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तड़पती बहु को ससुर ने चोदा

गोपीनाथ की पत्नी देवयानी की मौत 2 साल पहले हो गयी थी। अब वो 45 साल का एक असंतुष्ट मर्द था और अपने लंड की गरमी निकालने के लिए नई चूत की तलाश में था। उसका एक बेटा अविनाश और एक बेटी दीपा थी। बेटी की शादी गौतम के साथ हो चुकी थी जो कि फौज में काम करता था। गौतम की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी और दीपा से अलग रहने पर मज़बूर था। दीपा 19 साल की जवान औरत थी.. गोरी चिट्टी, गदराया हुआ बदन, भारी चूतड़, भरी हुई चूचियाँ, मोटे होंठ, लंबा कद और कसरती जांघे। कई बार तो गोपी अपनी ही बेटी के जिस्म की कल्पना से उत्तेजित हो चुका था। वो एक ही शहर में होते हुए भी अपनी बेटी से कम ही मिलता क्योंकि वो नहीं चाहता था कि उसका हाथ अपनी ही बेटी पर लगकर इस पवित्र रिश्ते को तोड़ डाले।


अविनाश ने भी अपनी प्रेमिका सोनिया से शादी करके घर बसा लिया था। सोनिया एक साँवली 20 साल की लड़की थी.. बिल्कुल स्लिम, सेक्सी आँखें, लंबी टाँगें और भरा हुआ जिस्म। सोनिया की ज़िद थी कि वो अलग घर में रहेगी.. तो अविनाश ने अलग घर ले लिया था। गोपीनाथ अब अकेलेपन का शिकार हो रहा था कि अचानक एक दिन उसकी बहू सोनिया का फोन आया और वो बोली कि बाबूजी आप यहाँ पर चले आइए.. मुझे आपकी ज़रूरत है। अविनाश ने मुझे धोखा दिया है और में आपके बेटे से तलाक़ चाहती हूँ.. आप अभी चले आये बाबूजी।


तभी गोपीनाथ जल्दी से अपने बेटे के घर पहुँचा तो देखा कि सोनिया ने रो रो रोकर अपना बुरा हाल कर लिया था। फिर गोपीनाथ उसके पास आया और पूछने लगा कि बेटी क्या हुआ? रोना बंद करो अब और मुझे पूरी बात बताओ बेटी.. तू घबरा नहीं.. तेरे बाबूजी हैं ना? शाबाश बेटी मुझे सारी बात बताओ? लेकिन सोनिया कुछ नहीं बोली बल्कि उसने तस्वीरों का एक लिफ़ाफ़ा अपने ससुर की तरफ बढ़ा दिया। फिर गोपीनाथ ने एक नज़र जब तस्वीरों पर डाली तो हक्का बक्का रह गया। अविनाश क़िसी पराई औरत को चोद रहा था और उसकी हर तस्वीर साफ थी और एक तस्वीर में वो औरत अविनाश का लंड चूस रही थी तो दूसरी में अविनाश उसकी गांड चाट रहा था, चूत चूम रहा था और तस्वीरें बिल्कुल साफ थी और उस औरत की शक्ल भी जानी पहचानी लग रही थी। वो औरत भी बहुत सेक्सी थी। गोरी, गदराया हुआ बदन, 25-26 साल की हसीना थी। फिर गोपीनाथ बोला कि बेटी यह औरत कौन है? कब से चल रहा है ये सब कुछ?


फिर सोनिया बोली कि बाबूजी क्या आप नहीं जानते इस औरत को? ये रीना है.. मेरी भाभी जिसको आपके बेटे ने फंसाया हुआ है। आपका बेटा मुझसे और मेरी सग़ी भाभी से शारीरिक संबंध बनाए हुए है। तभी गोपीनाथ कहने लगा कि यह शरम की बात है उसको मर जाना चाहिए.. जो अपनी बहन समान भाभी को चोद रहा है और दिन रात उसके साथ चिपका रहता है। तभी सोनिया बोली कि हाँ बाबूजी और में यहाँ करवटें बदलती रहती हूँ। तभी गोपीनाथ की नज़र अब अपनी बहू के रोते हुए चेहरे पर से ऊपर नीचे होते हुए सीने पर जा रुकी। सोनिया का कमीज़ बहुत नीचे गले का था और उसके सीने का उभार आधे से अधिक बाहर खनक रहा था। तभी बूब्स की गहरी घाटी देखकर ससुर का दिल बहक उठा और गोपीनाथ जानता था कि जब औरत के साथ बेवफ़ाई हो रही हो तो वो गुस्से और जलन में कुछ भी कर सकती है। इस वक्त उसकी बहू को कोई भी ज़रा सी हमदर्दी जता कर चोद सकता था और अगर कोई भी चोद सकता था तो फिर गोपीनाथ क्यों नहीं? और ऐसा माल बाहर वाले के हाथ क्यों लगे? और बेटे की पत्नी उसके बाप के काम क्यों ना आए?


फिर गोपीनाथ बोला कि बेटी घबरा मत.. में हूँ ना तेरी हर तरह की मदद के लिए। बोलो कितने पैसे चाहिए तुझे.. दस लाख, बीस लाख.. में तुझे इतना धन दूँगा कि तुझे कोई कमी ना रहेगी और कभी अविनाश के आगे हाथ नहीं फैलने पड़ेंगे। बस तुम मेरे घर की इज़्ज़त रख लो और अविनाश की बात किसी से मत कहना और तुझे जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना। गोपी ने कहा और अपनी बहू को बाहों में भर लिया। रोती हुई बहू उसके सीने से चिपक गयी और जब सोनिया का गरम जिस्म ससुर के साथ लिपटा तो एक करंट उसके जिस्म में दौड़ गया जिसका सीधा असर उसके लंड पर हुआ। तभी 45 साल के पुरुष में पूरा जोश भर गया और उसने अपनी बहू को सीने से भींच लिया और उसके गालों को सहलाने लगा।

उधर जवान बहू ने जब इतने दिनों के बाद मर्द के जिस्म को स्पर्श किया तो उसकी चूत में भी एक आग सी मच गयी और वो एक मिनट के लिए भूल गयी कि गोपीनाथ उसका पति नहीं बल्कि पति का बाप था। गोपीनाथ ने बहू को गले से लगाया हुआ था और फिर वो सोफे पर बैठ गया और सोनिया उसकी गोद में। जब अपने ससुर के लंड की चुभन बहू के चूतड़ पर होने लगी तो बहू भी रोमांचित हो उठी और वैसे भी ससुर ने पैसे देने का वादा तो कर लिया था। अब उसकी जिस्मानी ज़रूरतों की बात थी तो वो सोचने लगी कि क्यों ना अविनाश से बदला लेने के लिए उसके बाप को ही अपने जाल में फंसा लूँ? बाबूजी का लंड तो बहुत मोटा ताज़ा महसूस हो रहा है.. अगर मदारचोद अविनाश ने मेरी भाभी को फंसाया है तो क्यों ना में उसके बाप को अपना पालतू चोदू मर्द बना लूँ? और वैसे भी बुजुर्ग आसानी से पट जाते हैं और फिर औरत को एक जानदार लंड तो चाहिए ही। 

अब तरकीब लगानी है कि ससुर जी को कैसे लाईन पर लाया जाए? और उसके लिए खुल जाना बहुत ज़रूरी है। तभी सोनिया अपनी स्कीम पर मुस्कुरा उठी और कहने लगी कि मेरे प्यारे बाबूजी, आप कितना ख्याल रखते हैं अपनी बहू का? में आपकी बात मानूँगी और घर की बात बाहर नहीं जाने दूँगी.. यह बात कहते हुए उसने प्यार से अपने ससुर के होंठों को चूम लिया। गोपीनाथ भी औरतों के मामले में बहुत समझदार था और जनता था कि उसकी बहू को चोदने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। तभी उसका लंड उसकी बहू के चूतड़ में घुसने लगा तो बहू भी शरारत से बोली कि बाबूजी ये क्या चुभ रहा है मुझे? शायद कोई सख्त चीज़ मेरे कूल्हों में चुभ रही है। फिर गोपीनाथ बड़ी बेशर्मी से हंस कर बोला कि बेटी तुझे धन के साथ साथ इसकी भी बहुत ज़रूरत पड़ेगी.. धन बिना तो तू रह लेगी लेकिन लंड के बिना रहना बहुत मुश्किल होगा.. मेरी प्यारी बेटी को इसकी ज़रूरत बहुत रहेगी और बेटे का तो ले चुकी है अब अपने बाबूजी का भी लेकर देख लो और अगर तुझे खुश ना कर सका तो जिसको मर्ज़ी अपना यार बना लेना।


तभी गोपीनाथ का हाथ सीधा बहू की चूची पर जा टिका और बहू मुस्कुरा पड़ी और उसने अपने ससुर के लंड पर हाथ रखा तो लंड फूंकार उठा। पेंट में तंबू बन चुका था। तभी सोनिया समझ गयी थी कि अब बेटे के बाद बाप को ही अपना पति मान लेने में भलाई है। फिर गोपीनाथ ने बहू के सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रानी बेटी अब ज़िप भी खोल दो ना और देख लो अपने बाबूजी का हथियार और अपने कपड़े उतार फेंको और मुझे भी अपना खज़ाना दिखा दो। तभी बहू ने झट से ज़िप खोल दी और बाबूजी की अंडरवियर नीचे सरकाते हुए लंड को अपने हाथों में ले लिया और कहने लगी कि बाबूजी आपका लंड तो आग की तरह दहक रहा है.. लगता है माँ जी के जाने के बाद से यह बेचारा प्यासा है। खैर अब में आ गयी हूँ इसका ख्याल रखने के लिए। ये बहुत बैचेन हो रहा है अपनी बहू को देख कर। फिर गोपीनाथ ने भी अब अपना हाथ कमीज़ के गले में डालकर सोनिया की चूची भींच ली और उसके निप्पल को मसलने लगा। तभी जल्दी जल्दी दोनों प्यासे जिस्म नंगे होने को बेकरार हो रहे थे और बहू ने ससुर की पेंट नीचे सरका दी और उसके लंड को किस करने लगी। फिर गोपीनाथ बोला कि बेटी तेरे बाबूजी का कैला कैसा है स्वाद पसंद आया? लेकिन बहू तो बस कैला खाने में मग्न हो चुकी थी। फिर सोनिया बोली कि बाबूजी मेरा मन तो कैले के साथ आपके आंड भी खा जाने को कर रहा है.. कितने भारी हो चुके है यह आंड.. इनका पूरा रस मुझे दे दो आज बाबूजी प्लीज।


