थी।

 

फिर हम दोनों झड़ गए और एक दूसरे को बांहों में लेकर होंठ से हाथ मिला के चूमते हुए लेटे रहे काफी देर तक।

 

तभी अचानक दरवाजे की घन्टी बजी, मेरी बहन आ गई थी। मौसी और मैंने जल्दी से कपड़े पहने और मौसी दरवाजा खोलने गयी। फिर हम तीनों ने बैठ के बातें की और रात में साथ में खाना खा लिया।

फिर सोने का टाइम आया।

 

मौसी ने मेरी बहन से कहा- ये आज मेरे कमरे में सो जाएगा क्योंकि तेरे पापा भी कुछ दिन बाहर गए हैं ना तो कुछ दिन ये यहां रुका है, तब तक मेरे रूम में सो जाया करेगा। बचपन में भी मेरे पास ही सोता था.

 

फिर दीदी सोने चली गयी उनके रूम में और मैं और मौसी उनके कमरे में आ गए। मौसी ने अपना गाउन खोल कर ब्रा पैंटी उतार दी और वापिस सिर्फ गाउन पहन लिया और मैंने सिर्फ चड्डी पहनी थी।

 

जब मेरी बहन ठीक से सो गई तो मौसी ने हमारे कमरे की लाइट बन्द कर ली और आकर बेड पर मेरे पास लेट गयी। हम बात करते रहे और थोड़ी देर बाद दोनों एकदम पास में चिपक के लेट गए। मैं मौसी के गाउन पे से ही उनके बूब्स दबाने लगा धीरे धीरे प्यार से!

मेरी चड्डी में लन्ड उभरा हुआ था तो मौसी भी मेरी चड्डी के ऊपर से ही मेरे लन्ड को प्यार से सहलाने लगी। उनके हाथ के स्पर्श से मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया और उन्हें पता चल गया तो मौसी ने मेरी चड्डी से लन्ड को ऊपर से बाहर निकाल लिया और पकड़ के हिलाने लगी। मैं उनके होंठों से चिपक गया और उनके लगातार छोड़े बिना लगातार चूसता रहा उनके होंठ।

 

अचानक कुछ आवाज आई और मौसी के रूम का दरवाजा खुला तो मौसी ने जल्दी से मेरा लन्ड वापिस चड्डी में डाल दिया और हम दोनों के ऊपर चादर डाल ली।

तभी लाइट जली, वो मेरी बहन थी। अच्छा हुआ उसने हमें उस हालात में नहीं देखा, उसको कुछ पता नहीं चला.

वो मौसी के रूम में पड़ी उसकी कोई चीज लेने आई थी तो मौसी ने उसे देकर वापिस उसके रूम में भेज दिया और इस बार मौसी ने रूम अंदर से लॉक कर दिया।

 

फिर उन्होंने मेरा लन्ड चड्डी से निकाला और जोर से चूसने लगी और फिर से उस रात हमने 2 बार और चुदाई करी।

 

उस दिन के बाद मौसी और मेरे सेक्स संबंध बन चुके थे। मैंने 8 दिन लगातार रोज मौसी से सेक्स किया जब तक मैं अभी वहाँ रुका था। फिर मैं अपने घर आ गया और वापिस मौसी के घर रहने जाने का मौके का इन्तजार करने लगा।

 

Share:

रिश्तेदार की शादी में बहन को चोदा

यह कहानी एक महीने पहले की है, जब हमारा पूरा परिवार गांव में एक शादी में शामिल होने के लिए गया था. वहां पर मेरी खाला (मां की बहन) के परिवार के लोग भी आए हुए थे. उनके साथ में उनकी लड़की जोकि मेरी ही उम्र की है, वो भी आयी थी. उसका नाम शबनम (बदला हुआ) था.

 

शबनम दिखने में कोई बहुत ज्यादा खूबसूरत तो नहीं थी, पर उसका बदन बड़ा ही खूबसूरत और मादक था.

 

जब मैंने उसे पहली बार देखा, तो मुझे उसके चेहरे को देख कर तो कुछ भी नहीं हुआ. मैं बस यूं ही खाला से बात करने लगा. शबनम पास में ही खड़ी थी.

