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शादीशुदा सगी बहन को मस्ती से चोदा

इस स्टोरी में यह बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी सगी बहन को जो कि शादीशुदा है और दो छोटे बच्चो की माँ है मैंने कैसे उसकी मर्ज़ी से मस्ती के साथ उसे चोदा.. यह मेरा वादा है कि स्टोरी के आखरी तक सभी लड़के अपनी मुठ मार रहे होंगे और लड़कियां अपनी प्यारी सी चूत में उंगली कर रही होगी. अब में अपनी स्टोरी शुरु करने से पहले अपने और अपनी फेमिली के बारे में कुछ विस्तार से बता देना चाहूँगा. मेरा नाम अंकित है और में मेरी उम्र 20 साल है..

शादीशुदा सगी बहन को मस्ती से चोदा

मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच है और में बिल्कुल भी झूठ नहीं बोल रहा.. मेरे पापा की उम्र 65 साल और मेरी मम्मी की उम्र 60 साल है. मेरी दो बड़ी बहनें है और में घर में सबसे छोटा हूँ इसलिए मुझे सबका बहुत प्यार मिलता है. मेरी एक बहन 40 साल की है और दूसरी बहन 34 साल की और मेरे सेक्स संबंध दूसरी बहन के साथ बने.. उसका नाम शिवानी है और उसका पति एक प्राइईट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर नौकरी करता है.

 

दोस्तों जब में छोटा था तब शिवानी की शादी हुई.. मेरी उससे बहुत बनती थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मुझे उसकी शादी के बाद बहुत दुख हुआ और में बहुत रोया. फिर जैसे जैसे में बड़ा होता गया मेरा प्यार मेरी बहन के लिए सेक्स के नाम में बदल गया और में उससे सेक्सी लेडी के रूप में देखने लगा. अब में थोड़ा बहुत शिवानी के बारे में बताना चाहूँगा.. उसकी उम्र 34 साल है और उसकी हाईट 5.3 है और वो बहुत ही मस्त और उसका सेक्सी शरीर है उसके बूब्स 38 कमर 34 और कुल्हे 39 है.. कुल मिलाकर देखा जाए तो वो एक बहुत ही सेक्सी औरत है और किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है. एक साल पहले हमे पता चला कि मेरे जीजा जी का किसी दूसरी लड़की के साथ बहुत समय से चक्कर है और उनके नाजायज संबंध भी है और यह बात मालूम पड़ने पर घर में सभी लोगों को बहुत टेंशन होने लगी और मेरी बहन भी बहुत दुखी रहने लगी.. उसके दो बच्चे है एक लड़का 6 साल का और एक लड़की 4 साल की.

 

फिर में हमेशा से उसकी बेटी को बहुत प्यार करता हूँ तो जब हमे जीजा जी के रिलेशन का पता चला तो हमने उसके परिवार से बात की.. लेकिन हमे कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला और बस अब तक तो सब कुछ सही चल रहा था.. लेकिन अब वो मेरी बहन को हाथ भी नहीं लगाता और यह बात मेरी बहन ने मुझे बाद में बताई. फिर में अपनी बहन को पिछले 1.30 साल से चोदने का बहाना खोजने की कोशिश में लगा हुआ था और जब भी मेरी बहन हमारे घर पर रहने आती थी तो में छुपकर उसके बूब्स देखा करता था और उसकी पेंटी को हाथ में लेकर मुठ मारता था और पेंटी की चूत वाली जगह को मुहं में लेकर चाटता था और मुझे उसकी चूत की खुश्बू बहुत अच्छी लगती थी और मुझे बहुत बार मेरी बहन ने उसके बूब्स को घूरते हुए देखा था..

 

लेकिन उसने मुझे कभी कुछ नहीं बोला और इसे में उसकी तरफ से एक हरी झंडी समझने लगा. फिर 6 महीने पहले मेरे पापा की तबियत खराब हो गई और वो मोहाली के हॉस्पिटल में भर्ती हुए तो माँ को भी उनके साथ रहना पड़ा और में भी साथ में हॉस्पिटल गया और हमारे घर पर शिवानी अपने दोनों बच्चो के साथ घर को संभालने के लिए रहने आ गई. फिर उन दिनों मेरी पढ़ाई के पेपर चल रहे थे 3rd सेमेस्टर के.

 

वो दिसम्बर का समय था तो में एक दो दिन में ही पापा को भर्ती करवा कर हॉस्पिटल से वापस घर पर आ गया और जब में घर पर आया तो कुछ देर बाद मेरी बहन नहाकर बाथरूम से बाहर आई और सीधी मेरे रूम में चली आई. दोस्तों उस समय में उसे देखता ही रह गया.. उसने लोवर और एक पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी और उसकी टी-शर्ट उसके बूब्स से पानी की वजह से चिपक गई थी. तो मेरा लंड यह सब देखकर खड़ा हो गया और बहुत मुश्किल से मैंने उसे छुपाया और फिर वो कुछ सामान लेकर मेरे रूम से चली गई. फिर रात को खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे हमारे घर में तीन बेडरूम है.

 

एक मेरा एक मेरे माता पिता का और एक मेहमानों का रूम. फिर में अपने रूम में आ गया और मेरी बहन अपने दोनों बच्चों के साथ मम्मी, पापा के रूम में सोने चली गई. उस रात मुझे बिल्कुल नींद नहीं आई और मैंने अपनी बहन के नाम की तीन बार मुठ मारी.. अगली सुबह मेरे कॉलेज की छुट्टी थी उस दिन कोई भी पेपर नहीं था. तो में थोड़ा देरी से उठा और नहाकर नाश्ता किया और अपनी छोटी भांजी के साथ खेलने लगा मेरी बहन भी मुझसे बातें कर रही थी.. उसने सलवार कमीज़ पहना था वो बार बार हंस रही थी तो मेरे पूछने पर कि तुम बार बार हंस क्यों रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं वैसे ही.

 

खैर फिर लंच टाइम हुआ तो लंच करके में अपने रूम में आ गया और बेड पर लेट गया. मेरा लंड फिर से मचलने लगा और में मेरी बहन के नाम की मुठ मारने लगा. उस वक़्त मेरी बहन दूसरे रूम में अपने दोनों बच्चो को सुला रही थी. तो मुझे बिल्कुल भी इस बात का ध्यान ही नहीं रहा और में मस्ती से धीरे धीरे उसका नाम लेते हुए मुठ मारने लगा. जैसे ही मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने अपनी दोनों आंखे बंद कर ली और उसका नाम लेकर ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और जब मेरा पानी निकला तो मैंने थोड़ा अच्छा महसूस करके अपनी आंख खोली तो देखा कि मेरी बहन दरवाजे के पास खड़ी सब कुछ देख रही है और तब मुझे याद आया कि में दरवाजा बंद करना ही भूल गया था. तो मेरी बहन मेरे पास आई और उसकी नजरें मेरे आधे खड़े हुए लंड पर टिकी थी.

 

उस समय मेरा लंड 8.5 इंच का लटका हुआ था. फिर वो बोली कि क्यों तुम मेरे नाम की मुठ मारते हो? तो में बोला कि सॉरी दीदी अब कभी भी नहीं करूंगा और में बहुत डर गया था और मेरा लंड 8.5 इंच से सिकुड कर 4.5 इंच का रह गया था. तभी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और बोली कि तो क्या हुआ तू अब जवान हो गया है और यह अहसास हम सभी में होता है और फिर थोड़ा आगे बड़ी और धीरे से मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तेरा तो तेरे जीजा जी से भी बहुत बड़ा है.

 

तो उसकी बातों और कोमल हाथ के स्पर्श से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मुझमें एक अलग सा अहसास आने लगा और में आहह आह करने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगी.. में धीरे धीरे उसके गालों पर किस करने लगा और अपने हाथ से उसके 38 साईज़ के मोटे मोटे बूब्स दबाने लगा और अब उसे भी मस्ती आने लगी और उसने मुझे होंठ पर किस करने शुरू कर दिए. में भी उसकी किस का जवाब देने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा. ऐसा हम दस मिनट तक करते रहे फिर में बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपनी बहन की कमीज़ उतारने लगा.. लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अपनी कमीज़ उतारने में मेरी मदद करने लगी.