तभी गोपीनाथ बोला कि इनका रस तुझे मिल जाएगा लेकिन उसके लिए तुमको पूरा नंगा होना पड़ेगा और अपने बाबूजी को अपने जिस्म का हर अंग दिखना पड़ेगा ताकि तेरे बाबूजी तुझे प्यार कर सकें। अपनी बेटी के अंग अंग को चूम सकें, सहला सकें और अपना बना सकें। बेटी आज मुझे अपने जिस्म की खूबसूरती दिखा दो। मुझे तो कल्पना करने से ही उतेज्ना हो रही है। मेरी रानी बेटी.. आज तेरी फिर से सुहागरात होने वाली है अपने बाबूजी के साथ। आज हम दो जिस्म एक जान हो जाने वाले हैं। बेटी क्या घर में विस्की है? लेकिन मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा.. अपनी रानी बेटी को आज नागन रूप में देखकर कहीं में मर ना जाऊ? में अपना मन मज़बूत करने के लिए दो घूँट पी लूँ तो बहुत अच्छा होगा। आज मेरी अप्सरा जैसी बेटी मेरी हो जाएगी बेटी तुम कपड़े उतार लो और ज़रा विस्की ले आना सोनिया मुस्कुराती हुई उठी और दूसरे रूम में चली गयी।


फिर 10 मिनट के बाद जब वो लौटी तो केवल काली पेंटी और ब्रा में थी और गोपीनाथ पूरी तरह से नंगा था। वो अपने लंड को मुठिया रहा था और वासना भरी नज़र से सोनिया को घूर रहा था और सोनिया का सांवला जिस्म देखकर उसका लंड आसमान की तरफ उठा हुआ था। कसी हुई पेंटी में उसकी बहू की चूत उभरी हुई थी और चूची तो ब्रा को फाड़कर बाहर आने को उतावली हो रही थी। सोनिया के हाथ में ट्र ट्रे थी जिसमे शराब की बॉटल रखी हुई थी जो उसने टेबल पर रखी और बाबूजी के लिए पेक बनाने लगी। तभी गोपी ने अपना एक हाथ आगे बड़ाकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और वो मचल गयी.. लेकिन मुस्कुरा पड़ी। बाबूजी ने अपनी बहू की चूची को मसल दिया और बोली कि बेटी क्या मेरा बेटा भी तेरी चूची को इतना प्यार करता है? इसको चूसता है? और बेटी तुम भी तो एक पेक पी लो.. अपने लिए भी पेक बनाओ।


तभी सोनिया पहले झिझकी लेकिन फिर दूसरे ग्लास में शराब डालने लगी और जब पेक बन गये तो गोपी ने बहू को गोद में बैठा लिया और अपने हाथ से पिलाने लगा। फिर वो कहने लगी कि बाबूजी जब में पी लेती हूँ तो मेरी कामुकता बहुत बड़ जाती है और में अपने होश में नहीं रहती। तभी गोपीनाथ मुस्कुरा कर बोला कि बेटी आज होश में रहने की ज़रूरत भी नहीं है और मुझे ज़रा अपने दूध पी लेने दो। ऐसी कड़क चूची मैंने आज तक नहीं देखी है और गोपीनाथ वो चूची चूसने लगा.. जिसको कभी उसका बेटा चूसा रहा था। तभी ग्लास ख़त्म हुआ तो गोपीनाथ मस्ती में भर गया और उसने अपनी बहू को अपने सामने खड़ा किया और अपने होंठ उसकी फूली हुई चूत पर रख दिए और पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगा।


सोनिया कहने लगी कि बाबूजी क्या एसे ही करते रहोगे या फिर बेटिंग भी करोगे? मैंने आपके लिए पिच से घास साफ कर रखी है दिखाऊँ क्या? गोपीनाथ जोर से हंस पड़ा। क्योंकि चुदाई में बेशर्मी बहुत ज़रूरी होती है और उसकी लंड की प्यासी बहू बेशर्म हो रही थी। वो कहने लगा कि बेटी मेरा लंड कैसा लगा? और में भी देखता हूँ कि तेरा पिच तैयार है.. सेंचुरी बनाने के लिए या नहीं? पिच से खुश्बू तो बहुत बढ़िया आ रही है और यह कहते हुए उसने पेंटी की इलास्टिक को बहू के कूल्हों से नीचे सरका दिया और तभी कसे हुए चूतड़ नंगे हो उठे और शेव की हुई चूत गोपीनाथ के सामने मुस्कुरा उठी। गोपीनाथ ने धीरे से पेंटी को बहू की कसी हुई जांघों से नीचे गिरा दिया और अपने बेटे की पत्नी की चूत को प्यार से निहारने लगा। चूत के उभरे हुए होंठ मानो मर्द के स्पर्श के लिए तरस गये हों। फिर गोपीनाथ ने एक सिसकी भरकर अपना हाथ चूत पर फैरा और फिर अपने होंठ चूत पर रख दिए। चूत मानो आग में दहक रही हो। 

फिर सोनिया कहने लगी कि ओह बाबूजी मेरे प्यारे बाबूजी क्यों आग भड़का रहे हो? इस प्यासी चूत की प्यास बुझा दो ना.. प्लीज। अब आप ही इस जवान चूत के मालिक हो.. इसको चूसो, चाटो, चोदो, लेकिन अब देर मत करो बाबूजी.. में मरी जा रही हूँ। फिर गोपीनाथ ने बहू के चूतड़ कसकर थाम लिए और जलती हुई चूत में जीभ घुसाकर चूसने लगा। जवान चूत के नमकीन रस की धारा ने उसकी जीभ का स्वागत किया जिसको गोपीनाथ पीने लगा। बहू ने अपनी जांघे खोल दी जिससे ससुर के मुहं को चूसने में आसानी हो और कामुक ससुर किसी कुत्ते की तरह चूत चूसने लगा और उधर सोनिया की वासना भड़की हुई थी और वो अपने ससुर के लंड को चूसने के लिए उतावली और गरम हो रही थी।

तभी सोनिया कहने लगी कि बाबूजी मुझे बिस्तर पर ले चलो.. मुझे भी आपका कैला खाना है आपके बेटे को तो मेरी परवाह नहीं है.. उस बहनचोद ने तो मेरी भाभी को ही मेरी सौतन बना रखा है। आप मुझे चोदकर अविनाश की माँ का दर्जा दे दो बाबूजी.. प्लीज। उधर गोपीनाथ बहू की चूत से मुहं हटाने वाला नहीं था.. लेकिन बहू का कहा भी टाल नहीं सकता था। तभी कामुक ससुर ने अपनी नग्न बहू के जिस्म को बाहों में उठाया और अपने बेटे के बिस्तर पर ले गया। बहू का नंगा जिस्म बिस्तर पर फैला हुआ देखकर गोपीनाथ नंगा हो गया और इतनी सेक्सी औरत तो उसकी सग़ी बेटी भी होती तो आज वो उसको भी चोद देता। गोपीनाथ अपनी बहू पर उल्टी दिशा में लेट गया था तो उसका लंड बहू के मुहं के सामने था और बहू की चूत पर उसका मुहं झुक गया। सोनिया समझ गयी कि उसे क्या करना है। उसने दोनों हाथों में ससुर जी का लंड थाम लिया और उस आग के शोले को मुहं में भर लिया और सोनिया गोपीनाथ के सूपाड़े को चाटने लगी। लंड को चूसते हुए उस पर दाँत से भी काटने लगी और अंडकोष को मसलने लगी।


उधर ससुर भी अपनी जीभ बहू की चूत की गहराई में मुहं घुसाकर चुदाई करने लगा। दोनों कामुक जिस्म मुहं से चुदाई करते हुए सिसकियाँ भरने लगे.. आहह उूुुउफ आआहह… तभी गोपी को लगा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो जल्दी ही झड़ जाएगा। इसलिए उसने बहू को अपने आप से अलग कर लिया और उसने बहू को लेटा लिया और उसकी जांघों को खोल कर ऊपर उठा दिया। फिर उसने अपना सुपाड़ा सोनिया की चूत पर टिकाया और चूत पर रगड़ने लगा और सोनिया सिसकियाँ भरने लगी और कहने लगी कि उफफफफफ्फ़ अहह बाबूजी क्यों इतना तरसा रहे हो? डाल दो ना और वो कराह उठी.. बाबूजी चोद डालो अपनी बहू को.. आपकी बहू की चूत मस्ती से भरी पड़ी है.. मसल डालो अपनी बेटी की प्यासी चूत को और जो काम आपका बेटा ना कर सका आज आप कर डालो। बाबूजी अब जल्दी से चोदना शुरू करो.. मेरी चूत जल रही है। तभी गोपी ने अपना सुपाडा सोनिया की चूत पर टिकाया और चूत पर रगड़ने लगा। उफफफफफ्फ़ बाबूजी.. क्यों तरसा रहे हो? डाल दो ना प्लीज कहते हुए बहू ने ससुर के लंड को अपनी दहकती हुई चूत पर रखकर चूतड़ ऊपर उछाल दिए और लोहे जैसा लंड चूत में समाता चला गया। ऊऊऊऊऊऊऊऊहह.. आआअहह.. मर गयी.. में माँ डाल दो बाबूजी.. शाबाश बाबूजी चोद डालो मुझे.. मेरी चूत जल रही है। तभी सोनिया की चूत से इतना पानी बह रहा था कि लंड आसानी से चूत की गहराई में उतर गया और बहू ने अपनी टाँगें बाबूजी की कमर पर कस दी और वो अपनी गांड उछालने लगी। ससुर बहू की साँस भी बहुत भारी हो चुकी थी और दोनों कामुक सिसकियाँ भर रहे थे। तभी गोपी ने बहु की चूची को ज़ोर से मसलते हुए धक्कों की स्पीड बढ़ा डाली और लंड फ़चा फ़च चूत के अंदर बाहर होने लगा। फिर गोपी ने बहू के निप्पल चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गयी और पागलों की तरह चुदवाने लगी। वाह! बाबूजी वाह चोद डालिए मुझे.. चोद डालो अपनी बहू की चूत.. चोदो अपनी बेटी को बाबूजी.. आह्ह बाबूजी।


फिर बाबूजी ने भी जोश में आकर धक्के और तेज़ कर दिए और इतनी जवान चूत गोपी ने आज तक नहीं चोदी थी। ऐसा बढ़िया माल उसे मिला भी तो अपने ही घर में और उत्तेजना में उसने बहू के निप्पल को काट लिया तो बहू चिल्ला उठी आआआअहह ऊऊऊऊओह ईईईईईईी माँआआ। बहू पूरी तरह से होश खो चुकी थी मदहोश हो होकर अपने ससुर की चुदाई का मज़ा ले रही थी। पूरा कमरा कामुक सिसकियों से गूँज रहा था। मुझे मार डाला आपने बाबूजी आआअहह में जन्नत में पहुँच गयी। तभी गोपी ने अपना लंड बहू की चूत की गहराईयों में उतार दिया और पागलों की तरह चोदने लगा और बहू ससुर चुदाई के परम आनंद में डूब चुके थे ससुर का लंड तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था और बहू की चूत की दीवारों ने उसको जकड़ रखा था। तभी बहू ने बिखरती साँसों के बीच कहा अह्ह्ह मर गयी में। मेरे राजा बाबूजी चोदो मुझे और ज़ोर से मेरे बाबूजी आज मेरी चूत की तृप्ति कर डालो.. आज मुझे निहाल कर दो अपने मूसल लंड के साथ मुझे चोद दो मेरे बाबूजी.. मेरी चूत किसी भी वक्त पानी छोड़ सकती है।