 

तभी उसका दुपट्टा सरक गया और उसी पल मेरी निगाहें उसके मम्मों पर चली गईं. उसके चूचे वास्तव में बड़े मस्त थे. शबनम ने जो सूट पहना हुआ था, उसकी कुर्ती का गला कुछ ज्यादा ही गहरा था. जिस वजह से मुझे उसके भरे हुए मम्मों की दरार दिख गई.

 

उसने मेरी नजरें अपने मम्मों को देखते हुए देखीं, उसने झट से अपना दुपट्टा सही कर लिया. मैंने भी उनकी चूचियों से निगाहें हटा लीं.

 

हालांकि मैंने तो अब तक ये सोचा ही नहीं था कि इसे चोद पाऊंगा. पर उस दिन मेरी किस्मत में शायद यही लिखा था.

 

उस दिन शबनम ने जो दुपट्टा गिराया था, वो कोई संयोग से गिरा था या उसकी ही मर्जी से दुपट्टा उसके मम्मों से हटा था, ये मैं समझ नहीं पा रहा था.

 

इस घटना के बाद से मैं उसको कुछ ज्यादा ही घूरने लगा था और वो भी मेरे साथ बात करने का एक भी मौक़ा नहीं छोड़ रही थी. शायद उसे मुझसे कुछ मिलने की उम्मीद हो गई थी.

 

शादी में हम सभी ने बहुत मस्ती की. शादी में जब हम लोग डांस कर रहे थे, तब मेरी बहन शबनम, मुझसे बहुत ही चिपक रही थी. मैंने उसे ज्यादा भाव नहीं दिया और शादी में अपनी मस्ती में लगा रहा.

 

देर रात में शादी के बाद दुल्हन को विदा किया गया. विदाई के बाद हम सब घर पर आ गए. रात काफी हो चुकी थी, तो मैं एक कमरे में आया. उधर कोई नहीं था. मैं सीधा बिस्तर पर लेट गया.

कुछ ही मिनट हुए होंगे कि उधर मेरी बहन शबनम भी आ गई. मुझे लेटा देख कर वो मेरे बगल में बैठ गई.

थोड़ी देर शांत रहने के बाद मैंने ही उससे पूछा- कैसी रही शादी?

 

उसने मेरी तरफ देखा और कहा- क्यों तुम शादी में नहीं थे क्या? जो मुझसे पूछ रहे हो?

मैंने कहा- मैं था तो पर मेरा ध्यान कहीं और था.

शबनम- अच्छा कहां ध्यान था तुम्हारा? कहीं किसी को पटाने के चक्कर में तो नहीं थे न!

‌मैं- नहीं यार पटाता किसे तुमसे ज्यादा खूबसूरत कोई लगी ही नहीं.

 

शबनम- अच्छा जी अब कोई और मिला नहीं क्या जो मुझ पर डोरे डाल रहे हो?

मैं- मिला होता, तो अभी उसके साथ होता तुम्हारे साथ नहीं.

शबनम- अच्छा..! क्या करते उसके साथ रह कर?

‌मैं- वही, जो आज शादी की रात को होने वाला है. दोनों पति पत्नी के बीच में..

‌शबनम- अच्छा मतलब तुम्हें पता है क्या होता है शादी की पहली रात को?

‌मैं- हां क्यों तुम्हें नहीं पता है क्या कहो तो बता देता हूं.

‌शबनम- अच्छा जी, अब अपनी बहन को ही सिखाओगे.

मैं- मैं तुम्हें क्या सिखा सकता हूँ तुम्हारी बात से लग रहा है कि तुम सीखी सिखाई हो.

 

शबनम एकदम से मुझे मारने को हुई. मैं हंसता हुआ एक तरफ सरक गया और वो मेरे पहलू में गिर गई.

 

वो आधी उठते हुए बोली- तुम्हें मालूम भी है कि आज क्या होता है?

‌मैं- इसका मतलब तुम्हें पता है कि आज रात में क्या होता है. तुम तो सीखी हो ही ना.

‌शबनम मुस्कुराते हुए बोली- हां मुझे पता तो है पर सीखी से क्या मतलब है मैंने कभी कुछ किया ही नहीं है.

मैं- तो करना है? यदि करना हो तो बताओ तुम्हारी वो इच्छा भी पूरी कर सकता हूँ.

 

‌शबनम ने मेरे पहलू में लेटते हुए कहा- करने का मन तो है पर मैंने सुना है उसमें बहुत दर्द होता है.