 

अब मेरे सपनों की रानी मेरी सग़ी बहन मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और सलवार में बेड पर बैठी थी. तो में उसे किस करने लगा और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेटकर किस करने लगा. वो भी मेरा लंड मसल रही थी. फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा उतार दी और उसके बड़े बड़े बूब्स एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे को मुहं में लेकर चूसने लगा उसके निप्पल हल्के भूरे कलर के थे और वो बहुत सख्त हो चुके थे. फिर वो अपना एक हाथ मेरे बालों में घुमा रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपने बूब्स पर दबा रही थी..

 

वो आहह आह्ह्ह और ज़ोर से चूस अपनी बहन का दूध बोल रही थी. फिर वो बोली कि कल रात को मैंने तुझे मेरे नाम की मुठ मारते हुए देखा था. तो यह बात सुनकर में और भी गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा तो वो बोली कि थोड़ा आराम से कर दर्द होता है.. तो मैंने धीरे धीरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. तभी वो बोली कि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता जल्दी से मुझे चोद दे मेरा बहुत मन कर रहा है पिछले एक साल से तेरे जीजा ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया. तो में यह बात सुनकर खड़ा हुआ और उसकी सलवार उतारने लगा. उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और चूत बिल्कुल साफ शेव की हुई और चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी.

 

फिर वो बोली कि आज ही मैंने स्पेशल तुम्हारे लिए शेव की है तो में यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूत मसलने लगा वो भी गरम होकर मेरे किस का जवाब दे रही थी. फिर में धीरे धीरे उसकी चूत पर पहुंचा और उसे सूंघने, चाटने लगा. आज मुझे मेरा अमृत मिल गया था.. जिसको पीने के लिए में पिछले एक साल से मचल रहा था और मुझे उसकी चूत के पानी की बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी. फिर में अपनी जीभ से उसको चाटने लगा और पानी का स्वाद मेरे मुहं में आने लगा.

 

थोड़ा नमकीन सा टेस्ट था उसका और बहुत ही मदहोश करने वाला.. में अपना पूरा मुहं लगाकर उसकी चूत चाटने लगा.. वो आअहह आहह और चाट और अह्ह्ह ज़ोर से चाट अह्ह्ह बोल रही थी और अपने दोनों हाथों से मेरे सर को दबा रही थी और वो बोली कि आज तक उसके पति ने ऐसा नहीं किया. फिर में पूरी जीभ उसकी चूत में डाल रहा था और दस मिनट तक चूत चाटने के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो में सारा का सारा पी गया और अब उसकी पकड़ मेरे सर से ढीली हो गई.

 

में पहले से ही एक बार मुठ मार चुका था तो मेरा लंड अभी भी टाईट तनकर खड़ा था.. में उसके ऊपर आ गया और बूब्स चूसने लगा. 5 मिनट बूब्स चूसने के बाद वो फिर से गरम होने लगी तो मैंने बोला कि दीदी एक बार मेरा लंड मुहं में ले लो. तो बोली कि इतना प्यारा लंड है तुम्हारा. इसे तो में हर जगह पर लूँगी और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी.. यह मेरा किसी लड़की के साथ पहला संबंध था इसलिए उसके चूसने से मुझे बहुत मजा आने लगा वो पूरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.

 

कभी कभी लंड के अगले हिस्से पर जीभ फेरती तो कभी बॉल्स को मुहं में लेकर चूसती और अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था इसलिए मैंने जल्दी से अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाला और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैर फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखकर धीरे धीरे लंड को चूत के अंदर डालने लगा.. लेकिन चूत में बहुत दिन से कोई भी लंड नहीं गया था इसलिए वो थोड़ी बहुत टाईट लग रही थी.. लेकिन में फिर भी ज़ोर के धक्के लगाता रहा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. तो वो दर्द से चीखने चिल्लाने लगी आहह आह्ह्ह माँ मर गई में अहह आज मेरी चूत फट गई.. कोई बचाओ मुझे करने लगी.

 

तो मैंने अपने धक्के रोककर उसके बूब्स चूसना शुरू किया.. इससे उसे भी अच्छा लगा और उसकी चूत का थोड़ा दर्द कम हुआ.. लेकिन मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था. अब वो धीरे धीरे और गरम होने लगी और अपनी गांड उठा उठाकर हिलाने लगी. तो में समझ गया कि अब यह चुदाई के लिए तैयार है.. तो में भी फिर से धक्के लगाने लगा और उसे चोदना शुरू कर दिया.. मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी को महसूस कर रहा था और में ऐसे ही उसे चोदता रहा और बीच बीच में उसके बूब्स चूसता तो कभी उसे किस करता.

 

वो भी मज़े से चुदवा रही थी और गांड उठाकर वो आह्ह आअहह चोद मुझे और ज़ोर से चोद बोल रही थी और फिर वो बोली कि आज मेरा भाई बहनचोद बन गया अहह उफ्फ्फ. तो में उसकी बातें सुनकर और भी गरम हो रहा था और उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. अब उसका पानी निकलने वाला था.. इसका मुझे पता चल गया क्योंकि अब धीरे धीरे उसकी चूत टाईट हो रही थी और वो मुझे कसकर पकड़े हुए थी और अब वो ज़ोर ज़ोर से गांड उछालने लगी थी और आहहाहह उह्ह्ह्ह माँ मर गई करते हुए वो झड़ गई और मेरा लंड उसके पानी से गीला हो गया और बड़े आराम से अंदर बाहर होने लगा.

 

फिर उसके पानी के स्पर्श से मेरा भी पानी निकलने वाला था.. तो में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और आह आह करने लगा. फिर मैंने उससे बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ पर निकालूं? तो वो बोली कि में तुम्हारा पानी पीना चाहती हूँ.. तो मैंने अपना लंड जल्दी से उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और हिलाने लगा और वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी 5- 6 धक्को में मेरा वीर्य निकला और वो सारा वीर्य पी गई और अब में भी थोड़ा थक चुका था. तो उसे किस करते हुआ उसके ऊपर लेट गया और बूब्स दबाने लगा. वो बोली कि आज शादी के 6 साल बाद मुझे असली सेक्स का मज़ा मिला और मुझे कसकर गले लगा लिया और किस करने लगी.

 

कुछ टाईम बाद हम फिर से तैयार थे अगली चुदाई के लिए.. लेकिन इस बार मैंने उसका एक पैर अपने कंधे पर रखकर उसे चोदा और अपना वीर्य उसकी चूत में निकाला. फिर उस रात को भी हमने बहुत अलग अलग पोज़िशन्स में सेक्स किया और साथ में प्लान बना लिया कि जब तक हमारे माता पिता वापस घर पर नहीं आते तब तक हम एक पति पत्नी की तरह दिन रात चुदाई करेंगे और उसके साथ मैंने अपने कॉलेज के पेपर भी दिए. अब हमे जब भी मौका मिलता है हम सेक्स करते है.. कभी उसके घर पर तो कभी हमारे घर पर. अब उन्होंने नसबंदी करवा ली है और हम अब लाईफ का पूरा मज़ा ले रहे है. 

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एक के बदले तीन-तीन से चुदी

मैं अपने भैया के एक दोस्त अरमान से चुदना चाहती थी और हम लोग की आधी चुदाई ही हो पाई थी, जब वो अपना लंड मेरी फ़ुद्दी में डालने वाला ही था, तभी भैया आ गये थे और एक एक मस्त लवड़ा मेरी चूत को छू कर निकल गया।

और मैं देखती ही रह गई, कुछ नहीं कर पाई।
हाँ, लेकिन अरमान के रूप में एक ऐसा बंदा मिल गया था जिससे मैं चुद सकती थी।

और उस दिन के बाद तो अरमान तो रोज मेरे घर आने लगा लेकिन भैया कभी बाहर जाते ही नहीं थे।

लेकिन भैया के रहते हुए भी ऊपर से सब कुछ हो जाता था। जब भी वो घर आता किसी ना किसी बहाने मेरे पास आ जाता था और मेरे गुदाज बदन के साथ खेल कर चला जाता था।

तब से मैं सिर्फ़ स्कर्ट और टॉप पहनती थी, वो भी बिना ब्रा और पैंटी के बिना जिससे जब भी वो आता था तो मेरा टॉप उठा कर चूचे तो कभी स्कर्ट उठा कर चूतड़ दबा देता था।

एक दिन वो मेरे घर आया और मैं रसोई में कुछ काम कर रही थी।

तभी मैंने उसकी आवाज सुनी, वो भैया को बोल रहा था कि पानी पीना है।
भैया बोल ही रहे थे कि रूचि पानी ला दो

तभी वो बोला कि मैं खुद जाकर ले लेता हूँ।

और वो रसोई में आ गया और बोला- पानी!