फिर गोपीनाथ का भी समय नज़दीक ही पहुँच चुका था और वो बहू को जकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में लग गया और कमरे में फ़चा फ़च की आवाज़ें गूँज रहीं थी। उसने पूरे ज़ोर से धक्के मारते हुए कहा कि बहु मेरी रानी बेटी चुदवा ले मुझसे। अब ज़ोर लगा कर मेरा लंड भी झड़ने के पास ही है.. ले लो इसको अपनी चूत की गहराई में मेरा लंड अब तेरी चूत में अपना पानी छोड़ने वाला है। 

मेरी रानी बेटी तेरी चूत ग़ज़ब की टाईट है.. में सदा ही तेरी चूत को चोदने का वादा करता हूँ.. मेरी रानी लो में झड़ा शीहहह.. मेरी बेटी मेरा लंड तेरी चूत में पानी छोड़ रहा है। मेरा रस समा रहा है तेरी प्यारी चूत में में झड़ा आआह्ह्ह्ह और इसके साथ ही उसके लंड ने और सोनिया की चूत ने एक साथ पानी छोड़ना शुरू कर दिया और दोनों निढाल होकर एक दूसरे से लिपट कर सो गये। दोस्तों इस तरह ससुर और बहू की चुदाई की शुरुआत हुई.. जो कि आज तक भी जारी है ।

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डरते डरते साली की चूत मारी

दोस्तों यह कहानी आज से लगभग 4 साल पहले की है। वो नवम्बर का महीना था और ठंड भी पड़ना शुरू हो गई थी और मेरी पत्नी प्रॅगनेंट थी उसका सातवां महीना चल रहा था। फिर मेरी पत्नी ज़्यादा काम नहीं कर पाती थी। तभी मैंने उसकी मदद के लिये अपनी साली को बुला लिया। दोस्तों मेरी साली का नाम कामिनी है वो बहुत सुंदर और सेक्सी लड़की है उसकी उम्र 22 साल की है और चूचियाँ 32″ और कमर 28″ गांड 30″ के आसपास है और वो मुझसे बहुत मज़ाक करती है। फिर मैंने शुरू शुरू में कोई खास ध्यान नहीं दिया लेकिन बहुत दिन से चुदाई नहीं करने के कारण मुझे बहुत अजीब सा लगता था। फिर रात में जब लंड खड़ा होता तो में बाथरूम में जाकर साली का नाम लेकर मुठ मार लेता था।


फिर मेरा मन अब साली को चोदने का करता था लेकिन डर लगता था कि अगर उसने विरोध किया और मेरी पत्नी को पता चल गया तो मेरा हंसता खेलता परिवार उजड़ जाएगा। लेकिन चुदाई करने के लिए कुछ तो पहल करनी ही थी। फिर इसलिए एक दिन मौका देखकर जब मेरी पत्नी आँगन में धूप सेक रही थी और रूम में साली अकेली थी। तभी मैंने पीछे से हाथ लगाया और उसकी कमर पर अपना एक हाथ फैरने लगा। तभी वो अचानक से चौंक गई और कहने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? फिर मैंने उसे कहा कि बस तुम्हे छूकर देख रहा हूँ कि तुम्हारे अंदर कितना करंट है। तभी वो एक शैतानी हंसी हंस पड़ी। फिर में समझ चुका था कि हंसी तो फंसी लेकिन शुरू शुरू में तो उसने बहुत नाटक किया लेकिन जब में उसे रोज मौका देखकर चूमने लगा।


अब उसने विरोध करना छोड़ दिया था और शायद उसे मज़ा आता था। लेकिन चुम्मा लेने से लंड की प्यास नहीं बुझती है फिर यही हाल मेरे साथ भी था। फिर मेरी साली अपनी बहन यानी की मेरी पत्नी के साथ ही सोती थी और फिर में उसके पलंग के पास में चौकी पर सोता था.. पत्नी मेरी तरफ मुहं करके और साली दूसरी तरफ सोती थी और ऐसे में कुछ भी करना बहुत मुश्किल था। फिर एक दिन सुबह उठकर जब मेरी पत्नी बाथरूम गई थी तभी मैंने मौका देखकर थोड़ी हिम्मत जुटाई और अपनी चौकी से उठकर पलंग पर चला गया और साली के पास में लेट गया लेकिन शायद वो नींद में थी इसलिए उसे पता नहीं चला।


फिर मेरे पास समय कम और एक बहुत मौका अच्छा था। तभी मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और फिर उसे धीरे धीरे दबाने लगा.. इससे उसकी नींद अचानक खुल गई और फिर मेरी डर के मारे बहुत हालत खराब हो गई.. मुझे ऊपर से नीचे तक पसीना छूट गया। लेकिन उसने केवल मेरा हाथ पकड़ा था और वो कुछ बोली नहीं। तभी इससे मेरी हिम्मत और बड़ गई और फिर मैंने अपना हाथ छुड़ाकर उसकी चूचियों पर रख दिया और फिर बड़े आराम से उन्हें दबाने लगा लेकिन कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरी पत्नी बाथरूम से वापस आ गई है। तभी में तुरंत जल्दी से अपने बिस्तर पर आ गया। फिर करीब एक सप्ताह तक रोज मैंने ऐसा ही किया फिर मेरी प्यास रोज और बड़ती ही जा रही थी।


फिर करीब एक सप्ताह के बाद सुबह रोज की तरह जब मेरी पत्नी बाथरूम में गई। तभी में साली के पास उसके पलंग पर आ गया और फिर चूचियाँ दबाते दबाते मैंने एकदम से अपना एक हाथ उसकी सलवार के अंदर घुसा दिया किस्मत से मेरा हाथ एकदम से उसकी पेंटी के भी अंदर घुस गया और मेरा हाथ सीधे जाकर उसकी चूत पर पड़ा। फिर में उसकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और वो बीना हिले चुपचाप पड़ी रही उसने कोई विरोध नहीं किया। तभी मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी। तभी वो अचानक से पूरी हिल गई और मुझे अंदाजा हो गया कि वो चुदाई के लिये तैयार है। फिर मैंने अपनी पत्नी के डर से ऊँगली को बाहर किया और उसे चूमने लगा। फिर मैंने उसे करीब पांच मिनट तक चूमा और छोड़ दिया और सही मौके की तलाश में लगा रहा।


फिर जब भी वो मुझे देखती हमेशा एक अच्छी सी मुस्कान देकर मुझे चुदाई के लिये न्यौता दे कर चली जाती और में अंदर ही अंदर जलकर राख होता रहता था और भगवान से कहता कि वो दिन.. ना जाने कब आएगा? तभी एक दिन मेरी किस्मत चमक उठी और मुझे जिस मौके की तलाश थी वो आज मुझे मिल गया। मेरी पत्नी डॉक्टर के पास जाँच के लिये मेरी माँ के साथ चली गई मैंने माँ को कहा कि में भी चलूं लेकिन माँ ने मना कर दिया और कहा कि तू क्यों परेशान होता है? और फिर घर पर कामिनी भी अकेली कैसे रहेगी? फिर में माँ की इस बात से सहमत था।


फिर मैंने डॉक्टर से एक दिन पहले बात की थी और मेरी पत्नी का नंबर लगा दिया था। फिर उस दिन मुझे पता था कि आज घर पर करीब तीन, चार घंटो के लिये बस हम दोनों थे में और मेरी साली और कोई नहीं फिर क्या था.. आज तो बस मेरी चाँदी ही चाँदी थी। फिर करीब सुबह के दस बजे मैंने.. माँ और मेरी पत्नी को घर के बाहर से विदा किया और फिर में दरवाजा अंदर से बंद करके अंदर चला आया और सीधा अपने कमरे में गया और वहाँ से मैंने एक कंडोम का पैकेट लिया और अपनी ज़ेब में रख लिय

तभी मैंने उसे अचानक पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया। फिर मैंने किचन में ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उसने अपना हाथ आगे बड़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। तभी मैंने उससे कहा कि चलो अब हम चुदाई पलंग पर करते है। फिर मैंने पलंग पर लेटा दिया और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद में नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। तभी कामिनी की सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन पर अपनी जीभ से चाट रहा था।


तभी में ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। में पागल सा होने लगा और कामिनी को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था। फिर मेरे हर बार दबाने के साथ कामिनी का जोश बढ़ता जा रहा था और जोर से उनको चूसने और मसलने लगा। कामिनी को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी।


फिर मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही में एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ा फिर में धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा। सच में कामिनी की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. में तो बस मदहोश हो गया था। फिर में धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। तभी उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो मुझे कहने लगी थी अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज लंड डालो ना।


तभी में समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूमने लगा। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका। फिर में जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया मुझे करंट के झटके लगने लगे क्योंकि पहली बार किसी दूसरी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर में लंड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी।


तभी मैंने धीरे से एक धक्का दिया लंड चूत के अंदर चला गया। फिर उसकी चूत से खून बहने लगा था और कामिनी आँखें बंद किये सिसकारियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 5 इंच का लंड उसकी चूत की गहराइयों में डाल दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी वो दर्द से छटपटाने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दो और फिर वो जोर जोर से रोने लगी। फिर पाँच मिनट तक में सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा।


तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक में उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर वो भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ और जोर से मुझे चोदते रहो और जोर से चोदो मुझे। तभी वो एकदम से अकड़ गई और झड़ गई। फिर में अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर में उसे जोर जोर से चोदता रहा। फिर करीब दस मिनट बाद में उसकी चूत में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य कामिनी की चूत में डाल दिया। फिर मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि मैंने पहले से ही लंड पर कंडोम चड़ा लिया था।


दोस्तों फिर चार घंटो में मैंने करीब उसकी दो बार चुदाई की फिर जब भी मुझे चुदाई का मौका मिलता तो में कामिनी की चुदाई करता और अपने लंड को शांत करता। दोस्तों मैंने कभी भी कामिनी को बिना कंडोम के नहीं चोदा क्योंकि उसकी अभी शादी नहीं हुई थी और कभी भी मेरी पत्नी को भी पता नहीं चला ।

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बहन की गुलाबी चूत के साथ मेरी चुदाई