‌मैंने उसे अपनी तरफ आने की जगह देते हुए कहा- तुम फ़िक्र मत करो, मैं बहुत आराम से करूँगा.

शबनम ने मेरे चेहरे पर अपनी एक उंगली फिराते हुए कहा- पर किसी को पता चल गया तो?

‌मैंने भी उसकी बांह को सहलाते हुए कहा- क्यों तुम किसी को बताने वाली हो क्या?

‌शबनम- मेरे चेहरे पर अपनी गरम सांस छोड़ते हुए बोली- ना जी ना मैं क्यों किसी को बताने जाउंगी मरना है क्या मुझे.

 

मैंने उसे थामा और कुछ इस तरह से मसला कि उसकी कसक महसूस होने लगी. मैंने कहा- तो फिर बाहर देख कर आओ सब सो गए क्या या नहीं और आते समय कुण्डी लगा कर आना.

 

वो बिना कुछ बोले उठी और सीधा बाहर निकल गई. तकरीबन 5 मिनट में पूरे घर का चक्कर लगा कर वापस आ गई.

 

कमरे में आते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया और मेरे साथ बिस्तर पर आ गई.

 

मैं- क्या हुआ? कोई जाग रहा है क्या?

‌शबनम- नहीं शादी में सब काफी थक चुके थे, तो सब सो गए हैं.

‌मैं- तो देर किस बात की है शुरू करें?

 

मेरे इतना कहते ही शबनम मेरे गले से लग गई और मुझे चूमने लगी. उसके पतले होंठ मुझे बहुत ही मुलायम लग रहे थे. कुछ देर चूमने के बाद मैंने उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा.

 

असल में मैंने कभी सेक्स नहीं किया था. उसकी गांड पर हाथ लगाते ही वो मुझसे दूर हो गई और मेरी आंख में देख कर मुस्कुरा दी. मैंने उसे आंख मारी तो वो मुझे फिर से चूमने लगी. मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी.

 

उसने लहंगा चोली पहनी थी. मैंने भी धीरे से उसकी चोली की डोरी खोल दी और उसे अपने नीचे लिटा कर उसका ब्लाउज उतार दिया. चोली हटते ही उसकी ब्रा में कैद उसके दोनों मम्मे मेरी निगाहों से खेलने लगे. मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी.

 

उसके उभरे हुआ स्तनों को देख कर मेरे तो होश उड़ गए. इतने सख्त और गोल थे कि मानो दूध से भरे हुए हों. उसके मम्मों के ऊपर डार्क काले कड़क निप्पल उन पर चार चांद लगा रहे थे. मैंने कड़क निप्पल देखते ही एक को अपने मुँह में भर लिया और दूसरा निप्पल मय चूचे के हाथ से मसलने लगा.

 

मुँह से निप्पल लगाते ही उसके मुँह से एक लंबी अहहनिकल गई. दो मिनट निप्पल चूसने के बाद मैं उठा और सीधा उसके लहंगे का नाड़ा खोल कर खींचते हुए निकाल दिया. उसकी चिकनी टांगों के बीच में त्रिभुज जैसे छोटी सी पैंटी के अन्दर उसकी फूली सी चुत छिपी थी.

 

मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ लगाया, तो उसने अपनी कमर उठा दी और गर्दन टेड़ी करके एक और आह. भरी और उसकी सांसें तेज होने लगीं. उसकी ये हालत देख कर में मैंने उसकी बुर से हाथ हटा लिया.

 

चुत से हाथ हटाते ही उसने मेरी तरफ देखा और कहा- मुझे तो नंगी कर दिया अब अपने भी कपड़े उतारो न.

मैंने हंसते हुए उसकी चूची को मसला और कहा- साफ़ क्यों नहीं कहती मेरी जान कि लंड दिखाओ.

वो मेरे सीने पर मुक्का मारने लगी और हंसते हुए उसने हामी भर दी.

 

मैंने- हामी भरने से काम नहीं चलेगा. मुँह से कहना पड़ेगा.

उसने कहा हां देखना है.

मैंने कहा- क्या देखना है.

वो मुँह ढकते हुए बोली- लंड देखना है.

 

मैं एकदम से खड़ा हो गया और जल्दी जल्दी अपने सारे कपड़े निकाल कर सिर्फ चड्डी में उसके सामने बैठ गया.

उसने कहा- ये क्या? अपनी चड्डी तो उतारो?