तो मैंने अपनी टॉप को उठा दी और अपनी निप्पल को दोनों उंगलियों से दबाते हुआ बोली- पानी तो नहीं है, दूध पीना है तो बोलो?

तो वो बोला- तुम्हारा भाई आ रहा है।

मैं अपनी टॉप गिराने ही वाली थी कि वो अंदर आ गया और और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मेरे साथ लिप-किस करने लगा और उसके हाथ मेरी नंगी चूचियों पर थे, और वो ज़ोर ज़ोर से मेरे चूचों को मसल रहे थे।

और मेरे हाथ उसके लंड को दबा रहे थे।

कुछ देर ऐसे ही मजा लेने के बाद मैं बोली- अब जाओ, नहीं तो भैया को शक हो जाएगा।

और वो चला गया पर कुछ देर में फिर आया और मेरे स्कर्ट को उठा कर मेरे चूतड़ के ऊपर अपना लंड निकाल के रगड़ने लगा तो मैं बोली- सिर्फ़ ऊपर से ही मजा लोगे या कभी जनन्त का भी मजा दोगे?

तो वो मेरे दोनों चूतड़ के बीच में अपना लंड फंसा कर बोला- कैसे दूँ? तेरा भाई तो कभी घर से जाता ही नहीं है।

तो मैं बोली- भाई नहीं जाता है लेकिन मैं तो जा सकती हूँ ना?

तो वो बोला- ठीक है।

मैं बोली- आज कुछ देर में मैं निकलती हूँ। तुम मुझे लेने आ जाना ओके?

तो वो बोला- ठीक है।

वो चाय लेकर चला गया, मैं पीछे से आई और अपने भैया को बोली- भैया, मेरी एक सहेली के यहाँ पार्टी है, उसने मुझे बुलाया है।

तो भैया बोले- जाओ लेकिन जल्दी आ जाना !

तभी अरमान बोला- तुम लक्ष्मीनगर जाओगी ना अपनी सहेली के यहाँ? मैं भी उधर ही जा रहा हूँ, चलो, छोड़ दूँगा।

तो भैया बोले- हाँ अच्छा रहेगा, यह तुमको लक्ष्मीनगर छोड़ देगा, तुम वहाँ से निकल जाना अपनी सहेली के घर !

तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और सोचा कि चलो भैया खुद बोल रहा है कि जाओ इसके साथ और खूब चुदवा कर आना

मैं यह सोच कर खुश ही हो रही थी कि तभी भैया बोला- जल्दी से जाओ और रेडी हो जाओ, अरमान को जाना है।

तब मैं दौड़ कर अपने कमरे में गई और सबसे पहले अपने सारे कपड़े उतार दिए फिर अपने नीचे का बाल साफ किए, अपनी चूत में लोशन लगा कर रगड़ रगड़ के साफ़ की और चिकनी की फिर अपनी गाण्ड की छेद को भी रगड़-2 कर चिकना किया।

फिर ब्रा और पैंटी पहन कर बाथरूम से बाहर आई और अपना मेकअप करने लगी।

तभी मुझे लगा कि कोई मुझे देख रहा है, मुझे लगा कि अरमान होगा सो मैं दरवाजे की ओर जाने लगी तो वो चला गया।

मैंने सोचा कौन होगा, फिर सोचा कि चलो कोई होगा, बाद में सोचूँगी।

फिर मैंने मेकअप की और सफ़ेद टाइट जींस और पिंक टॉप पहन कर मैं उन कपड़ों में इतनी हॉट लग रही थी कि जब मैं नीचे आई तो मेरा भाई भी मुझे आँखें फाड़-2 कर देख रहा था।

जब मेरी नज़र मिली तो भैया घबराता हुआ बोला- अरमान, तुमको लक्ष्मीनगर तक छोड़ देगा, उसके बाद तुम अपनी सहेली के घर चली जाना !

तभी अरमान बोला- नहीं, मैं इसको इसकी सहेली के घर छोड़ दूँगा। क्यूँ रूचि?

तो मैं बोली- अगर आप को कोई प्राब्लम ना हो तो मुझे कोई प्राब्लम नहीं है।

फिर मैं दोनों पैर एक साइड करके बाइक पर बैठ गई और वो चलने लगा कुछ दूर जाकर उसने बाईक रोक दी और मैं अपने पैर दोनों ओर करके बैठ गई।

अरमान बोला- रूचि, बोलो किस दोस्त के घर जाना है?

तो मैं बोली- तुम जिस दोस्त के घर ले जाना चाहते हो, ले चलो !

और हम दोनों हंसने लगे।

फिर कुछ देर मार्केट में घूमने के बाद वो एक घर के पास जाकर रुका और बोला- यही है मेरा घर !

उस घर को देख कर मुझे कुछ जाना पहचाना सा लगा क्यूंकि इसी घर में राज मुझे लाया था।

मैं यह बात सोच ही रही थी कि वो बोला- उतरोगी या वहीं रहोगी?

तो मैं उतर गई और उसने मेरी कमर में हाथ डाला और बोला- चलो ऊपर चलते हैं।

मैं उसके साथ ऊपर जाने लगी और मुझे राज के साथ किया हुआ सब कुछ याद आने लगा।

और यह सब सोच-2 कर मुझे चुदने की और भी जल्दी हो रही थी।

तभी हम दोनों रूम के दरवाजे के पास पहुँच गये। वह मेरे चूतड़ पर चपत लगा कर बोला- डार्लिंग, यही रूम मेरा है।
मैं बोली- मुझे रूम दिखाने लाए हो?

तो वो मुझे अपनी बाहों में भरते हुए बोला- नहीं डार्लिंग, आज तो मैं तुम्हारा सब कुछ देखूँगा और उसके साथ खेलूँगा भी !

उसने दरवाजा खोला और हम अंदर गये।

अंदर जाते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़ा, वो मेरे होंठ अपने होंठों के बीच दबा कर चूमने लगा और कुछ देर तक चूमता रहा, जैसे पहली बार चूस रहा हो।

कुछ देर होंठ चूमने के बाद वो मेरे गले को चूमने लगा और उसकी हाथ मेरे चूतड़ पर पहुँच चुके थे।

और मैं चुदने को तैयार थी।

वो हौले-हौले मेरे टॉप को ऊपर उठाने लगा और मेरे नंगी पीठ को सहलाते हुए अपने हाथ को मेरी टॉप में डाल दिया।

और मुझे अपने से चिपका लिया और मेरी टॉप को उतारने लगा तो मैं बोली- शायद कोई यहाँ है और हमें देख रहा है?

तो वो बोला- नहीं यार, यहाँ कोई नहीं है, सिर्फ़ हम दोनों ही हैं।

मैं बोली- हो सकता है मुझे कोई ग़लतफहमी हुई होगी।

वो बोला- हाँ।

और उसने मेरा टॉप को उतार दिया, मैं ऊपर सिर्फ़ ब्रा में थी।

वो अपने हाथों से मेरे चूचियाँ ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और मैं भी उसके शर्ट के बटन को खोलने लगी, उसको भी ऊपर से नंगा कर दिया।

फिर वो मेरी चूचियाँ अपने मुँह से दबाने लगा और मेरी कमर पर अपनी हाथ से सहलाने लगा और मेरी जीन्स के अंदर हाथ डालने की कोशिश करने लगा लेकिन जीन्स इतनी टाइट थी कि उसका हाथ अंदर नहीं जा पा रहा था।

मैंने खुद अपनी जीन्स का बटन खोल दिया और फिर उसने अपना हाथ मेरी जीन्स में डाल दिया और मेरे चूतड़ दबाने लगा।

तब तक मेरा हाथ भी उसके लंड पर चला गया और उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसके लंड को दबाने लगी, फिर मैंने भी उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और उसको थोड़ा नीचे करके उसके लंड को अन्डरवीयर के ऊपर से सहलाने लगी।

ऊपर वो मेरी चूचियाँ अपने दांतों से काट रहा था और नीचे मेरे चूतड़ दबा रहा था।

मैं इन सब का मजा ले रही थी।

कुछ देर मजा लेने के बाद हम दोनों ने अपनी-अपनी जीन्स उतारी, अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी और वो सिर्फ़ अन्डरवीयर में था।

मैं उसके लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी रही और उसने मेरे ब्रा के हुक को बिना खोले ही मेरी चूचियाँ बाहर निकाल ली।

हम एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे कि तभी मुझे लगा कि पीछे कोई है।

मुझे लगा कोई ग़लतफहमी होगी, फिर भी मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो पीछे दो लड़के खड़े थे, मैं दोनों को पहचानती थे, ये दोनों भी मेरे भैया के दोस्त थे, एक सैम और एक प्रिन्स था।
ये दोनों भी मेरे घर आते रहते थे।

उस दोनों को देख कर मैं अरमान से अलग हुए और पास बेड से एक चादर खींच कर लपेट ली।

तभी सैम बोला- तुम दोनों कर क्या रहे हो? और यह तो रूचि है ना राहुल की बहन?
मेरे भाई का नाम राहुल है।

तभी अरमान बोला- प्लीज़्ज़्ज़, राहुल को कुछ मत बताना !