दोस्तों, नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम आप सभी कहानी प्रेमियों का स्वागत करता है. Antarvasna मैं बब्लू कैराना, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. अभी कुछ दिन पहले ये जगह मीडिया में भी आई थी. खैर हमे क्या करना है. दोस्तों, मैं आज आपको अपनी रंगीन सुबह के बारे में बताता हूँ. मेरी कहानी जानकार सभी जवान लड़कों के लंड खड़े हो जाएँगे और उनमे से रस निकलने लगेगा. तो कहानी शुरू करते है.
उस रात को मैं और मेरी बहन बहुत देर में सोये थे. हमारे स्कूल का १५ दिन का विंटर वूकेशन हो गया था. कोहरा बहुत पढ़ रहा था इसलिए हमारे कैराना के डीएम ने १५ दिन की छुट्टी कर दी थी. अब हम भाई बहन बेफिक्रे की जिंदगी जीते थे. 
देर रात तक हम साथ टीवी देखते थे फिर सोते थे, सुबह हम दोनों देर से उठते थे. ऐसा ही एक रात हुआ. हम दोनों रात में २ बजे टीवी देखकर सोए थे. वो इंग्लिश की होरर पिक्चर थी जो बहुत डरावनी थी. फिल्म का बैकग्रौंड साउंड तो बहुत ही डरावना था. इसलिए मेरी बहन सोनिया मुझसे चिपककर ही सोयी थी. सुबह मेरी आँख कोई ११ बजे खुली. सूरज अब निकल आया था. कांच की खिड़कियों से सुबह के सूरज की पीली पीली रोशनी छन कर मेरे कमरे में आ रही थी.
बड़ी रोमांटिक सुबह थी. मन में बड़े अच्छे अच्छे ख्याल आ रहें थे. बड़े सुंदर सुंदर ख्याल आ रहें थे. दिल शायराना हो रहा था. गाने सुनने का मन कर रहा था. मैंने देख मेरी बहन सोनिया अभी भी सो रही है. मैं उठा और बाथरूम करने गया तो देखा मम्मी ने फ्रिज पर एक नोट चिपका दिया था. ‘नाश्ता तैयार है. पर मंजन करके ही खाना. मैं और पापा ऑफिस जा रहे है’ मैं मम्मी का नोट पढ़ लिया. बाथरूम कर ली, आँखें मीन्जता हुआ आया और फिर अपनी बहन के पास रजाई हटाकर लेटने लगा. सोनिया दूसरी तरफ करवट करके घोड़े बेच कर सो रही थी. सोनिया अब बच्ची नही रह गयी थी, अब वो जवान होने वाली थी कुछ ही सालों में. पर उसकी भीनी भीनी चूत की खुशबू मुझको आने लगी थी. वो अभी १४ साल की थी, इसलिए वो मेरी तरह लोवर और टी शर्ट पहन कर सोती थी. मैं भी यही पहन के सोता था. मेरी मम्मी अभी उसके लिए नाइटी नही लायी थी. जैसे ही दोबारा लेटने के लिए मैंने मखमली रजाई हटाई सोनिया का मस्त गदराया हुआ पिछवाडा मुझे दिख गया. रात में उसका ढीला लोवर नीचे सरक गया था.
सोनिया की चटक आसमानी रंग की तिकोनी पैंटी देखकर तो मेरा ईमान ही डोल गया. मन हुआ तो अभी इसी वक्त सब कुछ भूल कर अपनी जवान होती बहन को चोद लूँ, पर मैंने खुद को कंट्रोल कर लिया. मैंने अपना हाथ सोनिया के मुआलायम बड़े गोरे गोरे मक्खन से चिकने पिछवाड़े पर रख दिए. लगा जैसे जन्नत मिल गयी. मैंने खूब देर तक उसका पिछवाड़े को हल्का हल्का आराम से सहलाया. ‘मेरी बहन की चूत कितनी गुलाबी और कितनी मीठी होगी, ये तो खुदा ही जानता होगा. काश मुझे सोनिया की चूत भोगने को मिल जाती, मैं तो गंगा नहा लेता’ मैंने धीरे धीरे कहा. सोनिया सोती रही. मैंने झुककर उसके पिछवाड़े और गोल गोल चूतडों पर चुम्मी दे दी. फिर उस से सटकर लेट गया और सो गया.
सपने में देख की सोनिया से प्यार कर रहा हूँ. सोनिया मीर बांहों में आ गयी है. दोस्तों, बड़ा मीठा सपना था वो. कोई १२ बजे मेरी आँख खुली. जब देखा तो मेरे आश्चर्य का कोई ठिकाना ना था. सोनिया मेरा लंड चूस रही थी. हाँ दोस्तों आपको यकींन नही होगा पर यही सच है. पुरे घर में सन्नाटा था. हम दोनों अकेले थे और मेरी जवान होती बहन मेरा मोटा सा लंड चूस रही थी. मैंने ये देखा तो तुरंत आँखें मूंद ली. मैं नहीं चाहता था की सोनिया चूसना बंद कर दे. अगर मैं जग जाता तो सायद वो शर्म के कारण लंड चूसना बंद कर देती. और दूर हट जाती. मैंने आँखें सब कुछ जानते हुए भी बंद करे रखी. सोनिया, मेरी मस्त जवान चुदासी बहन जोर जोर से अपना पूरा सिर हिलाकर जल्दी जल्दी मेरा मोटा लंड चूस रही थी. मेरी चड्ढी को उसने नीचे सरका दिया था. दोस्तों, मुझे अपनी किस्मत पर गर्व हो रहा था. उपर वाले से मैंने जो चीज मांगी वो उसने मुझको दे दी थी. सोनिया के लम्बे लम्बे बाल खुलकर उनके गोरे गोरे कंधों पर झूल रहें थे. वो कामुकता और काम की साक्छात देवी लग रही थी. उसकी ढीली ढीली टी शर्ट में उसके नए नए तिकोने मम्मे देख कर मेरा दिल हुआ की अभी पटक कर अपनी बहन को अपने इसी बिस्तर पर चोद लूँ. बाद में जो होगा देखा जाएगा.
कुछ देर बाद मुझे अपनी आँख खोलनी ही पडी दोस्तों. क्यूंकि मेरा माल निकलने वाला था. सोनिया से कोई आधे घंटे मेरा मोटा मोम्बत्ते सा लंड चूसा था. वो रुक ही नही रही थी. मैं जान गया था वो फुल चुदाई के मूड में है. ना चाहते हुए मुझे अपनी आँखे खोलनी पड़ी. सोनिया पीछे इकदम से हट गयी. सायद वो डर गयी थी.
भैया भैया! वो मैं ?? मैं ??’ वो हकलाने लगी.
मैंने सोनिया को पकड़ लिया और अपने मुलायम बिस्तर पर पटक दिया. ‘कोई बात नही बहन!! कोई बात नही. ऐसा अक्सर हो जाता है’ मैंने कहा और सीधा सोनिया के उपर मैं लेट गया. उसके मुलायम मुलायम कुवारे होठ मैं पीने लगा. उसकी लाली चुराने लगा. सोनिया तो पहले से ही चुदवाने के फुल मूड में थी. दोस्तों, जब आज मैंने अपनी जवान होती कच्ची कलि जैसे मस्त माल बहन के होंठ पिए तो लगा की वाकई में जिंदगी कितनी खूबसूरत है. सोनिया ने अपने हाथ मेरे गले में गोल गोल लपेट दिए. हम दोनों में अब कोई बात नही हो रही थी. क्यूंकि बातों की अब कोई गुन्जायिश नही थी. नरम लचीले बहन वाली दुबली माल अपनी बहन सोनिया को चोदने में आज कितना मजा आएगा ये सोच कर ही मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा. मेरा सिर और चेहरा सोनिया के सिर से काफी बड़ा था. उसका सिर और चेहरा मुझसे काफी छोटा था. मैंने उसके दोनों गालों पर अपने हाथ रख दिए और अपनी सगी लेकिन चुदासी बहन के मुलायम होंठ पीने लगा. कुछ मिनट में ही गरम हो गयी. मैंने आव देखा ना ताव. उसकी टी शर्ट उतरने लगा तो उसने हाथ खुद ही उपर कर दिए.
जिससे उसकी ढीली टी शर्ट आराम से निकल जाए. मैंने टी शर्ट निकाल दी. फिर सोनिया की सफ़ेद ब्रा दिखी तो मैंने वो भी निकाल दी. उफ्फ्फ्फ़ !! हाय !! मेरी बहन इतनी सुंदर और बला की खूबसूरत माल है आज मुझे ज्ञात हुआ. बाप रे बाप !! ये तो बिजली ही गिरा रही है. मैंने अपनी जवान चुदासी बहन की खूबसूरती कुछ देर तक निहारी. उसकी सुंदरता को मैंने अपनी आँखों में कैद किया कुछ देर. 
सोनिया के कबूतर मुझे ढीली ढीली शर्ट और टी शर्त में बड़े छोटे दिखते वो असलियत में खूब बड़े बड़े थे. दोस्तों, मेरी तो आज लोटरी ही निकल गयी थी. मेरी जवान और चुदाई और लंड की प्यासी बहन के मम्मे तो सोने से भी जादा सुंदर और कीमती निकले. मैं तो पगला गया था. मैंने उसके मम्मे पर रख रख दिया. मेरी छुअन से उसे कुछ कुछ होने लगा. मैंने अपना हाथ उसके मलाई के गोले पर रखा दिया. वो सिहर गयी. मेरा हाथ उसके बड़े बड़े ३६ साइज के मम्मो पर इधर उधर डोलने लगा, सोनिया मस्त हो गयी. मेरे हाथ से उसके साइज का जायजा मम्मो को हाथ में भरकर लिया. लगा की मंदिर का प्रसाद सीधा मेरा हाथ में आ गया हो.
मेरा तो लंड ही रिसने लगा दोस्तों. 
मेरा लंड चूने लगा, उसका पानी बहने लगा. आखिर मेरा लंड उसके मम्मे के जायजा लेते लेते उसके उपरी भाग कर उसके चूचकों पर आ गए. बड़े बड़े काले घेरे को देखकर मन मोह लगा और फिर मेरी उँगलियाँ मम्मे को नुकीली भुंडियों को सहलाने लगी. सोनिया को कुछ कुछ होने लगा. मैं उसके मम्मो पर झुक गया और पीने लगा. सोनिया ने अपने मुलायम पतले पतले हाथ मेरे गले में डाल दिए. मैं उसके दूध पीने लगा.
 फिर दूसरे मम्मे को मुंह में भर लिया मैंने. खूब पिया दोस्तों, अपनी जवान चुदासी और लंड की प्यासी बहन के दूध को मैंने खूब पिया. फिर उसके मुलायम पेट को चूमने लगा. धीरे धीरे मैं उसकी नाभि में पर आ गया और मैंने उसकी नाभि चूम ली. अब तो मुझे अपनी बहन की चूत किसी भी कीमत पर चाहिए थी.
मैंने उसका लोवर निकाल दिया. उसकी चटक आसमानी पैंटी देख के मन ललचा गया. आखिर मैंने वो भी निकाल दी. सोनिया को मैंने मुलायम रजाई पर ही पटक लिया था इसलिए बड़ा मुलायम मुलायम लग रहा था. सोनिया की चूत पर एक भी बाल नही था. मैं बहुत खुश हुआ. मेरी चुदासी बहन अभी पूरी तरह से नही खिली थी, क्यूंकि उसकी चूत पर अभी झांटे नही आई थी. पर मैं आज उसको चोद चोद कर उसकी चूत की कमल की तरह खिला दूँगा. मैंने मन ही मन सोच लिया. सोनिया की चूत बड़ी प्यारी, बडी मनमोहक थी. दिल खुश हो गया दोस्तों. मैं झुककर उसकी चूत पीने लगा. जिंदगी का मजा आ गया था दोस्तों. कितनी मासूम कितनी प्यारी चूत थी. पर आज मैं इस चूत पर खूब मेहनत करूँगा. 
मैंने सोच लिया.
दोस्तों, मैंने जादा वक्त बर्बाद करना सही नही समझा. कुछ देर मैंने सोनिया की चूत पी. फिर अपने हाथ में थोडा सा थूक लिया और लंड के सुपाडे पर मल लिया. फिर अपने हाथ से लंड को साधते हुए सोनिया के चूत पर रख दिया. उसकी चूत के दोनों मुलायम मखमली होंठ किनारे किनारे सरक गए. मैंने पुश किया और मेरा लंड १ इंच उसकी चूत में धस गया. मुझे बड़ी खुसी हुई. जरा खून उसकी चूत से बहने लगा. मैंने एक धक्का और दिया.
 मेरा ७ ८ इंच लम्बा लंड मेरी बहन की गुलाबी गुलाबी चूत में धंस गया. सोनिया के दोनों पतले पतले नाजुक हाथ मैंने कसके के पकड़ लिए. उसे दर्द होने लगा. मैंने कोई परवाह नही की. मैं उसको चोदने लगा. सोनिया आह ऊईईई माँ माँ मम्मी मम्मी चिल्लाने लगी
चुप बहनचोद !! चुप !! मैंने उसको जोर से डपट लगाई.
वो डर गयी. मैं उसको चोदने लगा. कुछ देर बाद उसका दर्द समाप्त हो गया. वो मजे से टांग फैला फैला कर चुदवाने लगी. उसके बाल उसके चेहरे पर बिखर गए. उसकी आँखें बंद थी. मैंने उसके हाथ अब छो छोड़ दिए. अब वो बिना कोई नाटक किये चुदवाने लगी. उसके काले काले लम्बे लम्बे बालों का सौंदर्य मेरे मन में में बस गया. 
अपनी चुदती हुई सगी बहन का सौंदर्य मेरे दिल में बस गया दोस्तों. मैं सोच लिया की आज अपनी जवान चुदासी बहन की चूत पर खूब मेहनत मैं करूँगा. उसको इतना चोदूंगा की वो हर सुबह मेरे लंड मांगे और कहे की भैया प्लीस मुझको अपना लंड खिला दो. ये सोचकर मैं अपनी बहन की चूत पर खूब मेहनत करने लगा. धकाधक उसको चोदने लगा.
पट पट के शोर से पूरा कमरा गूंजने लगा. ये पट पट की आवाज मेरी मेहनत की ही आवाज थी. मेरा मोटा गन्ने जैसा मोटा लौड़ा जोर जोर से बहन की चूत को कूट रहा था. मेरा मोटा लंड और मेरी गोलियाँ जोर जोर से सोनिया के भोसड़े से टकरा रही थी. ये वही आवाज थी दोस्तों. मैं मन में ठान लिया था की कम से २ घंटे तो बहन को चोदूंगा. 
कम से कम २ घंटे तो मुझे बहन की चूत पर मेहनत करनी ही है. सोनिया के दोनों मस्त गोल गोल मम्मो को हाथ से ऐठते और दबाते हुए मैं उसकी चूत कूटने लगा. सोनिया मस्ती में उछलने लगी. मेरी रजाई बहुत ही मुलायम और मुख्मली थी. इसी पर मैंने सोनिया को लिटा रखा था. मुलायम रजाई में सोनिया को चोदने का मजा ही कुछ और था. दोगुना मजा मुझको मिल रहा था . अभी अभी कुंवारेपन को खो चुकी मेरी बहन की चूत बड़ी कसी कसी थी. मेरा मोटा लंड पूरा उसकी बुर में कसा हुआ था, पर मेरी मेहनत से ही ये सम्भव हो पाया था की मैं पट पट करके उसको पेल रहा था. २० मिनट बीते तो लगा की माल निकला जाएगा. 
मैंने तुरंत लंड बाहर निकाल दिया. लंड थोडा ठंडा पड़ गया. फिर कोई ५ ७ मिनट बाद मैंने फिर से लंड उसकी बुर में डाल दिया और अपनी सगी जवान चुदासी बहन को चोदने लगा. इसी विधि से मैंने सोनिया को पुरे २ घंटे चोदा दोस्तों. अब मेरी बहन हर रोज सुबह सुबह मुझसे लंड मांगती है. वो साफ साफ अब कहती है की ‘प्लीस भैया मुझे एक बार चोद दो, प्लीस भैया मुझको एक बार अपना लंड खिला दो !! प्लीस प्लीस भैया!!
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सास दामाद चुदाई का गर्म किस्सा