मैंने कहा- तुम्हीं उतार दो.

 

इतना सुनना था कि उसने मेरी चड्डी पर हाथ रख कर कहा- हाय आज तो मेरी चूत फटने वाली लगती है.

 

ये कहते हुए उसने मेरी चड्डी उतार दी. मेरा 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड देख कर बोली- मां कसम यार इतना बड़ा मुझे लगा था कि 5 इंच होगा पर तुम्हारा तो बहुत बड़ा है.

मैंने कहा- हां ये मेरा ही लंड है किसी घोड़े का नहीं है. अब जल्दी से चूस कर इसे टाईट कर दो.

 

उसने झट से मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. लंड चूसने से मैं तो मानो जन्नत में था. मुझे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

मैंने उससे कहा- अब सीधी लेट जा, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मुझे चूत चोदने दे.

 

वो भी गर्म थी झट से सीधी लेट गई और टांगें चौड़ी करते हुए बोली- प्लीज़ भाई धीरे करना वरना दर्द बहुत होगा.

मैंने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और उसकी पेंटी उतार दी.

 

मैंने जब उसकी चूत देखी, तो वो बहुत ही काली थी और उस पर काफी बाल थे.

 

मैंने इस सबसे दिमाग लगाना छोड़ा और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसकी चूत पर सुपारा रख दिया. उसने सुपारे की गर्मी को महसूस किया, तो एक मादक सिसकारी भरी.

मैंने एक पल के लिए उसके चेहरे की ओर देखा, तो वो आंख बंद किए हुए बस लंड का इंतज़ार कर रही थी.

 

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर एक जोरदार झटका दे मारा. मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतरता चला गया. उसकी आंखों में दर्द से आंसू निकल आए, वो चीखना चाहती थी. मगर मैंने होंठ दबा रखे थे, इस वजह से वो चिल्ला ही नहीं पाई. लेकिन उसकी कसमसाहट इतनी अधिक थी कि यदि मैं उसको जकड़े हुए न होता, तो वो मुझसे छूट जाती.

 

मैंने अपना आधा लंड कुछ मिनट तक उसकी चूत में रोके रखा. उसके बाद देखा कि वो कोई तरह की प्रक्रिया नहीं कर रही है तो मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकालने की कोशिश की.

उसने फिर से एक आह भरी.

 

मैं रुक गया और दुबारा से एक धक्का दे मारा. मेरा 6 इंच लंड उसकी चूत में घुस गया था. उसने गूं गूं करते हुए इशारे से कहा- बस और इससे ज्यादा नहीं वरना मर जाउंगी.

 

मैंने कुछ नहीं कहा बस लंड अन्दर बाहर करने लगा. इस बीच मेरे होंठ उसके मुँह से हट गए थे और उसकी दर्द भरी कराहें निकलना शुरू हो गई थीं.

 

वो मुझसे धीरे करने की कहे जा रही थी. मगर मैं अपनी मस्ती में उसकी कुंवारी बुर फाड़ने में लगा हुआ था.

 

पांच मिनट बाद उसने गांड उठाते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया. अब उसने कहा- आह थोड़ा जोर से करो. मजा आ रहा है.

मैंने धक्के तेज कर दिए.

 

अगले आठ दस मिनट तक उसकी टाइट चूट मारते मारते मैंने उससे कहा- अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ.

 

उसने अपना सर हां में हिला दिया. मैंने बिना लंड निकाले, उसे अपने ऊपर लिया और अब वो मेरे ऊपर आ गई थी. वो मेरे लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी. मैं उसके दूध चूसता हुआ अपनी गांड उठा उठा कर उसकी बुर को भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था. ऐसे ही हम लोगों में कोई बीस मिनट तक चुदाई चलती रही.

 

मैं जब झड़ने को हुआ, तो मैंने उससे बोला- मेरा निकलने वाला है.

उसने कहा- मेरे अन्दर ही निकाल दो.

इतना सुनते ही मेरा रस निकल गया और वो भी साथ ही में झड़ गई.

 

चुदाई के बाद 10 मिनट तक हम लोग शांत रहे और चिपक कर लेटे रहे.

 

मैंने उससे पूछा- मैंने तुम्हारे अन्दर अपना रस गिरा दिया है, कहीं तुम पेट से हो गई तो?

उसने कहा कि तुम फ़िक्र मत करो मैं आईपिल ले लूंगी.