तो दोनों बोले- नहीं बताएँगे लेकिन उससे हम दोनों को क्या मिलेगा?

अरमान बोला- क्या चाहिए?

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दोनों बोले- रूचि !

और तीनों मेरी तरफ देखने लगे और मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे।

मैं तो एक लंड सोच कर आई थी, यहाँ तो 3 लंड मिल रहे हैं एक साथ! मुझे क्या दिक्कत हो सकती है।
लेकिन फिर भी मैंने अपना मायूस चेहरा बनाया।

तो अरमान बोला- प्लीज़ रूचि मान जाओ ना!

तो मैं बोली- ठीक है, लेकिन सिर्फ़ एक बार! फिर कभी नहीं?

इस बात पर वो तीनों राज़ी हो गये।

मेरी हाँ सुनते ही दोनों ने अपने अपने कपड़े उतारे और तीनों सिर्फ़ अंडरवीयर में मेरे सामने आकर खड़े हो गये।

और प्रिन्स ने आगे आकर मेरे बदन से चादर हटा दी।

और एक बार फिर मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में थी।

और वो तीनों मुझे हवस भरी नज़रों से देख रहे थे।

तभी सैम आगे बढ़ा और मेरे सर को पकड़ के मेरे होंठ से अपने होंठ को मिला कर मेरे साथ चुम्बन करने लगा और तब तक प्रिन्स पीछे से आकर मेरी गर्दन पर किस करने लगा, अपने हाथों से मेरी चूचियाँ दबाने लगा ब्रा के ऊपर से ही।

उन दोनों को देख कर अरमान कैसे पीछे रहता, वो भी मेरी कमर पर चुम्बन करने लगा और मेरे चूतड़ को दबाने लगा।

मुझे अच्छा लग रहा था।

तीनों अपने अपने हिसाब मेरा मजा ले रहे थे।

कुछ देर तक मजा लेने के बाद तीनों ने अपना-अपना स्थान बदल लिया और मजा लेने लगे।

अब प्रिन्स मेरे सामने आकर मुझे लिप-किस करने लगा और बाकी दोनों पीछे से मजे ले रहे थे।

तब मेरा हाथ भी प्रिन्स के लौड़े पर गया और उसे पकड़ लिया। वो एकदम खड़ा हो गया था और मैं उसको बाहर निकाल कर दबाने लगी लेकिन मैं लंड देख नहीं पा रही थी पर महसूस कर पा रही थी कि वो काफ़ी मोटा और लंबा था, मैं उसको हिलाने लगी।

और तब तक सैम थोड़ा नीचे बैठ कर मेरे चूतड़ों को पैंटी के ऊपर से चूमने लगा और चाटने लगा और अरमान मेरे चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूमने और चाटने लगा।

तभी प्रिन्स भी चुम्बन से थोड़ा नीचे आकर मेरी चूचियाँ दबाने लगा, मैं उसका लंड मसल ही रही थी, वो मेरी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा।

फिर उसने मेरी एक चूची को ब्रा के बाहर निकाल लिया और उसको चूसने लगा।

तब तक सैम और अरमान ने मेरी पैंटी को चाट-चाट कर गीला कर दिया फिर उस सैम ने मेरी पैंटी को थोड़ा नीचे सरका दिया जिससे सैम के सामने मेरे नंगे चूतड़ और अरमान के सामने मेरी नंगी चूत !
तीनों मेरी नंगे अंगों को देख कर उन पर टूट पड़े।
प्रिन्स मेरी निप्पल को अपने होंठ से दबाने लगा और सैम मेरी गाण्ड की छेद में अपना जीभ को अंदर बाहर करने लगा और यही काम अरमान मेरी चूत के साथ करने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद हम चारों अलग हुए और तीनों ने अपने अंडरवीयर उतार कर अपने-अपने लंड पकड़ कर मेरे सामने खड़े कर दिये।
मैं तीनों के लंड को देख कर रोमांचित हो रही थी लेकिन उन तीनों में सबसे मस्त लंड प्रिन्स का था।

सैम बोला- तुम भी अपने कपड़े उतार दो।

मैंने अपनी ब्रा की हुक खोल दी, मेरी ब्रा मेरी चूचियों पर टिकी हुई थी, तो मैं अपना हाथ ऊपर करके अपनी चूचियाँ हिला दी, जिससे मेरी ब्रा नीचे गिर गई और उनके सामने मेरी नंगी चूचियाँ ऊपर नीचे हो रही थी जिन्हें देख कर तीनों मेरी तरफ आने लगे।

मेरे पास पहुँच कर कुछ करते, उससे पहले मैंने नीचे बैठ कर प्रिन्स के लवड़े को पकड़ लिया और उसको अपने मुख में लेकर चूसने लगी और बाकी दोनों के लंड को दोनों हाथों में पकड़ कर हिलाने लगी।

फिर बारी-बारी मैंने तीनों के लौड़ों को चूसा, फिर प्रिन्स बोला- रूचि, अब खड़ी हो जाओ।

मैं खड़ी हो गई तो प्रिन्स मेरी चूत में अपनी उंगली करने लगा और मैं आआहहाअऊहहाआकर रही थी कि तभी प्रिन्स अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा और फिर एक झटका मारा, जिससे उसका आधा लंड मेरी चूत में चला गया और मैं आआआहहहआआआकरके रह गई।

तब तक बाकी दोनों मेरी चूचियों के साथ खेल रहे थे फिर प्रिन्स ने एक और झटका मारा और पूरा लंड अंदर चला गया।

फिर कुछ देर अंदर-बाहर करने के बाद प्रिन्स उठा, बेड पर लेट गया, मुझे बोला कि मैं उसके ऊपर आ जाऊँ तो मैं भी बिना देर किए उसके ऊपर आ गई।
वो कमर के बल बेड पर लेटा था और मैं उसके ऊपर जा के इस तरह लेटी कि उसका लंड मेरी चूत में और मेरी चूचियाँ उसके होंठ के पास थी।

फिर मैं सैम के लंड की बनावट देखते ही सोचने लगी कि यह तो मेरी गांड के लिए बिल्कुल फिट रहेगा और मैं उसके लंड को पकड़ के पीछे की ओर ले आई और उसको अपने गाण्ड की छेद दिखाई तो वो मेरा इशारा समझ कर मेरी गाण्ड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन घुस नहीं पा रहा था तो वह मेरी गाण्ड के छेद पर अपना थूक डाल कर उस में उंगली करने लगा फिर धीरे-धीरे अपना लंड मेरी गाण्ड में डालने लगा और एक झटके के साथ उसका लंड मेरी गाण्ड में चला गया।

मैं चीखने ही वाली थी कि तभी अरमान ने अपना लंड मेरी मुँह में डाल दिया और मेरी चीख बंद हो गई।

फिर कुछ देर तक तीनों मुझे चोदते रहे, फिर जब वो झरने वाले थे तो तीनों ने अपना सारा माल मेरी मुँह में डाल दिया और मैंने सबके लौड़े चाट कर साफ कर दिए।

फिर हम चारों एक साथ बाथरूम में गये और साथ नहाए। वहाँ भी मैं एक बार चुदी।

फिर जब मैं नहा कर निकली तब तक मेरी चूत और गाण्ड सूज चुकी थी।
प्रिन्स ने बर्फ को मेरी दोनों छेद कर रख कर कुछ देर छोड़ दिया तब जाकर मुझे आराम मिला।

इस सबमें मुझे पता ही नहीं चला कि कब रात के 10 बज गये।
तो मैं बोली- अब मैं घर कैसे जाऊँगी?