बात तब की है जब मेरी शादी को 2 साल हो गए थे,

उस समय मेरी उमर 23 की थी और मेरी पत्नी की उमर 20 साल थी।

मेरे ससुराल में मेरी सास जिनकी उमर 40 साल है, ससुर जी जिनकी उनर 45 साल और

एक साला जिसकी उमर 17 साल थी।

मेरी कोई साली नहीं है, जिसका मुझे बहुत अफसोस होता है।

मेरी सास बहुत सुंदर है, जो उनको एक बार देखता है तो देखता ही रह जाता है।

उनकी फ़िगर 38-28-36 है। उनमें अजीब सा आकर्षण है जो मर्दों को अपनी तरफ खींचता है!

इस उमर में भी वो जवान लड़कियों को मात देती है।

उनका भरा भरा जिस्म किसी भी मर्द की नियत को खराब कर सकता है!

मैंने कभी भी उनको गलत नज़र से नहीं देखा

लेकिन उस दिन जो हुआ वो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था!

अब उस घटना पर आते हैं, शादी के 2 साल बाद मेरी बीवी प्रेग्नेंट हो गई

तो उसने अपनी माँ को काम-काज में मदद के लिए हमारे घर पर बुला लिया!

हमारे घर में मैं और मेरी पत्नी ही रहते हैं, मेरे मम्मी पापा गाँव में रहते हैं।

मेरी बीवी को सातवा महीना लगा था, डॉक्टर ने सेक्स करने को मना किया हुआ था।

दोस्तो, हम रोज़ फ़ुद्दी चुदाई यानि सेक्स का आनन्द लेते थे !

मेरी बीवी बहुत ज्यादा कामुक है और मैं भी!

उसे पता है कि अगर वो मुझे ज्यादा दिन तक उसकी चुदाई न करने दे तो मैं बाहर फ़ुद्दी चुदाई कर सकता हूँ।

यह बात मेरी बीवी अपनी माँ को बता चुकी थी कई बार! मैंने उनकी ये बातें चुपके से सुनी थी!

मेरी सास कहती कि सब मर्दों को फ़ुद्दी चोदने की आदत होती है,

इसलिए उनकी यह मांग हमेशा पूरी करनी चाहिए! मर्द इसी चीज़ से सबसे ज्यादा खुश रहता है!

मेरी सास हमेशा मेरा ख्याल रखती और टाइम से सब काम करती!

मुझे सेक्स किए हुए काफी समय हो गया था और रात को मुझे सेक्स करने का बहुत मन होता था,

लेकिन हम दोनों मजबूर थे इसलिए मैं अलग कमरे में सोता था, कहीं रात को बीवी के साथ गलत काम न हो जाए!

मेरी बीवी को मेरी सेक्स की जरूरत का पता था इसलिए वो डरती थी कि मैं कहीं बाहर फ़ुद्दी ना मार लूँ !

उसने अपने मन की बात माँ को बताई तो माँ ने कहा- मेरा दामाद ऐसा नहीं है!

एक रात को हम टीवी पर कॉमेडी सर्कस देख रहे थे, उसमें सेक्सी जोक्स पर सास कुछ ज्यादा ही हंस रही थी!

मुझे यह देख कर बहुत अच्छा लगा।

मेरी पत्नी को जल्दी सोने की आदत पड़ गई थी तो वो बीच में ही उठ कर सोने चली गई।

अब मैं और मेरी सास अकेले रज़ाई में बैठे थे!

मेरी बीवी के जाने के बाद सास थोड़ा सा मेरे पास आ गई, मेरे पैर उनके पैरों को टच करने लगे, मुझे बहुत अच्छा लगा!

उन्होंने भी धीरे धीरे पैरों को टच करना शुरू कर दिया!

मैंने कोई इंग्लिश मूवी वाला चैनल लगा दिया, उसमें कोई वयस्क फिल्म चल रही थी।

मेरा मन सेक्स की तरफ घूम गया, मेरे साथ मेरी सास बैठी थी, यह मैं भूल गया था।

इस बीच सास ने लाइट बंद कर दी थी, वो मेरे और पास आ गई थी, मैं भी उनके साथ चिपक गया!

कुछ देर तक मैंने कुछ नहीं किया।

थोड़ी देर बाद सास ने फिल्म देखते हुये अपनी एक टांग मेरी टांग के उपर रख दी,

मैंने अपना हाथ उनके पट (जाँघ) के ऊपर रख दिया, फिर मैंने धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया!

उन्होंने मेरा हाथ रोक लिया!

मैंने थोड़ी देर बाद फिर हाथ चलाना शुरू कर दिया!

अब मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और धीरे धीरे डरते हुए हाथ नीचे रख दिया

और आगे की सोचने लगा कि सास है तो क्या हुआ, है तो एक औरत ही, जो मुझे चूत चुदाई का पूरा मज़ा दे सकती है।

थोड़ी देर तक सास की तरफ से कोई विरोध ना होते देख मेरी हिम्मत सास दामाद चुदाई के लिए और बढ़ गई

और मैं और नीचे हाथ ले गया और मेरा हाथ उनकी चूत से निकले पानी से गीला हो गया!

मैं समझ गया कि सास भी गर्म हो चुकी है!

मैंने उनके साथ फ़ुद्दी चुदाई करने का मन बना लिया,

मैंने दूसरा हाथ उनकी ब्रा में डाल दिया और उनके मोटे मोटे मम्मे दबाने लगा। मेरी सास ने आँखें बंद कर ली और मज़ा लेने लगी।

अब मैंने धीरे धीरे उनके सारे कपड़े उतार दिये।

उफ़्फ़… क्या बला की खूबसूरत लग रही थी वो नंगा बदन !