 

मैंने उससे पूछा- तुमने तो कभी सेक्स किया नहीं था फिर तुम्हें ये सब कैसे पता?

उसने कहा कि मैंने कामुक्ताज डॉट कॉम पर बहुत सारी हिंदी सेक्स कहानी पढ़ी हैं और पोर्न भी देखी है तो मुझे पता है.

 

मैंने कुछ नहीं कहा. दस मिनट बाद हमने फिर से एक बार सेक्स किया और सो गए.

 

अगले दिन उसने मुझे अपना मोबाइल नम्बर दिया और अपने घर चली गई. 

Share:

छोटी बहन को पापा से चुदवाया

छोटी बहन को पापा से चुदवाया

2 दिनों तक शिखा (मेरी छोटी बहन) और मैं चुदाई के चक्कर में शिखा की चूत की कली खिलने से जो खून निकला उस चादर को हम बदलना भूल गये और माँ पापा शादी से लौट आये।

चादर देख माँ बोली- चादर पर ये क्या लगा है?

तो शिखा तो सहम गयी.

पर मैंने कह दिया- माँ, वो कल रात लाल रंग गिर गया ड्राइंग करते समय।

तो माँ तो मान गयी.

पर पापा हमें शक की निगाहों से देख रहे थे।

खैर पापा और माँ थकान की वजह से वहां से चले गये।

जाते ही शिखा बोल पड़ी- पापा को शक हो रहा है भैया!

मैंने कहा- हाँ, मुझे भी पता है।

शिखा- तो अब क्या करें भैया?

फिर मैंने उसे समझाया कि शिखा अगर यूं ही पापा को शक रहा तो हम चुदाई नहीं कर पाएंगे, इसका सिर्फ एक ही हल है।

शिखा- क्या?

अगर तू पापा को भी अपने इस जवान जिस्म का मजा चखा दे और अपनी चूत का उन्हें दीवाना बना दे तो काम बन जायेगामैंने कहा।

शिखा- भैया आप पागल हो, क्या कोई बेटी अपने बाप से चुदवाती है?

 

फिर मैंने उसे अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी साईट पर पर स्टोरी पढ़ने को कहा और कुछ बाप-बेटी पोर्न दिखाई।

तो वो बोली- रुको सोचने दो।

 

मैंने कहा- ठीक है, तू शाम तक बता.

 

तब तक मैं छोटा कैमरा ले आया और माँ पापा के कमरे में लगा दिया।

 

शाम को खाने के बाद माँ पापा सफर की थकन के कारण जल्दी ही सो गए.

और फिर मैं शिखा के पीछे रसोई में चला गया. वहां वो सिंक के पास खड़े होकर बर्तन साफ कर रही थी. उसने टॉप और लैगी पहना था और लैगी पीछे से अंदर तक उसकी गांड में घुस गयी थी जिससे मेरी बहन की गांड उभर के आ रही थी.

 

यह देखकर मेरा मन उसे चोदने को हुआ और मैंने उसे पीछे से जाकर कस के जकड़ लिया. वो भिंच गयी और कहा- मुझे काम करने दो!

पर मैंने अपना लण्ड उसकी गांड की गहराई तक घुसा दिया और पीछे से ही उसके दूध निचोड़ने लगा और पूछा- तो बहन तूने क्या सोचा है जो तुझे सुबह कहा था?

शिखा ने कहा- भैया आप सही थे, मुझे भी अब पापा का लण्ड चाहिए. उसे मैं चूस कर उसका रस पीना चाहती हूँ जैसे और बाकी लड़कियों को भी उनके पापा का लण्ड मिला है।

 

मैं समझ गया कि बाक़ी लड़कियां मतलब सुबह जो कहानी और पोर्न दी थी उसकी बात कर रही है।

 

मैंने कहा- हाँ मेरी छोटी बहन, मैं भाई होने के नाते तेरी सारी इच्छा पूरी करूँगा।

और मैंने उसकी लैगी और पैंटी घुटनों तक सरका दी और पीछे से ही उसकी चूत में लण्ड सेट किया और चुदाई करने लगा।

 

फिर थोड़ी देर बाद मैं झड़ने लगा तो शिखा से बताया.

तो वो बोली- नीचे मत गिराना!