तो तीनों बोले- आज रात यहीं रुक जाओ।

तो मैं बोली- भैया?
तो बोले- कोई बहाना बना दो।

तो मैंने भैया को फोन किया, बोली- भैया पार्टी में थोड़ी लेट हो गई। अब मेरी सहेली के पापा मुझे जाने से मना कर रहे हैं। क्या मैं आज रात भर यहीं रुक जाऊँ?
तो भैया बोले- रुक जाओ, कल सुबह आ जाना !

इतना सुनते ही हम चारों बहुत खुश हुए और उसके बाद सारी रात में हमने हर सम्भव पोज़ में चोदम चोद की।

सुबह को 10 बजे जब मैं घर पहुँची तो शायद मेरा भाई मेरी चाल देख कर समझ गया कि मैं सारी रात क्या करके आई हूँ, फिर भी उसने मुझे कुछ नहीं बोला।

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जवान और खूबसूरत लडकीयाँ की चुदाई

मेँ रीहाना खान हूँ. में २१ साल हूँ मेरी बेसट friend का नाम है सुम्मी. सुम्मी २२ साल की है. सुम्मी की बड़ी बेहेन की शादी हो चुकी है और वोह देल्ही में रहती है. मेरे एक्जाम हो चुके थे और में देल्ही में admission के लीये देल्ही आना चाहती थी.

 

सुम्मी ने मुजसे से कहा की वोः भी देल्ही में अपनी बेहेन के यहाँ गरमी की छुट्टीया बीतना चाहती है. सुम्मी ने कहा की उस का एक classmate रवी भी देल्ही में admission के लीये देल्ही जाने वाला है इस्लीये हम दोनो ने देल्ही के लीये रेसेर्वेशन के लीये रवी को कह दीया. तीन दीन बाद जाना था. में अपना लगेज लेकर सुम्मी के घर गयी तू वोः मेरा इंतज़ार ही कर रही थी. आज सुम्मी बड़ी स्मार्ट लग रही थी.

 

में भी आज ख़ूब मकेउप करके आयी थी. हम ने आटो लीया और रेलवे स्टेशन को चल दीये. स्टेशन पर ट्रेन नही आयी थी और अभी देर थी. रात का सफ़र था और ट्रेन बीच में कही रूकती भी नही थी ईसलीए मैंने रवी से कहा की कोई मैगज़ीन ले आये रास्ता कटने के लीये.

 

वह कुछ बुक्स ले आया. १० मिनट बाद ट्रेन आयी तू हमलोग अपने कैबीन में बैठ गए. इस कैबीन में केवल ४ बर्थ थी तीन हमारी थी और एक कीसी और की होगी. कुछ देर बाद ट्रेन ने whistle दी और सरकने लगी तभी एक जवान खूबसूरत लम्बा सा आदमी कैबीन में आया. चौथी ब्र्थ उसी की थी. जब ट्रेन चल दी उसने डोर लाक कर दीया और अपनी ब्र्थ पर जाकर लेट गया. ट्रेन रफ़्तार ले रही थी. इस कैबीन में दो जवान लड़कीयाँ और दो जवान मर्द सफ़र कर रहे थे. मैं और रवी नीचे की ब्र्थ पर थे और सुम्मी और वह अजनबी ऊपर की ब्र्थ पर. मैंने रवी से मैगज़ीन मांगी तू उसने अपनी पोकेट से एक स्माल बुक नीकालकर देदी.

 

बुक के कवर पर ही एक जवान और खूबसूरत Girl की nude फोटो थी. पहले पहल तो मैं नंगी लडकी की तस्वीर देखकर हीच्कीचायी लेकीन फीर मेरे मॅन मैं उस बुक को अंदर से देखने की ललक जाग उठी. नंगे फोटो ने मेरे बदन मैं झुरझुरी पैदा कर दी थी. मैंने रवी को ग़ुस्से से देखा तू वह मुस्कराने लगा और खुद भी एक छोटी सी बुक नीकालकर पढने लगा. वह अजनबी भी newspaper पढने लगा. सीर्फ सुम्मी ही कुछ पढ़ नही रही थी बल्की वह उस अजनबी को घूर रही थी. ओह नो, जब मैंने वह बुक पढ़ना शुरू की तू मैं हैरान रह गयी. उसमें बहुत ही सेक्स चुदाई की स्टोरी थी जीसे पढ़कर मैं बैचेन हो गयी और पूरी स्टोरी पढ़ली.

 

उसमे लडकी के भाई के दोस्त भी लडकी को भाई के साथ मिलकर चोदते हैं. मैं स्टोरी पढते हुये होर्नी हो गयी और अपने एक हाथ को चुत पर लेजाकर चुत सहलाने लगी….. रात का समाया था अंधेरा हो गया था !! अपने हाथ को स्लवार के अंदर डालकर चुत सहलाते हुये clitoris को मसलने लगी….. मुझे लाग रहा था की सब सो चुके है क्योकि सब कुछ शांत था !!! फिर थोड़ी देर मे चुत से पानी लीक होने लगा था और मैं आँखें बंदकर मस्ती ले रही थी. तभी मुझे लगा की कोई मेरे कुरते के ऊपर से मेरे मम्मों को सहला रहा है. आंखें खोला तो वह कोई और नही बल्की सुम्मी का classmate रवी था. वह मेरे पास आकर घुटने के बल बैठकर मेरी चूची को मुँह मैं लेकर चुस रहा था और दुसरे हाथ से दूसरी चूची को दबाने लगा. उसे ज़रा भी डर्र नही था की कैबीन मैं और लोग भी है. मैं तो खुद मस्त थी ईसलीए रवी की गर्दन मैं हाथ डालकर उसे अपने चहरे पर झुका लीया.

 

अब उसके गरम लीपस मेरे लीपस से चीपक गए. ओह बड़ा ही मजेदार कीस था. रवी अपनी tounge को मेरे मुँह मैं डालकर कीस कर रहा था. मैं भी अपनी गुलाबी गरम जीभ(tounge) को उसके मुँह मैं डालकर चारो तरफ घुमाने लगी. हमलोगों के चुम्मा चाटी की आवाजें कैबीन मैं गूँज रही थी लेकीन हमें कीसी की परवाह नही थी. रवी ने मेरी कुर्ते के बटन को खोल दीया और मेरी संतरे के बरबेर छुचियों को नंगा कर दीया. फीर एक चोची को दोनो हाथ से पकड़कर दबाते हुये चूसने लगा. मैंने उसके सीर को हाथ से पकड़कर अपनी छुचियों पर दबा लीया ताकी वह सही से चूस सके. मस्ती मैं यह भी भूल गयी थी की सुम्मी और एक अजनबी आदमी ऊपर की ब्र्थ पर लेते हैं.

 

अब रवी मेरे नीप्प्ल को दबा दबाकर चुस रहा था और दूसरी चूची को दबा रहा था. मैं अपनी चूसी जा रही चूची को देख रही थी. एकाएक मेरी नज़र ऊपर की ब्र्थ पर चली गयी. ऊपर देखा तो हैरान हो गयी. सुम्मी शायद रवी को मेरे साथ मज़ा लेते देखकर जोश मैं आ गयी थी. वह उस जवान अजनबी के साथ लीपटी हूई थी. सुम्मी खुद उस अजनबी की ब्र्थ पर चली गयी थी और मेरी तरह उसके साथ मज़ा ले रही थी. वह अजनबी सुम्मी के गोरे बदन पर हाथ चला रहा था और सुम्मी अपनी तिघ्त चुचीयों को उसके चौड़े चेस्ट पर रगड़ रही थी.