मैं भी पूरा नंगा हो गया और उनके उपर चढ़ गया।

मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिये और अपना लण्ड उनकी फ़ुद्दी के ऊपर घिसने लगा,

मेरी सास भी मेरा साथ देने लगी, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया, जगह जगह किस करने लगी।

अब मैं उनके मम्मे चूसने लगा, उनके मुंह से सीत्कारें निकल रही थी।

उसके बाद मैं उनके पेट से होता हुआ उनकी फ़ुद्दी के पास आ गया और उनके जिस्म को चाटने लगा।

मेरी सास मेरा सर अपनी फ़ुद्दी के ऊपर ले गई और दबाने लगी।

मैं समझ गया कि क्या करना है, सास दामाद चुदाई के लिए मैंने उनकी फ़ुद्दी के ऊपर दाने को चाटना शुरू कर दिया।

अब तो मेरी सास की हालत बहुत खराब हो गई, वो ज़ोर ज़ोर से आह आह आह ऊह ऊई करने लगी।

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, एक दो उंगली भी उनकी फ़ुद्दी के अन्दर बाहर करने लगा,

उनको बहुत मज़ा आ रहा था !

अब उन्होंने मुझे अपने नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे मज़ा देने लगी,

मेरे सारे जिस्म को चूसते चाटते हुये मेरे लन को मुंह में लेकर चूसने लग गई,

वो बड़ा लण्ड चूसने में इतनी माहिर हैं कि उनका एक भी दाँत मेरे लन को नहीं चुभा !

उन्होंने मेरा लन चूस चूस के मुझे पागल कर दिया, अब मेरा वीर्य छूटने वाला था,

मैंने उनको हटाया पर वो ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी, मेरा अब थोड़ा सा छुट गया और उनके मुंह में वीर्य चला गया!

उन्होंने झट से थूक दिया और कहा- उबकाई आ रही थी। बहुत ज्यादा लिसलिसा है!

अब मैंने कहा- अब असली काम करते हैं.

तो वो बोली- आप ऊपर आ जाओ, मैं नीचे से चुदूँगी !

अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया और फिर उनको गर्म करने लगा तो वो फिर से आग की तरह गर्म हो गई

और मैंने अपना 6 इंच का लन उनके छोले के उपर रगड़ना शुरू कर दिया और तब तक रगड़ता रहा

जब तो उन्होने खुद नहीं कहा के जल्दी से मेरी फ़ुद्दी के अन्दर डाल दो !

मैं उनको 25 मिनट तक चोदता रहा !

और वो भी मज़े से चुद रही थी !

उनका दो बार निकल चुका था।

जब हम चुदाई कर के अलग हुये तो मैंने कहा- यह गलत काम हो गया…

तो वो बोली- मेरी बेटी को लगता था कि आप बाहर किसी की फ़ुद्दी मार कर आओगे,

इसलिए मेरा भी मन डोल गया और मैंने भी बहुत दिनों से आपके ससुर के साथ सेक्स नहीं किया था तो मेरा भी मन सास दामाद चुदाई के लिए फ़ुद्दी चुदवाने को हो गया था,

मैं भी कामुक औरत हूँ और हम 2-3 दिन छोड़ के चुदाई करते हैं !

जब तक मैं यहाँ हूँ आप सास दामाद चुदाई मज़ा कर सकते हो, लेकिन मेरी बेटी को पता ना चले !

उसके बाद मैं आपको कभी नहीं दूँगी।

मैं मान गया और हमने खूब सास दामाद चुदाई के लिए मज़े किए जब तक मेरी बेटी नहीं हो गई, उसके बाद मेरी सास अपने घर चली गई!

मेरी वाइफ़ बोली- इतने दिन तक कैसे रहे फ़ुद्दी के बगैर?

तो मैं हंस कर बोला- अपना हाथ जगन्नाथ !

उसके बाद भी मैंने ससुराल मैं जाकर सास को कई बार सास दामाद चुदाई के लिए ट्राई किया क्योंकि मेरी सास है ही इतनी सेक्सी कि बार बार उनको चोदने का मन करता है।

लेकिन उन्होंने कहा- जो हुआ, मजबूरी में हुआ, उसे बुरा सपना समझ के भूल जाओ, इसी में हम दोनों की भलाई है !

और मैंने फिर कभी उनके साथ सास दामाद चुदाई के लिए बात नहीं की!

और हम सब अब पहले की तरह रहते हैं!

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तंग चूत ने मेरा मधु निकाल दिया

मेरे दफ़्तर में एक मधु नाम की लड़की थी। वो सच में बला की खूबसूरत थी। जब से वो मेरे दफ़्तर में काम करने के लिए आई, मैं तो बस उसको ही देखता रहता था। उसकी फ़ीगर कमाल की थी और लम्बे लम्बे बाल थे। उसके बड़े बड़े बूब्स देख कर तो मैं पागल ही हो जाता था और हर वक्त सोचता रहता था कि कब मैं इन बूब्स को चूस पाऊंगा। मैं अपने केबिन से छिप छिप कर उसको देखता रहता और उसके साथ सेक्स करने के सपने देखता रहता था। उसने भी मेरी यह बात पकड़ ली थी मैं उसको देखता रहता हूँ लेकिन उसने कभी कुछ नहीं कहा। शायद वो भी मेरी तरफ़ आकर्षित थी।

लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि मेरे सारे सपने सच हो गए।


हुआ यूं कि एक दिन मधु मेरे केबिन में आई और उसने मुझे कहा कि उसे वेतन के अलावा कुछ और पैसों की जरूरत है और वो ये पैसे धीरे धीरे वापिस कर देगी। लेकिन मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता था इसलिए मैंने उसे कहा कि अगर वो मुझ पर विश्वास करती है तो मैं उससे अकेले में मिलना चाह्ता हूं।


वो मान गई। मैंने उसे घर आने को कहा और कहा कि पैसे मैं घर पर ही दे दूंगा। अगले तीन दिन के लिए दफ़्तर बंद था और मेरे घर वाले भी बाहर गए हुए थे इसलिए मैंने उसे अगले दिन सुबह घर पर बुला लिया।


अगले दिन जब वो घर आई तो उसने जीन्स और शर्ट पहनी हुई थी और बाल खुले हुए थे। उस वक्त वो कयामत लग रही थी। उसे देख कर मेरा लण्ड एक दम से खड़ा हो गया। मैंने बड़ी मुश्किल से अपने आप को सम्भाला और उसे अपने बेडरूम में ले गया। मैं बस तरीका सोच रहा था कि किस तरह से मैं उसको चोदूं ! तब मैंने उसको अपने पास बुलाया और उसके हाथ अपने हाथों में ले कर कहा,” मधु, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.”


उसने यह सुन कर कहा कि वो मुझ से प्यार करती है. यह सुन कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने उसे अपनी बाँहों में जकड लिया। उसके बूब्स मेरी छाती से छू रहे थे और मैं और ज़्यादा पागल हो रहा था मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसके चेहरे को अपने हाथों से सहलाने लगा. अब मैं उसको अपने और करीब ले कर आया और अपने होंठो को उसके होंठों पर रख कर चूमने लगा। मैं बड़े प्यार से उसके होंठों को चूम रहा था और वो भी इसका मजा ले रही थी।


काफ़ी देर तक चूमने के बाद मैं उसके पूरे चेहरे पर चूमने लगा उसके गालों पर, उसकी गर्दन पर। फिर मैंने उसकी शर्ट का पहला बटन खोला वो एक दम से बोली यह क्या कर रहे हो, मैंने कहा हम एक दूसरे से प्यार करते हैं इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है, यह बोलते बोलते मैंने उसकी शर्ट के तीन चार बटन खोल दिए। अब मुझे उसकी ब्रा नज़र आ रही थी और ब्रा में बंद उसके बड़े बड़े बूब्स बाहर निकलने को तड़प रहे थे।


मैंने उसकी शर्ट उतार दी और वो ब्रा में तो कयामत लग रही थी। तब उसका ध्यान मेरे लंड पर गया जो बहुत खड़ा हो चुका था और उसे बार बार चुभ भी रहा था।

मैंने कहा- इसे देखना चाहोगी?


तब उसने मेरी पैंट का बटन खोल कर मेरी पैंट और मेरा अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे लंड को ले कर जोर जोर से मसलने लगी। तब वो मेरा लंड अपने मुंह में ले कर उसे चूसने लगी। उसके चूसने से मेरा लंड और भी बड़ा हो गया। उसे मेरे लंड को चूसने में और उसके साथ खेलने में बड़ा मज़ा आ रहा था लेकिन मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था इसलिए मैंने उसे उठा कर उसकी पैंट भी उतार दी। उसने पिंक कलर की पैंटी पहनी हुई थी। वोह सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी, मैं अपने पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था और मैं उसको पागलों की तरह चूमने लगा।

मैंने उसको उल्टा किया और अपने मुंह से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। अब वो भी तड़प रही थी चुदवाने के लिए। उसके बूब्स को देख कर मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से झटके खाने लगा तब सबसे पहले मैंने उसके निप्पल को चूपा। उसके निप्पल भी बड़े सखत हो रखे थे और मुझे भी उन्हें चूपने का बड़ा मज़ा आ रहा था।

वो भी बहुत तड़प रही थी और बार बार बोल रही थी- और ज़ोर से, और ज़ोर से.


फिर मैं उसके बूब्स को दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो चीखने लगी फिर मैंने उसकी पैंटी को अपने दांतों से खींच कर उतार दिया। मेरे इस तरह करने से वो और ज़्यादा तड़पने लगी। तब मैंने उसकी चूत को देखा, उसकी चूत पर बाल नहीं थे और उसकी मुंडा चूत बहुत मस्त लग रही थी। उसकी चूत को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया और मैं उसकी चूत को चाटने लगा। मधु ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी आ आ आ आ ओ ऊ ऊ ओ ओ करने लगी


थोडी देर तक उसकी चूत चुसाई के बाद मैंने देखा की वो बहुत गरम हो चुकी थी लेकिन मैं उसको और गरम करना चाहता था इसलिए अब मैं अपने लंड को उसके पूरे बदन पर घुमाने लगा, पहले उसके चेहरे पर अपने लंड को लगाया फिर उसकी गर्दन पर, फिर उसके बूब्स पर, उसके निप्पल पर, उसके बूब्स के बीच में अच्छी तरह मैं अपने लंड को लगा रहा था। मेरे लंड से जो पानी निकल रहा था वो भी उसके पूरे बदन पर लग रहा था जिससे वो और ज़्यादा गरम हो रही थी। मैंने अपने लंड को उसके बूब्स के बीच में अच्छी तरह दबा दिया वो भी मेरे लंड को अपने बूब्स में रख कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी।


तब उसने मुझसे कहा- शशांक, अब और सहा नहीं जा रहा इस लंड को मेरी चूत में डाल कर मेरी प्यास शांत कर दो।