और जल्दी से घूम कर नीचे झुक कर मेरी बहन ने लण्ड को मुंह में ले लिया. उसने नाजुक से कोमल होंठों से जैसे ही लण्ड पर सहलाया, मेरी तेज़ी से धार निकल पड़ी और उसने सारा पानी पी गयी।

 

मैंने शिखा से कहा- अब तू पापा को अपनी मटकती गांड दिखा और थोड़े ढीले ज्यादा गले के टॉप पहन के घूम घर में! पापा भी एक मर्द हैं, देखना उनके मन में भी बेटी के लिए वासना जरूर जागेगी।

 

कुछ दिन बाद, मैंने कैमरा निकाला. शिखा और मैंने हर रात की फुटेज देखी और जिसमे पापा ने एक बार भी माँ को नहीं चोदा, कई बार पापा ने कोशिश की पर माँ ने हाथ झटक दिया।

 

शिखा और मैं खुश हुए कि अब पापा को अब उनकी बेटी की चूत मिलेगी। फिर शिखा वहाँ से चली गयी और मैं दिन के समय की भी रिकॉर्ड हुई फुटेज देखने लगा.

 

तभी मेरी नज़र वीडियो में माँ पर पड़ी जो सिर्फ एक तौलिया लपेटकर बाथरूम से आ रही थी. दोस्तों ऐसा भरा पूरा बदन देखकर मेरा मन हिल गया.

 

मेरी माँ का फिगर 34 32 34 होगा मुझे पता नहीं, पर उनका रंग गोरा है बिल्कुल मेरी बहन के तरह या ये कहूँ कि मेरी माँ की चूत भी शिखा की तरह ही बिल्कुल गोरी होगी जिसमें चूतड़ों के बीच से गुलाबी रंग निखर रहा होगा।

 

मेरे मन में माँ के लिए वासना जाग उठी और सोचा घर में ही एक चूत और है और मैं फालतू में ही शिखा के लिए तरसता हूँ। मैं माँ को नँगी देखना चाहता था इसलिए मैंने इस बार बाथरूम में कैमरा लगा दिया।

 

फिर 2 दिन बाद मैंने कैमरे से फुटेज देखी. पर कैमरे में तो कुछ और ही रिकॉर्ड हुआ था मैंने तुरन्त शिखा को रिकॉर्डिंग दिखायी।

उसमें हम भाई बहन ने देखा कि पापा अपनी बेटी शिखा की उतारी हुई ब्रा और पैंटी को सूंघ रहे हैं और उससे अपना लण्ड रगड़ रहे हैं. फिर उन्होंने उसमें अपना सारा माल निकाल कर वहीं छोड़ दिया।

 

अच्छा तो ये मलाई पापा की थी.शिखा फुसफुसायी।

मैंने पूछा- मतलब?

शिखा- अरे भैया, मतलब मैंने देखा तो था अपनी पैंटी पर ये वीर्य! पर मुझे लगा कि ये आपने किया होगा इसलिए मैंने आपको नहीं बताया। पर भैया पापा का लण्ड देखो न तुमसे बड़ा है मुझे उसे चूसना है।

 

मुझे थोड़ी जलन हुई और मैंने कहा दिया- चल जा यहां से अपना काम कर! बड़ी आयी पापा का लण्ड लेनी वाली।

शिखा मुस्कुरायी और चली गयी।

 

और मैंने जो असली काम के लिए कैमरा लगाया था वो फुटेज देखने लगा।

 

मैंने देखा माँ नंगी होकर ही नहाती है पर माँ की चूत में थोड़े बाल थे जिसे वो साफ़ कर रही थी. मुझे उन्हें वीडियो में नंगी देखकर बस ऐसा मन किया कि अभी रसोई में जाऊ और उनकी साड़ी उठाकर घोड़ी बनाकर चुदाई कर दूँ.

 

पर मैं ऐसा नहीं कर सकता था इसलिए बाथरूम में गया और मैंने उनका वीडियो देखकर उनकी अभी वाली धोने के लिए उतारी पैंटी को सूंघने और चाटने लगा.

मुझे वो खुशबू बहुत मादक लग रही थी और पैंटी से थोड़ा थोड़ा उनकी चूत का पानी का भी स्वाद आ रहा था.

 

दोस्तो, अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो बस एक बार करके देखो.