 

उसने अपनी कुरते को खोलकर अलग कार दीया था और ब्र्थ पर कोने मैं दाल दीया था. सुम्मी उस के होंठों को अपने मुलायम होंठों मैं दबाकर चूस रही थी. तभी सुम्मी ने अपनी एक चूंची को मुँह पर रखकर दबाया तो वह अजनबी उसके नीप्प्ल को दबा दबकार्चूसने लगा. उसकी चूचीयां बहुत tight हो गयी थी और नीप्प्ल ताने थे. इधर रवी मेरी चुचियों को बारी बारी से चूस रहा था. मैं मज़ा लेती अपने हाथों से उसे पीला रही थी. मेरी चुत मेरी गोरी-गोरी जांघों के बीच गीली हो गयी थी और उससे चुत का रस टपक रहा था. ताभी रवी अपना एक हाथ नीचे लाया और मेरी स्लवार का एज़बंद खोलकर उसे सरका दीया और मैं नीचे से एकदम नंगी हो गयी. मेरी चुत जब नंगी हूई तो वह अपने हाथ से मेरी चुत पर उगी घनी घनी झाँतों को सहलाने लगा. मेरी झानतें चुत के पानी से भीग गयी थी .

 

तभी उसने अपनी ऊँगली मेरी चुत मैं डाली तो मैं बोल पडीओह रवी डारंलीग, बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज अपने लंड को मेरी चुत मैं पलकर फाड़ दो मेरी चुत को. हाय अपने लंड का पानी मेरी चुत को पीलाकर इसकी प्यास बुझा दो.चालाक छोकरा था. मुझे सिस्कर्ते देखकर समझ गया की लौंंडीया पेलने के लीये तैयार है. मेरी बेचैनी देखकर वह मुस्कराने लगा. वह मुझसे अलग हुआ और अपने कप्रे उतरने लगा. जब वह नंगा हुआ तो उसका , मोटा लम्बा लंड आजाद होकर फुदकने लगा. पहले तो मैं सुम्मी की वजह से डर्र रही थी पर सुम्मी खुद हुम्दोनो को आपस मैं उलझे देखकर उस अजनबी जवान के साथ लीपटी थी. सुम्मी की तरफ से मेरा डर और शरम ख़त्म हो गयी थी. फीर मैंने उसके हार्ड लंड को पकड़ा तो मेरा बदन कापने लगा. उसके लंड को सहलाते हुये अपनी चूचीयों को दबवा रही थी. उसका लंड चीप्चीपा गया था जीससे मेरी उँगलीयाँ भी लास्लासा गयी और मेरा मॅन उसके प्रेचुम को चाटने का हुआ तो मैं बोलीओह रवी मैं तुम्हारे लंड को अपने मुँह मैं लेकर चूसना चाह्ती हूँ.

 

इसका रस चाटना है मुझे.मेरी बात सुनकर वह अपना लंड मेरे गुलाबी गालों पर राग्डने लगा. गाल पर गरम लंड का टच मुझे सीह्राने लगा. इतने पास लंड को देखकर मेरी प्यास बढ़ी तो मैंने लीपस खोल दीये तो रवी ने अपना लंड मेरे मुँह मैं दाल दीया. उसका लंड इतना मोटा था और केवल उप्पेर का हिस्सा ही अंदर गया. मैं उस पर लगे नमकीन रस को चाटने लगी तो रवी अपने लंड को इन आउट करते मेरे मुँह को चोदने लगा. मैं भी उसके लंड पर अपना मुँह दबा दबाकर उसका लंड चूस रही थी. तभी वह उठा और मेरे मुँह से लंड नीकालकर मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने मेरी जाँघों को फैलाया और बीच मैं बैठ गया. उसने मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लीया जीससे मेरी चुत उसके लंड से टच करने लगी. मेरी चुत लंड के लीये बेक़रार थी पर वह अपने लंड को चुत के चारो तरफ रगड़ने लगा. कुछ देर बाद लंड को चुत के छेद पर लगाकर दबाया तो १/४ लंड मेरी गीली चुत के अंदर चला गया.

 

लंड अंदर जाते ही मैंने अपने पैरों से रवी की गर्दन कास ली और उसके पूरे लंड को खाने के लीये क़मर को उछलने लगी. मेरा मॅन रवी के पूरे लंड को नीगालाने को हो रहा था. चुत मैं लंड जाते ही रवी लंड को धक्का देने लगा और मैं चुत को उसके मोटे लंड से चीपकाने की कोशीश करने लगी. हर धक्के के साथ लंड मेरी tight चुत मैं पीस्टन की तरह जाने लगा. मुझे हलके दर्द के साथ जन्नत का मज़ा मीलने लगा. अब रवी धक्का लगते हुये मेरी रसीली चुत मैं अपने मोटे लंड को पेल रहा था. तभी मेरी नज़र ऊपर की ब्र्थ पर चली गयी. सुम्मी और वह अजनबी एकदम नंगे थे. सुम्मी उस अजनबी के ऊपर लेटी थी और चुत को उसके खडे लंड पर दबाकर रगड़ रही थी. फीर सुम्मी ने उसके लंड को पकड़कर अपनी चुत के सेंटर पर लगाकर क़मर को दबाया तो उसका लंड सुम्मी की चुत मैं सरकने लगा. सुम्मी उसके लंड को खाने के लीये क़मर उछल उछल कर धक्के लगाने लगी.

 

उसके नाज़ुक बदन का भार उस अजनबी के ऊपर था जीससे उसकी बड़ी बड़ी चुचीयां उसके मुँह से रगड़ खा रही थी. अब वह अजनबी उसकी एक चूची को मुँह मैं लेकर चूसते हुये दूसरी को मसल रहा था और सुम्मी की क़मर को अपने पैरो से जकड कर नीचे से धक्का लगा रहा था. तभी सुम्मी की नज़र मुझसे मीली तो उसने मुस्कराने की कोशीश की पर मस्ती की वजह से मुस्करा ना पायी. वह उस अजनबी से चुदवाने मैं बीजी थी. सुम्मी का चुताड उसके लंड पर फीराकी की तरह नाच रहा था और उसकी चुत मैं लंड फाचा फाच अंदर बहार हो रहा था. सुम्मी अपनी चुचीयों को चुसवाते हुये धचाधाच लंड को चुत मैं ले रही थी.

 

उसकी चुत से चुदाई का पानी बह रहा था. उसके आंखें लाल हो गयी थी और वह मदहोशी के आलम मैं चिल्ला रही थीओह ओह डारंलीग मेरे रजा बहुत मज़ा आ रहा है.वह कराहते हुये बोल रही थी. उसे ज़रा भी होश नही था की कैबीन मैं और लोग भी हैं. मैं समझ गयी की वह खल्लास होने वाली है. वह बड़ी तेज़ी से अपनी गांड उठा उठाकर धक्के लगा रही थी. तभी एक ज़ोरदार धक्के के साथ सुम्मी उस अजनबी के ऊपर गीर्कर उससे चीपक गयी. मैं समझ गयी की उसकी चुत ने चुत रस छोड़ दीया है. उस अजनबी ने उसे कसकर अपने बदन से चीपका लीया था.

 

सुम्मी उससे चीपकी ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी. इधर रवी अपने लंड को जड़ तक मेरी चुत मैं पलकर धक्के लगा रहा था. वह अपने पूरे लंड को बहरकर करारे धक्के के साथ चुत के अंदर तक पेल रहा था. मैं अपने पैरों से उसके कंधे को जकदते हुये उसकी गांड के छेद को कुरेद रही थी. उसकी मस्ती भी बड़ा रही थी. मैंने एक चूची को हाथ से पकड़कर उसे चूसने का इशारा कीया तो वह अपने मुँह को चूची पर लाया और फीर ख़ूब सा थूक उस पर गीराया और फीर जीभ से उसे पूरी चूची पर लगाने लगा. फीर दोनो चुचीयों पर थूक लगाकर एक को मसलते हुये दूसरी को चूसने लगा.

 

नीप्प्ल को फीनगर से चुटकी ले रहा था जीससे मैं जन्नत मैं थी. तभी सुम्मी उस अजनबी के बदन से अलग हूई और वी दोनो हमलोगों के पास आ गए. उस अजनबी का लंड अभी भी tight था और उसपर सुम्मी की चुत का गाढा रस लगा था. तभी उस अजनबी ने रवी के पीछे आकर उसके चुत्ड़ को सहलाया और फीर एक ऊँगली रवी की गांड मैं पेल दी. एकाएक गांड मैं ऊँगली जाने प रवी दर्द से कराह उठा और मेरी चूची उसके मुँह से बहार हो गयी. वह अजनबी रवी के दर्द की परवाह ना कर उसकी गांड को फीनगर फक करने लगा. तभी सुम्मी एकदम नंगी ही मेरे पास आयी और रवी के थूक से भीगी मेरी चुचीयों को चाटने लगी.