मैं नीचे लेट गया और मधु मेरे ऊपर बैठ गई उसने मेरा लंड पकड़ा और पहले अपनी तंग चूत पर घिसने लगी फिर मैंने एक झटके से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया मेरे लंड डालते ही मधु ज़ोर से चीखी। मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर था और मधु ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी। वो ज़ोर ज़ोर से हिल रही थी और मैं कभी उसके बूब्स को दबा रहा था और कभी उसके निप्पल को चूप रहा था। थोड़ा देर बाद हम दोनों झड़ चुके थे।

फिर थोडी देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए और इक्कठे नहाते वक्त एक बार फिर सेक्स किया। वो तीन दिन मधु मेरे साथ ही रही और हमने उन तीन दिनों में कई बार सेक्स किया, कभी बाथरूम में, कभी किचन में, कभी सीढियों में, कभी डाइनिंग टेबल पर और कभी ज़मीन पर। वो तीन दिन मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत दिन थे


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सील तोड़ी सेक्स गेम खेल के

हैल्लो दोस्तों, आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना और मेरा दूसरा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी नई पड़ोसन मेरी प्यारी अदिति को चोदा और उसकी वर्जिन चूत की सील को तोड़ दिया। तो कहानी शुरू करने

से पहले में आप सभी सेक्सवासना डॉट कॉम के चाहने वालों को अपने बारे में पूरा विस्तार से बता देता हूँ। दोस्तों मेरा नाम अभी कुमार है और मेरी उम्र 20 साल है, में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी लम्बाई 5.7 फिट है, में

विदिशा का रहने वाला हूँ। फिर दोस्तों यह बात कुछ दिनों पहले की है जब मेरे पड़ोस में एक परिवार रहने आया जो कि साउथ इंडियन था और उस परिवार में एक अंकल, आंटी और एक बहुत मस्त सी सुंदर लड़की थी, जिसका नाम अदिति था।

दोस्तों वो लड़की दिखने में बहुत ही ज्यादा सेक्सी लगती थी और उसका रंग गोरा, पतली कमर, लंबे काले बाल और उसके थोड़े मध्यम आकार के बूब्स थे और उसके फिगर का आकार 34-32-36 के आसपास होगा। दोस्तों में हमेशा मौका देखते ही उसे

निहारता, उसकी छाती को घूरता रहता था और में कभी कभी उसके बारे में सोच सोचकर मुठ मारता था, क्योंकि वो मुझे बहुत ही हॉट लगती थी, वो अक्सर बिल्कुल टाईट टी-शर्ट्स पहनती थी और नीचे एकदम फिट वाली जीन्स पहनती, जिससे उसका

बदन और भी उभरने लगता और उसे देखते ही मेरा लंड उछलने लगता था और उसकी टी-शर्ट पहनने की वजह से उसके बूब्स के साईज़ और बड़े लगने लगते थे और बहुत गोल लगते थे। फिर मेरे दिन ऐसे ही मुठ मारते मारते गुज़रने लगे थे, लेकिन मुझे

उसके साथ सेक्स करने का कभी मौका ही नहीं मिलता था और में बस उसे दूर से ही देखकर अपनी आखें सेकने लगा था। दोस्तों अदिति की माँ का नाम पूजा था और वो भी दिखने से एकदम सेक्सी बम थी उसको देखकर भी हर किसी की नियत खराब हो

जाए, पूजा आंटी और मेरी मम्मी की बहुत ही कम समय में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और उन दोनों का हर कभी साथ घूमना फिरना होता रहता था, लेकिन अदिति और में हम लोग कभी इतनी बातें नहीं करते थे, लेकिन में उससे बात करने के कोई ना

कोई मौके जरुर ढूंढता रहता था। फिर एक दिन क्या हुआ कि मेरी माँ और पूजा आंटी साथ में घूमने बाहर चले गये और उस समय में अपने घर पर एकदम अकेला था और उस समय में अपने लॅपटॉप पर सेक्सी फिल्म देख रहा था, लेकिन तभी अचानक से

मेरे घर की घंटी बजी और में अपने लेपटॉप को मिनिमाईज़ करके दरवाज़ा खोलने चला गया और फिर मैंने पिन होल से बाहर की तरफ झांककर देखा तो बाहर सफेद रंग की टी-शर्ट में कोई खड़ा हुआ था, लेकिन मुझे उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था

और जब मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा तो में देखता ही रह गया, क्योंकि बाहर अदिति खड़ी हुई थी और अब मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था, क्योंकि में उसको अपने घर के बाहर खड़ा हुआ देखकर मन ही मन बहुत खुश था। फिर उसको

मैंने हाए कहा तो वो मुझसे पूछने लगी कि अभी क्या तुम्हे पता है हमारी मम्मी कब तक वापस आयेगी? तो मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे भी नहीं पता, क्योंकि उनका फोन भी नहीं लग रहा है और में भी बहुत देर से उनको फोन लगा रहा हूँ,

लेकिन मेरी उनसे बात नहीं हो सकी तो उसने भी मुझसे कहा कि हाँ मेरी भी उनसे कोई बात नहीं हो पा रही है और ऊपर से रात के 10.00 बज गया और अब मुझे घर पर अकेले बहुत डर लग रहा है, क्योंकि पापा भी हमेशा देरी से आते है। फिर मैंने

उससे कहा कि कोई बात नहीं है वो अभी आ जाएँगे, वो कहीं अटक गए होंगे तब तक तुम एक काम करो तुम मेरे घर पर उनका इंतजार कर लो और उनके आने तक तुम यहीं पर रहो। फिर वो मेरी यह बात मान गई और अब हम दोनों थोड़ा इधर उधर की बातें करने

लगे और बात करते करते मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारी लाइफ में कभी कोई बॉयफ्रेंड था? तो उसने मुझसे बहुत धीमी आवाज़ में कहा कि हाँ कुछ समय पहले था, लेकिन अब मेरी उससे किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई है और हम अब एक दूसरे

से कभी बात नहीं करते है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम बुरा ना मानो तो क्या में जान सकता हूँ कि तुम्हारा अपने बॉयफ्रेंड से झगड़ा क्यों हो गया? और अब वो मेरी बात का बिना बुरा माने मुझे अपने दोस्त के बारे में बताने लगी और

तब दोस्तों मुझे उसकी बातों से पता चलने लगा कि वो एक वर्जिन थी और उसकी सेक्स में भी बहुत रूचि थी, वो सेक्स को लेकर बहुत उत्साहित रहती थी, लेकिन उसने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था और अब हम दोनों जानबूझ कर थोड़े दो

मतलब की बातें भी करने लगे थे जिसका मतलब हम दोनों को बहुत अच्छी तरह से समझ में आ रहा था और फिर हमने एक दूसरे के मोबाईल नंबर भी ले लिए थे। दोस्तों ये कहानी आप सेक्सवासना डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर कुछ देर बाद हमारी

मम्मी भी आ गई और वो मुझसे बाय कहकर अपने घर पर चली गई और उसके बाद से हम हर कभी जब भी हमें मौका मिलता तो फोन पर बातें करते रहते थे और हम दोनों इस तरह बहुत ही कम समय में एक दूसरे के बहुत करीब हो चुके थे और अब हम साथ में

बाहर घूमने भी चले जाते थे और में हमेशा उसे देखता रहता था और कभी कभी सही मौका देखकर में उसके बूब्स को भी छू लिया करता था, लेकिन वो मुझसे कुछ ना कहते हुए मेरी तरफ स्माइल कर लेती थी। फिर ऐसे ही और एक बार फिर से हमारी माँ

बाहर घूमने जाने वाली थी तो मैंने यह बात जानकर तुरंत अदिति को एक मैसेज कर दिया और मैंने उसमें लिखा कि तुम तुम्हारी मम्मी के चले जाने के बाद मेरे घर पर आ जाना, तो वो मान गयी और फिर हमारी मम्मी के चले जाने के बाद वो

मेरे घर पर आ गई और मैंने उसे हग किया, क्योंकि वो सब हमारे बीच हर कभी होता रहता था और मैंने उसके बूब्स को अपनी छाती से दबता हुआ महसूस किया और आज मैंने उसे मौका देखकर थोड़ा ज़ोर से उसको हग किया था, वो अब बहुत खुश लग रही थी

और में भी बहुत मन ही मन में उछल रहा था। फिर मैंने अपने लेपटॉप पर अपने घर पर एक छोटी फिल्म को चालू कर दिया और कुछ पॉर्न फिल्म को भी उसके पीछे डाल दिया था। अब में उसको वो शॉर्ट फिल्म दिखाने लगा और फिर में चालाकी से रूम से बाहर आ गया और अब में छुपकर उसे देखने लगा तो मैंने देखा कि वो शॉर्ट फिल्म थोड़ी देर बाद ख़त्म हो गई और वो पॉर्न फिल्म शुरू हो गई तब वो एकदम से चौंक गई और फिर पहले वो इधर उधर देखने लगी कि उसके आसपास कोई तो नहीं है या

कोई उसे देख तो नहीं रहा है, फिर जब वो समझ गई कि अब वो एकदम अकेली है तो वो अपनी आखें फाड़ फाड़कर फिल्म देखने लगी। फिर में थोड़ी देर बाद अचानक से अंदर आ गया और मैंने उससे पूछा कि तुम्हे शॉर्ट फिल्म कैसी लगी? तो वो मेरी यह

बात सुनकर थोड़ा शरमाने लगी और फिर वो बोली कि क्या तुम हमेशा पॉर्न फिल्म देखते हो? तो मैंने उससे आंख मारते हुए कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी, क्यों क्या हुआ? तो उससे मैंने पूछा कि क्या तुमको भी वो सब देखना है? तो वो मेरी यह

बात सुनकर शरमाने लगी और मैंने उससे बोला कि अरे यार मुझसे क्या शरमाना चलो में तुम्हे भी दिखाता हूँ और अब मैंने एक फिल्म को तेज आवाज के साथ लगा दिया। फिर दोस्तों मैंने उसको बहुत ध्यान से देखा कि वो अब अपने हाथ अपनी

पेंट की चेन के पास ले जा रही थी और मैंने सही मौका देखकर उसको उसकी गर्दन पर किस कर दिया तो वो थोड़ी और गरम होने लगी थी और अब मैंने उसे अपने गले से लगा लिया और उसने भी अब मेरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया था। मैंने उसको

गाल पर गर्दन पर किस किया, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई थी और फिर हम दोनों एक दूसरे को लगातार किस करने लगे और में उसके होंठो को धीरे धीरे अपने होंठो से बंद करने लगा और अब उसके मुलायम मुलायम बूब्स मेरे शरीर को छू रहे

थे। दोस्तों कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो पूरे जोश में थी और उस बात का फायदा उठाकर मैंने उसको किस करते करते अपने एक हाथ से उसकी टी-शर्ट के ऊपर से बूब्स को धीरे धीरे मसलने लगा था। फिर वो गरम होकर सेक्सी आवाज़ें