 

मैं मुठ मारकर बाथरूम से बाहर आया और दोपहर का खाना खाते हुए माँ के बोबे और गांड ही देख रहा था।

 

यह बात मैंने शिखा को नहीं बतायी कि माँ को मैं चोदना चाहता हूँ. न जाने वो क्या सोचे।

 

फिर खाना खाते हुए पापा ने कहा- कल मेरी छट्टी है, चलो घूमने चलते हैं।

पर माँ बोली- नहीं, कल मैं कविता(माँ की सहेली) के साथ बाहर जा रही हूँ, शाम तक ही लौटूंगी।

 

मुझे मौका अच्छा लगा और मैंने भी कह दिया- कल मेरी भी एक्स्ट्रा क्लास है तो घूमना नहीं हो पायेगा।

 

तभी शिखा समझ गयी और मेरी तरफ देखकर मुस्कुरायी। शायद शिखा समझ गयी की कल ही उसे पापा का लण्ड मिलेगा।

 

फिर मैंने रात में शिखा को समझा दिया की कल माँ तो रहेगी नहीं, तुझे ब्रा और पैंटी नहीं पहनना है बस ऊपर एक पतली सी समीज पहन ले और नीचे नेट वाली ओढ़नी लपेट ले।

ठीक है भैया!शिखा ने शर्माकर कहा।

 

दूसरे दिन 12 बजे

पापा हॉल में टीवी के सामने सोफे पर बैठे थे, उनका न्यूज़ देखने का समय यही था.

तभी मैंने शिखा को आवाज़ दी- शिखा, मैं जा रहा हूँ क्लास में! बाय!

और मैं चुपके से हाल वाली खिड़की पर चला गया।

 

तभी शिखा मुझे बाय बोलने हॉल में आयी और पापा ने उसकी तरफ देखा और देखते ही रह गये.

पापा ने अपनी नज़रें हटाई और टीवी ऑन किया.

 

पर मैंने टीवी पर बाप बेटी चुदाई हिंदी साउंड पर पोर्न लगा रखी थी जो फुल साउंड पर चलने लगी. उसमें आवाज आ रही थी- पापा मुझे चोदो और जोर जोर से चोदो, फाड़ डालो इस आपकी ही दी हुई अमानत को!

 

ऐसी आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी.

 

तभी पापा और शिखा दोनों टीवी बन्द करने झपटे. पर शिखा पापा के ऊपर गिर गयी जिससे उसकी ओढ़नी खुल गयी और पंखे की वजह से दूर उड़ गई।

 

शिखा पापा के ऊपर ऐसे ही नंगी पड़ी रही.

 

और अब तक पापा का 7 इंच लण्ड भी टनटना चुका था जो पैंट के अंदर से ही शिखा की चूत पर गड़ रहा था और इधर पोर्न टीवी पर आवाज़ के साथ चालू ही थी।

पापा ने शिखा से कहा- उठो।

पर शिखा ने पापा का लण्ड पकड़ते हुए बोला- ये गड़ रहा है।

 

शिखा के मुलायम हाथ पापा के लण्ड के ऊपर पापा को एकदम भारी उत्तेजना हुई.

पापा ने उसे उठाया और अपनी पैंट खोल कर कच्छा नीचे करते हुए कहा- तुम्हें बेटी ये चुभ रहा है. और इसे लण्ड कहते हैं।

शिखा ने आँखें बंद कर ली.

 

तभी पापा ने शिखा की समीज उतारकर उसे पूरी नंगी कर दिया और उसे हाथ पकड़कर सोफे बैठा दिया.

फिर पापा ने अपनी बेटी से कहा- देखो टीवी पर जो हो रहा है, इसे सेक्स कहते हैं।

शिखा ने कहा- मुझे सब पता है पापा।

 

तो पापा खुश हो गए और बोले- चलो तो फिर!

और शिखा की दोनों टांगें उठाकर फैलायी और अपना लण्ड चूत पर सेट किया और शिखा को चोदने लगे।

 

बड़े लण्ड की वजह से शिखा चिल्ला रही थी. तब भी पापा नहीं रुके और चोदते रहे. फिर थोड़ी देर बाद मेरी रांड बहन उछल उछल कर चुदवाने लगी और कहने लगी- पापा, मुझे आपका लण्ड चूसना है प्लीज।

पापा ने अपना लण्ड बेटी की चूत से निकाला और उसके मुंह में दे दिया।

 

शिखा बहुत मज़े से चूस रही थी, पूरा लण्ड मुंह में ले रही थी।

 

कुछ देर बाद पापा बोले- हट, मुझे झड़ना है.