 

अब कैबीन मैं चारो लोग एक दुसरे से उलझे थे. अब वह अजनबी अपने हैवी लंड को धीरे धीरे रवी की गांड मैं पेल रहा था और रवी का लंड मेरी रीस रही चुत मैं उस अजनबी के धक्के के साथ आ जा रहा था. सुम्मी मेरी चुचीयों को मज़ा दे रही थी और मैं उसकी चुत पर लगे चुदाई के पानी को ऊँगली मैं ले लेकर चाटने लगी. जब उस अजनबी का पूरा लंड रवी की गांड मैं चला गया तो वह गांड मरने लगा और मैं उसके हर धक्के के साथ नीचे से अपनी गांड उचका उचककर रवी के लंड को नीगल रही थी.

 

कैबीन मैं हम चारो की आवाजें गूँज रही थी जीससे बड़ा ही अनोखा मूसीक बन रहा था. सुम्मी को चोदने मैं वह अजनबी झाड़ा नही था ईसलीए वह रवी की गांड मैं झरने को बेक़रार था. काफी देर बद रवी का गढा पानी मेरी चुत मैं गीराने लगा तो मैंने उसकी गर्दन को मजबूती से अपने पैरो मैं जकडा और खुद भी झडने लगी. इधर वह अजनबी भी रवी की गांड मैं अपना रस छोड़ने लगा. रवी गांड मैं गरम पानी महसूस कर काँपने लगा. मैंने झडते हुये सुम्मी के सीर को अपनी चुचीयों पर कास लीया था. हम सभी झडने के बद सुस्त परे थे. कुछ देर बद उस अजनबी ने अपना लंड रवी की गांड से बहार कीया तो रवी भी मुझसे अलग हुआ.

 

मेरी चुत से रवी के लंड का रस बहार आने लगा और उसकी गांड से भी रस बहार गीरने लगा. सुम्मी ने मेरी चुत साफ की और फीर मैं और सुम्मी कपडे पहनकर टॉयलेट चले गए. वह जाकर हुम्दोनो ने पेशाब कीया और बीना कुछ बोले वापस आये. जब कैबीन मैं वापस आये तो वी दोनो कपडे पहनकर आपस मैं गपशप कर रहे थे. रवी ने उस अजनबी का इन्त्रोदुक्शन देते हुये कहा रीहाना डारंलीग यह . नोहीत हैं. यह एक सोफ्टवेय्र इंजीनीयर हैं और देल्ही तक जा रहे है. और डारंलीग यह हमलोगों का साथ देल्ही तक देंगे.” “ओह मर. नोहीत आपसे मीलकार बहुत ख़ुशी हूई. ओह रवी यह बहुत ही दमदार आदमी लगते है.मैं मस्त होकर बोली. ट्रेन अपनी रफ्तार से चली जा रही थी. हमलोग आपस मैं गपशप करते और साथ मैं चेड्खानी भी कर रहे थे. अब हमलोग नीचे की ब्र्थ पर ही थे. एक पर मैं रवी के ऊपर लेती थी और दूसरी ब्र्थ पर सुम्मी नोहीत के ऊपर लेती थी.

 

रवी मेरी चुचीयों को छेड़ रहा था जबकी नोहीत सुम्मी की गांड सहला रहा था. हमलोग एक दुसरे को देखकर मुस्करा भी रहे थे. रात के २ बज रहे थे. अब रवी मेरे गालों को चूमते हुये मेरी चुत के घने बालों को सहला रहा था और सुम्मी नोहीत के लंड को सहला रही थी. नोहीत भी उसके मम्मो को मसल रहा था जीससे वह सीसक रही थी. तभी मेरा दील नोहीत के लंड के ख़याल से सुलग उठा. उसका लंड रवी के लंड से काफी तगड़ा था. रवी के लंड का मज़ा तो ले ही चुकी थी अब मेरा मॅन नोहीत के लंड से चुदवाने को बेक़रार हो गया. यह ख़याल आते ही मैं बोलीमेरा ख़याल ही की अब हमलोग अपने अपने साथी बदल ले?” मेरी बात सुनकर नोहीत मुझे घूरने लगा. उसके घूरने के अंदाज़ से मैं समझ गयी की वह भी मेरी जवानी को चखना चाहता है.

 

मैं उसके घूरने पर मुस्कराती हूई ब्र्थ से उठी तो वह फौरन मेरे पास आया और चीपकाकर चूमने लगा. उसका कीस मुझे मदहोश कर गया और मैं उससे चीपक गयी. रवी और सुम्मी एक ब्र्थ पर चुपचाप बैठे हम्दोनो को देख रहे थे. मैं नोहीत के साथ ख़ूब आह ऊह कर सीसीयाते हुवे मज़ा ले रही थी. हम्दोनो एक दुसरे को लीपस पर कीस कर रहे थे. नोहीत मेरे नाज़ुक बदन को भींचकर मेरे लीपस चूमते हुये मेरी कुरते को अलग करने लगा. मुझे इस वक़्त कपडे बहुत भारी लग रहे थे. नंगे होकर ही चुदाई का मज़ा आता है. कुछ देर मैं नोहीत ने मुझे नंगा कर दीया और मेरी गोरी गोरी चुचीयों को मेरे पीछे से चीपक कर पकड़ लीया और दबाने लगा. इस तरह से उसका लंड गांड पर चीपका था और मेरी सनसनी इनक्रीस करने लगी. मैंने रवी और सुम्मी को देखा तो वी अलग अलग बैठे हमें ही देख रहे थे.

 

 अब नोहीत अपनी ऊँगली को मेरी चीपकी जांघों पर लाकर मेरी चुत सहलाने लगा था. तभी उसने मेरी clitoris को मसला तो मेरी चुत ने जोश मैं आकर पूचह से पानी बहार फ़ेंक दीया. मैं मस्त होकर चुत मैं लंड डलवाने को बेक़रार हूई तो नोहीत के कपडे खोलकर उसे भी एकदम नंगा कर दीया. ओह अल्लाह, पैंट अलग होते ही नोहीत का लंड फुदकने लगा. एकदम iron रोड की तरह लग रहा था. उसका लंड अपने हाथ मैं लेकर मैं सहलाने लगी. सच, रवी के लंड से काफी बड़ा था. मैं हाथ से मुठीयाने लगी तो नोहीत मेरी चुत को फीनगर फक करने लगा.

 

कुछ देर बद नोहीत नीचे बैठा और अपना चेहरा मेरी जांघों के बीच ला मेरी चुत पर जीभ फीराने लगा. ओहचुत चुस्वाने पर मैं गांगाना उठी. वह अपनी जीभ को चुत के चारो तरफ फीराकर चाट रहा था. मेरी झांतो को भी चाट रहा था और मैं अपनी जांघों को फैलाती चली गयी. उसके थूक से मेरी चुत भीगी थी और वह clitoris को मुँह मैं लेकर चूस रहा था. रवी और सुम्मी अभी भी चुपचाप हुमदोनो को देख रहे थे. मैं सुम्मी से बोलीअरे सुम्मी तुम क्या हमलोगों को ब्लू फील्म की तरह देख रही हो? अरे क्यों मज़ा खराब कर रही हो.

 

तुमको लंड की ज़रूरत है और रवी को चुत की. तुम रवी के लंड का मज़ा लो.मेरे बोलने का असर उनदोनो पर हुआ. उनदोनो ने एक दुसरे को देखा फीर रवी उठकर सुम्मी के पास गया और उसके गाल को चूम लीया. सुम्मी गाल पर कीस पाकर मस्त हो गयी और खाडी होकर रवी से चिपककार उसके लीपस चूमने लगी. मैंने नोहीत की चहरे को अपनी चुत पर दबाया और उन्दोनो को देखने लगी. व्हो भी अब एक दुसरे से लीपते थे. रवी जम्पर के अंदर हाथ डालकर सुम्मी की चुचीयों को पकड़े था और सुम्मी रवी के लंड को. अगले कुछ ही वक़्त मैं रवी ने सुम्मी को एकदम नंगा कर दीया.