करने लगी थी आहहहहह उफफ्फ्फ्फ़। दोस्तों वो अब बहुत खुश हो रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी। फिर थोड़ी देर बूब्स को दबाने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और वो अब एकदम से झूलते हुए बूब्स ठीक मेरे सामने

थे। उसने काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से दो एकदम गोल गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने थे और उसके ऊपर से बाल खुले हुए थे, वो बहुत अच्छा नजारा था और वो उस समय कैसी लग रही होगी में शब्दों में भी नहीं बता सकता, मुझे तो

स्वर्ग जैसा महसूस होने लगा था। मैंने फिर पीछे से उसकी ब्रा का हुक निकाल दिया और अब उसके बूब्स मेरे आगे थोड़े लटक गये थे। मैंने फिर उसकी ब्रा को पूरी निकाल दिया था और अब में उसके नंगे बूब्स को दबाने लगा और फिर एक

बूब्स को पकड़कर चूसने लगा, वाह वो क्या मस्त अहसास था? फिर उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया और मुझे भी पकड़ने लगी और किस करने लगी तो मैंने उसे उठाकर बेड पर एकदम सीधा लेटा दिया और उसकी हॉट पेंट को भी उतार दिया, वो अब

सिर्फ़ एक काली कलर की पेंटी में थी और में अब उसके पूरे पैरों से चूम चूमकर धीरे धीरे आगे बढ़ता हुआ उसकी चूत तक पहुँच गया, तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत अब एकदम गीली हो गई थी और मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी

चूत में उंगली डालने लगा तो वो और भी ज्यादा ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और बिल्कुल पागल होने लगी थी। में अब उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर धीरे धीरे, लेकिन लगातार अंदर बाहर करने लगा और फिर में बीच बीच में उसके होंठों को भी चूमता रहा और फिर मैंने ऐसा थोड़ी देर तक चलने दिया और अब वो मेरे लंड को छूने लगी और धीरे से हिलाने लगी और अब मुहं में लेने लगी जिसकी वजह से अब मुझे बहुत मस्त अहसास आ रहा था। मैंने फिर अपने लंड पर सुरक्षा

के लिए कंडोम लगाया, जिसे में हमेशा अपने पास छुपाकर रखता हूँ। अब में अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में डालने लगा तो वो और भी मदहोश हो रही थी। हम दोनों अब एकदम जोश में आकर सेक्स करने लगे थे और फिर में बीच बीच में उसके

बूब्स को भी दबा रहा था। अब में उसकी चूत में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाकर उसे चोदने लगा था जिसकी वजह से वो लगातार सिसकियाँ ले रही थी और कुछ देर की चुदाई के बाद में झड़ गया, तब तक वो भी झड़ चुकी थी। फिर उसके बाद हम दोनों

साथ में नहाने गये और वो चेहरे से बहुत खुश नज़र आ रही थी। हम नहाकर बाथरूम से बाहर निकले और उसके कुछ देर बाद माँ आ गई और उस दिन की चुदाई के बाद हम दोनों के बीच बस यही सब चलने लगा, जब भी हम अकेले रहते तो हमें कोई भी अच्छा

मौका मिलता तो हम चुदाई में लग जाते और हम दोनों ने ऐसी चुदाई करके बहुत मज़े किए है, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट नजर आई और मुझे उसकी चुदाई का हर बार मौका मिलता रहा

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गुरुबहन की देसी गांड के साथ कांड

हमारे गुरुजी शकील मियां बहुत सताते थे और उनकी बेटी बड़ी हसीन थी। सच तो ये है कि उर्दू की तालीम लेने अगर मैं जाता था तो सिर्फ उनकी बेटी की देसी देसी गांड के चक्कर में। अब ये मत पूछिए कि देसी गांड ही क्यों तो जनाब इसका सीधा सा उत्तर ये है कि मुझे देसी गांड मारनी अच्छी लगती है। चाहे लौन्डिया कुंवारी क्यो न हो मारता मैं सबसे पहले उसकी देसी गांड ही हूं। इस परकार पिछवाड़े का शील भंग करने के बाद मैं मानमर्दन करता हूं चूत का, अत: मुझे शकील की बेटी महजबीन से बहुत लगाव हो गया था।

उस दिन मैं फिर ट्यूशन के लिए गया हुआ था। शकील मियां सब्जी लेने बाजार गये हुए थे। उनकी बेगम अपने मायके थीं और इसलिए घर पर शिर्फ महजबीन थी। महजबीन की जवानी देखने के लिए ही मैं आया था आज थोड़ा पहले। वो थी एक दम मुमताजमहल की तरह खूबसूरत, खुबरु जवानी, सुर्ख होठं, गोरा बदन, छरहरी काया, कसी हुई देसी गांड और विकसित चूंचे। पतली कमर। क्या कहने आप, जिस अदा और खूबसूरती के बारे में सोच सकते हैं सब था महजबीन में। वो एक देसी अप्सरा थी। मेरे जाते ही वह परदे से निकली। हमारी नजरें मिलीं और मैने कहा “ मोहतरमा को सलाम!”

वो शरमा के बोली “ असलामेकुम जनाब! और फिर मेरे लिए एक ग्लास पानी ले आई, हमारी लुकाछिपी साल भर से चल रही थी और मैं उसके नाम पर इस्तिम्ना बिलयद (हस्तमैथुन) करता आ रहा था। उसने मुझे आकर कहा, आज पापा शायद कहीं जाने वाले हैं अगर वो चले गये तो तुम यहीं रुक ना, हम घर में अकेले कैसे रहेंगे। मैने पूछा “कहां जाने वाले हैं”, तो बोली कि शायद मां नहीं है तो वो मुजरा देखने जाएंगे, रंडी के पास्। छि: कितने गंदे हैं शकील मियां आज ये पता चला।

सच में नहीं आए वो। बाहर से फोन कर दिया कि असलम को कह देना कि सर नहीं हैं और हम ग्यारह बारह बजे रात में आएंगे। तुम खाना वाना खा के सो जाना, पिछले दरवाजे से हम आ जाएन्गे।

इतना सुनते ही मेरा दिल बल्लियों, उछलने लगा। मैने आज महजबीन मतलब कि चांद से चेहरे वाली लड़की को चोदने के लिए अपना मन बना लिया था। वो देसी जवानी मेरी प्रेमिका पुरानी आज पहली बार मुझसे दिल खोल के मिलने वाली थी, हम दोनों में कोई बंधन न रहे। इसलिए मैने आज सारे दूरियां मिटा देने का फैसला किया था।

अब देर किस बात की। महजबीन भी क ई दिनो से चुदने को बेताब थी। वो आके सीधे मेरी गोद में बैठी, मैने उसको किस किया, उसके माथे पर और उसके चूंचो को अपने हाथों में भर लिया। आह्ह ये बेजोड़ चूंचे।

मैने उसके स्तनों को दबाना शुरु किया, महजबीन के देसी चूंचे लाजवाब थे, कड़े कड़े अनार जैसे शेप के ये चूंचे वाकई किसी शायर के ख्वाब जैसे थे, मैने उसके दबाए हुए उस्के लाल लाल सुर्ख होटों को चूम लिया। वो मस्ताई और बोली, हाए, ऐसे बेशरम ना बनो।

अब बारी थी उसके सलवार सूट के खोलने की, मैने उसका कुर्ता खोल दिया। बिना इंडियन ब्रा के उसके देसी चूंचे बाह्र आ गये। मैने उसमें से दाएं के निप्पल को अपनी चुटकी से पकड़ा और बाएं निप्पल को अपने दांतों में। दबा के हल्के नखच्छेद और दंतच्छेदन के साथ मैं उसके स्तन पान का मजा लेने लगा। वो क्रेजी होने लगी थी। मैने उसकी सलवार में हाथ डाल दिया। उंगलियां फिसलती हुई जब उसकी चूत तक पहुंचीं तो पता चला कि वो गीली हो चुकी है। मैने उसकी चूत के फान्को पर उंगली फिराई और फिर भीगी उंगली निकाल कर आदतन अपनी नाक के पास ले गया।

यह सूंघने के लिए कि चूत की खुश्बू हायजेनिक है कि नहीं, और जब मैं उसे अपने नाक के पास लाया तो उसकी गंध परीक्षा से ये पता चला कि वह तो एकदम उत्तम कोटि की चूत है। मैने उंगली ऐसे चाट ली जैसे कि उसमें मलाई लगी हो। अब देर किस बात की थी, बस थोड़े देर और फोरप्ले करना था और इसके बाद रानी को चोद देना था। वो भी रेडी थी, मैने उसके चूंचे अच्छे से चूसे और जोर से दबाया तो वो बोली “ अरे मार डालोगे क्या असलम? आराम से, करो

फिर मैने उसको नंगा कर दिया, आराम से उसके कपड़ों को अलग रख कर मैने उसे चूमना शुरु किया और जल्द ही मैं उसके टांगों के बीच था, मैने अपने मुह को उसकी कवारी चूत पर रक्ख कर के एक दम से किसी सूप के प्याले की तरह सर्र सर्र पीना शुरु कर दिया। सुर्ख चूत की फांकों को जीभ से टटोल कर मैने उसे बेचैन कर दिया। उसकी आंखें मुझसे अब अपने अंदर समा जाने को कह रहीं थीं।

कोई विकल्प भी नहीं था, मैने अपना लन्ड उस्के मुह मे चूसाना शुरु कर दिया। पहले तो उसने कहा कि यह नापाक है, इसे मुह में नहीं ले सकती पर जब मैने उसकी चूत चाट ली तो वो आराम से उसे लालीपाप की तरह खाने लगी।

अब लंड को निकाल कर मैने उसके चूत में घुसाया। कोरी कंवारी चूत को चोदने के लिए कड़े लंड की जरुरत थी जो कि मेरा राड जैसा लंड था ही। घुसा के मैने उसके चूंचे पकड़े और मिशनरी स्टाइल में पूरा भार लंड पर डालकर उसे चोदा। फच से उसक्के चूत से हायमन फटने की आवाज आई और चूत रिसने लगी।

सील टूट चुकी थी दर्द खतम था और हर झटके के साथ थी, देसी गांड की उछाल, और कराहने और आनंअ की मीठी बेला, दोनों ने मिलकर प्यार की कहानी लिखनी शुरु कर दी थी। धकाधक, पकापक और चपाचप, चुदाई का मधुर संगीत चारों तरफ फैला हुआ था। जल्द ही मेरी महजबीन रानी की चूत से वीर्य की पिचकारी निकली और मैं भी झड़ गया।

इसके बाद मैने उसको लंड चटाया दुबारा और फिर उसकी देसी गांड को पेला। वो पेट के बल लेट गयी और मैं उसकी देसी गांड पर चढ कर के उसके पतले संकरे छेद को चोदता रहा। वो मरमराती रही पर अफसोस, देसी गांड तो मरवानी ही थी, वैसे भी आज चुदाई का मेनु बदल के पहल्ले चूत ले चुका था पर देर आयत दुरुस्त आयत।

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