तो मेरी रंडी बहन ने कहा- मुझे पिलाओगे नहीं क्या पापा?

पापा मुस्कुरा दिये और कहा- ठीक है.

और अपनी बेटी शिखा के मुंह में सारा माल दे दिया और शिखा पूरा चाट चाट कर पी गयी।

 

शायद शिखा को मुठ पीने में मज़ा आने लगा है।

 

तभी उनके बीच दूसरा राउंड शुरू हुआ.

 

पापा अपनी बेटी शिखा को चोद ही रहे थे कि मैं वहां हाल में चला गया जहां बाप बेटी की चोदन क्रिया चल रही थी।

 

पापा मुझे देखकर चौंक गये और शिखा को भी अंदाज़ा नहीं था। पापा ने कहा- बेटा, तुम जल्दी आ गये?

यही सही मौका था मैंने पूछ ही लिया- आप अपनी बेटी को चोद रहे हैं? माँ को चोदने को नहीं मिलता क्या?

 

पापा ने कहा- बेटा, मैं तेरी माँ को बिना कंडोम के चोदना चाहता हूँ पर तेरी माँ कहती है कंडोम लगाओ. इसी अनबन के बीच में तेरी माँ को चोद नहीं पा रहा।

 

फिर पापा मुझे सॉरी सॉरी कहने लगे।

 

तभी शिखा आगे आयी और बनकर कहा- भैया अगर आप भी मुझे चोदना चाहते हो तो चोद लो. पर माँ को मत बताना।

 

फिर क्या था, मैंने पैंट उतारी और अपनी बहन की चुदाई ज़ोर ज़ोर से करने लगा. आखिर इतने देर से देखने के बाद मुझसे रहा नहीं जा रहा था।

 

मेरे और शिखा के झड़ने के बाद हमने रेस्ट लिया।

 

पर पापा कहाँ मानने वाले थे, वो शिखा के बदन का हर हिस्सा चूम रहे थे बोबे, चूत, गर्दन गांड कलाई पेट सब कुछ।

फिर मैंने पापा से कहा- हम साथ में चोदें?

शिखा डर गयी- नहीं बाबा!

वो नहीं नहीं करने लगी।

 

पर पापा ने समझाया कि बेटी बस थोड़ा सा दर्द होगा, फिर मज़े ही मज़े।

 

तो मैं लेट गया. मेरे ऊपर शिखा आ गयी. मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड घुसेड़ दिया.

अब बारी पापा की थी, पापा ने तेल डाला पहले बेटी की गांड में फिर अपने लण्ड में लगाया।

 

मैंने शिखा के होंठों को अपने मुंह में भर लिया ताकि वो चिल्लाये न!

फिर पापा ने अपनी बेटी की गांड में धीरे धीरे लंड डालना शुरू किया।

शिखा छटपटाने लगी.

 

पर पापा ने अपना आधा लण्ड अंदर डाल दिया और हम थोड़ी देर रुक गए।

शिखा की आँखों में आँसू थे.

 

फिर जब हम नॉर्मल हुए तो पापा ने एक झटके और दिया और पूरा लण्ड अंदर कर दिया.

इस बार शिखा चीख पड़ी- मार डाला रे दोनों बाप बेटे ने मिल कर।

 

फिर कुछ देर बाद मेरी बहन नार्मल हुई और हमने खूब चुदाई की. शिखा बहुत थक गयी और वो कमरे में चली गयी और सो गई।

 

माँ आयी शाम को 6 बजे।

शिखा कहाँ है?” माँ ने पूछा।

उसकी तबीयत खराब है, खाना उसको कमरे में दे दूंगा आज मैं!पापा ने कहा।

 

रात को खाना खाने के बाद माँ सोने चली गयी।

 

मैं और पापा बाहर टहल रहे थे. तभी अचानक पापा बोल पड़े- मैं शिखा के रूम में जा रहा हूँ, तू तेरी माँ पर नज़र रख।

मैं बोला- मैं उन्हीं के साथ सो जाता हूं. अगर माँ उठी तो मैं तुरंत आपको काल कर दूंगा।

पापा बोले- ठीक है. और चले गए. 

Share:

XVASANA - Antarvasna Sex Stories in Hindi fonts