 

सुम्मी की चुत पर घुंघराले बाल थे जिनको रवी ऊँगली से सहलाने लगा. सुम्मी ने रवी के लीये अपनी जाँघों को फैलाया हुआ था. तभी रवी ने उसे उठाकर ब्र्थ पर लिटा दीया. तब सुम्मी ने दोनो पैरो को चौड़ा किया तो नोहित की तरह रवी भी उसकी चुत पर झुकता चला गया. रवी अपनी जीभ नीकालकर सुम्मी की चुत को चाटने लगा. सुम्मी के पैर मेरी तरफ होने की वजह से नज़ारा एकदम कलेकर मील रहा था. सुम्मी क़मर उछालकर च्टवा रही थी. फीर रवी ने अपनी जीभ सुम्मी की चुत मैं पेल दी और सुम्मी को tounge फक करने लगा. सुम्मी अपनी चुत को रवी की जीभ पर नाचने लगी. सुम्मी की चुत के नमकीन रस को रवी मज़े से चाट रहा था.

 

इधर नोहीत भी रवी की तरह मेरी चुत के Pink होउल मॆं अपनी जीभ पलकर मुझे tounge फक कर रहा था. रवी की तरह नोहीत ने भी मेरी टांगो को फैलाया हुआ था. मैं जब बेक़रार हो गयी तो बोलीओह नोहीत डारंलीग अब चुत को चूसना खतम करो और मेरी चुत मैं अपना लंड डाल दो नही तो मैं मर जाउंगी. आह जल्दी चोदो मुझे.मेरी बात सुनकर नोहीत ने अपने लंड को मेरी चुत पर सटकर एक करारा शोट मारा तो उसका लंड मेरी चुत को फाड़ता हुआ अंदर जाने लगा. दर्द हुआ तो मेरे मुँह से नीकल पड़ाहाय रजा आराम से.

 

ओह तुम्हारा तो रवी से बहुत मोटा है. ज़रा धीरे धीरे पेलो डारंलीग मैं कही भागी नही जा रही हूँ.नोहीत मेरी बात सुनकर रूक गया और मेरी चुचीयों को दबाने लगा. वह लंड को मेरी चुत मैं डाले दोनो मम्मो को दबा रहा था. कुछ देर बद दर्द कम हुआ और मज़ा आया तो मैं नीचे से गांड उचकने लगी. वह मेरी क़मर के उछल को देखकर समझ गया और धक्के लगाने लगा. कुछ पल मैं ही उसका लंड मेरी चुत की तह मैं ठोकर मरने लगा. नोहीत के साथ तो अनोखा मज़ा आ रहा था. उसके पेलने के अंदाज़ से ज़हीर हो रहा था की वह चुदाई में माहीर है.

 

वह मेरे मम्मो को दबाते हुवे चुत की तेह तक हमला कर रहा था. मैं होश खो बैठी थी. उधर चुत चूसने के बाद रवी सुम्मी की चुचीयों को चूस रहा था. सुम्मी अपने हाथ से अपने मम्मों को रवी को चूसा रही थी. सुम्मी ने रवी के कपडे अलग कर दीये थे और उसके लंड को मुठिया रही थी. वह मेरी ऊर देखकर बोलीओह रवी देखोना नोहीत और रीहाना को कैसे मज़े से चोद रहा है. तुम भी अब मुझे तर्सऔ नही और जल्दी से मुझ को चोदो.रवी ने सुम्मी के पैरो को अपने कंधे पर रखकर लंड को उसकी चुत पर रगड़ना शुरू कीया तो सुम्मी बोली ओह्ह हाय मेरे रजा, क्यों मुझे को तडपा रहे हो. हाय जल्दी से मुझ को चोद दो.

 

रवी ने अपने लंड को उसकी चुत पर लगा धक्का लगाया तो चौथाई लंड उसकी चुत मैं चला गया. सुम्मी ने उसके चूतादो को दबाते हुवे कहायेस येस डालो. पुरा डालकर चोदो.वोः दोनो एक दुसरे के ओप्पोसीट धक्के लगाने लगे और इस तरह रवी का पुरा लंड सुम्मी की चुत मैं चला गया. सुम्मी की चुत के बाल उसके लंड के चारो ऊर फेल गए थे. रवी पुरा पलकर उसके मम्मो को मसलने लगा था. इधर नोहीत मेरी चुत मैं अपने मोटे लंबे लंड को पुक्कक्क पुक्क अंदर बहार कर रहा था और मैं हर धक्के के साथ सिसक रही थी. रवी से चुदवाने से ज़्यादा मज़ा मुझे उस अजनबी नोहित के साथ आ रहा था. मैं चुद्वाते हुये दूसरी ब्र्थ पर भी देख रही थी.

 

रवी मम्मों को मसलते हुये सुम्मी की चुत को चोद रहा था और वह नीचे से क़मर उचकते हुये रवी की गांड को कुरेद रही थी. अब रवी सुम्मी की चुचीयों को मुँह मैं लेकर चूसते हुवे तेज़ी से चुदाई कर रहा था. सुम्मी मदहोशी मैं बोलीओह रवी मेरे यार बहुत मज़ा आ रहा है. हाय और ज़ोर से चोदो. पुरा जाने दो फाड़ दो मेरी चुत. चीथड़े उड़ दो.सुम्मी पूरे जोश मैं अपनी क़मर उचककर लंड का मज़ा ले रही थी. मैं उन्दोनो की चुदाई का नज़ारा करते नोहीत से चुद्वा रही थी. नोहीत ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा तो मुझे एसा लगा की मेरी चुत से पानी नीकल पड़ेगा.

 

एसा महसूस करते ही मैं नोहित से बोलीआह नोहित डारंलीग मेरा निकलने वाला है. रजा मेरी हेल्प करो तुम भी मेरे साथ ही अपनी मलाई मेरी चुत मैं ही निकालो.नोहित पर मेरी बोली का असर हुआ और वह तेज़ी से चुदाई करने लगा. कुछ देर मैं ही मेरी चुत से फव्वारा चलने लगा और मेरे साथ ही नोहित के लंड की पिचकारी भी चल दी. उसकी पिचकारी ने गरम पानी से मेरी चुत भर दी. जब मेरी चुत भर गयी तो मलाई चुत से बहार निकलने लगी. झड़ने के बाद हम्दोनो एक दुसरे लीपताकर उखड़ी साँसों को दुरुस्त करने लगे. मेरा ध्यान फीर सुम्मी की तरफ गया. सुम्मी मदहोशी मैं कराह रही थी और कमा को हवा मैं लहराते हुवे रवी से चुद्वा रही थी. कुछ देर बाद जब नोहीत अलग हुआ तो मैं उठकर सुम्मी के पास गयी. मेरी चुत लंड के पानी से चीप्चीपा गयी थी और नोहीत के लंड ने इतना ज़्यादा पानी उगला था की जान्घे तक भीगी थी. मैं ऐसे ही सुम्मी के पास गयी और उसको लीपस पर कीस करने लगी.

 

सुम्मी ने मेरी गर्दन दो अपने हाथो से पकड़ लीया और मेरे सीर को अपनी चुचीयो पर लाने लगी. मैं समझ गयी की वह अपनी चुचीयो को चुस्वाना चाहती है. मैं उसके एक माम्मे को मुँह मैं लेकर चूसने लगी. उसकी एक मोटी मोटी चूची को चूसते हवे मैं दूसरी को दबाने लगी. सुम्मी चुत्ड़ तेज़ी से उठाने गीराने लगी और रवी भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. २०-२२ धक्को के बाद सुम्मी की गांड रूक गयी. उसकी चुत से पानी गीरने लगा था. रवी ने भी दो चार धक्के और लगाए और सुम्मी के ऊपर लेटकर लंबी लंबी साँसे लेने लगा. उसका लंड भी गरम लावा नीकल रहा था. रवी अपनी क्लास्स्मेट की चुत मैं अपने लंड का माल उन्देल रहा था.

 

वोः दोनो काफी देर तक सुस्त होकर एक दुसरे से चिपके रहे. फीर वोः अलग हुवे तो मैंने सुम्मी की और अपनी चुत साफ की फीर दोनो के ढीले लडों को भी साफ कीया. फीर हमलोग अलग होकर सोने चले गए. मुझे नीद नही आ रही थी. मेरी आंखों के सामने दोनो के लंड नाच रहे थे. नोहीत का देल्ही मैं अपना फ़्लैट था और व्हो उन्मर्रिएद् था. उसने रवी और मुझ को अपने फ़्लैट मैं रुकने को कहा तो मैं तैयार हो गयी. सुम्मी अपनी कजीन के घर चली गयी. नोहीत ने उसको भी अपनी details देदी. नोहीत के फ़्लैट पर उस ने मुझे फीर चोदा !

  

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